मस्त विचार 4495
मैं उम्मीद पर नहीं, अपनी चेतना पर जीने में यक़ीन रखता हूँ…!!
वक्त बदलेगा तो कारवां भी नया होगा !!
वक़्त खुद कहेगा_ चल अब तेरी बारी है..
पर दोनों के दिलों में दोनों रहते हैं…
कर्म करोगे तो खामोशियां भी अखबारों में छपेंगी..
उठ बाँध कमर और लिख दे खुद तकदीर अपनी..