मस्त विचार 4356
अपने अंदर खुशी ढूढ़ना आसान नही है,
और कही और इसे ढूंढना संभव नही है.
और कही और इसे ढूंढना संभव नही है.
अपने को ही, यूं अपने में, रोज़ निखारा करता हूं.
पंखों को खोल क्योंकि …ज़माना सिर्फ़ उड़ान देखता है..
ये ज़ख़्म देते भी हैं और उन्हें भर भी देते हैं.
यहाँ सब गैर हैं, तो हँस के गुजर जायेगी.