अपने को कैसे संभालें ? – 2019

जब हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग की गई चीजों से निकले कचरे को नहीं संभाल सकते, तो अपने जीवन को संभालने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ?
संभालकर रखी हुई चीज और ध्यान से सुनी हुई बातें.. कभी ना कभी काम आ ही जाती हैं.
एक बार फिर से हो सकता है कि आपने कुछ गलत निर्णय लिए हों, लेकिन आपने बहुत सारे सही निर्णय भी लिए हैं ; आप अपने अतीत की तुलना में बेहतर हैं और आपका भविष्य उज्जवल और उज्जवल हो रहा है ; अपने आप को सफल के रूप में देखें _ क्योंकि आप जिस पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं वह वास्तविकता बन जाएगी.

Once again you may have made some wrong decisions, but you’ve made a whole lot of right decisions, too. You’re better off than you were in your past and your future is getting brighter and brighter. See yourself as successful because what you set your focus on will become reality.

“कटुता, निराशा, ईर्ष्या, नीचता, एक कमजोर मन के परिणाम हैं जो दुनिया की वास्तविकताओं का सामना करने में असमर्थ है और सब कुछ बना-बनाया चाहता है ; _

इन बेकार चीजों के बारे में चिंता मत करो ; _ उठो और स्वयं को ढालने के काम में लग जाओ ;

_परिणाम मास्टर के हाथों में हैं” – चारीजी

“Bitterness, disappointment, jealousy, meanness are reasults of a weak mind unable to face the realities of the world and wants everything ready-made. Don’t worry about these useless things. Be up and about the job of moulding the self. The reasults are in master’s hands.”- chariji

यदि आप खुश रहना चाहते हैं और अपने रिश्तों का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह सीखना महत्वपूर्ण है कि मतभेदों की सराहना कैसे करें और अपने जीवन में लोगों से सीखें ; हमारा काम लोगों को ठीक करना नहीं है ; _ हमारा काम लोगों से प्यार करना है.

If you’re going to be happy and enjoy your relationships, it’s important to learn how to appreciate the differences and learn from the people in your life. Our assignment is not to fix people. Our assignment is to love people.

अगर मैंने कभी भी आपके प्रति अच्छा व्यवहार नहीं किया है, तो आपको खुद से पूछना चाहिए कि आपने इसके लायक क्या किया.

_ मैं अपने सभी चाहने वालों के लिए हमेशा अच्छा हूं लेकिन मैं उन लोगों के लिए खड़ा नहीं रहूंगा _ जो मेरा या मेरे समय का सम्मान नहीं करते हैं.
“मेरा रवैया हमेशा इस पर आधारित होगा कि आप मेरे साथ कैसा व्यवहार करते हैं.”

If I have never treated you well, you should ask yourself what did YOU do to deserve it. I am always nice to all my loved ones but I will not stand up for those who do not respect me or my time. “My Attitude Will Always Be Based On How You Treat Me.”

इतने व्यस्त लोग, कहाँ जा रहे हैं ?

_ वे जहां भी जा रहे हैं.. वहां पहुंचने के बाद वे क्या करेंगे ?
_ वे सभी अपने जीवन के प्रत्येक दिन गाड़ी चला रहे होंगे.
_ लेकिन क्या वे कहीं पहुंच रहे हैं या वे सिर्फ एक निश्चित धुरी पर चक्कर लगा रहे हैं.
_ बच्चे सुबह-सुबह स्कूल भाग रहे हैं,
_ माता-पिता उनके पीछे-पीछे भाग रहे हैं.. ताकि बच्चे समय पर अपनी बसें पकड़ लें.
_ ताकि वे समय से ऑफिस- दुकान जा सकें.
_ स्कुल के छात्र कौशल, तरकीबें और “ज्ञान” हासिल करने के लिए एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भाग रहे हैं.. ताकि वे अच्छा पैसा कमा सकें ;
_ वे सोच रहे हैं कि पैसा होने के बाद जीवन शानदार होगा ;
_सब भाग रहे हैं और कोई कहीं नहीं पहुंच रहा है.
_ वास्तव में, भ्रम से भरा जीवन जीने से मानवता केवल अपना मूल्य खो रही है..!!
_ हम सभी खुशी से जीना चाहते हैं और यहां हम खुशी हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा क्या करते हैं; सामान खरीद रहे हैं ;
_ हम कार, घर, और बहुत सारे गैजेट्स और अन्य सामान खरीदते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम इन भौतिक संपत्ति से खुश होंगे.
_ हम इस मूलभूत बिंदु को भूल जाते हैं..
_ कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजें वास्तव में चीजें नहीं हैं.
_ आप लोग इस बारे में क्या सोचते हैं ?
यह ऐसा समय है.. जब हर व्यक्ति सोचने पर मजबूर और विवश है.

_ अकलमंदी इसी में है कि जैसे भी हो अपने को संभाल कर रखा जाए.
_ कोई ना आपके साथ था और ना आगे कभी कोई आपके साथ रहेगा.
_ आपको खुद के साथ जीना सीखना होगा और इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है.!!
मानव मस्तिष्क जटिल बनाने के अलावा और कुछ नहीं सोचता.

_ जैसे ही एक समस्या का समाधान हो जाता है, वह समाधान नई जटिलताएँ, अन्य समस्याएँ प्रस्तुत करता है ..जो शायद पहले मौजूद नहीं थीं..!!

कई बार लाइफ में कुछ ऐसे मोमेंट्स भी आते हैं.. जिन्हें मैं जीना चाहता हूं..!!

_ कुछ ऐसे लोग मिलते हैं.. जिन्हें मैं अपना लेना चाहता हूँ..
_ कुछ ऐसी चीजें मिलती हैं.. जिन्हें मैं पा लेना चाहता हूँ..
_ लेकिन ये सारी चीजें, पल, लोग मेरे लिये उस खूबसूरत दृश्य की तरह हैं,
_ जो ट्रेन की खिड़कियों से दिखते जरूर हैं..
_ जिन्हें देखकर मन में एक काश होता जरूर है, लेकिन आप ट्रेन से उतरकर उनके करीब जाकर नहीं देख सकते..
_ क्योंकि ऐसा करने से फिर ट्रेन छूट जाएगी,
_ छूट जाएगी आपकी सारी प्राथमिकताएं, रिस्पांसिबिलिटीस…और बहुत कुछ…
_ लाइफ की रफ्तार से अपोजिट जाना कितना मुश्किल है..
_ कितना मुश्किल है ट्रेन से उतरकर दृश्यों को देखना, उन्हें जी लेना…कितना मुश्किल !!
मैं अक्सर उन्हीं लोगों को ज़्यादा परेशान देखता हूँ,

_ जो अपने जीवन में छोटी- छोटी बातों का बुरा मान कर बैठ जाते हैं,
_ किसी ने उनका अपमान कर दिया ये तो समझ आता है..
_ लेकिन अपने किसी ने उनकी प्रशंसा नहीं कि.. वो इस बात का भी बुरा मान लेते हैं,
__ और जब वो छोटी- छोटी बातों को अपने भीतर एक कचरे की तरह इकट्ठा करते चले जाते हैं..
__ फिर वही कचरे की सड़न उनकी सोच और उनके चेहरे पर दिखाई देने लगती है.!!
आप कम बुरे को मत चुनिए, कम बुरा का मतलब है कि अधिक दिनों तक बुराई को ढोना है ; रोज- रोज के थोड़े दुःख से एक दिन का ज्यादा दुख अच्छा है.

_ बहुत बुरा को जितना नुकसान पहुंचाना होगा, एक बार में पहुंचा देगा,
_ कम बुरा तिल- तिल कर, सड़ा- सड़ा कर यातना देता है..!!
पूरा जीवन गुजर जाता है.. यहाँ-वहाँ भटकते भटकते..

_ कितना अजीब है न कि हम खुद के बारे में सबसे कम जानते हैं.!
_ भ्रम, अहंकार, ढोंग, लालच जिसकी मोटी परत चढ़ा रखी होती है अपनी चेतना के ऊपर.. उससे हम निकल ही नहीं पाते,
_ हम सब कुछ समझने की कोशिश करते हैं सिवाय खुद के…!
जीवन में उतार-चढ़ाव अनिवार्य हैं, सबसे बुरी चीजें जिनकी हम कल्पना करते हैं, अक्सर जीवन में वो कभी घटित नहीं होती है,

_ जीवन में जो सबसे बुरा घटित होता है, अक्सर उसकी हमनें कल्पना भी नहीं की होती है.!!
मनुष्य अपनी एक पहचान चाहता हैं, धन चाहता है, बेहतर स्वास्थ्य चाहता है, सुखी परिवार चाहता है, मस्ती का जीवन जीना चाहता है.

जीवन में सब पसंद का नहीं होता, सारी उम्मीदें भी पूरी नहीं होती, कुछ कसक सबके मन में रह जाती हैं ; _ये कसक यदि किसी ने अपने दिल में ले ली तो उसका दुखी होना तय है.

_इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रख कर जीवन को मस्त बनायें.

आने वाले समय में हम भी वही बनेंगे, वही करेंगे जो सामने वाला हमसे करवाना चाहता है, जो वो हमें बनाना चाहता है…

_ लेकिन एक बात ऐसी भी है _ जो हम नही समझ पा रहे हैं कि _ उन जैसा होने में एक नुकसान भी है कि _ अब हमारे हिस्से भी उनके जैसा _ वही दुख, वही तकलीफ, वही दर्द आएँगे, और हमारा अहंकार हमारी सबसे बड़ी हार को भी _ हमें हमारी जीत ही दिखलाता है…
_ यह बात समझने में थोड़ा नहीं, एक लंबा वक्त लगेगा ; _ इतना लंबा की जहां से वापिस लौट पाना लगभग मुश्किल है,
_ आख़िर यही तो वो वजह है _ जिसकी वजह से लोग चाहकर भी खुद को नही बदल पाते हैं,
_ वरना इस दुनिया में ऐसा कौन है _ जो एक सुकून भरी जिंदगी नही चाहता, _ जिसे अपनों से प्यार नही है, बस ये आदतें ही तो हैं _ जो हमें इस दुनिया से किसी और दुनिया में ले जाती हैं…
जीवन में आपके द्वारा सामना किए जाने वाले सबसे कठिन निर्णयों में से एक यह चुनना है कि _उस चीज से दूर जाना है या कठिन प्रयास करना है.
जो लोग संघर्ष से गुजरे हुए होते हैं तो _ उनकी मेंटलिटी कुछ अलग ही होती है,

_ वहीं दूसरी तरफ जिनको बना बनाया सब मिला है, _ वो उतने समझदार या सहनशील नहीं हो पाते..!!

कोई धन, पद, प्रतिष्ठा में हमसे बड़ा हमसे जुड़ता है तो हम कल्पना में रहते हैं कि समय आने पर वो हमें सहयोग देगा ; _ लेकिन होता ये है कि वो पहले ही हमारा इस्तेमाल कर लेता है,

हमारा ही सब कुछ लपेट कर निकल लेता है और हम सिर्फ उसको देखते रह जाते हैं.

ज़िंदगी में कितने भी आगे निकल जाएं फिर भी सैकड़ों लोगों से पीछे रहेंगे..!!

ज़िंदगी में कितने भी पीछे रह जाएँ, फिर भी सैकड़ों लोगों से आगे होगें..!!

अपनी जगह का लुफ्त उठाएँ, आगे पीछे तो दुनिया में चलता रहेगा…

हमारे सारे फेल्योर, सारे गम और दुखों के दोषी हम अकेले खुद नहीं होते,

_बल्कि सारा सामाजिक ताना बाना और परिस्थितियां होती हैं !!
_ ” इसलिए कभी भी अपराध बोध में न रहें, जब आप अकेले ज़िम्मेदार न हों !!
So never be in guilt, when you alone are not responsible.”
लोग जीवन में अपनी परिस्थितियों के आधार पर और उस समय उनके पास जो संसाधन उपलब्ध होते हैं _ के आधार पर निर्णय लेते हैं.!!
एक स्वतंत्र विचारक बनें और जो कुछ भी आप सुनते हैं उसे सत्य के रूप में स्वीकार न करें,_

_ आलोचनात्मक बनें और मूल्यांकन करें कि आप किस पर विश्वास करते हैं…

हर किसी को मेरा एक जैसा संस्करण नहीं मिलता ; _ एक व्यक्ति आपको बता सकता है कि मैं एक अद्भुत सुंदर आत्मा हूं.

_ दूसरा व्यक्ति कहेगा कि मैं एक निर्दयी मूर्ख हूं; _उन दोनों पर विश्वास करें, मैं तदनुसार कार्य करता हूं.

Not everyone gets the same version of me. One person might tell you I’m an amazing beautiful soul. Another person will say I’m a cold hearted asshole Believe them both, I act Accordingly.

यह कभी न भूलें कि किसने आपकी मदद की जबकि बाकी सब बहाने बना रहे थे.

Never forget who helped you out while everyone else was making excuses.

कम उम्र में मिला हुआ सुख इंसान को कभी समझदार नहीं बनने देता.!!

और कम उम्र में मिला हुआ दुःख इंसान को समझदारी का उस्ताद बना देता है..!!

ज़िंदगी गुज़ारने का यह ढंग ज़्यादातर लोग अपनाया करते हैं,

पहले ज़िंदगी को खुद ही उलझाते हैं, फिर खुद की ही पीठ थपथपाते हैं, _ सुलझाते हुए..

ज़िंदगी में कुछ सीखो या ना सीखो, मग़र लोगों को पहचानना ज़रूर सीखो ;

_क्योंकि लोग जैसे दिखते हैं, वो वैसे होते नहीं हैं !!

जो कल हो चुका है उससे सीखो … आगे बढ़ें इसे दोहराएं मत ;

_ जहां से गुजर गए हो,,, वहां से गुजर ही जाओ … उसे पकड़ कर मत रखो..
— ” रुकिए, संभलिए फिर चलिए जनाब _ कब तक कहेंगे ” ज़माना है ही खराब “
उस इंसान से दूर रहें, जो आपको ऐसा महसूस कराता हो कि आप उसके पैमानों पे ठीक नही बैठते, आपके विचार या बातें सही नहीं है,

_ क्योंकि सिर्फ आप अपने हालात अपनी क्षमता, अपने संघर्ष और अपनी जीत या हार को जानते हैं,
_आपकी सोच पे केवल आप का अधिकार होना चाहिये…!!
ये जीवन का ऐसा दौर है.. जहां पर हर एक कदम पर सोच विचार कर चलना पड़ता है,

_ चाहे हमें कुछ पसंद हो या न हो,
_ हमें जीवन भर दूसरों को खुश रखने या उन्हें प्रसन्न रखने का प्रयत्न.. हमें ताउम्र करना ही पड़ता है..
_ और फिर एक वक्त के बाद हम और हमारे विचार दूसरों को प्रसन्न करने तक ही सीमित रह जाते हैं..
_ बिना अपनी प्रसन्नता और ख़ुशी का ख्याल रखते हुए..!!
इंसान इतना क्रूर हो चूका है कि अगर आप कमजोर और असहाय हैं तो.. लोग आपको कुचल देंगे और उफ़ भी नहीं करेंगे,

_ इसलिए मजबूत जिगर और नाम रखिये और जरूरत पड़ने पर सामने वाले को उसकी औकात तुरंत दिखाए,
_ यहाँ आप कमजोर होकर नहीं जी सकते.
_ फिलॉस्पी सुचिता का सब ज्ञान धाराशयी हो जाता है, जब सामने वाला आपको मारने पर उतारू हो यही असल जिंदगी है !!
_ खुद को सँभालने की जिमेदारी भी अब तुम्हारी है मित्र, हौंसला रख ,दुनियां बस मजे लेती है सहयोग नहीं करती.
“– हममें इतनी ताक़त हमेशा होनी चाहिए कि अपने दुःख, अपने संघर्षों से अकेले जूझ सकें !!–“
“–दुख की बात है कि कुछ लोग आपका महत्व_केवल आपको खोकर ही जान सकेंगे..!!–“
जब तक आप लोगों को महत्व देकर उनके लिए अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय निकालते रहेंगे – चंद रूपयों, प्रशंसा, इज्ज़त, स्वीकृति, और साझा काम कर बदलाव के लिए – वे आपकी उपेक्षा करते रहेंगे..

_ मूर्ख, अड़ियल, बेहद अशिष्ट, विवेकहीन लोगों से संबंध रखने का कोई अर्थ नहीं, अपने जीवन का समय इन लोगों के साथ करने का कोई अर्थ नहीं,
_बेहतर है जितनी जल्दी हो इन्हें झटक दें अपने दामन से – वरना ये वो बिच्छू हैं जो आपको काटकर अपने अस्तित्व का झंडा बुलंद करते रहेंगे..
_ अयोग्य और अकुशल लोगों के साथ रहना बेहतर पर धूर्त और बेहद मक्कार लोगों के साथ एक पल नहीं रहना चाहिए.!!
– Sandip Naik
जीवन के किसी मोड़ पर उन्हें भी एहसास होगा, कि अगर आप साथ होते, तो शायद मेरी दुनिया भी कुछ बेहतर हो सकती थी..

_ मगर जिद्द ने वो सब छीन लिया, वक़्त बीत गया अब बस रह गया है अफ़सोस,
_ जिसे मैं किस्मत के माथे का ठप्पा कहकर खुद को समझा लूंगा..
_ मगर दिल के अंदर का सन्नाटा उम्रभर पीछा करेगा.!!
यदि आप एक सुखी जीवन जीना चाहते हैं, तो इसे एक लक्ष्य से बांधें, लोगों या चीजों से नहीं.

If you want to live a happy life, tie it to a goal, not to people or things.

जिनकी जड़ें मज़बूत होती हैं _वो वृक्ष ऊपर से काट दिये जाने के बाद भी दोबारा पनप जाते हैं..

_इसलिए इंसान को बाहरी उन्नति के साथ भीतरी प्रगति भी करनी चाहिए..!!

हम अक्सर अपने आस-पास के लोगों को पहचानने में धोखा खा जाते हैं.

_ रस्सी को सांप और सांप को रस्सी समझ लेते हैं.

जवाब पाने की आतुरता मन को कुंठित कर देती है,

_ और कुंठित मन सदैव ही विद्रोह पर उतारू हो जाता है..!!

आज समस्या यह है कि लोग अच्छे लोगों को महत्व नहीं देते,

_ वे उनका उपयोग करने का प्रयास करते हैं..!

खुद को खोजिए _ नहीं तो _ आपको दूसरे लोगों की

राय पर _ निर्भर रहना पड़ेगा. _ जो खुद़ को नहीं जानते..

किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसने आपके जूते नहीं पहने हैं,

_ आपको यह न बताने दें कि आपको फीते कैसे बाँधने हैं..!!

सिर्फ उतना ही विनम्र बनो जितना जरुरी हो..

बेवजह विनम्रता दूसरों के अहम को बढ़ावा देती है..!!

सच बोलने वाले कम ही रहे हैं _ समस्या ये है कि _

_ सिर्फ मर्ज़ी का सच सुनने वालों की तादाद बढ़ गयी है..

जो लोग भविष्य में आने वाले संकटों की तैयारी पहले से नहीं करते ;

समझ लो _ वो लोग अपने लिए और संकट खड़े कर रहे हैं..

चिंता और तनाव में इंसान तभी होता है,_

_ जब वो खुद के लिए कम और दूसरों के लिए ज्यादा जीता है.

चिंता करके अपनी ऊर्जा को खत्म करने से अच्छा है,_

_ समस्या का समाधान करके _ ” चिंता को समाप्त करना “

जो आप की भावनाओं को समझ कर भी आप को तकलीफ देता हो, _

_ वो कभी भी आप का अपना नहीं हो सकता !!

लोगों को वह करने दें _जो वे करना चाहते हैं, ताकि आप देख सकें कि _उन्होंने क्या किया था.

जो आपके सभी प्रश्नों का उत्तर होगा..!!

अपने व्यक्तिगत जीवन की बातें किसी को न बताये, लोग सिर्फ मजे लेने के लिए सुनते हैं..!!!!
रोना मत कभी यार, तुम इस दुनिया के सामने…_ ये हँसाते नहीं हैं, पर हँसते बहुत हैं..।
जब भी दुनिया और लोगों के असली होने पर भरोसा जगने लगता है,

_ तभी इनकी असलियत सामने आ जाती है…

जिन लोगों को ‘ना’ कहने की आदत नहीं होती, उन्हें इस आदत के कारण बहुत नुकसान होता है.

_ मैंने बहुत कुछ सहा और फिर ‘ना’ करना सीखा, लेकिन मैं अभी भी इस मामले में कमज़ोर हूँ और ना करने के बाद भी ग्लानि सी महसूस करता हूँ.!!
एक बार जब आप अकेले _अपने सबसे बुरे समय से गुज़रते हैं तो _आपको वास्तव में परवाह नहीं होती है कि _अब आपके जीवन में कौन रहता है..!!
दुख-मुसीबत, बिमारी-शिमारी, ये सब जीवन के साथ लगे रहते हैं.

_सबसे बड़ी बदनसीबी यह है कि दुख में आप किसी को पुकारें और कोई ‘हाँ’ कहने वाला न हो..!!
जो सच में बुद्धिमान है, वह दूसरों को विवाद करके हराने में उत्सुक नहीं होता,

जो बुद्धिहीन है, वह किसी को भी हराने में उत्सुक होता है.

किसी भी समस्या को इतना गंभीर न बनायें कि आप का जीवन उस समस्या के इर्द – गिर्द रह जाये..
” जो लोग कम जानते हैं वे आमतौर पर महान बात करने वाले होते हैं,_

_ जबकि जो लोग ज्यादा जानते हैं वे कम बोलते हैं “

अपने आप को नकारात्मक लोगों के साथ घेरना बंद करें, हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं _

_ लेकिन हम उन लोगों को बदल सकते हैं _ जिनसे हम खुद को घेरते हैं.

मेरे अपने दिल दुखाते रहे हैं, ग़ैर हरदम फ़िक्र जताते रहे हैं _

_ मेरे अपने मुझे परेशानियों में देख कर हँसते रहे हैं, _

_ वो तो ग़ैर हैं जो मेरी मदद कर, दिल मेरा जीत जाते रहे हैं !!

छोटी- छोटी लहरों की तरह समझते हैं मेरे अपने लोग मुझे, _

_ उन्हें क्या मालूम शांत समंदर सा गहरा होता जा रहा हूँ मैं ..

किसी का बुरा कर देने क बाद _फिर उस से यह अपेछा करना कि _वह पहले जैसा हो जाये ;

_ इस बात का क्या मतलब है..??

जिस पर गुजरती है _वही जानता है,

_बहुत आसान होता है _ये कह देना कि..

..जाने दो ..जो हुआ.. सो हुआ..!!

जब जीवन बुरा प्रतीत होता है, उसके बावजूद हम ऐसा बुरा जीवन जीते रहते हैं,

_इससे अधिक दयनीय और बुरा क्या हो सकता है ?

हर मीठा बोलने वाला, अपनत्व दिखाने वाला इस काबिल नहीं होता कि उसके आगे दिल के फफोले खोले जाएं.

_ वह फफोलों पर मरहम लगाने की बजाय उनमें पिन भी चुभो सकता है.
_ योग्य व्यक्ति की पहचान करना कोई आसान काम नहीं है.
कभी-कभी जीवन हमें ऐसे मोड़ों पर ले आता है, जहाँ हमें अपने ही होने से समझौता करना पड़ता है.

_ यह वो क्षण होते हैं जब बाहरी दबाव—परिवार का, समाज का, व्यवस्था का या कभी-कभी हमारे अपने डर का—इतना भारी हो जाता है कि हम अपनी असली पहचान, अपने सपनों और अपने विचारों को एक ओर रख देते हैं.
_ हम जानते हैं कि हम कौन हैं, क्या बनना चाहते हैं, किस दिशा में जाना चाहते हैं; लेकिन जब हर ओर से अपेक्षाओं का बोझ लादा जाता है, तब अपने ही स्वर को दबा देना आसान लगने लगता है.
_ हम मुस्कुराते हैं जबकि भीतर चुप्पी गूंज रही होती है.
_ हम आगे बढ़ते हैं, पर वो रास्ता हमारा चुना हुआ नहीं होता.
_ ये समझौते हमेशा दिखाई नहीं देते, पर भीतर कहीं एक टीस छोड़ जाते हैं—एक अधूरापन, एक अनकहा विरोध..!!
जो अपने दुःख की बात नहीं करता, दुखों को बयान नहीं करता,,

_ मैंने उसी को समझदार बनते देखा है,
_ क्योंकि वो समझ जाता है कि आज जिसके साथ वह अपना दुःख बाँटेगा,
_ कल को वही लोग उसे नुकसान पहुंचा भी सकते हैं.
_ दूसरा जब वह अपने ही दुखों से रूबरू होता है तो उन सीखता है, अनुभव लेता है तो.. वे दुख भी उसकी ताकत बन जाते हैं.!
_ फिर आगे चलकर यही दुख.. उसकी सफलता की सीढ़ी भी बनते हैं.!!
हर वक्त, हर जगह, हर किसी के सामने अपना दुखड़ा का रोना करना आज ही बन्द कर दो, क्योंकि यहां समझता कोई नही है.

_ किसी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता है कि आप किस दौर से गुजर रहे हो..
_ लोग आपका दुखड़ा सुन कर मदद नही.. बल्कि आपको हीन भावना से देखेंगे..
_ और आप मजाक के पात्र बन जाओगे.!!!
नकारात्मक लोगों से बचें, ये लोग आपके दिमाग की असली पॉवर को आपको महसूस ही नहीं होने देंगे !
ऐसे लोगो से सदैव दूर रहें _ जो आपके साथ भी रहता हो और आपके दुश्मनों के साथ भी….!!!
कोशिश करें कि आप एक हफ्ते, एक महीने, एक साल _ किसी के बारे में नेगेटिव ना बोलें ;

और देखें _ आपका जीवन दूसरों से सौ गुना जल्दी बदलता है ” आप ज्यादा स्मार्ट और ज्यादा बुद्धिमान हो जायेंगे “

बुद्धिमान व्यक्ति का मन चालाकी से नहीं जीता जा सकता,

सिर्फ सच्चाई और ईमानदारी से जीता जा सकता है.

जब कोई बोलना छोड़ कर ..सिर्फ सुनने लग जाए,

_ तो समझ लेना ..आप ने खो दिया है उस इंसान को !!

अपनी खुशियाँ संभाल के रखिये, ये उस कांच के सामान होती हैं _ जो लोगों को _ चुभती बहुत हैं.
आपके कथित चाहने वाले ही _ आपकी सफलता से _ सबसे ज्यादा जलते हैं..
असल में साथ था ही नही कोई _ बेकार में गुमान होता था अपनो पर..!!

_ सब अपने हैं, _ यही तो झूठे सपने हैं !!

लोगों के लिए आप तब तक अच्छे हो _ जब तक आप उनकी उम्मीदों को पूरा करते हो,

और आपके लिए उस समय तक सभी लोग अच्छे हैं _ जब तक आप उनसे कोई उम्मीद न रखो..

मदद करने की सबसे बड़ी बुराई ये है कि फिर ये हमेशा करनी होती है,

जब भी बंद करो _ उसी दिन _ पिछली सारी अच्छाइयां _ बुराई में बदल जाती है..

“जो दूसरों पर आश्रित होते हैं _ वो हमेशा ही पराजित होते हैं “
तुममें और मुझमें बस इतना सा ही फर्क है, तुमने वो कमाया जिसे दिखाया जा सकता है,

मैंने वो कमाया जिसे दिखाया नहीं जा सकता, मेहनत दोनों में ही है.

जब हम किसी समस्या पर बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं तो उसे और उलझा देते हैं.

सोचना जरुरी है, लेकिन बहुत ज्यादा सोचने से बचना चाहिए.

हमारा जीवन उस दिन से समाप्त होना शुरू हो जाता है,

जिस दिन हम उन मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं _ जो मायने रखते हैं.

हमारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या अपने और अपने परिवार के जीवनयापन की ही होती है ;

बाकी सब तो खड़ा किया गया समस्याओं का पहाड़ है _

अपने मन को दुविधा जनक स्थिति में नहीं पहुँचने देना ही, जीवन की कामयाबी की दास्ताँ है.

दुनिया मेँ रहते हुए दुनिया से अलग रहने की कला सीखेँ, _

_ कमल के फूल और हर भूल से सीखेँ.

जीवन में हर तूफान नुकसान करने ही नहीं आता,

कुछ तूफान _ रास्ता साफ करने भी आते हैं..

” सलाह, साथ और समय ” यह बिना मांगे देने पर अक्सर लोग इनका मूल्य _ सस्ता ही लगा लेते हैं.
अगर कोई आपको अपनी तकलीफ बताये तो उससे अच्छे से पेश आओ,

क्यूंकि आप सिर्फ सुन रहे हो और वो महसूस कर रहा है..

“कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले;

हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;

कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;

हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले “

परेशाँ होने वाले तो राहत पा भी लेते हैं,

परेशाँ करने वालों की मगर परेशानी नही जाती..!!

किसी को छमा कर देने पर भी _ उसके व्यवहार में बदलाव न आना _

_ आपको मिलने वाले एक और धोखे का प्रमुख संदेश है..

इन्सान सख़्त मिज़ाज कब बनता है ?

जब बहुत सारे लोग उसकी नरमी का ग़लत फ़ायदा उठा चुके होते हैं.

“सबब मेरे रोने का हर कोई पूछता है , मैं कैसे सारी दुनियां को राजदां कर लूं ?”
लोगों ने….. आपके साथ छल किया, और उन्हीं कष्टों ने आपको बदल दिया..
‘दुनिया में जितनी अच्छी बातें व संदेश हैं, वे दिये जा चुके हैं, अब नया कुछ कहने व देने को बाकी नहीं रहा है. अब जरुरत है, तो केवल उस पर अमल करने की.’

“All the good thoughts and advice has already been given out in the world and there is nothing really new to say. Now the only thing we need to do is to “FOLLOW” it. ”

मुझे अब बहुत ज्ञान नही चाहिए, _ जो मिल गया है उस पे चलने का अभ्यास चाहिए !!

I don’t need much knowledge now,, I need practice to walk on what I have got.

” खाली बैठे रहना फायदेमंद हो सकता है ” :->

_ हमारी ऐसी मान्यता हो गई है, की कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए,

_ खाली बैठे रहने से अच्छा है, की कुछ पैसे कमा लो, किसी की सेवा कर लो, या कुछ पढ़ लो,

_ पर किसी भी काम के बगैर खाली बैठे रहने पर हमारा मन शांत होता है.

पता नहीं मैं अपनी ज़िंदगी में _ जीतूँगा या हारूँगा, _ पर मेरी ज़िंदगी की कहानी के _

किसी भी पन्ने पे, _ ये नहीं लिखा होगा कि, _ ” मैंने कभी भी हार मानी ”

Happiness को बाहर ढूढेंगे तो ना जाने कितना समय लग जायेगा खुशियाँ हासिल करने में,

इसे अपने अन्दर तलाशिये, जब खुशियाँ अन्दर से बाहर आएँगी तो स्थायी होंगी.

मैं अपनी मानसिक शांति को पुनः प्राप्त करना चाहता हूँ… मैं फिर से अपनी पुरानी जिंदगी में वापस जाना चाहता हूँ जहाँ खुशियाँ थी, धैर्य था, मस्ती थी, नादानी थी…जिंदगी की कोई खोज ख़बर नहीं थी बस अपने और दोस्तों में मौज थी…अब कहाँ मैं खुद की खोज और जिंदगी की तलाश में भटक गया…!!
दूसरो की फिक्र लेने से कुछ नही होगा, दूसरो की चिंता लेने की आवश्यकता नही है, कि वे क्या कहते है, फिक्र ही लेनी है, तो बस स्वयं की, किसी और की नहीं। दूसरे तो हर काम मे बाधा बनेंगे, उन्हें क्या पता है कि मुझे क्या अच्छा लगता है, क्या मुझे सुन्दर लगता है, उन्हें क्या पता है कि मेरा आनन्द क्या है। जो मेरे लिए सुन्दर है, जो मेरी प्रसन्नता है, जो मेरी ख़ुशी है, जो मेरा आनन्द है, वही मेरे लिए सत्य है, इसके अतिरिक्त कोई सत्य नही। दूसरो के अपने अनुभव है, वे मेरे अनुभव नही हो सकते। मेरा अनुभव, मेरा अनुभव है, शुद्ध प्रमाणिक, वही मेरे लिए सत्य है। दूसरों की राय की फिक्र करी कि भटके।

जिसको भीतर का स्वाद आने लगा, और भीतर की गंध आने लगी, फिर बाहर के मूल्यो का कोई अर्थ नही रह जाता।
व्यक्ति अपने आनन्द मे जीता है, व्यक्ति जीवन के महोत्सव मे जीता है। फिर बाहर के लोग क्या कहते हैं ? कौन फिक्र करता है।अच्छा कहे तो अच्छा, बुरा कहे तो अच्छा। सम्मान दे तो ठीक, अपमान दे तो ठीक।

आनन्द, न धन में है, न बडे मकान में है, न बड़ी बड़ी कारों में है, न उच्चे पदों में है, जब तक आदमी नशे में है, बेहोश है, तब तक किसी भी चीज़ से आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता । ध्यानी व्यक्ति ही, यानी होशपूर्ण जागृत व्यक्ति ही आनन्दित हो सकता है, ध्यानी व्यक्ति को ही धन में, बड़े मकान में या कारों में, पदों में आनन्द आता है, जो ध्यानी नहीं, उसे कभी आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता, उसे पूरे विश्व की सत्ता भी मिल जाए तो भी उसे आनन्द उपलब्ध नहीं हो सकता है । आनन्द तो अन्तस की स्थिति पर निर्भर करता है, अन्तस शान्त है तो आनन्द ।- ओशो

शुभचिंतकों को मेरे नाकाम होने, फ़क़ीर हो जाने का डर है.

_ आगे का मालूम नहीं फिलहाल कुछ ना होने और चिंता मुक्त जीवन का आनंद ले रहा हूं.
_ अंजाम जो भी हो उसका ज़िम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मैं होऊँगा,
_ ये एहसास ही मुझे आज़ादी की अनुभूति करवाता है..!!
लोग हमारी भावनाओं को नहीं समझते, उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि आप किस दौर से गुज़र रहे हैं,

_ वे बस यही चाहते हैं कि आप हमेशा उनके लिए तैयार रहें, चाहे कुछ भी हो जाए, बस उनकी मदद करते रहें और उनके काम आते रहें..!!

मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि किसी में कमियां निकालूँ,

_किसी को बुरा भला कहूँ, या किसी के लिए गए फैसले को सही या गलत कहूँ.
_मुझ में इतना हौसला भी नहीं कि _मैं किसी के जीने के तरीके पर सवालिया निशान लगाऊँ.
— मुझमें ख़ुद हजार खामियां हैं, अनगिनत गलत फैसले लिए हैं और वो सब मुझे याद दिलाते हैं कि मेरी हद क्या है..
_आईना बेहतरीन सच दिखाता है, दिल उससे भी सही जवाब देता है.
_किसी को नीचा दिखाने से पहले, उसे ट्रॉल करने से पहले, मज़ाक़ बनाने से पहले अपने आप से सवाल करिए.
_अच्छा होने का दिखावा करके आप वाह-वाही ले सकते हैं, _लेकिन ख़ुद को क्या जवाब देंगे.
_हालांकि ये बातेँ उनके लिए मायने रखती हैं, जिनका, zameer हो, जिनके आंख में पानी हो.
_नफ़रत, जलन [ jealousy] सबसे बड़ा नुकसान हमारा ख़ुद का करती है.
_खुश रहिए, दूसरों के लिए दुआ करिए सुकून में रहेंगे.
अब मैं उन लोगों को क्या कहूं ..जिन्हें ये तक नहीं पता कि उनकी खुद की जिंदगी कैसी है,

_ अब वो मेरी जिंदगी को बनाने और बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं.
_ खैर !…कोई हर्ज नहीं एक असफल प्रयास आप भी कर लो,
_ ताकि आपको भी पता चल सके कि आपका स्थान कितना है और कहां है…!
_ और फिर वही सवाल कि ..जाने क्यों लोग एक दूसरे के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप किया करते हैं..!!
क्या आप बकवास सुनने में अपना समय बर्बाद करते हैं ?

_ हर कोई आपके मिनटों का हकदार नहीं है.
_ आपका समय ही आपकी गतिमान जिंदगी है.
_ इसे ऐसे बिताएं.. जैसे कि यह मायने रखता हो.
“अगर आप जिंदगी से प्यार करते हैं, तो समय बर्बाद न करें,
क्योंकि समय ही वह चीज है.. जिससे जिंदगी बनी है.”
_ अपने समय की रक्षा ऐसे करें.. जैसे कि वह आपकी सांस हो.
_ लापरवाही से दिया गया हर सेकंड.. अनजाने में खोया हुआ जीवन है.
“दूसरों की उम्मीदों [expectations] के लिए मत जियो,
_ उधार के सपनों के लिए जीवन बहुत छोटा है.”
_ जब आप जो संरेखित [align] नहीं है उसके लिए “हाँ” कहते हैं, तो आप अपने विकास के लिए “नहीं” कहते हैं.
_ आप गलत लोगों को समय देकर न केवल समय खोते हैं –
_ आप स्पष्टता, ध्यान और कभी-कभी अपनी शांति भी खो देते हैं.
_ क्या आप बकवास सुनने में अपना समय बर्बाद करते हैं ?
जिंदगी के बारे में सोचकर मेरा मन बहुत सारे सवालों और उलझनों में उलझ जाता है,

_ और मन में हजारों सवाल उठते हैं विचार आते हैं, कि जिंदगी मुझे कहां ले जा रही है, और हम कहां जा रहे हैं, क्यों जा रहे हैं, ये जो कुछ भी हो रहा है..
_ ऐसा तो मैने कभी सोचा नही था, क्या एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा,
_ बस दिल और दिमाग के, इन सवालों की कश्मकस में नींद कब आ जाती है पता ही नहीं चलता है,
_ और सुबह…..फिर वही, उठो चेहरे पे झूठी मुस्कुराहट सजाओ और अपने कामों में व्यस्त हो जाओ,
_ आजकल कुछ इस तरह गुजर रही है मेरी जिंदगी, कभी कभी तो लगता है कि एक आदत सी पड़ गई है,
_ अब उलझन में जीने की इच्छाएं दबाने की मन मारने की, समझौता करने की, जो नहीं करना चाहते हैं वो करने की..!
_ पता नहीं कैसे लोग जीते है 60, 70 साल, मुझे तो इतनी छोटी सी उम्र में ही जिंदगी ने थका दिया,
_ अब तो ऐसा लगता है कि मैं जिंदगी को जी नहीं रहा बस काट रहा हूँ,
_ जिस उम्र में लोग enjoy करते हैं, उस उम्र को मैं समझौता और उलझन में गुजार रहा हूँ,
_ इन दिनों कुछ समझ में नहीं आ रहा है जिंदगी मुझे कहाँ ले जा रही है.
_ बस आंखे बंद करके सबकुछ वक्त पर छोड़कर चलता जा रहा हूँ,
_ हर कदम कदम पे समझौता करता जा रहा हूँ, मन मारते जा रहा हूँ, खुशियां, मंजिल और अपनों से दूर होता जा रहे हूँ.
_ करना कुछ चाह रहा हूँ, हो कुछ और रहा है, जो चाहता हूँ वो मिलता ही नहीं है.
_ बस ख्वाहिशों को दबाकर खुद को समझाकर चलता चला जा रहा हूँ.
_ कभी कभी तो बहुत थक जाता हूँ, सब कुछ संभालते संभालते,
_ समझ में नहीं आता क्या करूं, कैसे सबकुछ ठीक करू,
_ कभी कभी खुद की बहुत याद आती है, सोचते सोचते आंखे भी नम हो जाती है.
_ एक वक्त था जब मैं भी बहुत खुश था, मेरा मन भी बहुत चंचल हुआ करता था और आज मन हमेशा परेशान सा रहता है.
“जब तक समय है, उन लोगों को महत्व दें.. जो सच में मायने रखते हैं”

_ इस दुनिया में अनगिनत लोग आपके जीवन में आएंगे और जाएंगे और फिर उन्हें भूल भी जाएंगे.
_ लेकिन जो लोग परफेक्ट हैं—ऐसे लोग आपकी जिंदगी में शायद एक या दो बार ही आएंगे, और अक्सर, कभी नहीं.
_ जब आप ऐसे किसी परफेक्ट व्यक्ति को लापरवाही से खो देते हैं, तो जीवन में उस जैसा दूसरा कभी नहीं मिलेगा और कोई भी मुआवजा उसे कभी पूरा नहीं कर सकता.
_ यहीं से आप अपने जीवन की सबसे बड़ी हार और सबसे बड़ी हानि महसूस करेंगे.
— ” वह व्यक्ति अभी भी वहां है—लेकिन अब वह आपका नहीं है.”
_ यह हानि एक दिन आपको ऐसा महसूस कराएगी कि इस दुनिया में, जो लाखों लोग हैं, वह एक सुनसान रेगिस्तान जैसी लगेगी.
_ आपके चारों ओर अनगिनत लोग होंगे, लेकिन कोई भी ऐसा नहीं होगा जो आपका हो..
_ लाखों लोग होंगे जो आपको अपनाएंगे, लेकिन कोई ऐसा नहीं होगा.. जिसे आप सच में अपना कह सकें.
_ ऐसी विशाल हानि का जीवन में कोई मुआवजा नहीं हो सकता.
_ जब कोई ऐसा परफेक्ट व्यक्ति चला जाता है, तो उसका कोई विकल्प नहीं हो सकता.
_ यह असंभव है—पूरी तरह असंभव है.
_ एक बार ऐसा व्यक्ति खो देने पर, आप सब कुछ साफ-साफ समझ जाएंगे.
_ “इसलिए, जब तक समय है, उन लोगों को महत्व दें.. जो सच में मायने रखते हैं.”
कैसे हो ?

क्या हाल हैं तुम्हारे ?
सब ठीक है ना ?
खुश तो हो ना ?
मै हमेशा तुम्हारे साथ हुँ..
_ ये शब्द केवल शब्द नहीं बल्कि हृदय के कोने से निकली हुई भावनाएँ हैं, जो कहने वाले और सुनने वाले के बीच अटूट प्रेम को दर्शाती है.
_ जिनके जीवन में ये शब्द कहने वाले आज भी मौजूद हैं, वो लोग बड़े खुशनसीब हैं.
_ ऐसे लोगों से कभी दूर ना जाइए.!!
हमारे जीवन में संघर्ष निरंतर चलता रहता है, एक संघर्ष खत्म तो दूसरा शुरू हो जाता है…

थक कर नहीं बैठा जा सकता… अनवरत चलना पड़ता है…फिर चाहे कुछ भी आए सामने…

एक संघर्ष ऐसा भी है जो व्यर्थ ही चलता है बस मानसिक है…वो है घर और रिश्तों से…

_ आपने नौकरी छोड़ कुछ अलग करना शुरू नहीं किया की लोग नाराज ही हो जाते हैं…_

_ अरे भाई जो कर रहे हैं कर लेंगे और नहीं कर पाए तो कुछ और कर लेंगे…माथा काहे पीटना…भूखे नहीं मरेंगे…

_ कुंठित रहकर पैसे कमाते रहने से अच्छा है कि जीवन में कुछ भूचाल ही आता रहे…

_ इससे जिंदा रहने का एहसास तो बना रहेगा…नहीं तो मौत आ ही चुकी होती है…बस शरीर जिंदा रहता है…

मरहम के लालच में अपनी दुखती रग का पता लोगों को देना…….बेवकूफ़ी की आखिरी हद है..
मुझे आपके साथ संघर्ष करने में कोई आपत्ति नहीं है _लेकिन मैं आपकी वजह से संघर्ष करने से इनकार करता हूं !!
अगर सभी लोग एक ही इंसान के खिलाफ हैं तो समझ जाना चाहिए, वो इंसान बहुत काम का है.
तैरने के लिए नदी का गहरा होना भी जरुरी है,

जिससे बात करो उसका, कुछ तल होना भी जरुरी है,

हम समय बर्बाद नहीं करते, हर एक से बात नहीं करते,

कुछ तो दम हो कहने वाले में, सब से संवाद नहीं करते..

एक बार वर्तमान में जीने की कला तो सीखो; भूत, भविष्य, जीवन से चिंता, दुःख, तनाव सब गायब हो जाएंगे,

आप ऐसे आनंद में डूब जाएंगे जो अनमोल है, यही जीवन का परम सुख है..

मैं जानता हूँ कि ये बनावटी खुशियां, त्योहार खुद को बहलाने का क्षणिक तरीका है, _

_ हमेशा के लिए खुश केवल कर्म मे मन लगाकर ही रहा जा सकता है..

मैंने जीवन में कुछ गलतियाँ की है जिनमे से है –

1. नकारात्मक व्यक्तियों पर अत्यधिक वक्त न्योछावर करना.

2. गलत लोगों के बीच रहक़र उन्हें खुश रखना.

3. प्रमुख कार्यो को छोड़ अनावश्यक कार्यो में संलग्न रहना.

हमें यहाँ हर तरह के लोग मिलते हैं ..लेकिन अगर पिछे मुड़कर देखो तो ..ज्यादातर अच्छे लोग ही मिले होंगें,

_तो क्या ज़िन्दगी में मिले हर अच्छे इंसान पर भारी हैं वो कुछ लोग जो अच्छे नहीं हैं, “बिल्कुल नहीं”
— गड़बड़ तभी होती है जब हम ऐसे व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता बना लेते हैं, जिसके लिए हम मात्र विकल्प होते हैं।
_ धीरे-धीरे समझ में आ जाता है, कौन व्यक्ति हमें कितनी तवज्जो दे रहा है.
_ इसलिए हम उसी व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता में रखें, जिसके लिए हम भी प्रथम हों !!
” अब बस उसे ही याद करता हूँ, जो मुझे याद करता है.”

मोह, दर्द, तकलीफ, उम्मीद, बेबसी, सम्मान, अपमान, प्यार, मोहब्बत, डर, मृत्यु, जीवन एवमं रिश्तों से ऊपर उठ चुका हूँ.

मुझे रत्ती भर परवाह नही की दुनिया मुझसे क्या उम्मीद करती है और मैं उसके उम्मीदों पर कितना खरा उतरता हूँ.

_ अनगिनत चाहने वालों से, ” एक निभाने वाला बेहतर होता है “

*– इंसान सहन भी तभी तक करता है _ जब तक सहन करने की छमता होती है ;

_ उसके बाद वो ना तो रिश्तों को जरुरी समझता है और ना ही अपनों को..–*

ना कभी किसी के रास्ते का पत्थर बना, ना कभी किसी का रास्ता रोका,

_ ना किसी के पीछे चला और ना किसी जाते को पुकारा,
_ अगर किसी इंसान की कमी जीवन में हुई तो ..उसको दूसरे से पूरी नहीं की, खैर !!…
_ उस कमी को ताउम्र रखूँगा ..हर इंसान की अलग जगह थी, है और रहेगी…!
_ ना किसी से मतलब ना किसी की चाहत, ज़िन्दगी अगर ऐसी हो तो बात ही क्या है…
जीवन ऐसा ही है, कोई किसी के लिए नहीं रुकता, लोग चले जाते हैं और खुश रहते हैं,

_ अगर आप अभी तक वहीं अटके हैं तो.. यह आपकी व्यक्तिगत दिक्कत है,
_ उसे दोष देने से आपके भाग्य बदल नहीं जाएंगे,
_ आगे बढ़ना सीखिए और किसी को इतना करीब मत आने दें कि आप स्वयं से ही दूर चले जाएं, ध्यान रखें अपना…!!
कौन कहेगा मुझसे, कि जिस तरह मैं साँस ले रहा हूँ, उसे जीना नहीं कहते..

_ ज़िंदगी सिर्फ धड़कनों का नाम नहीं, उसमें एहसास होना ज़रूरी है..
_ मैं थककर रुक तो सकता हूँ, पर रुककर जी नहीं सकता.!!
मुझे जो कहना होता है, कह देता हूं जिसकी वजह से..लोग नाराज हो जाते हैं..
_ पर अच्छा ही है मक्खन लगाकर या काम के लिए लोगों का दिल रख लूं “ये भी तो सही नहीं है ना..”
जब से मैंने अपने जीवन में ‘नो फर्स्ट कॉल’ की नीति अपनाई है, तब से मैं बहुत खुश रहने लगा हूँ.

_ पहले मैं किसी सगे संबंधियों से मिलने के लिए भी वक्त की भिक्षा माँगता था.

_ परन्तु अब न उनका कॉल आता है न मैं करता हूँ, अब रोक लिया खुद को कॉल और मैसेज करने से,

_कुछ वो भूल गए, कुछ मैं भूल गया..

_ अब समझ आता है कि उन्हें कोई जरूरत नहीं थी मेरी, मैं ही उनके पीछे था.

_ मुझे अपने बारे में एक बात से नफरत है कि _मैं उन लोगों पर बहुत अधिक समय बर्बाद करता हूं _जो मेरे सेकंड के लायक नहीं हैं.

_लेकिन जल्द ही, मैं अपनी उस आदत को बदलने जा रहा हूं,

_और फिर मैं खुद को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार नहीं रहूंगा.

बुरा वक्त आना चाहिए, क्योंकि हमारे आसपास की भीड़ छंट जाती है.

_ बुरा वक्त आना चहिए, क्योंकि हमारे भरम टूट जाने चाहिए.
_ हम ऐसे भरम में जीते हैं ..और ऐसे लोगों से मोहब्बत करते हैं ..जो सिर्फ़ अपने मतलब से हमारे साथ हैं….तो अच्छा है कि बुरा वक्त आए ..और वो चले जाएं.
_ बुरा वक्त भी अच्छा होता है, ..वो हमारी नज़र पर से पड़े ..अपनों के जाले हटा देता है.
_ बुरे वक्त की खासियत है, वो अपने साथ गंदगी बहाकर ले जाता है.
_ मतलबी रिश्ते, मतलबी लोग, सब उसके जाने के साथ चले जाते हैं.
_ तो बुरे वक्त में घबराइए मत, बुरा वक्त सबक होता है.
_ बुरे वक्त में सबसे पहले ..वो मूंह मोड़ते हैं ..जिनसे हम समझते हैं कि हौसला मिलेगा.
_ “बुरा वक्त” उतना बुरा भी नहीं होता है ..वो अपने साथ रिश्तों का सच लेकर आता है.
कुछ लोग बदल सकते हैं और बदलते भी हैं.

_ वे अपनी गलतियों से सीखते हैं, वे विकसित होते हैं, और अपने कार्यों से आपको दिखाते हैं कि वे बदल चुके हैं.
_ लेकिन अगर कोई बार-बार वही काम करता है, खासकर जब आपने बार-बार उन्हें बताया हो कि यह आपको कितना दर्द पहुँचाता है;
_ तो अब समय आ गया है कि आप उनके व्यवहार को उनके असली व्यक्तित्व के रूप में देखना शुरू करें.
_ अगर वे आपको बार-बार चोट पहुँचाते हैं, आपके प्रति असम्मान दिखाते हैं, आपको नजरअंदाज करते हैं, आपको निराश करते हैं,
_ और यह नहीं परवाह करते कि इससे आपको कैसा महसूस होता है; तो आपको अपने आप से ईमानदारी से यह सवाल करना होगा कि क्या आप हमेशा ऐसा महसूस करना चाहते हैं ?
_ आप किसी को बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, कि वे कैसे हैं, या वे क्या बनना चाहते हैं अगर वे बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, या अगर उन्हें अपने कार्यों में कोई समस्या नहीं लगती;
_ लेकिन आप यह चुन सकते हैं कि आप इसे अब और सहन न करें और इसमें हिस्सा न लें.
_ उम्मीद करना बंद करें कि वे बदलेंगे, जब वे आपको बार-बार दिखा रहे हैं कि वे नहीं बदलेंगे.
_ अपनी कद्र जानें और खुद के लिए जो आप लायक हैं, उससे कम पर समझौता न करें !!
एक वक़्त के बाद हर अजीज छोड़ जाता है और हम खुद को ये कह के समझाते हैं कि.. जो होता है वो अच्छे के लिए होता है.. यही नियति है, यही सर्वमान्य है..!!
न पूछा मैंने _ न उन्होंने ख़बर ली..

कुछ यूं _ अपनी जिम्मेदारियों में _ उलझे रहे हम…

मुश्किल और दुःख में फ़र्क करना सीखिए…

_ कुछ लोग रोने के इतने आदी होते हैं कि सिर्फ़ मुश्किलों को दुःख बताकर आँसू बहाने बैठ जाते हैं,

_ उन्हें ये समझाया जाना चाहिए कि रास्ते में पड़े भारी भरकम पत्थर को धक्का देकर हटाना मुश्किल मात्र है,

_ वो दुःख तब है जब धक्का देने के लिए तुम्हारे पास हाथ ही ना हो.

कई बार परिस्थितिओं को ये सोचकर accept कर लेना अच्छा होता है कि जो हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है,

अगर हम इस एक बात को दिल से accept कर लें तो, ज़िन्दगी के बहुत सारे तूफ़ान थम जायेंगे और धीरे-धीरे सबकुछ पटरी पर आने लगेगा.

हम जिंदगी में कड़े फैसले लेने में डरते हैं. हम ऐसा इसलिए नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि हम दूसरों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहते हैं.

इस तरह के डर की वजह से निजी और प्रोफेशनल दोनों लाइफ प्रभावित हो सकती है. कड़े फैसले नहीं लेकर हम समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं, उन्हें बढ़ाते हैं.

हमारी इस प्रवृत्ति से छोटी समस्या भी बड़ी हो सकती है. इसलिए जहां जरुरत हो, वहां हमें कड़े फैसले लेने से हिचकना नहीं चाहिए.

कोई चाहे आप पर जितना भी दबाव क्यों न बनाएं, पर निर्णय हमेशा खुद का लो ;

क्योंकि कल कुछ गलत होता है तो जान लो, वही लोग ये जिम्मेवारी नहीं लेंगे आप की ;

आप की अहित का कारण वो लोग हैं, वो अपना पल्ला झाड़ेंगे और बोलेंगे

उस वक़्त तुम ने क्यों नहीं विरोध किया.

यदि कोई आपसे भावनात्मक चोचले करके अपनी बेतुकी या गलत बात मनवाने की कोशिश करे तो उसकी बात कभी न मानें ;

क्योंकि ऐसे लोग आपको अपना गुलाम बनाना चाहते हैं _ और इनकी बातों में आकर इमोशनली ब्लैकमेल हो कर आपके द्वारा लिया गया निर्णय _

आगे चल कर _  आपको बरबाद कर सकता है.

लोगो की जिंदगी में जबरदस्ती घुस जाने से क्या होगा.? और मिलेगा क्या.?

सिवाय तिरस्कार, आत्मग्लानि एवंम नजरअंदाजी के…

कभी कभी हम किसी के बारे में अत्यधिक सोच लेते हैं और बाद में मिलता है

हमे अनोखा दर्द एवंम बेपनाह बुरा तजुर्बा….

” आप सही रहे ” उसके बाद भी लोग आपको न समझ पाएं, तो उनके लिए रोने की कोई जरुरत नहीं,

ऐसे लोगों से कहो – पतली गली पकड़ और निकल ; कोई जरुरत नहीं अब तेरी.

” अपने आप को दुःख देना बंद करो “

अगर आप खुद को दुखी करना चाहते हैं, तो आपको अंतहीन मौके मिलेंगे,

क्योंकि हमेशा कोई न कोई कुछ ऐसा करेगा, जो आपको पसंद नहीं आएगा..

किसको किसको समझाते फिरोगे, सोचने दो जिसे जो सोचना है ;

लोग उतना ही सोचेंगे, जितना उनका मानसिक विस्तार है !!

किसी के लिए एकबार खुलकर रो लो, और आगे बढ़ जाओ,

_ यूं बार बार रोने वालों को ये दुनिया नौटंकी समझ लेती है !

किसी पर ज्यादा नाराज होने से बेहतर है,

की अपने जीवन में उसकी अहमियत को कम कर दो..

कोई मेरा दिल दुखाता है तो मैं चुप रहना ही पसंद करता हूँ,

_ क्योंकि मेरे जवाब से बेहतर वक़्त का जवाब होता है..

मरहम के लालच में अपनी दुखती रग का पता_

_ लोगों को दे देना _ बेवकूफ़ी की आख़री हद है !

हमारी बुज़दिली मशहूर है जमाने मेँ,_ कि

_ हम बदला नहीं लेते, खुदा पे छोड़ देते हैं !!

मिलने को हर शख़्स बड़े आराम से मिला,

_ पर जो भी मिला किसी न किसी काम से मिला..!!

अपनों के लिए उतना ही करो, जितना उनके द्वारा आपके लिए किया जाता है..

_उतना ही करवाओ, जितना आप अपनों का कर सकते हो..!!

जिंदगी भी उसका भरपूर साथ देती है जो अपने विचारों को दूषित नहीं होने देता

और संघर्ष के दम पर दुनिया जीत लेता है.

जितने राजदार कम बनाओगे, उतने ही धोखे कम खाओगे,

क्योंकि हमारी कमजोरियां ही दुश्मनों को ताकतवर बनाती हैं..

समझौते कितने भी कर लो जिंदगी में, जिन्हें नहीं समझना, समझेंगे नहीं,

_तुम्हें दुःख भी देंगे कुछ लोग और अपनी ज़िद से हटेंगे भी नहीं..!!

जब कोई करीबी इंसान अपनी औकात दिखा जाता है न, तो मुझे दुख नही होता

बल्कि खुशी होती है कि, चलो अच्छा हुआ ” छुटकारा मिला “

कुछ रिश्तों का टूटना ही बेहतर था, छूटने वाले का छूटना ही बेहतर था.

एक ही बात उसको कब तक समझाते, रुठने वाले का रूठना ही बेहतर था.

फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की,

जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है..

एक हद के बाद इंसान, सब कुछ छोड़ देता है ;

शिकायत करना, मिन्नते करना, मनाना और फिर दिल ऐसा हो जाता है,

कि कोई बात करें तो ठीक, कि ना करें तो भी ठीक ;

क्योंकि पता लग चुका होता है, कि दुनिया बहुत झूठी और मतलबी है.

हम जितना दुःख के बारे में सोचते हैं, लिखते हैं..उतनी ही मानसिक बेचैनी और अस्थिरता महसूस करते हैं.

_ अब इसीलिए मैं अब खुशियाँ चुनता हूँ.

_ हर छोटी-छोटी चीजों में सकारात्मक कोण ढूँढता हूँ..

..मुझे अब दुःख से लगाव नहीं रहा _क्योंकि दुःख समय द्वारा रचित क्षणिक परीक्षा है ..जो हमे देनी होती है !

सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं और उम्मीदें कमज़ोर कर देती हैं, अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, आपका खुद से अच्छा साथी और हमदर्द कोई ओर नहीं हो सकता..!!

— ” आप अपना ख़्याल ख़ूब ख़ूब रखना….क्योंकि आप ने अपना ख़्याल नहीं रखा तो आप का ख़्याल रखने कोई नहीं आएगा.!! —“

“–मेरे अपने मुझे मिट्टी में मिलाने आए, तब कहीं मेरे होश ठिकाने आए.!!–“

यहाँ बहुत कुछ देना पड़ता है, मुट्ठी भर लोगों को अपना बनाने के लिए..

_ समय, भावनाएँ, नींद, सोच, इच्छाएँ व कभी-कभी अपनी खुशियां भी..

_ ताने उलाहने अलग से इन सब के साथ जबरन चले आते हैं..

_ चार सदस्यों के परिवार को सहेज के रखने में ही हालत खराब हो जाती है..!!

ज़िन्दगी ऐसे ही बीत जाती है लोगों को पहचानने में,

_ फिर अफ़सोस होता है कि ऐसे लोगों को अपना समझ रहे थे,

_ बस इमोशनल होने के कारण उनकी गुस्ताखियां सह रहे थे,

_ लेकिन सच बहुत सकून मिलता है उनसे नाता तोड़ कर..

जिनकी भवनाएं मर जाए हैं, उन्हें फ़र्क नहीं पड़ता आपकी भावनाओं से, ना वे सुन सकते हैं आपकी शिकायतें, ना महसूस कर सकते हैं आपके द्वारा की गई बुराइयाँ या बड़ाइयां..

_ वो अपने ही सन्नाटे में, अपनी दुनिया में ख़ुश रहते हैं..
_ आपको मुबारक हो, आप जिस भी दुनिया में रहो, ख़ुश रहो..
_ हम अब भी यहीं हैं इस दुनिया में, सब कुछ सम्भालने के लिए…!
मन को खुश करने के लिए जीने वाले लोग, जानवर से भी गए गुजरे होते हैं. _ ये लोग

अपने मन के गुलाम बने रहते हैं और मन, इनकी ज़िन्दगी बरबाद करता चला जाता है..

कभी कभी लाख कोशिशों के बाद भी कुछ ना मिले या लाख जतन से सहेजते संभालते भी कुछ छिन जाए,_

_ तो जीवन कुछ समय के लिए थोड़ा कम सुंदर ज़रूर हो सकता है, __ ” किंतु यह कुरूप कभी नहीं होता “

मन को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ ये देखो कि आप कुछ गलत तो नहीं कर रहे,

गलत है तो मत करो और सही है तो मन भर के करो.

जितना आदर्शवादी और संस्कारी होकर अपने रिश्ते में हम प्यार करते हैं और सबको खुश रखना चाहते हैं उतना ही दुख मिलता है और कोई भी दिल की फीलिंग्स को नहीं समझता है. फिर एक तरफा त्याग क्यों करते रहना ??

“जिंदगी अपनी भी होती है और अपनी खुशी को भी जीना चाहिए जैसे भी”, बाकी कोई अपना नहीं होता है चाहे जितना करो.

आपका जीवन आपका अपना है, दूसरे लोग आपसे जो होने की उम्मीद करते हैं, वह बनने की कोशिश में इसे बर्बाद न करें;

हर किसी को खुश करने के लिए अपनी खुशियों का त्याग न करें, जो आप बनना चाहते हो वो बनो..

जिन लोगों को वे आपसे बेहतर समझते थे, उनसे निराश होने के बाद लोग आपके जीवन में वापस आएंगे.

People will come back in your life after they get disappointed by people they thought were better than you.

लेकिन, उन्हें वापस स्वीकार करने में मेरे लिए बहुत देर हो जाएगी, क्योंकि मैं पहले ही अपने जीवन में आगे बढ़ चुका हूं.

But ,it will be too late for me fo accept them back , because I have already moved on with my life.

अगर किसी से आपको तकलीफ है या कोई कष्ट है, कोई आपको प्रेम नहीं कर रहा है तो इतनी भर बात को इतना बड़ा मत बनाओ कि आप अपने ही शरीर और मन को ख़राब करने लग जाओ.

जब हमारा मन दुःखी होगा, तब हमारे शरीर में विषैले तत्व पैदा होते हैं और ये विषैले तत्व हमारे शरीर को मारते हैं.

ज़िन्दगी में हर समस्या का निदान आगे बढ़ने में है.

यदि आप बैठ कर सोचेंगे कि आखिर यह मेरे साथ ही क्यों हुआ,

तो आप और अपने जीवन को स्वयं बर्बाद कर रहे हैं.

हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है,

सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है _ एक बार और प्रयास करना..

जब तक आपका सामना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी से नहीं हो जाता,

तब तक आपको अपनी सबसे बड़ी ताकत के बारे में पता नहीं चलता..

जिंदगी में कभी कभी ऐसा भी मोड़ आ जाता है, कि हम खुद के बिछाए हुए जाल में खुद ही फंस जाते हैं !

और लाख कोशिशों के बाद भी नहीं निकल पाते !!

किसी सही इंसान के साथ इतना भी ग़लत मत करना कि उसके साथ किए धोखे का पछतावा सारी ज़िन्दगी करना पड़े.
उम्र को दराज में रख दें, उम्रदराज न बनें..

एक दिन शिकायत तुम्हे वक़्त और जमाने से नहीं ….खुद से होगी,

कि ज़िंदगी सामने थी और तुम दुनिया में उलझे रहे…!!!

मैं इस बात पर विश्वास करता हूँ कि चढ़ाई चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो,

_ आगे के रास्ते को रोशन करने के लिए, रोशनी के एक टुकड़े को अंदर आने का रास्ता हमेशा मौजूद होता है.

जीवन भर लोगों ने मुझे सदैव विकल्प बना कर ही अपने जीवन मे शामिल किया है..

_ जब मन किया मुझे याद किया..मन किया मुझे दरकिनार कर दिया…अब बस हुआ..कब तक दूसरों के मनानुसार चलूंगा..

..अब मैं अलगाव का दर्द सह लूँगा…अकेला रह लूँगा..

_ परन्तु ये ढोंगी लोगों से दूर रहना ही पसन्द करूँगा..!!!

कम से कम मेरे पास ये सुविधा बची रहनी चाहिए कि..

..अगर मैं उदास हूँ तो ..उदास रहने दो.
_ लेकिन लोग चाहते हैं कि ..मैं उदासी में भी जबरन मुस्कराऊं.
_कभी कभी इंसान को संभलने के लिए छोड़ देना चाहिए.
_कोई ख़ामोश है तो ..उसे ख़ामोश रहने का हक बचा रहे.
_इसका मतलब ये नहीं कि ..आप उसकी परवाह न करें..
_ये भी आपके परवाह का हिस्सा ही होगा कि ..आप उससे उसका स्पेस न छीनें ..!!
कठिनाई से प्राप्त होने वाली चीजों का मूल्य एवम महत्व अधिक होता है… इसीलिए जीवन मे भी कठिन बनिए…

_ लोग आपकी सराहना करेंगे…आसानी से उपलब्ध होने पर ही लोग आपको तुच्छ समझ लेते हैं….!!!

गुस्से में कभी भी अपनी जगह न छोड़ें, कोई न कोई आपकी कमी को पूरा कर ही देता है ;

_ फिर वापसी पर आपकी वो अहमियत नहीं रहती _ फिर चाहे वो मकान हो या किसी का मुकाम हो..

यश लूटने में एक बुराई भी है, अगर हम इसे अपने पास रखना चाहते हैं तो हमें अपनी जिन्दगी

लोगों को खुश करने में और यह जानने में बिता देनी होगी कि _ उन्हें क्या पसन्द है और क्या नहीं.

जो चीजें आपको तोड़ती है, कमजोर करती है… आपको जीवन मे आगे बढ़ने नही देती… उसका पीछा करना बंद करो…

वरना ये आपको जीवन मे कभी आगे बढ़ने नहीं देगी…

कई बार आप सही होते हैं, फिर भी लोग आपको सही नहीं समझते हैं.

उस वक्त सबसे जरुरी यह होता है कि आप सही रास्ते पर चलते रहें,

लोगों की गलतफहमियाँ वक्त के साथ खुद- ब – खुद दूर हो जाएँगी.

बहुत कोशिश करता हूँ अपनों को साथ लेकर चलूँ… बहुत हद तक सोचता हूँ ये अपने हैं… कहीं पीछे न छूट जाएं…परन्तु उल्टा वे मुझे ही डसने की कोशिश करते हैं। अब मैं केवल खुद के लिए जीता हूँ… मुझे अब किसी से वास्ता नहीं रखना…!! उन्हें मैं नहीं दिखता… मेरे उपकार नहीं दिखते… वक्त की नज़ाकत पर यक़ीन है मुझे… जब मेरे दिन लौटेंगे, तब सुख में भी मेरे साथ केवल मैं होऊंगा..!!!

” जब रिश्ते अपशब्दों का शोर मचाते हैं, बेहतर है,

कान ढ़क, गहरी चुप्पी ओढ़, दूर निकल लिया जाये…”

जिसने आपको रुलाया हो… आपको जीवन के सबसे न्यूनतम बिंदु पर ला दिया हो…जिसने आपके आँसुओ को महज़ पानी समझा हो…वे आपके अपने कदापि नहीं हो सकते…कभी नहीं…!!!

जब कोई आपका साथ न दे तो .. ख़ुद का साथी खुद बन जाओ..!!
यूँ तो जिंदगी में बहुत से साथ बने, चले भी, कुछ टूटे भी _किन्तु हर साथी कुछ न कुछ समझा गया ;

_इस यात्रा में मुझे जो समझ में आया वह सब गड्ड-मड्ड हो गया _क्योंकि समय बदलने के साथ जो मुझे गलत लगता था _वह सही लगने लगा और जिसे मैं सही मानता था _वह गलत सिद्ध हो गया.

_जैसे बचपन की सिखावन के हिसाब से संयुक्त परिवार की व्यवस्था मुझे सर्वोपयोगी लगती थी _लेकिन मेरे अनुभवों के अनुसार संयुक्त परिवार कर्तव्यनिष्ठ लोगों के लिए यातनागृह और गैरजिम्मेदार लोगों के लिए शानदार ‘हनीमून पैकेज’, यानी खाओ, पियो, ऐश करो और रुआब बताओ.

– लेखक : द्वारिका प्रसाद अग्रवाल

मेरे भीतर वो ताकत ही नहीं रही की मैं टूटते हुए रिश्तों को बचाने के लिए स्वयं को सर्वत्र झोंक दूँ … अब मुझे परवाह ही नहीं किसी की ,,_  इसे अहंकार कहो या जल्दी गिव अप कर देने की कमजोरी..

मगर इन सब में फँस कर मैं स्वयं को दुःख नहीं दे सकता ,,_ बहुत झेला हूँ यार,, _ अब और नहीं ..!!!

“- फरेब की दुनियां मे परायों के बीच अपनेपन के झूठे अभिनय से थककर वास्तविकता को महसूस करने वाला एक आदमी सा हूँ मैं,,,”

मैं दर्द में अकेले रहना ज्यादा पसन्द इसलिए करता हूं क्योंकि…मुझे पता है कि

मेरे पास दर्द का मजाक उड़ाने वालों की भीड़ है समझने वालों की नहीं.

जहां दूसरों को समझाना कठिन हो जाए, वहां स्वयं के मन को समझाकर भावनाओं को खुद तक सीमित कर लेना बुद्धिमानी है.

यदि आपको अपने जीवन में सुकून एवं शांति चाहिए तो लोगों से अपेक्षा कम से कम ही रखिए, और बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही उन्हें याद करें..

हद से ज्यादा अपेक्षा और बेवजह की आशाएं आपको जाने-अनजाने में दुःख ही पहुँचाते हैं, इसलिए अपने हिस्से का कर्म करके भूल जाइए और खुश रहें..

जीवन आपकी भावनाओं और वास्तविकता के बीच एक समझौता है, _

_ जीवन के हर पड़ाव पर आपको अपनी भावनाओं को छोड़ना होगा और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा..

जब हम अपने जीवन का लछ्य किसी दूसरे के प्रभाव में आ कर चुनते हैं तो,

_ उसी छण हम एक भीड़ का हिस्सा हो जाते हैं !!!!

रुकना है नहीं, _ कभी कुछ बदलने के लिए और कभी खुद को सुधार कर _

_ फिर कुछ करने के लिए..

जरूरी तो नहीं कि जिससे रोज मिल रहे हों, बातें हो रही हो उनसे ये अपेक्षा भी रखी जाए कि वे हमारा सम्मान करें, हमारे मुताबिक़ हर काम करें, हर कार्य मे मेरा साथ दें या हमारे हिसाब से खुद को बदल दे,

ऐसी उम्मीद रखना मूर्खता भरी होगी, क्योंकि उम्मीद टूटने के बाद दुःखी भी केवल हम ही होंगे !

कुछ वर्ष पूव मुझे लगता था कि जीवन में कोई तो बात करने वाला होना चाहिए…जिससे अपनी खुशी, कार्य, दुःख साझा कर सकूँ..परन्तु जैसे जैसे वक्त बीता, लोगों की फितरत बदली..अब ऐसा लगता है कि इस जीवन युद्ध में खुद ही..स्वयं को ही स्वयं का पूरक बनाना होगा..!!
घाव गहरा था बहुत, पर दीखता न था ; दिल भी बहुत दुखता था, पर कोई समझता न था ;

बाद में सब कहते तो हैं कि हमसे कह सकते थे ; पर जब- जब कहना चाहा था ” कोई सुनता न था “

*” मन भी जाने मुझे कितना भटकाता है, कभी तो लगता है किसी से इतनी बातें करूँ कि खुद को पूरा खाली कर दूँ, और कभी मन छुप जाना चाहता है दुनिया से,

_ ना कुछ करने का मन और ना किसी से बोलने का मन, घंटो सोचता ये मन कुछ नहीं सोचते हुए बस गुम होना चाहता है…”

मैंने विगत सालों में एक बात महसूस करी कि जो खुद पर बीतती है, वो दर्द सिर्फ आप महसूस कर सकते हो, इसीलिए मैं अपने इमोशन अथवा दुःख किसी से साझा नहीं करता. क्योंकि ऐसा करने के पश्चात् लोग हमें कमजोर समझ लेते हैं, बेफिजूल का ज्ञान देने लगते हैं, इधर उधर कह डालते हैं, मजाक भी बनाते हैं.. जोकि बाद में काफी आहत करता है, इसलिए अपनी व्यक्तिगत समस्याएं अपने पास ही रखना सबसे बेहतर है..!!!

इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि कोई और नहीं सिर्फ आप ही खुद को मोटिवेट करके ऐसी सिचुएशन से बाहर निकालने में हेल्प कर सकते हैं, अच्छे मित्र बनाकर, उन से बात करके, उनके साथ टाइम एक्सपेंड करके, यकीन से नहीं कह सकता कि, ये बहुत आसान होगा, क्यूंकि आपका भरोसा सबसे उठ चुका होता है, तो एक बार फिर किसी पर भरोसा करना बहोत मुश्किल होता है, फिर भी कोशिश करनी चाहिए..

” कुछ भी इंपॉसिबल नहीं है “

ज़िन्दगी में अब तक के मिले अनुभवों के आधार पर मैंने समझा कि एक निश्चित वक्त तक ही हम किसी के लिए अच्छे या मनोरंजक इंसान होते हैं, उसके बाद हम उनकी ज़िन्दगी में गलत या बोरिंग पर्सन बनकर मात्र उनकी आवश्यकता के घटक बनकर रह जाते हैं, जिसे वह अपनी इच्छानुसार ही इस्तेमाल करते हैं.
एक उम्र आता है जब इंसान को सब चीजें एक सी लगती है सही गलत में द्वेष करना भूल जाता हैं, हॉ ठीक है कोई बात नही, छोड़ो जाने दो, जैसी बातों का आदती हो जाता है, निरंतर कुछ खोते जाना है फिर भी आगे बढ़ते रहना है, इस बात से भलीभांति परिचित हो जाता है….हँसकर बातों को टाल देने की आदत विकसित कर लेता है,

ऐसा लगता है जिंदगी का बहाव किसी शांत जलाशय की तरह अपने वेग में चलते जा रहा है, वही शून्यवस्था जिंदगी की परिपक्वता है जहां आप दूसरो से बेहतर नजरिये से जिंदगी को देखते है !!

स्वयं की तलाश में मैं जीवन के उस पड़ाव पर आ गया हूँ..

_ जहाँ अपना-पराया में कोई भेद नहीं दिखता…सभी समान लगने लगे हैं…
_ इन सब में अहमीयत्ता केवल स्वयं की रह जाती है.
_ मौन ताकत बन जाता है और रब सबसे अच्छा मित्र…!!
कुछ लोगो की नजरों में हम नालायक, गिरे हुए, घटिया इंसान हैं..

_ इसी तरह हमारी नजरों में कुछ लोग ऐसे ही हैं,
_ फिर भी जब कभी मिलते हैं तो मुस्कुरा कर मिलते हैं,
_ शायद दुनियादारी इसी तरह से चलती है, खैर !…
_कुछ भी कहिये पर जिंदगी गुलजार है…!!
खुद के जीवन में परेशानियां कम हैं क्या..!

_ जो दूसरों की बातों को दिल से लगाकर बैठ जाऊं ..और सोचने लग जाऊं कि ..उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, मेरे बारे में ऐसा क्यों कहा..
_ सच कहूं तो ..अब मैं इन सब चीजों से बहुत ऊपर उठ चुका हूं ..और इन सब टुच्ची चीजों पर रत्ती भर भी दिमाग नहीं लगाता हूं.
जैसे-जैसे हम उम्र की सीढ़ी चढ़ते हैं..तब हमें एहसास हो जाता है कि यह दुनिया इमोशन से नही परन्तु प्रैक्टिकल आधार पर चलती है। यहां इमोशनल होकर फैसले नही लिए जाते..ये जिंदगी व्यवहारिक एवम समायोजित होकर जीने के लिए ही मिला है… भावों के सागर में हम केवल अश्रु रूपी मोती ही पाते हैं।

यदि आप जीवन में किसी को खुद से भी अधिक महत्व देना शुरू कर दिए हैं… तो सम्भल जाईए क्योंकि बदले में दर्द, नाउम्मीदी एवमं निराशा के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला और अवसाद के गिरफ्त में जाएंगे सो अलग….!!!

उम्र के उस पड़ाव पर हूं कि…अब किसी का साथ नहीं भाता, दरअसल जब कोई साथ होता है तो..जिंदगी बहुत आसान लगने लगती है और जब वो छोड़ जाते हैं. तो हम जीवन की सबसे निचली पायदान पे पहुंच जाते हैं, जहां सिवाय दर्द, बेबसी, अवसाद के कुछ नहीं मिलता,

इसलिए अब मैं एकांत से नाता जोड़ लिया हूं.

उम्र का एक स्टेशन पार कर जाने के बाद _आदमी बेहतरीन बनने की चाह त्याग देता है.. ;

उसे इस बनावटी दुनिया से अधिक मोह नहीं रह जाता, _ क्योंकि वह थक चुका होता है_

_ अतीत में निभाए गए कई रिश्तों से…और उनसे मिले निराशजनक परिणामों से _

_ इसलिए अब वह अपनी ही विचित्र सी धुन में मगन रहने लगता है.

कभी-कभी किसी का रवैया इतना बुरा लग जाता है कि हम उनसे दुबारा बात करना नहीं चाहते…

इसीलिए हम धीरे-धीरे उनके जीवन से निकल जाने का प्रयत्न करने लगते हैं.._ फिर उन्हें भनक लगे बिना स्वतः किनारे हो जाते हैं.

कोई आप को एक बार – दो बार दुःखी कर सकता है. इसके बाद भी यदि

वह इंसान आपको तकलीफ दे रहा है तो, गलती शायद आपकी है.

आप उसे मौका दे रहे हैं, आपको हर्ट करने का ” उस से दूर न हो कर “

“-जब रिश्ते रुलाने लगें _ तब इग्नोर करना सीखो _ जिंदगी आसान हो जाएगी “,,

अक्सर, हम जिन्हें अपना समझकर समर्पित रहते हैं ;

चालाकियां बताती हैं उनकी __ वे समर्पण के काबिल नहीं.

मैं हर पल अपने लोगों को _ खोने से डरता हूँ, लेकिन कभी कभी खुद से _

_ ये पूछ लेता हूँ कि _ कोई है तेरा _ जो तुझे खोने से डरता हो ?

ज़िन्दगी भर उन रिश्तों के, पीछे भागता रहा,_ जो कभी अपने थे ही नही,

जब होश आया तब देखा,_ जो रिश्ते सच मे अपने थे,_ उन्हें तो मैं_ संभाल पाया ही नही..

— हम ऐसे लोगों पर अधिक ध्यान देते हैं ” जो हमें नज़रअंदाज़ ” करते हैं,

और जो हम पर ध्यान देते हैं ” उन्हें हम नज़रअंदाज़ ” करते हैं..—

कोई भरोसा तोड़े तो _ उसका भी धन्यवाद करो _ क्योंकि

वो हमें सिखाते हैं कि _ भरोसा हमेशा _ सोच- समझ कर करना चाहिए..

कभी- कभी थोड़ी दूरी बनाने से लोगों को यह पहचानने में मदद मिलेगी,

कि आप वास्तव में उनके लिए कितना मायने रखते हैं..

ज़िन्दगी में कुछ सीखो या ना सीखो, मगर लोगों को पहचानना जरूर सीखो,

_ क्यूंकि लोग जो दिखते हैं वैसे होते नहीं !!

पहले दुःख भाँप लिया जाता था.

-अब दुःख मापा जाता है.
-उसका दुःख कम मेरा दुःख ज़्यादा..
-इस आधार पर लोगों ने दुःख सुनना _और अपनी संवेदनाएँ देना तय कर लिया है.
-सच कहूँ तो सुन कोई नहीं रहा होता है _और झूठी संवेदनाएँ सबके पास है.
– असल में दुःख बाँटने की अवधारणा इतनी खोखली है _ये कोई जानना ही नहीं चाहता है..
-अनसुने किए गये दुःख, और झूठी संवेदनाओं के इस दौर से ही दुःख का कारोबार अच्छा चल नहीं रहा.
_दुःख बेच तो सब रहे हैं, पर दुःख इस बात का भी है कि _ख़रीदार यहाँ कोई नहीं.
– खुश दिखने वाले चेहरों का यहाँ बेशक़ीमती मोल है.
– दुःख से भरे चेहरों की क़ीमत _कबाड़ी की दुकान में पड़े रद्दी से भी कम है.
_वास्तविकता यही है, मुँह नहीं मोड़िए..
यदि आपके निजी जीवन के द्वन्दों मे कोई दखल दे रहा है, मतलब उसने आपके कमजोरी को भांप लिया है__ यह वक्त है आपके मजबूत होने का और उन लूप होल्स को बन्द करने का जो आपको कमजोर कर रहा है.

यदि किसी भी व्यक्ति को आपकी कमजोरी, आपकी दुर्बलता के बारे में पता चला… तो कोई भी हो, वह आपका सगा-सम्बंधी भी क्यूँ न हो… उसका फायदा जरूर उठाएगा…!!!

बुद्धिमान आदमी मूर्ख बनता हुआ प्रतीत हो सकता है, लेकिन उसे कोई मूर्ख बना दे ये भूल है ;

मूर्ख लोग बनते हैं, जो उसके आगे के प्रोग्राम को समझ नहीं पाते “ बुद्धिमान को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता ”

अक्सर लोग इसलिए आप की खुशियां बर्बाद करेंगे, क्योंकि उनके पास कुछ अच्छा करने के लिए नहीं है, या वह अपनी जिन्दगी से नाखुश हैं. इसलिए अपने रुख पर अडिग रहो.

“– खुशखबरी सबको नहीं बतानी चाहिए, क्योंकि हर कोई उस खुशखबरी से खुश नहीं होता.–“

हर व्यक्ति को खुश रखने की कोशिश करने वाला व्यक्ति एक दिन सबसे अकेला हो जाता है. अतः हमें  एक सीमा के बाद अपने मन की ही बात सुननी चाहिए.

हम लाख किसी के लिए अच्छा करते रहें. लेकिन, हमारी एक गलती पिछली सभी अच्छाइयों को धो कर रख देती है. हम लाख किसी की फिक्र करें, लेकिन यदि किसी समय हम किसी एक मौके पर कुछ भूल गए, तो सारा पिछला किया कूड़े के ढेर का हिस्सा बन जाता है. इसलिए आप कुछ भी करके किसी को हमेशा खुश नहीं रख सकते या यह कहें कि आप कुछ भी करके सबको खुश भी नहीं रख सकते. क्योंकि, लोगों की आपसे अपेछाओं का कोई अंत नहीं है. जैसे ही आप उनकी एक अपेछा पर खरे उतरे, आपके लिए तुरंत एक नयी शर्त उनके मन में तैयार हो जायेगी. इसलिए, अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठां से करते रहें और आगे बढ़ते चलें,

क्योंकि हमेशा सबको खुश रख पाना पूरी तरह असंभव है.

अपने सपनों का पीछा करें और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें. अगर आप ऐसा करेंगे, तब आप बहुत अच्छा जीवन जिएंगे. जो लोग अपनी पसंद का काम करते हुए जीवन व्यतीत करते हैं, वह अपने लाइफ को इन्जॉय करते हैं और ऐसे लोग ही खतरा उठाने का साहस भी करते हैं.
अपने आप को अपने लिए समय दें. काम और आराम के बीच संतुलन खोजें. ” जाओ दुनिया की सैर करो,”

ऐसे लोगों को खोजें, जो आपको महत्व देते हैं. अतीत में मत जियो, तुम्हारे पास देखने के लिए और भी बहुत कुछ है.

वहां जाएं जहां आप सबसे ज्यादा जीवित महसूस करते हों.

जो व्यक्ति दूर दृष्टि रख कर चलता है अर्थात आगे की ओर सोच कर कदम रखता है, जिस व्यक्ति में योजनाबद्ध तरीके से चलने की आदत है, जिसने अपने आपको पूरी तरह व्यवस्थित किया हुआ है, अपने ह्रदय को आनन्द से भरने की आदत है, जो महापुरुषों की तरह जीवन जीता है, किसी के सामने जिसके हाथ नहीं फैलते, जो दूसरों को आदर देना जानता है लेकिन स्वयं आदर पाने की कामना नहीं करता, जिस व्यक्ति का ह्रदय विशाल है, जिसको प्रेम बाँटना आता है – ऎसी सारी परिभाषा को जोड़कर मनुष्य का स्वस्थ होना कहलाता है.
आप करते कुछ और हैं, बोलते कुछ और हैं, दिखाते कुछ और हैं, सोचते कुछ और हैं, _

_ लेकिन आप की हकीकत कुछ और हैं ;

इतने सारे चेहरे ले कर ज़िंदगी में ख़ुशी और सफलता की तलाश तो क्या, उम्मीद भी मत करना..

जिंदगी बहुत छोटी है. यह केवल उन लोगों के लिए लंबी है, जिनकी हालत दयनीय है. इंसान के पास जो विशाल संभावना है उसको देखते हुए हमें जो जिंदगी दी गयी है, वह बहुत ही छोटी है.

लेकिन, उसमें भी लोग बोर हो जाते हैं और इस जीवन की सरलता को जाने बिना ही अपने आप को खत्म कर लेते हैं.

क्योंकि लोगों के शारीरिक और मानसिक नाटक_ जीवन के अस्तित्व की वास्तविकता से_ कहीं ज्यादा बड़े हो जाते हैं.

जब आप अपने घर की सफाई को ले कर इतने ज्यादा सतर्क रहते हैं, तो फिर अपने दिमाग को ले कर क्यों नहीं ? क्यों आप किसी व्यक्ति को अपने दिमाग में कूड़ा भरने की इजाजत देते हैं ?

…………….इस बारे में सोचें, ताकि आप का दिमाग बेहतर काम कर सके.

कई लोग यह समझ नहीं पाते कि किसी की बुराई, गॉसिप, नकारात्मक विचार दरअसल दिमाग के लिए कूड़ा ही है. ये न केवल आपकी कार्यछमता कम करते हैं, बल्कि लोगों से आप को दूर भी करते हैं.

……………………….इसलिए दिमाग में न जमा होने दें, विचारों का कूड़ा.

जब हम अपने घर की साफ सफाई और रंग रोगन आदि करते हैं तो हमारी दिनचर्या अस्त व्यस्त हो जाती है और हमें कई परेशानियाँ होती है. _ लेकिन कार्य पूरा होने के बाद बहुत सुकून मिलता है.

इसी प्रकार जीवन की उठा पटक भी अंततोगत्वा सुकून देती है, क्योंकि इस उठा पटक मे हमारे जीवन का बहुत सा कचरा साफ हो जाता है.

जिस दिन मैं दुनिया से चला जाऊंगा उस दिन लोग मुझे याद करेंगे, अगर आप ऐसा सोचते है तो ये आपकी गलतफहमी है, आपके आस पास बहुत से लोगो की मौत हुई है आप किसको याद करते हो ? लोग केवल इंसान के अच्छे कर्मों को याद करते है. इसलिए इस गलतफ़हमी में न रहे कि आपके चले जाने से किसी को कोई फर्क पड़ेगा.

इसलिए सिर्फ अच्छे कर्म करें और अपने लिए जीना शुरू करें। लोगों की ज्यादा परवाह न करें, या किसी बात के लिए दुःखी न होयें. एक दिन सबको चले जाना है. जीने पर ध्यान दें न की चिंता, तनाव, दुःख और काम चोरी पर.

कुछ लोग इतने सताये हुए महसूस करते हैं इस दुनियाँ में _ जैसे उनके आस – पास सब दुश्मन ही भरे पड़े हैं !_ जबकि ऐसा होता नहीं, _ बस मन का वहम होता है, _ और ज़िंदगी भर इस भ्रम में जीते रहते हैं..

अगर इंसान किसी के साथ दो पल बैठ कर हंसी मज़ाक न करे और बातें ना करे, __ अकेले – अकेले रह कर ज़िंदगी गुजारे , _ तब उसको ये सारी दुनियाँ मतलबी और दुश्मन ही नजर आती है..!!

जीवन में हर समस्या के अंदर एक उपहार होता है.. इसलिए जब आप समस्या का सामना करें तो परेशान न हों _

_ इसका अंत आपकी अपेक्षा से अधिक सुंदर हो सकता है.

आप किसी इंसान का दिल तब तक दुखा सकते हैं, _

_ जब तक वो आप से प्रेम करता है ..

शायद मुझे अब तक सब से अधिक गलत समझा गया है लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं ;

कारण केवल इतना है कि, मुझे सही समझे जाने की जिज्ञासा नहीं,

यदि वे सही नहीं समझते तो यह उनकी समस्या है, यह मेरी समस्या नहीं है,

यदि वे गलत समझते हैं तो यह मेरी नहीं उन की समस्या है, उन का दुःख है ;

मैं अपनी नींद नहीं खराब करूँगा, यदि वे मुझे गलत समझ रहे हैं..

बुरे वक्त में किसी से कोई आस मत रखिये.._ सभी एक से एक बहाने बना कर निकलने की कोशिश में रहेंगे…

_ आपकी मदद करने के लिए आप स्वयं पर्याप्त हैं…केवल रब से जुड़े रहें, _ सब अच्छा होगा…!!!!

मैं इस सच को स्वीकार कर चुका हूँ, कि मैं अकेला हूँ, मेरे साथ कोई नहीं है ;

इन सालों में मैंने बहुत कुछ देख लिया है, और बहुत कुछ सीख लिया है ;

अगर आप कुछ हैं तो ही आप के अपने भी आप के साथ आएंगे, आप के काम आएंगे, वरना कोई नहीं ;

कमजोरों का साथ कोई नहीं देता है, भले ही वह अपने ही क्यों ना हों, सगे ही क्यों ना हो ;

जब साथ देने की बात आती है तो वह कमियां गिनाने लग जाते हैं ;

कमियां मुझ में थीं, इस कारण आप ने मेरा साथ नहीं दिया, कमियों के बाद भी मेरा साथ देते, तभी तो अपने होते ;

लोगों का साथ दिया दुनिया का साथ दिया, लेकिन मेरा साथ आप ने कभी नहीं दिया ;

मैं इस बात को स्वीकार कर चुका हूं, कि मैं अकेला हूं, मेरा कोई नहीं है ;

यह बात अपने आप से पूछो, कि दिखावा करने के लिए आप ने बाहर बहुत कुछ दान दिया ;

लेकिन अपने घर में जिनको जरुरत थी, लेकिन आप ने उनको नहीं दिया ;

मैं इस सच को स्वीकार कर चुका हूँ, कि मैं अकेला हूँ, मेरे साथ कोई नहीं है..!!

“जिन्होने खुशियाँ देनी थी मुझे, क्यूँ उनसे दुख मैने पाए थे,

_मैं किससे फरियाद करता अपनेपन की, लोग सभी पराए थे.!!”

‘नक़ाब का सही मतलब, रिश्तेदारो से ही बेनकाब होते हैं, _ कहने को अपने होते हैं, पर जानें कब गैरों में शामिल होते हैं ,_ मीठी छुरी से क़त्ल कर के झुठे आंसू बहाने में माहिर.. ये दो चेहरे रख, _ उसे बखूबी निभाने वाले ये _ बेवफाई का सही वक्त, चुनने का हुनर कोई इनसे सीखे _

‘ घर होते हुए, बेघर बनाना कोई इनसे सीखे ‘

” जो रिश्तेदार और लोग आप की सबसे बड़ी खुशखबरी में भी खुश न हुए हों, _

_ ऐसे रिश्तेदारों और लोगों को आगे से कोई ख़ुशख़बरी मत देना “

मैंने बड़ी मश्क्कत के साथ ‘ना’ कहना सीखा है ; खास कर उन लोगों को जिन्हे मैं अपना समझता था, क्योंकि मेरे पीठ पीछे उन्होंने ही गन्दगी मचाई,

_ अब मैं आसानी से उन लोगों को ‘ना’ बोलकर अपनी धुन में रहता हूँ..

किसी का खास होना और किसी को अपना खास मानना, ये दो भ्रम बेहद खतरनाक है_ याद रखना आपका अच्छा बुरा सब कुछ आपको अकेले ही भोगना है तो बेहतर है भीड़ में भी अकेला बन के रह लिया जाए !!

बहुत समझदार होने की सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि हर शख्स आपको अपनी परिस्थिति समझा के बच निकलता है और आप क्या महसूस कर रहे किसी को बता नही पाते !!

हम सबसे अधिक मूर्ख तब होते है जब हम भावनात्मक होते है !! और इस दुनिया में मूर्खों के लिए कोई सम्मान नहीं !!

जिस दिन आप लोगों के साथ वही करेंगे जो वो आपके साथ करते हैं उस दिन उनके लिए आप दुनियाँ के सबसे बुरे इंसान बन जाएँगे।

सामने वाला आपसे जो सुनना चाहता है उसे वही सुनाओ चाहे वो लाख गलत हो आप उसके सबसे खास लोगो मे से एक बन जाओगे ….

जरुरी नहीं कि सभी आप से खुश हों, मानसिक रूप से मजबूत बनना है तो _

_ कभी – कभी खुद को लोगों की नजर में अलग और बुरा भी बनाना पड़ता है..

कितनी ज्यादा गलतफहमी होती हैं ना हमे कि हम किसी के खास है

पर हकीकत तो कुछ और ही होती हैं
हमे लगता है हमारा प्यार करना, हमारा नाराज होना ये सब सामने वाले पर असर करता है पर नही
वो सिर्फ एक दिखावा होता है वो सिर्फ एक झूठ होता है
जो हमे ये यकीन दिलाने k लिए बोला जाता है कि हम खास है
उन्हें कोई फर्क नही पड़ता कि आप दर्द में हो या किसी मुसीबत में उन्हें बस अपने मतलब से मतलब होता है
अगर आप खुश हैं तो वो आपसे प्यार भरी बातें करते हैं
और अगर आप दर्द में है तो फिर उनके पास खुद उनकी कई समस्या है उनके पास खुद के लिए टाइम नही
तो आपके दर्द को सुनने का कैसे होगा
इस दुनिया मे सब अपने मतलब से ही किसी न किसी के करीब जाते हैं
कोई किसी का खास नही होता
सब वक्त की बात होती है
अगर वक्त अच्छा है तो आप लोगों की जान है
और अगर आपका वक्त खराब है तो आप लोगों के लिए अंजान
ये ही दुनिया की हकीकत है..
आप किसी को अपना समझ कर अपने दिल की बात बताते हैं और वो आप से बोर हो जाते हैं, इसलिए वो आप से बचते हैं,

_ दुनिया मतलबी है ” मेरे यार “

कोई नहीं देखता आपने उनके लिए कितना किया,

_ वो तो बस ये देखते हैं कि “आपने उनके लिए क्या नहीं किया”

मुसीबत आने पर ग़ैरों से क्या गिला, _

_ जब अपने खून के रिश्तेदार व भरोसे वाले दोस्त तक किनारा कर लेते हैं !!

“- खूनी रिश्ते और दोस्तीयापा ..इन दोनो का बहुत कटुक अनुभव रहा है मेरा तो…..इसलिए मन में फोबिया बैठ चुका है..!!”

“–तमाशा मेरी ज़िन्दगी का हुआ, और कलाकार सब अपने निकले.”

हमारे जीवन के कार्यों का मूल्यांकन भी जब दूसरे करते है तब गणितीय विधि से उत्तर नहीं आते ;

_ अंक गणित में 2 और 2 = 4 होता है लेकिन वास्तविक जीवन में वह 22 भी हो सकता और 0 भी..!!

_ जिन्हें आप अपना समझते हैं या वे जो अपने हैं, भले ही उनके लिए आपने कितना भी किया हो, वे भी आपसे पूछ सकते हैं, ‘आखिर किया क्या आपने हमारे लिए ?’

लोग जब ये कहकर ताना मारें कि बहुत एटीट्यूड है तुममें, _

_ उनकी बातों की परवाह ना करना, _ क्योंकि बिना एटीट्यूड के तुम्हारी कीमत रद्दी से भी सस्ती हो जाएगी,

_ इसलिए जिन्दगी में एटीट्यूड का होना जरूरी है, सबको खुश रखकर चलना मुश्किल है _

_ क्योंकि आप यहाँ अपनी शख्सियत को बनाने आएं हैं, किसी का मनोरंजन करने नहीं,

_ लोगों की मदद करिए, सलाह दीजिए, केवल तब _ जब आपसे मांगी जाए, _बिन मांगे कुछ भी दिया तो अपनी तवज्जो खो बैठोगे,

_ लोगों की भीड़ में उन जैसे बनने की जगह ” अकेला रहकर विशेष बने रहना ज्यादा श्रेष्ठ है ! “

हमारे दुख का एक बड़ा कारण यह भी है कि हम खुद को अपनी नजरों में खुद को छोटा देखते हैं और दूसरे लोगों को ज्यादा मानते हैं..

_ आप अपना दुख सोच समझकर किसी दूसरे को सुनाएं _ क्योंकि अगर सामने वाला आप को नहीं समझ पा रहा है तो आपके दुख की धज्जियां उड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा..!!

” – आप के साथ जो भी हुआ उस के लिए आप पूरी तरह ज़िम्मेदार नहीं हैं, लेकिन आप इस चक्र को तोड़ने के लिए ज़िम्मेदार हैं, इसलिए अपनी जिम्मेदारियां अपनाएं, अपना भविष्य खुद लें ;

यदि आप अपने वर्तमान को अपने अतीत द्वारा नियंत्रित करने देंगे तो आप अपने भविष्य को कभी भी नियंत्रित नहीं कर पाएंगे.

कल जो हुआ वह आपकी ज़िम्मेदारी नहीं हो सकता है, लेकिन आज आप कैसा व्यवहार करते हैं_ ये आपकी ज़िम्मेदारी है.-“

कई बार किसी को बार बार सफाई देने से, बेहतर होता है उससे दूर हो जाना ! बस शर्त ये है कि आप अपनी जगह निष्पक्ष रूप से सही हों, अकसर सबको अपना पक्ष ही सही लगता _ सारी दिक्कत यहीं से शुरू होती है ! समझदार लोग हमेशा दूर होने से पहले दूसरे को केवल एक बार अपना पक्ष रखने का अवसर जरूर देते हैं, _ जिससे उसकी परिस्थितियों को भी अनुभव किया जा सके और सही और गलत जाना जा सके. वो बात को समझने की क्षमता रखते हैं, लेकिन मूर्ख बिना सोचे – समझे और किसी को बिना सुने _ अपना फैसला सुना देते हैं और इसे वो so called self respect का नाम देते हैं. जिन्दगी में ऐसे मन्दबुद्धियों से हमेशा बचकर रहें ! स्वस्थ रहें मस्त रहें और अपनी कद्र करते रहें क्योंकि ये कोई तभी देगा जब खुद की वेल्यू पता हो ! बाहर कभी जीवन में अपनी कमियां मत बताओ बल्कि आत्मविश्वास दिखाओ, _ ऐसा आत्मविश्वास जो अभिमान से दूर लेकिन सन्तुलन के करीब हो.

“– कुछ लोगों में इतनी काबिलियत भी होती है, आप जितना भी अच्छा काम करें वो उसमें भी कमी खोज ही लेते हैं. ऐसे लोगों को कभी सफाई देने में अपना समय व्यर्थ ना करें, और ये वही लोग होते हैं जो खुद साधारण जीवन जी रहे होते हैं.–“

जरा इस बात पर भी सोचिए !!

लोग आप को आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैं,

फिर आप किस के लिए दौड़ रहे हो ? और आप किस के लिए चिंतित हो ?

आप अपने जीवन के अधिकांश भाग यानी तकरीबन ८०% _ इस बारे में सोचते हैं कि आप के रिश्तेदार और पड़ोसी आप के बारे में क्या सोचते हैं ;

क्या आप उन्हें संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं ? जो किसी काम का नहीं !!

सबसे पहले प्राथमिकता खुद को दीजिए, उसके बाद सब कुछ है… अपना ख़याल रखिए !!

* ज़िन्दगी एक बार ही मिलती है, बस इसे जी भर के जी लो *..

ये जो अपने होने की आड़ में लोग हमारी जिंदगी में दखल देते हैं,_ इनके जीवन को जरा गौर से देखना _ ये वही लोग हैं जो खुद बहुत ग्लानि में जी रहे होते हैं _

_ ये स्वयं के ही बहुत बड़े विरोधी हैं_ वो तुम्हारा समर्थन क्या करेंगे_खैर मरने से पहले जग जाओ _

_ दोनों बाहें फैला के समेट लो अपनी जिन्दगी को__ बाद में वो भी खाक तुम भी खाक..

“– पहले ये लोग आपके बारे में अच्छा बोलेंगे उसके बाद आपके करीब आने की कोशिश करेंगे, _ फिर जब आप उन्हें अपना समझ उन्हें अपने करीब आने देंगे _ तो फिर आपके बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करेंगे ; _ _आपकी हर बात हर चीज को पसंद करेंगे _ फिर एक दिन आपकी किसी छोटी सी बात का बुरा मान आप को छोड़ देंगे “

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लोग अक्सर पूछते हैं कि उन्होंने अपनों के लिए अच्छा ही अच्छा किया, लेकिन बदले में उन्हें अच्छा नहीं मिला और अन्त में उन्हें यह बताया गया कि उन्होंने किया ही क्या है या जो उन्होंने किया वो तो हर कोई करता है,

_ तो अब वो उनके लिए अच्छा करें या बुरा ; तो मेरा मानना है कि हमें तो अपना अच्छा ही करना है __ बुरा तो वो लोग स्वयं अपने लिए कर ही रहे हैं..

रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, बहुत प्यारे भी ..लेकिन ज़िन्दगी उससे भी ज़्यादा कीमती..

_ किसी रिश्ते को निभाने की कीमत ज़िन्दगी नहीं हो सकती है.
_ रिश्ते को उस हद तक निभाने की कोशिश करिए _ जहां तक आप खुद को ना मिटा पाएं.
_ जितना खुद को संभालकर रिश्ता निभा सकते हैं निभाएं.
_ लेकिन कोई मजबूरी ना बनाएं.
_ अगर नहीं समझ आ रहा है तो _कई दफ़ा दूरियां बेहतरीन इलाज करती हैं.
_ ज़िन्दगी से प्यार करिए और अपने रिश्तों से भी…
_ लेकिन रिश्ते को निभाने के बोझ में.. खुद को ख़त्म ना करें…. वक़्त दें खुद को भी और सामने वाले को भी… दिमाग को आराम दें _ और इत्मीनान से सवाल करें _ अपने आप से..
_ आपको अपने उलझे रिश्तों को सुलझाने का सिरा मिल जाएगा… और अगर नहीं मिले तो _ ज़िन्दगी का सिरा छोड़ने से बेहतर है _बाहर निकल आएं ऐसे रिश्ते से…
_ क्योंकि ज़िन्दगी छूटी तो वापसी के तमाम रास्ते बंद हो जाते हैं..
_ मरने की आपके पास एक वजह होगी _लेकिन जीने की हज़ार वजहें हो सकती हैं.!!
अब वे अनजान बन गए हैं..

_ जो कभी मेरे खासमखास की सूची में शामिल रहे थे,
_ किसी के खो जाने के बाद उसके लौट आने की, मिल जाने की आशा तब तक बनी रहती है..
_ जब तक हम खो जाने/चले जाने को स्वीकार नहीं लेते..
_ हम कुछ लोगों को खोने से डरते हैं..
_ जबकि सामने वाले को आपकी, आपसे अपनी जान-पहचान की, आपके अस्तित्व की रत्ती भर भी परवाह नहीं होती.!!
जीवन में स्वार्थी एवम ईर्ष्यावान लोगों को खोने से कभी मत हिचकिये…

_ ये जीवन को निराशा से अधिक कुछ नहीं देते..
_ परन्तु अपने खास एवमं शुद्ध रिश्तों को पहचाने और सुनिश्चित करें की कोई भी कीमत पर उन्हें न खोया जाय.!!
धोखा, फरेब से टूटे हुए, बिखरे हुए लोग बहुत मुश्किल से किसी पर दोबारा ऐतबार कर पाते हैं. _वो कह नहीं पाते हैं अपनी तकलीफ़ को, वो बोल नहीं पाते हैं अपने एहसास को. _वो घुटते रहते हैं अकेले ही अकेले और खो जाते हैं अपनी ही बनाई दुनिया में.

_ ऐसे बहुत से लोग हैं जो घुटन में जी रहे हैं, उनके पास कोई दरीचा नहीं है जहां से उन्हें कोई उम्मीद नज़र आए. _ऐसे में ग़र कोई अपनी तकलीफ़, दर्द कह रहा है तो उसको अगर आप सुन नहीं सकते, उसे आस नहीं बंधा सकते तो कम से कम किसी की तकलीफ़ पर हंसिए तो मत.

_ इस भागती, दौड़ती दुनिया में शायद मोहब्बत होना किसी को बेवकूफ़ी लगे, शायद किसी के लिए आंसू बहाना बेकार लगे, लेकिन ऐसे लोग होते हैं. _मोहब्बत के नाम पर फ़रेब खाए हुए लोगों के लिए उम्मीद का रास्ता बनिए. _ठीक है सब अपनी अपनी दुनिया में मस्त हैं, तो रहिए अपनी दुनिया में मस्त लेकिन जो टूटा हुआ है उसका मज़ाक बनाकर उसे चकनाचूर तो मत कीजिए.

_ हो सकता है कि मैं बेहद जज़्बाती बातें कर रहा हूं, हां क्योंकि मैं जज़्बाती हूं. मैं समझ सकता हूं किसी की तकलीफ़ को. _ ख़ुदा के वास्ते लोगों के जज़्बातों की खिल्ली मत उड़ाइए. ये टूटे बिखरे हुए लोग हैं बस पनाह चाहते हैं थोड़ी सी.

जहाँ तक मैंने अपने लोगों को आजमाया है तो ऐसा कोई अपना नहीं दिखा जो स्वार्थ एवम ईर्ष्या से न भरा हो.

केवल काम निकालने तक और अपने सुविधा अनुसार हर कार्य करने तक ही साथ रहा है.

ख़ैर; मुझे अफ़सोस है _ केवल अपना कीमती वक्त को उनके साथ जाया किया _ जो नहीं करना था…!!!

ऐसा क्यों होता है कि कोई अपना सगा भी किसी की तरक्की की खबर से जल उठता है ?

_ जिनके साथ सालों-साल रहा, वो भी मेरी तरक्की की खबर से खुश होने की जगह दुखी हो गए.
_ बात सोचने की है.
_ कोई क्यों किसी की खुशी में खुश नहीं है ?
_ ‘मैं हैरान होता हूं. ___ कोई कैसे किसी दोस्त या रिश्तेदार की तरक्की से जल सकता है ?
_ कोई कैसे अपने परिवार में किसी की कामयाबी पर बद नज़र लगा सकता है ?
_ और जो जल सकते हैं, बद नज़र लगा सकते हैं, उनसे कैसी दोस्ती ? कैसी रिश्तेदारी ?
— लेकिन क्यों ?
_ क्या हम इतनी बुरी दुनिया में जी रहे है कि कोई अपना सगा भी होते काम पर नज़र लगा दे ?
_ वो दिल से चाहे कि हे भगवान, इनका ये काम बिगड़ जाए ?
_ अगर ऐसा है तो वो रिश्तेदार कैसे ?
_ और वो दोस्त दोस्त ही क्या जो आपकी तरक्की पर खुश होने, पार्टी देने और लेने की जगह जल उठे ?
_ लानत है ऐसे दोस्तों पर..
_ लानत है ऐसे रिश्तेदारों पर..
— जो लोग आपकी तरक्की का मातम मना रहे हैं, उनसे तत्काल प्रभाव से दूर हो जाइए.
_ ये जलनखोर लोग, आपकी शिकायत करने वाले लोग ..आपके कभी थे ही नहीं.
_ बेशक आपकी ज़िंदगी में एक भी दोस्त, रिश्तेदार न बचें, लेकिन कभी नकारात्मक लोगों के साथ मत रहिए.
_ वो दोस्त हों, रिश्तेदार हों, चाहे दुनियादारी आड़े आ जाए, ऐसे लोगों को पहचान कर तत्काल प्रभाव से उनसे दूर हो जाइए.
— आजमाए हुए को दुबारा नहीं आजमाना चाहिए.
_ वो बाद में लाख चाह लें, आप उनसे दूर हो जाइए.
_ फोकस कीजिए अपने काम पर और उन्हें दिल से निकाल दीजिए.
“गहरी मार कबीर की, दिल से दिया निकाल”
— अच्छी तरह से रिश्ते् निभाने का सर्टिफिकेट लेने के बदले अपने आत्म सम्मान, मानसिक शांति व शारीरिक स्वास्थ्य की बलि चढ़ाना कौन सी बुद्धिमानी है;
_ मेरे भी कुछ रिश्तेदार हैं ..जो मेरी हर बात से जलते हैं,
_ पिछले कई वर्षों से मैं उनके तानों, हर अच्छे काम में मीन मेख निकालने की आदत से परेशान था.
_ उन्होनें कभी मेरी इज्जत नहीं की..
_ हमेशा चाहा कि मैं तरक्की ना कर सकूं,
_ जब जब हो सका मेरी राह में कांटे ही बिछाए,
_ रिश्ता इतना करीबी था की छोड़ना संभव नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे इसने मुझे बीमार करना शुरू कर दिया.
_ आखिर में एक बार ..जब बात हद से बाहर हो गई तो ..कड़ा निर्णय लेते हुए ..मैंने उनसे दूर रहने का निर्णय ले लिया ;
_ खैर मैंने कभी नहीं चाहा था कि ..ऐसा हो ..पर सड़े हुए अंग को आखिर काटना ही पड़ता है ..तो काट दिया.
_ अब मैं खुश हूं ना किसी की सुनना, ना किसी को सुनाना,
_ हंसता हूं, गाता हूं, वॉक पर जाता हूं, दिन भर काम करता हूं, घर में शांति है, मन में खुशी है.
_ जलन करने वालों की बुरी नज़र से बचा हुआ हूं.
— जी हां, जब यह सब हो रहा था तब बुरा लग रहा था,
_ खुद पर भी संदेह हुआ कि मैंने सही किया या गलत..
_ पर आज घर में और अपनी सोच व सेहत में आए सुखद बदलाव देख कर लगता है ..जो हुआ अच्छा ही हुआ.
_ कुछ निर्णय तात्कालिक विरोध का कारण बनते हैं, लेकिन आगे के लिए वो अच्छे होते हैं.
लोग मुझसे बात भी अपने मूड एवम सहूलियत के अनुसार करते हैं,

_ मैं बेवजह अपना मूल्यवान समय उन्हें दे देता हूँ,
_ मुझमें और उनमें एक फर्क है,
_ वो अपना जरूरी काम निपटाने के बाद मुझसे बात करते हैं..
_ और मैं अपने महत्वपूर्ण कार्य को स्थगित करके बात करता हूँ,
_ लेकिन अब आगे से मुझे भी ध्यान रखना होगा.!
— मैं एक बात समझ गया कि हमारी जिन्दगी में अक्सर ऐसे लोग आएंगे जायेंगे..
_ जो कि हमारा कीमती समय और हमारी ऊर्जा को अपनी बेहूदा हरकतों से मिसयूज करने की कोशिश करेंगे _ लेकिन आपकी चाभी आपके हाथ में है..!!
_ जीवन में एक बात सीख लो कि आप, आपका समय, आपकी ऊर्जा, आपका शब्द, आपके विचार, बहुत कीमती हैं, इसको बचा के रखें..
_ और सही समय पर सही लोगों के सामने ही इसका इस्तेमाल करें..!!
जड़ों से उखाड़कर नई जमीन में पौधे को लगाकर पुनर्जीवित करना बेहद कठिन होता है,

_केवल धान का पौधा ही ऐसा है जो उखड़ने के बाद फिर रोपे जाने के बाद पनपता है..

_..लेकिन बाकी उखड़ते ही अधमरे हो जाते हैं या मुर्झा कर प्राणविहीन हो जाते हैं.

_केवल उनके प्राण बचते हैं _जिनकी जिजीविषा-शक्ति अत्यंत प्रबल रहती है.

_ पूरी दुनिया के लोग भटकते हैं, कोई रोजगार-व्यापार के लिए, कोई नौकरी के लिए, कोई आसरे के लिए, कोई पढ़ने के लिए, कोई कुछ जानने के लिए, कोई घूमने के लिए तो कोई अपना मुंह छुपाने के लिए..

_अपने घर को छोड़कर दूसरी दुनिया में जाने का निर्णय लेने वाले या तो अपने हालात से मजबूर होते हैं या वे दुस्साहसी होते हैं.

_ऐसा देखा गया है कि जिसने अपना घर-परिवार छोड़ा, किसी नई जमीन में जाकर बस गया, वह एक-न-एक दिन खुद को साबित कर देता है.

_गर्म-रेतीले रेगिस्तान में भटकता इंसान पानी और छांह की तलाश में अनवरत चलते रहता है,

_क्योंकि उसके पास और कोई विकल्प नहीं रहता.

अगर आपको लगता है कि सिर्फ आपकी समस्या ही सबसे बड़ी समस्या है… या आपका पावर ही सबसे बड़का पावर है तो वो सिर्फ हमारे भेजे के अंदर है.

एक तरह के माहौल मे रहने पे लगने लगता है कि आप जितना जानते और देखते हैं, वही सब कुछ है, पर वो होता एक रत्ती भर भी नही है.

आप हम एक ठो इतिहास, एक ठो सोच, एक ठो विचारधारा को लेकर जी रहे है तो खुद ही बीमार हैं, हमको और कोई बीमारी नही दे सकता. मर जाएंगे इसी बीमारी मे.

अगर हम किसी बड़े घर को देखते हैं तो हमें अपना घर छोटा लगता हैं ; लेकिन बड़े घर के अंदर हम जाएं और वहां कलेश हो, तनाव हो, अशांति हो तो हमें लगता है कि ..नहीं ..हमारा ही घर सही है ;

वैसे ही बहुत से लोगों को देखता हूँ जो दूसरे के जैसा बनना चाहते हैं ; लेकिन दूसरों को भी अगर ध्यान से देखें _उनके बर्ताव को, उनके स्वभाव को तो फिर लगेगा कि नहीं हम ही सही हैं..!!

ज़िन्दगी में महत्वपूर्ण लोग आते हैं और चले जाते हैं, और यह ठीक है.

दुर्भाग्य से, आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोग रातोंरात अजनबी बन सकते हैं.

सौभाग्य से, कुछ अजनबी रातों-रात आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण लोग बन सकते हैं.

यह प्रक्रिया दर्द देती है, लेकिन अगर इसे स्वीकार कर लिया जाए, तो यह आपके जीवन में लोगों की गुणवत्ता और उपयुक्तता में सुधार करने का काम करती है.

दर्द, वेदना, कष्ट, पीड़ा ये सभी दुःख भरे शब्द है, जो हर किसी के जीवन में कभी न कभी आते ही हैं। जब कभी भी ये हमारे जीवन में आते हैं, तो हम असहज हो जाते हैं और तड़पने लग जाते हैं.

_ये कभी अच्छे नही होते, मगर जो इन्हें अपने जीवन में अधिक सह लेता है, वह भविष्य में आने वाली छोटी-बड़ी मुसीबतों से उतना नहीं घबराता _जितना एक सुखी जीवन व्यतीत करने वाला घबराता है.

_हम सभी सामर्थ्य से भरे होते हैं, लेकिन हम अपने सामर्थ्य को तब तक नहीं जान पाते, जब तक कोई हमें बुरी तरह से दर्द या पीड़ा न पहुंचाए. _लेकिन दुनिया में हमें ये सब मिलता ही रहता है.
_जब भी हमें कोई दर्द या पीड़ा दे तो हमें उसमें कभी खो नहीं जाना चाहिए, क्योंकि यही दर्द और पीड़ा एक दिन हमारा इलाज बन जाता है.
_कभी-कभी हमें जानने-समझने के लिए ठोकरें खानी पड़ती हैं, आगे बढ़ने के लिए थोड़ा पीछे भी जाना पड़ता है और पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है, तब कहीं जाकर हम जीवन का सबसे बड़ा सबक सीख पाते हैं और एक जौहरी की तरह बन जाते हैं, जो हीरा परखता है.
_लेकिन असली जौहरी वही होता है जो हीरा नहीं बल्कि किसी की पीड़ा परख सकता हो..
हम में से जो भी लोग धन पद प्रतिष्ठा या अपनी शानोशौकत की अकड़ रख कर चलते हैं,

_मैं उनसे पूछना चाहूँगा कि यह अकड़ किस लिए, ऐसा क्या है उनके पास _जो पहले इस धरती पर किसी और के पास नहीं रह चुका..
__और मेरा मानना है कि अकड़ वाले लोग जब भी इस धरती को छोड़ कर गए हैं, बड़ी बैचेनी और व्याकुलता में गए हैं,
_और जिनके पास रती भर भी अकड़ नहीं थी, वही इस धरती से शांति और तृप्ति लेकर गए हैं.
_जब भी अकड़ और एटीट्यूड [ मनोदृष्टि ] जरूरत से ज्यादा आ जाए तो एक बार हॉस्पिटल ज़रूर घूम आना..
_क्या अमीर क्या गरीब सबके चेहरे पर शिकन एक सी..जिंदगी की जद्दोजहद एक सी..
_फिर भी एटिट्यूड ना जाए तो शमशान भी घूम आना..!!
लोग अजीब हैं…!
यदि आप किसी की प्रशंसा करते हैं, तो वे सोचते हैं कि इसमें आपका अपना हित होना चाहिए. यदि आप प्रशंसा नहीं करते हैं, तो वे आपको ईर्ष्यालु कहते हैं ! यदि आप किसी की अतिरिक्त देखभाल करते हैं, तो उन्हें लगता है कि आप उनसे प्यार करते हैं.
यदि आप परवाह नहीं करते हैं, तो वे आपको स्वार्थी कहते हैं ! यदि आप नियमित रूप से अपने मित्र को संदेश भेजते हैं, तो वे आपको चिपचिपा कहते हैं. कुछ दिन बात न करो उनसे तो वो आपको गुरूर कहते हैं !
आप सारे संसार को कभी भी सुखी नहीं कर सकते, इसलिए केवल अपने रब को प्रसन्न करने का प्रयास करें, क्योंकि वही एक है जो आपके छोटे से अच्छे कर्म पर भी आपकी प्रशंसा करता है और आपकी वापसी की प्रतीक्षा करता है…!
“कौन कितने पाने में” _ यह बात सुनी सुनी सी लगती है..
_ पर यह बहुत कम सुना होगा, “मैं स्वयं कितने पानी में”
_ ऐसा इसलिए खुद को जांचने जानने वाले बहुत कम हैं और दूसरो को जांचने _ जानने वाले बहुत ज्यादा..!!
_ दूसरों को जानने से क्या लाभ, जब तक खुद को न जाने..
_ क्या कभी सोचा है कि खुद को जाने बगैर अगर जीवन व्यर्थ चला गया तो..
_ जीवन की भागा दौड़ी में इतना उलझ गया है इंसान कि _ उसे अब होश ही कहां रहता है..!!
अपना मुंह बंद रखें !!! एक घर खरीदना हो ?

अपना मुंह बंद रखें !!🙊एक नई कार खरीदना हो ?
अपना मुंह बंद रखें !!🙊शादी होना ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊छुट्टी पर जा रहे हैं ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊कोर्स करने जा रहे हैं ?
अपना मुंह बंद रखें !! 🙊पद्दोनती हुई ?
99% मामलों में हमारे सपने/दृष्टांत सच नहीं होते हैं, क्योंकि हम गलत समय पर गलत लोगों के लिए बहुत जल्दी अपना मुंह खोल देते हैं.
हम अपनी परियोजनाओं/सफलताओं को उन लोगों के साथ साझा करने में गलत थे, जो “दोस्त” होने का दावा करते हैं ;
नीची ईर्ष्या _लोगों के लिए पर्याप्त हैं, उसे खाने और फाड़ने के लिए, _इससे पहले कि ऐसा होता भी है, इसलिए … अपना मुंह बंद रखें !!!
आपके अधिकांश “दोस्त”, आपको अच्छा करते देखना चाहते हैं लेकिन _उनसे बेहतर कभी नहीं !!
और सिर्फ एक रिमाइंडर ! यहाँ तक कि परिवार के कुछ सदस्यों में भी छिपी ईर्ष्या होती है !!!
लेकिन, वे उसे रोक नहीं सकते जो परमेश्वर ने आपके लिए रखा है !
इसलिए अपना मुंह बंद रखें !!! “बुद्धिमान के लिए एक शब्द ही काफी है”
मेरे मरने के बाद…..

कुछ नहीं बदलेगा…. सब कुछ ऐसे ही रहेगा
ये रातें तो ऐसे ही रहेंगी बस जागने वाला मैं किसी गहरी नींद में सो चुका होऊंगा
ये कमरा, ये दीवारे ऐसे ही रहेंगी बस इनसे बातियाने वाला मैं अब मौन हो चूका होऊंगा हमेशा के लिए
ये कीबोर्ड, और माउस, टेबल कुर्सी सब ऐसे ही रहेंगे बस इन पर कौतुहल करने वाली मेरी उँगलियाँ अब निष्क्रिय हो चुकी होंगी।
ये लैपटॉप तब भी ऐसे बैटरी लो बताएगा लेकिन तब इसे चार्ज लगाने वाला डिस्चार्ज हो चूका होगा इस दुनिया से।
ये बिखरी पड़ी किताबें जिन्हे रोज मै समेटता था आज मुझे लोग समेटेंगे
और दूर कहीं ले जाकर मुझ पर लकड़ियाँ सजायेंगे लकड़ियों के नीचे मुझे दबाया जायेगा साथ ही दब जाएगी मेरी सारी ख्वाहिशे(नीली आंखों की) मेरे ड्रीम्स और मेरी वो पोस्ट भी जो मैंने फेसबुक पे ओनली मी कर के रखी है
फिर जलाया जाऊंगा मैं
मेरे साथ जल जाएँगी वो सारी बेहूदा लेख भी जो मै भविष्य में लिखता अगर जिन्दा रहता …
मेरे साथ मेरी वो भावनाये भी आग में दफन जाएँगी जो कभी व्यक्त न हुई
वो बातें जो मीठा सा रहस्य बनी हुयी थी मेरे ह्रदय में वो सब उन आग की लपटों में उड़ जाएँगी
कुछ फोर्मेलटीस होगी मेरे अपने सम्बन्धियों द्वारा
मेरे फोटो पे RIP लिखा जायेगा , मुझे टैग किया जायेगा….
स्क्रीनशॉट लेकर शायद वो स्टैट्स लगाएंगे जो कभी रिप्लाई भी न करते
मेरा फोन चेक किया जायेगा किसी को मेरी डायरी मिलेगी…किसी को ये पेज
फिर बातों का दौर चलेगा। मुझसे घृणा करने वाले लोग भी अच्छी बात करेंगे, लोग कहेंगे बोलता कम था लेकिन अच्छा बोलता था ; _ ये सारी बातें महज कुछ दिन तक चलेगीं फिर सब कुछ वैसा का वैसा.
कुछ भी नहीं बदलेगा….
मेरे मरने के बाद भी सूर्य ऐसे ही निकलेगा, ऐसे ही सबेरा होगा
वो दूध वाला भी ऐसे ही रोज की तरह आया करेगा बस , उसे अब मैं नहीं दिखूंगा _ जो रोज यहीं मैडिटेशन किया करता था.
सब ऐसे ही खुश रहेंगे …… कुछ नहीं बदलेगा सब कुछ ऐसे ही
अनवरत चलता रहेगा…….
भूल जाना सीखो साहब, एक दिन दुनिया तुम्हारे साथ यही करने वाली है..
“मैं पल दो पल का शायर हूँ _ पल दो पल मेरी कहानी है”
— “एक दिन सब घर वापस लौटेंगे ; _ मुझे हमेशा के लिए अलविदा कहकर”

आज़ाद जीवन कैसे जीना चाहिए ? – 2018

कौन बताएगा आपसे ? कि जैसे आप जी रहे हो ‘ उसे जीना नहीं कहते ‘
मस्त होने का अर्थ होता हैः मन को खोना..

_ मस्त होने का अर्थ होता हैः नियंत्रण खोना..
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः अपने अहंकार से थोड़े नीचे उतर आना,
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः फिर से हो गए बालक जैसे निर्दोष;
_ फिर से भर गए जीवन के आश्चर्य से; फिर से वृक्षों की मस्ती और फूलों की सुगंध और हवाओं का नृत्य अर्थपूर्ण हो गया.
_ खो दी मन की, गणित की क्षमता..
_ वह जो तर्क का सतत जाल है, वह जो तर्क का सतत फैलाव है भीतर,
_ उसे तोड़कर क्षणभर को बाहर निकल आए;
_ जैसे कोई कारागृह से बाहर आ जाए..
_ बंद दीवारें और बंद दीवारों के भीतर की बंद हवा,
_ थोड़ी देर को जैसे कोई छोड़कर बाहर आ जाए…..!!
– OSHO
मैंने उन्हीं लोगों को खुश और मस्त देखा है,

_ जो फोन पर किसी से बात भी करेंगे तो तीस सेकंड से एक मिनट ;
_ तड़क भड़क वाली जिंदगी से बच कर.. वो सरल रहना पसंद करेंगे,
_ ना किसी से शिकायतें रखेंगे ना किसी को शिकायतों का मौका देंगे,
_ ना लोगों से जलते हैं और हमेशा फ्रेश मूड में रहते हैं ;
_ कोई उनके पास आए जाए.. वो भी उनसे फ्रेश हो कर जाता है,
__ और मुझे समझ में नहीं आता कि सबको ऐसा बनने में मुश्किल क्या है ?
जीवन का आनंद भरपूर उठाइये,

_ मस्ती में ‘ उसकी ‘ मगन हो जाइये..
_ और हो सके तो फिर.. ‘ उसके ‘ ही गुण गाइये..छोड़कर सब कुछ, फूल से हल्के होकर..
– ” सदा ही बस खिलखिलाइये,”मुस्कुराइये और फिजाँओं में, खुशबू की तरह बिखर जाइये..
जिंदगी में कुछ तो कमी है, जिसे पूरा कर लेना.. मेरा मकसद होना चाहिए.!!

_ बहुत प्यार है मुझे अपने स्पेस से, अपने सपनों से, अपनी आजादी से..!!

  • “मैं स्वतंत्र हूँ” – अनुशासन को भंग न करने की समझदारी के साथ.!!
हम खुद को मस्त कैसे रख सकते हैं ?

यारों अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है तो सबसे पहले अपने कान बंद करने होंगे, _ क्योंकि हम क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं वह सिर्फ हम जानते हैं.

_ दुनिया सिर्फ हमें बाहर बाहर से जानती हैं । हमारे अंदर क्या प्रतिभा है और हम कैसे दुनिया को बदल सकते हैं वो सिर्फ हम जानते हैं.

_ इसीलिए अगर हमने जीवन में खुश रहना है तो सबसे पहले खुद को समझें, खुद से प्यार करे, रोज सुबह उठकर योग और व्यायाम करें, अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकले, अपने अंदर की प्रतिभा को जानें, खुद की कभी भी दूसरों से तुलना ना करें, अपने फोन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, खुद से बातें करें इत्यादि, _

_ जीवन में कुछ खुद को महत्व (importance) देना सीखो और अपनी खुशियों को खुद हासिल करो.

“_ जैसे दुनिया तुम्हें देखना चाहती है, वैसे बिलकुल भी मत बनना ;

जैसा तुम खुद को देखना चाहते हो, वैसा बनने के लिए जी जान लगा देना._”

जब आप किसी ऐसे मुकाम पर पहुंच जाते हैं, जहां आपको किसी को प्रभावित करने की जरूरत नहीं होती,__ तो आपकी आजादी शुरू हो जाएगी..

“- आप की समझ बढ़ जाने के बाद आप लोगों के डिफरेंस को स्वीकार करने लगेंगे, _उन डिफरेंस की इज्जत करेंगे, उन्हें जज नहीं करेंगे.-“

अगर हम अपना विश्वास अपने भीतर खो चुके हैं तो उसे वापस ला सकते हैं ; बस प्रण लेना होगा कि अब से मैंने अपने जीवन में अच्छा ही अच्छा करना है ; फिर दुनिया चाहे हम पर विश्वास करे या ना करे, हमें अच्छा कहे या न कहे ; हमने अपने पथ से हिलना नहीं है तो, एक समय ऐसा आता है _

_ जब हम अपने ही भीतर आत्मविश्वास से भरपूर हो जाते हैं और फिर कोई हमारा साथ दे या ना दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता _ हम अपने में मस्त रहते हैं..!!

जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है स्वतंत्रता को सीखना, स्वतंत्रता को समझना ; _ इसका अर्थ है आसक्तियों से, परिणामों से, मतों से और अपेक्षाओं से स्वतंत्रता !!

आसक्तियों को तोड़ने से स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन आसक्तियों को तोड़ने का मतलब एक प्यारे और सार्थक रिश्ते को त्यागना नहीं है,

एक ऐसा रिश्ता जो आपकी आत्मा का पोषण करता है ; _ इसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भरता समाप्त करना ;; ” प्रेम कभी भी किसी पर निर्भर नहीं होता “

आज़ादी सर्वोपरि होती है, _ आज़ाद व्यक्ति अपनी इच्छा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है, खा-पी सकता है, कहीं घूम – फिर सकता है तथा विचारों को अभिव्यक्त कर सकता है.

गुलामी का जीवन कष्टमय होता है_ … अतः आज़ादी को सँभालकर रखना हम सभी का दायित्व है.

“–हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें कोई भी आजाद नहीं है, _जिसमें शायद ही कोई सुरक्षित है, _ ऐसा लगता है कि इसमें ईमानदार रहना और जीवित रहना लगभग असंभव है.–“

आप स्वतंत्र होने के लिए स्वतंत्र हैं; लेकिन यदि आप स्वतंत्र होने से इनकार करते हैं, तो कोई भी आपको स्वतंत्र नहीं कर सकता.

You are free to be free ; but if you refuse to be free, nobody can make you free.

अपने अस्तित्व की स्वतंत्रता को त्याग कर हालातों से समझौता करके घुटन के साथ जीना उचित है या फिर अपने अस्तित्व की स्वतंत्रता के साथ जीना ??
आज़ादी से ज्यादा मूल्यवान इस जगत में कुछ भी नहीं, _

_ जिन्हें ये स्वाद लगा, वो फ़िर कैद में नहीं रहते …!!

-आज़ाद खयाल होना गलत नहीं, _ बस सबको अपनी हद मालूम होनी चाहिए..

किसी को बाँध सकूँ ये हक़ तो नहीं मेरा,

_ खुद को आज़ाद कर लूँ ये फैसला ले लिया..!!

जब आप वास्तव में परवाह नहीं करते हैं कि कोई आपके बारे में क्या सोचता है,

_ तो आप स्वतंत्रता के एक अद्भुत स्तर पर पहुंच गए हैं.

When you truly don’t care what anyone thinks of you, you have reached a awesome level of freedom.

” स्वतंत्रता और समर्पण ” दो विपरीत शब्दों की तरह लगता है, _ लेकिन जब तक मैं इतना जी चुका हूं और जितना अधिक जी रहा हूं, मुझे लगता है कि इन दो शब्दों का एक ही स्रोत और अर्थ है.
जो बदला जा सके उसे बदलो, जो बदला ना जा सके _ उसे स्वीकारो, और जो स्वीकारा ना जा सके _ उससे दूर हो जाओ –

– लेकिन स्वयं को खुश रखो !

अधिकांश लोग वास्तव में स्वतंत्रता नहीं चाहते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता में जिम्मेदारी शामिल होती है_

_ और अधिकांश लोग जिम्मेदारी से डरते हैं..

जिंदगी में मन की शांति बहुत जरुरी है _ इसलिए लाइफ में खुद को खुश रखने का तरीका ढूंढिए और जो चीजें आपके मन को अशांत करती हैं _ उससे जितनी जल्दी हो सके दूर हो जाएं_

– ” जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे खुश हो कर जीएं “

हर पल तृप्ति है तो माथे पर शांति, चेहरे पर प्रसन्नता, वाणी में माधुर्य होगा और आपका व्यक्तित्व चुंबकीय – आकर्षक बनेगा.
जीवन एक यात्रा है.

_ हर मुसाफिर का अपना गंतव्य है.
_ किसी को जहां तक आपके साथ चलना है, वह वहीं तक साथ चलेगा.
_ जो जाएगा, उसे जाने दीजिए.
_ जो सच्चे होंगे, वे साथ बने रहेंगे.. उनकी कद्र कीजिए.
_ जो नया आएगा, उसका स्वागत कीजिए.
_ यही जीवन का नियम है.
 
“तीसरे प्रकार की यात्रा”
— जीवन में हर कोई कहीं न कहीं भाग रहा है —
कोई हालात से, कोई आदतों से, कोई अपने ही बनाये जालों से..
_ दो प्रकार के लोग उसी दौड़ का हिस्सा हैं — पहले असंतोष में, दूसरे दिखावे में..
_ पर तीसरे… उस यात्रा पर हैं — भीतर की यात्रा पर..
_ वे अब स्थान नहीं, स्थिति देखते हैं.
_ वे बाहर की नहीं, भीतर की आज़ादी चाहते हैं.
_ उनके लिए “कहाँ हैं” से ज़्यादा अहम है “कौन बन रहे हैं”
_ अगर आप तीसरे प्रकार के पथिक हो —
तो शायद आपकी राह अकेली होगी, पर हर कदम आपको सत्य के और करीब ले जाएगा.
– “जो बाहर की जगहों से मुक्त हो गया, वो भीतर का यात्री बन गया”
कभी भी किसी खास मौके के लिए कुछ भी सेव न करें. जीवित रहना विशेष अवसर है.!!

Don’t ever save anything for a special occasion. Being alive is the special occasion.

” बुद्धिमानी का कुल मतलब इतना है के, _ आप “मौज़” कमाना सीख गए,”
जीवन यात्रा में हर पल स्वयं को तलाशते रहिए.. तराशते रहिए..!
जीवन में कुछ लोग इतना कुछ झेल चुके हैं कि उन्हें कुछ अच्छा भी एक सेट अप जैसा लगता है.
एक बार लोगों को समझने में महारथ हासिल करने की देर है,

_ फिर कोई भी आपका फ़ायदा नहीं उठा सकता.!!

मानसिक शांति भंग करने वाले हर नकारात्मक तत्व से दूर रहना है मुझे…

_ चाहे वह कितना भी अजीज हो, इस के लिए उसे भी त्याग दूँगा….••

“– जो स्वयं को जोखिम में डालने को तैयार नहीं है, _वह जीवन के रहस्योद्घाटन को कभी नहीं देख सकता..–“

जीवन का अर्थ है आंतरिक शांति प्राप्त करना और यह आंतरिक शांति धन – दौलत से प्राप्त नहीं होगी, इसे बाजार से ख़रीदा नहीं जा सकता, _यह तो तभी प्राप्त होगी, जब आपके जीवन में रचनात्मक गुण हों.

_ काश हम सब “चीजें और सामान” जमा करने में कम समय बिताना सीखें _और यादें बनाने में अधिक समय व्यतीत करें.!!

आपको बिना किसी हिचकिचाहट के _उन चीजों पर खर्च करना चाहिए _जो आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखती हैं _और उन चीजों पर जमकर कटौती करनी चाहिए _जो आपके लिए मायने नहीं रखती हैं.

_कुछ चीजें हैं _जो पैसे से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं !!

“- जो आपके पास नहीं है _उसकी इच्छा करके +जो आपके पास है _उसे बर्बाद मत करो.”

दुनिया के सबसे खुशहाल लोग वो नहीं होते, जिनके पास सबकुछ सबसे बढ़िया होता है, _ पर वे होते हैं, जिनके पास जो होता है बस उसका सबसे अच्छे से यूज़ करते हैं.

_एन्जॉय करते हैं और भरपूर जीवन जीते हैं ! सादगी से जियो ; सबसे प्रेम करो ; सबकी केअर करो. _जीवन का आनन्द लो, यही असली जीना है..

हमेशा उन चीजों के लिए समय निकालें _ जो आपको जिंदा रहने में खुशी का अनुभव कराती हैं.

— ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपको खुश कर सकती हैं, _ उन चीजों पर ज्यादा ध्यान न दें जो आपको दुखी करती हैं —

” जीवन एक लंबी यात्रा है इसे उन लोगों के साथ सही ढंग से बिताएं _ जो आपके लिए मुस्कुराते हैं और आपसे प्यार महसूस करते हैं.”

जिंदगी के लिए जो बेहद जरुरी है, वो तो थोड़े से प्रयास से ही मिल जाता है,_

_ लेकिन जो कतई जरुरी नहीं, उसके लिए यहां अथक प्रयास किया जाता है.

“– एक ईमानदार जीवन जीने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता नहीं होती है.”

जैसे एक पौधे को खिलने के लिए एक महंगे गमले की नहीं, एक अच्छी मिट्टी की आवश्यकता होती है, वैसे हीअच्छा जीवन जीने के लिए हमें महंगे साधनों की नहीं _ सरलता की, सहजता की और अच्छी समझ की जरुरत पड़ती है..!

जिन चीज़ों की आपको वास्तव में आवश्यकता है _वे कम हैं _और आसानी से मिल जाती हैं;

_लेकिन जिन चीज़ों की आप कल्पना कर सकते हैं कि आपको ज़रूरत है _वह अनंत हैं, _और आप कभी संतुष्ट नहीं होंगे.

“- जब आप संतुष्ट होते हैं और अत्यधिक इच्छाओं से मुक्त होते हैं, तो जोड़-तोड़ करने वाले व्यक्तियों को शोषण करना या हस्तक्षेप करना मुश्किल लगता है.”

जिंदगी मिली है तो जिंदगी के हर अनुभव को सीख कर आगे बढ़ना ही जीना ही कहलाता है..

_ हारो तो उसे जिंदगी का पाठ समझो _ जीतो तो जिंदगी का इनाम..

अपना काम अच्छे तरीके से करने के बाद संतुष्ट और मस्त हो कर आराम कीजिए,

_ दूसरे आपके बारे में क्या बात करते हैं, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए !!

ज़िंदगी में जरूरी नहीं सब कुछ हमारे ही हिसाब से हो, जब लाख प्रयास के बाद भी _

_ आप के हिसाब से सब कुछ न हो तो _ समझो जो हो रहा है _ वही होना था..

जीवन उसी का मस्त है, जो स्वयं के कार्य मे व्यस्त है ; _

_ परेशान वही है जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है !!

-हर व्यक्ति का अपना सफ़र है, अपनी मंज़िल है _ हम साथ चलकर भी अपने-अपने सफ़र के मालिक हैं-

मेरा सफ़र अकेला है ,,,! पर मंज़िल तक पहुँचने के लिए, कुछ महान हस्तियों के, मार्गदर्शन की बहुत जरुरत होती है !!

न तुम मुझे बांधो, _ न मैं तुम्हें बांधू _ क्योंकि आकाश में साथ साथ तो उड़ा जा सकता है _ लेकिन बंधे हुए नहीं..
जिंदगी अब तुझे और समझना नहीं, क्योंकि जितना समझना चाहता हुँ _ और उलझता जाता हुँ..
चल जिंदगी ! नई शुरुआत करते हैं, _ जो उम्मीद औरों से की थी, वो अब खुद से करते हैं….!
जीवन में आज़ादी असुरछा से घिरी होती है, इसलिए अधिकांश लोग पिंजरे में जीवन जीते हैं.
आजादी संसार की सबसे सुंदर चिज है, इसे पकड़ लो _ चाहे इसके लिए जो भी छूट जाए..!
जिंदगी को बेहतर तरीके से जीना है, तो दूसरों की नहीं खुद की सुनिए ..
मैं अपनी आजादी का हकदार हूँ, _ किसी की अनुमति का मोहताज नहीं..
असली सफलता वही है जिसमे हम खुद को किसी के साथ तुलना करना बंद कर देते हैं…!!!
केवल एक ही सफलता है – अपने जीवन को अपने तरीके से व्यतीत करने में सक्षम होना..
” खुद से प्यार करो ” और जितने के आप लायक हो _ उससे कम पर समझौता मत करो.
सामान्य ज्ञान एक ऐसा फूल है _ जो हर किसी के बगीचे में नहीं उगता..
आपके जीवन की ख़ुशी _ आपके विचारों की _ गुणवत्ता पर निर्भर करती है.

The happiness of your life depends on the quality of your thoughts.

ज्ञान पाकर, अज्ञान दूर करें_ यदि कोई सोचे कि ‘ ज्ञान नहीं मिला तो क्या फर्क पड़ता है ?

” इसका जवाब __” ज्ञान से मिलनेवाली _ आज़ादी का आनंद ” महसूस करने के बाद ही मालूम पड़ता है.

दूरदर्शिता का गुण दुर्लभ होता है, बहुत कम लोगों में यह पाया जाता है, _ जिन थोड़े- से लोगों में यह होता है,

_ वे मनन के ज़रिए भावी संभावनाओं को पहले से ही जान लेते हैं.

अगर आपकी लाइफ में चैलेंजेज हैँ, बाधाएं हैँ तो उन्हें कोसते मत रहिये, कहीं ना कहीं ये आपको fresh and lively बनाये रखती हैँ,

इन्हेँ accept करिये, इन्हे overcome करिये और अपना तेज बनाये रखिये.

मेरे चेहरे पर मुस्कान का मतलब यह नहीं है कि मेरी जिंदगी परफेक्ट है, _

_ इसका मतलब है कि मेरी चुनौतियों के बावजूद, मैं अपनी खुशी और जीवन के सर्वोत्तम क्षणों पर ध्यान केंद्रित करना चुनता हूं.

“जीवनयापन का उपाय तलाशना और सार्थक जीवन जीना अलग-अलग बात है”
अपने पिछले अनुभवों को कभी भी अपने भविष्य को नुकसान न पहुंचाने दें _

_ आपका अतीत बदला नहीं जा सकता और आपका भविष्य सजा के लायक नहीं है..

बस सबसे अच्छा बनने की कोशिश करो, जो आप हो सकते हैं ;

कभी भी सबसे अच्छा बनने की कोशिश करना बंद न करें, _ यह आप की शक्ति है..

उन लोगों, स्थानों और परिस्थितियों से दूर जाने के लिए तैयार रहें_

_ जो आपको आपकी पूरी क्षमता तक पहुँचने से रोकते हैं..

अगर आप किसी चीज को पाना चाहते हैं, तो पहले देख लें कि _

_ उसे पहले से हासिल करने वाले इंसान खुश हैं या नहीं ..

जीवन में कई बार हम बड़ी परेशानियों से यूं निकल जाते हैं,_

_ मानो कोई है जो हमारा साथ दे रहा है.

जीवन की नाव को पार लगाने में..

_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की.!!

कल्पना कीजिए कि आप क्या चाहते हैं, अपने अंदर की खुशी को महसूस करें,_

_ और आकर्षण का नियम आपके लिए इसे प्राप्त करने का सही तरीका खोज लेगा..

आप अपनी भावनाओं को तुरंत बदल सकते हैं .. कुछ आनंददायक सोचकर, या कोई गीत गाकर,

_ या एक सुखद अनुभव को याद करके..

जिस व्यक्ति में ज्ञान और कुछ सीखने की भूख होती है, वह हमेशा तरोताजा अवस्था में रहता है,_

_ उसके पास विचारों का व्यापक दृष्टिकोण है और इसके साथ ही वह अंततः महान उपलब्धियां हासिल करता है..

जीवन की त्रासदी यह नहीं है कि यह इतनी जल्दी समाप्त हो जाता है,_

_ बल्कि यह है कि हम इसे शुरू करने के लिए इतना लंबा इंतजार करते हैं..

बुद्धिमान को खुश करने के लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है,_

_ लेकिन मूर्ख को कुछ भी संतुष्ट नहीं करता है; और यही कारण है कि इतनी सारी मानव जाति दुखी है.

होशियार व्यक्ति दुनिया को अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश करता है _

_ बुद्धिमान व्यक्ति खुद को दुनिया के अनुरूप बना लेता है.

कोई नामुमकिन सी बात को, मुमकिन कर के दिखा _

_ खुद पहचान लेगा ज़माना, भीड़ से तू अलग चल कर दिखा !!

लोग हमेशा कहते थे कि यह असंभव है, _ लेकिन सच्चाई यह है कि यह दुनिया उन लोगों द्वारा बनाई गई है, _

_ जिन्होंने ऐसे काम किए जिन्हें लोग असंभव समझते थे..

जब आप की समझ बढ़ जाती है तो ; आप जीवन में परिवर्तन देखते हैं ; यहां तक ​​​​कि सबसे छोटा परिवर्तन भी देख पाते हैं _

अमूमन जहाँ किसी का ध्यान नहीं जाता है, और आप कभी भी संबंध नहीं खोते हैं..

सफलता की गिनती इस बात से नहीं होती है कि व्यक्ति कहाँ पहुँच गया है_

_ बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि उसने वहाँ पहुँचने के लिए कितनी बाधाओं को पार किया है..

अगर हमारा मन कठिनाइयों को झेलने के लिए तैयार हो जाता है, _

_ तो कठिनाइयां हमें दुखी नहीं बना सकतीं..

अपने बारे में लोगों को समझाना बंद करें और लोगों को सब कुछ कहने दें,

_ आप जो करते हैं, उसके बारे में किसी को कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है_ आपका जीवन आपका है, _ उनका नहीं..

कभी भी किसी को अपने जीवन में अपने लिए जगह बनाने के लिए मजबूर न करें,

_ क्योंकि अगर वे आपकी कीमत जानते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपके लिए एक जगह बनाएंगे.

अगर आपकी सफलता आपकी शर्तों पर नहीं है, अगर यह दुनिया को अच्छी लगती है _

_ लेकिन आपके दिल को अच्छी नहीं लगती है, तो यह सफलता बिल्कुल नहीं है.

आश्वस्त और दृढ़ रहें; अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा के बावजूद _ कभी हार न मानने वाला रवैया विकसित करें –

_ ” कोई समस्या नहीं है, केवल चुनौतियाँ और समाधान हैं”

कभी – कभी आपको कठिनाइयों का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता कि आप कुछ गलत कर रहे हैं,

बल्कि इसलिए कि आप कुछ सही कर रहे हैं..

आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए, _

_ मानवता एक सागर है; सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाए तो सागर गंदा नहीं होता..

हर दिन बस चुटकी भर सीख भी मिल जाये काफी है..
मैं गिरा, रोया, उठा, फिर हँसा..

तुमने देखा, बस हँसे, और गिर गए…

टूटना, बिखरना सदैव पीड़ा बनकर नहीं रहता… ‌ किसी पतझड़ का पीछा करते हुए तुम…

स्वयं को एक दिन _ फूलों के बगीचे में पाओगे….

दुनिया को विज्ञान कितना भी विकसित और सुखद बना दे,

लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती है.

संसार के दुःखो को दूर करने के लिए, स्वयं को पहले सुखों से संपन्न बनाना पड़ेगा,

जो रब की याद से संभव है…

अपने जीवन का आनंद लें, अपने सपने देखें, _

_ अपनी मेहनत से खुद को साबित करें और अपना जीवन बदलें..

” जिंदगी शुरू करने का सबसे पहला सूत्र याद रहे, कि,

क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, ” सुखद की सुखद और दुखद की दुखद “

हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं जिंदगी के लिए !

_ एक सुकूँ से भरी जिंदगी है बहुत, चाहिए कुछ नहीं और ख़ुशी के लिए !!

कड़वा है, मीठा है, फीका है, शिकवा क्या कीजिए,

जीवन समझौता है, घूँट – घूँट पीजिए …!!

दौलत -ए- दर्द को दुनिया से छुपा कर रखना,

आंख में बूंद ना हो _ दिल में समन्दर रखना..

मन खुश है तो _ एक बूंद भी बरसात है…

दुखी मन के आगे _ समंदर की भी क्या औकात है..

मैं मानता था कि प्रार्थना चीजों को बदल देती है, लेकिन अब मुझे पता है कि _

_  प्रार्थना हमें बदल देती है _ और हम चीजों को बदल देते हैं..

जो आसानी से मिल जाए वो हमेशा तक नहीं रहता,

_ जो हमेशा तक रहता है वो आसानी से नहीं मिलता..

  •  
  • “- किसी को आसानी से मत मिल जाना, _ लोग सस्ता समझने लगते हैं -”
हो सकता है कि आप कई चीजों में परिपूर्ण न हों, लेकिन आपके बिना कई चीजें परिपूर्ण नहीं हो सकतीं,_अपने छोटे-छोटे तरीकों में खास रहें.
दुनिया में सबसे खुश,,वो लोग रहते हैं, जो ये जान चुके हैं कि _ दूसरों से किसी भी तरह की उम्मीद करना व्यर्थ है..
चीजों को आसान बनाएं, जीवन आसान है _ हम इंसान इसे जितना जटिल बना रहे हैं उतना ही जटिल बना रहे हैं.
किसी दूसरे के बुरे व्यवहार में इतनी ताक़त नहीं होनी चाहिए — कि वो आपके मन की शांती को खत्म कर दे,,,
” बाधाएं वे चीजें हैं जो एक व्यक्ति तब देखता है _ जब वह अपने लक्ष्य से अपनी आंखें हटा लेता है “
जिसके पास बुद्धि है वह कभी दुखी नहीं हो सकता _ और न ही कोई दूसरा उसे ऐसा बना सकता है..
जब से मैंने स्वयं को प्रसन्न रखने का निर्णय लिया है, _ तब से मेरे लिए कोई समस्या नहीं रही .!
जब आपका अपने विचारों पर नियंत्रण होता है, _ तो आपका अपने जीवन पर नियंत्रण होता है.
खुशी हमेशा उस दरवाजे में छिप जाती है _ जिसके बारे में आपने नहीं सोचा था कि _ वह खुला है..
वक्त के साथ चलना कोई जरुरी नहीं, _ सच के साथ चलिए, एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा.
एक बुद्धिमान व्यक्ति न केवल सलाह लेना जानता है, _ बल्कि उसे अस्वीकार करना भी जानता है..
आप अपने जीवन से कुछ भी नहीं सीखते हैं _ यदि आपको लगता है कि आप हर समय सही हैं.
असलियत से जुड़ जाना ही मन को शान्ति देने का ढंग है, _ कृत्रिमता मन को अशान्ति देती है.
दुनिया की महत्वपूर्ण चीजें उन्हें मिली हैं _ जिन्होंने आशा न होते हुए भी _ प्रयास जारी रखा..
बहुत दूर का देखने की कोशिश व्यर्थ है, एक एक कदम चलते चलो, _ रास्ता मिलता जाएगा.
हम जिस रस्ते से गुजरते हैं _ उस रस्ते से हमेशा के लिये गुजर जाना ही _ बेहतर समझते हैं.
दूसरों के साथ अपने जीवन की तुलना न करें, _आपको पता नहीं है कि उनकी यात्रा क्या है.
अगर आपका रास्ता सबसे अलग है, तो _ इसका मतलब यह नहीं कि आप खो गए हैं…
जो हो रहा है उसे होने दो, _ उसने तुम्हारी सोच से भी बेहतर तुम्हारे लिए सोच रखा है..
यदि आप अपना दिमाग ठीक कर लें,_ तो आपका शेष जीवन सही हो जाएगा.!
हम भीतर से जो हासिल करते हैं,  _ वह बाहरी वास्तविकता को बदल देगा..
सब्र करो.. _ जिसके काबिल हो, ज़िंदगी वो हर चीज़ देगी तुम्हें !
स्वस्थ जीवन जीने के लिए कम से कम आवश्यक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए..
सिर्फ जन्म लेने से आपको जीवन नहीं मिलता, _ इसे सही तरीके से जीना होगा.
“हम बहुत आभारी हैं कि हमें मनुष्य के रूप में जीवन जीने की अनुमति दी गई”…
अच्छी तरह से जीना, पूरी तरह से जीना, जीवन का उद्देश्य है, कोई दूसरा उद्देश्य क्यों पूछें ?
ख्वाहिशों की आदत भी कितनी बेतुकी है…! _ मुकम्मल होते ही फिर से बदल जाती है..!!
अपने आप को याद दिलाएं कि आपको वह नहीं करना है _ जो बाकी सभी कर रहे हैं.
जब आप ज्ञान से प्रबुद्ध होते हैं, तो आप भौतिकवादी दुनिया में कभी नहीं खोते हैं..
त्याग दो अपने बीते हुए कल को, क्योंकि उसका प्रभाव आने वाले कल को दूषित कर जाएगा.
” आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और का जीवन जीने में बर्बाद न करें “
जिस चीज़ के लिए आप तैयार हो जाते हो, _ वह चीज़ आपके जीवन में आती है.
इंसान ज़िन्दगी बनाने के चक्कर में, _ ज़िन्दगी जीना भूल जाता है .!!
जो हो जाय, उससे प्रसन्न रहो, _ जो होना होगा, वो, होके ही रहेगा..
हर कोई इस बात से अनजान है कि _ वो खुद कितना क़ीमती है !!!
” जिंदगी हल्की महसूस होगी ” _ अगर दूसरों से कम उम्मीद और खुद पर ज्यादा भरोसा हो तो ..!!
आप क्या महसूस करते हो, ये सिर्फ आप महसूस कर सकते हो, _ और दूसरा कोई नहीं..
सबसे समझदार व्यक्ति वह होता है जिसके आँख कान तो खुले हों _ परंतु मुंह बंद हो..
सबसे ज्यादा गरीब वह है, _ जिसकी खुशियाँ दूसरों की अनुमति पर निर्भर करती है..
बात जब फूलों से करना आ गया .._.. ज़िंदगी में रँग भरना आ गया.
किसी ने भी आपकी खुशी का ठेका नहीं ले रखा है _ सिवाय आपको छोड़कर ,,
साधारण चीजें ही सबसे ज्यादा असाधारण होती हैं, और केवल बुद्धिमान लोग ही उसे देख पाते हैं.
तुम रास्ता बनाओं, मंज़िल तुम्हें मिल जायेंगी _ हिम्मत और लगन हो, तो कोशिश रंग लायेंगी..
जब हम खुश रहतें हैं, _ तब हमारी कार्यशैली सर्वोत्तम अवस्था में होती है.
अपनी कामयाबी को कभी छोटा मत समझो, ये सबको प्राप्त नहीं होती.
कोशिश में कोई कमी ना रखना, _ नतीजे तो आए दिन बदलते रहते हैं.
प्रसन्न वो हैं, जो अपना मूल्यांकन करते हैं _ परेशान वो हैं जो, दूसरों का मूल्यांकन करते हैं..
बुद्धिजीवी व्यक्ति का दिमाग हर वक़्त खुद के दिमाग की तरफ ध्यान देता है.
जब आप शांत हैं या नहीं, इस बात पर परेशान नहीं होते हैं तो यही शांति है.
यकिन रखिए ऊपर वाले का फैसला हमारे फैसलो से बहुत अच्छे होते हैं.
हर स्थिति में अच्छाई देखने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें
आप चिंतन तो करके देखिए, चिंता करने की आवश्यकता ही न होगी !
किसी के अंदर इतना भी मत झांको कि अपनी नाक को कपड़े से ढकना पड़े.
चिंता का दिन एक हफ्ते के काम से ज्यादा थका देने वाला होता है.
जीवन एक बार का ऑफर है, इसे अच्छी तरह से उपयोग करें..!!
चिंता करना हमारी आदत बन चुकी है, इसलिए हम दुखी हैं.
ज्ञानी चिंता सहित भी चिंता रहित होता है.
सुख को बांटने वाला दुखी हो ही नहीं सकता..
जीवन में महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अंदर से क्या हैं न कि बाहर से..
ऐसे बहुत से लोग हैं _जो आपके पास है _उसकी कामना करते हैं.
जीवन एक प्रश्न है _ और हम इसे कैसे जीते हैं _ यह हमारा उत्तर..
इंसान ने सब कुछ खोज लिया, _ सिवाय इसके की जीना कैसे है.
जीवन तो सबको मिल जाता है,_ जीना बहुत कम को आता है.
” जैसे तैसे ” गुजरने वाली को उम्र कहते हैं ” जिंदगी नहीं “
चलो बिखरने देते हैं जिंदगी को, सम्भालने की भी एक हद होती है.
जो थोड़े से तृप्त हो जाता है _ उसके लिए इस संसार के सारे कष्ट आसान हो जाते हैं.
ज़िन्दगी के कुछ और पैमाने तय करो.._..बस जी लेना ही तो जिन्दगी नहीं..
ज़िंदगी कह रही थी “आ जी ले ” __ मुझसे इतना सा काम भी न हुआ..
जिंदगी तो प्यार के लिए भी कम है और लोग इसे नफरतों में गवा देते हैं.
जिसे संभाल न पाओ, उसे बिखेरा न‌ करो.
जीवन यात्रा है, इस यात्रा में जीवन जीने का ढंग महत्वपूर्ण है.
जैसे जैसे आप अधिक जागरूक होते जाते हैं _ इच्छाएं गायब होती जाती हैं !
जब हमारी चाहतें कम होती हैं _ तब जीवन जीने का मजा दोगुना हो जाता है..
समय की बर्बादी एक छोटे से जीवन को और भी छोटा कर सकती है..
हम हैं उलझे हुए उनमें क्यूँ बेवजह, जो जरुरी नहीं ज़िंदगी के लिए..
अपनी आवश्यकताएं सीमित रखना सुखी जीवन का मूलमंत्र है.
अशांत तुम इसलिए हो _ क्योंकि _ गैर ज़रूरी के पीछे पड़े हो..
सिर्फ *सुकून* ढूँढिये…._ *जरूरतें* तो कभी खत्म *नही* होंगी.
ज्ञानी कभी कुछ त्यागता नहीं, _ जो व्यर्थ है वह छूट जाता है.
नकली लोगों के नाटक में क्यों फंसें_जब आप अपने जीवन को उन लोगों के साथ साझा कर सकते हैं_जो वास्तव में आपकी परवाह करते हैं.
अपने आप से पूछें कि वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है और फिर अपने उत्तर के आसपास _ अपना जीवन बनाने का साहस करें.
जिसे जीने की कलाकारी आ गई,_ वह जीवन के रंग मंच पर कभी असफल नहीं होता.

_ वह जीवन में उतनी हीं जरूरतें जोड़ता है _ ताकि जीवन ना घटे,

_ इस यात्रा पर निकला वह यात्री ज्य़ादा खुश है _ जिसके पास कम सामान है.

“– जीवन में ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाए.–“

रुई का गद्दा बेचकर मैंने दरी ख़रीद ली,_

_ ख़्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और ख़ुशी ख़रीद ली.

एक खुशहाल जीवन के लिए थोड़े की जरुरत होती है _ यह सब आपके अंदर है _ आपके सोचने के तरीके में.

“-एक बार जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुँच जाते हैं, तो आप बहुत सी चीज़ों से स्थायी रूप से अप्रभावित हो जाते हैं.”

अमीर वह नहीं जिसके पास बहुत है; _ अमीर वह है जिसकी आवश्यकताएं बहुत कम हैं !
योजना बना कर चलना अच्छी बात है, मगर _ योजनाओं के नाम पर चिन्तायें पालना ठीक नहीं.
आपके पास जो भी है, उसमें खुश रहें _ ज्यादा की कामना कर के दुःख को आमंत्रित ना करें.
अगर आप मेहनत से काम करेंगे तो.. _ तब आपको लगेगा की ” यह जीवन बहुत खूबसूरत है “
तब ये बिलकुल भी नहीं पता था ” क्या चाहिए ” _ मगर ये पता था ” क्या नहीं चाहिए “
बुद्धिमान वह है _ जो जीवन में आवश्यक और अनावश्यक चीजों के बीच अंतर कर सके.
– ख़ुद को ख़ुश रखने के तरीके ढूँढें,__ क्यूँकि तकलीफें तो आपको ढूँढ ही रही हैं.

” – जो खुद में खुश रहता है _ उसके लिए सभी परिस्थितियाँ अच्छी होती हैं..”

इबादत एक मुकाम तक ले जाती है, _ आगे दीवानगी रास्ता दिखाती है..
कई जरिये हैं कुछ कहने के, उनमें से एक जरिया है ” कुछ न कहना “
मैं भी हूँ सौदागर कैसा, __ ख़ुशियों का सौदा गम से कर रहा हूं…
उन चीजों को हासिल करें _ जो आपके लिए मायने रखती हैं.
ख्वाब, ख्वाहिश और लोग _ जितने कम हों _ उतना अच्छा..
जो हाथ में न हो, उसे मन से भी आज़ाद कर देना चाहिए..!!
जो बातें मैं कभी नहीं कहता, _ वे मुझे कभी परेशानी में नहीं डालतीं..!
न कोई उम्मीद…न कोई चाह.., _ बस चलता रहता हूँ…अपनी राह…!
हर कोई _ इस बात से अनजान है की _ वो खुद कितना कीमती है !!!
ज़िन्दगी चलने मेँ _ सुख और दुख _ दोनों पैरों की जरुरत है !!
शांति की इच्छा हो तो…_ पहले इच्छा को शांत करो..
उम्मीदें डरती है मुझसे, _ मैं वास्तविकता का हाथ थामें रहता हूँ..!!!
अपने शौक को कभी भी खत्म न होने दें, बल्कि उनको एक आकार दें .!!
बहुत कुछ होता है जिंदगी में _ जिसके लिए कभी भी समझौता _ मत करना..
जरुरी है कि बिना प्रयास किए, असफलता स्वीकार न की जाए.
जब आप दूसरों पर निर्भर होते हैं, _ तो आप अपना जीवन स्वयं नहीं जी सकते.
अपनी ज़िंदगी को सजाने संवारने की जिम्मेदारी _ आपकी खुद की है.
अगर आप ख़यालों में कैद हो, तो आप की हर आजादी बेकार है..!!
जब जीवन आपको समय देता है, आराम करें और इसका आनंद लें.
” दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है “
मुझे वह लोग पसंद हैं जो अपनी मौज में रहते हैं,

साज़िशें नहीं करते, नफ़रतें नहीं फैलाते, ” मगर कम होते हैं ऐसे लोग !!! “

ज़िंदगी से बडा़ कोई मज़हब नहीं होता,_ और अपने जिस्म से सगा कोई दूजा नहीं होता,

तो सबसे पहले ज़िंदगी की परवाह होनी चाहिये,”

जीवन कठिन तब लगता है, जब हम स्वयं को बदलने की बजाय दूसरों को बदलने का प्रयास करते हैं.
अपने विकास का हर दिन हिसाब रखना सबसे अच्छा होता है, क्या आप दिन प्रति दिन पहले से अच्छा,

_ ज्यादा खुश, और ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं.

कुछ लोग अपने बारे में खुद फैसला लेने से डरते हैं, उन्हें लगता है कि कुछ गड़बड़ हुआ, तो जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी. इससे अच्छा है दूसरे के कहे अनुसार चलो, असफल होने पर कह सकते हैं कि मैंने अपनी मर्जी से कुछ नहीं किया.

अपनी जीवन की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर किसी और को नहीं बैठने देना चाहिए. किसी और को बैठाने वाले जिम्मेदारियों से भागते हैं.

उन चीजों पर ध्यान देना जो लोगों ने कहा है कि आपको ” करना चाहिए ” आपकी खुशी को मार देगा ;

_ हर कोई अलग है, और आपकी खुशी का भी कोई रास्ता होगा.

आज़ादी सिर्फ बोलने की नहीं होती, सोचने की भी होती है और वह सोच तभी विकसित होती है जब हम उसे रोज़मर्रा के जीवन में अपनाते हैं.

_ सोचने की शक्ति कोई विशेषाधिकार नहीं है, यह अभ्यास से आती है.!!
अपनी मर्ज़ी से आज बेनियम, बेकायदा जी लो जितना जीना है, जैसे भी जीना है.

_ जीवन में पास तो होने से रहे,.. वापस लौट कर बीते हुए कल पर ही आओगे.
_ उन्हीं संस्कारों की तारीफ़ करोगे, उसी अनुशासन को सराहोगे, अपनाओगे.
_ मूर्ख युग आते-जाते रहते हैं..
_ टिकता वही है.. जो तार्किक रूप से सही होता है और बिखरता नहीं.!!
 
“दखलअंदाजी की आजादी” –
_ हम अपने जीवन में चाहे जो करें किसी दूसरे के जीवन में दखलअंदाजी करने का हमें रत्ती भर भी अधिकार नहीं,
_ अगर हम किसी के जीवन में बिना अनुमति दखलअंदाजी करते हैं तो हमें परिणाम भुगतने को तैयार रहना चाहिए.!!
वाकई हम सब इस तरह से पले बढ़े हैं कि अपनी खुशी की चाबी भी दूसरों को दे देते हैं, ;

अपनी किसी भावना का कोई एहसास ही नहीं रहता है, _ किसी एक खुशी को बताने के लिए सामने वाले पर इतने निर्भर हो जाते हैं कि उसके मूड के आगे अपनी खुशी गम उधार पर दे देते हैं.

जब हम खुद में खुशी ढूंढ लेते हैं तो दूसरे पर बोझ नहीं उसके साथी होते हैं, __ एक दूसरे की खुशी साझा करने बढ़ाने के लिए साथ होते हैं “

जिंदगी को अपने स्वाभाविक लय में जीने का अलग ही सुख है. यह दिमाग को शांत रखता है, जिससे जिंदगी का सुख जुड़ा हुआ है. अगर आपने अब तक केवल दूसरों की बुराइयां गिनने में समय गुजारा है, तो अब स्वयं में बदलाव लायें. यह कठिन नहीं है, बस केवल आत्मानुशासन की जरुरत है.

एक लंबे अंतराल के बाद पता चलता है कि हमने जिंदगी उस काम में गुजार दी, जिसमें खुद अपना ही अहित हुआ, तो आनेवाले समय में इस बात का ख्याल रहे कि अच्छे और नेक काम में समय बीते. यही जिंदगी का फलसफा है.

जीवन का मजा जीवंत रहने में है, इसलिए अपने स्वभाव के अनुसार जीवंत बने रहिए.

ये जो ((( नकल ))) से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !

_ ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,
_ यही है जो हमें हमारे वास्तविकता से दूर रखता है, और यही है जो हम पर बोझ है,
_ यही है जो हमें आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,
_ फिर तुम कमाल हो _ तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
” मैं भग्यशाली हूँ ” क्यूंकि मुझे अपने अनुसार जीवन जीने का अवसर मिला..

_ सोसाइटी की नजर में तोपचंद बनने से अपना दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं,
_ वो अमीरी मुझे महा गरीबी लगती है _ जिसमे गुलामी होती है मजबूरी होती है..
_ चाहे दुनिया का सबसे बड़ा काम करो _ मगर आजादी नहीं तो _ सब व्यर्थ..
_जीवन से मृत्यु तक का सफर मगर _ ” उसके पहले जी लो जिंदादिली से “
 
सब कुछ छोड़कर कहीं चले जाना चाहता हूँ,
_ मैं ज़िंदगी भर गम में नहीं जीना चाहता..
_ मुझे एक सुकून भरी ज़िंदगी चाहिए, ठंड और गर्मी का थोड़ा-सा मिश्रण..
_ “मैं थक चुका हूँ”… मैं कहीं ज़िंदा महसूस करना चाहता हूँ..
_ और अगर वो यहाँ नहीं है, तो चलो कहीं और जाता हूँ,
_ जहाँ मुझे वो मिले.. जिसका मैं हक़दार हूँ.
_ जहाँ प्यार की भीख न माँगनी पड़े या उसे ऐसे न ढूँढना पड़े जैसे वो दुर्लभ हो.
_ जहाँ लोग मुझे ऐसे देखें.. जैसे हम उनके अपने हों, न कि कोई जो मेरी आज़ादी छीन रहा हो..
_ चलो कहीं और जाता हूँ, जहाँ मैं आज़ाद महसूस करूँ.!!
 
दूसरों को पूरी आजादी के साथ जीवन की खूबसूरत यात्रा जीने की इजाजत दें..
 
_ मुझे दूसरों की आजादी पर रोक लगाना पसंद नहीं है या मैं इसमें रुकावट बनना नहीं चाहता..!!
कोई गलत सही नहीं होता …पर अपनी बात सही बोलने वाला..

_ खुद की आजादी रख कर दूसरे को बांधना चाह रहा हो तो.. वो गलत ही है.!!

काश कोई ऊपर से आकर मुझे अपने साथ ले जाए..

_ इसलिए नहीं कि मैं बादलों की खूबसूरती देखना चाहता हूँ, बल्कि इसलिए कि मैं देखना चाहता हूँ कि हर चीज़ का बोझ न होने पर कैसा लगता है, आज़ाद होने पर कैसा लगता है.
_ मैंने जन्म से ही ऐसा अनुभव नहीं किया है, इसलिए सोच रहा हूँ कि क्या कोई मुझे ऐसा जीने में मदद कर सकता है.!!
सब कुछ सुधारने की ज़िम्मेदारी आप की नहीं है जो नियंत्रण से बाहर हो, उसे आज़ाद कर दो..

_ “चाहे हालात हों, या फ़िर इंसान”

सोसाइटी का ताना बाना ही ऐसा है..Ignore करना ही बेहतर है.. क्योंकि सोसाइटी बाज़ आयेगी नहीं _बस आप प्रभावित होना बंद करेंगे _तभी आज़ादी का अनुभव करेंगे.. कुछ लोगों को किस्मत ही कहेंगे कि आज़ाद जीवन जी पाते हैं..

_मगर बहुत सारा प्रतिशत ऐसा भी है _ ख़ुद की आजादी के लिए इंसान को आजीवन जूझना होता है.. ऐसे में आप सिर्फ़ इग्नोर करें या सक्षम हैं तो वह जगह ही छोड़ दें _बट यहां मुझे नहीं लगता कोई ऐसी जगह बनी होगी _जहां सुकून मिले _सुकून भी अब छीनने वाली चीज़ बन गई है..

नैतिक अनैतिक के बोझ के तले इंसान अपने पसंदीदा शख़्स से दुःख, दर्द, तकलीफ़ नहीं बांट सकता.

_ लोग क्या सोचेंगे, ज़माना क्या कहेगा, रिश्ते सवाल उठाएंगे, अपने मुंह मोड़ लेंगे बस यही सोच सोच कर इंसान एक जिंदा लाश बनकर जीता है.

_इस सोसइटी को हंसते, मुस्कुराते, खुश लोग पसंद नहीं, वो ज़िंदा लाशों को सर माथे पर बैठाता है.

टॉक्सिक लोगों को उंगली करने में मजा आता है.

_लेना देना कुछ नहीं होता _बस आपका कोई दुख जान जाएं तो _कुरेद कुरेद कर जीना हराम कर देते हैं.

_अब सोसाइटी का क्या कहें _ऐसे ही लोग मिलकर सोसाइटी बनाते हैं _जहां किसी की निजता का कोई मूल्य नहीं..

_सोसाइटी के so called मापदंडों पर यदि आप खरे नहीं उतरते _ तो जीना मुश्किल कर देंगे ये लोग..!!

_ जिस दिन सोसइटी को ठीक से जान जाओगे, उस दिन सोसइटी से सम्मान पाने की चाहत और बदनामी का डर दोनों मिट जाएगा, फिर जी उठोगे !!

ज्यादातर मैं लोगों में घुल मिल नहीं पाता…

_ वास्तव में मैं उनके जैसा नहीं बनना चाहता…

_ वे उम्मीद करते हैं कि मैं भी उनके जैसी सोच रखूं…जो कभी सम्भव नहीं है…

_ जो मैं हूँ, जैसा मैं हूँ.. हु-ब-हु वैसा ही रहना चाहता हूँ…

“मुझे लोगों से मिलनसार न होने का दोष नहीं लगता,

_ हालाँकि मुझे कभी-कभी इसका पछतावा हो सकता है..

_ लेकिन जब मैं सोसाइटी या दुनिया में आता हूँ..

_ यह एक नैतिक पतन जैसा लगता है- वेश्यालय में प्यार ढूँढ़ने जैसा..!!”

हम इंसान है सामाजिक प्राणी हमें तो समाज में ही रखना है खुद को, ताकि आज से झूठा बेहतर कल की कोशिश की तलाश में, ताकि अपने आसपास खुद को सर्वश्रेष्ठ महसूस करा सकें और उस झूठी सम्मान की तलाश कर सकें, _जो वास्तविक रूप से आपके व्यक्तित्व से जुड़ी ही नहीं है,

_क्यूंकि हम सब एक चादर ओढ़े मन में कुंठा लिए खुद को बचाने की कोशिश करते रहते हैं और जब सम्मान उस चादर का है तो _जिस दिन चादर हटेगा वो सब अपने साथ ले जाएगा _जो हम सबने उस चादर के भरोसे कमाये हैं.

मैंने उन बातों को आज़माया है, जिसे सोसाइटी ने हमेशा मना किया है

_ एक ही तो जीवन है,
_ उसमें भी उलजूलूल फालतू की रोक टोक और पाबंदी, इन सबका कोई मोल नहीं,
_ क्योंकि अब तक जितने भी रोक टोक पाबंदी मैंने देखें है,
_ वो सब केवल जीवन को बर्बाद करते थे,
_ जीवन जब उबाऊ होने लगे, कोई मजा न आए
_ तो हमें हर उन कारनामों को करके देखना चाहिए
_ जिनसे जिंदगी में नयापन आ सकें,
_ हो सकता है, ये हमारे जीवन जीने का वास्तविक तरीका हो..
_ पाबंदियों के पीछे छुपी है “एक खूबसूरत दुनिया,”
_ मुझें उसे भी एक्सप्लोर करना है.. “अब परवाह नहीं कोई फिक्र नहीं..”
 
जो सोसाइटी आपको रोने के लिए कंधा नहीं दे सकता, वो एक दिन आपसे आपके एकान्त में बहने वाले आँसू भी छीन लेगा.
_ मन में दुःख लिए, औरों के लिए मुस्काते रहना आपकी ज़िम्मेदारी बिल्कुल नहीं है.
_ जितना ज़ियादा उनके के हिसाब से ढलेंगे, उतना ही ज़ियादा दोहन आपका होता रहेगा और इसके बदले में आपको कोई सांत्वना पुरस्कार भी नहीं मिलना.
_ सकारात्मकता, सोसाइटी का रचा हुआ एक प्रपंच है.
_ खुद पर दबाव न डालिए, खुद को साँस लेने दीजिए.
_ खुद से कहिए कि आप ठीक हैं और मुस्कुराकर संघर्ष कर रहे हैं —
_ क्योंकि यही है वो रास्ता, जिस पर चलकर आपको सुकून मिल सकता है.!!
 
सामान्यतया सोसाइटी में बहुत नाक वाली बात मानी जाती है.. जब आप लोगों के यहां हर कार्यक्रम में पहुंचते हैं, सबके साथ उठते बैठते हैं, उनके साथ खिखियाते हैं..
_ पर यह सबकुछ बेहद उबाऊ है…एकदम एक ही घिसी परिपाटी पर घसीटा हुआ…
_ पूरा ढांचा बस रूढ़िवादी और अंधविश्वासी मर्यादाओं पर टिका हुआ है…
_ “संस्कार सभ्यता और संस्कृति जीवन में सहजता लाने के लिए होते हैं न कि जीवन को जटिल और स्तरहीन गिरा हुआ बनाने के लिए”
_ वो सारी चीजें जो इस सोसाइटी को गलत लगती हैं.. मैं वो करता हूं,
_ वो सारी बुराईयां हैं मुझमे है.. लेकिन मैं उन्हें बुराई नहीं मानता..
_ सोसाइटी की नापसन्द चीजों को मैं बुराई क्यों मान लूं,
_ मैंने किसी को दुःख नहीं दिया.. क्या इतना ही काफी नहीं है…!
मैं मेरे जीवन का हर फैसला खुद लेता हुँ _ इस पर किसी का हस्तक्षेप मुझे कतई नहीं पसंद, वो चाहे कोई भी हो_

_ अपना सिम्पल सा फंडा है ” जिओ और जीने दो ” _ छोटी ही सही मगर जिंदगी ” अपने नाम होनी चाहिए “

एक तरफ पुरे परिवार का डिसीजन, दूसरी तरफ मेरा खुद का डिसीजन ;

ना वो मुझे गलत ठहरा रहें ना मैं, खुद को सही बता रहा,

वो अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम,

हम दोनों ही एक दूसरे का मान रख रहे हैं, बिना एक दूसरे को आरोपित किये

_ बिलकुल खामोशी से..

” यदि आप परिवर्तन की राह पर चलते हो तो, आपके विरोध की शुरुआत सबसे पहले आपके घर परिवार से होगी.”

आज़ाद छोड़ रखा है घर वालों ने.. क्योंकि मुझे अपनी हदें और मर्यादा अच्छे से मालूम है !!
जो खुद कभी कैद में रहा हो, वो दूसरों को आज़ादी देना सबसे पहले सीखता है.!!
अपना कंधा मजबूत करो _ और अपने जीवन के हर निर्णय स्वयं लो ..
मैं अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीता हूं, _ अपव्यय पर समय बर्बाद करने का समय नहीं…

I live my life on my conditions, _ No time to waste on wastage…

अपनी जिंदगी का जो भी फैसला लेना है, _ खुद से लें,

_ क्योंकि आपकी जिंदगी बर्बाद करके _ दूसरों को थोड़ा सा भी फर्क नहीं पड़ेगा !

“– हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि _ ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

मुझको ना रोकिए, ना नजराने दीजिए..

_ मेरा सफर अलग है, मुझे जाने दीजिए..
_ ज्यादा से ज्यादा होगा ये कि मै हार जाऊंगा..
_ किस्मत तो मुझे अपनी ख़ुद आजमाने दीजिए..!!
 
कभी कभी लगता है कि यहां लोग कैसे जी रहे हैं, जीवन चल कैसे रहा है ?
_ कदम कदम पर हर दूसरी तीसरी खोपड़ी या तो भूसे से भरी है या धूर्तता से,
_ या तो व्यक्ति को होश ही नहीं कि उसके साथ कितनी बड़ी ठगी हो रही है या ठग वह स्वयं ही है.
_ ढोंग तो यहाँ की परम्परा ही है, लोग भावनाओं में बहकर कुछ भी कर लेते हैं…!
 
“मैं बेफिक्र हो गया, बहुत राहत मिली”
_ गुलामी भरी जिंदगी नहीं जीनी है, आजाद जिंदगी जीना है..
_ इस भागदौड़ वाली दुनिया में हर कोई जिम्मेदारी का भार उठाए गुलामी की जिंदगी जी रहा है,
_ जबकि सबको पता है कि जिंदगी मिली है जीने के लिए.. फिर भी लोग जी रहे हैं मरने के लिए..!!
_जीवन जीना है, अपने हिसाब से जिएँ !
_ किसी और के अनुसार जिया, जिया, “क्या जिया”
अपने निर्णय उन लोगों की सलाह पर न लें _ जिन्हें परिणामों से निपटना नहीं है..
हम सभी अपने विचार लिखने और व्यक्त के लिए आजाद हैं.. लेकिन हमें प्रत्येक व्यक्ति से उसके अनुभव के अनुसार तर्क सुनने और उससे बात करने के लिए भी तैयार रहना होगा..!
” आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है, अपनी शर्तों पर जीने का ….नशा ही अलग है..!!”

— आजादी कोई बजार की वस्तु नहीं जिसे कुछ भाव में खरीदा जा सके, ये वो चीज है जिसके लिये बहोत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है, इसके काबिल बनना पड़ता है, और इस बात को केवल आजाद इंसान ही समझ सकता है, मजे की बात की इसे पाने के बाद भी इसके छिन जाने का खतरा नहीं जाता..

“अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने के लिए एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है ;_

_ कभी- कभी सोचता हूँ खुद को लानत दूँ या प्राउड करूँ समझ में नहीं आता.!!’

“-स्वतंत्र व्यक्ति होने के लिए हमें स्वयं के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी, _साथ ही उस ज़िम्मेदारी को अस्वीकार करने की क्षमता भी होनी चाहिए _जो वास्तव में हमारी नहीं है.”

कोई मुझे दुःख नहीं दे सकता, _ यदि मैं न लेना चाहूँ,,

खुद की खुशी को दूसरों की मोहताज मत बनाओ _ खुद फैंसले करो और आगे बढ़ो..

जीवन को अपने ढंग से जीना ही जीवन है, दूसरों के लिए जीना यानी दूसरों के ढंग से जीना..

मैं चीजों को अपने हिसाब से करना अधिक पसन्द करता हूँ..!!

” — मैं साधारण जीवन के बजाय जूनून के साथ जीना पसंद करता हूँ –“

जीवन में कुछ निर्णय अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं,

क्योंकि उन पर आगे की राह निर्भर करती है.

मशीन जैसे चले जा रहे हैं, एक अनजानी दौड़ में जनाब, _

_ ये ज़रूरतों की मोहताज, हमारी ज़िंदगी अब कहीं खो गई है ?

भीड़ हमेशा आसान रस्ते पर चलती है, जरुरी नहीं वो सही है ;

अपने रास्ते खुद चुनिए, आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता..

भीड़ इक्क्ठा करने के लिए _ भीड़ की पसंद से जीना आसान है,

अपनी सोच अनुसार जीवन जीना _ सब के बस की नहीं..

मैं जिस रस्ते पर चल रहा हुँ, उसमें चमकदार नुकीले कांटे _ बिखरे हुये हैं_

_ना मैं रुकता ना कांटे चुभना बंद करते हैं..

ध्यान से विचार करें, आप जिस तरह से _ अपना जीवन जीना चाहते हैं _

_ उसे जीने से आपको क्या रोकता है..

हमारा आधा जीवन तो ये सोचने में निकल जाता है कि हमारे पास क्या है ?

_ जबकि जो होता है उसका लाभ भी नहीं ले सकते ..

सूर्य कभी ढलता नही, रोशनी कभी जाती नही,,,

_ हम ही नही देख पाते, वरना पतझड़ के बाद पत्ते आ ही जाते हैं,,,

हम हुँकारा तो खूब भरते हैं.. लेकिन खूँटे से बंधी अपनी नावें नहीं खोल रहे.!!
दुनिया मे आये हैं तो हर वो genuine काम जरूर करके देख लेना चाहिए, जो आपको अन्तर्मन की खुशी देता हो और आजादी का अहसास दिलाता हो, _

_ जिससे जीवन के आख़िरी समय में कोई कसक न बाक़ी रह जाए ..

आजकल जीने लगा हूं जिंदगी, जब से छोड़ा है करनी लोगों की बंदगी ;

हां अब छोड़ दी है परवाह करना लोगों की, और जीने लगा हूं खुद की जिंदगी..

नौकरी के लिए डिग्री की आवश्यकता हो सकती है,

लेकिन जीवन में पास होने के लिए अनुभवों से सीखने के अलावा कोई डिग्री नहीं है.

काश तुम्हें पता हो कि तुम्हें क्या चाहिए … तो बात पूरी हो जाए.

तुम्हारी असफलता और दुख का कारण _ तुम्हारी किस्मत या कम श्रम नहीं, _ तुम्हारी चाहत है..

क्योंकि तुम जानते ही नहीं कि तुम्हें क्या चाहिए, _ और तुम चुनने और जांचने निकल जाते हो.

यही कारण है कि तुम्हारी न केवल रोज़ चाहतें बदलती हैं _ बल्कि तुम अपने मन की करने के बाद भी दुखी लौटते हो.

अपनी वास्तविक चाहत को बिना जाने जीना दुख है _ और उसे जान लेना परम आनंद..

“– यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो, तो आप अपनी विशालता का एहसास कैसे करोगे ?

मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यो जाने दूँ ?–“

जितने अधिक लोगों से मैं मिला, उतना ही मुझे पता चला कि एक इंसान जो दिखता है वह इसके बिल्कुल विपरीत है ; उनकी मुस्कान झूठ है ; उनकी खुशियाँ और मनोरंजन के खिलौने नकली हैं ; वे जो शब्द बोलते हैं _ वे झूठ हैं और उनका हृदय घोर अन्धकार में पीड़ा से भर गया है _ और मैं उन्हें हताशा में भागते हुए देखता हूं,

_ वे तुरंत उस सारे दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं और अंत में और नीचे डूब जाते हैं ; लगभग हर कोई तत्काल संतुष्टि की तलाश में है.

जीवन आसान और सुंदर हो सकता है ; ” वास्तव में आसान और सुंदर ” अगर हम स्वीकार करते हैं कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं और केवल वही लेते हैं जो हम वास्तव में चाहते हैं और कम के लिए समझौता नहीं करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं.

जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें से अधिकांश में हम जो आसान होता है उसे लेते हैं ; चाहे वह काम हो, जुनून हो, रिश्ते हों, लक्ष्य हों या तलाश ; _  कुछ बिंदु पर, हम उस मानक की तलाश करना बंद कर देते हैं जो हमें लगता है कि हमारे पास है ;  और अपने आप को नीचा देखने से बुरा क्या है.

मेरे पास हमेशा अपने लिए उच्चतम मानक हैं ; मैं वही चाहता हूं जो मैं चाहता हूं और मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं कभी भी कुछ कम नहीं करूंगा.

सुकून से जीने के लिए दुनिया भर के साधन सुविधाओं की जरूरत नहीं _ फिर भी यहाँ

_ हर इंसान मशीन बनने में लगा हुआ है,_ इस भ्र्म में कि _ आज मेहनत करुँगा कल सुकून से जीऊंगा.

हमारी आवश्यकताएं बहुत थोड़ी हैं और जो भी व्यक्ति ठीक से पहचान ले क्या है आवश्यकता, उसे मैं बुद्धिमान कहता हूँ.

सार्थक वही है जो तृप्ति देता हो और तब तुम निश्चित पाओगे कि जिंदगी में चैन की बांसुरी बजने लगी.

अगर लोग आवश्यकताओं से जीएं तो दुनिया में कोई कमी नहीं है.

तुम्हारी प्यास से पानी बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारी भूख से भोजन बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारे तन को ढंकने से बहुत ज्यादा कपड़े हो सकते हैं, कोई अड़चन नहीं है.

नहीं है ख्वाहिश इस दिल को किसी बड़े आशियाने की,

थकान तो बस _ कुछ लम्हे _ सुकून के चाहती है.

ढूंढ लिया है खुद में ही सुकून…! _ये ख्वाहिशें तो खत्म होने से रही.
खुशियां बहुत सस्ती हैं इस दुनिया में, _ हम ही ढूंढ़ते हैं उसे महंगी दुकानों में..
बीत जाती हैं जिंदगी ये ढूंढ़ने में, कि ढूंढ़ना क्या है ;

जब कि मालूम नहीं ये भी, कि जो मिला है, उस का करना क्या है..

जाने कितना ही वक़्त खोजते हुए खर्च कर दिया,

” पर जो ढूँढ़ लिया ” उसे संभालने का समय नही मिला.

बहुत सारी हसरतें मत पालिये, _

_ जो मिला है, उसे संभालिये…

यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितने साधन हैं,

जब तक कि आपको उनका उपयोग करना ही नहीं आता..

इच्छाओं की सड़क तो बहुत दूर तक जाती है,

बेहतर यही है कि हम ” जरूरतों की गली में मुड़ जाएं ” !!

एक सीमा से अधिक साधनों को इकट्ठा करना और overplan करना भी

कभी कभी हमारी जिंदगी दूभर कर देता है.

जितना कम सामान रहेगा, उतना सफ़र आसान रहेगा.

जितनी भारी गठरी होगी, उतना तू हैरान रहेगा..

जिसकी जरुरत नहीं है उसको खरीदो मत,

नहीं तो जिसकी जरुरत है उसे बेचना पड़ेगा..

दूसरों की जिंदगी में इंटरेस्ट दिखाना बंद कर दें, ये आदत आपको उलझन में डाल सकती है ;

इसलिए अपने काम से काम रखें..

एक दिन शिकायत हमें वक़्त से नहीं बल्कि खुद से होगी,

कि एक खूबसूरत जिंदगी सामने थी और हम दुनियादारी में उलझे रहे..

अपने कामो में रत रहना और मौन रहना बहुत सारे विवादों से बचाता है !!!
इतना भी कोई दुःख नहीं है तुम्हारे जीवन में, तुम केवल सोच सोच कर उसे बड़ा बना रहे हो ;

जो होना था हो गया, अब उठो और आगे बढ़ो..

एक दिन आप पीछे मुड़कर देखेंगे, और महसूस करेंगे कि,, आप उन चीजों के बारे में

बहुत ज्यादा चिंतित थे, जो वास्तव में मायने रखती ही नहीं थीं,,!!

अच्छा – बुरा ! जो भी किया !! सब मजाक था !!!

कुछ इसी तरह हमने जीवन को आसां रखा !!!!

कभी-कभी थोड़ा बेफ़िक्र होना, थोड़ा अपने लिए जीना ज़रूरी होता है.

_ क्योंकि जब आप बेफ़िक्र होते हैं, तभी ज़िंदगी आपको अपने असली रंग दिखाती है.!!

इतना समझ आ जाय कि जीवन के लिए क्या जरुरी है और क्या गैरजरूरी _तो समझ लो तुम्हे जीवन जीना आ गया..

भौतिक संपत्ति कभी भी हमारे दिल की गहरी लालसाओं और जुनून को संतुष्ट नहीं कर सकती ; _इसीलिए, चाहे हम कितना भी जमा कर लें, हम हमेशा और अधिक की इच्छा करते हैं.

जिन चीज़ों की हमें ज़रूरत नहीं है उन्हें खरीदने की तुलना में और भी अधिक मूल्यवान चीज़ें हैं, _जिन्हें हम अपने पैसे से पूरा कर सकते हैं.

अक्सर औकात यह महसूस किया है मैंने,

उम्र- भर जी के भी जीना नहीं आया मुझको..

मानसिक शांति का आनंद प्राप्त करने के लिए _ मन को व्यर्थ बातों में उलझने मत दो !!!
जीवन के स्वर को केवल वे ही सुन सकते हैं _ जो बड़ी गहरी फुर्सत में हैं..
थोड़ा कम ही सही मगर जो भी हो, अपनी मेहनत का हो.
ख्वाइशों के बोझ में तू क्या क्या कर रहा है ?

_ इतना तो जीना नही जितना तू मर रहा है !!!

” अपनी आंतरिक आवाज सुनें “

याद रहे कमाना ठीक है मगर आप कमाने वाली मशीन नहीं हैं.

आप के पास क्या है ये मायने नहीं रखता, बल्कि आपके पास जो भी है _

_ आप उससे कितने सन्तुष्ट हैं, ये बहुत मायने रखता है..!!

मेरा दिल ये सोच कर रो दिया कि _ ऐसा क्या पाना था मुझे..

जो मैंने खुद को ही खो दिया…

जीवन का सच जानने के बाद आप की हिम्मत ही नहीं पड़ेगी भेड़चाल चलने की,

फिर भले ही अकेले चलने में आप को हजारों मुसीबतो का सामना क्यू न करना पड़े,

” आपको रास्ता सुखद ही लगेगा “

कुछ भी करने से पहले यदि हम उसके कारण को जान लें, उसके अर्थ को समझ लें,

तो हम अनर्थ होने से बचा सकते हैं.

“जिस दिन से समझा है मैंने ख़ुद को, दुनिया को समझ में नहीं आता हूँ ;

कुछ इस तरह सबका होकर भी उनसे दूर हुआ जाता हूँ !”

तुम दुनिया को समझने लगो और दुनिया को तुम समझ में आना बंद हो जाओ ;

_ तो जान लेना कि _ ज़िन्दगी सही दिशा में जा रही है..!

जीवन मे खुश रहना चाहते हो न साहब,

तो सब से पहले उन्हें भूल जाना, जो आपको भूल गए,

“भूल नही पा रहे ” यह बहाना मत बताना,

खुद के लिए भी जी सकते हो, यह खुद को साबित कर के दिखाना..

चीजों के बेहतर होने का इंतजार न करें, जीवन हमेशा जटिल रहेगा.

वर्तमान में खुश रहना सीखो, नहीं तो तुम्हारा समय समाप्त हो जाएगा.

खिलने की आदत फितरत में होनी चाहिए, फिर देखो कमाल..

मौसम – माहौल – वक़्त _ कैसा भी ,,,_ किसी की क्या मजाल…

चाहो तो खुशबू ले लो…💐

हम तो महके ही हैं …गुलशन से..

मिज़ाज़ अपना कुछ ऐसा बना लिया हमने,

किसी ने कुछ भी कहा बस मुस्करा दिया हमने.

ख़ुदा ने जो बख्शा है वही हुस्न बहुत है,

फूल अपने बदन पर जेवर नहीं रखते जनाब..

जब कोई आपका साथ ना दे, तो समझ जाना ;

आप कुछ सबसे अलग कर रहे हैं..

हर ख़बर से बे-ख़बर हूँ आजकल, उड़ रही है ये ख़बर मेरे ख़िलाफ़.

मैं भी मैं हूँ ! कौन सा मर जाऊँगा ? होने दो सब हैं अगर मेरे ख़िलाफ़.

” दिल बहुत कीमती है ” कोशिश करें की इसमें वो ही रहें,

जो इसमें रहने के क़ाबिल हों, दिखावा करने वाले नहीं !

माना कि गिराने वाले लाख हैं, पर बचाने वाला भी इसी जहां में है.
जुदा होना ही मंजूर किया हमने ___गलती थी नही, तो मानी भी नही.!
आपका बुरा वक्त ही तय करेगा किस से वास्ता रखना है और किस से नहीं….!!
उन्हें खोने से हम डरते रहे, जो कभी हमारे थे ही नही.
मैं अपने लिए जीता हुँ और ये बात सब को हजम नहीं हो पाती.
मुझे हद में रहना पसंद है…और लोग उसे ग़रूर समझते हैं..!!
मुकाम वो हासिल करो, जब चाहो माहौल बदल सको !!
समस्या है तो हल है,_ हल है तो क्या मुश्किल है !
जीवन मेरा सरल था, न जाने कितनों को चुभ गया.
जो हो ! जैसे हो, उसमें ही मगन हो जाओ….!
जिसे चाहो _ _ उससे कुछ मत चाहो..
मैं दूसरों की दृष्टि में क्या हूं, यह महत्वपूर्ण नहीं है ;

महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपनी स्वयं कि दृष्टि में क्या हूं !

” किसी हीरे से कम नहीं मेरे जीवन की दास्तां

हसीन है कितना मगर गिना पत्थर में जाता है ”

मेरे ज़ख्मों को हरा ही रहने दो,

ये वो सबक़ है जो ज़िंदगी ने दिये थे..

सोचने दे ज़माने को जो सोचता है,

अगर तेरा दिल सच्चा है तो नाज़ कर खुद पर..

जज़्बा रखो सच और झूठ को परखने का,

कानों में ज़हर घोलना तो जमाने का काम है.

शौक ही नहीं रहा कि, अब खुद को साबित करूं..

अब तो आप जो समझो वही हूं मैं…

दूसरों की शर्तों पर सुल्तान बनने से कई गुना ज्यादा बेहतर है, _

_ अपनी ही मौज का फ़क़ीर बने रहना..

” फकीरी ” ला देती है…. हुनर, ” चुप ” रहने का,,

” रशुख “और अमीरी जरा सी भी हो तो, ” शोर ” बहुत करती है…??

“अपनी मौज़ की सबसे बड़ी वजह रही,

हम अपने को बादशाह जानते रहे, और दुनिया फ़क़ीर, “

हम फकीरों से दोस्ती कर लो.. _ गुर सिखा देंगे शहंशाही के..
सलामत रहे गुरुर उनका, _ हम तो यू भी फकीर ठहरे ..
मिला किसी को है क्या सोचिये अमीरी से,

दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं !

ख्वाहिशें बादशाहों को गुलाम बना लेती हैं,

पर सब्र गुलाम को बादशाह बना देता है…!!!

किसी की हैसियत से हमें क्या ताल्लुक,

खुद की दुनिया के बादशाह हैं हम..

हम तो फकीर थे जो जमाने से मांग रहे थे,

तूने अपनी रहमत से हमें बादशाह बना दिया.

जिसकी ख़ातिर दुनिया की हज़ार ठोकरें सहीं,

आँख बंद करी तो पाया मुझे उसकी ज़रूरत नहीं.

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस ;

ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं ..!!

बे-फिक्रीयों में भी जीना सीखिए जनाब,

ये फिक्र अक्सर जिंदगी का मजा छिन लेती है..!!

ज़िंदगी समुद्र की तरह है, ये कभी शांत नहीं होगी, _

_ आप को इसमें तैरना सीखना होगा ..!!

हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता…!!

जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता..!!

रिश्तों का ठप्पा पाने के लिए मत कूदो _ जरा खुद से पूछो तो सही

क्या बैलेंस बना पाओगे जिनसे जुड़ने जा रहे हो ?

ना दुखी था वो अपने हालातों से इतना,

जितना ये सोचकर था की ” दुनिया क्या कहेगी “

जीवन को समझने के लिए, हमें अपने ढंग से जीना होगा,

चार लोग या जीवन दोनों में से, किसी एक को चुनना होगा.

जिंदगी जीने के लिए मिली है,

इसे “लोग क्या कहेंगे” यह सोचने में बर्बाद मत कीजिए..

हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि

ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”

हम लोगों को हिम्मत करनी चाहिए कि दुनिया क्या कहेगी इसकी चिंता न करें, और अपने पंख फैलाकर उड़ने की कोशिश करें…

हो सकता है कि शायद हम एक नए तरीके की दुनिया बना पाएं.

लोग क्या कहेंगे, पहले दिन हसेंगे, दूसरे दिन मजाक उड़ाएंगे और तीसरे दिन भूल जायेंगे,,,

इसलिए लोगों की परवाह मत करो ……करो वो जो उचित हो, जो तुम चाहते हो, जिसमें तुम खुश हो….

याद रखना….. जिंदगी तुम्हारी है, लोगों की नहीं….

अक्सर मेरी पसंद और नापसंद पर हमेशा सवाल उठाये जाते रहे हैं,

_ मैं हमेशा जवाब देता हूं सब को कि.. हम सभी आजाद हैं.. अपनी पसंद चुनने के लिये,

_ लेकिन हमे तैयार रहना होगा उसपे ताने सुनने और पछतावा करने के लिये..!!

बाहरी जीवन को ठीक करने में इतना समय लग जाता है कि मनुष्य को अपना आंतरिक जीवन को ठीक करने का मौका ही नहीं मिलता..

_ अगर उसे मौका मिलता भी है तो रुचि की कमी के कारण वह भीतर को ठीक नहीं कर पाता है,
_ बल्कि अपना कीमती समय केवल सतही मनोरंजन में ही बर्बाद कर देता है..!!
ये गलत कहा किसी ने, कि मेरा पता नहीं…!!

मुझे ढूंढ़ने की हद तक कोई ढूंढ़ता ही नहीं…!!

हम क्या हैं वो सिर्फ हम ही जानते हैं !

लोग तो सिर्फ हमारे बारे में ” अंदाज़ा ” लगा सकते हैं,,,,

हर कोई रखता है खबर मेरे खामियों की ;

_अजब फितरत है, कोई आईना नही रखता !!

पास रहने पर कदर नहीं, दूरियों से शिकायत है,,

_ बदला है जो मूड मेरा, अपनों की मेहरबानी के कारण..!!

सारी चमक हमारे पसीने की है जनाब,

विरासत में हमें कोई तोहफा नहीं मिला..

तसल्ली से पढ़े होते तो समझ में आते हम,

ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे.

झरने जैसी ही तो है मेरी ज़िंदगी __मौज में बहती, थोड़े से शोर के साथ..

लोगो को अपने पास बुलाती__ और किसी को डरा कर दूर करती.

अपना ढंग बदलो ! अपने आसपास जीवन को सुंदर बनाओ !

सभी को यह महसूस होने दो कि तुम्हारे साथ होना एक उपहार है.

दुनिया के झमेले को जो समझ गया कि ‘झमेला’ है..

_हर मौसम में उसके आसपास खुशियों का मेला है..!!

अपने इस जीवन में हम भले ही बड़े- बड़े काम न कर सकें, _

_ किन्तु छोटे- छोटे कार्यों को बड़े प्यार से तो कर सकते हैं..

जीवन को इतना शानदार बनाओ, की आपको याद करके_

_किसी निराश व्यक्ति की आंखों में भी चमक आ जाए ,,!!

अपनी ऊर्जा को एक रचनात्मक उद्देश्य के लिए समर्पित करने के बजाय _

_ एक विनाशकारी उद्देश्य के लिए बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है.

“सही क्या है गलत क्या है, इस बारे में अपना सफर तो कभी शुरू हुआ ही नहीं,

_ मुझे किसे दुःख मानना है किसे नहीं, यह भी मैं नहीं बल्कि सोसाइटी ही तय करती है.!!
_ सोसाइटी ऐसी है जहां लोग दिखावा पसंद करते हैं, रंग रूप धन देखते हुए व्यक्ति की परख करते हैं,
_ तो ऐसे में निश्छल मन का क्या करूं मैं ? बस एकांत रह जाऊं और प्रतीक्षा भर करूं…!

“दिखावे का जीवन जीना बहुत कष्टदायक होता है ;

_ क्यूंकि इंसान कीवास्तविकता कुछ और होती है, और वो दुनिया को कुछ और दिखाना चाहता है.
_ “ये जो((( नकल )))से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !
_ यही नर्क को जन्म देता है,
_ ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है,
_ यही है गुलामी, यही है.. जो हमें हमारी वास्तविकता से दूर रखता है,
_ और यही है.. जो हमारी आत्मा पर बोझ है,
_ यही है.. जो तुम्हे आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ तुम कमाल हो, बस सोसाइटी ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,
_ फिर तुम कमाल हो.. तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
“ न हारेंगें हम हौंसला, इस बात की तसल्ली रखिये, _

_ जो यूँ ही मिट जाना होता, तो कब के मिट गए होते “

तू दिन- रात कोशिशें करता है, किनारा ढूँढने की.

हम तो समुद्र में डुबकियाँ लगा कर ही, जीने का मजा लेते हैं.

समझदार व्यक्ति भीतरी विकास कर आनन्द मे रहता है,

मूर्ख व्यक्ति बाहरी दुनिया को दोष दे दुख मे रहता है..

यूँही, वो आसमान से इश्क नहीं लड़ाते हैं,

कभी खुल के … चाँद को छू के देख !

खुश रह अपनी दुनिया में _ तू खुद एक तूफान है..

माना दुनिया में अनेक बुराइयाँ है _ यूँ अपने आंसू के मोतियों को बर्बाद ना कर..

मुझे कभी भी ये गलत फहमी नहीं हुई कि अगर कोई मुझे छोड कर गया तो, वो पछताएगा…

मैने अभी तक यही सीखा है कि लोगों को, लोग मिल जाया करते हैं…

जिदंगी रुकती नहीं किसी के लिए भी, चलती रहती है…

असल में आज़ाद वो है, जिसको किसी का इंतज़ार नहीं.!!
ना मैं खुद को कभी कैद कर सका, ना ही किसी और को कैद में रखने की कोशिश की,

_ जो भी मेरे साथ रहा उसे खुला आसमान दिया, और जो चला गया.. उसे दिल से विदा भी कर दिया,
_ मैंने बंधनों की वो डोर ही तोड़ दी, जो किसी को जबरन जोड़े रखती है..
_ यहाँ तक कि खुद को भी खुद से आज़ाद कर दिया..
_ जहाँ साथ सिर्फ बोझ लगने लगे, वहाँ रिश्ता निभाना अपनी आत्मा से बेईमानी लगता है.
_ इसलिए मैंने खुद को भी जाने दिया उन ख़्वाबों, उन यादों से भी जो मेरे अपने ही नहीं रह सके…!
किसी दूसरे के भाव अब मुझे प्रभावित नहीं करते,, अब मैंने संयम रखना सिख लिया है.

चाहे कोई नज़रअंदाज़ करे या मुझसे दूर हो जाए, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता.

” मेरी जीवन की वरियता अब मेहनत है..”

दूसरों की बनाई तस्वीर में कैद रहना मुझे मंज़ूर नहीं,

_ मैं तो गहरे रंग चुनूँगा.. जिन्हें देखकर लोग चौंकें.!!
_ सच्ची स्वतंत्रता वही है.. जब हम अपने रंग खुद चुनते हैं—भले ही वे दूसरों की आँखों को चौंका दें… यही हमारे भीतर की सच्चाई है.!!
” जीवन एक नदी की तरह है “

यदि आप एक वांछित लक्ष्य की ओर पैडल नहीं मार रहे हैं, तो समाज आपको उस दिशा में धकेल देगा जिसकी आपने योजना नहीं बनाई थी और आपको शायद मंजिल पसंद नहीं आएगी.

एक आदमी या तो अपनी दृष्टि का निर्माण कर रहा है, या किसी और का निर्माण कर रहा है ;अपना भविष्य सुरक्षित करो.

Life is like a river.

If you’re not paddling toward a desired goal, then soceity will push you in a direction you didn’t plan for.And you probably won’t like the destination.

A man is either building is own vision, or building someone else’s.Secure your future,

किसी को भी अपने ऊपर अधिकार करने का मौका न दें ; _ लोगों को आपको शीर्ष पर पहुंचाने के सपनों और आकांक्षाओं से अपने आपको मूर्ख मत बनने दें. _

_ हेरफेर आपके दिमाग से शुरू होता है फिर यह उन चीजों की ओर बढ़ता है जो आपको नियंत्रित करने के लिए आपके सिर पर लटकी होंगी.

Don’t let anyone get the chance to wield power over you. Don’t let people fool you with dreams and aspirations of them getting you to the top.

Manipulation starts with your mind then It moves to things that will be dangled over your head to control you.

जो इंसान अपनी मर्जी से, अपने ढंग से, अपने जीवन को जीता है ; उसके जीवन में नजदीकियों जैसा कोई दूसरा रिश्ता नहीं होता और वो जैसे जीता है, उसी में राजी हो कर जीना सीख जाता है,

_ क्योंकि उसे कहीं ना कहीं मालूम होता है कि अपने ढंग से जी कर ही वो अपने वजूद को पा सकता है ; अगर वो किसी दूसरे के ढंग से जीना शुरू करेगा तो दूसरा उसका वजूद उससे पहले छीन लेगा..

मान्यताओं के इतने गुलाम मत बनो कि जीवन में घुटन महसूस होने लगे…

_ यह भी एक गुलामी है, इससे भी खुद को मुक्त करो.!!

मत सोचो कि कोई आपकी सफलता से खुश हैं, _

_ वे उन लाभों पर प्रसन्न होंगे _ जो आप से प्राप्त हुए हैं.

खुद को दर्द देना भी किसी गुनाह से कम तो नही, _

_ यह ज़िन्दगी इतनी भी कठिन तो नही….

थोड़ा डूबूंगा मगर, मैं फिर तैर आऊंगा, __ ” ए जिंदगी तू देख, मैं फिर जीत जाऊंगा “
“खुद को खुद में ढूँढने की कोशिश… _

_ लिखना बस बहाना है… इसी ख्वाहिश को पूरा करने का…!”

लोग रोये बिछड़ने वालों पर और हम खुद को ढूंढ कर रोये..
मैंने सब कुछ देखने के लिए _ अपनी आंखेँ बंद कर लीं..
आप अच्छे दिखना चाहते हैं या अच्छा महसूस करना चाहते हैं ?

_ आप अपने अंदर कितना शानदार महसूस करते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है.

खुशी सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए नहीं, _

_ बल्कि अपनी तसल्ली के लिए होनी चाहिए.

” इंसान का इंसान के अलावा कुछ भी और होना, _

_ उसके इंसान होने में सब से बड़ी गिरावट है,”

तारीफें, मोहब्बत, दर्द सब जी के देख लिया, _

_ अब वो सुकून चाहिये _ जिसमे कोई ना हो !

ये जो बेचैनी है तेरी, कुछ नहीं, इक हड़बड़ी है, _

_ देख, _ शायद सोचने में ही तेरे, कुछ गड़बड़ी है.

साजिशों के हम भी शिकार हो गए, _ जितना दिल साफ रखा उतने ही गुनाहगार हो गए…
खुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब.. _ वजहें आजकल महँगी हो गई हैं..!!
खुद को खुद ही खुश रखिये.. _ ये जिम्मेदारी किसी और को न दिजिए..
अपने आप में खुश रहो, _ फिर तुम्हे कोई दुख नहीं दे पाएगा !!
ज़िन्दगी में जिसे लोगों की पहचान करनी आ गयी…

उसकी जिंदगी में तकलीफें बहोत कम हो जाती हैं.

उन्हें कामयाबी में सुकून नज़र आया वो दोड़ते गए,

हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठेहर गए.

पुलक हो तो ही जीवन जीने में आता है,

_ वर्ना तो ऊब में क्या ख़ाक जीया जाता है ?

हर बार रफ्तार सही नही होती,

कई बार धीरे चलने पर भी मंजिल मिल जाती है.

राजा की तरह जीने के लिए,

पहले गुलाम की तरह मेहनत करनी पड़ती है.

“मैं बिखर कर हर बार टूट जाता हूँ,

जितना भी टूटूं, फिर खुद ही ऊठ जाता हूँ !

ये कैसा जूनून है मुझमे, गिरकर सँभलने का,

खुद को मात देकर, खुद से ही जीत जाता हूँ”.

आप तभी स्वतंत्र और आज़ाद हैं जब आप अपना खालीपन सहन कर सकते हैं.!!

You are free when you can bear your own emptiness..

अगर वास्तविकता का एक दाना भी कमा लिया जाए तो वह इतना कीमती होगा कि

दुनिया की सारी दौलत उसके सामने व्यर्थ हो जाएगी..

ख़्वाबों के पीछे जिंदगी उलझा ली इतनी,

कि हकीकत में रहने का सलीका ही भूल गए हम.

सब – सा दिखना छोड़कर, खुद – सा दिखना सीख.

संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक..

खुलती है.._ पढ़ी जाती है, _ रद्दी हो जाती है …

ऐ जिंदगी.._ तू भी कुछ – कुछ किताब सी है.

सीख ले ए यार _ अपने आप से यारी का फ़न..

वरना तेरा ज़िंदगी से फ़ासला हो जाएगा…

तू बेशक हीरा है _ लेकिन सामने वाला _ तेरी कीमत _

अपनी औकात, अपनी जानकारी और अपनी हैसियत से लगाएगा..

आपके जीवन में कुछ ऐसे नियम जरूर होने चाहिए,

जिनसे आप किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे.

आज हमारे पास वो सब है, जो पैसे से खरीद सकते हैं.

लेकिन वो चीज खो दी है, जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती..

” हमेशा सही का चुनाव करो, संपदा आए ना आए,

लेकिन सुकून जरूर आता है, और सुकून सबसे कीमती है,”

–” अगर लगन सच्ची है तो बस वो करो जिस से मन को सुकून मिलता है.–“

अपनी मंजिल का रास्ता _ दूसरों से पूछोगे तो _ भटक जाओगे, क्योंकि _

_ आपके मंजिल की अहमियत _ जितनी आप जानते हो _ उतनी और कोई नहीं जानता..

यार सफ़लता के पीछे भागने पर दिन, महीने, साल कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता…

_ इसीलिए लम्हों के साथ चलो…ज़िन्दगी भी जी लोगे और सफ़ल भी हो जाओगे…!!!

यदि मंजिल की है खबर तो रास्ते की फिकर न कर.

यदि रास्ते में है मजा तो मंजिल की फिकर न कर, ” दोनों हालत में जीत तुम्हारी है “

जिन्दगी की यात्रा, खाक से खाक तक..

या इसके अतिरिक्त भी कुछ कमाना है _ _ प्रयास और केवल, प्रयास.

अच्छा लगता है मुझे उन लोगों से बात करना.!

जो मेरे कुछ भी नहीं लगते, पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं..!!

अपना जीवन सही निर्णय और गलत निर्णय चुनने में मत लगाइए !

जब आप संतुलित, स्पष्ट और खुश हों तो तब कोई निर्णय लीजिए… और

ईमानदारी से अपना जीवन उसमें लगा दीजिये ; कुछ न कुछ शानदार होगा ..!!

ऐसी कोई चीज / व्यक्ति जीवन में न हो, जिसके न मिलने पर मन विचलित हो !

जैसे ही लगे की कोई चीज / व्यक्ति आदत बन रहा है, खुद को उससे दूर कर दो !!

औरों की नकल उतारना आसान है..

..पर उनकी तरह निजता का सम्मान करना,

_अपने काम से काम रखना ..हम नहीं सीख पाये..!!

कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सब को करना पड़ता है,_

_ रब सिर्फ लकीरें देता है _ रंग हमको भरना पड़ता है..

यदि कोई ऐसा सोचता है कि पैसे से सुख को खरीद सकते हैं तो वह ख़रीदी हुई खुशी सच्ची नहीं है, _

धन को बहुत महत्व दिया जाता है और सरल चीजें _ जो हमें सच्ची खुशी देती हैं हम अक्सर उनकी अनदेखी कर देते हैं,_

खुशी देने वाली चीजों में से एक प्रेम है, _ इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है _ लेकिन आपकी जिंदगी खुशी से भर सकती है.

किसी इंसान की आर्थिक स्थिति भले ही कितनी भी अच्छी हो लेकिन

_ जीवन का सही आनंद उठाने के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत जरूरी है..!!!

आप कम प्रतिक्रिया करके बहुत सी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.

You can solve a lot of problems by reacting less.

बहोत कुछ है जिसे बदलना अति अति अति आवश्यक है,

धीमी गति से ही सही मगर खुशी की बात है काम जारी है..

कई बार यह जानकर भी कि हमारा नजरिया गलत है, _

_ हम उसे सुधारने की कोशिश नहीं करते..

“–दुनिया में किन्हीं भी दो लोगों को कभी एक- सा आसमान नहीं दिखता, _

_ हम सब को अपना- अपना आसमान दिखता है..–“

आप अपनी जिंदगी से भले खुश ना हों,

पर कुछ लोग ऐसे भी हैं _ जो आप जैसी जिंदगी जीने के लिए तरसते हैं..

सुख यदि बिना दुख के आए तो सुख की महत्ता नहीं रह जाती ;

_ प्रयास करें कि दोनों का सामंजस्य ऐसा बने की समानता बनी रहे ;

_ ” सुख और दुख का पलड़ा स्थिर रहे “

आप जो भी करते हैं, लोग आपकी आलोचना करने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं:

एक ब्रेक लें – वे आपको आलसी कहते हैं.

कड़ी मेहनत करो – वे आपको जुनूनी कहते हैं.

जो उनके पास नहीं है उसे पा लो – वे तुम्हें स्वार्थी कहते हैं.

इसे समझो और जो चाहो करो.

Whatever you do, people find a way to criticize you :Take a break – they call you lazy.Work hard – they call you obsessed.Get what they don’t have – they call you selfish.Realize this and do whatever you want.

अगर आपको कुछ पसंद नहीं है, तो उसे बदल दें ; यदि आप इसे नहीं बदल सकते हैं, तो इसके बारे में अपने सोचने के तरीके को बदल दें.

If you don’t like something, change it. If you can’t change it, change the way you think about it.

यदि आप किसी भी चीज़ के लिए समझौता कर लेते हैं, तो आप कभी नहीं जान पाएंगे कि आप वास्तव में किसके योग्य हैं.

If you settle for just anything, you’ll never know what you’re truly worthy of.

जीवन में, आपको वही मिलता है जो आप डालते हैं,; सब कुछ वापस आ जाता है.

In life, you get what you put in. Everything comes back around.

जीवन की शुरुआत हम सब लोग ठीक – ठाक ही करते हैं, पर उलझनें आती – जाती है, _ रिश्तों के दरम्यान खटास, दूरियां और कुछ आपसी समझ के कारण चीज़ें बिगड़ना शुरू होती है, फिर सब कुछ खत्म होने लगता है,

_ एक दिन हम खत्म हो जाते है – पूरी उम्मीदें, अदाएं, आशाएं, उल्लास और होश – जोश सब खत्म हो जाता है.
_ रह जाता है तो सिर्फ जीवन – जिसके कच्चे धागे में मनके पिरोए हुए है..
_ और हम सुबह, दोपहर, शाम और रात हाथ फेरते बुदबुदाते रहते है – दोनों हाथों में लिए हुए कि माला खत्म हो, तो आगे की सूझ पड़े..
_ एक समय होता है या होना चाहिए कि सब तोड़कर खत्म कर दें और चलते बनें सब त्यागकर..
– Sandip Naik
कभी हमने जो खूबसूरत ख़्वाब देखे थे, उसे हकीकत में हम तभी बदल सकते हैं, जब उस के लिए कोशिश करें,

_ न कि जिंदगी से जो मिल जाए, उसी में संतुष्ट हो जाएं, _

हमें अपनी खुशियों को खोजने की जरुरत है कि वो कहाँ और कैसे मिल सकती है..

“–सच्ची ख़ुशी तो वह करने में है, जिसे दिल करना चाहता है, _

_सच्ची ख़ुशी उन सपनों को पूर्ण करने में है जिसे दुनिया पागलपन कहती है.–“

शांत बहना अच्छा है, बजाये तैरने के ;

अच्छा हो मनुष्य भोजन, कपड़े, और घर से ही राजी हो जाये !

मन की इच्छाओं का कोई अन्त नहीं है !

उनका त्याग तत्काल शांति लाता है ;

और शांति का जीवन ही वास्तव में जीवन है.

हम इस धरती पर पैसे कमाने और चीज़ें ख़रीदने नहीं आए हैं ; इसमें और भी कुछ होना चाहिए ; आइए जानें कि वह क्या है ?

जीवन हमें पैसा बनाने और संपत्ति जमा करने के लिए नहीं बल्कि छोटी चीजों में अर्थ खोजने के लिए दिया गया है.

अपने आप से एक प्रश्न पूछें, क्या आप अपने जीने के तरीके से प्यार कर रहे हैं ? यदि नहीं, तो इसके बारे में कुछ करने का समय आ गया है ; आपको और मुझे दोनों को कुछ छोड़ने और जीने की जरूरत है.

मैंने सीखा है कि कम संपत्ति वाले लोग अधिक खुश और अधिक संतुष्ट रहते हैं ; _ वे दयालु हैं और अजनबियों की मदद करने से नहीं डरते.

मैंने सीखा है कि जीवन आसान है, हम इसे कठिन बनाते हैं.

“पैसे के लिए हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है, _वह कभी-कभी स्वतंत्रता होती है.”

हमें पैसे का सम्मान करना और उसका सदुपयोग करना सीखना होगा,

__तभी हम वास्तविक संपन्नता को उपलब्ध हो सकते हैं,
_जिसमें आध्यात्म के वास्तविक फूल खिलते हैं..!!
_ पैसा ठीक है, लेकिन उसे ही उद्देश्य मत बनाइए, बस बाइप्रोड्क्ट की तरह आने दीजिए,;
_ पैसे की जरूरत है लेकिन पैसा सब कुछ नहीं है, उस से भी बड़ी चीज कुछ होती है._ आनंद और मौज के लिए काम कीजिए,
_ और फिर देखिए कितनी खुशियाँ बिना मोल चली आती हैं, उनसे भला क्यों चूकना ?
“बेवजह खरीदारी ने जीवन पर खराब प्रभाव _”कर्ज और तनाव” उत्पन्न किए हैं.!!
_लोग चीजों को ठीक नहीं करना चाहते हैं, बस नई खरीदना चाहते हैं.!”
_ “मैंने सीख लिया है कि किराने का सामान या आवश्यक वस्तुओं के अलावा दुकानों पर नहीं जाना चाहिए ;
_इसीलिए मैं कर्ज मुक्त हूं.!!”
_ काम को खेल बना लीजिए, उसे स्पोर्ट्स की तरह खेलिए और उसका मजा लीजिए, __ यह प्रयोग हर काम के लिए किया जा सकता है,
__ हर काम एक चुनौती है ; उसे आनंदमय ध्यान बनाया जा सकता है.
 
— इस दुनिया में कम पैसों पर सरल जीवन कैसे जियें ?
_ 1. जीवन में अरमान कम रखिए..
_ 2. दूसरों से अपनी तुलना मत कीजिए विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में..
_ 3. सीमित किन्तु जीवित संबंध रखिए..
_ 4. पैसे का बेहतर प्रबंधन कीजिए..
_ 5. फालतू की चीजें कम खरीदिए..
_ 6. आवश्यकता हो तभी कोई वस्तु खरीदें..
_ 7. कृत्रिम के बजाए प्राकृतिक जीवन अधिक से अधिक बिताने का प्रयास कीजिए..

सही जीवन कैसे जीना चाहिए ? – 2017

हमें स्वयं जैसा बनने का साहस करना होगा, भले ही वह स्वयं कितना भी भयावह या अजीब साबित हो. – May Sarton

We have to dare to be ourselves, however frightening or strange that self may prove to be. – May Sarton

हॉलीवुड अभिनेत्री सोफ़िया लोरेन द्वारा लिखित सुंदर शब्द…

_ “जब मुझमें पर्याप्त आत्मविश्वास आया, तो मंच चला गया था…
_ जब मुझे ‘हार’ का यकीन था, तो मैं ‘जीत’ गई…
_ जब मुझे लोगों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, उन्होंने मुझे छोड़ दिया…
_ आँसुओं को सुखाना सीखा तो रोने को कंधा मिला…
_ जब नफ़रत का हुनर ​​आ गया, कोई दिल की गहराइयों से चाहने लगा मुझे…
_ और घण्टों रोशनी के इंतज़ार में जब मैं सो गई, सूरज निकल आया…
_ यही जीवन है..!!!
— सोफ़िया लोरेन

जो सही है _ वह हमेशा लोकप्रिय नहीं होता और _ जो लोकप्रिय है _वह हमेशा सही नहीं होता.

What is right is not always popular and what is popular is not always right.

क्या हमें जीना नहीं सीखना चाहिए ?

_जैसे बाकि सारे काम _जैसे खाना बनाना, ऑफिस में काम करना सीखते हैं..!!

अधिकतर लोग जो चीज़ कर रहे हैं, उसे ना करके.. जो सही है

..वो करना ..हर किसी के बस की बात नहीं होती है.!!

हर कोई ख़ुद को सही करने में नहीं बल्कि सामने वाले को गलत साबित करने में जीवन खपा दे रहा है.!!

सही जीवन जीना सीखने के लिए.. हर इंसान के जीवन में कुछ साल अभाव के ज़रूर होने चाहिए.!!

ध्यान दो — जीवन बह रहा है, आप उसे जीने में व्यस्त हो या समझने में ?

जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिए, ताकि कोई उसमें कुछ भी घटा न सके..

_ परंतु जिसके साथ खड़े हो जाए, उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाए.!!

“एक ही जीवन हम दो बार जीते हैं” दूसरी बार तब जीना शुरू करते हैं..

_ जब एक दिन अचानक यह महसूस होता है कि अरे, हमने तो यह जीवन जिया ही नहीं.!!

सही जीवन कैसे जीना चाहिए ?

अपनी पसंद या जूनून का अनुसरण करें और हमेशा अपने अंतरात्मा की सुनें: आप हमेशा केवल वो ही कार्य करें जिसको आप दिल से करना चाहते हैं, सिर्फ पैसे या दिखावे के लिए कोई कार्य ना करें, जीवन में कई बार ऐसे अवसर आते हैं, जहां आप ये तय कर सकते हैं की वास्तव में आप जिन्दगी में क्या करना चाहते हैं.

” जीवन कठिन नहीं है _ हमारे जीने का तरीका गलत है _ इसलिए हमें जीने का तरीका बदलना होगा “

— “जब भी आप निराश महसूस करते हैं, आपको बस इतना करना है कि बाहर जाएं और महसूस करें कि आप किसी कारण से मानव रूप में ढाले गए हैं ; अभी आप धरती पर कहीं हैं _जहां आप फिर कभी नहीं हो सकते.–

क्या आप जिस तरह से जीना चाहते हैं, _उसे खोजने और वैसा करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं ?

मैं जिन सबसे शांत लोगों से मिला हूं, वे _वे हैं _जिनके अपने लक्ष्य हैं.

वह जो जानता है कि _वे जीवन में क्या करना चाहते हैं, न कि _केवल उस तरह जीना चाहते हैं _जैसा दुनिया उन्हें बता रही है.

कई बार जो चल रहा होता है, वही हमारे लिए ठीक होता है.

_ मगर ज्यादा पाने के चक्कर में हम अपना सुख चैन गँवा बैठते हैं.
_ फिर दिल चाहता है काश फिर से पहले जैसा हो जाए,, मगर होता नहीं..!!

तनाव इस बारे में होना चाहिए कि आप सही तरीके से जी रहे हो या नहीं,

_ इस बारे में नहीं कि कौन आपसे बात नहीं कर रहा है !!

जीवन ख़त्म होने को आया ‘तब जीना आया’

_किन्तु इसमें जीवन का कोई कसूर नहीं है.. _बल्कि मुझे ही जीना देर से आया.!!

“ज़िंदगी आपकी है”

_ इसे दूसरों के मुताबिक़, चलने में बेकार मत कीजिए,,

_ जिस बात पर माने न मन, उससे इंकार कर दीजिए..!!

हमेशा वो मत देखिए.. जो आपको दिखाया जा रहा है,

_ बल्कि वो देखने कि कोशिश कीजिए..  जो आपसे छुपाया जा रहा है.!!

यार देखो जिंदगी एक ही मिली है हमें विस्तार क्यों नहीं करना चाहिए………?

_ जो काम मुझे खुशी देता है, वही कर के मैं खुश रहुंगा, अब अगर मैंने और कुछ कर लिया, तो क्या जरूरी है जीवन भर खुश रह पाऊं ;
_ मेरा एक ही फंडा है यार अगर जीवन जीना है तो पसंद का काम करो,
_ और अगर गुजारना है तो अनेकों काम हैं दुनियां में..
_ तो जियो ना यार एक ही जिंदगी है.

जो इंसान अपनी शर्तों और उसूलों के साथ जीता है,

_उन्हें जल्दी हर कोई पचा नहीं पाता..!!

अंत में जब कुछ न रह जाए पछताने को, _तो समझ जाना तुम,

___ जीवन सही गुजरा है..!!

जीवन अपने आप को अपने तरीके से प्रकट करता है.

_यदि हम जीवन को पूर्ण उपस्थिति और मनःस्थिति के बिना घटित होने दें, तो आपको एहसास होगा कि कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता है.

_यह बस एक नाटक है, जिसमें हमारा मनोरंजन करने के लिए अलग-अलग अभिव्यक्तियाँ हैं _न कि हमें खुशी या दर्द देने के लिए..

ज्यादातर झूठे और बेईमानों के होने के बावजूद भी मुझे ये दुनिया सरगम जैसी दिखती है ;

_ अंधेरों में एक उजाले की बाती लिए..

_ फिर मैं अफ़सोस क्यों करूँ, दुनिया के बुरा होने का..

_ मेरा एक जीवन है, और इसी दुनिया में सरगम जैसे किसी इंसान को चुन ही लूंगा मैं..

जीवन में सबसे कीमती क्या है ?

वो पल, जिसे आप जी रहे होते हैं.

उसके बाद क्या ?

मेरा मानना है कि जीवन में न कुछ अच्छा होता है, न कुछ बुरा,

_जो होता है वो बस वो पल होता है, जिसे हम जी लेते हैं, “सिर्फ उतना ही” _जीवन भी उतना ही है.

_हम पर दुनिया का दवाब इतना होता है कि हम सब कुछ _उसकी मर्जी से करने लगते हैं.

_जबकि सत्य ये है कि आपकी खुशी सिर्फ आपके हाथ है.

_क्योंकि जहां कदम कदम पर लोग भरोसा न कर के, दिखावे का जीवन जी रहे हों तो _उन्हें किसी के सहज प्यार पर कैसे भरोसा होगा..!!

आपको केवल एक ही बार जिंदगी मिलती है, किंतु यदि आप इसे सही तरीके से जीते हैं तो _यह एक बार ही पर्याप्त है.

You only live once, but if you do it right, once is enough.

बहुत से लोग दूसरों की सोच को खुद पर हावी होने देते हैं और उनके हिसाब से जिंदगी जीते हैं ; _लेकिन आपको ऐसा नहीं करना _ बल्कि आपको इस भीड़ भरी दुनिया से हटके सोचना है, _

_ अपने दिल की सुननी है और आप अपने जिंदगी में क्या करने वाले हो _ ये आपको खुद से decide करना है _ तभी आप सबसे अलग कहलाओगे.

_ क्योंकि आपका शरीर और दिमाग लगातार दूसरे लोगों से ऊर्जा ग्रहण कर रहा है ; यदि आप किसी के साथ अच्छा महसूस नहीं करते हैं तो उनसे दूर रहें..!! और अपने आप पर भरोसा करें..!!

_ जब आप किसी को अपनी जिंदगी से काट देते हैं, _ वे कभी भी लोगों को पूरी कहानी नहीं बताएंगे, वे उन्हें केवल वह हिस्सा बताएंगे _ जो आपको बुरा और उन्हें निर्दोष बनाता है.

_ “कभी-कभी आपको जीवन में कष्ट उठाना पड़ता है, इसलिए नहीं कि आप बुरे थे, बल्कि इसलिए कि आपको यह एहसास नहीं था कि कब, और कब अच्छा होना बंद कर देना चाहिए.”

जिंदगी एक ऐसी चीज है जिसका पूरा नियंत्रण हमारे ऊपर होता है ; अब बात यहां पर आती है कि, हम अपनी जिंदगी को कैसे व्यतीत कर रहे हैं, _ आपके रोज़मर्रा के फैसले कैसे हैं, _ आपकी जिंदगी उस पर निर्भर करती है.

मान लिया जाए कि आपकी जिंदगी में दुख बहुत है, _ लेकिन कभी आपने यह सोचा है कि, आपने भूतकाल में जो भी फैसले लिए थे उसका ही फल आपके पास है..

_ आज हमारी पसंद या तो हमें उस जीवन के करीब ले जा रही है जो हम चाहते हैं, _ या वे हमें उसी स्थिति में फंसाए रख रहे हैं _ जिसमें हम हमेशा से रहे हैं.

_ हम इस बात का ठीक से अनुमान नहीं लगाने के कारण बहुत दुखी रहते हैं _ कि हमें किस चीज़ से खुशी मिलेगी.!!

जिन्दगी की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि सुख हो या दुख, यह हमेशा इंसान को संवारती है, हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देती है ;

_ यह कहती है, लड़ने की तो तुम ठानो, एक दिन हर जंग जीत जाओगे !!

“.. क्या आप समझते हैं कि सुख के साथ-साथ, बिल्कुल समान अनुपात में, मनुष्य को दुख की भी आवश्यकता होती है.”

मुझे लगता है कि हर किसी को दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा _ अपनी जिंदगी से प्यार करना चाहिए’ ‘जीवन को उसके अर्थ से अधिक प्रेम करो ?’

” मैं वास्तव में एक ऐसे महान व्यक्ति की कल्पना नहीं कर सकता जिसने कष्ट न सहा हो.”

हर किसी में हजारों खामियां होती हैं, _मगर मुझे उनकी खूबियां भी नजर आती हैं,

_उनकी इन खूबियों और गुणों की भी देखभाल होनी चाहिए..

” हमेशा हर चीज की तैयारी करें “

__ उचित तैयारी आपको अधिक आत्मविश्वासी बनाती है ; _ तैयारी आपके डर को कम करती है और आप को वह सब कुछ करने के लिए सशक्त बनाती है जिसकी आप को आवश्यकता है.

आत्मसंयम ही ताकत है. शांति ही निपुणता है. आपको उस बिंदु तक पहुंचना होगा _जहां आपका मूड किसी और के महत्वहीन कार्यों के आधार पर न बदले..

_ दूसरों को अपने जीवन की दिशा को नियंत्रित करने की अनुमति न दें, अपनी भावनाओं को अपनी बुद्धि पर हावी न होने दें.!!

Self-control is strength. Calmness is mastery. You have to get to a point where your mood doesn’t shift based on the insignificant actions of someone else. Don’t allow others to control the direction of your life. Don’t allow your emotions to overpower your intelligence.

जब आप किसी कठिनाई का सामना करते हैं और उससे पार पाते हैं, तो आपको आंतरिक शांति और आत्म-संतुष्टि का अनुभव होता है.

When you face difficulty and get through it, you feel the inner peace and self-satisfaction.

लाइफ में करना क्या है, कितना हम अपने हिस्से का कर सकते हैं वो सब समय सीमीत है, लाइफ कुछ पलको का बसेरा मात्र सा है.

अपने आप मे बहुत बेसीक चीजो पे बने रहना बहुत कठिन होता है… छोटी छोटी चीजे हैं जो मुझे आती है.

क्या रह जाएगा हमारे पीछे और क्या दे जाएंगे जो हम इतनी रफ़्तार से भाग रहे हैं..

हम जब अपनी जिन्दगी से सवाल नहीं करते, तो कुछ वक्त बाद जिन्दगी हमसे सवाल करने लगती है ;

_ वह जिन्दगी जो किसी मजबूरी को नहीं मानती, सिर्फ खुलकर जीना जानती है.

ज़िन्दगी में हम कुछ नया इसलिए भी नहीं कर पाते, _ क्योंकि हमें लगता है कि दूसरे नहीं कर रहे, तो हम कैसे कर सकते हैं !!

-” यदि आप आश्वस्त दिखते हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं – भले ही आपको पता न हो कि आप क्या कर रहे हैं.”

वह करो जो आवश्यक है फिर वह करो जो संभव है अचानक आप वह कर रहे होंगे जो असंभव है.

Do what is necessary Then do what is possible Suddenly you will be doing impossible.

“आपकी ज़िन्दगी में सबसे हसीन पल वो होते हैं,

_ जिन्हें आप कैमरे में क़ैद नहीं करते !”

जब आप अपने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आप बढ़ते हैं !

_ जब आप गंदगी पर ध्यान देते हैं तो गंदगी बढ़ती है !!

आप एक बुरे नज़रिये के साथ अच्छा दिन नहीं बिता सकते, _

_ और एक अच्छे नज़रिये के साथ बुरा दिन नहीं बिता सकते..

जब हम खुद को बदलते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है.

_और जब सब कुछ बदल जाता है, तो ज़िंदगी आसान हो जाती है..!!

जिंदगी के हर पल की कीमत है, कहीं ठगा मत जाना यार मेरे,

_ सोच समझ कर खर्च करना..

जिंदगी आपको केवल तब समझ में आएगी,

_ जब आप ख़ुद को समझने का प्रयास करोगे..!!

अपने आप को उन लोगों के विचारों में डुबो दें..

_ जो दुनिया को अलग तरह से देखते हैं.!!

जीवन में सबसे ज्यादा राग – रंग, विविधताएं, सुन्दरता और संघर्ष वहीँ है,_

_ जिसे हम साधारण जीवन या साधारण जीवन स्थितियां कहते हैं.

ज़िन्दगी एक कैनवास है — उसमे खुशियों के रंग हैं तो परेशानियों के बादल भी हैं, इन बादलों को बारिश की ठण्डी फुहार में बदलें _

_ ताकि, आपके आस पास वालों की ज़िन्दगी में भी ख़ुशी की इस बारिश के छीटें पड़े.

ज्ञान के पथ पर आपके पास सब कुछ है. _ आपके पास सुन्दर ज्ञान है, _ जिसमे जीवन के सभी रंग हैं – – विवेक, हँसी, सेवा, मौन, गाना, नाचना, विनोद, उत्सव, यज्ञ, सहानुभूति

_ और अधिक रंगीन बनाने  के लिए शिकायतें, समस्याएँ, जटिलताएँ तथा गोलमाल ! ! ! जीवन कितना रंगीन है.

” दुनिया की सारी ख़ूबसूरती जीवन के लिए है, अगर जीवन ही नहीं रहेगा तो ख़ूबसूरती के क्या मायने ?”

अपने आप को एक रंग के रूप में देखें,_ आप हर किसी के पसंदीदा नहीं हो सकते हैं, लेकिन एक दिन आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे,

_ जिसे अपनी तस्वीर को पूरा करने के लिए आपकी आवश्यकता होगी.

अपनी तुच्छ इच्छाओं को जीवन का लछ्य मत बनाइए. _ अगर एक इनसान के तौर पर, एक जीवन के तौर पर _

_ आप खुद को बड़ा बनाते हैं, तो फिर आप कहीं भी रहेंगे, आप मस्त और शानदार महसूस करेंगे.

अब हमें मौलिक स्वभाव के लोग कहाँ मिलते हैं ? और कहाँ है वह मनुष्य _

_ जो सच्चा रहने कि, जैसा वह है वैसा ही स्वयं को दिखाने कि शक्ति रखता हो ?

“___ दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक दिखा दो, _ वो शख्स जो अंदर भी बाहर जैसा हो…”

“___ इस नकली दुनिया में असली को ढूंढना मुश्किल है..”

✔ क्यां आप सच में सुखी होना चाहते हैं ?

तो उन रास्तों का त्याग क्यूं नहीं करते… जिन रास्तों से दुःख आता है…?

आप के सुख की चाह तो ठीक है_ पर राह ठीक नहीं…!

आप की दशा नहीं… दिशा बिगड़ी है… सुख के लिए दौड़ना काफी नहीं है… अपितु__ सही मार्ग पर दौड़ना जरुरी है…?

तुम खोल दों अपने-आप को_ कहने दो लोग क्या कहते हैं_ सोचने दो लोग क्या सोचते हैं _ उसे_ स्विकार कर लो…?

_ उसी क्षण __ और… वहीं से तुम्हारी यात्रा शुरू होती है_?

__ ऐसी यात्रा… जिसमें _ रास्ता भी हम हैं __राहीं भी हम हैं _ और __ मंजिल भी हम हैं ✔ क्यूं भरोसा… _ करते हो गैरो पर _ _ जबकि तुम्हें चलना है _ खुद के पैरों पर…

जिंदगी में सकारात्मक आदमी को खोजते रहिए… वो आपको बदल देगा, _ जिस दिन ऐसा आदमी आपको मिलेगा _ आप उसे अपनी याददाश्त से निकाल नही पाएंगे.. कम से कम 15 दिन तो उसी में खोए रहेंगे,

” जीवन में एक बार आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं, जो सब कुछ बदल देता है.”

जिस दिन आपकी खोज पूरी हुई आप बदल जायेंगे, कम से कम खुद को बदलने का प्रयास जरूर करेंगे…

एक दिन, आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे _ जो आपकी कहानी को समझेगा और आपकी रक्षा करेगा ; _ क्योंकि वो नहीं चाहेगा कि आप फिर से वही दर्द सहें.

Life में किसी के ऊपर depend मत रहो जो भी करना है अपने दम पर करो _इससे

आपका self confidence बढ़ेगा और आपके अंदर से एक positive attitude आएगा.

ज़िन्दगी बहुत छोटी है इसलिए उन लोगों के साथ ज्यादा वक़्त बिताओ _ जो आपको हर वक़्त ख़ुशी और प्यार देना चाहता हो ; _

ऐसे लोगों को जगह दें जो जीवन में हमारे किसी भी लक्ष्य में हमारा समर्थन करेंगे और जो वास्तव में हमारे परिश्रम का फल देखकर खुश होंगे..!!

यह कभी न भूलें कि जब आपको हार मानने का मन हुआ था तो _किसने आपको आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया..!! __ वे असली हैं इसलिए उन्हें पकड़ो और उन्हें ढेर सारा प्यार दें..

“_जो लोग जीवन की छोटी-छोटी बाधाओं में आपके साथ बने रहते हैं, _वे ही सबसे कठिन दिन आने पर आपका साथ देने के लिए मौजूद रहेंगे.”

“अपने आप को ऐसे लोगों से घेरें जो अपने दृष्टिकोण, विचारों और सपनों के बारे में बात करते हैं, न कि उन लोगों से जो दूसरों के बारे में बात करते हैं.”

“उसे मत चुनो जो दुनिया के लिए खूबसूरत है _बल्कि उसे चुनें _जो आपकी दुनिया को खूबसूरत बनाए.”

ऐसे व्यक्ति को कभी हल्के में न लें जो आपके लिए आपकी जरूरत के समय में आपके साथ खड़ा हो ; _ उनके प्रयासों की सराहना करें और उन्हें दिखाएं कि आप उनके आभारी हैं..!!

” ज़िन्दगी में हजारों लोग आवाज़ देंगे, लेकिन वहीँ बैठना _ जहाँ बैठ कर अपनेपन का एहसास हो !!”

” — चिंता न करें, सही लोग आपके साथ बने रहने का प्रयास करेंगे–“

“– जो सहेज कर रख सके तुमको _ उसके पास ठहरो __खुश रहोगे-“

“– कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने, जब कुछ नहीं था तब वो साथ थे.-“

मैं अब न ही अपने दुखों को बयान और न ही इसकी बात करता हूँ, ऐसा नहीं कि मेरे जीवन में दुःख नहीं है या मुझे दूसरों से जख्म नहीं मिले ;

लेकिन पहली समझ मुझमें ये आ गयी कि दुखों के पीछे कहीं न कहीं मैं भी कारण हूँ और दूसरी समझ कि जहां से मुझे जख्म मिले हैं, __उन्हें बता कर, समझा कर, मुझे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है..!!

_सभी के प्रति कृतज्ञ रहें ; क्योंकि हर कोई आपके रूपांतरित होने के लिए जगह बना रहा है – यहां तक ​​कि वे भी _ जो सोचते हैं कि वे आपको बाधित कर रहे हैं, यहां तक ​​कि वे भी जिन्हें आप दुश्मन समझते हैं.

अपने आप को सकारात्मक लोगों से घेरें जो बारिश होने पर आपका समर्थन करेंगे, न कि सिर्फ चमकने पर..

Surround yourself with positive people who will support you when it rains, not just when it shines.

  • ” कुछ लोगों को छोड़ना इसलिए भी ज़रूरी होता है, _

_ अगर आप उन्हें नहीं छोड़ेंगे तो _ वो आप को कहीं का नहीं छोड़ेंगे ! “

  • कभी-कभी आपको लोगों का साथ छोड़ना पड़ता है ; _ इसलिए नहीं कि आपको परवाह नहीं है_ बल्कि इसलिए _क्योंकि उन्हें परवाह नहीं है.!!
  • मैंने छोड़ दिए वो टॉक्सिक लोग, जिन्होंने मुझे समझना नहीं चाहा,
    _ मैंने छोड़ दी वो परिस्थिति, जिसने मुझे कमजोर बनाने की कोशिश की..
    _ क्योंकि अगर मैं इन्हें नहीं छोड़ता तो ज़हर मुझे अपना लेता..
    _ इसलिए मैंने जीवन त्यागने से बेहतर इन सब का त्याग करना चुना.!!
  • ” कुछ खत्म करना भी जरुरी था, _ कुछ नया शुरू करने के लिए..”
  • “– कभी-कभी उन लोगों को खो देना जिन्हें आप खोने के लिए तैयार नहीं हैं, _उन्हें खो देना ही आपके बढ़ने का एकमात्र तरीका है.”
  • खामोशी में लोगों को माफ करना और शायद उनसे दोबारा बात नहीं करना ..आत्म देखभाल का एक रूप है.
  • “–जितने लोग फालतू में अपने होने का नाटक करते हैं, वे पहले ही छूट जाएँ तो जीना आसान हो जाएगा.”
  • “हकीकत तो यह है कि हम अपनों का नकाब ओढ़े बहुत से टॉक्सिक लोगों से घिरे हुए हैं !!”
  • “– टॉक्सिक रिलेशन को शीघ्रता से समाप्त करें, _ आपकी शांति _ उनके नाटक से अधिक मूल्यवान है.”
  • वक़्त रहते टॉक्सिक लोगों से दूर हो जाओगे तो अच्छा रहेगा, वरना वो आपका सुख-चैन सब छीन लेंगे !!
  • टॉक्सिक लोगों को आपको पीछे छोड़ना पड़ता है, लेकिन यह अपने लिए एक अच्छा कदम है, उनके लिए नहीं..!!
  • अपने आसपास से, टॉक्सिक लोगों से मुक्ति पायें, जो आपको लगता है कि समस्या है और कचरा है.
  • –“टॉक्सिक लोगों से दूर हो जाना ही बेहतर होता है, जो हमारा दम घोंट देते हैं.”
  • कुछ लोग आपको खो देने के पछतावे के ही लायक़ होते हैं, आपके साथ के नहीं.!!
  • कई बार हम टॉक्सिक लोगों से दूर नहीं हो सकते, पर ख़ुद के लिए एक बाउंड्री जरूर खींच सकते हैं, कि एक सीमा के बाद हम नहीं झेलेंगे.!!
  • कई बार लोगों को छोड़ना पड़ता है.. क्योंकि उन्हें यह वहम होता है कि वे आपके साथ कितना भी गलत कर लें, आप उन्हें नहीं छेड़ेंगे.
  • आगे बढ़ने के लिए, हमें उन लोगों के साथ संबंधों को काटने का दर्द सहना चाहिए _ जो हमें बढ़ने से रोकते हैं..!!
  • टॉक्सिक लोग आपकी सफलता पर तारीफ़ जरूर करेंगे, पर चुपचाप इंतज़ार करेंगे आपकी हार का !!
  • अपनी मानसिक शांति के लिए उन तमाम टॉक्सिक लोगों से दूर रहें, जो बेईमान है, जो धोखा दे रहे हैं, जहां प्रेम खोखला है.!!
  • मैंने कभी किसी का न बुरा किया ना चाहा, _ लेकिन जो मेरे दिल से उतरा ..उससे ऐसे किनारा किया कि ..मेरे लिए वो एक्सिस्ट [exist] नहीं करता जैसे..!!
  • मेरी अब तक की सबसे बड़ी गलती यह है कि _कई लोगों को _उनकी योग्यता से कहीं अधिक समय तक _मेरे जीवन में रहने दिया.!!
  • मैं कुछ छोटी सोच वाले और ईर्ष्यालु व्यक्तियों को मेरे प्रयासों को विफल करने की संतुष्टि देने के लिए तैयार नहीं हूं, _ये लोग मेरे लिए एक भयानक बीमारी के रोगाणुओं से अधिक कुछ नहीं हैं.
  • मैनें उन टॉक्सिक लोगों को छोड़ दिया, जो औरों को खुश करने के लिए मुझे तकलीफ देते थे.!!
  • जो टॉक्सिक लोग मेरे साथ ग़लत करते आ रहे हैं, उनके बुरे रवैये के लिए दूरियां ही श्रेष्ठ है.!!
  • वे आपको पसंद नहीं करते हैं, लेकिन वे अभी भी आपके द्वारा की जाने वाली हर चीज को देखने का समय निकाल लेते हैं.!!
  • जिस खास के लिए आप खास नहीं हैं, तो उसे आम कीजिए और किस्सा तमाम कीजिए..!!
  • आपके जीवन में वह समय आएगा जब लोगों को पछतावा होगा कि _उन्होंने आपके साथ गलत व्यवहार क्यों किया.!!”
  • “अपने और उन लोगों के बीच दूरी रखें _ जो नाटक करते हैं _और आपकी आंतरिक शांति के साथ खिलवाड़ करते हैं. _ दूर जाने से थोड़ी देर के लिए चोट लग सकती है, _ लेकिन अंत में आपका दिल ठीक हो जाएगा.”
  • टॉक्सिक लोगों से बात करना और समय खर्च करना खुद को ज़लील करने जैसा है, इसलिए ऐसों से पाला ना पड़े कभी !!
  • पहले मेरी सोच थी कि मेरे बहुत से अपने हैं, लेकिन अब मुझे विश्वास है कि.. मैं बस बहुत से लोगों को जानता हूँ !!
  • यह बहुत अच्छा है, जब टॉक्सिक लोग आप से बात करना बंद कर देते हैं, __ यह ऐसा है – “जैसे कचरा अपने आप बाहर निकल गया” !!
  • अच्छे लोग हमेशा अच्छे लोगों से जुड़ना चाहते हैं ताकि उनका मानसिक विकास हो.. टॉक्सिक लोगों से वह दूरी ही बना कर रखते हैं.!!
  • दूसरों की सुविधा के लिए इतना भी एडजस्ट न हो जाएं कि _आपकी असुविधा का उन पर कोई फर्क ही न पड़े.
  • ” आप किसी और की खातिर खुद को नष्ट नहीं कर सकते ; _ आपको अपनी भलाई को प्राथमिकता देनी होगी !!_ चाहे इसका मतलब किसी ऐसे व्यक्ति से रिश्ता तोड़ना हो _ जिसकी आप परवाह करते हैं,  _ परिवार के किसी सदस्य को दूर से प्यार करना, _ किसी दोस्त को छोड़ना,या खुद को ऐसी स्थिति से दूर करना जो दर्दनाक लगती है – आपको छोड़ने और अपने लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने का पूरा अधिकार है..!!”
  • जब आप शांति चुनते हैं, तो यह ढेर सारी अलविदा के साथ आती है ; __ अपने जीवन को बेहतर बनाने के निर्णयों का अर्थ _ अक्सर उन लोगों से संबंध तोड़ना होता है _ जो आपकी पसंद का समर्थन नहीं करते हैं..!!
  • हम उन टॉक्सिक लोगों के बारे में सोच-सोच कर अपने जीवन का कीमती समय और एनर्जी बर्बाद कर देते हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को कभी नरक बनाया था ; _अगर हम आज भी वही कर रहें हैं तो हम उन लोगों के उद्देश्य को ही पूरा कर रहे हैं, अपने जीवन को नरक बना कर… इसलिए उन पर अपना समय और एनर्जी न लगाएं.!!
  • टॉक्सिक लोगों द्वारा दिया गया धोखा मजबूत लोगों को तोड़ता नहीं है—यह उन्हें रूपांतरित करता है.
    _ जिसने आपको धोखा दिया, उसने एक वफादार व्यक्ति को खो दिया, लेकिन आप ?
    _ आपने उस व्यक्ति को खो दिया.. जो आपको डिजर्व नहीं करता था..
    _ और यह कोई नुकसान नहीं है—यह एक आशीर्वाद है.!!
  • मैंने उन टॉक्सिक लोगों को जीवन से विदा कर दिया जो मेरा सारा मीठा पानी पी जाते थे और अपना खारापन छोड़ जाते थे..!
  • टॉक्सिक लोग आपसे इसलिए भी नाराज़ हैं, क्योंकि आप उस तरह से कष्ट नहीं उठा रहे हैं.. जैसा उन्होंने सोचा था.!!
  • लोगों को खोने से मत डरो ; _अपने आसपास के सभी लोगों को खुश करने की कोशिश में खुद को खोने से डरें.
  • लोग मुझे आसानी से खो सकते हैं, _मैं उन लोगों पर नहीं अटकता.. जो मेरे लायक नहीं हैं.
  • जब आप सच्चे बने रहते हो, तब आप उन लोगों को खो देते हो, जो आपके लायक नहीं होते !!
  • “सावधान रहें, जिन्हें आप अपने से दूर धकेलते हैं, _क्योंकि असली लोग वापस नहीं आते !!”
  • -“कुछ गलत लोगों से वो हमें दूर कर देता है, ताकि हमारी जिंदगी खराब न हो !!”
आप कुछ भी करिए लेकिन सही तरीके से..

_ मेरे साथ बुरा कर के कुछ करना….ये तरीका सही नहीं.!!
उन लोगों से दूर ही रहा करो, जो ख़ुद से नई- नई मुसीबतों को पैदा करके..
_ फिर बेचारे होने का नाटक करते हैं.!!
कुछ लोगों को खोने के बाद आपका अंतर्मन बोलेगा_ ” चलो, अच्छा हुआ ! बला टली “
_ हाँ, मैं उन खोए हुए में से एक हूँ !!
“दूरियाँ बना लेना उनके साथ” ग़लत करने वालों के लिए एक बेहतरीन जवाब है,
_क्योंकि कई बार बहस की बजाए ख़ुद को, उस जगह से हटा देना ही बेहतर होता है.
अपने आप को ऐसे लोगों के साथ रहने के लिए मजबूर न करें, जो आपको हमेशा ऐसी स्थिति में डालते हैं;

_ जहां आप खुश, सुरक्षित और आरामदायक महसूस नहीं करते हैं.
_ आपके पास हमेशा उनसे दूरी बनाने का अधिकार है,
_ खासकर जब आपको एहसास हो कि वे वास्तव में आपके लिए अच्छे नहीं हैं.
_ उनकी बुरी संगति को सहन न करें.
_ और दुख की बात है कि ऐसे लोग भी हैं, जो नहीं जानते कि कैसे बदलाव लाया जाए या कैसे बेहतर हुआ जाए.
_ इसलिए, खुद को उनसे बचाएं.
उन लोगों के साथ अपना समय बर्बाद न करें,

_जिन्होंने आपको दिखाया है कि..वे वास्तव में आपके लिए अच्छे नहीं है.
हमें लोगों की ज़िंदगी में उतना ही शामिल होना चाहिए और उतना ही करना चाहिए जितना कि उनसे अहमियत मिलती है, _ वरना आप अपनी ख़ुद की नज़रों में गिर जायेंगे.!!
सवाल यह नहीं है कि हमने कितने दिन जिए,

_ बल्कि यह है कि हमने कितने पल सचमुच पूरी तरह जी लिए.!!
उन लोगों से दूर हो जाओ, जिनके जैसा आप ख़ुद को बनते हुए देखना नहीं चाहते हो !!
यदि आपको जीवन में अपनों से कोई सहायता ना मिले तो परेशान ना हों,
_ रब आपको जीवन में आगे ले जाने के लिए आपके जीवन में अजनबियों को लाएगा.!!
मैंने जीवन में जो कुछ भी करने का निश्चय किया था, उसे हासिल किया है.
_ मैंने उन लोगों की बात नहीं सुनी जो सोचते थे कि मेरे सपने झूठे थे..!!
काँटों पर भी दोष कैसे डालूँ, पैर मैंने रखा था.. वो अपनी जगह पर थे..!!
ज़रूरी नहीं कि हम ख़ुद को जिसकी ज़िंदगी में बहुत इंपॉर्टेंट मान रहे हों,

_ उतने ज़रूरी हों भी.!!
खुद में ऐसा बदलाव न लाएं कि लोग आप को पसंद करें ;_आप स्वयं बनें और सही लोग आपसे वास्तविक प्रेम करेंगे.!!
कोई खुशफहमी हो _उसके टूटने पर दुख होता है.._ पर समय बीतने के साथ साथ आप एक स्वतंत्रता का अनुभव करते हैं कि _ भली भई मोरी गगरी फूटी.. मैं पनिया भरन से छूटी..

_ आप किसी के जीवन में कहां और कितने महत्त्वपूर्ण हैं _ इससे ज़्यादा ज़रूरी यह जानना है कि _ आपके जीवन में कौन और कितना महत्त्वपूर्ण है..

जिन लोगों का आपके जीवन में कोई अस्तित्व ही नहीं,

_तो उसकी बातों का अस्तित्व क्यों होना चाहिए ? ..उन्हें Ignore करो..!!

उन लोगों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता..!

_ जो हमारे कठिन वक्त को अपनी हरकतों से हमारे लिए और भी कठिन बना देते हैं.!!

मुझे ऐसा बनना है जो दिखावा नहीं करता..!!

मैं नहीं चाहता कि कोई मुझसे दिखावा करवाए.!!!
_ और मैं चाहता हूं कि मुझे उस स्थिति से हटा दिया जाए ;
_ जहां मुझे दिखावा करने की जरूरत है.
_चुप रहने या हार जाने में कोई समस्या नहीं है..!!

बात यह है कि 99% लोगों को परवाह नहीं है कि आपके जीवन में क्या हो रहा है, _यदि आपको लगता है कि वे 99% ऐसे कार्य करते हैं जैसे वे आपकी परवाह करते हैं, _तो वे आपके बारे में फैलाने के लिए केवल जानकारी एकत्र कर रहे हैं…

“मैंने जो सबसे अच्छा काम किया है वह _लोगों को यह बताना बंद करना है कि _मेरे जीवन में क्या चल रहा है.”

“जिस चीज का मैं हकदार नहीं था, उसे झेलने के लिए मुझे खुद से सबसे बड़ी माफी मांगनी होगी.”

हर कोई आप को पसंद नहीं करेगा.!!

_ हाँ, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप एक व्यक्ति के रूप में कितने अच्छे हैं,
_ फिर भी कोई ऐसा है _ जो आप को बुरा समझता है या कुछ भी नहीं समझता है ;
_ यदि आप को कई लोग पसंद करते हैं, तो कुछ लोग कुछ कारणों से भी आप से नफरत कर रहे हैं;
_ आप उनके लिए कभी अच्छे व्यक्ति नहीं बन पाएंगे.
_ अगर वो आप को बुरे इंसान के रूप में देखते हैं, तो उन के लिए आप बुरे इंसान हैं.
_ तो, आप को यह उम्मीद करनी चाहिए कि आप उन से आश्चर्यचकित न हों.
_ और सबसे अच्छी बात जो आप कर सकते हैं _ वह है _ उन्हें अनदेखा करना..
_ और अपनी ऊर्जा / समय को उनसे बहस करने या प्रसन्न करने में बर्बाद न करें __जो वे आप से करवाना चाहते हैं..!!
_ इसके अलावा, अपना ध्यान उन लोगों पर केंद्रित करें _ जो वास्तव में आप की सराहना करते हैं..
_ और अपना समय उन लोगों या आप पर विश्वास नहीं करने वालों के लिए बर्बाद न करें ; .. कोई भी सही नहीं है.
_ तो, बस अपने आप में रहो और खुश रहने का प्रयास करो !

-कुछ लोगों को यह दिखावा करना पड़ता है कि _आप बुरे व्यक्ति हैं _ताकि वे आपके साथ किए गए घटिया कामों के लिए _खुद को दोषी महसूस न करें.!!

Some people have to pretend you’re the bad person so that they don’t feel guilty about the shitty things they did to you.

“कभी किसी आदमी को यह न बताएं कि _आप उसे पूरी तरह से पढ़ सकते हैं; _अधिकांश लोग पहेली बने रहना पसंद करते हैं.”- George Townshend

“Never tell a man you can read him through and through; most people prefer to be thought enigmas.” -George Townshend

स्वयं के अनुकूल जो जीएगा, सुख में जीएगा _  स्वयं के प्रतिकूल जो जीएगा, वह दुख में जीएगा, _ दुख की तुम इसे परिभाषा समझो ..

_ अगर जीवन में दुख हो, तो जानना कि तुम स्वभाव के प्रतिकूल जी रहे हो, _  दुख केवल सूँचक है..

_ दुख केवल खबर देता है कि कहीं कुछ भूल हो रही है..

जैसा दूसरे आप को देखना चाहते हैं, अगर ख़ुद को वैसा बनाने की कोशिश की तो

_ आप अपना मूल स्वरुप भी खो बैठेंगे..!!

कुदरत अच्छे लोगों को अधिक दुख इसलिए देती है ताकि वो दुखों का सामना करते करते इतना मजबूत हो जाए _

_ और दुबारा उस तरह के दुखों का सामना आसानी से कर सके.

जीवन इतना कीमती है कि इसे बिना हर पल का आनंद लिए, _

_ फिसल जाने नहीं दिया जा सकता..

मैं तो सारा का सारा लूंगा जीवन..

_”कम से कम” वाली बात न मुझसे कहिए..!!

हम इतना कठिन जीवन जी रहे हैं,_

_ फिर भी आश्चर्य है कि हम समझते क्यूँ नहीं हैं..!!

अगर आपकी ज़िंदगी में डर और चिंता नहीं है तो, _

_ तो आपका इस दुनिया में आना सफल रहा है..!!

“जिन्दगी बहुत छोटी है” इसलिए उनके साथ वक्त बिताओ,_

_ जो आपकी खुशी और जिन्दगी की परवाह करता हो.

चल जिंदगी ! नई शुरुआत करते हैं, _

_ जो उम्मीद औरों से की थी, वो अब खुद से करते हैं….

“ ज़िंदगी चल तुझे जी ही लेते हैं,” _

_ अमृत मिले या विष, इसे पी ही लेते हैं..

जो भी सही और होशपूर्वक नहीं जीएंगे..!

_चांद को घर में लाने वाले दिन में तारे देखेंगे.!!

अदब से बिताई तो क्या किया..??

_ “गुस्ताखियाँ ” _ ज़िंदगी को जीने का सही अंदाज़ है !!

कुछ लोग जिंदगी में कभी – कभी अच्छा अहसास एवमं ऐसी सकारात्मक ऊर्जा दे जाते हैं,

_ जिनके बारे में हम कभी सोचते भी नहीं हैं

हमेशा अकेले रहने के लिए तैयार रहें ; _ कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं.

_ आज आप उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, कल आप उनके लिए कुछ भी नहीं हैं और यही वास्तविक जीवन है.

अगर कोई अकेला है तो इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि उसको कोई पसंद नहीं करता_

_ बल्कि वो अकेला इसलिए है क्योंकि उसने दुनिया की औकात जान ली..

अकेला होना मनुष्य का स्वभाव है..जब तक अकेले होने को स्वीकार न करोगे, __ तब तक बेचैनी रहेगी.

— ” यदि आप अकेले सहज महसूस करते हैं, तो आप एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं ” —

अकेले रहना खूबसूरत है, _ अकेले रहने का मतलब अकेला होना नहीं है ; _

_ इसका अर्थ है कि मन समाज से प्रभावित और दूषित नहीं है..!!!

मैं अकेला तो हूं परंतु एक सकारात्मक बात यह है कि मुझे किसी के छोड़ जाने का भय नहीं है, _ और न ही किसी से कोई अनावश्यक उम्मीदें ,,_

_ मेरा संपूर्ण समय मुझे ख़ुद के ग्रोथ, शारीरिक मजबूती, मानसिक शांति और लक्ष्यों को अर्जित करने में लगाना है, यही मेरा वर्तमान जीवन का मुख्य उद्देश्य हैं…!!!

  • कोई नहीं साथ देता जब आप अकेले लड़ रहे होते हो, __ जहां तक कि लोग आपकी दयनीय स्थिति पर हँसते ही हैं_ ” यही सत्य है…!!!”

अपनी विशिष्टता का सम्मान करें, _ और तुलना छोड़ें ; _अपने अस्तित्व में मस्त रहें ..

आप अपने व्यवहार के प्रति Honest रहो.. सिवाय ये सोचने के कि सामने वाला क्या सोचेगा..!

_ सामने वाले को उसके हाल पर छोड़ दो, वो जो भी सोचेगा.. ये उसकी समस्या है आपकी नहीं..!!

जीवन एक नाटक के समान है,_

_ लम्बे अभिनय के स्थान पर उत्कृष्ट अभिनय का ही इसमें महत्व है.

कभी दुनिया से कृतज्ञता की उम्मीद मत करना ! बस अपना फर्ज निभाकर आगे बढ़ जाना.

Never expect gratitude from the world ! Just do your duty and move on.

जीवन में एक बात जल्दी सिख चुका हूँ कि कभी भी अपने लिए कोई रूल या नियम कानून मत बनाओ… _ अक्सर हम दुःखी अपने कृत्यों से ही रहते हैं.._ जिसकी वजह भी हम और सजा भी हमें ही मिलती है ; _ जीवन को हर दिन नए चुनौती के रूप में लेना है न कि एक दिन पहले बनाये हुए नियम और योजनाओं के अनुसार चलना है.

I have learned one thing early in life that never make any rule or rule for yourself… _ Often we are sad because of our actions.._ for which we get the reason and punishment too; Life is to be taken as a new challenge every day and not according to the rules and plans made the day before.

“अभ्यास के माध्यम से हम अपने दुखों को कम कर सकते हैं और अपने सुख के स्तर को बढ़ा सकते हैं”

“Through practice we can reduce our suffering and increase our level of happiness”

चिंता और अंतर्ज्ञान के बीच का अंतर यह है कि जब आप अपने अंतर्ज्ञान के खिलाफ जाते हैं तो आप 24/7 चिंता का अनुभव करेंगे ; आपकी चिंता आपकी अति सोच है.

आपका अंतर्ज्ञान केवल एक आंत की भावना है जो आपको सच बताती है, और इसके खिलाफ जाने से आपको  चिंता होती है.

अपना ख्याल रखने में बिताया गया समय कभी नष्ट नहीं होता,_

_ बल्कि ऊर्जा के रूप में आपके पास वापस आ जाता है..

मेरे पास तुम्हारी समस्याओं का केवल यही हल है,_

_कि तुमको समस्याओं से लड़ना सिखा दूँ ..

हो मर्ज़ी तो आसमाँ को उछल कर छू लूँ मैं ;

_ और मर्ज़ी न हो तो जमीं तक को ख़बर ना हो..!!

अगर आपने मुझसे झूठ बोला और मुझे सच पता चल गया ;

_ तो मैं आप को कभी भी एक जैसी नजर से नहीं देखूंगा..!!

आप कभी भी लोगों की सोच को अपने प्रति नहीं बदल सकते, _

_ इसलिए अपनी जिन्दगी को मज़े से जीयो..

क्यों खुल के नहीं जीते,, यहां दोबारा थोड़ी आओगे,

_ तुम इंसान हो यार पहाड़ा नहीं, जो दोहराए जाओगे.

क्या जीवन के आघातों ने हमें इतना गहरा घाव दिया है कि _

_ हम जीवन के कोमल स्पर्श को महसूस नहीं करते हैं ?

‘सब सही हो रहा है’ गलत इसलिए लग रहा है,

_ क्योंकि आपके हिसाब से नहीं हो रहा है..!!

मत ढूँढो. कि दुनियाँ में ख़ूबसूरत कौन है,

_ देखना है तो.. उसे देखो.._ जिसके होने से आप की दुनिया सुंदर है..

आप कभी दूसरे व्यक्ति को नहीं बदल सकते, आप को सिर्फ अपने ऊपर ध्यान लगाना चाहिए _ खुद को बदलने में,

अगर आप खुद को असल में बदलते हैं _ तो लोग क्या परिस्थिति भी अपने आप बदल जाएगी..

अपने बारे में लोगों कि बातों पे ध्यान ना दें, वो अनजान होते हैं _ आपकी निजी ज़िंदगी से _ इसलिए हमेशा सही नहीं होते _ और उससे हमारी ज़िंदगी में कोई फर्क नहीं आना चाहिए..

आप अपने जीवन के साथ जो चाहते हैं वह करें _ लेकिन अगर आप एक बेहतर जीवन बनाते हैं तो लोग आपकी सराहना जरूर करेंगे.

जीवन इतना आसान हो जाता है जब आप खुद के बारे में लोगों को समझाना बंद कर देते हैं, _और वही काम करते हैं जो आपके लिए है.

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता _ ये दुनिया कैसी है,_ इस दुनिया के लोग कैसे हैं _ मुझे तो बस हर परिस्थिति को मैनेज करना आना चाहिए…

कभी-कभी हमारे जीवन में घटित होने वाली बुरी चीजें _ हमें सीधे उन सर्वोत्तम चीजों की राह पर ले जाती हैं _ जो हमारे साथ कभी भी घटित होंगी.

वह व्यक्ति जिसे वो सब मिल जाता है जो वो चाहता था, _ वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में होता है.

लोगों से ज्यादा उम्मीद मत रखा करो, वरना हमेशा उदास रहोगे _ और लोगों को जरा भी फ़र्क नहीं पड़ेगा..

” जिस दिन से तथ्य और सत्य समझ़ में आने लगते हैं, _ उसी दिन से जीवन में मौज़ भी आने लगती है,”

जिंदगी छोटी है _ याद रखें, _ जो मायने रखता है उस पर ध्यान केंद्रित करें और जो नहीं है उसे जाने दें.

खुश रहने के लिए आपको वह करने की ज़रूरत नहीं है _जो बाकी सभी कर रहे हैं _या जिस तरह से हर कोई रह रहा है.!!

ऊँच-नीच ही जीवन का सौंदर्य है, _ इसलिए सकारात्मक रहें, शानदार रहें !

The highs and lows are the beauty of life itself. So stay positive, stay awesome !

जीवन कितना अजीब है ; _आराम छोड़ना पड़ता है आराम पाने के लिए..

थोड़ी सी तू अस्त – व्यस्त है….! फिर भी..,”ज़िंदगी”….,,तू ज़बरदस्त है..

ज़िन्दगी तुझमें कशिश तो है, _ ये कशिश जो मुझे तेरी तरफ़ खींचती है.

ख्वाब, ख्वाहिश और तनाव, _ ज़िंदगी में जितने कम हों, उतना बेहतर है.

क्या कहूँ ज़िन्दगी के बारे में, _ एक तमाशा था, _ उम्र भर देखा !

जिसे चाहो, उससे कुछ मत चाहो, कभी रोने की नौबत नही आएगी..!!

खुद को समझदार समझकर घमंड करने से बेहतर है, _

_बेवकूफ दिखकर समझदारी वाले काम करना..

आप के पास जो है आप के हिसाब से कम है,

_लेकिन किसी दूसरे की नज़र से देखो, तो आप के पास बहुत कुछ है.

अगर आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, _

_  _ तो लोगों के मन की नहीं ” अपने मन की सुनो “

  • “- सबसे पहले दिल की सुनिए, दिल सा अपना दूजा ना है, _

_ दिल कहता, सच ही कहता है, _ बाक़ी सब बातें बेमानी. -“

” – अपने दिल की सुनो, _ ओर फिर वही करो _ जो वो कह रहा है ..

_ ये जिंदगी आप की है, _ और किसी की नहीं ..- “

” — जब तक आप अपने दिल की नहीं सुनेंगें, तब तक आप कभी मानसिक शांति प्राप्त नहीं कर पायेंगें.–”

मेहनत ही अपने हाथ में होती है, बाकी तो रब जाने, _

_पर जो अपने हाथ में है, उसे कम नहीं किया जा सकता ;

__ इसी में सुख है, इसी में सहजता है..

जो परबुद्धि होते हैं, वे जीवन के सामान्य से फैसले भी ख़ुद के दम पर नहीं ले पाते, हर पल उलझनों के घेरे में गोते लगाते रहते हैं,

_ “जीवन की जटिलता केवल आपकी कमजोरी मात्र है, ये इस बात का प्रमाण है कि आपको जीवन जीना नहीं आता.!!”

पीछे लौट कर जीवन को समझा जा सकता है. _ परन्तु जीवन जीने के लिए आगे बढ़ना आवश्यक है.

जैसे- जैसे हम लोगों को समझने लगते हैं, वैसे-वैसे हमारी ज़िन्दगी में लोग कम होने लगते हैं.

कोई भी व्यक्ति जो सुंदरता को देखने की योग्यता को बनाए रखता है, _ वह कभी भी वृद्ध नहीं होता.

“मैं मंज़िल तक पहुंच जाऊंगा ये उम्मीद है मुझको, _ न तो ठहरा हुआ हूं मैं न ही भटका हुआ हूं मैं…”

मुझे कुछ भी साबित नहीं करना ; _ ” बस अपनी जिंदगी की किताब का “_ लेखक खुद बनना है…

हम भी जानते हैं, मशहूर होने के तौर तरीके, _ पर दिल को जिद्द है,, ” अपने ही अंदाज़ से जीने की “

जा दिखा दुनिया को, मुझको क्या दिखाता है गुरुर.. _ तू समंदर है तो हो, मैं तो मगर प्यासा नहीं…

भागती फिरती थी दुनिया जब तलब करते थे हम, _ छोड़ दिया है इसको – तो बेक़रार आने को है..

अपने आप में और निजी रहें, _ कम महत्वपूर्ण बनें _ विनम्र रहें _ आप सुखी जीवन व्यतीत करेंगे.

“जीवन बहुत नाजुक है, लेकिन आप इसे केवल एक बार जीने देते हैं _ इसलिए सही चुनाव करें “

तेरा ग़म तुझे ही झेलना है, ये दुनिया है ही ऐसी, _ यहाँ कभी आग से तो कभी बर्फ़ से खेलना है !

तुमको क्या पसंद आता है _ इससे तय हो जाता है कि _ तुम्हारी हस्ती झूठ पर खड़ी है या सच पर..

” आप हैं क्या ??? पहले सच्चे से तय कीजिए, _ फिर जैसे भी हो, अपने आप को प्रस्तुत कीजिए,,,,,

_ एक रास्ता यह भी है, मौज़ की मंजिल का “

अपनी मंजिल खुद तलाश की तो जाना, _

_ हम तो कभी कमजोर थे ही नहीं…

कहा था ज़िंदगी को चार ही दिन का सफ़र जिसने,_

_ यक़ीनन उस मुसाफ़िर का सफ़र आसां रहा होगा ..

हजारों हादसे हर वक्त, दिल पर वार करते हैं…

_ तुझे ऐ ज़िंदगी, हम फिर भी कितना प्यार करते हैं..

जिंदगी कोई समस्या नहीं है, _ जिसे सुलझाया जाए, _ यह एक यथार्थ है जिसे जिया जाए ..

मन तो चाहता है जीया जाये अपने हिसाब से, _ जिम्मेदारियां कहती हैं वक्त बर्बाद बहुत होगा..

जो सही है उसके लिए खड़े रहें, तब भी जब _ इसका मतलब _ आपको अकेले खड़ा होना पड़े.

आसान नहीं है उस शख्स को समझना ; _ जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…

बादलों में हर किसी के वास्ते है _ कोई बूंद ; _ शर्त ये है_ उतनी शिद्दत से कोई प्यासा तो हो.

बहुत से सवालों के हमें जवाब नहीं चाहिए _ ” सुकून चाहिए ज़िंदगी का ” हिसाब नहीं चाहिए.

आपके जीवन में जो कुछ भी अच्छा हुआ है, वह इसलिए हुआ _ ” क्योंकि कुछ बदल गया “

अपनी योजना के अनुसार अपना जीवन जिएं, _ न कि उस अनुसार जो दूसरे आपसे चाहते हैं.

आप जीवन में तब सफल हो सकते हैं _ जब आप जो चाहते हैं उसमें रुचि लेना शुरू कर दें…

कई बार जिंदगी में कोई समस्या होती ही नहीं, _ और हम “विचारों” में उसे बड़ा बना लेते हैं.

आप अपने विचारों को बदलकर,  _ अपने आम जीवन को अहम बना सकते हैं..

” खुश रहना और संतुष्ट रहना,” _ सौन्दर्य बढ़ाने और युवा रहने के श्रेष्ठ तरीके हैं..

न जियो फ़िर भी गुज़र जाती है, _ यह ज़िंदगी बड़े ही कमाल की चीज़ है ..!!

यदि आप अपने को हमेशा सर्वश्रेष्ठ मानते हैं तो, _ जरूर आप एक दिन सर्वश्रेष्ठ होंगे..

समाज तेरी यही कहानी ; _ ज़िंदगी घुट घुट कर बितानी, _ लेकिन नई राह नही अपनानी !

थोड़ी सी ज़िन्दगी अपने लिए बचा के रखना _ ना जाने कब मौत आ जाय !!

जीवन जीने में मज़ा तभी आता है _ जब बाहर का कुछ भी _ तुम पर हावी नहीं हो पाता है.

अगर तुम सच में ही फूलों के प्रेमी हो, _ तो तुम कांटों से भी निबाह करना सीख लोगे..!!

भीड़ में शामिल होना आसान है, _ लेकिन अकेले खड़े होने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए.

एक उबाऊ जीवन जीना बंद करें, _ एक महत्वाकांछी जीवन जीना शुरू करें ..

— ” मूल रूप से जीवन का आनंद लें, Enjoy life to the core.–“

हमेशा सिर्फ सही गलत के बारे में ही सोचते रहेंगे तो जिन्दगी कब जीयेंगे ?

अगर जिंदगी में किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं है, _ तो समझिए की तरक्की भी नहीं है.

सांचे में हमने औरों के ढलने नहीं दिया, _ दिल मोम का था फिर भी पिघलने नहीं दिया.

दायरा हर बार बनाता हूं ज़िंदगी के लिए, _ लकीरें वहीँ रहती हैं _ मैं खिसक जाता हूं..

“सच्चाई और अच्छाई का फल सदैव शुभ एवं सुखद ही होता है, _ नियम भी यही है “.

“सच बोलने की आदत” _ हमें किसी भी परिस्थिति का सामना करने का साहस देती है.

ये जिंदगी, तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो है, _  कुछ महकती है, और कुछ मुरझाती है.

मेरी एक औऱ दुनिया है, _ जहां मैं खुद लिखता हूँ, पढ़ता हूँ, औऱ खुश भी रह लेता हूँ..

जिसे कभी जीना आया नहीं, तुम उसी की बातें करते रहो _ “मैं प्रेम वश सुनता रहूंगा”

अधिक ध्यान उस पर दें, जो आपके पास है, _ उस पर नहीं जो, आपके पास नहीं है.

हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे, _ ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे..

एक ऐसा जीवन बनाएं जो अंदर से अच्छा लगे, न कि ऐसा जो बाहर से अच्छा लगे.

मेरे हालात तय नहीं करेंगे की मैं कैसा हूँ, _ मैं तय करूँगा की मेरे हालात कैसे होंगे..

जो अपनी जिंदगी में संतुष्ट नहीं है, _ वही दूसरों की जिंदगी में ताक झाँक करता है..

जीवन के प्रति हमारा रूख ही जीवन का रूख, _ हमारे प्रति निर्धारित करता है.

अपने दिल की सुनिए _ उसे पता होता है की _ आप सच में क्या बनना चाहते हैं.

जो जीवन को पढ़ना जानता है, _ उनके लिए जीवन स्वयं सत्य उजागर करता है.

दिमाग से मत हारना _ फिर ना कोई घटना तोड़ सकेगी _ ना कोई हरा पायेगा…

किसी चिन्ता को दूर करने के लिए किसी फैसले पर पहुँचना बहुत जरुरी होता है.

कोशिश ऐसी करनी चाहिए की हारते हारते, _कब जीत जाओ पता भी ना चले.

जो व्यक्ति थोड़े में भी खुश रहता है _सबसे अधिक ख़ुशी उसी के पास होती है.

कुछ गलत लोगों से तू खुद हमें दूर कर देता है, ताकि हमारी ज़िंदगी खराब न हो.

खो देते हैं,..फिर..’खोजा’ करते हैं….यही खेल हम, ज़िन्दगी भर खेला करते हैं!

अपने आप से प्यार करें, जीवन की हर हलचल का आनंद लें, जीवन अद्भुत है.

बहुत कुछ खोना पड़ता है जिंदगी में, _ तब जाकर खुद से मुलाकात होती है..

जमाने में उसने बड़ी बात कर ली.._ खुद अपने से जिसने मुलाकात कर ली…

ज़िन्दगी वो नहीं जिसमें ऐशो आराम हों, _ ज़िन्दगी वो है जिसमें संतुष्टि हो.

जिंदगी में कुछ भी डरने के लिए नहीं है, _ इसमें सब कुछ समझने के लिए है..

हमेशा दूसरों के लिए सोचना बंद करें, _ अपनी खुशियों के लिए जीना सीखें !

दूसरों से बेहतर होने की चिंता न करें, _ खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान दें.

जीवन वास्तव में सरल है, _ लेकिन हम इसे जटिल बनाने पर जोर देते हैं.

जिस दिन जीवन सपना मालूम पड़ता है, _ उसी दिन चित शांत हो जाता है.

मैं जीवन से प्यार करता हूँ, _ क्योंकि इसके अलावा और है ही क्या !!

भीड़ से भागा हुआ हूं साहब, _ बड़ी मुश्किल से जाना कि मैं _ कौन हूं .!

अपना मार्ग स्वयं तय करना, _ मतलब जीवन को जीवंतता से भर देना.

उगते हुए सूरज से मिलाते हैं हम निगाहें, _ बीते हुए कल का मातम नहीं मनाते..

ज़िंदगी बहुत छोटी है यारों _ इसे और छोटी बनाने की जरुरत क्या है !

जब कोई कुछ अच्छा और उचित कार्य करता है तो _जीवन कितना अच्छा होता है !!

ज़माने में सब ज़िन्दगी यूँ गुज़ारें, _ गुलिस्तां में रहती हैं जैसे बहारें ..

आपने जो कुछ भी खोया है, _ उसके लिए आपने कुछ और पाया है.

ज्यादा दूर देखने की चाहत में, _ बहोत कुछ पास से गुज़र जाता है !!

जीवन एक आइसक्रीम है, _ पिघलने से पहले इसका पूरा आनंद लें.

ज़िन्दगी बड़ी तुनुक मिज़ाज है, _ छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाती है.

छोटी सोच संदेह को जन्म देती है, _ और बड़ी सोच समाधान को !!

सफल होने के लिए नहीं _ बल्कि मूल्यवान बनने का प्रयास करें.

अपने अतीत को भुला दो, _ वर्तमान को तुम्हारी अधिक ज़रूरत है…!!!

समझ जितनी उच्चतम होगी, _ जिंदगी उतनी ही हसीन होगी..!!

जीवन सरल और सुन्दर है, _ जब तक हम स्वयं इसे उलझा न दें.

आगे का इतना भी मत सोचो कि _ अब का मज़ा ना ले पाओ !!

अतीत से ज़ख्म नहीं लिए जाते, _ अतीत से सीख ली जाती है.

बाहर से शांत दिखने के लिए _ अंदर से बहुत लड़ना पड़ता है !

अब हम जो सोचते हैं, _ वही तय करेगा कि हम कहां पहुंचेंगे..!

रुठ जाते हैं बे’वजह ख़ुद से, _ ज़िन्दगी कब उदास करती है !!

आप बदले तो कुछ नहीं बदला, हम बदलेंगे तो माहौल बदल देंगे !!

छिप-छिप के जीते हैं लोग, आप जैसे हैं वैसे क्यों नहीं जीते ?

जीवन में सरल चीजों का आनंद लेने के लिए समय निकालें..

मिट्टी का तन मस्ती का मन, _ छण भर जीवन मेरा परिचय…

” कल उन लोगों का है _ जो आज इसकी तैयारी करते हैं “

कितना सरल हो जाता है जीवन, _ जब विकल्प नहीं रहते..

सिर्फ अपना ख़याल रखना था, _ ये भी ना हो सका हमसे..

एक दिन सच बोलना पड़ेगा _ नहीं तो दम घुट जाएगा…

” खुद को खुश रखिए,” यह भी एक बड़ी जिम्मेदारी है…

जैसी हमारी सोच होती है, _ वैसा ही हम जीवन जीते हैं..

तार तार को _ सितार बनाने के हुनर का नाम ज़िंदगी है.

चैन की सांस लेना ही सही और वास्तविक जीवन है.!!

धीमे चलें और जीवन में साधारण सुखों का आनंद लें.

थोड़े में भी पूरी तरह से जीना _ सबसे बड़ी दौलत है…

अच्छे के साथ बुरा भी_ उसके अच्छे के लिए होता है.

स्वयं को जीतना ही पहली और सबसे अच्छी जीत है.

ज़िन्दगी खूबसूरत है, _ तुम जीने की तो ठानो …!!!

ज़िंदगी जी लीजिए, _  _वरना गुजर जाएगी …!!!!

हर सुख अपने साथ _ अपने ढंग का दुख लाता है !

महंगी है ये ज़िंदगी _ अब कोई छोटा सौदा नहीं…

जो अन्दर से साफ है, _ वही बाहर से चमकता है..

” अच्छी चर्चा करना _ धनवान होने के समान है “

जीवन …… मन जहाँ से रम जाये _ वही जीवन….

ज़िन्दगी आसान नहीं है, लेकिन खूबसूरत जरूर है.

वाकई दुखी होते हम, _ तो दुख छोड़ न देते ?

जीवन में, जीवन ढूंढ़ते, जीवन बीत चला !!

ज़िन्दगी है जी लो, _ वरना गुजर जायेगी !!

“जिंदगी खूबसूरत है लेकिन… शर्त लागू”

Life is beautiful but… Condition Apply

सच्चे लोग अपनी सरलता और पवित्रता में संतुष्ट रहते हैं, वे किसी को भी_

_प्रभावित करने की कोशिश नहीं करते, _ ” क्योंकि वे जानते हैं कि वे कौन हैं “

-“सरलीकरण का अर्थ है _ जो मायने रखता है उसके लिए जगह बनाना.”

जब हम खुद अपनी जिंदगी को बेशकीमती समझेंगे _ तभी यह दूसरों की नजर में भी मूल्यवान होगी..!!!

दूसरे शब्दों में – जब जीवनमूल्य निर्धारण स्वयं के हाथ है तो फिर क्यों न इसे अमूल्य समझा जाय…!!!..??

यदि हम अपने आप को केवल आजीविका के लिए तैयार करते हैं तो, _हमारे जीवन का

_ कोई मतलब ही नहीं रह जाता, जीवन को समझना कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.

ये जो बुद्धि आज इतने रास्ते खोजती है, ये मन जो आज इधर – उधर भाग रहा है, यह शरीर जिसकी सजावट रोजाना की जा रही है ; _ एक दिन सब जवाब दे जाएंगे, _

_ यह जानते हुए भी अगर तुम इन पर कार्य नहीं करते हो तो यह आश्चर्य की बात है ..

कहां ” टिकना ” है कहां ” अटकना ” है और कहां ” छटकना ” है ;

_ ये पता चल जाए तो जीवन में कभी ” भटकना ” नहीं पड़ेगा !!

अगर हम अपनी समझ से जीवन नहीं जी रहे हैं तो हम_

_ अपने जीवन का अपमान कर रहे हैं ..

अब हार तुम सकते नहीं, यह नियति को संदेश दे दो _

_ हारेगा अब से ” हार ” भी, तुम ऐसा संकल्प ले लो !!

रोजमर्रा की छोटी – छोटी बातों में खुशियां ढूंढना सीखो, _

_ क्योंकि खुशी की बड़ी वजहें आसानी से नहीं आतीं ..

जज़्बातों में बह कर खुद को किसी के अधीन मत कीजिए,

खुदा और खुद के अलावा _ किसी पर यक़ीन मत कीजिए..

रास आ जाए जिस पंछी को _ सोने के पिंजरे का जीवन _

उन पंखों के लिए _ कोई आकाश नहीं होता है..

मैं रोज़ रोज़ _ तबस्सुम { मुस्कान } में छुपता फिरता हूँ,

उदासी है कि मुझे रोज़ ढूंढ लेती है..

जब भी मिलती है मुझे, अजनबी लगती है __

ज़िन्दगी रोज़ नए रंग _ बदलती है ..

ज़िन्दगी वही है, जो जी रहे हैँ ; _

_ ये करेंगे वो करेंगे, ये तो ख्वाब हैँ !!!

तुम अगर खुश हो तो शोर मत मचाओ.,_

_ क्योंकि उदासियाँ _ कच्ची नींद सोती हैं..

स्वस्थ और बुद्धिमान लोग हमें कम ही मिलेंगे,

हम ऐसे लोगों के साथ घिरे हुए हैं, जो एक नशे में जीवन को जी रहे हैं.

” ऊपर वाला जो करता है अच्छे के लिए ही करता है,”_ ये बात हमे

तब महसूस होती है, जब हमारे साथ बुरा होने के बाद अच्छा होने लगता है.

” – कभी कभी कुछ काम का न होना _ कुछ अच्छे का होना होता है, _ काम न होना भी शुभ है -“

जब रब को आपसे प्रेम होता है ना, तो वो उन तमाम लोगों को

आपसे दूर कर देता है,,,……जो आपके काबिल नहीं होते…

तुझे सब पता होते हुए भी … यार

फिर क्यों मिलवाता है _ _ दर्द देने वालों से !!!

जिंदगी बहुत छोटी है… लेकिन आपको इसे मीठा बनाना होगा !

Life is so short…but you have to make it sweet !

यदि एक छोटा सा बीज एक बड़े से पेड़ को जन्म दे सकता है, तो जरा सोच कर देखो कि

हमारा एक छोटा नेक विचार हमारे जीवन में कितनी खुशियों को जन्म दे सकता है.

जब आप सुबह उठते हैं, तो सोचें कि जीवित रहना कितना कीमती विशेषाधिकार है – सांस लेना, सोचना, आनंद लेना, प्यार करना.

When you arise in the morning, think of what a precious privilege it is to be alive – to breathe, to think, to enjoy, to love.

खुद को बदलने का सबसे तेज तरीका है, उन लोगों के साथ रहना _

_ जो पहले से ही उस रस्ते पर हैं, जिस पर आप जाना चाहते हैं.

-” जिनकी संगति से जीवन कीमती बने उनकी संगति करनी चाहिए “

जिंदगी को समझो तो खुशियां_ नही तो गम का दरिया है,_

_ सुख और दुख कुछ भी नही _अपना अपना नजरिया है..

थोड़ी सी ज़िन्दगी में, कैद ना किया कर, ख़ुशियों के बादल ;_

_ वजह,,,,,बेवजह,,,,,, खुल के मुस्कुराया कर !!!!

घोंसला बनाने में….हम यूँ मशगूल हो गए …!

की उड़ने को पंख भी थे…. ये भी भूल गए…!!!

छोटी छोटी बातों में.. जीने का मज़ा छुपा होता है…

ख्वाहिशें तो बस ___ जीना दुश्वार करती हैं….

कभी कभी _ मन को मना लेना ही बेहतर होता है..

हर जिद _ हमें खुशी नहीं देती..

लगी है प्यास _ चलो रेत निचोड़ी जाए..

अपने हिस्से में _ समन्दर नहीं आना वाला…

आज थोड़ी बिगड़ी है _ कल फिर संवार लेंगे ;

_ ” ज़िंदगी है “, जो भी होगा _ संभाल लेंगे ..

रुला ले जितना रूला सकती है ए जिंदगी, _

_ हमने भी तुम्हे हँस कर गुजारने की ज़िद ठानी है !!

आपकी जिन्दगी बहुत ही अनमोल और सुन्दर है, _

_ इसे फालतू और बेकार बातों में नहीं गवाएं ..

खुशियां उगे न खेत में, मिले न हाट बाजार ..!

अपने अंदर ढूंढ लो, भरा अतुल भण्डार …!!

सही गलत के फेर में _बेवजह मत उलझिए,,

_ औरों की छोड़ चिंता_ पहले ख़ुद तो सुलझिए !!

छोड़ दिया किसी और के खयालो में रहना,

हम अब लोगों से नहीं _ खुद से इश्क़ करते हैं .!

जिस नजर से आप दुनिया को देखोगे, _

_ आपको दुनिया वैसी ही नजर आएगी ..

तासीर एक सी रहे, बस मौसम बदलते रहें..

_ ये वो हुनर है, जो बड़ी मुश्किल से आता है..!!!

ज़िंदगी अपने हिसाब से जियो यारों ;

लोगों के हिसाब से जियोगे तो _ ना अपने रहोगे _ ना लोगों के !

जीवन उसी का मस्त है, जो स्वयं के कार्य मेँ व्यस्त है ;_

_ परेशान वही है जो, दुसरों की ख़ुशियों से त्रस्त है !!

दुनिया वाले आपका सब कुछ छीन सकते हैं _ लेकिन आप का खुश रहना नहीं

_ क्योंकि यह समझ आपके पास है !!

*- जीवन में दर्द मिलना तो स्वाभाविक है लेकिन दुखी होना न होना आप के हाथ में है.!

अपनी उपस्थिति का एहसास कराने के लिए मत जियो, अपनी अनुपस्थिति का एहसास कराने के लिए जियो..!!

Don’t live to make your presence noticed, live to make your absence felt.

उन्हीं यादों को सहेजिए,, _ जो आँखों में चमक पैदा करे ..

_ उन्हें नहीं _ जो चेहरे पर _ शिकन पैदा करे..

आते हैं हर किसी के दिन बेहतर, _

_ जिंदगी के समुद्र में हमेशा तूफ़ान नहीं होते.

जो तराशता है उसे खूबी दिखेगी..

जो तलाशता है उसे कमी दिखेगी !!

हमने खुद को, _ खुद ही तराशा है..

वर्ना _ बीत जाती ज़िंदगी,_ जौहरी को ढूँढने मे….!!

अपने – आप को, ‘ मुकम्मल, कर लो तो,_

_ फिर सब ‘ मुकम्मल, हो जाता है “

ज़िन्दगी वह नहीं जो तुम्हें मिली है, _

_ ज़िन्दगी वो है जो तुमने बनाई है !!!

तू हँस, तू मुस्कुरा और रोना कम कर दे, –

_ ज़िंदा है तू, ज़िन्दगी की नाक में दम कर दे !

रुकने की भूल बन न सकी हार का सबब _

_ चलने की धुन ने राह को आसान कर दिया..

मेरे जीवन की कमाई बस इतनी सी है, _

_ जब कभी चुनाव की बात आई, _ मैंने सदा अपने जीवन को चुना..!!

“एक ही जीवन हम दो बार जीते हैं” दूसरी बार तब जीना शुरू करते हैं..

_ जब एक दिन अचानक यह महसूस होता है कि अरे, हमने तो यह जीवन जिया ही नहीं..!!

जो व्यक्ति फालतू की बहस करता है और करता रहता है,

_ उससे हम कहते हैं, ‘दिमाग क्यों खा रहे हो ?’
_ असल में जिसके पास अपना दिमाग नहीं होता, वही दूसरे का दिमाग खाता है.

कायनात का अपना एक संगीत है, उनके लिए जो इसको सुन सकते हैं.

“Earth” has music for those who listen.

जिंदगी में कुछ चीजों को, कुछ बातों को और कुछ लोगों को जाने दीजिए,

तभी तो अच्छी चीजों, अच्छी बातों और अच्छे लोगों के लिए जगह हो पाएगी.

जीवन के सारे दुःखों की जड़ ‘चाह’ है. ‘चाह’ नजर बाहर घुमाने से पैदा होती है,

यानी जिसकी नजर सिर्फ अपने पर बनी हुई हो वह कभी दुःखी नहीं होता.

टेढ़े – मेढें रास्तों पर चलकर अहमियत मंजिल की समझ में आती है

_ जो हासिल हो सरल रास्तों से उसकी कीमत कब आंकी जाती है .!!

“आप जानते हैं कि आप किससे प्यार करते हैं _

_ लेकिन आप यह नहीं जान सकते कि कौन आपसे प्यार करता है..

जो सोचते हैं वो हो नहीं पाता, _

_ क्योंकि जो जरुरी है _ वो कोई समझ ही नहीं पाता !!

जीवन की कश्ती को पार लगाने में, _

_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की !!

रात कि मुट्ठी में एक सुबह भी है, _

_ शर्त यह है पहले अंधेरा तो देख ..

यदि आप फूल उगाने की जगह… _ काँटे साफ करना चुनोगे…

तब भी आप _ संसार को उतना ही सुंदर बनाओगे….

ज़िंदगी ने तो बहुत मौके दिए, दौलत के पहाड़ खड़े करने के,

लेकिन मेरी ज़िद थी, खुद की गहराइयों में उतरने की,”

इतनी उम्र बीतने के बाद मुझे यह समझ में आ गया है कि परिवर्तन को रोका नहीं जा सकता,

_ अगर वह अच्छे के लिए हो रहा है, _ तो हमें बाहें फैला कर उसका स्वागत करना चाहिए..

साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि_ वह इस बात की चिन्ता नहीं करता_

_ कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं.

गलतियाँ, असफलताएँ, अपमान, निराशा, अस्वीकृति और प्रगति विकास का हिस्सा हैं, _

_ इनका सामना किए बिना _ किसी ने कुछ भी हासिल नहीं किया है ..

हम खुशियां मनाने के लिए त्योहारों का इंतजार क्यों करते हैं. आज जब मैं अपने आस- पास की दुनिया देखता हूँ, मेरी उम्र के लोग या बाकि भी लोग पुराने नियम- कानूनों में सिमटे रहना चाहते हैं.

ये लोग हर बदलाव को डर की नजर से देखते हैं. लेकिन होना ये चाहिए कि हमें जिन्दगी के हर पल का लुत्फ उठाना चाहिए.

यह कभी मत सोचो कि तुम दूसरों की तरह क्यों नहीं हो, _ इस तरह जियो कि तुम दूसरों को यह सोचने पर मजबूर कर दो कि

_ वे तुम्हारे जैसे क्यों नहीं हैं_ ” यही जीवन जीने का वास्तविक दृष्टिकोण है “

“” हमें अक्सर यह महसूस होता है कि हमसे ज्यादा दूसरो का जीवन !!!अच्छा है !!!

_ !!! किन्तु हम ये भूल जाते हैं कि दूसरो के लिए हम भी दूसरे ही होते हैं “”

उस आदमी को कोई नहीं हरा सकता _ जो अकेले, आत्मविश्वास के साथ,

_ बाधाओं, गरीबी, दुर्भाग्य और कठिनाइयों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए तैयार है.

आपके सिवाए आपकी खुशियों का नियंत्रण किसी और के पास नहीं है, _

_ इसलिए आपके पास खुद की किसी भी स्थिति को परिवर्तन करने की शक्ति है ..

जिंदगी एक खूबसूरत रेलगाड़ी की तरह है,_ मीलों का सफर और यादों से भरी _

_ कुल्हड़वाली चाय की तरह, _ ” जिसका जायका जिंदगी नहीं भूलती “

मेरे मन में जीवन पर सवाल उठता है कि कहीं हम बड़ी बड़ी चीजों के लिए उन सारी छोटी चीजों को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे हैं, जिनका महत्व बड़े के बराबर ही है..

इसमें संदेह नहीं कि ज़िन्दगी मुश्किलों से भरी है ;

लेकिन इसकी मेहरबानियाँ भी कम नहीं _  ” शुक्रिया करते चलो इसका “

ज़िंदगी अपनी ख़ुद की है, इसे तो पूरी शिद्दत से जीना चाहिये.

लोगों का आना-जाना लगा रहता है,_  ख़ुद के साथ रहना आना चाहिये.

यह दुनिया बिलकुल वैसी ही है, जैसा आप देखना चाहते हैं..

_ चाहें तो कीचड़ में कमल देख लो, चाहे देख लो चाँद पर दाग.

“*- कोई मुद्दा सही गलत नहीं होता, बस ताल मेल का होता है..”

आप जो नहीं हैं उसके लिए खुद से नफरत करना बंद करें _

_ और जो कुछ भी आप पहले से हैं _ उसके लिए खुद से प्यार करना शुरू करें.

आपकी अपनी खुशी का कारण कोई नहीं है – आपके अलावा, आप स्वयं हैं _

_ बाहर की दुनिया में शांति, संतोष और आनंद की तलाश में अपना समय और प्रयास बर्बाद न करें.

कभी भी दो भिन्न व्यक्ति और दो विभिन्न परिस्थितियां एक जैसी नहीं होतीं ;

कहीं ऐसा न हो कि, कल की सोचते-सोचते और तुलना करते – करते _

_ हम अपने आज को ही खो दें और फिर कल इसी आज को याद करें ;

इसलिए जिस हाल में हैं… जैसे हैं… प्रसन्न रहें __ आप मुस्कुराइए, जिंदगी मुस्कुराएगी.

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आनंद क्या है ?

जब मन पर न सुख हावी है, न दुख हावी है, तब मन का जो निर्बोझ होना है, जो ख़ालीपन है उसे ‘ आनंद ‘ कहते हैं

” आनंद सदैव न हो तो आनंद नहीं है ” _ दुख आता है, जाता है। सुख भी आता है, जाता है।

” जो न आता कभी और जो न कभी जाता है, उसका नाम ही आनंद है ” जो हमारा स्वभाव है, स्वरूप है.

और जो व्यक्ति भी इस भीतर के स्वरूप में थिर हो जाता है, आनंद को उपलब्ध हो जाता है, स्वयं में स्थित हो जाता है.

” आनंद क्या है ” ? स्वयं से मुक्त होने पर मन का उत्सव.

_ “जो आनंद में है, वह किसी का नहीं, सबका है.”

“आनंद कहीं बाहर नहीं है ; _ यह हमारे ध्यान को ठीक करने में, स्वभाव की स्थिरता में, और हमारे मन की वापसी में है ; _ जो लोग इस रहस्य को जानते हैं _ उन्हें खुशी की तलाश बाहर नहीं करनी चाहिए !!

“बूंद के पीछे सागर फैला है, सागर बूंद को सहारा देता है ; _ बूंद को सागर का बोध करा देना, यही सब यथार्थ है !!

– लालाजी

“Happiness is not anywhere outside. It is in our fixing the attention, in the steadiness of disposition, and in the withdrawal of our mind. Those who know this secret need not search for happiness outside.” “Behind the drop the sea extends, The sea supports the drop. To make the drop realise the ocean, is all the Reality.” – Lalaji [ Heartfulness ]

मज़ेदार बात समझो !

एक बार तुमने इस बात पर ध्यान देना बंद कर दिया कि _ ” सुख मिल रहा है कि दुःख, “

उसके बाद न सुख मिलता है न दुःख.

उसके बाद वो मिलता है , _ जिसे तुम सच्ची खुशी कहते हो,

समझने वाले जिसे आनंद कहते हैं.

यदि हम सोचते हैं कि _आनंद केवल मानवीय रिश्तों से ही निकलता है तो _हम गलत हैं ;

_रब ने इसे हमारे चारों ओर रखा है… और हमें बस उस तक पहुंचना है.

“यदि आप अपने आनंद का पालन करते हैं, तो आप अपने आप को एक तरह के ट्रैक पर रख देते हैं, जो हर समय वहाँ रहा है, आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, और जिस जीवन को आप जी रहे हैं, वह आप जी रहे हैं.

जब आप यह देख सकते हैं, तो आप ऐसे लोगों से मिलना शुरू करते हैं जो आपके आनंद के क्षेत्र में हैं, और वे आपके लिए द्वार खोलते हैं.

अपने आनंद का पालन करें और डरो मत, और दरवाजे खुल जाएंगे जहां आप नहीं जानते थे कि वे होने जा रहे हैं. यदि आप अपने आनंद का अनुसरण करते हैं, तो आपके लिए ऐसे द्वार खुल जाएंगे जो किसी और के लिए नहीं खुले होंगे.

“बस खुश रहना अच्छा है, यह जानना थोड़ा बेहतर है कि आप खुश हैं; लेकिन यह समझने के लिए कि आप खुश हैं और यह जानने के लिए कि क्यों और कैसे और फिर भी खुश रहें,

_ अस्तित्व और ज्ञान में खुश रहें, यह खुशी से परे है, यही आनंद है.

ज़ब व्यक्ति स्वयं क़ो अस्तित्व क़ो सौंप देता है तो..सम्पूर्ण अस्तित्व उस पर परम् आशीष बनकर बरस जाता है.. _ तब ना अपेक्षा ना उपेक्षा ना आकर्षण ना विकर्षण सिर्फ पूर्ण समर्पण.. __ मूल्यवान छोड़कर अमूल्य का आनंद ही परम् आनंद है.🌹💐🌹

जिसे कोई भी सुख दुःख नहीं दे सकता, वही व्यक्ति आनंद में स्थापित हो जात्ता है.

*आनंद* तब आता है जब आप अपने जीवन के साथ _इतने तालमेल से फिट हो जाते हैं, कि *आप जो भी करते हैं वही आपका आनंद होता है*

अगर आप उस काम से प्यार करते हैं जो आप कर रहे हैं, अगर आप अपने जीने के तरीके से प्यार करते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से ध्यान की अवस्था में हैं ;

प्रकृति ने आपके जीवन को एक उत्सव के रूप में डिजाइन किया है !! लेकिन _ जब आप दुखी होते हैं, तो आप *दुख को चारों ओर फेंक कर ब्रह्मांड को प्रदूषित करते हैं..!!

आनंद का अर्थ है, – निष्प्रयोजन मुस्कान

कोई वजह नहीं है तब भी मुस्कुरा रहे हैं, _ कोई कारण नहीं रहता लेकिन फिर भी मूड अच्छा अच्छा सा रहता है.

किसी ने हमें कुछ दे नहीं दिया, फिर भी मन में बड़ा अनुग्रह है, _ ग्रेटीटयूड की भावना है,

पता नहीं किसको मन करता रहता है धन्यवाद देने का – कि तूने इतना कुछ दे दिया..

आनंद से संतुष्टि मिलती है और संतुष्टि से आनंद मिलता है,, परन्तु फ़र्क बहुत बड़ा है ; _

_ ” आनंद ” अल्प समय के लिए और ” संतुष्टि ” जीवन भर के लिए आनंद देती है.

*एक दिन बिना**आनंद के बीते,* *तो आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया ;

_ और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें..*

“अपने अंदर एक ऐसी जगह ढूंढो जहाँ आनंद हो, और आनंद दर्द को जला देगा”

“Find a place inside where there’s joy, and the joy will burn out the pain.”

मनुष्य होने का आनंद सृजनात्मकता में मिलता है, उपभोग में नहीं.!!

The joy of being human is found in creativity, not consumption.

मनुष्य को ज्ञात दर्द के साथ जीना ठीक है लेकिन अज्ञात आनंद से दूर भागना है.

Humans are okay to live with known pain but run away from unknown joy.

जीवन इतना कीमती है कि इसे बिना हर पल का आनंद लिए,

_ फिसल जाने नहीं दिया जा सकता..

इंसान जब अपने आंतरिक गरिमा से दूर होता है, तब सस्ती ख़ुशी उस के लिए बहुत बड़ी चीज हो जाती है ;

” – आनंद और ख़ुशी में भेद कर पाने का विवेक पैदा करो — “

प्रकृति में हर ओर आनन्द ही आनन्द फैला पड़ा है,

लेकिन हमारा ध्यान केवल अपने अभावों और दूसरों की समृद्धि पर लगा रहता है.

जिस जीवन में आप बहे जा रहे हैं, अगर वहाँ आनंद उपलब्ध नहीं होता है,

_ तो जानना चाहिए _ आप गलत बहे जा रहे हैं.

” सुख दुःख साझ़ा किया जा सकता है _ आनंद साझ़ा कभी नहीं होता,

_ आनंद तो पूर्णतः व्यक्तिगत अनुभूति है, “

जो सुख की तरफ जाता है _ वह दुख पाता है,

_ जो आनंद की तरफ जाता है _ वह सुख पाता है..

यदि आप कोई काम कर रहे हैं और आपको उस काम में, _

_ आनंद नहीं आ रहा तो आप उस काम के लायक नहीं हैं ..

ज़िन्दगी के बेहतरीन पलों का आनंद लें जिन्हें आपने अपने लिए चुना है, _

_ हममें से बहुतों में ऐसा करने की हिम्मत या इच्छाशक्ति नहीं है..

जब आप की ऊर्जा आप के ही भीतर घूमती है और आप में ही लीन हो जाती है _

तब _ आप की शक्ति भी नहीं खोती और आनंद भी उपलब्ध होता है..

“जब तक कोई वर्तमान में पूरी तरह से जीने में सक्षम नहीं होता है, तब तक भविष्य एक धोखा है ; _ ऐसे भविष्य के लिए योजना बनाने का कोई मतलब नहीं है _ जिसका आप कभी आनंद नहीं उठा पाएंगे !!”

_ जब आपकी योजनाएँ परिपक्व होंगी, तब भी आप किसी और भविष्य के लिए जी रहे होंगे !!!

सफलता वो है _ जो दुनिया देखती है ;

सुफ़लता वो है _ जिसमें आप आनंदित होते है _ भले दुनिया को दिखे या न दिखे ;

लेकिन प्रफुल्लता वो है _ जिसमें आप का आनंद अंदर और बाहर दोनो तरफ़ बहता है.

दुख को देख न पाना आनंद नही हैं, _ बल्कि आनंद है_ जो दुःख को दुःख और ख़ुशी की तरह देख सके और उसके निदान का प्रयास करे.

” धन ” अकेला आनंद नहीं खरीद सकता, हालांकि यह मदद कर सकता है ; आनंद एक कला है.. _ और एक ऐसा कौशल _ जिसके लिए हमारे पास बहुत कम प्रतिभा या ऊर्जा है”

जब कोई कहता है कि उसका जीवन अच्छा है, तो इसका मतलब है कि वह उन बुनियादी चीजों तक पहुंच बना सकता है जो उसे आराम और आनंद देती हैं.

_ एक अच्छे जीवन को आत्म-संतोषजनक और आत्म-संतुष्ट करने वाला के रूप में वर्णित किया जा सकता है.!!

सबसे अधिक दिखाई देने वाला आनंद _ केवल तभी हमारे सामने प्रकट हो सकता है _ जब हम इसे अपने भीतर रूपांतरित कर लेते हैं.

“अपने आनंद का पालन करें और ब्रह्मांड आपके लिए दरवाजे खोल देगा जहां केवल दीवारें थीं”

खुशी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर है- लेकिन आनंद आत्मा का एक गुण है और हमारे भीतर है- इसकी अभिव्यक्ति है या नहीं, यह हम निर्धारित करते हैं.

मैं आपके सबसे आंतरिक अस्तित्व के आनंद के संपर्क में रहने की सलाह देता हूं ; _खुशी बहुत बड़ी है और मैं इसका आनंद ऐसे लेता हूं जैसे मैं ग्रेवी का आनंद लेता हूं, लेकिन मैं इस पर निर्भर नहीं हूं.

“आनंद अपने ही भीतर पाया जाता है.”

हम सभी इस दुनिया में इधर-उधर खुशियां ढूंढ रहे हैं, लेकिन हमें यह महसूस करना चाहिए कि खुद से और खुद के लिए खुश रहना ही खुशी की कुंजी है ; _ आप ही एकमात्र व्यक्ति हैं जो खुद को खुश कर सकते हैं, हमेशा याद रखें कि आपके लिए कोई नहीं है, हर कोई अपनी समस्याओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, इस व्यस्त दुनिया में कोई भी स्वतंत्र नहीं है.

अगर आपको लगता है कि कोई आएगा और आपको खुश करेगा, तो इसका मतलब है कि आप खुद से झूठ बोल रहे हैं, _ क्योंकि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने लिए काम करें, किसी और की नहीं ; _ इसलिए हमेशा अपने भीतर खुशी की तलाश करें.

आनंद में रहने का मेरा निर्णय _ दुखी होकर अपने जीवन का एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना है ;

_ आनंद लेने और सराहना करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है ;

_ मैं उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, जो सही और अच्छी हैं _ न कि _ उन चीजों पर _ जो मुझे परेशान करने वाली या अप्रिय लगती हैं..!!

_ *एक गाजर के दो टुकड़े करें ; _ एक को चीनी की चासनी में और दूसरे को नमक लगा कर रख दें..!!

_ *कुछ दिन बाद एक टुकड़ा मुरब्बा और दूसरा टुकड़ा अचार बन जाएगा. _गाजर वही है लेकिन नतीजा अलग-अलग..

_ इसलिए जो कुछ बनना चाहते हैं, वैसे माहौल के लोगों में बैठें..!!

हम हमेशा बेहतर कल के लिए काम करते हैं ; _ लेकिन जब कल आता है तो _ आनंद लेने की बजाय _ हम फिर से बेहतर कल के बारे में सोचने लगते हैं ! आइए आज का दिन बेहतर बनाएं !!

We always work for a better tomorrow. But when tomorrow comes, instead of enjoying, we again think of a better tomorrow! Let’s have a better today.

आपका उद्देश्य उन छोटी-छोटी चीजों में पाया जाता है जो आप सहजता से करते हैं _और जो आपकी आत्मा को अधिक आनंद देती हैं.

सत्य के साथ जीते हो तो फिर धन कम हो या ज्यादा _ आप उसमें आनंदित रहना सीख जाते हो..

अगर आप खुद ही आनंद के स्त्रोत बन जाते हैं, तो आपके जो भी रिश्ते होंगे, वो शानदार होंगे..!!

यदि आप नेक दिल हैं तो _ आपके आस- पास के लोग अवश्य ही आनंद का अनुभव करेंगे.

जो व्यक्ति अपने साथ बहुत आनंद अनुभव करता है, _ दूसरे उसके साथ बड़ा आनंद पाएँगे.

“एक व्यक्ति जो अभी का आनंद लेता है _उसे खुशी के लिए यादों से चिपके रहने की जरूरत नहीं है”

आनंद बहुत बहुत बहुत महंगा था और आश्चर्य !! इसे वही खरीद पाए,

__ जिनके पास कुछ भी नहीं था..!!

आनंद पहली अच्छाई है. यह हर पसंद और हर नापसंद की शुरुआत है ;

_ यह शरीर में दर्द और आत्मा में परेशानियों का अभाव है.!!

खुद से बोलिये : मैं खुश हूँ, मैं स्वस्थ हूँ ;

_मेरा जीवन खुशियों से भरा हुआ है और मैं उसे आनंद के साथ जी रहा हूँ..!!

आनंद से हमारा तात्पर्य उस अवस्था से है ;

_जिसमें शरीर दर्द से और मन चिंता से मुक्त होता है.!!

वास्तविक आनंद मन की वह अवस्था है,_ _जिसमें आनंद का ख़याल भी नहीं रहता.

जो स्वयं में आनंदित होगा _ उसे किसी की भी पीड़ा बहुत जल्द दिखाई पड़ती है.

हर एक इंसान का नजरिया अलग होता है, _ पर तलाश तो आनंद ही होता है..

कुदरत ने तो…आनंद ही आनंद दिया था,  __ दुःख तो…हमारी खोज है.

आनंद कदम – कदम पर है,_ बात बस इतनी कि हम कैसे जीते हैं.

जो इंसान आनंद में है _ वह अस्तित्व के उद्देश्य को पूरा कर रहा है.

आनन्द में ज्ञानियों ने या तो ऊंची उड़ान भरी थी या फिर मौन में चले गए थे.!!

वास्तविक आनंद मन की वह अवस्था है, जिसमें सुख का भी खयाल नहीं रहता..

मुझे लगता है कि आनंद, पवित्रता के निकट आने पर उत्पन्न होने वाली तरंग है..!!

“जीवन से आनंद उठाओ…जितना हो सके ; _ आनंद से कभी कोई नहीं मरा..”

खुशी देखकर दूसरों की, आनंदित होना भी, स्वस्थ मन की पहचान है !!

“आनंद एक नृत्य है _जिसमें कलाकार और दर्शक एक होते हैं”

सभी संवेदनाएँ सत्य हैं; आनंद हमारा स्वाभाविक लक्ष्य है.

जो आदमी आनंद में है _ वह सुख नहीं चाहता है.

आनंद है स्वभाव तुम्हारा, है उत्सव तुम्हारी जात ;

अनहद में है विश्राम तुम्हारा, बस इतना रखना याद ;

यह जीवन है एक सराय, नहीं करना रुकने की बात ;

मृत्यु जीवन से अलग नहीं, ये है जीवन का भाग ;

बंधो न तुम, न बांधो किसी को, बस इतना सा तुम कर लो ;

हर पीड़ा को हर लूंगा मैं, तुम मुझको अपना कर लो.

समय समय पर मन मेरा मुझे यात्रा, कहीं घूम आऊं – की तैयारियों और आने वाले अद्भुत आनंद की प्रतीक्षा में उलझाए हुए रहता है _ और मैं निकल भी जाता हूँ _

_ लेकिन पूरी यात्रा के दौरान एक बात हमेशा खटकती रहती है कि जिस आनंद के लिए इतनी तकलीफें उठाई, वही आनंद घर पर भी अधिक सुगमता से पाया जा सकता था.

पहाड़ पर मन घर की सोचता है और घर पर पहाड़ की, __ आनंद न दृश्य में है और न ही दर्शक में वरन दृष्टा भाव में ही शाश्वत आनंद है.

यही है ज़िन्दगी ??

यही तो है जिंदगी तो इसका आनंद.. कब कहां कैसे क्या होता है ! हम क्या सोचते हैं, और क्या हो जाता है.

जिंदगी में अक्सर हम कुछ लोगों को इतना करीबी मान लेते हैं _ जैसे उनके बिना जिंदगी संभव नहीं ; _ लेकिन वक्त और जीवन का फलसफा कुछ और ही है मेरे यार !

कब कहां किस मोड़ पर जिंदगी बदल जाए, हाथों से हाथ छूट जाए, लोगों का पलायन हो जाए,

जो सोच न सके कि कभी ऐसा हो जाता है.. यही है ज़िन्दगी और उसकी रीत,

और जीवन के रंगमंच में कठपुतली सा दिल और उसकी संजीदगी !

हमारे लिए समय बहुत कम है और यदि हम जीवन में इस समय का आनंद नहीं लेते हैं तो शायद हमारा जीवन अधूरा होगा,

_इसलिए मैं सोचता हूं कि इसमें थोड़ा समय बिताया जाए ;

_मेरा मानना ​​है कि_ हजारों व्यस्त जीवन में हर किसी को बाहर जाना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए..!!

जीवन की अंधी दौड़ में भागने और नए नए चेहरों से मिलने से जो फुर्सत कभी मिल जाए तो कभी ख़ुद भी ख़ुद से मुलाकात करने के लिए बैठिए..

_ एक शाम, खुली हवाओं में ख़ुद के साथ..
_जहाँ ना काम की चिंता हो ना दुनियादारी की बातें, ना लुक्स का मैटर हो ना रिश्तेदारों की खुराफातें,
_ बस हो एक अनकहा अहसास…!

यार – सखा – मितवा – रहबर – 2015

यार, धन्यवाद कि मैं अपने बारे में अच्छा महसूस कर सकता हूं क्योंकि मैं तेरा बच्चा हूं; धन्यवाद कि मैं दूसरों के सामने खुद को साबित करने की ट्रेडमिल से निकल सकता हूं क्योंकि मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है.

God, thank You that I can feel good about myself because I am Your child. Thank You that I can get off the treadmill of proving myself to others because I don’t have to prove anything to anyone.

अजीब रिश्ता है मेरा तेरे साथ !

_ मुसीबत जब भी आती है ; ना जाने किस रूप में आता है,
_ हाथ पकड़ कर पार लगा देता है,,,
_ मैं तेरे सामने सर झुकाता हूँ : तू सबके सामने मेरा सर उठाता है.
_ “एक तुम्हारी याद को मैंने सुबह की पहली धूप की तरह अपने भीतर उजाला करते हुए देखा है !!”
_ “जब मैं तुझसे सीधे बात कर रहा हूँ, तो और किसी से कोई चर्चा नहीं करनी है.!!”

ऐसा क्यों होता है कि तू इतना दूर हो कर बहुत करीब है,

_ बिना मिले बिना देखे दिल में उतरा हुआ है,
_ तू जैसे साथ है.. हर पल ऐसे गुजरता है.
_ कैसे बन जाता है तुझसे से यह बेनाम सा रिश्ता..
_ जो हर रिश्ते से ऊपर हो जाता है.!!

मैं तुमको उस दुनिया से राहत के रूप में देखता हूं _जिसमें मैं रहता हूं और जब मैं तुमको अपने आसपास नहीं पाता, _तो मुझे ऐसा लगता है _जैसे मैं दर्द में हूं..

_और इसका कोई इलाज नहीं है, _चाहे मैं जहां भी खोजूं या जहां भी जाऊं..!!
— तू नहीं जानता कि तू जब मेरे आसपास होता है तो कैसा आनंद महसूस होता है ;
_ मेरे लिए, तू मेरी खुशी का स्रोत है.!!
_ मैं तुमसे परे नहीं देख सकता; क्योंकि मेरी दुनिया तुमसे शुरू होती है और तुम पर ही खत्म होती है.

*मुझे नहीं महसूस करना है _ टूटकर बिखरने का दुःख, _ जुड़ा रहना चाहता हूं _ तुम्हारी खुशबू से !!

तुम्हारे और मेरे मौन के बीच _ बसा जो शहर है चुप्पी का, _ बने रहना है मुझे _ उस शहर का बाशिंदा !

तुम्हें महसूस करना अकथनीय है, ख़ुशी मौन में बदल चुकी है और मौन आसुंओ में तब्दील हुआ,

_ तब समझ पाया कि ख़ुशी के आंसू क्या होते हैं..!!

मैं चाहता हूँ कि तू कुछ ऐसा कर कि जिससे मैं पूरी तरह खिल जाऊँ,

_ ताकि मैं जो कुछ भी मेरे मन में है, उसका आनंद ले सकूँ.!!

कुछ इस तरह से…. तुम मेरे साथ रहना,

_ मैं तुम्हे लिखकर खुश रहूं !! और तुम पढ़ कर …

मैं भटकना भी चाहूं तो भटक नहीं सकता..

_ क्योंकि तुम से नाता जो जुड़ा हुआ है..!!

** नाज़ है मुझे खुद पर..

_ क्योंकि मैं उसकी पसंद हूँ, जिसे हर कोई पसंद नहीं आता !!

“आऊंगा किसी दिन हिसाब करने”

_ जो अभी तक तुझसे लिया है, लौटा जाऊंगा.

_ किसी दिन यहीं फना हो जाऊंगा..

“मेला, खिलौने और तू”

_ तूने मुझे मेला देखने भेजा था और मैं खिलौनों में उलझकर रह गया !!

— “संसार उसे कहते हैं” जो दिखता है ‘वह है ही नहीं’.. और जो नहीं दिखाई देता है ‘वही सब कुछ है.’

दुनिया के पीछे चलते-चलते लगा था, ज़िन्दगी पूरी हो गई..!

_ पर जब तुम निगाहों में आए तो जाना, अभी ज़िन्दगी बाकी है.!!

मुझे लगता है कि यह हमारी उच्च ऊर्जा ( रब ) है, आप जीवन में जितने अधिक शुद्ध कर्म करेंगे और रब को प्रार्थना में रखेंगे, आपका जीवन सही रास्ते पर होगा.!!

मुझे खुशी है कि तुम मेरी ज़िन्दगी में आए और इससे भी ज्यादा खुश कि तेरी वजह से ही मैं जीवन को अपने साथ देख रहा हूँ ; _

_ तुम मेरे साथ रहते हो इसके लिए मेरा दिल खुशी के आंसुओं से रोता है..

I am glad that you came in my life and even more happy that because of you I am seeing life with me. For you stay with me, my heart cries with tears of joy.

you are the most precious stone in the collection of my secret treasure.

हम में से हर एक के अंदर, रब की आवाज कह रही है, “तुम मेरी छवि में बने हो”

Inside every one of us, the voice of God is saying, “You are made in My image.”

ज़रा – ज़रा सी बात पे रोना सिखा दिया, देख तूने क्या से क्या मुझको बना दिया !

_ होगा नहीं पूरा कभी ये मुझको पता है, ख्वाब इन आँखों को जो तूने दिखा दिया !!

“*– मेरा तुम्हें भूल न पाना इसलिए भी कठिन है _ क्योंकि मैंने तुम्हारे साथ बिताये प्यार के पलों को इतनी गहराई से जिया है कि वो मेरे ह्रदय की पृष्ठभूमि पर हमेशा के लिए छप गये हैं !!

_ जो अक्सर ही मुझे तुम्हारे खयालों में डुबो देते हैं और मन बार बार से उन्हीं पलों में जीना चाहता है !.

तुम जब भी आओ तो एक टुकड़ा छांव का लेते आना..

_ जिंदगी की उलझनों की धूप में झुलस गया है वजूद मेरा..

.

और मेरे पास फिर से तुझसे वही सवाल हैं ?

मैं कौन हूँ ? यह दुनिया क्या है ? और इस दुनिया से मेरा क्या रिश्ता है ?

तेरे नाम के धागे भी खोल दिए मैंने..

_ बंधनों में प्रेम मुझे अच्छा नहीं लगता..

कभी कभी ना कुछ बोले..

_ हम शायद कहीं बंध से जाते हैं..!!

हां.! तुम आना, आना ज़रूर..

_ “बाहर का शोर खो जाए, बस भीतर की खामोशी बोलती रहे.”

मत ढूंढो … कि दुनिया में खूबसूरत कौन है..

_ देखना है तो उसे देखो … जिसके होने से आपकी दुनिया सुंदर है .!!

जो नहीं हो पा रहा है उसको उस के हवाले कर दो,

_ फिर देखना कि क्या होता है _ उसी को जरिया बना देगा जो रुकावट है..!!

“उसके पास तुम्हारे हर मसले का हल मौजूद है तुम कह कर तो देखो.”

आपके लिए उसकी योजना अच्छी है क्योंकि वह अच्छा है !

His plan for you is good because HE is good !

चन्द सिरफिरे हैं तेरी तलाश में, _ बाकी सब दाल रोटी की जुगाड़ में ..

मेरी जिंदगी में कुछ ऐसे रिश्ते हैं जो कहने को तो मेरे कुछ भी नहीं लगते_ मगर मेरे होने में उनका अहम किरदार है.

ये वही लोग है, जो मेरी हैसियत नही मेरा दिल देखते हैं_ मैं शुक्र गुजार हूँ ऊपर वाले का,

उस ने मेरी ज़िन्दगी में बहुत कुछ छीना, पर सब कुछ नही छीना.

जब तू किसी को मुश्किल से निकालना चाहता है तो उसके लिए ऐसा रास्ता बनाता है _ जो इंसान की समझ से बाहर होता है..!!

जीवन में बस एक बात सीखी है कि सब कुछ होने पर भी कुछ काम नहीं आता ;

_ इसलिए सबकुछ पाने की कोशिश छोड़कर तुमको पाने की कोशिश कर रहा हूं !!

कभी कभी कुछ चीजों से Move on करना मेरे लिए भी आसान नहीं होता

मगर वक़्त के साथ आगे बढ़ना ” मैंने तुमसे सीखा है “

रूठी जो जिंदगी तो मना लूंगा मैं, मिले जो ग़म वो सह लूंगा मैं ;_

_ बस यार तू रहना हमेशा साथ मेरे, तो निकलते आंसुओ में भी मुसकुरा लूंगा मैं ..

जब मैं तेरे साथ होता हूँ तो देखता हूँ तू मेरे लिए खड़ा है, _

_ जब तू मेरे लिए खड़ा होता है, तो कोई तेरे सामने खड़ा नहीं हो सकता !!!

बहुत उदास हूँ तेरे चुप हो जाने से, हो सके तो बात कर किसी बहाने से. _

_ तू लाख खफा सही पर इतना तो देख, कोई टूट गया है तेरे चुप हो जाने से.

तेरा हर अंदाज़ हकीकत है या ख्वाब है,_ खुशनसीबों के पास रहता है तू, _

_मेरे पास तो बस तेरी मीठी सी याद है ” बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,”

_ बरसात बाहर भी है…और भीतर भी है..

आंखे बंद करके तुम्हें महसूस करने के सिवाय,

_मेरे पास और कोई रास्ता नहीं बचा है तुमसे मिलने का..!

तुमसे मिलने के बाद जब मैं अलग होता हूँ, तो सोचता हूँ कि तुमसे फिर से कब मिल पाऊंगा,

_ मैं तुम्हारे लिए इतना तरसता हूं !!!

मैं तो समझा था, तेरे दीदार से सुकून आ जायेगा ;

_ पर ये नहीं जाना था कि, ये दिल तुम्हारी दीवानगी में और बेकरार हो जायेगा..!!

जिस के पास तुम्हें धीरे – धीरे शांति का स्वाद मिले, समझ लेना वह द्वार आ गया,

_ जहां झुक जाना है – झरोखा यहीं से खुलेगा..

ऐसा नहीं है कि मैंने तुम्हें आवाज़ नहीं लगाई, पर आवाज़ इतनी ही लगाई कि तुम सुन न सको,

_ और मुझे संतुष्टि रहे कि मैंने अपना काम पुरा किया..!!

“बस इसी एक बात ने मुझे जिन्दा रखा है ..

_ कि इक रोज़ सारे रास्ते जाने तो तुझ तक ही हैं”

छोड़ आया हूँ दुनिया तुझे पाने के लिए,

_ वैसे मैं कभी था भी नहीं उस ज़माने के लिए..!!

“मैं हमेशा एक सा नहीं रहता.. – ‘वह’ मुझे नये नये रंगों में रंगता रहता है.”

“ये दिल नाज़ुक है”, तेरे भरोसे पर ही सब कुछ टिका है.!!

_ टूट गया तो मैं कहाँ जाऊँगा, इस रिश्ते में ही तो मेरा जहाँ बसा है !!!

ऐ यार तूने ज़िन्दगी को जीना सीखा दिया, _ अपनी हदों को पार करना समझा दिया,

_ जो डर हमेशा से था, वो मिटा दिया, _ इस काले पत्थर को एक कोहिनूर बना दिया ;

यार का हाथ पकड़ने की बजाय मैंने अपना हाथ यार को ही पकड़ा दिया, _ क्योंकि

मैं यार का हाथ गलती से छोड़ सकता हूँ पर वो मेरा हाथ पकड़ेगा तो कभी नहीं छोड़ेगा !!

आप उसका प्रमाण पूछते हो, क्या चेतना का अस्तित्व पर्याप्त प्रमाण नहीं है ?

क्या जल की बून्द ही समस्त सागरों को प्रमाणित नहीं कर देती है ?

जाने कैसे तू… मुकद्दर की किताब लिख देता है ;

साँसे गिनती की… और ख्वाहिशें बेहिसाब लिख देता है..

जब खुद को कर दिया तेरे हवाले, तो फिर गम कैसा ; _

_ तू फना कर दे य़ा गले लगा ले मुझको…

तुम्हारे बाद मैंने कोई ख्वाब नहीं देखा..

_ मेरी जिन्दगी की हर ख्वाहिश के पुर्णविराम हो तुम..!!

जो भी मुझे छोड़ कर गया, फिर नहीं लौटा –

_ लौटा तो सिर्फ़ मैं लौटा,, अपनी जगह से अपनी ही जगह पर..!!

बेवजह ही मिलते मेरे यार.! _ वजह से तो लोग मिलते ही हैं.!!

अगर तुमने एक बात का निर्णय लिया है कि, तुम सत्य के साथ खड़े हो ! तो तुम समझ लेना,

_ दुनियां की सबसे बड़ी ताकत तुम्हारे साथ है, और तुम अकेले नहीं हो !!

रूह से जुड़े रिश्तों पर फरिश्तों के पहरे होते हैं,

_ कोशिशें कर लो तोड़ने की ये और भी गहरे होते हैं..!!

🌹तुम्हें एक और बहुत ऊँचे नियम का पता नहीं कि

अस्तित्व उनकी सुरक्षा करता है जो सत्य की खोज में हैं.🌹🌹

” सत्य सभी के लिए नहीं है, _ बल्कि केवल उनके लिए है _ जो इसे चाहते हैं.”

वह व्यक्ति ही सफल कहा जायेगा _ जिसे ‘ वह ‘ अपनी ओर आकर्षित करता है.

बहुत पहले से तेरे क़दमों की आहट जान लेता हूँ,

_ तुझे मैं दूर से पहचान लेता हूँ.!!

अगर तुम मेरे साथ हो तो मुझे कीमती होना अच्छा लगता है..

_ वरना कुछ भी मायने नहीं रखता, मैं भी नहीं.!!

मैंने देखा रह के सबके पास, के पास मेरे तेरे सिवा कोई रहा नहीं !!

तेरी बनाई दुनिया में, कोई तुझ-सा क्यों नहीं मिलता.!!

कुछ छोड़ देता हूं उसपर.. जो सब की सुन लिया करता है.!!

अजनबी तुम मुझे इतनी देर से क्यूं मिले, मिलना था तो पहले मिलते.!!

जब बात तुम्हारी आई तो मैंने तुम्हारे अलावा.. किसी की नहीं सुनी.!!

चलो आज उनसे मुलाकात कर लें, जुबां से न बोलें मगर बात कर लें, _

_ वो बैठे रहें मेरी नज़रों के आगे _ वो कुछ भी न बोलें मगर बात कर लें..

कुछ नशा तेरे के ज्ञान का है, कुछ नशा तेरे के गीत का है,

_ मुझे आप यों ही मस्ताना न समझें, यह असर आप से मुलाकात का है.!!

मुझे नहीं पता कि…..मेरी आँखों को तलाश किसकी है…_

_ बस तुम्हे देखते हैं तो…..नजरें थम सी जाती हैं !!

तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ तो बातें पूरी हो जाती है,

_तुम में, तुम से, तुम पर ही मेरी दुनिया पूरी हो जाती है !

आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा,,_

_ दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है…!!

मिल जाता है दो पल का सुकून, बंद आँखों की बंदगी में,

वरना परेशां कौन नहीं, अपनी- अपनी ज़िंदगी में..

कुछ याद करके आंख से आंसू निकल पड़े,

मुद्दत के बाद गुजरे जो उसकी गली से हम.

अब ये आँसू नये दामन को भिगोने से रहे, _

_ हम तेरे बाद किसी और के होने से रहे..

आँखों में तेरी _ कोई करिश्मा जरूर है,

_ तू जिसको देखता है,,,, वो तड़पता जरूर है .!!

कुछ तो मेरी आँखों को पढ़ने का हुनर सीख

_ हर बात मेरे यार बताने की नहीं होती.

बहुत ख़ामोश हो कर मैं तुम्हें देखता हूँ, _

_ कहते हैं, इबादत में बोला नहीं करते ..

ऐ यार ,,,,, जो खुमारी मुझे तुममें खो जाने से चढ़ती है ना _

_ वो तुम्हें खोजने में नहीं ..

बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे, _

_ अब बात इतनी बढ़ गई, कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता..!!

अच्छा है तेरा मुझमें मिल कर महक जाने का अंदाज़,

_ मैं ताज़ा रहता हूँ और हर लम्हा खिला रहता रहता हूँ ..!!

काश की बचपन में ही तुझे मांग लेते.._

_ हर चीज मिल जाती थी दो आंसू बहाने से…

कोई सहारा दे मुझे, ऐसी मुझमें आस क्यूँ है ;

_ मेरे पास तू है तो, मुझे किसी की तलाश क्यूँ है ?

अब तक बचाया तूने मुझको आगे भी बचाना है !

_ तू ही सम्हालना क्यूंकि ज़ालिम ये ज़माना है !!

उसका एक प्यारा सा सन्देश :->

_ तू बस अपनी मौज में रहा कर __बाकी सब मैं देख लूंगा ..

अचानक ही सब घट गया, _

_ मैं झांका ही था _ _ और वो झलक गया !!!

जगह ही नहीं दिल में अब, हर किसी के लिए..

_ कब्जा तेरा, कुछ ज्यादा ही हो गया है !!

तुम सिर्फ मेरे हो, ऐसी जिद तो नहीं करूँगा ;

_मगर मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ, ये तो हक़ से कहूँगा..!!

ज़िंदगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे ;_

_ जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया !!!

बस तेरा नाम नहीं लिखता,

_ बाकी मैं सब कुछ तुम पर ही लिखता हूँ.!!

कुछ तो बात होगी तेरे खारेपन में ए समंदर _

_ वरना हर मीठी नदी समंदर से मिलने नहीं आती ..!!

” — तमाम नदियों के आँसुओ को पीकर _ ख़ुद खारा हो गया …. समंदर मेरा — “

तुम्हें पाने कि हर मुमकिन कोशिश करूँगा मैं ;

_ तुम्हें किस्मत के हवाले नहीं छोड़ सकता मैं !!

तुझे जुदा नहीं होने दूंगा कभी खुद से,

_तुम देर से मिले, नुकसान इतना ही काफी है !!

बात ये नहीं कि तेरे बिना जी नहीं सकते,

_ बात ये है कि तेरे बिना जीना नहीं चाहते..

अब खुशी दे कर आज़मा ले यार.!

_ इन दुख-कष्टों से तो मैं नहीं मरता.!!

जब जब तू मुझसे मिलता है, अपना रंग दे जाता है._

पर तू, _ पर तू बड़ी मुश्किल से मिलता है.

खुद अपने ही भीतर से उठता है वह मौसम,_

_ जो रंग भरता है सारी कायनात में.

आ देख मेरी आँखों के, ये भीगे हुए मौसम _

_ ये किसने कह दिया कि, तुम्हें भूल गये हम..

सौ बार तलाश किया हमने खुद को खुद में,

एक तेरे सिवा कुछ ना मिला मुझको मुझमें..

ढूंढा सब जहां में पाया तेरा पता नहीं,

_ जब पता तेरा लगा अब पता मेरा नहीं..!!

तेरी तारीफ़ करना मेरी मजबूरी नहीं, _

_यकीन मान तू ” काबिले – तारीफ़ है ” .!!

तुम इतने भी नादां नहीं हो की ” समझ ” न सको..!!

_ मेरी चंद लाइनों में सिर्फ तेरा ही ” जिक्र ” होता है ..!!!!

नाम तुम्हारा सदा मेरे जीने का एक सहारा,

_जब – जब मौन हुआ है जीवन ” केवल तुम्हें पुकारा “

बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं, _

_ बाकी हम सब कुछ लिखते तुम्हीं पर हैं..!

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में….

काश कि तुमने मुझे इतने गौर से ना देखा होता…

प्यास अगर शराब की होती तो,,, ना आते तेरे महखाने में _

_ ये तो तेरी नज़रों का जाम है, कमबख्त कहीं और मिलता ही नहीं..

तेरा मैकदा भी अ़जीब है, कि अलग यहाँ के उसूल हैं. _

_ कभी बे पिए ही बहक गए, कई बार पी के सम्हल गए.

आंखें बंद करके तुम्हें महसूस करने के सिवा, _

_ मेरे पास तुमसे मिलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है..

तू तो खुशबू की तरह फैला हैं मेरे चारों ओर, _

_ मैं तुम्हें महसूस कर सकता हूँ छू सकता नहीं ..

तु ही मेरा था, है और तू ही मेरा रहेगा,

_जगत झूठा था और सदा झूठा रहेगा..!!

कमाल जो भी है मुझ मे, वो तेरा है ;

_ मग़र जो मुझ में कमी है, वो मेरी अपनी ही है !!

तू हार ना मान उसकी दिलकश ख़ामोशी को,,

” खुशनसीब हो ” – पढ़ लेता है वो तुम्हारी आंखों की भाषा को !!

सुन कर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल .. _

_ यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल .!!

जीवन को महकाते हो, _ जब भी तुम आते हो.

मस्ती भी तब ही आती है, _ जब याद तेरी ही आती है.

जितनी बार तुझ तक गया हूँ, उतनी बार खुद तक भी पहुंच गया हूँ ; _

_ तेरे ” इश्क़ ” ने मुझे मेरा पता दे दिया ..

जब- जब मैंने तुझे दूसरों की आंखों से तलाशा तो तू नहीं मिला !!!!

जब मैंने अपनी आंखों से तलाशा ” तो तू मिल गया !!

_ हम है कि ढूँढ़ते रहे, _ वो है कि बरसता ही रहा _

” खुली आंखो से देखते हो, _ कभी बंद आंखो से कोशिश कर “

लगता है तू _ मेहरबान है मुझ पर, _

_ मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी _ यूं ही तो नहीं..

सबर है कि तुम मिलोगे,

_ कब ? कहां ? कैसे ? ये मालूम नहीं.!!

मुझ में ही थी कोई कमी कि याद मुझे तू आ न सका. _

_मैंने तो तुम को भुला दिया _ पर तुम ने मुझे न भुलाया.

_ धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए..

ढूंढा तुझको सारे जग में, कहीं पार न तेरा पाया _

_ बंद आँख से भीतर देखा तो _ तू ही दिल में समाया..

मिल लेता हूँ तुमसे आँखें बंद करके,

जो दिल में बस जाते हैं, उन्हें भीड़ में क्यूं ढूंढ़ना !!

कुछ तो मेरी आँखों को पढ़ने का हुनर सीख,

हर बात मेरे यार बताने की नहीं होती.

आँखें पढ़ो और जानो, हमारी रज़ा क्या है _

_ हर बात लफ़्ज़ों से हो, तो मज़ा क्या है !!

आँख भिगोने लगी हैं अब यादें तेरी, _

_ काश हम अजनबी ही रहते तो अच्छा था !

दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है,

अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों में आ जाना.

एक मुलाकात हो जाए तो अच्छा है..

_ दिल बहलता नहीं.. अब तेरी तस्वीर से.!!

मैं तुमसे हमेशा कहता रहा ” मैं सिर्फ तेरा हूँ ” _

_ काश कभी तुम भी कह देते कि ” तुम मेरे हो “

” उन को खुदा मिले, जिन्हें है खुदा की तलाश ;

_ मुझको तो एक झलक मेरे यार की मिले !!”

तेरे दर पर हूँ, तेरे दर पे था, तेरे दर पर रहूँगा ;

_ एक दर पर जो रहता है, वो दर- दर नहीं होता..!!

जब भी ढूँढोगे, अकेला ही पाओगे मुझे…

मैंने तुम्हारे सिवा किसी को तरज़ीह नहीं दी…!!!

निकला तो तेरी तलाश में था, _

_ तुझे ढूंढते ढूंढते ख़ुद को पा लिया ..

तुम आंखों में रहते हो कुछ इस तरह, _

_ कि तस्वीर की भी अब कोई जरूरत नहीं ..

आ देख मेरी आंखो के ये भीगे हुए मौसम,

ये किसने कह दिया कि भूल गए हम…

जरुरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखूं _

_ तेरी याद का आना भी, तेरे दीदार से कम नहीं..

मैंने तुझे देखा था, पहली नज़र में ! _

_ मुझे क्या पता था की तू… मेरे रग रग में समा जाएगा !!

किसी को क्या बताऊँ _ क्या हो तुम मेरे लिए.

तुम्हें खामोशी से चाहना __ मुझे अच्छा लगता है..

ख़ामोश हूं तो क्या हुआ _ तू भी तो कभी आवाज़ दे,,,

तू भी तो समझे _ मैं कितना बैचैन हूँ तेरे लिए..

गज़ब का रिश्ता हो गया है तेरा और मेरा, _

_ बात दोनो ही नही करते हैं, मगर याद दोनो करते हैं ..

एक तुम्हारे अकेले की कमी, _

_ बहुतों से बात करके भी पूरी नहीं होती ..

दुनिया, जहां, परिवार सबसे दिल लगा कर देख लिया _

_ परंतु जो सुकून तेरे साथ मिला,,, वह कहीं नहीं मिला ,,,!!!!

इक सिर्फ़ तुम ही तो हो ले – देकर मेरे पास,_

_ तुम्हें भी खो दूंगा तो, फिर क्या बचेगा मेरे पास ?

एक तू ही है मेरी ज़िन्दगी में, _

_ जो मेरे ना होने पर भी मुझे ढूंढ़ता है ..

ढूंढने तो चला था मैं, तुझे इस जहाँ में _

_ पर खुद को खो दूंगा, ये सोचा न था ! !

मैं खुद के लिए क्यों सोचूं, _

_ जब मेरे लिए मुझ से बढ़ कर तू सोचता है ..

अब तक बचाया है तूने, आगे भी बचाना..

मुझको संभालना तुम, ज़ालिम ये ज़माना है !!

तुमको क्या बताऊँ कितना मजबूर हूं मैं, _

_ एक तुम्हे ही चाहा और तुमसे ही दूर हूं मैं….

सोंचता हूँ मैं, आईना बन जाऊं _

_ जब तू, सामने आये __ तुझे तेरे जैसा ही नज़र आऊं …

तू वो किताब है जिसमें कहानियां बहुत हैं,

_ मैं वो कागज़ हूँ …..जो कोरा बहुत है..!!

ये आईने क्या दे सकेंगे मुझे, _ तुम्हारी शख्सियत की खबर ;_

_ कभी मेरी आँखों से आकर पूछो, कितने लाजवाब हो तुम !!

लफ़्ज़ों में नहीं बयान कर सकता की तुम, कितने खास हो मेरे लिए ;_

_ कभी वक्त निकाल कर, मेरी आंखे पढ़ लो ना..

कुछ कहना था तुमसे, थोड़ी फुरसत निकाल कर सुन लो ना ;_

_ जानता हूं वक़्त कीमती है तुम्हारा, थोड़ा सा मुझ पर खर्च कर दो ना..

हर मुलाक़ात वैसे भी अब सिर्फ़ तुम से ही तो करता हूँ, _

_ जो करूँ अगर किसी और से तो भी ज़िक्र तुम्हारा ही करता हूँ !!

अब किसी से भी बात करने को मन नहीं करता, _

_ यह दिल तेरी यादों में रहना चाहता है ..!!

कभी टूटा ही नहीं तुमसे, तुम्हारी यादों का रिश्ता ;

_ बात हो या ना हो, खयाल तुम्हारा ही रहता है..

रूह से जुड़े रिश्तों पर फरिश्तों के पहरे होते हैं, _

_ कोशिशें कर लो तोड़ने की _ ये और भी गहरे होते हैं !!

तुम्हारी यादों का आना ही कमाल होता है,

_ कभी देखना आकर कि मेरा क्या हाल होता है.

मुझे खुद पता नहीं है _ मुझे तुझसे प्यार क्यू है..

_मुझे तू दगा न देगा _ये एतबार क्यू है … !!

” कैसे समझाऊँ ये बात किसी को, _

_ तेरी तलाश को ये आवारगी समझते हैं “

एक सखा कहीं गुम गया है..

_ कहीं मिले तो साथ ले आना उसे ..!!

ख़त्म हो जायेंगी _ मेरी सारी उदासियां,

बस इक तेरे _ हंसने की देर है.

तेरे खयाल में जब, बेख़याल होता हूँ,_

_ जरा सी देर सही, लाजवाब होता हूँ ..

किसी ने मुफ़्त में वो पाया, _

_ जो हर क़ीमत पे मुझको चाहिए था..

नहीं होते हो, तब भी होते हो तुम ;

_ हर वक़्त जाने क्यूँ महसूस होते हो तुम .!!

क्या कहूँ तेरे बारे में, क्या क्या कमाल कर गया !

_ ऐसे हुआ मुझमें शामिल, मुझको ही बेमिशाल कर गया !!

ना हरम [महल] में, ना सुकूँ मिलता है बुत-ख़ाने में..

_ चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मैख़ाने मे..

मैंने तुमको उतना देखा जितना देखा जा सकता था…

_ लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था..

तू मुझे कुछ और नहीं, पल भर के लिए हवा ही बना दे ;

_ यार तुझे सिर्फ़ छू कर ही लौट आऊँगा !!

बिछड़ने में कितना मज़ा आ रहा है, _

_ न मैं जा रहा हूँ, न वो जा रहा है !!!

सबसे कहता हूं कि तेरा इंतज़ार नहीं..!!

पर हर पल सोचता हूं कि _ तू अब तक आया क्यों नहीं..!!

तुम मुझे जहाँ भी ठहराओगे, मैं वहीं रहूँगा..!

_मैं तुम्हारा हूँ, तुम्हारे अलावा कहाँ जाऊँगा..!!

तू आया और रोशन हो गयी महफ़िल तेरे नाम से._

_ पर तू कितना बेपरवाह है, मेरे ही सलाम से..

अपनी मस्ती भूल गया हूँ, आकर तू याद करा दे._

_ मुझे अपने रंग में, वापस तू ही ला दे.

दुनिया तेरे वजूद को कर रही तलाश,

हमने तेरी याद को ही दुनिया बना लिया.

सिर्फ मोहब्बत की होती तो भुला देते तुम्हें ..!!

ये पागल दिल तो इबादत कर बैठा..!!!!

उसको लुभाने के लिए कुछ मत करो,_

_ तुम खुशबू बनो _ उस की नाक तुमको सूंघ लेगी..

संसार के मार्ग पर सुख भी दुख है,

और तेरे मार्ग पर दुख भी सुख हो जाता है..

मैं पा सका ना कभी इस खलिश से छुटकारा..!

_ मैं जीत सकता था ना जाने क्यूं हारा..!!

तुम्हारे सिवा कुछ अच्छा नहीं लगता है मुझे..

फिर चाहे तुम दूर हो या क़रीब मेरे…

मैं बातूनी सिर्फ तेरे सामने ही हूँ ..

_ वर्ना मुझे खामोशी अच्छी लगती हैं.!

बहुत खूबसूरत है,, _ तेरे अहसास की खुश्बू..

_ जीतना सोचता हूँ …_ उतना महक जाता हूँ ..!!

‘तुम खूबसूरत हो’ इसलिए मैं तुम्हें नहीं लिखता..

_ मैं तुम्हें लिखता हूं “इसलिए तुम खूबसूरत हो”

ज़िन्दगी तेरे होने से ही आबाद लगती है, _

_ जो तुम ना हो पास मेरे, तो बर्बाद लगती है ..

आज़मा ले मुझको थोड़ा और ऐ यार..!!

_ तेरा बंदा बस बिखरा है अभी तक टूटा नही…

जीने के बहाने हज़ार हो सकते हैं, _

_ पर जब से वास्ता तुझ से हुआ है, मैं तेरा हो कर रह गया हुँ !!

बहुत कुछ मिला ज़िंदगी में मगर एक तेरे मिलने से,

_ मुझे लगा अब किसी और की ज़रूरत नहीं है……!!
तू एक कदम भी जो मेरी तरफ बढ़ा देता,

_ मैं मंजिलें तेरी दहलीज से मिला देता..

तुम न होते तो फिर कौन होता,__

_ तुम हो…तब भी कौन है…?

“ तुम समझे ही नहीं “,__

_ मुझे तुमसे कुछ भी नहीं चाहिए था….” तुम्हारे सिवा॥”

तेरी खुशबू कहीं ओर मिलती ही नहीं,

फ़ूल सारे खरीद कर ,,,,,देखे हैं हमने..

वो तो ख़ुशबू है हवाओ में बिखर जाएगा,

मसला फूल का है फूल किधर जाएगा !!

फूल जब उसने छू लिया होगा ; _

_ होश तो खुशबू के भी उड़ गए होंगे !!

यूँ ही बदनाम हैं ये कांटें जनाब, _

_ असली चुभन तो गुलाब देते हैं ..

कांटे तो नसीब में आने ही थे ..! _

_ फूल जो हमने गुलाब चुना था…!

मुझे पसंद है बेहतरीन ये #एकांत

बस जिसमें तू और मैं भावो में बहते रहें नितांत..

“ दिल के आईने में है तस्वीर तेरी यार, _

_ जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली ”

भीतर असली जिंदगी, बाहर है वर्ताव !

थोड़ा अंदर से जियो, देखो अलग प्रभाव !!

पल-पल, अब का, मैं मस्ती में पीता हूँ.

इसीलिए तो, हो, बे-परवाह, मैं, मस्ती में जीता हूँ.

पिलायी है किस नज़र से तूने, _

_ कि मुझको अपनी खबर नहीं है ..

कैसी अजीब शर्त है दीदार के लिए,

आँखें जो बंद हों तो वो जल्वा दिखाई दे.

वक़्त मिला उसे तो मुझे भी याद कर ही लेगा वो,_

_ क्यूंकि मैं भी बड़ा ख़ास हूँ उसके लिए..

किरदार मेरा थोड़ा पागल ही रहने देना ..

सुना है पागलो से दुनिया कम उलझती है.

मैं चाहता हूँ हर दफ़ा तुम ही जीतो, _

_ बस’ इसलिए तुमसे कई दफ़ा हार जाता हूँ ..!!

तुम्हारे बाद मैंने कोई ख्वाब नहीं देखा, _

_ मेरी हर ख्वाहिश पर पूर्णविराम हो तुम..!!

सभी हारा समझ रहे हैं मुझे,

सबको कैसे समझाऊं की – मंजिल के कितना पास हूं मैं,,,

अगर मुझसे दूर जाने की जिद्द तुम्हारी है, _

_ तो हर इबादत में तुम्हे पाने की दुआ हमारी है ..

रूबरू मिलने का मौका नहीं मिलता,

_ इसलिए शब्दों से तुझे छूने की कोशिश करता हूँ..!!

अब किस कदर चाहूं तुम्हे⇝ तुम ही बता दो* _

_ तुम्हारे ख्याल से _ बेख्याल होना भी तो नही आता*

ख्याल में भी नहीं आता हमें ख्याल किसी और का, _

_ सिर्फ तेरे ही ख्याल में इतने बेख्याल रहते हैं हम !!

तुम से आगे .,हम सोचते भी क्या…!!

तुम से आगे _ कोई ख़्याल ही नही जाता…!!

जिंदगी की तलाश में निकला हूं, _

_ अगर तुम मिल जाते तो यह सफ़र मुक्कमल हो जाता..

न जाने कितने लोग ख़फ़ा हैं मुझसे, _

_ इक तुम से दोस्ती के लिए, सैकड़ों दुश्मन बनाएं हैं मैंने ..

तुम्हारा नाम लेने से, मुझे सब जान जाते हैं ;_

मैं वो खोई हुई एक चीज़ हूँ, जिसका पता तुम हो …

बस तुम्हारा नाम ही नहीं लिखता हूँ,

_बाकि मैं सब-कुछ तुम पर ही लिखता हूँ..!!

जो तू है सो मैं हूं जो मैं हूं सो तू है लेकिन _

_ तुझ में और मुझ में मगर फ़ासला यूँ कितना है..

तूने मुझे चाहा है हजार नुक्स ओ ऐब के बाद, _

_  तुझे तराशने की ज़िद में कहीं खो न बैठूं तुम्हें ..

अब तराशो तुम मुझे अपने तरीके से,__

_ मेरे तौर- तरीकों ने तो मुझे चूर- चूर ही किया है.

ऐ रफुगर, रफू कर जरा आराम से,__

_ ज़ख्म तेरी मेरी सोच से कहीं गहरे हैं.

मैंने देखा है वही ठीक रहा करते हैं ;

_लोग जो भी तेरे नजदीक रहा करते हैं.

दूर तो बहुत है वो मुझसे,

_ लेकिन उससे नज़दीक मेरा कोई नहीं है..!!

तू वाक़िफ नहीं मेरी दीवानगी से,

जिद्द पर आऊं तो खुदा को भी ढूंढ लूँ.

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का,

जो कहता है ख़ुदा है तो नजर आना जरुरी है..

तेरी बन्दगी से ही मिली है, मेरे वज़ूद क़ो शोहरत,

तेरी रहमतों से पहले, मेरा जिक्र ही कहाँ था..

लगता तो बेख़बर सा हूँ लेकिन खबर में हूँ,

अगर तेरी नज़र में हूँ तो सबकी नज़र में हूँ…

“जमाना” जब भी मुझे मुश्किलों में डाल देता है,

मेरा रब हजारों रास्ते निकाल देता है.

इंतजार हमेशा करूंगा लेकिन आवाज नहीं दूंगा !

_ लिखूंगा तेरे लिए पर तेरा नाम नहीं लूंगा..!!

ऐ यार … बस तुम कोई उम्मीद दिला दो मुलाकात की, _

_ फिर इन्तजार तो हम सारी उम्र कर लेंगे.

मै नहीं ढूंढ़ता कि खूबसूरत कौन है. मैं तो उसे देखता हूँ, _

_ जिसके होने से _ मेरी दुनिया सुंदर है !

मेरा तो क्या है मैं तो तेरी यादों के सहारे भी जी लूंगा,_

_ हैरान तो आँखें हैं जो तड़पती है तेरे दीदार को !!

तुम्हारी यादों के सहारे,,,, हर मुश्किल से मुश्किल

तकलीफों को बड़ी आसानी से झेल लेता हूँ मैं..__!!!

याद तेरी मुझ पर कुछ यूँ असर करती है, _

_ मेरे हर वक़्त को ये अच्छा रखती है ..

कैसे छुपाऊं तेरे प्यार को इस दुनिया से, _

_ मेरे हर अल्फ़ाज़ में तुम महकते हो ..

तुम आराम से हो, पत्थर के जो हो, _

_ मुसीबत तो हमारे लिए है, एहसास वाले जो हैं ..

मुद्दतें लगी तेरे लायक बनने में मुझे,

_बन कर तैयार हुआ तो तू बदल चुका था !!

आदत है मुझे हर रोज़ _ तेरी यादों में खोने की,

_ फुर्सत ही नहीं मिलती है मुझे _ तुझसे आ कर मिलने की !!

चलो आज हम मुलाकात कर लें, जुबां से न बोलें मगर बात कर लें,

_तुम बैठे रहो मेरी नज़रों के आगे _ हम कुछ भी न बोलें मगर बात कर लें.!!

तेरे ना होने पर इतनी कमी सी रहती है,

_ कितना भी मुस्कुराऊँ आँखों में नमी सी रहती है..!!

अक्सर पूछते हैं लोग तुझसे बिछड़ने की वजह,_

_ मैं खुद में कमी बताकर तेरी इज्ज़त बढ़ा देता हूं !!

कई बार टूटा हूं, मैं कई बार बिखरा हूं।

मैं जब भी बिखरा हूं, मैं और निखरा हूं॥

बहका तो बहुत बहका, संभला तो वली ठहरा ;

इस ख़ाक के पुतले का हर रंग निराला है..

ये तो पता है उसका मकान इस गली में है,

पर कौन सा है उसका घर ये तलाश जारी है..

पता नहीं कैसे परखता है तू मुझे,_

_ इम्तिहान भी कठिन लेता है और फेल भी नहीं होने देता !!

हम भी खामोश रह कर _ तेरा सबर आजमायेंगे,

देखते हैं अब तुझे हम _ कब याद आयेंगे..

तुम ना मिलो तो किसी और का हो जाऊं, _

_ इतना कमजोर भी नहीं है इश्क़ मेरा ..

इश्क की गहराइयों से खूबसूरत क्या है..

मैं हूं ____तुम हो__फिर__कुछ और की जरुरत क्या है..

काश तुम मुझसे पुछो क्या चाहिए..

_ मैं पकड़ूँ हाथ तेरा और कहूं तेरा साथ चाहिए…

फीकी है हर चुनरी….फीका हर बंधेज,_

_ जो रंगता है रुह को….वो असली रंगरेज..

ग़ज़ब ये है कि मैं खूबसूरत नहीं हूँ …

_ कमाल ये है कि फिर भी तू …मुझ पर मरता है ..

तेरी यारी में कुछ यू बंधा हूं मैं _

_ कि तेरा साथ भी नहीं हो तो भी अकेला नहीं हूं मैं !!

मेरा इश्क _ मेरे खुदा _ आप ही हो…

आप को पाने की ख्वाहिश नहीं _ आप का होना ही काफी है..

मैं तुझसे कैसे कहूँ यार -ए- मेहरबां मेरे, _

_ कि तू ही इलाज़ है मेरी हर उदासी का.!!

दुनिया की भीड़ में जब कभी स्वयं को अकेला पाता हूँ,

संभाल लेता हूँ खुद को _तुम्हरी यादों के सहारे !!

बात यह है कि कोई और मिलता नहीं,

_बात यह है की मुझे कोई और चाहिए नहीं !!

“मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे..

_ तू देख कि क्या रंग है मेरा, तेरे आगे”

हमने लाख छुपाया दुनिया से, _

_ पर महफ़िल में तेरा मुड़ मुड़ कर देखना बदनाम कर गया ..

तू तो आया था इश्क़ का पूरा आसमान लिए यार, _

_ मैं ही पंख फैला कर उड़ने की हिम्मत न कर पाया .!!

हो इश्क़ का रंग सफ़ेद यार _ ना छल, ना कपट, ना भेद यार !

मेरे पास आओ, मैं तुम्हें दिखाऊंगा कि तुम मेरे लिए क्या मायने रखते हो.!!

अक़्लवालों के मुक़द्दर में ये जुनूँन कहाँ,

ये इश्क़ वाले हैं _ जो हर चीज़ लुटा देते..

कभी तो सोच कि वो शख़्स किस कदर था बुलंद, _

_ जो बिछ गया तेरे क़दमों में, आसमाँ की तरह

कुछ यूँ बन जा अब तू ख़ुदा -ओ- मुर्शद मेरा,,

मैं तेरी इबादत में किसी मलंग सा हो जाऊँ..

रंगत में डूब जाऊं तेरी संगत में डूब जाऊं._

_ बन के रगों में नगमा तेरी चाहत में झूम जाऊं.

नज़र से नज़र मिला कर तुम नज़र लगा गए..

_ ये कैसी नज़र लगी कि मैं, हर नज़र में आ गया.!!

जब बेफ़िक्र था तुझसे…..तब फ़िक़रें लगी हुई थीं,

जबसे फ़िक्र है तेरा…..बेफ़िक्र हो गया हूँ…

आरजू तो बहुत है, तेरा सजदा करने की, _

_ पर मस्ती के सिवा, कोई अंदाजे बयां नज़र नहीं आता ..!!

तुम्हे खोजते-खोजते लापता हो गया हूँ खुद में ही…

कहीं मिल जाऊँ तो मुझे जरूर बता देना..!!

मुझे चाहिए शायद तेरी एक आवाज़, जो समझे मेरी खामोशी,

_ एक हाथ, जो थाम ले मुझे तब, जब मेरे पांव डगमगाएं.!!

जिद थी या दीवानगी मेरी नहीं पता,

_ पर मैं दुनिया में बस तुझे ही तलाशता रहा..!!

कोई जरूरी नहीं कि हमें ढूंढे कोई !

_कभी हम भी किसी को ढूंढें कहीं..!!

खुबसूरत रिश्ता है मेरा और तेरा,

ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम तू देता नही….

तुम दूर जाने में भले माहिर हो, _

_ मगर हम भी याद आने की काबलियत रखते हैं..

अगर तू दे तो कोई छीन नहीं सकता, _

_ अगर तू छीन ले तो कोई दे नहीं सकता…

गर तेरी….बंदगी नहीं होती !

ज़िन्दगी….ज़िन्दगी नहीं होती !!

ढूँढने चला था सबसे बेहतर यार.

तलाश तुम से शुरू हो कर तुम पर ही रुक गई.

भूलना चाहूँ तो भी तुम्हें नहीं भूल सकता यार.

मेरे मन की गहराई में तेरी तस्वीर जो बस गई.

जब मैं हर पल तेरी देख- रेख और निगरानी में हूँ,

__ तो इससे बड़ी और कड़ी सुरछा क्या हो सकती है.

_” जिसके साथ तू है _ वो असुरक्षित नही, जिसके साथ तू नही _ वो सुरक्षित नही !! “

तुझको पाने का कहाँ सोचा था..तू अच्छा लगा सो तेरा हो गया ..

तू क्या गया सब सूना हो गया, तेरे जाते ही मैं अकेला हो गया..!!

बड़ी गहराई से चाहा है तुझे, बड़ी दुआओं से पाया है तुझे !

तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे, बहोत ही मुश्किल से पाया है तुझे !!

तू साथ है तो _ कागज की कश्ती भी तैर जाएगी,

तू नही तो ये कहानी _ ताश के पत्तो सी बिखर जाएगी.

न बोलना, न देखना, न मिलना.. बस महसूस करना.!

_ इससे बड़ी हद क्या होगी ‘हमारे प्यार की’..!!

जाने किस राह से आ जाए वो आने वाला, _

_मैंने हर ओर की दीवार गिरा रखी है !!!

मेरे टूटने की वजह मेरे जौहरी से पूछ,

उसकी जिद थी मुझे और तराशा जाए.

लोग खुले दरवाजों पर भी दस्तक नहीं देते,_

_ और मैं बंद दरवाजों पर भी अर्जी छोड़ आता हूँ..

कुछ दरवाज़े कभी बंद नहीं हुआ करते _

_ बस हम ही खटखटाना छोड़ देते हैं..

बड़ी मुश्किल है, उसकी मर्जी का हो जाना,

_ जिसकी मर्जी के बिना, एक पत्ता तक नहीं हिलता..!!

मेरी मर्जी ने बगावत क्या की ?

बस, एक तू ही मिला ! बाकी सब रूठ गए !

ढूंढने तो चला था मैं तुझे इस जहाँ में, _

_ पर खुद को खो दूंगा ये सोचा न था !!

मैं तुमसे नहीं मांगूंगा एक और जनम,

_ मेरे हिस्से में मुझे और भुगतान नहीं चाहिए..!

” मेरी यात्रा लायी मुझे, _ वो शहर जहाँ उठते ही _

_ पहाड़ नजर आये _ जहां उठते ही _ तुम याद आए…”

ज़िस्म में और ज़िस्म से बाहर समाया मैं ही हूँ,

सारी कुदरत सामने जो कुछ नुमाया मैं ही हूँ.

अश्क़ बह गए आँखों से _ मगर इतना कह गए,

फिर आएंगे तेरी आँखों में _ तू अपना सा लगता है.

ये और बात है कि तेरे उड़ जाने का ग़म है,

लेकिन मै चाहता था कि तू आज़ाद रहे..

तुम से बिछड कर भी तुम्हे भूलना आसान न था,

तुम्ही को याद किया, तुमको भूलने के लिए !

ऐ काश तू भी सुनता कभी आहटों की गूँज,

तू भी मेरी तरह कभी ढूंढता मुझे…

दिल से पर्दा जो उठा, हो गयी रोशन आंखे

दिल में वह पर्दानशी था मुझे मालूम न था !!!!

सब पूछते हैं मुझसे, मेरी मुस्कराहट का राज़ _

_ पर फितरत नहीं है मेरी कि, तेरा नाम लेकर तुझे बदनाम कर दूं ..

मेरे चेहरे पर _जो मुस्कान _तुम्हारे ख़्याल से आती है,

_ मेरे ख़्याल से _ वैसी मुस्कान, अपने चेहरे पर _ पहले कभी _ किसी ख़्याल से नहीं देखी..!!

अब तो तेरी मंजिल पे आ पहुंचे हैं तेरी चाहत में,

अब खुद को तुझमें और तुमको पाते हैं मुझमें.

तुम्हारे सिवाय मुझे इस जिंदगी में और कुछ नहीं चाहिए ;

_ थोड़े भी तुम और ज्यादा भी तुम, _आज भी तुम और कल भी तुम ..

रूठी जो जिंदगी तो मना लूंगा मैं, मिले जो ग़म वो सह लूंगा मैं ;_

_ बस यार तू रहना हमेशा साथ मेरे, तो निकलते आंसुओ में भी मुसकुरा लूंगा मैं ..

तुझे #याद ना करें तो, #बैचेन सा हो जातें हैं….!

पता नही ये #ज़िन्दगी सांसों से चलती है, या तेरी #यादों से चलती हैं…..!!

बेचैन सा हो जाता हूं, _ तुझे अपने करीब न पाकर ; _

_ क्या बोलूं _ मुझे _ आदत हो गई है तेरी..

आखिर क्यों तुम _ मेरे दिल के इतने पास हो,

कोई तो वजह जरूर है _ जो तुम इतने खास हो..

किवाड़ दिल के नहीं खुलते …. हर किसी के लिए..

_ खुले हैं तुम पे तो…. इस घर की आबरू रखना….

कुछ तो है जो मुझे तुझसे जोड़े रखता है,

कुछ तो है जो मेरा ध्यान सिर्फ तेरी और मोड़े रखता है !

” तुमने कहा था, आँख भर कर देख लिया करो “

_ अब आँख तो भर आती है, मगर तुम नजर नहीं आते !!

हम जिसकी खोज कर रहे हैं, वह कुछ नहीं है _

_ हमारे अंदर का खाली आकाश है..

हममें ये फ़ासला ज़रूरी है, क्योंकि तू भी समझ सके _

_ रिश्तों को निभाने के लिए, दूर रहना कितना ज़रूरी है..!!

रहने दे उधार इक मुलाकत यूँ ही..!!

सुना है..उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते…!!

एक दफ़ा हार भी जाओ मुझसे,

_मेरी जीत तुम्हारी जीत से ज्यादा ज़रूरी है.!!

मत खोलना, मेरे दर्द से लिपटी किताब को..!!

_ लफ्ज़ “जी उठे” तो, खौफ से मर जाऊंगा ..!!

तुम्हें संवरने की जरुरत क्या है यार, _

_ होश उड़ाने के लिए तेरी नज़रें बहुत हैं यार !!

सारा खेल तो निगाहों का है यार, _

_ तुमने झुकाई नहीं,,,,, मैंने हटाई नहीं !!!

तेरे साथ की दूरी, जो इतनी खूबसूरत है ;_

_ तेरे साथ की कुरबत क्या होगी ..

तुम उस की एक लौ जला कर तो देखो, _

_ कैसे तुम्हारा जीवन जगमगा उठेगा..

सफ़र-ए- ज़िन्दगी में एक तेरे साथ की खातिर _

_ उन मंज़िलों को भी छोड़ दिया, जो मेरे मुकद्दर में थीं !!

ख्वाहिश का क्या है, वो तो हर रोज़ दम भरती है,

_ तुम आ क्यों नहीं जाते, मेरी इक ख्वाहिश ही मुकम्मल कर दो..!!

तेरी जरुरत,, तेरा इंतज़ार,, और ये कश्मकश,_

_थक कर मुस्कुरा देते हैं,, जब हम रो नहीं पाते !!

कुछ यूँ उतर गए हो, मेरी रग – रग मेँ तुम _

_ कि खुद से पहले, एहसास तुम्हारा होता है !!!

समन्दर हूं मै, __ तो किनारा है हो तुम,,_

_ जो बिखर जाऊ मै ,_, तो सहारा हो तुम,,

माना कि तेरे दीदार की हैसियत नहीं अपनी, _

_ फिर भी तेरे इंतज़ार का शौक पाल रखा है ..

मिलने को दुनिया में मुझे क्या – क्या नहीं मिला.. _

_ पर तू जैसा है _ वैसा कोई ना मिला…

कहीं न कहीं तूने ही मुझे संभाला है, _

_ वरना इस कठिन जीवन में संघर्ष आसान नहीं है !!

हम बहुत से अरमान जिंदगी जीने के लिए चाहते हैं,, _

_ तूने मुझे वंचित कर के बचा लिया.

जरूरी है मेरा कुछ वक्त के लिए तुझे खो देना भी,

जो चीज हमेशा पास रहती है हमें उसकी कद्र कहां होती है…!

यात्राएं बड़ी थीं, सफर लंबा था !

_ फिर जहां पर छांव मिली, वहीं ठिठक कर बैठ गए .!!

आते हैं आने दो तूफ़ान क्या ले जायेंगे,

_ मैं तो जब डरता ..गर तू मेरे साथ न होता..!!

घुटन सी होती है इस दुनिया में,

_ क्यों सब कुछ सिर्फ़ तुम्हारे साथ ही अच्छा लगता है..!!

तुझे पाने का असर कुछ ऐसा हुआ मुझ पर..

_ तुझे ढूँढते-ढूँढते मैंने खुद को पा लिया.!!

ऐ यार, मैंने तुमको नहीं देखा, फिर यह कैसा रिश्ता है,

_ दर्द कैसा ही क्यों ना हो याद हमेशा तेरी ही आती है.!!

मैंने देखा है अपने दिल को, ये तुमसे प्रेम करते वक्त और भी बचकाना हो जाता है..!!

काश ! तेरी मेरी बातों का सिलसिला हर रोज़ होता, तू मेरा होता और मैं तेरा होता !!

कुरबान हो जाऊँ तुझ पर,_तू दरवाजा भी वहां से खोलता है,_जहाँ से उम्मीद भी ना हो !!

करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,,,_ हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली..

मैं राजी हूँ हँस कर सारी दुनिया भुलाने को, _ आजा देख _ तुझे बैठा हूँ अपनाने को !!

कितना खूबसूरत है उसका मेरा रिश्ता, न उसने कभी बांधा न मैंने कभी छोड़ा..!!

अब क्या ही नया सुनाएँ तुम्हें हम, __ तुम्हें देख कर सब भूलने की आदत है मुझे !!

बेहद करीब है तू मेरे, _ खामोशियों का सहारा ले कर दूरियों को अंजाम न दे ..!!

” तुम मुझे ढलती शाम में क्यों मिलें, _ अच्छा होता तपती दोपहरी में मिलते ..”

मैं ढूंढ़ता रहा हर कहीं तुम्हें, _ अगर पूछता मैं तेरे बारे में किसी से !! तो क्या पूछता ..??

जब मै हूँ तेरा ही शाशवत आकार, _ तो फिर ज़िन्दगी के हादसों से कैसी तकरार.

पिलाई है किस नज़र से तूने कि _ मुझको अपनी ख़बर नहीं है..!!

अब जब तू ही मुझे संभाल रहा है तो किसी के बुरा चाहने से क्या फ़र्क पड़ता है..!!

सिर्फ तुम्हारे साथ होने से साधारण चीजें असाधारण में बदल जाती हैं..!!

तेरे बुलाने का अंदाज़ इतना प्यारा है कि.. तेरे पास आए बगैर दिल नहीं मानता !!

तू मेरा है किसी को क्या बताऊँ, पर अपना कहने में चुप्पी क्यूँ !!

“ तुम गए क्या शहर सूना कर गए “,_ दर्द का आकार दूना कर गए..!

बस इबादत में कमी है जनाब, _ वरना खुदा तो हर जगह मौजूद है !!

“मुझे किसी ऐसी डोर से बांधना, _जिसकी पकड़ तुम्हारे हाथ हो.”

हम वक़्त रोक लेंगे तुम्हारे लिए, _ तुम बेवक्त मिलना तो शुरू करो.

तुम पूछते हो याद रखोगे ना _ मैं कमबख्त सोचता हूँ भूल पाऊंगा क्या.?

तेरे ज़िक्र भर से होती है मुलाक़ात जैसे…,, _ _तेरे नाम से भी इस क़दर इश्क़ है मुझे….

मुश्किल चाहे जितनी बड़ी हो _ अगर तुम साथ हो तो जीत मेरी ही होगी..!!

अचानक ही सब घट गया _ मैं झांका ही था और तू झलक गया !!

कभी आया तो नही तेरे पास, _ पर तेरी याद मुझे महका जाती है..!!

अब नज़ारों में क्या रखा है, _ तेरा चेहरा काफी है.
कैसे रहूं तुझे याद किए बिना _ बात बात पे तेरी बात याद आती है !

मेरी खुद्दारी इजाजत नहीं देती, _ कैसे कहूँ कि मुझे तेरी जरूरत है.!!

तुझे भूलने में दिक्कत ये भी है कि _ बदले में किस को याद करूँ !!!

अब तो सिर्फ तुमसे ही बात होती है _ और किसी से बात करने का मन होता ही नहीं .!!

लाज़मी है तुम्हारा खुद पर गुरुर करना _ हम जिसे चाहें _वो मामूली हो भी नहीं सकता.

तू बेखबर सा रहता है, खबर भी रखता है _ बात भी नहीं करता और प्यार भी करता है..

जो ” जानता ” है वो जानता है कि बताने की कोई जरुरत नहीं, _ जानना काफ़ी है !!!

तेरी शिकायत करूँ भी तो किस से करूँ, _ हर किसी को तुझे मैंने ” अच्छा बताया है.”

तुझसे अच्छी तो तेरी यादें हैं, _ कम से कम मेरे करीब आ एक मुस्कान तो दे जाती हैं.!

अपने अपने हौसले अपनी तलब की बात है _ चुन लिया तुम्हें सारा जहां रहने दिया !!

तेरी खोज ने किसी मंज़िल पे ठहरने न दिया, _ मैं भटकता रहा आवारा ख़यालों की तरह !!

बस तेरी दुआओं से ही ज़िंदा हूँ, वर्ना चारों ओर शिकारी हैं और मैं एक परिंदा हूँ.!!

बड़ा खुशनुमा सा है ये अहसास तेरा _ तू साथ है मेरे ये कोई ख्वाब तो ना है मेरा ..!

तूने मुझे लाखों में चुना है तो सुन, _ अब मुझे लाखों की भीड़ में खोने नहीं देना !!

तुम तो पानी जैसे हो ..!!! _ थोड़ी थोड़ी देर बाद प्यास लगती है तुम्हारी ..!!!

नशे की आदत तूने लगाई है, _ वरना कभी मैं भी होश में जिया करता था !!

बारिश की तरह तू बरसता है मुझ पर, _ मिट्टी की तरह मैं भी महकता चला जाऊं..

बस ये दिक्कत है भूलने में तुझे, _तुझे नहीं तो फिर किसे याद करूँ..!!

अगर सब खोकर ख़ुद को पा लिया है तो.. यह भी मेरी जीत ही है.!

लोग समंदर की बात करते हैं _ मैं तो तुझ में ही डूब जाता हूँ !!

जो बाहर की सुनता है, बिखर जाता है.. _ जो भीतर की सुनता है, निखर जाता है..

नसीब क्या होता है ये तो मुझे मालूम नहीं _ पर तू मेरी सुनता है ये खबर पक्की है.

तेरी निगाह ने कुछ ऐसा दिखा दिया, _ यूँ ही नही दांव पे सब अपना लगा दिया..

न जाने किसकी #_ दुआ काम आई ..!! _ आखिर तू #_ मिल ही गया मुझे..!!

एक इश्क़ का दर्द ना हो तो, ज़िन्दगी कुछ नहीं, _ रोग भी लाजवाब, दवा कुछ भी नहीं..

जब से तुम से इश्क़ हुआ है, _ तब से बोलता कम हूँ और मुस्कुराता ज्यादा हूँ..!!

जब से लगाया है तेरे इश्क़ का चश्मा, _ ये दुनियां बेहतर नज़र आने लगी है..!!

मेरी पसंद हमेशा लाज़वाब होती है _ यकीन न हो तो _ अपनी तरफ देख लो !

दुनिया में जीने के दो तरीके हैं _ एक तुझे नहीं आता, दूसरा मुझे नहीं आता..!!

एक अजीब सी बैचेनी है तेरे बिन, _ रह भी लेते हैं, और रहा भी नहीं जाता ..!!

तुम ही हो वजह मेरे खालीपन की, _ और तुम ही गूंजते हो मुझमें हरदम..!!

जब भी अकेला होता हूँ तो ..यह विश्वास कि ..तू मेरे साथ खड़ा है, काफी होता है..

मैं तुझसे कैसे कहूं कि ‘मैं उदास हूँ’, इतना ही कहता हूँ कि ‘मिलते रहा करो’

“मैं दुनिया को तुम्हारे माध्यम से, मेरे अंदर देखता हूँ.!!”
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गँवा सकता नहीं तुझे, तू ही मेरी ज़िंदगी है.!!

वक़्त का इंतज़ार कर रहा हूँ, कभी तो तुमसे मुलाक़ात होगी !!

तुम्हारे साथ का सफर, _ तुम जीवन भर के लिए यादगार बन गए..!!

शायद तू बेहतर की तलाश में है, _ और मैं तो अच्छा भी नही…!!

जब भी तुझे याद करता हुँ _ कुछ अलग रंग में रंग जाती है ..ये दुनियाँ !!

सिर्फ तुम _ और सिर्फ तुम ही हो _जिसे मैंने पलकों पर बिठा कर रखा है !!

शायद तुम्हे खबर नहीं _ तुम्हारी याद मेँ _ मैं कितनी बार रोया..

जो जी भर देख ले वो दीवाना हो जाए, _ तेरे होने से हर मंजर सुहाना हो जाए..

कौन चला गया ये ज़रूरी नहीं मेरे लिए ,,,_ तुम साथ रहना ये ज़रूरी है..!

जब बहने में ही मज़ा आने लगे, – तो भला तैरने की फिक्र कौन करता है !

एक तू जिसको के देखा न था, _ तुमको सोचेंगे इतना _ ये सोचा न था.

जो कीमती है वो मुझे बहुत पसंद है _ इसका सबसे बड़ा सबूत तुम हो..!

मैंने वहाँ भी सिर्फ ” तुझे ” ही माँगा,, _ जहाँ लोग अपनी ” खुशियाँ ” माँगते हैं,,!!

मैं पा तो लूँ जहाँ भर की खुशियाँ.. _ लेकिन उनसे तुम्हारी कमी कहाँ पूरी होती है..

तूने दीवाना बनाया तो मैं दीवाना बना, _ मुझे होश की दुनिया का तमाशा न बना.

साकी तेरी निगाह की मस्ती में डूब कर मैं होश में न आऊं _ ” अगर मेरा बस चले..”

फासले तो है उससे पर इतने भी नहीं, _ कि मैं ख्वाब में बुलाऊं और वो ना आए..!!

आंख भिगोने लगी है अब यादें तेरी _ काश अब तो आ जाते तो _ अच्छा था ..!

तुमसे नजदीकियां इस हद तक हैं…के मिलन का कोई सवाल ही पैदा नही होता.

तुम मिल गए हो, अब तो सोचना ही नहीं कि कोई और भी ज़रूरत है ज़िंदगी में. !

जो “जानता” है वो जानता है कि बताने की कोई जरुरत नहीं _ जानना काफ़ी है.

मुझे तो इंतजार करने से मतलब है _ बाकी तुम्हारी मर्ज़ी _ मिलो या ना मिलो..

जो खुद से बिछड़ जाते हैं , _ फिर वो दुनिया से नहीं मिलते…

चाहे कितना भी वक़्त ले लो, _ ,,,,,,”पर आना जरूर” सब्र बहुत है मुझमें…!!!

उम्र भर इंतज़ार कर सकता हूं तेरा, _बस एक बार कह दे कि तू आयेगा….!!

उठी ही नहीं निगाहें किसी और पर, _ तेरा दीदार हमें इतना, पाबंद कर गया..!!

ऐ यार ! कैसे कहूं मेरा खयाल नहीं तुझे,, मुझसे ज्यादा तो _ तूँ जानता है मुझे..

तुझ से दोस्ती हुई तो पता चला कि _ तुझसे बेहतर मुझे कोई नहीं जानता ..!!

उसके छूने से ही जानोगे तुम उसे _,, तुम्हारे छूने से वो छुआ नहीं जा सकेगा….

कुछ इसलिए भी हम मरते हैं तुम पर, _ के जीने का खूबसूरत बहाना हो तुम !!

तेरा साथ जो मिला मुझको, _ तब कहीं जा के ज़िन्दगी ” ज़िन्दगी ” हुई …!!

” तू बेशक सबसे बात कर ” ,लेकिन मैं भी ख़ास हूँ, _ इसका भी ध्यान रख..

मैं उसमें रहता हूं, वो मुझमें रहता है _ फिक्र नही जमाना अब क्या कहता है..

फिर ना आया खयाल जन्नत का …. जब से तेरे दर का रास्ता देखा है ….!!!

नहीं कुछ भी रहता है अब ध्यान मुझको _ ये बेफ़िक्री मेरी बनी ज़िन्दगी है.!

जब से ज़िन्दगी में, तेरी कमी सी है, _ इन आंखों में _ हर पल, नमी सी है..

कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती, _ रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती..

और क्या चीज कुर्बां करूँ आप पर ? दिल जिगर आपका, जिंदगी आपकी..

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से.

पलकों पर रुका है समंदर खुमार का _कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का.

तू देख मेरी चाहत को _ अब तो तेरा जिक्र _ मेरी मन्नतों में होने लगा है .!!

मैं कहां अपनी मनमानी करता हूँ, तेरी मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं करता हूँ..

मेरी बंदगी में ही कुछ कमी है,,,_ वरना तेरा दर तो रहमतों का खजाना है…

करने दे आज मुझे मस्ती में रक्स _ ख़्वाब में यार के गले मिल आए हैं हम..

गुनाह करके कहाँ छुपाओगे ? _ ये जमीन और आसमान सब उसका ही है.

नहीं होते फिर भी होते हो तुम, _ न जाने क्यूं हर वक़्त महसूस होते हो तुम !

लाख संवार लूं मैं अपनी जिंदगी को, _ तेरे बिना कुछ कमी तो ज़रूर रहेगी !!

मिला तो बहोत कुछ जिंदगी में, पर तेरा मिलना सबसे खुशगवार साबित हुआ !!

” झांको भीतर, कौन वहाँ बैठा है, _ और तुम उसे विराजमान पाओगे..!”

बहुत कुछ देख लिया है इस जिंदगी में,_मगर जिंदगी सिर्फ तुझमे दिखी..

बहुत नजदीक से देखा है,_ दुनिया को … तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे..

मेरी उससे ऐसी भी होती है बातें _ ना वो बोलता है और ना मैं बोलता हूं..

एक मुद्दत से देख रहा हूँ तुम्हें,, और लगता है अभी एक झलक देखा है….

अच्छा लगता तुम्हें याद कर के, _ जाहिर नही होने देता, ये अलग बात है.

कुछ इस तरह जीऊं मैं तुम्हारे बगैर _ जिसमें तेरे होने का ज़िक्र होता रहे..!

तेरा बरसना बेशक अचानक था, _ मगर मेरा भीगना कब से तय था..!!

हर तरफ़ दिखता है बस एक तू ही, _ न जाने तूने मुझ पर क्या कर दिया है.!!

कभी ” खुद ” से मिला मेरे मौला … थक गया हूं गैरों से मिलते मिलते..

तुम्हारी नज़र में जो देखा है ख़ुद को, _ मेरी ज़िंदगी में बहार आ गई है…

जब बाकी सब कुछ खत्म हो जाता है तो _अंदर से तू ही सहारा देता है.!!

दुनियादारों से रूबरू हो कर तड़पा बहुत, मैं सुकून की बात करने पास तेरे आ गया !!

हर वक़्त मिलती है मुझे अनजानी सी सजा, तू ही बता मेरी खता क्या है ?

बस तुम्हारे करीब आ जाने से, _ न जाने कितने लोग मुझसे रूठ गए..!!

फासलों को ही जुदाई ना समझ लेना तुम, हाथ थाम कर तेरा ही बैठा हूँ..!!

चलो आज कर ही लें फ़ैसला – मैं तुम्हें रख लेता हूँ और तुम मुझे रख लो अपने पास !!

सोच कर ही मेरे चेहरे पर खुशी आ जाती है, वो खूबसूरत एहसास हो तुम..!!

जरुरी नहीं हर पल तेरे पास रहूं, इबादत दूर से भी की जाती है..!!

मुझे परवाह नहीं ज़माने की, गर तुम साथ हो तो सब मुमकिन है !!

दे कर एक आवाज़ बुला लूँ तुझको, मगर मैं चाहता हूँ तू ढूंढे मुझे !!

अब बहका नहीं सकता कोई मुझे, तेरी ऐसी महक ले रखी है मैंने..!!

किसी को खौफ है कि तू देख न ले, किसी कि ये आरजू है कि तू देखता रहे..!!

देख, ऐसे कब तक भटकता रहूँगा ? कभी तो बन आशियाना कि मैं ठहर जाऊं !!

ऐ हवा जा कर उसको याद दिला दे कि कोई है, जो उसे हर पल याद करता है.!!

अब और न तराशना मुझे,_इससे ज्यादा बारीक न हो पाऊंगा !!

तुमसे मेरा जुड़ना _ जैसे जिंदगी का एक और हिस्सा जुड़ गया हो ..!!

बहोत सी राहों में, एक राह तो वो होगी, _ तुम तक जो पहुंचती है…”

दुआ का यूँ तो कोई रंग नहीं होता,_ मगर दुआ जरूर रंग लाती है.

अब साथ नहीं किसी का, _ आसमां में अकेले ही शान से उड़ता हूँ.!!

अब छोड़ नहीं पाऊंगा तुम्हे, _ तू मेरी बिगड़ी हुई आदत सा हो गया है..

समझ नहीं पाता मैं भी तेरे इशारे _ तू भी खुल के कुछ कहता नहीं है…

अब वो शख्स भाता नहीं है, _जो हर पल सिर्फ तेरी ही बातें ना करे….

जिसे पा लिया वो मोहब्बत ही क्या, _ जो सुलगता रहे वही इश्क़ है..

मैं काबिल तो नहीं तेरे लिए _ पर ये चाहत- ए- जिद्द है तुझे पाने की.

मैं जानता हूँ फिर भी पूछता हूँ…_तुम बताओ मेरी पसंद कैसी है.

इस ख़ाक को हिदायत दे मौला, उस ख़ाक में मिलने से पहले !!

पूरी दुनिया से जुदा सा है वो, हमने जिसे चाहा है खुदा सा है वो.

एक तेरा ही प्यार सच्चा है यार, _ औरों की तो शर्तें ही बहुत हैं !

थोड़ी सी रोशनी मांगी थी तुझ से, _तू ने तो आग ही लगा दी !!

कुछ नया – नया सा मंजर है, _ मेरी आँखों में तो पूरा अंबर है..!

उसको खरीद नहीं सकते….तुम्हें खुद को ही बिकना पड़ेगा…!!!

तुम्हारे साये में खुशनुमा हूँ.._ तुम ही तुम हो हर तरफ मैं कहाँ हूँ.

मुझे फासलों की परवाह नहीं, तुम आदत नहीं “ज़िन्दगी हो मेरी”..!!

वो चाहते हैं तबाही मेरी ..मगर मजबूर हैं तेरी दुआओं के सामने..!!

तुझ में खो जाना ही,  कुछ भी खोजने से ज़्यादा बेहतर है..!!!

चला जा रहा था अकेला, मिला साथ तेरा तो मंज़िल मिली.!

बस एक तुझे ही मांगा है, _ पूरी दुनिया का मैं क्या करूँगा !!

कभी गौर से देखा “मेरा देखना”, मैं सिर्फ तुमको ही देखता हूँ.

क्या तुझे ख़बर ही नहीं, _ मैं जी रहा हूँ तुझे याद कर कर के..

मेरी आँखों ने जो कुछ भी कहा है, _ वो सिर्फ तूने ही पढ़ा है..

तू बिलकुल चाँद की तरह है, _ नूर भी, गुरुर भी, और दूर भी..

उम्मीद जब तुम से लगी हो तो _ टूटने का खौफ नहीं होता !!

इस नफ़रत भरे जमाने में, _ एक तुम से ही तो खुश हूँ मैं …!!

न जाने किसकी दुआ लगी है मुझे, जो तू मुझे मिल गया..!!

इंतज़ार तुम्हारा खाली नहीं रहता.! “वह भी महकता है..!!”

वो तो हर मार्ग पे मिलेगा, __ बस तू उसे अहसास कर ले ..!

एक अधूरापन सा लगता है, जब तुझसे बात नहीं हो पाती !

तेरी दुनिया से रिश्ता रखता हूँ _ मेरी रंगत कमाल हो गई है !

बस इस बात का सबर है, _ तुमको सब खबर है🙂🍁🍁

बस ये दिक्कत है तुझे भूलने में, _फिर मैं याद किसे करूँ..!!

लोग बात तेरी करते हैं, पर मैं तो बात ही तुझसे करता हूँ..!!

क्या खूब है तेरी जादूगरी, वो नहीं होता.. जो होता दिखे..!!

वो फूल हो तुम मेरे जीवन में, जिसकी खुशबू मैं लेता हूँ..!!

तुम हाथ कस कर पकड़ते, _ तो सही से निभा लेते हम…!!

तुम हो, बस इसीलिए ,,ज़िन्दगी इतनी खूबसूरत है मेरी..!!

ढेर सारी बातें है करने को, पर तू आता ही नहीं सुनने को !

तुमसे मिलने के लिए _दुनिया से बिछड़ना पड़ा मुझको..

किसी एक से ऐसे बंधो, कि सबसे आजाद हो जाओ !!

तेरी ही बनाई दुनिया में, कोई तुझसा क्यों नहीं मिलता.

एक तुझे पाने के लिए सब कुछ खोने को तैयार हूँ मैं..!!

तोड़ चुका हूँ बंधन सारे, अब तो बस तेरा हो गया..!!

तुझसे बस तू चाहिए, _ मुझे मुझसे दूर ले कर जा !!

सिर्फ़ तुझे चाहा है, _वो भी तुझसे बिना कुछ चाहे !!

एक तू न मिले _ सारी दुनिया मिले भी तो क्या है..!!

तुम मेरे जहन में आ जाओ, मैं तुम्हें उम्र भर दुआ दूंगा.

सबकी नज़र में हूँ, _ जबसे तेरी 👆नज़र में हूँ..!!

आवाज़ देता है दिल बेहिसाब तुझको _ हो सके तो जरूर आना…

इंतज़ार करना मेरा हक़ है, और आना तुम्हारी जिम्मेदारी.!

तुम सोच भी नहीं सकते, मैं कितना सोचता हूँ तुम्हें..!!

आज तुम्हें एक नए नकाब में देखा, खुशी हुई..!!

तुझको ढूंढ़ता हूँ, _राहों से तेरा पता पूछता हूँ.!

देर से ही आ जाना, _ शक्ल तो दिखा जाना..!

मैं लिखूँ या ना लिखूँ, तुम मुझे पढ़ते रहना..!!!

तेरा होकर मेरी कोई चाह बाकी नहीं रही..!!

तुम याद नहीं आते, तुम याद ही रहते हो…!

ज़िन्दगी गुजर रही है, सिर्फ तेरी याद में..

देर से मिले हो, ___ दूर तक चलना !!!!

तू रहता है मेरे साथ, अकेला नहीं हूँ मैं.!!

मेरा होना _तेरे होने का प्रमाण है….!!

बाजार के रंगो से रंगने की जरुरत नहीं मुझे.., _

_ तेरा नाम आते ही चेहरा गुलाबी हो जाता है..! !

कीचड़ उसके पास था, मेरे पास यार का रंग..

_ जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल..

इतने रंगो में रंगी इस ज़िंदगी का राज _ उस 👆🏻 रंगरेज़ से पूछ..

_ जिसकी ये तमन्ना … इसे रंगो से अभी ….. और निखारा जाये..

” _ तेरे एहसासों को हर रंग मेँ ढूंढा मैंने, _ मगर तेरे एहसास जैसा कोई रंग ना मिला _”

“_ तेरे सिवा भी कई रंग थे हसीन मगर,_ जो तुझको देख चुका हो, वो और क्या देखे…!!

” _ मैं तेरे इश्क़ के हर रंग में इस कदर रंग जाऊं, __ मैं… मैं न रहूं, तू बन जाऊं._”

” _ तेरे रंग में रंग कर ही तो मैं..खुशनुमा हूँ,_ तुम ही तो हो मुझमें… मैं कहाँ हूँ .._”

” _ मैं तो खुद बेरंग हो गया , _ _तेरे इश्क़ को रंगीन करते करते ….._ “

” _ रंग बदलती इस दुनिया में., मुझे मेरा, _बेरंग होना पसंद आया …_”

” _ हज़ार रंग हैं इस दुनिया में _ मैं रंगना चाहूं _ बस तेरे रंग में…!! _”

“_ धीरे – धीरे तेरा रंग चढ़ गया _ चढ़े तो उतरे ना …..वह है रंग _”

“_ तमाम रंग लगा कर देखे, _ तेरे एहसास जैसा कोई रंग नहीं _”

” _ हर रंग में जला हूं यार, _ इसीलिए इतना रंगीन बना हूं .!! _”

” _ रंगों से सीखा है, _ अगर निखरना है तो बिखरना पड़ेगा.!!_ “

_ ” जब तलक तू मेरे संग है, _ _हर तरफ रंग ही रंग है_ “

” _ हर रंग कुछ कहता है,, __ कभी रंगहीन हुआ कर.. _”

” _ तुम्हें महसूस करके _ मैंने ख़ुद को रंग लगा लिया ! _”

” _ सारे रंगों के मायने _ _एक तुम्हारे होने से है _ “

” _ रंगो में वो रंग कहां _ जो रंग _ लोग बदलते हैं _”

कोई पागल भी इतना पागल नहीं होगा, _ जितना मैं तेरे लिए हूं..

कोई मेरे आंखों से तुम्हे देखे तो समझे, __ की तुम मेरे क्या हो…

जब कुछ कह न पाँऊ _ तो रो लेता हूँ _ तू तो सब जानता है ना..

भटके हैं हम कहां कहां, _ झांका जो खुद में तो तेरा पता मिला !!

इतना असर रहता है तेरी यादों का _ कि बिना बात मुस्कुराता हूँ..

जब से तुमसे जुड़ा तब से __हर बात जैसे मेरे हित में हो जाती है.

तुमसे क्या मुलाकात हुई, मेरी निगरानी में सारे लोग लग गए..!!

मेरी रूह की तलब हो तुम, _ कैसे कहें अलग हो तुम !!

दोनों ने ही छोड़ दी फिकर, __ उसने मेरी….._ मैंने खुद की..

तुम मेरी वो कमी हो, _ जो कोई भी पूरी नहीं कर सकता ..!!

नजर अंदाज ना कर …..वो भी दिल से चलता है _ रब है ..वो..

अब और कोई नहीं चाहिए मुझे, अब मेरे लिए तू ही काफी है.!!

मुझे तेरे सिवा कोई नहीं जानता, _ और तो सब पहचानते हैं…

खुद को खोकर खुद को पाना, _ ऐसा होगा…उसका दीवाना.

मैं दीवाना हूँ उसका,,,,,,, _ ,,,,जो किसी को नहीं दिखता….

जब ठिकाना ही तुम हो, तो खुशियां दुनिया में और कहां ढूंढे..

कभी यूँ भी आ मेरे रु -ब- रु _ कि तुझे पास पा के मैं रो पडूँ..

अपने कदम के निशां बनाते चलना,_ अपने घर का पता कुछ यूँ दे देना !

हमें रास्तों की जरुरत नहीं, _ तेरे पैरों के निशान मिल गये हैं.

तुम्हारे प्रेम ने मुझे बेहतर, सुन्दर और सरल कर दिया है .!!!

तुम्हारे जैसा कोई मिला नहीं _ कैसे मिलता _ था ही नहीं..

मुझे तेरी आवाज का मरहम चाहिए __ पुकारो ना _ मुझे..

तुम तक जो पहुँचा दे मुझे..!! _ वो पता चाहता हूँ मैं….!!!!

तुम से मिल कर लगता है _ मैंने जीने में कितनी देर कर दी..

क्यों करूं परवाह जमाने की _ मुझे नजरें तुझ से मिलानी हैं.

भेद तेरा कोई क्या पहचाने, जो तुझ सा है वो ही तुझे जाने..

तेरा आगाज़ जब से हुआ है ! जीवन का शुभारंभ हुआ है !!!!

जो अपनी तस्वीर बनाई, _ वह तस्वीर तुम्हारी निकली ….!

कुछ यूँ मिली नज़र तुमसे, _ बाकि सब नज़रअंदाज़ हो गये.

तू ही जानता है,_ तू किस कतरे को,_ कब दरिया करेगा…

जब जब मन अशांत हुआ ,एक तुम्हें देख कर ही शांत हुआ..

तू मेरी ख़ामोशी नहीं सुनता, मुझसे आवाज़ दी नहीं जाती..!

आज़माते हैं लोग सब्र मेरा, ज़िक्र तुम्हारा बार बार करके…!

तेरी यादों का इतना नशा है _ की उस नशे में ही रहता हूँ..

तुझको चाहने के बाद, _ कोई और मुझसे चाहा न गया..

मैंने तुम्हें ही चाहा, _ _ औऱ तुमसे कभी कुछ नहीं चाहा…

तुम्हें पाने के बाद, _ कुछ भी पाने को बाकी ना रहा..!!!!

ख्याल रखना अपना, _ मेरे पास तुम्हारे जैसा कोई नहीं..

ज़िन्दगी के हजार पन्ने, __ हर इक पन्ने में ज़िक्र तेरा.!!

जो मौसम बदलता है, _ वो मुकद्दर भी बदल सकता है.

मैं जिसकी बात करता हूँ, _ कोई तो बात उसमें होगी..

तुम्हें देख कर लगता है, _ तुम्हारे अलावा कुछ ना देखू.

मेरी इच्छाओं से ज्यादा सुंदर, तेरी योजनाएं होती हैं,,!!

तेरी यादों में जो ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में वो बात कहाँ..

तेरा वजूद मुझमें मौजूद, _ यही है तेरे होने का सबूत..

कहाँ कुछ खैर है यार ! तुम्हारे सिवा यहां सब गैर हैँ !

मैं देखूं तुझे करीब से, _ मेरे शौक हैं बड़े अजीब से !

सांसे तो बस नुमाईश है !!!! मेरी ज़िदंगी तो तुम हो

कर तु जायके की बात, _ मैंने तो उसे चख रखा है !

एक तुम साथ हो तो _कोई और चाहिए भी नहीं…

चाहे कितना भी वक़्त लगे, मुझे सिर्फ तू चाहिए ..

कि तुम ही ज़िंदगी हो _ तुम ही जीने की वजह हो.

एक तू ही तो सहारा है, _बाकी सब तो पराया है.!

यूँ चुप्पियों में रहकर भी _ मैंने तुमसे बात की है..

गुज़ारिश है तुमसे कि _ तुम हकीकत बन जाओ..

आवाज तक नहीं हुई, _ और मैं तेरा हो गया .!!

अब जब तू साथ है तो _ कुछ भी असंभव नहीं..

क्या देखा था तुझमें, जो दिल तेरा हो गया.!!

तुझसे मांगेंगे तो, _ तुझे ही मांगेंगे ..

इंतजार हमेशा रहेगा,_ बस कभी आवाज़ नहीं दूंगा..

जबसे तेरे गुलाम हुए, _ तब से अपने मालिक हुए…

तुम साथ हो तो फिर क्या डरना _कर लेंगे हर मंज़िल हर ख्वाब अपना.

कुछ अनूठा ही रिश्ता है मेरा तुम से, तुझे सोचने से ही सुकून मिलता है.

तेरी यारी ने सुकून इतना दिया कि, _तेरे बाद कोई और अच्छा न लगा..!

मुझे नहीं चाहिए तुमसे बेहतर, _ मुझे तो तेरे साथ ही सुकून मिलता है…

मंजिल मिले या न मिले, _ तुम साथ हो तब और कुछ चाहिए भी नहीं..

तुम्हें ढूंढ़ती हैं मेरी निगाहें, _ अगर हो सके तो आके चेहरा दिखा दो …!

गजब का रिश्ता है तेरा मेरा, याद दोनों करते हैं लेकिन बात नहीं !!

एक तुम ही इतने नजदीक हो कि _हर बात तुम्ही को बताई जा सकती है..!!

कुछ चीजें दिल को सुकून देती हैं, तेरा ज़िक्र उनमें सबसे पहले आता हैं.!!

हर तरफ थे राह में कांटे बिछे हुए, मुझे तेरी तलब थी गुजरता चला गया..!!

दे कर एक आवाज़ बुला लूँ उसको, मगर मैं चाहता हूँ वो ढूंढे मुझे !!

मुझे भाता है अंदाज़ तुम्हारा _ ! अदा तुम्हारी मिज़ाज़ तुम्हारा _ .!!

अब मैं हर वक़्त महकता हूँ, _ मैंने तुम से जो हाथ मिला लिया है..

तेरी एक झलक से _ ऐसा लगा की जैसे ज़िंदगी मिल गयी हो..!!

दूर तो बहुत है तू मुझसे, _ लेकिन तुझसे नज़दीक कोई मेरा नहीं !!

तू ही बात समझता है मेरी .. _ दुनिया तो सिर्फ सुन लेती है..!

तुझे देख के जो मिलता है, _सारा मसला उसी सुकून का है.!!

भीगना अंदर से है, __ बाहर से तो ..झाड़ पौछ कर फिर सुखे..

बस ये दिक्कत है भूलने में तुझे, तुझे नहीं तो किसे याद करूँ !!

मेरे लिखे हर शब्द में… मैं तुम्हे ही तो महसूस करके लिखता हूं.!!!

आप बात उसकी करते हो, _मैं तो बात ही उस से करता हूँ..

तेरा हमशक्ल कोई है ही नहीं, _ तेरा अंदाज किस में देखें ..

लत की तरह लग गया है तू, गलती से कहीं छूट न जाना..!!

वक़्त थोड़ा लगा ..! ऐ यार, _ तेरे करीब तो आ गया..!!

तेरी नजरों का ही कमाल है _ जो मैं तेरे इतने करीब हुँ..!

अपनी राह बनाऊँ कैसे _ बोलो तुम तक आऊँ कैसे ..!!

तू मिलता नहीं रोज रोज _ पर याद आता है हर रोज ..!!

खुशनसीब हूं इसीलिए शायद, _ जिंदगी में तुम हो ,,!!

मुझे सुकून की तलाश थी, और फिर तुम मिल गए..

तुम्हारे इंतज़ार में, ये आंखें उम्मीद से भरी रहीं..!!

मै आवाज भी न दूं………और तुम चले आओ…..

बहुत आई गई यादें.. मगर इस बार तुम्हीं आना…

ऐ यार ,,, जिंदगी का कोई रंग न छुपाना मुझसे…

लोग मुझे तोड़ते गए और मैं तुम से जुड़ता गया .!

मैं खुश हूँ कि.. एक नज़र मुझे गौर से देखा तूने..!

कब तक तेरी राह मैं देखूँ _ कब तू बोलेगा .?

तुम से मिलना _ सबसे मिलने जैसा होता है..

तुम ही जरुरी हो, _ अगर तुम समझो तो ..!

तेरे होते हुए मेरी हार, नामुमकिन है मेरे यार..

तराशा गया जो हमें, हम ही में हम ना मिले..

बहुत कुछ था सीखने को ! _ और हमने बेफिक्री सीखी !!

जब से हुई तेरी फिक्र, बेफिक्र हो गया हूँ.

रब तेरे हाथों में हूं मैं, इसलिए बेफिक्र हूं.

मुझे तेरी यादों में रहना अच्छा लगता है..

मैंने देखा है “जो नहीं है” वो खूबसूरत है.

हूँ अकेला भी, पर उसके साये में भी.

मैं खुद से दूर _ तू मुझमें मौजूद ..!

जब से मै तुम से मिला, मेरा जीवन भी खिला दिया_

तुमने मेरे जीवन में, आनन्द का रंग भर दिया._मेरे यार,

लाजवाब हो तुम ; हर वक़्त आते हो याद. _

_ जब से मै तुम से मिला, मेरा जीवन भी खिला दिया.

ऎसा कोई गीत सुना दे, जीवन का सूनापन मिटा दे._

_ ऎसा रस तू ही बरसा दे, जीवन में नया रंग खिला दे.

मै जैसा चाहता था वैसा तूने बना दिया.

_ कोई कुछ भी कहे मुझे बेपरवाह बना दिया._

_ बोझिल जीवन को मस्त बनाना सीखा दिया._

_ जीवन को रंगीन बनाना सीखा दिया._

_ मै जैसा चाहता था वैसा तूने बना दिया.

जीया भी नहीं हूँ, मरा भी नहीं हूँ._ समय सारा चिन्ता को मैंने दिया है._

_ जीने का ढंग भी तूने सिखाया, _ जीवन को रंगना भी तूने सिखाया.

कोरा कागज – सा था जीवन मेरा._ _ ऐ यार, तूने ऎसा रंग लगाया._

_ उलझा था मन दुनिया की उलझन में._ _ ऐ यार, तूने आकर सुलझाया._

_ मन के अँधेरे दूर हुए. __ ” आकर तूने दिया जलाया. ”

खुली आंखों से देखते हो, कभी बंद आंखों से कोशिश कर _

“- हम हैं कि ढूँढ़ते रहे _ वो है कि बरसता ही रहा -“

मत पूछ की मैं शब्द कहाँ से ला रहा हूँ, _

_ तेरी यादों का खजाना है जो लुटाए जा रहा हूँ..

मैं तुझे लिखता जाऊँ, तू मुझे मिटाता जा ;

_ आपस में रिश्ता किसी तरह तो निभाता जा..!!

दे अब दर्द मुझे जितना देना है यार,

_ क्योंकि मैं भी अब थेथर हो गया हूँ..!!

आदत लग गई है तुम्हें देख कर जीने की,

_ अब इसे प्रेम कहो या पागलपन तुम्हारी मर्जी..!!

तेरे सिवा मै किसी और का कैसे हो सकता हूँ,

_ तू खुद ही सोच के बता कि तेरे जैसा कोई और है क्या..

धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए._

_ वीरान थी ज़िन्दगी, ठहरी – सी ज़िन्दगी._

_ तूने आकर मुझे झझकोरा. _ सोयी वीणा के तारों को तूने छेड़ा._

_ धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए.

सब कुछ तो है पास, फिर भी इन निगाहों को तेरी तलाश है..

… इसीलिए बार बार यूहीं घर से निकल पड़ता हूँ मैं..

क्यूँ बार बार लगता है मुझे, कोई दूर छुपके तकता मुझे, _

_ कोई आस पास आया तो नहीं, मेरे साथ मेरा साया तो नहीं..

एक और शाम बीत चली है तुझे चाहते हुए !

_ तू आज भी बे-खबर है, बीते हुए कल की तरह !

तू नहीं लेकिन तेरी आहट होती है, _

_ यही सोचकर मेरे चेहरे पर मुस्कराहट होती है…

कुछ इस तरह से खुद को खोता चला गया,

_ मैं तेरा हुआ फिर तेरा होता चला गया.!!

कहाँ जायेंगे तुम्हें छोड़कर यार _

_ तुम्हारे बिन दिन नही गुजरता _ जिन्दगी क्या गुजरेगी,,,,,

यक़ीनन वो बेइंतहा खूबसूरत बंधन था हमारा, _

_ न उसने कभी क़ैद किया, न मैं कभी फ़रार हुआ ..!!

तू हाथ थामे चल रहा है, ज़माने को यही सब खल रहा है.

_ जिसे वो बुझाना चाहते थे, वो दीपक आँधियों में भी जल रहा है.!!

कदम कदम पर तू मुझको संभाल लेता है !, _

_ हर एक बला से तू मुझको टाल देता है .!!

मैं तुम्हें पाने की भर पूर कोशिशें करूंगा,

_ भला ऐसे कामों को मुक़द्दर पे कौन छोड़ता है.!!

मेरी पसंद हमेशा लाज़वाब होती है,

_यक़ीन न हो तो अपनी तरफ देख लो.!!

ना जाने कितने काश, अगर, मगर दफ़न हैं मुझमे, _

_ कभी फ़ुरसत में आओ तो मिलकर बताएंगे तुम्हें .!!

उलझा रही है मुझको ये कशमकश अंदर से…

_ कि तुम बस गये हो मुझमे या हम खो गए है तुझमे…!

तड़प रहे हैं तुमसे एक अल्फाज के लिए, _

_ तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए..!

तेरी एक नज़र ने खरीद लिया हमे, _

_ बड़ा गुमान था कि हम बिकते नहीं ..

तुम ख़ास थे, इसलिए लड़े तुमसे.._

_ पराये होते तो मुस्कुरा कर जाने देते..

लगा लिया तेरे इश्क़ को इत्र की तरह, _

_ अब हम में तुम ही तुम महकोगे ..

करते ही नहीं अब … कोई दुआ ये सोच कर ;

_ कि और क्यों बढ़ाऊँ मुश्किलें तेरी.. ऐ यार..

” मैं तुमसे अब कुछ नहीं मांगता ए यार,

_ तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंजूर नहीं “

तुझे पाना भी बड़ा महंगा सौदा है यार !!

_ पुरे संसार को दांव पर लगा कर हार जाना पड़ता है !!!

अगर कोई पूछता है तेरे बारे में तो _ बताता भी नहीं उनको,

_ जहां वालों की नजरों से छुपाता भी नहीं तुमको !!

परवाह नहीं है, मुझे लोग क्या ? कहते हैं, _

_ मुझे नजर तुझ से मिलानी है, लोगों से नहीं..

तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी, _

_ बताओ ना इश्क करते हो या इलाज करते हो __!!

फिक्र तो तुम्हारी आज भी करते हैं ;

_ पर हमारी बदनसीबी तो देखिये, _ बस जिक्र नही कर सकते ..

मैं कुछ लिखता नहीं सिवाय तुम्हारे !! _

_ मैं अपनी सीमाओं मे रहना सीख चूका हूँ ..!!

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे,

_ तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आएँ कैसे.

हज़ार सोचें उलझाती रहती है मुझे,

_ मगर एक ‘सजदा’ सुलझा देता है सब कुछ..!!

इंतज़ार तो खुशियों का है, _

_ मगर मालूम है कि तुम्हारे आते ही _ यह भी अपने आप आ जायेंगी ..

जिंदगी के आइने पर हर वक़्त एक अजनबी की सूरत है.

_ तुम्हें हो या ना हो लेकिन मुझे तेरी जरूरत है…

कभी कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर… ऐ यार _

_ अच्छा लगता है, यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना…!

कोई तो है मेरे अंदर, मुझे संभाले हुए .. _

_ बेकरार सा रह कर भी बरकरार हूँ ..!

वाह रे मौसम , _ तूने आज खुश कर दिया, _

_ मुझे उनकी याद आयी और बरस तू गया..

मेरे अल्फ़ाज़ भी तेरी खुशबू में महकते हैं, _

_ तेरे जिक्र में बहकते हैं और तेरे सजदे में बिखरते हैं ..

माफ़ी चाहता हूं, _तुम्हारी नींद ख़राब करने के लिए ;

किस्मत वाला हूँ मैं, _ मैं ख्वाबों में भी किसी ख़ास से ही मिला करता हूँ ..

अभी तक समझ नहीं पाया, तेरे इन फैसलों को..ऐ यार..!

_ उसके हक़दार हम नहीं, या हमारी दुआओं में दम नहीं..!!

इस जीवन का इक अधूरा सपना पूरा हो गया ;

_ तुमने जो अपना कहा _ तो सारा ज़माना पराया हो गया ..

अब जो तू, मेरी जिंदगी में आया है _ तुम क्या महसूस करोगे इसे, _

_ मैंने तो हर जगह तुम्हें अपने साथ पाया है ..

उठती ही नहीं ये निगाहें अब किसी और की तरफ, _

_ एक तेरा दीदार मुझे इतना पाबंद कर गया ..

मुझे मालूम था कि आज भी तुम नही आओगे, _

_ मगर फिर भी इंतज़ार किया खुशी से ..

तुम्हें पढ़ते हुए मैंने ये जाना कि, _

_ तुम्हें लिखना कितना मुश्किल है..

और कोई नही है जिंदगी जीने के लिए, _

_ सब कुछ तो लुटा दिया, इसलिए तुम्हें खोने से डरते हैं ..

अब जीत भी जाऊं तो दिल खुश नहीं होता, _

_ जिस को हारा है वो अनमोल बहुत था..!

नींद से उठकर इधर–उधर ढूंढता हूं तुम्हें मैं,

_ ख़्वाब में इतने करीब चले आते हो तुम..!!

ए यार बस इतनी ही ख्वाहिश है मेरी, _

_ मुझे दुनिया जहान की कभी हवा न लगे ..

तेरा ज़िक्र मैं क्यों न करूँ यार,

_ तेरा ज़िक्र भी तो मुझको छेड़ता है..!!

ए यार …. या तो हमसे यारी रख, _

_ या फिर ….दुनिया सारी रख.

पल कितने भी गुजार लूँ तेरे साथ _

_ मगर हर सांस कहती है कि दिल अभी भरा नहीं ..

हर चीज हद में ही अच्छी लगती है,_

_ बस एक तुम हो जो बेहद अच्छे लगते हो…

हमनें तो कह दिया है कि जैसे जहाँ मर्जी,_

_ अब ये तुम्हें देखना है कब कहाँ कैसे..

ऐ यार, वो दिन मत दिखाना कि लोग मुझे कहें, _

_ कि तूने भी ग़मे दुनिया से हार मान ली..

तेरे सजदों में मैं हूँ मेरी दुआओं में तुम..

_ फासले भी हैरान हैं नजदीकियां देखकर……

रात को उठ न सका, दरवाज़े की दस्तक पे,

_ सुबह बहुत रोया, तेरे पैरों के निशां देखकर..

‘तू कभी सोचना भी मत कि मैंने गंवा दिया तुझे,

_मुझको मेरे ख़्याल की मौज तुझ तक बहा के ले गयी’..

अगर तू पूछ ले मुझसे किस बात का गम है, _

_ तो फिर किस बात का गम है ” अगर तू पूछ ले मुझसे “

यूँ ना देखो इस नज़ाकत से हमें, _

_ तुम्हारी हर अदा के हम तो पहले ही दीवाने हैं !!

हाथ की लकीरों का अजीब खेल है यार,

_ मुट्ठी में हमारी हैं काबू में तुम्हारी हैं..!!

किस तरह छुपाऊं अब मैं तुम्हें, _

_ मेरी मुस्कान में भी तुम नजर आने लगे हो ..

कुछ शब्द ही तो थे… जिनसे जाना था…

_ तुने मुझे… मैने तुझे….

लिखता हूं तेरे लिए और तुझे ख़बर तक नहीं,

_ पढ़ते हैं वों लोग जो मुझें जानते भी नहीं….!!

तुम न जाने किस तरह बांधे रखते हो मुझे,!!

_ न करीब आते हो न दूर जाने देते हो मुझे !!!!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था, _

_ हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे..

जब से तेरे आने की ख़बर आयी है, _

_ ” नज़ारा कुछ ऐसा है ” जैसे पतझड़ में बहार आयी है..

देख मेरी आंखों में आंसू तुम जो खुश हो जाते हो, _

_ आंख में आंसू सजा रखे हैं मैंने तुम्हें हँसाने को !!

तुम क्या मिले जैसे किस्मत खुल गई हो…

_ मानो जिंदगी में कोई फरिश्ता आ गया हो !!

चोट जारी रखें, जाने कौन से पल ..

_ मन की मटकी फूट जाए ..!!

जो मांगना ना आए तुझे, तो खाली हाथ फैला दे ,,,

_ वो बंद लबों की इल्तजा सुनता है,,,

तेरा दर ढूंढ़ते -ढूंढ़ते जिदंगी की शाम हो गई,_

_ जब तेरा दर देखा यार, तो जिदंगी ही तेरे नाम हो गई ..

सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का,

_ जो कहता है ख़ुदा है तो नजर आना जरुरी है..

तेरे इश्क़ में ऐ यार,,, हम इतने चूर हो गए _

_ लिखते रहे तेरे बारे में ; और खुद मशहूर हो गए _

मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,

_ उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.

मेरी रूह में समाई है तेरी खुशबू.., _

_ लोग कहते हैं तेरा इत्र लाजवाब है..

एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न मुझे,

_ और मैं भूल गया हूँ तुझे ..ऐसा भी नहीं !!

बाहर की ठोकरों से तो बच कर निकल गए,

_ पाँव को अपनी मोच ने चलने नहीं दिया !!

वो रफ़ूगर भी कहाँ तक करे मेहनत मुझ पर,

_एक ज़ख्म सिलता नहीं कि दूसरा लग जाता है..!!

खतरा हर कदम पे गिरने का है,

_जो हाथ थामे उसी को खुदा मान रखा है.

पुकारता हूँ तुझे और तू कहीं नज़र नहीं आता,

_ डर लगता है मुझे ऐसी खामोशियों से..!!

किसी को क्या समझना, किसी को क्या बूझना..

_ खुद को समझो, खुद को जानो, खुद को मानो

मैं तो उसके भाव को व्यक्त करता हूँ..

_ यह मेरे जीवन की पद्दति है …जो बह कहता है मैं बोलता हूँ..

नाम तुम्हारा इस जीवन में मेरा एक सहारा..

नाम तुम्हारा उत्तर दिशा में उगता हुआ ध्रुव तारा,
नाम तुम्हारा मरुथल में प्यासे को जैसे पानी,
नाम तुम्हारा ही कहता हो मेरी एक कहानी.!!

प्रेम नगर के हम हैं पंछी, प्रेम के गीत हैं गाते.

ना कोई बस्ती मकान अपना, खुले गगन मंडराते.

ध्यान गंगा का जल हैं पीते, ज्ञान के गीत हैं गाते.

सुख- दुख खाली जाल बिछावे, अब नहीं धोखा खाते.

तेरी कृपा से सीखा हमने, मस्ती में पंख फैलाते.

प्रेम नगर के हम हैं पंछी, प्रेम के गीत हैं गाते.

जब भी मैं तेरे सामने होता हूँ, तो अपना वजूद भूल जाता हूँ ;

क्या मांगू ये तो याद नही रहता, लेकिन जितना दिया उतना बहुत है ;

इसको ही बरकरार रखना बस यही मन्नत है, कठिनाइयों से भागूं ना इतनी हिम्मत देना !!

आजकल काम का बोझ इतना बढ़ गया है कि अपने लिए समय निकालना मुश्किल हो गया है,

_ लेकिन अजीब बात यह है कि मैं अभी भी उसके लिए समय निकाल ही लेता हूँ,
शायद इसलिए कि उसी में मुझे सुकून मिलता है.!!

अगर मेरी हर चाह तुरंत पूरी हो जाती तो आज मैं जीवित नहीं होता,

क्यों कि मैंने कई बार मौत भी माँगी है ; _

_ इसलिए _ ऐ यार ,,, तेरा धन्यवाद जो तू मुझको मुझसे ही बचाता है !!

मैंने जीवन के कितने रंग देख लिए, मिलकर सबसे मिलने के ढंग देख लिए,

_ बे-ढंगी दुनिया में एक तू ही अपना, अपना कहने वालों के संग देख लिए..

तुम तक _पहुंचने के लिए _जो सफ़र जारी है..

_वो कभी मुकम्मल नहीं होना,

_लेकिन ये सफ़र मुझे _बेहद हसीं लगता है,

_क्योंकि इसके रास्ते में _तुमसे जुड़ी तमाम यादें हैं

_और उम्मीद की उस छोर पर तुम हो..

करना है जब कुछ काम, तो गीत उसी 👆के गाऊँ..

_ जीवन अपना खोल, उसका 👆🏻रास दिखाऊँ..
_यही रास जो जान गया, वो हुआ काम ( संसार ) से मुक्त..!!
_ हुआ काम से मुक्त, तभी तो जीवन जीता..
_ वरना जीवन कोई भी हो … बेहोशी में बीता..

कुछ दिन दूर क्या रहा तेरी गलियों से

मानो दूर रहा मैं खुद की रंगरलियों से
मायूस हुआ तो तेरी याद आयी
फिर से जैसे कोई टोक रहा हो, बन काँटा कलियों से
बस साथ तेरा ही सच्चा है
मैं नहीं कहता मुझे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाए रखना,
दूर रह कर भी _ दूरियाँ ना लगे_ वही रिश्ता बनाए रखना,
छोटी सी है जिंदगी _ ख़त्म हो ही जाएगी,
पर ख़त्म ना हो कभी _ वही किस्सा बनाए रखना..

तुझसे मिल कर दुःख भी हँसता._

_ तेरे प्यालों में पड़ के विष भी अमृत बनता._

_ कर देते हो सबको मतवाले,_ ” अपने ही रंग में रंग देते हो.”

मैंने पीया नहीं कुछ तू देख ले,

मस्त हूँ तेरी मस्ती में तू देख ले,

लोग पीते हैं बोतल से,

मैंने पी है तेरी आँखों से.

नशा चढ़ा है तेरा तू देख ले,

मैंने पीया नहीं कुछ तू देख ले.

दुःखों की धूप में तू छांव बन कर आया है.

मेरी हर तकलीफ को तूने हर बार मिटाया है.

कैसे करूं तेरा शुक्रिया मेरे यार,

तू ने ही तो मुझ जैसे कंकर को हीरा बनाया है.

तू लफ्जों की तरह मुझ से किताबों में मिला कर,

लोगों का तुझे डर है _ तू ख़्वाबों में मिला कर.

फूलों का खुशबू से तालुक है जरुरी

तू महक बन कर मुझ से गुलाबों मे मिला कर,

जिसे छू कर मै महसूस कर सकूँ.

तू मस्ती की तरह मुझ से शराबों मे मिला कर,

मैं भी इंसान हूँ, _ है डर मुझ को भी बहकने का,

इस वास्ते तू हिजाबों मे मिला कर.

मेरे हर ज़ख़्म का हिसाब रखता है.

_ वो मुझे हर पल अपने साथ रखता है.
_ कभी पहलू में बिठा लेता है अपने.
_ कभी आँसुओ में भी साथ बसता है.
_ वो मुझे हर पल साथ रखता है.
_ हर धड़कन में धड़कता है वो, मेरे रंगो में खून बनकर..
_ मौन में वो मुझसे, सभी बात करता है..
_ वो मुझे हर पल साथ रखता है..

तेरा साथ है तो आसान लगती है ये ज़िंदगी

तू साथ है तो कुछ ख़ास लगती है ये ज़िंदगी ।

तू ना हो तो उदास लगती है ये जिंदगी,

तू साथ है तो कुछ ख़ास लगती है ये जिंदगी ।

तू ना हो तो बेस्वाद लगती है ये जिंदगी,

तू साथ है तो कुछ खास लगती है ये जिंदगी ।

तेरी याद में जब आँसू, आँखों में आते हैं ll

एक दर्द उठे मीठा, और हम मुस्काते हैं l

तेरी याद में जब आँसू …

जब दुनियाँ सोती है, हम रात को जगते हैं ll

जब दुनियाँ जगती है ll, तब ‘हम खो जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू …

तेरे मिलने की आस नहीं, पर प्यास जगी दिल में ll

तड़फेंगे या कि मिलें ll, ‘राजी हुए जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू …

सब टूट चुके बन्धन, मन कर रहा वन्दन ll

दिन रात तेरे नग्मे ll, हम ‘गाए जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू … Anandmurti Gurumaa

मन हो नया – 2025

” मन हो नया “

नये वर्ष के नये दिन पर पहली बात तो यह कहना चाहूंगा कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नये दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में कभी- कभी नये दिन को देखने की कोशिश करते हैं. हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है. उसमें नये की तलाश मन में बनी रहती है, तो वर्ष में एकाध दिन को हम नया दिन मान कर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं, सोचनेवाली बात है- जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो, उसका एक दिन कैसे नया हो सकता है ? जिसकी आदत एक वर्ष पुराना देखने की हो, वह एक दिन को नया कैसे देख पायेगा ? हमारा जो मन हर चीज को पुरानी कर लेता है, वह आज को भी पुराना कर लेगा. फिर नये का धोखा पैदा करने के लिए नये कपड़े हैं, उत्सव हैं, मिठाइयां हैं, गीत हैं. लेकिन न नये कपड़ों से कुछ नया हो सकता है, न नये गीतों से कुछ हो सकता है.

नया मन चाहिए ! और नया मन जिसके पास हो, उसे कोई दिन कभी पुराना नहीं होता. जिसके पास ताजा मन हो, फ्रेश माइंड हो, वह हर चीज को ताजी और नयी कर लेता है. लेकिन ताजा मन हमारे पास नहीं है. इसलिए हम चीजों को नयी करते हैं. मकान रंगते हैं. नयी कार लेते हैं. नये कपड़े लेते हैं. हम चीजों को नया करते हैं, क्योंकि नया मन हमारे पास नहीं है.

कभी सोचा है कि नये और पुराने होने के बीच में कितना फासला होता है ? चीजों को नया करने वाली इस वृत्ति ने जीवन को कठिनाई में डाल दिया है. भौतिकवादी और अध्यात्मवादी में यही फर्क है. अध्यात्मवादी रोज अपने को नया करने की चिंता में लगा है. क्योंकि उसका कहना है कि अगर मैं नया हो गया, तो इस जगत में मेरे लिए कुछ भी पुराना न रह जायेगा, और भौतिकवादी कहता है कि चीजें नयी करो, क्योंकि स्वयं के नये होने का तो कोई उपाय नहीं है. नया मकान बनाओ, नयी सड़कें, नये कारखाने, नयी व्यवस्था लाकर सब नया कर लो. लेकिन अगर आदमी पुराना है और चीजों को पुराना करने की तरकीब उसके भीतर है, तो वह सब चीजों को पुराना कर ही लेगा. हम इस तरह नयेपन का धोखा पैदा करते हैं.

– आचार्य रजनीश ओशो

“मन से बाहर फिसल जाइए, और आप जान लेंगे कि यह क्या है: वह जो आदि रहित और अनंत है.

_ मन का आदि है और अंत भी है, इसलिए मन और वास्तविकता कभी नहीं मिल सकते. मन शाश्वत को नहीं समझ सकता.
_ और यदि आप सचमुच समझना चाहते हैं, तो आपको मन को खोना पड़ेगा.
_ आपको मन को खोने की कीमत चुकानी पड़ेगी.
_ लेकिन यदि आप ज़िद करेंगे, ‘मुझे तो मन के माध्यम से ही समझना है,’ तो केवल एक ही चीज़ संभव है — मन धीरे-धीरे आपको यकीन दिला देगा कि कुछ भी ऐसा नहीं है जो आदि रहित हो, कुछ भी ऐसा नहीं है जो अंतहीन हो, कुछ भी ऐसा नहीं है जो अज्ञेय हो.
_ धीरे-धीरे, वास्तविकता से संपर्क करने की कला सीखिए, बिना मन के बीच में आने के.
_ कभी-कभी जब सूरज अस्त हो रहा हो, बस बैठ जाइए और सूरज को देखते रहिए, उसके बारे में सोचिए मत — केवल देखिए, मूल्यांकन मत कीजिए,
_ यहाँ तक कि यह भी मत कहिए ‘कितना सुंदर है !’
_ जिस क्षण आप कुछ कहते हैं, मन बीच में आ जाता है.
_ यदि आप सचमुच समझना चाहते हैं, तो आपको मन को खोना पड़ेगा.
_ आपको मन को खोने की कीमत चुकानी पड़ेगी.
_ लेकिन यदि आप मन का ही उपयोग करने पर ज़ोर देंगे, तो केवल वही ज्ञान मिलेगा, केवल वही चीज़ें मिलेंगी जिन्हें मन समझ सकता है.
_ आप माया में ही बने रहेंगे.”
~ ओशो
 
“Slipping out of the mind, and you will know what it is: the beginningless, the endless. The mind has a beginning and an end, hence the mind and reality cannot meet. The mind cannot comprehend the eternal.
And if you really want to understand, you will have to lose the mind. You will have to pay the price of losing the mind. But if you insist, ‘I have to understand through the mind,’ then only one thing is possible. The mind will convince you, slowly slowly, that there is nothing which is beginningless, nothing which is endless, nothing which is indefinable, nothing which is unknowable.
Slowly slowly, learn the art of contacting reality without the mind interfering. Sometimes when the sun is setting, just sit there looking at the sun, not thinking about it—watching, not evaluating, not even saying, ‘How beautiful it is!’ The moment you say something, the mind has come in.
Viraj, if you really want to understand, you will lose the mind. You will have to pay the price of losing the mind. But if you insist on using the mind, then only knowledge, only things that can be understood by the mind will happen. You will remain in illusions.”
~ Osho
“जीवन की ताज़गी”

_ जीवन बासी नहीं है, हम इसे बासी बनाते हैं—कल का बोझ और कल की चिंता ढोकर.
_ लेकिन सच तो यह है कि हर पल अछूता है, एकदम नया..
_ बिल्कुल इस सांस, इस हवा, इस खामोशी की तरह..
_ कभी-कभी मैं इसे गहराई से महसूस करता हूँ—जब मैं पुरानी खुशियों को दोहराने या नई खुशियों का पीछा करना बंद कर देता हूँ.
_ जब मैं बस होता हूँ..
_ एक नदी की तरह जो कभी भी एक ही तरह से दो बार नहीं बहती..
_ आसमान की तरह.. जो कोई याद नहीं रखता.
_ इसमें कुछ आज़ादी है.
_ बिना उम्मीद के काम करना, बिना ज़रूरत के प्यार करना.
_ मैं यह देखने लगा हूँ कि असली जीवंतता ज़्यादा करने में नहीं, बल्कि ज़्यादा पूर्णता से पहुँचने में है.
_ बीते कल में नहीं, आने वाले कल में नहीं..
_ लेकिन अभी—दोनों पैरों के साथ वर्तमान में..
_ यही वह जगह है.. जहाँ जीवन सबसे ज़्यादा जीवंत लगता है.
_ यही वह जगह है.. जहाँ मैं खुद को सबसे ज़्यादा महसूस करता हूँ.
_ “जीवन ताजा ही है”
मन का संचालन दिमाग से होता है,

_ अगर दिमाग सही दिशा पकड़ ले तो मन अच्छा काम करता है.

मन तो सबका होता है कि मन का हो..

_ पर हमेशा मन का हो ये ज़रूरी नहीं.!!

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ये मन का स्वभाव हैं कि जिन चीजों से वो परिचित होता है, उससे ऊब पैदा हो जाती है -और जो कुछ अनजाना है वो रोमांचित करता है !

_ चीजों का जानने की नहीं बल्कि जीने की फिराक में रहो.!!

_ जो जान लिया जाता है, वो तो पुराना, बासी हो जाता है और जो जिया जाता है _ वो हमारे व्यक्तित्व में कुछ नए अहसास, कुछ नई उमंग ओर कुछ नया गीत जोड़ देता है.

_ जितना इस अस्तित्व से मिले उसके लिए धन्यवाद का भाव उठना चाहिए.!!

_ शिकायतों में अक्सर हम इस जगत से पाने की योग्यता धुंधली कर लेते हैं; _ शिकायत का भाव हमारी अपात्रता दर्शाता है.

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रोज दिन होता है. _ रोज रात के बाद सवेरा होता है. _ नया क्या है ? कुछ भी नही..!!
_ परेशानियां, उदासियां, खालीपन और अवसाद किसी नये साल के आने से खत्म नही हो जाते.
_ जो इस दौर में हैं. _ उनके लिए कुछ भी नया नही है. _ ज्यादातर चेहरों पर खुश दिखने की एक परत है.
_ एक दिन की खुशफहमी से बाकी बचे 364 दिन बदल नही जाएंगे.
_ क्या ही उछल-कूद करना क्या ही बधाई और शुभकामनाएं देना.
_ छः महीनों से जिस शख्स ने पुराना मैसेज सीन नही किया था _ उसने भी हैप्पी न्यू ईयर का मैसेज भेज दिया है.
_ बीते साल में जिसके पास कॉल करने का वक्त नहीं था _ वो भी फोन करके शुभकामनाएं दे रहा है.
_ एक दिन में साल नही सिमट सकता है, _ कैसे समझाया जाए ऐसे लोगों को समझ नहीं आता..!!
_ एक दिन का अपनापन दिखाने के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों है ?
_ मैं ये प्रश्न दूसरे से क्यों करूं, _ मुझे खुद से करना चाहिए..!!
मेरे सेम टू यू कह देने भर से मेरा या आपका कुछ ठीक हो जाता है तो चलिए कह देता हूं, _ सेम टू यू !!
_ जिस उत्साह से भरभर के शुभकामनाएं जिसे भेजी गयी हैं _ उसे तो ये पता ही नहीं होगा कि _ मैं जिसे ये शुभकामनाएं भेज रहा हूं. __ एक वक्त पर उसे आपकी जरूरत थी _ आपके समय की जरूरत थी._ तब आप साथ नहीं थे.
__ आज आपके इस अपनेपन से उसे खीज उठ रही है.__ ये कोई नहीं समझता है.
__ यकीन मानिए..!! “सब फौरी बाते हैं”_ उम्मीद पालना एक फितरत बन गयी है कि सब ठीक हो जाएगा.
_ किसी के साथ होने से किसी की शुभकामनाएं मिल जाने से जिंदगी पूरे साल गुलजार रहेगी.
_ अगर ऐसा होता तो दुनिया में दुःख ही नहीं होता _ हर रोज उत्सव ही होता..!!_ अफसोस ऐसा होता नही है.
_ इसलिए बचा जाना चाहिए इस दिखावे से..!!
_ “दिन मेरा है” _ ठीक एक साधारण दिन की तरह, _ कैलेंडर बदला है. _ लोग नहीं बदलेंगे ये माहौल नहीं बदलेगा..!!
_ बदलना है तो खुद को बदलिए _ खुद के साथ मजबूती से खड़े रहने के संकल्प के साथ..!!
_ खुद को शुभकामनाएं दीजिए कि खुद ही सब ठीक कर देंगे..!!
_ किसी के हैप्पी न्यू ईयर कह देने या सुन लेने से कुछ नहीं बदलने वाला है..!!
_ समय के साथ यही रह जाना है. __ बकिया कुछ भी नहीं._ सच है मैंने स्वीकार किया है ; _ आप भी इसे मान लीजिए कोई जबरदस्ती थोड़े है..!!
_ जो इस दुनिया की भीड़ में होकर भी खुद के साथ मजबूती से खड़े हैं ; _ ऐसे लोगों को मेरा प्यार..!!
_ इस साल उनको _ उनके हिस्से का जहां मिले, प्यार मिले, खुशियां मिले, आजादी मिले..!!
_ इससे बढ़कर कोई दुवाएं नहीं है मेरे पास, _ रख लीजिए..!!
 
– पथिक मनीष
 
हर किसी की जिंदगी मे लो पॉइंट आता है !
 
हम थक चुके होते है इस भीड़ का हिस्सा बन के, हमे लगता है ये सूरज रोज निकलता है शाम होते ही ढल जाता है, उसके बाद गुप अंधेरे मे खिड़की से चांद को देखना तारों से बातें करना एक आम बात होती है, अकेलेपन मे होने वाली घटनाओं पर ये घिसीपिटी बाते है !
 
हमारी जिंदगी की जो घटनाएँ हमे सबसे ज्यादा तोड़ देती है, हम उन्हें याद करते ही उनमें घुसते ही सब भूल जाते है कि जिंदगी बड़ी खूबसूरत है और कुछ खूबसूरत घटनाएं घटेंगी अभी हां हमे बिना बताए बिना कहे !
 
जिंदगी डिफरेंट मोड़ पर कब आएगा ये डिफरेंट क्या होता है और कितनी देर के लिए होता है ?
 
मै स्कूल मे पढ़ रहा था तो दुनिया भी पढ़ ही रही थी ना मेरे स्कूल मे हजारों बच्चे थे ये एक स्कूल की बात थी उस हिसाब से दुनिया मे उस समय करोड़ों अरबों बच्चे पढ़ रहे थे !
 
पढ़ाई के बाद नौकरी ढूंढना यहां न्यूजपेपर से लेकर वैकेंसी वाले वेबसाइट पर लाखों नौकरियां थी जिनको अप्लाई करने वाले करोड़ों थे, तो फिर करोड़ लोग एक साथ नौकरी के लिए भाग रहे थे !
 
शादी हाँ एक ही दिन शहर के कई गली नुक्कड़ से बारात निकल रही थी यानि रोज लाखों शादीयां हो रही थी, इन सबमे डिफरेंट कहा है यहा तो सब कॉमन ही है !
 
पैसा घर परिवार जिम्मेदारी सामाजिकता मे पिसता हुवा इंसान जिसकी जिंदगी मे वो लो पॉईंट है वो सोच रहा था ये डिफरेंट होना क्या होता है ? कब होता है ?
 
कठिनाइयों में डूबे हुवे व्यक्ति का सहारा वही कठिनाइयाँ ही है, उन परिस्थितियों मे शरीर मे बसने वाली आत्मा छूट के भाग जाने की जिद पर अड़ जाती है और शरीर असामान्य रूप से ढीला पड़ जाता है और फिर यहीं से कहानियां बनती है, जिन्हें हमे तराश के उतारना पड़ता है,
ज़िन्दगी के पन्नों पर फिर यही कहानियां हमे सहारा देती है और आपके बचे रहने का कारण यही कहानियां होंगी, ये कहानियां जिंदगी की वास्तविकता से गुजर कर जब डायरी के पन्नों पर आएंगी ना ये आपको उलझा के नही सुलझा के रखेंगे ताऊम्र।
 
उस लो पॉईंट मे ये डिफरेंट पॉइंट आता नही है लाना पड़ता है।
 
— पथिक मनीष
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नया साल कितना नया होता है पता नहीं.. सिवाय यह मानने के कि नया साल है…
_ मुझे लगता है कि नया है तो प्रतिपल नया है और पुराना है तो प्रतिपल पुराना है…
_ हम जस के तस रह जाते हैं…
_ पीछे साल हमसे हमारा समय जा चुका होता है आगे साल समय में होते हैं उसके जाने के इंतजार में…
_ फिर भी उत्साह तो होता है आस पास को देखकर, उत्साह बना रहे इसके लिए नया साल शुभ हो, चेतन की अवस्था और उर्ध्वगामी हो…
 
– अमित तिवारी
 
जाम की लम्बी लम्बी कतारें, टूट चुके पहाड़, चमकीली रोशनियों से अंधे हो चुके कबूतर रात को सो नहीं पाते, न ही सो पाते हैं गौरैया के बच्चे| सारे जानवर भी हैरान हैं हमारी अंधी दौड़ और उब भरी ज़िन्दगी से पैदा हुए जश्न को देखकर |
 
कोई भी ख़ास उपलक्ष हो या यह नया साल, बस एक ही चीज दिखती है लोग भागना चाहते हैं कहीं और जाकर जश्न में खुद को डुबो देना चाहते हैं |
चाहे उस जश्न में कुर्बान कर दिए गए हों हजारों लाखो जानवर और उनकी बोटी को चबा लिया गया हो या बीयर और शराब की बोतलें फूट गयी हों सड़कों पर या पहाड़ों के सबसे शांत क्षेत्र में भी बियर और शराब की बोतल ने दस्तक दे रखी हो |
 
एक समय था जब सिर्फ़ मस्ती करने वाली जगह पर ही लोग मस्ती करने जाते थें बाकी जगहें छूटी रहती थी |
उदहारण के तौर पर शराब पीने के लिए ज्यादातर उसके एक निश्तित स्थान पर भीड़ इकट्ठी होती थी, धर्मस्थल कम से कम छूटे रहते थें.
 
आज की स्थिति क्या है ? चाहे बनारस हो या हरिद्वार और ऋषिकेश सब जगह लोग पार्टी करने जा रहे हैं |
 
धर्म और अध्यात्म की जगह से कोई सरोकार नहीं है, सरोकार है तो बस कुछ पल जोर जोर के संगीत के साथ शराब के नशे में झूम लेने से और एक साथ ‘हैप्पी न्यू इयर’ बोलकर सुबह फिर से बेसुध उबासी भरी जिंदगी में वापस लौट जाने से..
 
आख़िर हम इतने बेसुध कब से हो गए कि किसी भी ख़ास दिन के लिए इतनी पार्टी करनी पड़े |
पार्टी करना और पार्टीजीवी होना दोनों अलग अलग बाते हैं |
पार्टी की संस्कृति को अपनाते अपनाते पार्टीजीवी हो गए हम सबके सब |
सबको अब एक अच्छी और धमाकेदार पार्टी करनी है |
चाहे उसके लिए कोई बियर बार हो, निरीह पहाड़ हों या धर्मस्थल |
 
अभी कुछ वर्षों पूर्व तक यदि शांति चाहिए तो लोग पहाड़ों का रुख करते थें |
अब पहाड़ लम्बे लम्बे जाम के पर्याय बन गए हैं | कई किलोमीटर तक लम्बा जाम लग जाता है |
पहाड़ों पर रास्ते सकरे होते हैं | पहाड़ एक साथ इतनी जनसँख्या को बर्दाश्त करने के लिए नहीं हैं|
इससे न सिर्फ वहां की भीड़ बढ़ रही है बल्कि पूरा का पूरा वातावरण, पूरी प्रकृति प्रभावित हो रही है
 
जितने ज्यादा लोग होंगे उतनी अधिक मात्रा में संसाधनों की आवश्यकता होगी और उतना ही अधिक अपशिष्ट एवं अन्य दूषित पदार्थ वहां जमा होगा, जिससे पूरी की पूरी हवा बदल जाएगी या यूँ कहें की बदल रही है |
पहाड़ श्रापित हो रहे हैं, जो हमें शांति दे सकते थें अब वही शोर में समां गए हैं |
यह एक तरीके से प्रलय का आगमन है, जहाँ मानव सभ्यता किंकर्तव्यविमूढ़ हो चुकी है |
सबको बस जश्न मनाना है |
 
नए साल में इस जश्न का रोग और भी अँधा हो जाता है |
लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि नयी तिथि के आगमन का स्वागत कैसे किया जाये |
सभी जश्न मना रहे हैं, पार्टी कर रहे हैं तो हमें भी करना है |
ढेर सारा पैसा खर्च करो, नहीं है तो भी जश्न मनाने के दबाव में पैसा खर्च करो |
जहाँ भीड़ है वहां जाकर भीड़ का हिस्सा बन जाओ और स्वयं को मनोरंजन दो |
 
कितनी बार तो लोगों का चेहरा देखने पर आभास होता है कि अमुक व्यक्ति को कुछ ख़ास आनंद आ नहीं रहा है इस तरीके के मनोरंजन में _परन्तु क्यूंकि यह पता ही नहीं इस नए दिन को कैसे मनाये, इसका स्वागत कैसे करें, तो बाकि दुनिया जैसा कर रही है वैसा काम करने में सम्मलित हो जाओ और उसी जश्न का हिस्सा बन जाओ |
 
यह जानने की कोशिश किये बिना कि क्या इस स्वागत को किसी और तरीके से भी मनाया जा सकता है ? जिसमें जीवन की सार्थकता निहित हो | जिसका उदगम जीवन की बोरियत या उबासी नहीं बल्कि सहजता हो |
 
सहजता एक सतत प्रक्रिया है संवेदना की, जितना व्यक्ति संवेदनशील होगा उतनी ही सहजता उसमें उतरती जाएगी |
जितना असंवेदनशील होगा उतनी असहजता एवं अंधे जश्न को मनाने की तीव्रता का बढ़ती जाएगी |
 
संवेदनशीलता आती है जागरूकता से, जागरूकता यह नहीं की ज़माने में क्या चल रहा है उसके बारे में हमें सब पता है, जागरूकता यह भी नहीं की राजनीती या फिर व्यापर या तकनिकी में आजकल क्या चल रहा है, उसके बारे में भी हमें सबकुछ पता है,
बल्कि जागरूकता है कि यह सब जो चल रहा है वह क्यूँ चल रहा है | क्या यह सब जो चल रहा है उसकी वाकई आवश्यकता हमको है या बस हमें बाज़ार का हिस्सा बनाकर हमारा दोहन किया जा रहा है |
 
जागरूकता है स्वयं का दोहन न होने देने से बचाना, जागरूकता तभी आएगी जब ज़िम्मेदारी होगी और जिम्मेदारी किस बात की जानने और समझने के इच्छा की, तो जब तक इस बात की जिम्मेदारी नहीं की हमें जानना या समझना है तब तक जागरूकता नहीं होगी और जागरूकता के न रहने पर संवेदना भी नहीं रहेगी |
 
एक असंवेदनशील व्यक्ति का जीवन सिर्फ़ उबासी से भरा रहेगा |
उबासी से भरा व्यक्ति उस उबासी को मिटाने के लिए कुछ भी कर सकता है,
वह नदी, पहाड़, मंदिर, धर्मस्थल, आसपास का वातावरण सबकुछ के दोहन के लिए तैयार रहेगा |
वह यह सबकुछ करेगा क्यूंकि उबासी में अशांति होती है, परन्तु व्यक्ति को शांति चाहिए,
वह इन दोहन के तरीके से शांति पाना तो चाहता है, जीवन को सार्थकता में जीना तो चाहता है
परन्तु वह ऐसा करने में अक्षम रहता है,
क्यूंकि शांति तो संवेदना में है, जो आती है जागरूकता से और यह व्यक्ति व्यस्त है मनाने में अँधा जश्न…
 
अब यह हमारे हाथ में है की हम अंधे जश्न का शिकार होते रहते हैं या फिर एक दिन जागरूक होने की कसम खाते हैं और संवेदना को जन्म देते हैं स्वयं के ही अंतर में, जिससे दोहन से अधिक सृजन के भागीदार बनें और बने रह सकें एक पूर्ण इन्सान बने रहने की यात्रा में,
यह यात्रा ही निरंतरता है जिसमें कोई भी अँधा जश्न विलीन हो जाता है…बस चुनना है तो यात्रा का मार्ग…
 
– अमित तिवारी
 
साल बीता, अच्छा बीता, बहुत कुछ मिला, बहुत कुछ फिसला भी, सीख मिली..
_ नए लोग मिले, कुछ से पहचान गाढ़ी हुई, कुछ से फीकी..
_ पढ़ा ख़ूब, लिखा भी, सुना बहुत, बोला भी, कमाया भी, गंवाया भी, मोह हुआ, मोहभंग भी..
_ भावुकता से अतिरेक घटाने में कुछ और सफल रहा..
_ हर बात साझा न करने का प्रयास किया, हर बात पर प्रतिक्रिया न देने का भी..
_ क्या नहीं करना, यह और अच्छे से जाना..
_ समय का मूल्य और अधिक समझा..
_ यात्राएँ की, मीठा कम किया, स्वास्थ्य के प्रति सचेत हुआ..
_ ख़ूब हँसा, रोया भी, ग़लतियाँ की, माफ़ी भी मांगी..
_ कुल मिलाकर थोड़ा और इंसान होने की कोशिश की..!!
 
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुछ छूट गया, रह गया,
किसी का वादा अधूरा रहा।
किसी की मुलाकात अधूरी रही।
किसी से सोहबत अधूरी रही।
किसी की मोहब्बत अधूरी रही।
किसी की सपने अधूरे रहे।
किसी के अपने अधूरे रहे।
हुए पूरे वो जिन्होंने समय की मांग को भांप कर समय रहते खुद को सचेत कर लिया।
परिवर्तन संसार का नियम है, इसी रीत को आगे बढ़ाते हुए परिवर्तन स्वीकार करते हुए नए साल को दिल खोल के गले लगाइए…..आप कमाल हैं, बेमिसाल हैं, होनहार हैं
आप बहुत खूबसूरत हैं, प्यारे हैं, खुद से प्यार कीजिए…………
इस ऊलजुलूल दुनियां में अपने आप को बचा के रखिए………..खुद को प्राथमिकता दीजिए, खुद से बढ़कर कुछ नहीं (खूब ख्याल रखिए अपना)
तरक्की इतनी भी न कर लीजिए कि अपने लोग नजर ना आएं……दुनिया बहुत छोटी है*
हम आज हैं कल नहीं, जब तक धड़कन चल रही…… मौज काटिए
-मस्त मौला  
 
 

Mental Health – मानसिक स्वास्थ – 2014

दांत टूथपेस्ट- ब्रश से साफ हो जाते हैं..

_तन साबुन -पानी से धुल जाता है..

_मैं इस खोज में हूं कि दिमाग में भरा कचरा कैसे साफ होगा ?

मानसिक स्वास्थ्य [Mental health] आजकल एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है,

_ फिर भी दुर्भाग्यवश, कोई भी सिस्टम इस पर उतना ध्यान नहीं दे रहा है, जितना देना चाहिए..!!

जीवन में सिर्फ ऐसे लोगों को चुनो,

_ जो आपके मानसिक स्वास्थ के लिए अच्छे हों !!

अच्छे लोगों को कभी बड़े या छोटे के दायरे में नहीं रखा जा सकता,

_ उनका अच्छा होना ही बड़ा होना है..!!

ऐसे लोग जो अपने जीवन मूल्यों से समझौता नहीं करते,

_ वे निश्चित ही आज की परिस्थिति में एक विशेष मानसिकता [special mindset] के होते हैं.

विलक्षण व्यक्ति [Eccentric] ताली का भूखा नहीं होता,

_ कभी-कभी सबसे तेज़ चलने वाला दिमाग़ शांत दिखता है.!!

जो लोग कठपुतली बनने के बजाए अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हैं, वे लोग सवाल भी उठाएँगे, और जानने की हिम्मत भी करेंगे.

_ करियर सफलता से लेकर अध्यात्म तक – सबकुछ ज्ञान के मार्ग पर मिलता है.
_ कुछ जानना और विस्मित होते रहना ही उनकी ज़िंदगी का बड़ा एडवेंचर और मज़ा है,
_ यही वह बात है.. जो ज़िंदगी बदल सकती है.!!

मानसिक रूप से मजबूत लोग दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं,

_ इसका मतलब है कि वे दूसरों को ख़ुश करने के बजाय खुद को ख़ुश रखते हैं,
_ उन लोगों में अकड़ नहीं होती, बल्कि उनकी सीमायें होती हैं, जिन्हें वो किसी को भी लांघने नहीं देते हैं..!
_ वे हमेशा खुद को बेहतर बनाने और अपने जीवन को जितना संभव हो.. उतना आसान और स्वतंत्र बनाने के तरीके खोजते रहते हैं.!!
सस्ते लोगों को सस्ते लोग पसंद आते हैं.

_ महंगे लोगों के साथ निभाना हर कोई Afford भी नहीं कर सकता.
_ यहां महंगे लोग का तात्पर्य मौलिक व्यक्तित्व [original personality] से है.
जिसके साथ की यात्रा कठिन और Long लाइफ होती है..
_ जो अपनी बात के पक्के होते हैं.. ना कि वो जो आज कुछ कह रहे और हर चार दिन बाद बदल-बदल कर बातें बनाते हैं और कहीं भी टिक नहीं पाते..!!

माइक्रो लेवल [सूक्ष्म स्तर] पर अपडेट रहना ज़रूरी है.,

_ विभिन्न विषयों की अपडेटेड जानकारी हो तो बात करना, ठोस तरह से बात करना और विषयों को जोड़ना आसान हो जाता है.!!

अमीर बनने के लिए हर चीज में अच्छा बनना जरूरी नहीं है,

_ बल्कि कुछ चीज में अच्छा बनना जरूरी है _ जिसमें आपको कोई हरा नहीं सकता..!!

मानसिक स्तर की गुणवत्ता इस बात से आंकी जाती है कि..

_ आपकी दृष्टि कितनी दूर तक और कितनी गहराई तक जाती है.!!

पर्सनालिटी कैसी है ये महत्वपूर्ण नहीं है, मेंटलिटी कैसी है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है.!!

कम बोलने वाले लोगों की कुछ खूबियां :-

  • जो लोग सामने वाले की बात ध्यान से सुनते हैं और खुद कम बोलते हैं, _ ऐसे लोगों में दूसरों के मन को पढ़ने की छमता बहुत ज्यादा होती है.
  • कम बोलने वाले लोग अधिक समझदार होते हैं, क्योंकि वो तब ही बोलते हैं, जब उन्हें जरुरत होती है.
  • कम बोलने वाले लोग किसी से उलझते नहीं हैं बल्कि किनारे से निकलना पसंद करते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग ज्यादा किसी के मुंह नहीं लगते, इसी कारण इनकी Self Respect मेंटेन रहती है.
  • कम बोलने वाले लोग फ्रेंडली होते हैं, क्योंकि वह दिल के बहुत अच्छे होते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग अकेले रहना पसंद करते हैं क्योंकि इनके Personality में Positive Attitude होता है.
  • कम बोलने वाले लोग बहुत ट्रस्टेबल होते हैं, क्योंकि किसी के सामने _ आपकी बातों को बयां नहीं करते.
  • कम बोलने वाले लोगों में ज्यादा सफल होने की क्वालिटी पाई जाती है, _ क्योंकि ये हवाबाजी नहीं करते.
  • यह लोग अपने ज्यादातर कामों को सीक्रेट तरीके से करते हैं _ और काम पूरा हो जाने पर ही किसी को बताते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग बहुत इंटेलीजेंट होते हैं, _ क्योंकि वह अपनी बातों को एक ही बार में कह देते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग _ उन चीज़ों को ‘नहीं’ कहने पर अड़े रहते हैं ; _जो उनके मिशन से मेल नहीं खातीं.!!
  • कम बोलने वाले लोग _ सिर्फ पसंदीदा लोगों के सामने _ ज्यादा बोलते हैं !!!

सफल लोगों की दिनचर्या :–

अगर सफल लोगों की दिनचर्या पर ध्यान देंगे तो आप देखेंगे कि ये लोग कितना भी व्यस्त क्यों न हों, लेकिन हमेशा एनर्जेटिक और मोटिवेटेड होते हैं. दरअसल, ये अपने समय का सही उपयोग करना जानते हैं. सफल लोगों के लछ्य स्पष्ट होते हैं और वे अपने आराम के समय भी कुछ प्रोडक्टिव काम करते हैं. सफल व्यक्ति हर छण को उपयोगी बनाना जानते हैं. ऐसे लोग फ्री टाइम में मेडिटेशन, एक्सरसाइज, फैमिली के साथ समय बिताना, हॉबी को टाइम देना आदि वे सारे काम करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक खुशी मिले और जब वे काम पर लौटें तो ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करें.

जानते हैं ऐसी ही आदतें :—————–>

समझते हैं एक्सरसाइज के लाभ :—————- सफल लोगों की दिनचर्या में एक बात कॉमन होती हैं, वह है नियमित एक्सरसाइज करना. इसमें कोई शक नहीं कि एक्सरसाइज से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं. लछ्य को अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध लोग एक्सरसाइज को मोटिवेशल बूस्टर की तरह देखते हैं. इससे जीवन के हर छेत्र में आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा मिलती है. एक्टिविटीज तनाव दूर करने के साथ एनर्जी लेवल को बूस्ट करने का काम भी करती है. इस तरह एक्सरसाइज करने वाले लोग पूरा दिन स्वयं को लछयों पर फोकस्ड रख पाते हैं.

हर पल को एंजोय करना जानते हैं : ————

सफल लोग अपने काम से वास्तविक रूप से ब्रेक लेना जानते हैं. ऐसे लोग आराम के समय कहीं आउटिंग पर जाना पसंद करते हैं. इससे न केवल मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है, बल्कि प्रोडक्टिविटी एवं ओवरऑल पर्सनेलिटी डेवलपमेंट भी होता है. यदि आप यह सोचते हैं कि वेकेशंस पर जाना समय खराब करना है, तो यह गलत है, बल्कि जब आप छोटे ब्रेक के बाद फिर से काम पर लौटेंगे तो स्वयं को ज्यादा प्रोडक्टिव एवं एनर्जेटिक महसूस करेंगे. साथ ही तनावमुक्त भी रहेंगे.

मानसिक हेल्थ पर देते हैं ध्यान :——————-

मेंटली स्ट्रॉन्ग होने के लिए सफल लोग मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा अवश्य बनाते हैं. _माइंडफुल मेडिटेशन दिमाग को क्लियर करने के साथ नए- नए विचारों की आवाजाही भी बढ़ाता है और मेमोरी पॉवर बढ़ती है. इससे फोकस बढ़ता है और तनाव कम होता है. _इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सफल लोग अपने आराम के समय को मेडिटेशन का फायदा उठाने में खर्च करते हैं. _उनका मानना है कि क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए मेडिटेशन बेस्ट है. इस तरह सोचने की छमता भी बढ़ती है.

पढ़ने की आदत :————–

नियमित पढ़ने के कई सारे फायदे हैं. आप न्यूज़ पेपर, मैगजीन, नॉन फिक्शन बुक्स या फिक्शन बुक्स आदि पढ़ सकते हैं. पढ़ने से आपका शब्द भंडार बढ़ेगा. साथ ही मेमोरी एवं रिंटेशन भी बूस्ट होगा. पढ़ने की आदत से बिज़नेस और कॅरियर के लिए नए विचारों के निर्माण में भी मदद मिलेगी.

सीखने की चाह :————-

सफल लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि सामने वाले व्यक्ति क्या सोचेगा. वे हर समय कुछ न कुछ नया सीखने के लिए लालायित रहते हैं.

भले ही आप अपनी इंडस्ट्री में मास्टर हों, लेकिन तकनीक एवं नए बदलाव लाने के लिए सीखने की आदत को विकसित करना बहुत जरुरी है.

आइए जानते हैं, मानसिक रूप से मजबूत लोगों की कुछ आदतों के बारे में :–

सफल होने के लिए आपका मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरुरी है, तभी आप सभी चुनौतियों का सामना आराम से कर सकते हैं. मानसिक रूप से मजबूत लोग कभी उन चीजों के बारे में परेशान और चिन्तित नहीं होते जो उनके पास नहीं है. ऐसे लोग अपनी विफलता को स्वीकार करते हैं और इससे उन्होंने जो सीखा, उसके लिए शुक्रगुजार होते हैं.

आपको कभी न कभी जिंदगी में मुश्किलों का सामना करना ही पड़ता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप क्या करते हैं और आप कौन हैं. जिंदगी में आपको किसी न किसी मोड़ पर रुकावटों और कठिनाइयों से उबरना ही पड़ता है. यह चुनौतियाँ आपको भले ही दुर्गम लग सकती हैं, लेकिन ऐसा क्या है जो सफल लोगों को या कम से कम जो सफलता की राह पर चल रहे हैं, उन्हें अलग करता है.

वह चीज उनकी काबलियत नहीं बल्कि उनका विश्वास और गिरकर फिर उठने की जिद है. कुछ लोग इसे उनका स्वभाव कहते हैं, लेकिन आमतौर पर इसे मानसिक मजबूती कहा जाता है. ऐसे लोग काबिल होने के साथ ही मानसिक तौर पर बहुत मजबूत भी होते हैं. देखा जाए तो काबिलियत को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है, लेकिन असल में जिंदगी में सफल वही लोग होते हैं जो मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं, जो गिरकर दोबारा उठने की हिम्मत करते हैं, अगर आप भी वाकई सफल होना चाहते हैं तो आपको भी दिमागी रूप से खुद को मजबूत बनाना होगा.

आइए जानते हैं, मानसिक रूप से मजबूत लोगों की कुछ आदतों के बारे में :—–

बीते हुए कल से सीखते हैं :—

कोई भी शख्स ऐसा नहीं होता जिससे कभी कोई गलती न हुई हो. कहते हैं कि गलतियां करके ही आप सीखते हैं और सीखकर ही आगे बढ़ते हैं. अगर आप मानसिक रूप से मजबूत होना चाहते हैं तो आपको भी अपनी गलतियों से सीखना चाहिए. आपको बीते हुए कल पर ही नहीं अड़े रहना चाहिए और न ही उसके बारे में सोच- सोचकर अपना आज और आने वाला कल खराब करना चाहिए. इसके इतर आपको बीते हुए कल में की गई अपनी गलती से सीख लेनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आपसे दोबारा ऐसी गलती न हो.

इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं :——————

“High emotional Intelligent” लोगो को मूर्ख बनाना आसान नही है, वो शब्दों की बजाय, energy, mood, body language, आपकी आँखों मे झांक कर आप को पहचान सकते हैं !
_ हो सकता है वो कम बोलते हों.. पर वो notice सब करते हैं।
_ शायद इसी वजह से “high emotional Intelligent” लोग अक्सर अकेले रहते हैं.
सफल लोग इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं.
_ इसका मतलब यह है कि उनमें अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचानने और उन्हें संभालने की छमता होती है.
_ उनकी यह प्रतिभा भी उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाती है.
_ अगर आप भी इमोशनली इंटेलीजेंट बनना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर कुछ खास गुण लाने होंगे,
_ जैसे परफेक्शनिस्ट न बनना, वर्क- लाइफ बैलेंस बनाना, आसानी से ध्यान नहीं भटकने देना, अपनी कमियां और ताकत जानना, अपने लिए कठिन सीमाएं तय करना आदि.
_ इन गुणों से आप खुद को इमोशनली इंटेलीजेंट बना सकते हैं या यह जान सकते हैं कि आप इमोशनली इंटेलीजेंट हैं या नहीं.
_ मानसिक मजबूती के लिए यह गुण होना जरुरी हैं.

कभी शिकायत नहीं करते :——————

अधिकतर लोग आसपास की चीजों या लोगों की आलोचनाओं में लगे रहते हैं. वह ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि उन्हें अच्छा लगे, लेकिन वास्तविकता में ऐसा करने से वह और ज्यादा निराश महसूस करते हैं. अगर आप मानसिक मजबूती चाहते हैं तो आपको चीजों को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए. इसके बजाए चीजों को बेहतर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए. शिकायत करने के बजाए समाधान खोजना चाहिए. ये लोग जिंदगी को हमेशा सकारात्मक नजरिए से देखते हैं और नकारात्मकता को खुद पर कभी हावी नहीं होने देते.

फ्लेक्सिबल होते हैं :——————

जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, वह अपनी समस्याओं के लिए अलग- अलग समाधान निकाल लेते हैं.

_ साथ ही वह अपनी समस्याओं को अलग और नए तरीके से देखते हैं, जिससे वह उनके लिए हल ढूंढ पाते हैं.

_ वह किसी एक तरह के समाधान पर अड़ते नहीं हैं. वह फ्लेक्सिबल तरीके से काम करने में यकीन रखते हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालते हैं. इससे वह निश्चित रूप से सफल होते हैं.

_ ये लोग खुद को समय के साथ अपडेट करते हैं, जबकि बाकि लोग हालात के साथ समझौता करते हैं !!

बोरियत से निपटते हैं :————

महान लोगों को अलग करने वाली विशेषताओं में से एक यह है कि वे बोरियत का आनंद लेते हैं ; _ जब वे मूड में नहीं होते हैं या कुछ और करना चाहते हैं तब भी वे दृढ़ रहने को तैयार रहते हैं ; _

सफलता के लिए सबसे बड़ा खतरा बोरियत है, असफलता नहीं.

—– हम अलग-अलग हिस्सों से बने हैं, कुछ अच्छे, कुछ बुरे, और एक स्वस्थ दिमाग इस दुविधा को सहन कर सकता है और एक ही समय में अच्छे और बुरे दोनों को जोड़ सकता है,

_मानसिक बीमारी वास्तव में इस प्रकार के एकीकरण की कमी के बारे में है – हम स्वयं के अस्वीकार्य हिस्सों से संपर्क खो देते हैं. – Alex Michaelides

We are made up of different parts, some good, some bad, and a healthy mind can tolerate this ambivalence and juggle both good and bad at the same time. Mental illness is precisely about a lack of this kind of integration – we end up losing contact with the unacceptable parts of ourselves.       -Alex Michaelides

जिन्दगी बहुत मुश्किल भी नही और बहुत आसान भी नही

हजारों कठिनाइयाँ भी हैं और जटिलताएं भी हैं

लेकिन सारा खेल केवल ” नजरिए ” का है

कि हम कैसे अपनी समस्याओं को देखते हैं, कितनी जल्दी उसमे सुधार के लिए कोशिश करते हैं

और जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए कितनी ताकत झोकते हैं

ये सब नजरिया ही तो है, नजरिया को नजर भी नही लगती

बस अपनी खुशियों की नुमाईश हर जगह करनी नही चाहिए..

खुश रहने वाले लोगों की आदतें : –>

1 – वो लोग दूसरों से कोई उम्मीद नहीं रखते —

अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने किसी काम के लिये दूसरों पर उम्मीद लगाये रखते हैं तो आप दुखी रहेंगे,

अगर आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो आज से ही दूसरों से सभी उम्मीदें करना बंद कर दो !

2 – वो लोग वही काम करते हैं जो उन्हें पसंद है ! —

आज अधिकांश लोग वह काम करते हैं जो दूसरे लोग उनसे करवाते हैं या करने के लिए बोलते हैं, इसलिए वह हमेशा दुखी रहते हैं ;

जो दूसरों के हिसाब से अपनी जिंदगी जीते हैं, वो कुछ समय के लिये तो खुश रह सकते हैं, लेकिन वो अपनी लाइफ से कभी संतुष्ट नहीं रह सकते !

अपनी रुचियों और प्रवृत्तियों को ध्यान में रखना सुनिश्चित करें ; _ आपके लिए क्या आसान है जो दूसरों के लिए कठिन है ?

सफल होना बहुत आसान हो जाता है जब आप कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जिसे आप पसंद करते हैं और आनंद लेते हैं.

3 – वो लोग कभी भी नकारात्मक नहीं सोचते —

खुश रहने वाले लोग हमेशा हर Situation में Positive रहते हैं, वो किसी भी परिस्थिति में कभी भी बुरा नहीं सोचते, ना खुद के लिए ना दूसरों के लिए ;

आप जैसा सोचते हो, आपकी जिंदगी भी _ उसी रूप से ही ढलती है !

10 Traits of a high value man

एक उच्च मूल्य वाले व्यक्ति के 10 लक्षण
1. Assertive/ Confident _ दृढ़ / आत्मविश्वासी.
2. Has a purpose and Follows it _ एक उद्देश्य है और इसका अनुसरण करता है.
3. Intentions are clear _ इरादे साफ हैं.
4. Doesn’t chase, Attracts _ पीछा नहीं करता, आकर्षित करता है.
5. Has Self – Respect _ आत्म – सम्मान रखता है.
6. Maintains Frame _ फ्रेम बनाए रखता है.
7. Has Growth Mindset _ विकास की मानसिकता रखता है.
8. Great Social Skills _ बढ़िया सामाजिक कौशल.
9. Understands Female nature _ स्त्री स्वभाव को समझते हैं.
10. Values Healthy Lifestyle _ स्वस्थ जीवन शैली को महत्व देता है.
शांत लोगों से सावधान रहें, वे बहुत सोच समझ कर कदम उठाते हैं ;

आप जितना समझदार होंगे, आप उतना ही कम बोलेंगे ..

जो ज्ञानी हैं ; उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि लोग उन्हें समझें,

_ मात्र अज्ञानी ही खुद को महान दिखाने में लगे रहते हैं !!

यदि आप को कोई मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा है तो _

_ आप को उस से व्यवहारिक तौर पर संपर्क निरस्त कर देने चाहियें !!

जब दिमाग कमजोर होता है तो परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं, _

_ जब दिमाग स्थिर होता है तो परिस्थितियां आसान बन जाती हैं !!

यदि आप बुद्धिमान हो तो, अपनी समस्याएं स्वयं सुलझा लोगे ; सभी समस्याओं को हल करने के लिए बुद्धिमत्ता पर्याप्त है !!

वास्तव में जो भी समस्याएं जीवन में सृजित होती हैं, उस समस्याओं से कहीं अधिक बुद्धि होती है, यह एक उपहार है..!!

जिंदगी में सबसे अच्छा क्या है ?

जिंदगी की सबसे बड़ी चीज है अपने दिमाग को जवान रखना ; कोई उम्र का बढ़ना नहीं रोक सकता, पर अपनी उत्पादकता बढ़ाते हुए उम्रदराज होना कुछ और ही है. _ हम अपनी नासमझी के कारण रोज – रोज मरते हैं.

“*- जीवन में सिर्फ़ ऐसे लोगों को चुनों जो आपके मानसिक स्वास्थ के लिए अच्छे हों !!”

आपका आहार केवल वही नहीं है जो आप खाते हैं.

जैसे – जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आप महसूस करते हैं कि आपका आहार केवल वही नहीं है जो आप खाते हैं, _ बल्कि यह है कि आप क्या देखते हैं, क्या पढ़ते हैं, आप किसका अनुसरण करते हैं और किसके साथ अपना समय बिताते हैं.

इसलिए यदि आपका लक्ष्य स्वस्थ दिमाग रखना है, तो आपको अपने आहार से सभी जंक को हटाकर शुरुआत करनी होगी.

*”दिमाग से मत हारना _फिर ना कोई घटना तोड़ सकेगी ना मौत मार सकेगी..”

अपने आप को उस गंदगी से हटाना, जो लगातार आपके मानसिक स्वास्थ्य को ट्रिगर करती है और आपके दिल को चोट पहुँचाती है, शीर्ष स्तरीय आत्म – देखभाल है.

Removing yourself from shit that continuously triggers your mental health and hurts your heart is top tier self-care.

आप और आपका मानसिक स्वास्थ्य आपके करियर, अधिक पैसा व अन्य लोगों की राय से अधिक महत्वपूर्ण हैं, आपका आत्म-प्रेम हमेशा दूसरों से प्यार करने की आपकी इच्छा से अधिक मजबूत होना चाहिए.

You and your mental health are more important than your career, more money, and other people’s opinions.

Your self- love must always be stronger than your desire to be loved by others.

” जीवन का उद्देश्य समृद्धि नहीं है जैसा कि हमें विश्वास दिलाया गया है, बल्कि आत्म – देखभाल है “

The aim of life is not prosperity as we have been led to believe, but self-care.”

किसी भी दुख, चिंता और भय को इतना महत्व मत दो, कि वो आपकी शक्ति को नष्ट कर दे.

Do not give much importance to any grief, worry and fear, that it destroys your strength.

इस भागती जिंदगी में खुद को समय जरूर दें, वरना एक दिन डॉक्टर आपको समय देंगे, फिर समय भी आपका होगा और पैसा भी आपका.

आपका मानसिक स्वास्थ्य ही सब कुछ है- इसे प्राथमिकता दें.

_ समय को ऐसे बनाएं जैसे आपका जीवन उस पर निर्भर करता है, क्योंकि यह करता है.

Your mental health is everything- prioritize it. Make the time like your life depends on it, because it does.

यदि आप नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक सोच सकते हैं, तो आप जीत जाते हैं.

IF YOU CAN THINK POSITIVE IN NEGATIVE SITUATION, YOU WIN.

“जो बुद्धिमान हैं वे व्यस्त नहीं होंगे, और जो बहुत व्यस्त हैं वे बुद्धिमान नहीं हो सकते।” -लिन युतांग

“Those who are wise won’t be busy, and those who are too busy can’t be wise.” ― Lin Yutang

अपनी मानसिक स्थिति को ‘मैं टूटा हुआ और असहाय हूं’ से _ ‘मैं आगे बढ़ रहा हूं और ठीक हो रहा हूं’ पर स्विच करें और देखें कि आपका जीवन कितनी तेजी से बदलता है.

Switch your mental from i’m broken and helpless to I’m growing and healing and watch how fast your life changes.

खुले दिमाग वाले लोग सही होने की परवाह नहीं करते, वे समझने की परवाह करते हैं. __ कभी भी कोई सही या ग़लत उत्तर नहीं होता. __सब कुछ समझने की बात है.

Open minded people don’t care to be right, they care to understand. There’s never a right or wrong answer. Everything is about understanding.

एक बुद्धिमान व्यक्ति को तब तक नींद नहीं आती जब तक वह अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं खोज लेता.

A wise person cannot sleep unless he uncovers the answers to his questions.

“एक बुद्धिमान व्यक्ति अपना मुँह खाली करने से पहले _अपना दिमाग भरता है.”

“A wise man fills his brain before emptying his mouth.”

एक बुद्धिमान व्यक्ति को दिया गया सम्मान उन लोगों के लिए बहुत अच्छा होता है जो उसका सम्मान करते हैं.

The honor paid to a wise man is a great good for those who honor him.

आपको पता है क्या समस्या है ? आप बहुत ज़्यादा सोचते हो ; आप हमेशा अपने दिमाग में रहते हैं, और आप इससे कभी बाहर नहीं निकलते.

ऐसी चीजें हैं जो आप करना चाहते हैं, जिन लोगों से आप बात करना चाहते हैं, जिन जगहों पर आप जाना चाहते हैं, लेकिन आप सही समय का इंतजार करते रहते हैं.
खैर, मैं आपको रहस्य से बचाता हूं: कोई सही समय नहीं है ; _ यदि आप इसकी प्रतीक्षा करते हैं, तो मुझे डर है कि आप हमेशा के लिए प्रतीक्षा करते रहेंगे.
जीवन अभी है, आप यहां हो, यही है। शुरू करना। हो सकता है कि आप वहां न पहुंचें जहां आप जाना चाहते हैं, लेकिन आप कहीं पहुंच जाएंगे, और मैं यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता कि वह कहां है !
दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं. : – पहला जो अपने सपनों के बारे में कुछ नहीं करता ; _ वे केवल दिवास्वप्न देखते हैं और कभी यात्रा करने का प्रयास नहीं करते.
दूसरे प्रकार के लोग वे होते हैं _ जो अपने सपनों को साकार करने का प्रयास तो करते हैं _ लेकिन बीच में ही हार मान लेते हैं, किसी बिंदु पर, _ वे दुनिया की बाधाओं के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं और हार मान लेते हैं. __ अधिकांश इसी श्रेणी में आते हैं.
और तीसरी तरह के लोग हैं. _ इस तीसरी अवस्था तक बहुत कम लोग पहुँचते हैं. _ ये वे लोग हैं जो कड़ी मेहनत करते रहते हैं, अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रयास करते रहते हैं._ये जिंदगी के सफर में कभी हार नहीं मानते और ये वो लोग हैं _ जो हमेशा खुद को बदलकर दुनिया बदल देते हैं.
बुद्धिमान व्यक्ति में ये 8 लक्षण पाए जाते है। अगर इनमे से आप मे 5 भी है तो आप बुध्दिमान है।

1) बुद्धिमान लोग अकेले रहना पसंद करते है _वे बेवजह दूसरों के साथ रहना पसंद नहीं करते है _और ये बहुत ही कम दोस्त बनाते है _लेकिन जो भी इनके दोस्त होते है _उनका ये जीवन भर साथ देते है _ये लोग अंदर से काफी दयालू होते है.

बुद्धिमान लोगों के औसत व्यक्ति की तुलना में कम दोस्त होते हैं, आप जितने अधिक बुद्धिमान होंगे आप उतने ही अधिक चयनात्मक [ selective ] बनेंगे.

2) बुद्धिमान लोग कम बातें करते है _वे घर वालों से भी कम बातें करते है _क्योंकि उनका दिमाग हर वक़्त किसी ना किसी चीज पर चल रहा होता है _जिसकी वजह ‘से वे सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही बोलते है !

3) बुद्धिमान लोग नए दोस्त बनाने _या किसी भी काम को सोच समझ कर करते है _किसी दूसरे की सुन कर काम नहीं करते _बल्कि खुद अच्छी तरह से ‘समझ लेने के बाद ही किसी काम की शुरुआत करते है !

4) बुद्धिमान व्यक्ति खुद से अधिक बातें करते है और बहुत अधिक सोचते है. ऐसे लोग भीड़ वाली जगह और लड़ाई झगड़े से दूर रहना पसंद करते है. _और फालतू में किसी से बहस करके अपनी एनेर्जी वेस्ट नहीं करते !

5) बुद्धिमान लोग खराब से खराब situation में भी पॉज़िटिव रहते है. वे कभी समस्या के बारे में नहीं सोचते बल्कि समस्या को दूर ‘करने के बारे में सोचते है.

_बुद्धिमान व्यक्ति के आगे आप चुगली करेंगे तो _उनका जवाब ये होगा की _रहने दो उनकी लाइफ है _उन्हें अपने हिसाब से जीने दो !

“आलोचक इधर-उधर घूमते रहते हैं और दूसरों की गलतियाँ होने का इंतज़ार करते हैं. _लेकिन दुनिया के असली कर्ता-धर्ताओं के पास दूसरों की आलोचना करने का समय नहीं है. _वे गलतियाँ करने, सुधार करने, प्रगति करने में बहुत व्यस्त हैं.”

–बुद्धिमान इंसान की एक बहुत बड़ी विशेषता यह होती है, कि वो कभी भी किसी से नाराज़ नहीं रह सकता, _बल्कि प्राप्त अनुभव से सतर्क जरूर हो जाता है.!!

6) हर बुद्धिमान को शुरुआत में ये लगता है कि _ मैं सबका भला चाहता हूँ _ लेकिन मुझे कोई नहीं समझता. _ ऐसा इसलिए होता है _ क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति _ये सोचता है कि _दुनिया की सोच भी उसकी तरह बन जाये. _ लेकिन लोगों की छोटी सोच की वजह से _शुरुआत में सभी लोग बुद्धिमान व्यक्ति को गलत समझते है.

7) बुद्धिमान व्यक्ति बहुत ज्यादा इमोशनल होते है ये छोटी छोटी चीज़ो को गहराई से फील करते है. _ऐसे लोग किसी नए व्यक्ति पर आसानी से यकीन भी नहीं करते _लेकिन 1 बार किसी पर यकीन कर लेते है तो _वो यकीन लंबे समय तक बना रहता है !

8) बुद्धिमान लोग अपने काम मे Improvement करते रहते है _क्योंकि ये अपने काम को हमेशा बेहतर से बेहतर तरीके से करने की कोशिश करते है _और हमेशा दूसरों से सीखते रहते है.

_ बुद्धिमान लोग निरंतरता को इतना महत्व इस कारण देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि निरंतरता ऐसा महान गुण है, जो उनमें कौशल की कमी की भरपाई की कमी कर सकता है…


एक चतुर दिमाग [ A clever mind ] हमेशा जीवन की सच्चाइयों से दूर रहता है.

_यह खुद को बचाने की भी कोशिश करता है.

_एक सुरक्षात्मक दिमाग हमेशा प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में सोचता है.

_अगर हमें कुछ हासिल करना है तो हमें प्रतिस्पर्धी बनना होगा.

_और हम सभी कुछ न कुछ हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए हमें प्रतिस्पर्धी होना होगा.

— प्रतिस्पर्धा हमारे अंदर ईर्ष्या और हिंसा की भावना पैदा करती है.

_और हम इतने आत्मकेंद्रित हो जाते हैं कि प्रकृति का प्रवाह हम तक नहीं पहुंच पाता.

— शुद्ध मन को कुछ नहीं चाहिए.

_यह भविष्य की तलाश नहीं करता.

_यह कभी किसी के खिलाफ नहीं है.

_यह किसी के पक्ष में नहीं है.

_यह न्याय नहीं करता और यह कहीं जाना नहीं चाहता.

— एक शुद्ध हृदय हमेशा यहाँ रहता है और पूरी तरह से खुला होता है.

_यह कोई सुरक्षा नहीं मांगता.

_यह जो कुछ भी आता है उसके प्रति ख़ुशी से असुरक्षित रहता है.

_यदि जीवन आता है तो उसे पूरी तरह से जीता है..

_और यदि कोई कठिन परिस्थिति आती है तो _उसे पूरी तरह से स्वीकार करता है.

सफल लोगों की मानसिकता

The mindset successful people

  1. अपने उद्देश्यों को परिभाषित करें Define your objectives

    2. आत्म जागरूकता Self-awareness

3. हम किस प्रकार का जीवन जीना चाहते हैं, इसके बारे में एक दृष्टिकोण रखना

Having a vision about what kind of life we want to live.

4. अपनी रुचियों को खोजना और उसमें स्वयं को उच्चतम स्तर तक शिक्षित करना

Finding ones interests and educating oneself in that to the highest level.

5. समझ के साथ बदलाव के लिए अनुशासन और लचीलेपन का संतुलन होना

Having a balance of discipline and flexibility to change with the understanding.

जब आप सिद्धांतों [principles] के साथ जीते हैं तो.. आपके पास ऐसे लोग होंगे..

_ जो आपको बर्दाश्त नहीं कर सकते, आपको नापसंद करेंगे..
_ जो इस फैक्ट से खुद को खतरे में महसूस करते हैं कि आपके पास मानक [standard] और सीमाएं हैं.
_ क्योंकि ऐसा व्यक्ति ऐसी रियायतें [concessions] नहीं देता ..जो उसके मूल्यों [values] को धोखा देती है.
_ वह जो विश्वास करता है ..उसके साथ खड़ा रहता है,
_ भले ही दूसरों के साथ मनमुटाव हो..
_ वो अटल है, जमीन पर है, और हर किसी को खुश करने के लिए झुकता नहीं.
_ सच तो यह है कि आपकी आत्म-भावना जितनी मजबूत होगी,
_ उतना ही अधिक आप खुद को उन लोगों से अलग पाएंगे.. जिनके पास इसकी कमी है.
“एक असली आदमी “ना” कहने से नहीं डरता है”
_ वह सतही विचारों से प्रभावित नहीं है, न ही वह सत्यापन [verification] की लालसा करता है,
_ जब आप सिद्धांतों [principles]के अनुसार, एक रेखा खींचते हैं, जिसे कुछ लोग आपके साथ पार नहीं करेंगे.
_ यह उन्हें असुविधाजनक बनाता है, क्योंकि वे आपको हेरफेर नहीं कर सकते,
_ आपको आकर्षित नहीं कर सकते हैं,
_ या आपको उससे कम के लिए व्यवस्थित [arranged] नहीं कर सकते हैं..
..जिसके आप हकदार हैं.
यह कुछ बातें हैं जो इंट्रोवर्ट [introvert- अंतर्मुखी] लोगों के बारे में सच होती हैं:
1. वे सोशल मीडिया पर खुलकर बात कर सकते हैं, हंसी-मज़ाक कर सकते हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में वे बर्फ की तरह सख्त होते हैं।😩
2. वे सड़क पर आपको बिना बात किए गुजर सकते हैं सिर्फ अपनी शर्म के कारण🙍🏻‍♀️। वे हफ्तों तक घर में रह सकते हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता🤦‍♀️
3. वे बहुत ही सोच-समझ कर काम करते हैं, थोड़ा चिपकने वाले, गुस्सैल होते हैं, और जिस व्यक्ति से प्यार करते हैं, उनके साथ रोमांटिक होते हैं। वे मुश्किल से प्यार करते हैं, लेकिन एक बार कर लें तो पूरी तरह से दिल से उस व्यक्ति के होते हैं😘
4. वे शायद ही धोखा देते हैं💯
5. वे बहुत संवेदनशील होते हैं, आप उन्हें देख पाए इससे पहले, वे आपको देख चुके होते हैं।
6. वे लोगों के मन को पढ़ सकते हैं इससे पहले कि आप कुछ कहें।
7. वे कम दोस्त बनाते हैं और किसी भी गतिविधियों में शामिल होने में कम रुचि रखते हैं।
8. वे बहुत भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहने में असहज होते हैं, और अकेले रहना पसंद करते हैं👌🏽
9. वे लोगों के बीच कम बात करते हैं लेकिन अपने प्यारे लोगों के साथ बात करने में बहुत खुश होते हैं।
10. लोग उन्हें अकसर घमंडी समझते हैं, लेकिन वे घमंडी नहीं होते हैं।
11. वे बहुत कुछ सह सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें आप पर गुस्सा आ जाए या आप उनका मज़ाक उड़ाएं, तो एक बार जब वे फैसला कर लें, तो आप उन्हें खो सकते हैं ✌🏽
12. वे बहुत भावुक होते हैं😥। वे बुरी बातें बहुत देर तक याद रखते हैं, जिन्हें किसी ने उनके साथ किया हो🌝
13. वे अपनी समस्याओं को किसी से साझा करना पसंद नहीं करते और किसी से मदद नहीं मांगते चाहे वे कितनी भी मुश्किल में हों😒
14. आप उन्हें अच्छे से जानने के बाद ही समझ सकते हैं कि वे कैसे होते हैं। वे अप्रत्याशित और जिद्दी होते हैं😎
15. वे शायद ही किसी से दोस्ती करते हैं।
16. उन्हें धोखा सहन नहीं होता। अगर वे किसी से धोखा खाते हैं, तो वे हमेशा के लिए उस व्यक्ति से नफरत कर सकते हैं।
अगर आप इस तालिका में शामिल हैं, तो यहां आकर खुद को पहचानिए !
एक मेहनती आदमी के साथ रिश्ते में होना हर किसी के लिए नहीं है.

_ इसलिए आजकल कुछ महिलाएं ऐसे पुरुषों में रुचि रखती हैं जिनके पास कोई जीवन दृष्टिकोण [Perspective] नहीं होता.
_ एक मेहनती आदमी के साथ रिश्ते में होना.. यह समझने जैसा है कि वह हमेशा आपके लिए उपलब्ध नहीं हो सकता.
_ आप सोच सकते हैं कि कभी-कभी वह रिश्ते में पूरी तरह से निवेशित नहीं दिखाई देंगे, लेकिन यह सच नहीं है,
_ बल्कि इसके विपरीत है, वह हर सुबह उठते हैं और हर मौके पर कड़ी मेहनत करते हैं ताकि आपके लिए एक स्थिर भविष्य बना सकें.
_ आपको यह समझना होगा कि कुछ दिन ऐसे होंगे जब वह शायद थके हुए होंगे और उन्हें नहा लेने का भी समय नहीं मिलेगा,
_ उन्हें बिस्तर पर जाकर सोना होगा ताकि अगले दिन फिर से शुरुआत कर सकें.
_ इस तरह के आदमी को कभी हल्के में न लें.
_ वह शायद थोड़ा rough लगे, उसके हाथ कसे हुए और शर्ट पर तेल के दाग हों,
_ लेकिन यह आदमी आपको ऐसी मोहब्बत देगा.. जिसे आपने कभी पहले नहीं महसूस किया होगा.
_ तो उन मेहनती आदमियों के लिए जो अपनी जिंदगी की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए हर सुबह उठकर अपने परिवार के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके लिए यह संदेश है.!!
थोड़ा-बहुत मेंटल डिसऑर्डर [Mental Disorders] हम सबमें है –

_ लेकिन हमने कभी उसे बीमारी की तरह नहीं लिया, न उसका उपचार करने का सोचा ;
_ वैसे भी हम अपनी मेंटल हेल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) की ओर ध्यान नहीं देते.
_ हमें डर होता है कि कहीं हम पागल न समझे जाएं,
_ जबकि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति पागल नहीं होता,
_ बस सोच-विचार में, खुद पर नियंत्रण रखने में थोड़ा कमज़ोर होता है.!!
कभी ख़ुद के जीवन का आत्म मूल्यांकन करना कि आपके जीवन की वास्तविक समस्या कितनी है और आप कितने समस्याओं से उलझे घिरे होते हो,

_ आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि आपके ख़ुद के जीवन की समस्या तो बिल्कुल नगण्य है..
_ जबकि आप दूसरो की समस्याओं की वजह से उलझे, फंसे, दुःखी और उदास होते हो..!
कभी –कभी स्वार्थी बन जाना खुद के – मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है..!!
आज मानसिक स्वास्थ्य [Mental Health] एक मौन महामारी बन चुका है.

_ लोग थके हुए हैं, दबे हुए हैं, पर बोलते नहीं — क्योंकि बोलना कमजोरी समझा जाता है.
_ और यही हमारी सबसे बड़ी त्रासदी है — कि हम दर्द में भी सामान्य दिखने की कोशिश करते हैं, टूटते हुए भी मुस्कुराते रहते हैं,
_ सिर्फ इसलिए कि समाज “अच्छा दिखने” को “ठीक होने” से ज़्यादा महत्व देता है.

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