मस्त विचार 4224

जब से मैं तेरी खोज पर निकला हुं, हर जर्रे को तेरी खोज करते पाया हुं..
शून्य से बहुमूल्य होने तक का सफ़र, अनगिनत ठोकरों से हो कर गुजरता है.!!
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