यार – सखा – मितवा – रहबर – 2015

यार, धन्यवाद कि मैं अपने बारे में अच्छा महसूस कर सकता हूं क्योंकि मैं तेरा बच्चा हूं; धन्यवाद कि मैं दूसरों के सामने खुद को साबित करने की ट्रेडमिल से निकल सकता हूं क्योंकि मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है.

God, thank You that I can feel good about myself because I am Your child. Thank You that I can get off the treadmill of proving myself to others because I don’t have to prove anything to anyone.

अजीब रिश्ता है मेरा तेरे साथ !

_ मुसीबत जब भी आती है ; ना जाने किस रूप में आता है,
_ हाथ पकड़ कर पार लगा देता है,,,
_ मैं तेरे सामने सर झुकाता हूँ : तू सबके सामने मेरा सर उठाता है.
_ “एक तुम्हारी याद को मैंने सुबह की पहली धूप की तरह अपने भीतर उजाला करते हुए देखा है !!”
_ “जब मैं तुझसे सीधे बात कर रहा हूँ, तो और किसी से कोई चर्चा नहीं करनी है.!!”
ऐसा क्यों होता है कि तू इतना दूर हो कर बहुत करीब है,

_ बिना मिले बिना देखे दिल में उतरा हुआ है,
_ तू जैसे साथ है.. हर पल ऐसे गुजरता है.
_ कैसे बन जाता है तुझसे से यह बेनाम सा रिश्ता..
_ जो हर रिश्ते से ऊपर हो जाता है.!!
मैं तुमको उस दुनिया से राहत के रूप में देखता हूं _जिसमें मैं रहता हूं और जब मैं तुमको अपने आसपास नहीं पाता, _तो मुझे ऐसा लगता है _जैसे मैं दर्द में हूं..

_और इसका कोई इलाज नहीं है, _चाहे मैं जहां भी खोजूं या जहां भी जाऊं..!!
— तू नहीं जानता कि तू जब मेरे आसपास होता है तो कैसा आनंद महसूस होता है ;
_ मेरे लिए, तू मेरी खुशी का स्रोत है.!!
_ मैं तुमसे परे नहीं देख सकता; क्योंकि मेरी दुनिया तुमसे शुरू होती है और तुम पर ही खत्म होती है.
मुझे नहीं महसूस करना है _ टूटकर बिखरने का दुःख, _ जुड़ा रहना चाहता हूं _ तुम्हारी खुशबू से !!

तुम्हारे और मेरे मौन के बीच _ बसा जो शहर है चुप्पी का, _ बने रहना है मुझे _ उस शहर का बाशिंदा !

तुम्हें महसूस करना अकथनीय है, ख़ुशी मौन में बदल चुकी है और मौन आसुंओ में तब्दील हुआ,

_ तब समझ पाया कि ख़ुशी के आंसू क्या होते हैं..!!

कुछ इस तरह से…. तुम मेरे साथ रहना,

_ मैं तुम्हे लिखकर खुश रहूं !! और तुम पढ़ कर …

नाज़ है मुझे खुद पर..

_ क्योंकि मैं उसकी पसंद हूँ, जिसे हर कोई पसंद नहीं आता !!

“आऊंगा किसी दिन हिसाब करने”

_ जो अभी तक तुझसे लिया है, लौटा जाऊंगा.

_ किसी दिन यहीं फना हो जाऊंगा..

“मेला, खिलौने और तू”

_ तूने मुझे मेला देखने भेजा था और मैं खिलौनों में उलझकर रह गया !!

— “संसार उसे कहते हैं” जो दिखता है ‘वह है ही नहीं’.. और जो नहीं दिखाई देता है ‘वही सब कुछ है.’

दुनिया के पीछे चलते-चलते लगा था, ज़िन्दगी पूरी हो गई..!

_ पर जब तुम निगाहों में आए तो जाना, अभी ज़िन्दगी बाकी है.!!

मुझे लगता है कि यह हमारी उच्च ऊर्जा ( रब ) है, आप जीवन में जितने अधिक शुद्ध कर्म करेंगे और रब को प्रार्थना में रखेंगे, आपका जीवन सही रास्ते पर होगा.!!
मुझे खुशी है कि तुम मेरी ज़िन्दगी में आए और इससे भी ज्यादा खुश कि तेरी वजह से ही मैं जीवन को अपने साथ देख रहा हूँ ; _

_ तुम मेरे साथ रहते हो इसके लिए मेरा दिल खुशी के आंसुओं से रोता है..

I am glad that you came in my life and even more happy that because of you I am seeing life with me. For you stay with me, my heart cries with tears of joy.

you are the most precious stone in the collection of my secret treasure.
हम में से हर एक के अंदर, रब की आवाज कह रही है, “तुम मेरी छवि में बने हो”

Inside every one of us, the voice of God is saying, “You are made in My image.”

ज़रा – ज़रा सी बात पे रोना सिखा दिया, देख तूने क्या से क्या मुझको बना दिया !

_ होगा नहीं पूरा कभी ये मुझको पता है, ख्वाब इन आँखों को जो तूने दिखा दिया !!

“*– मेरा तुम्हें भूल न पाना इसलिए भी कठिन है _ क्योंकि मैंने तुम्हारे साथ बिताये प्यार के पलों को इतनी गहराई से जिया है कि वो मेरे ह्रदय की पृष्ठभूमि पर हमेशा के लिए छप गये हैं !!

_ जो अक्सर ही मुझे तुम्हारे खयालों में डुबो देते हैं और मन बार बार से उन्हीं पलों में जीना चाहता है !.

तुम जब भी आओ तो एक टुकड़ा छांव का लेते आना..

_ जिंदगी की उलझनों की धूप में झुलस गया है वजूद मेरा..

.

और मेरे पास फिर से तुझसे वही सवाल हैं ?

मैं कौन हूँ ? यह दुनिया क्या है ? और इस दुनिया से मेरा क्या रिश्ता है ?

तेरे नाम के धागे भी खोल दिए मैंने..

_ बंधनों में प्रेम मुझे अच्छा नहीं लगता..

कभी कभी ना कुछ बोले..

_ हम शायद कहीं बंध से जाते हैं..!!

मत ढूंढो … कि दुनिया में खूबसूरत कौन है..

_ देखना है तो उसे देखो … जिसके होने से आपकी दुनिया सुंदर है .!!

जो नहीं हो पा रहा है उसको उस के हवाले कर दो,

_ फिर देखना कि क्या होता है _ उसी को जरिया बना देगा जो रुकावट है..!!

“उसके पास तुम्हारे हर मसले का हल मौजूद है तुम कह कर तो देखो.”

आपके लिए उसकी योजना अच्छी है क्योंकि वह अच्छा है !

His plan for you is good because HE is good !

चन्द सिरफिरे हैं तेरी तलाश में, _ बाकी सब दाल रोटी की जुगाड़ में ..
मेरी जिंदगी में कुछ ऐसे रिश्ते हैं जो कहने को तो मेरे कुछ भी नहीं लगते_ मगर मेरे होने में उनका अहम किरदार है.

ये वही लोग है, जो मेरी हैसियत नही मेरा दिल देखते हैं_ मैं शुक्र गुजार हूँ ऊपर वाले का,

उस ने मेरी ज़िन्दगी में बहुत कुछ छीना, पर सब कुछ नही छीना.

जब तू किसी को मुश्किल से निकालना चाहता है तो उसके लिए ऐसा रास्ता बनाता है _ जो इंसान की समझ से बाहर होता है..!!
जीवन में बस एक बात सीखी है कि सब कुछ होने पर भी कुछ काम नहीं आता ;

_ इसलिए सबकुछ पाने की कोशिश छोड़कर तुमको पाने की कोशिश कर रहा हूं !!

कभी कभी कुछ चीजों से Move on करना मेरे लिए भी आसान नहीं होता

मगर वक़्त के साथ आगे बढ़ना ” मैंने तुमसे सीखा है “

रूठी जो जिंदगी तो मना लूंगा मैं, मिले जो ग़म वो सह लूंगा मैं ;_

_ बस यार तू रहना हमेशा साथ मेरे, तो निकलते आंसुओ में भी मुसकुरा लूंगा मैं ..

जब मैं तेरे साथ होता हूँ तो देखता हूँ तू मेरे लिए खड़ा है, _

_ जब तू मेरे लिए खड़ा होता है, तो कोई तेरे सामने खड़ा नहीं हो सकता !!!

बहुत उदास हूँ तेरे चुप हो जाने से, हो सके तो बात कर किसी बहाने से. _

_ तू लाख खफा सही पर इतना तो देख, कोई टूट गया है तेरे चुप हो जाने से.

तेरा हर अंदाज़ हकीकत है या ख्वाब है,_ खुशनसीबों के पास रहता है तू, _

_मेरे पास तो बस तेरी मीठी सी याद है ” बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,”

_ बरसात बाहर भी है…और भीतर भी है..

तुमसे मिलने के बाद जब मैं अलग होता हूँ, तो सोचता हूँ कि तुमसे फिर से कब मिल पाऊंगा,

_ मैं तुम्हारे लिए इतना तरसता हूं !!!

मैं तो समझा था, तेरे दीदार से सुकून आ जायेगा ;

_ पर ये नहीं जाना था कि, ये दिल तुम्हारी दीवानगी में और बेकरार हो जायेगा..!!

जिस के पास तुम्हें धीरे – धीरे शांति का स्वाद मिले, समझ लेना वह द्वार आ गया,

_ जहां झुक जाना है – झरोखा यहीं से खुलेगा..

ऐसा नहीं है कि मैंने तुम्हें आवाज़ नहीं लगाई, पर आवाज़ इतनी ही लगाई कि तुम सुन न सको,

_ और मुझे संतुष्टि रहे कि मैंने अपना काम पुरा किया..!!

“बस इसी एक बात ने मुझे जिन्दा रखा है ..

_ कि इक रोज़ सारे रास्ते जाने तो तुझ तक ही हैं”

छोड़ आया हूँ दुनिया तुझे पाने के लिए,

_ वैसे मैं कभी था भी नहीं उस ज़माने के लिए..!!

ऐ यार तूने ज़िन्दगी को जीना सीखा दिया, _ अपनी हदों को पार करना समझा दिया,

_ जो डर हमेशा से था, वो मिटा दिया, _ इस काले पत्थर को एक कोहिनूर बना दिया ;

यार का हाथ पकड़ने की बजाय मैंने अपना हाथ यार को ही पकड़ा दिया, _ क्योंकि

मैं यार का हाथ गलती से छोड़ सकता हूँ पर वो मेरा हाथ पकड़ेगा तो कभी नहीं छोड़ेगा !!

आप उसका प्रमाण पूछते हो, क्या चेतना का अस्तित्व पर्याप्त प्रमाण नहीं है ?

क्या जल की बून्द ही समस्त सागरों को प्रमाणित नहीं कर देती है ?

जाने कैसे तू… मुकद्दर की किताब लिख देता है ;

साँसे गिनती की… और ख्वाहिशें बेहिसाब लिख देता है..

जब खुद को कर दिया तेरे हवाले, तो फिर गम कैसा ; _

_ तू फना कर दे य़ा गले लगा ले मुझको…

तुम्हारे बाद मैंने कोई ख्वाब नहीं देखा..

_ मेरी जिन्दगी की हर ख्वाहिश के पुर्णविराम हो तुम..!!
जो भी मुझे छोड़ कर गया, फिर नहीं लौटा –

_ लौटा तो सिर्फ़ मैं लौटा,, अपनी जगह से अपनी ही जगह पर..!!

अगर तुमने एक बात का निर्णय लिया है कि, तुम सत्य के साथ खड़े हो ! तो तुम समझ लेना,

_ दुनियां की सबसे बड़ी ताकत तुम्हारे साथ है, और तुम अकेले नहीं हो !!

रूह से जुड़े रिश्तों पर फरिश्तों के पहरे होते हैं,

_ कोशिशें कर लो तोड़ने की ये और भी गहरे होते हैं..!!

🌹तुम्हें एक और बहुत ऊँचे नियम का पता नहीं कि

अस्तित्व उनकी सुरक्षा करता है जो सत्य की खोज में हैं.🌹🌹

” सत्य सभी के लिए नहीं है, _ बल्कि केवल उनके लिए है _ जो इसे चाहते हैं.”
वह व्यक्ति ही सफल कहा जायेगा _ जिसे ‘ वह ‘ अपनी ओर आकर्षित करता है.
मैंने देखा रह के सबके पास, के पास मेरे तेरे सिवा कोई रहा नहीं !!
तेरी बनाई दुनिया में, कोई तुझ-सा क्यों नहीं मिलता.!!
चलो आज उनसे मुलाकात कर लें, जुबां से न बोलें मगर बात कर लें, _

_ वो बैठे रहें मेरी नज़रों के आगे _ वो कुछ भी न बोलें मगर बात कर लें..

मुझे नहीं पता कि…..मेरी आँखों को तलाश किसकी है…_

_ बस तुम्हे देखते हैं तो…..नजरें थम सी जाती हैं !!

तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ तो बातें पूरी हो जाती है,

_तुम में, तुम से, तुम पर ही मेरी दुनिया पूरी हो जाती है !

आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा,,_

_ दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है…!!

मिल जाता है दो पल का सुकून, बंद आँखों की बंदगी में,

वरना परेशां कौन नहीं, अपनी- अपनी ज़िंदगी में..

कुछ याद करके आंख से आंसू निकल पड़े,

मुद्दत के बाद गुजरे जो उसकी गली से हम.

अब ये आँसू नये दामन को भिगोने से रहे, _

_ हम तेरे बाद किसी और के होने से रहे..

आँखों में तेरी _ कोई करिश्मा जरूर है,

_ तू जिसको देखता है,,,, वो तड़पता जरूर है .!!

कुछ तो मेरी आँखों को पढ़ने का हुनर सीख

_ हर बात मेरे यार बताने की नहीं होती.

बहुत ख़ामोश हो कर मैं तुम्हें देखता हूँ, _

_ कहते हैं, इबादत में बोला नहीं करते ..

ऐ यार ,,,,, जो खुमारी मुझे तुममें खो जाने से चढ़ती है ना _

_ वो तुम्हें खोजने में नहीं ..

बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे, _

_ अब बात इतनी बढ़ गई, कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता..!!

अच्छा है तेरा मुझमें मिल कर महक जाने का अंदाज़,

_ मैं ताज़ा रहता हूँ और हर लम्हा खिला रहता रहता हूँ ..!!

काश की बचपन में ही तुझे मांग लेते.._

_ हर चीज मिल जाती थी दो आंसू बहाने से…

कोई सहारा दे मुझे, ऐसी मुझमें आस क्यूँ है ;

_ मेरे पास तू है तो, मुझे किसी की तलाश क्यूँ है ?

अब तक बचाया तूने मुझको आगे भी बचाना है !

_ तू ही सम्हालना क्यूंकि ज़ालिम ये ज़माना है !!

उसका एक प्यारा सा सन्देश :->

_ तू बस अपनी मौज में रहा कर __बाकी सब मैं देख लूंगा ..

अचानक ही सब घट गया, _

_ मैं झांका ही था _ _ और वो झलक गया !!!

जगह ही नहीं दिल में अब, हर किसी के लिए..

_ कब्जा तेरा, कुछ ज्यादा ही हो गया है !!

तुम सिर्फ मेरे हो, ऐसी जिद तो नहीं करूँगा ;

_मगर मैं सिर्फ तुम्हारा हूँ, ये तो हक़ से कहूँगा..!!

ज़िंदगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे ;_

_ जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया !!!

कुछ तो बात होगी तेरे खारेपन में ए समंदर _

_ वरना हर मीठी नदी समंदर से मिलने नहीं आती ..!!

” — तमाम नदियों के आँसुओ को पीकर _ ख़ुद खारा हो गया …. समंदर मेरा — “

तुम्हें पाने कि हर मुमकिन कोशिश करूँगा मैं ;

_ तुम्हें किस्मत के हवाले नहीं छोड़ सकता मैं !!

तुझे जुदा नहीं होने दूंगा कभी खुद से,

_तुम देर से मिले, नुकसान इतना ही काफी है !!

बात ये नहीं कि तेरे बिना जी नहीं सकते,

_ बात ये है कि तेरे बिना जीना नहीं चाहते..

अब खुशी दे कर आज़मा ले यार.!

_ इन दुख-कष्टों से तो मैं नहीं मरता.!!

जब जब तू मुझसे मिलता है, अपना रंग दे जाता है._

पर तू, _ पर तू बड़ी मुश्किल से मिलता है.

खुद अपने ही भीतर से उठता है वह मौसम,_

_ जो रंग भरता है सारी कायनात में.

आ देख मेरी आँखों के, ये भीगे हुए मौसम _

_ ये किसने कह दिया कि, तुम्हें भूल गये हम..

सौ बार तलाश किया हमने खुद को खुद में,

एक तेरे सिवा कुछ ना मिला मुझको मुझमें..

ढूंढा सब जहां में पाया तेरा पता नहीं,

_ जब पता तेरा लगा अब पता मेरा नहीं..!!

तेरी तारीफ़ करना मेरी मजबूरी नहीं, _

_यकीन मान तू ” काबिले – तारीफ़ है ” .!!

तुम इतने भी नादां नहीं हो की ” समझ ” न सको..!!

_ मेरी चंद लाइनों में सिर्फ तेरा ही ” जिक्र ” होता है ..!!!!

नाम तुम्हारा सदा मेरे जीने का एक सहारा,

_जब – जब मौन हुआ है जीवन ” केवल तुम्हें पुकारा “

बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं, _

_ बाकी हम सब कुछ लिखते तुम्हीं पर हैं..!

नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में….

काश कि तुमने मुझे इतने गौर से ना देखा होता…

प्यास अगर शराब की होती तो,,, ना आते तेरे महखाने में _

_ ये तो तेरी नज़रों का जाम है, कमबख्त कहीं और मिलता ही नहीं..

तेरा मैकदा भी अ़जीब है, कि अलग यहाँ के उसूल हैं. _

_ कभी बे पिए ही बहक गए, कई बार पी के सम्हल गए.

आंखें बंद करके तुम्हें महसूस करने के सिवा, _

_ मेरे पास तुमसे मिलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है..

तू तो खुशबू की तरह फैला हैं मेरे चारों ओर, _

_ मैं तुम्हें महसूस कर सकता हूँ छू सकता नहीं ..

तु ही मेरा था, है और तू ही मेरा रहेगा,

_जगत झूठा था और सदा झूठा रहेगा..!!

कमाल जो भी है मुझ मे, वो तेरा है ;

_ मग़र जो मुझ में कमी है, वो मेरी अपनी ही है !!

तू हार ना मान उसकी दिलकश ख़ामोशी को,,

” खुशनसीब हो ” – पढ़ लेता है वो तुम्हारी आंखों की भाषा को !!

सुन कर ज़माने की बातें, तू अपनी अदा मत बदल .. _

_ यकीं रख अपने खुदा पर, यूँ बार बार खुदा मत बदल .!!

जीवन को महकाते हो, _ जब भी तुम आते हो.

मस्ती भी तब ही आती है, _ जब याद तेरी ही आती है.

जितनी बार तुझ तक गया हूँ, उतनी बार खुद तक भी पहुंच गया हूँ ; _

_ तेरे ” इश्क़ ” ने मुझे मेरा पता दे दिया ..

जब- जब मैंने तुझे दूसरों की आंखों से तलाशा तो तू नहीं मिला !!!!

जब मैंने अपनी आंखों से तलाशा ” तो तू मिल गया !!

_ हम है कि ढूँढ़ते रहे, _ वो है कि बरसता ही रहा _

” खुली आंखो से देखते हो, _ कभी बंद आंखो से कोशिश कर “

लगता है तू _ मेहरबान है मुझ पर, _

_ मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी _ यूं ही तो नहीं..

मुझ में ही थी कोई कमी कि याद मुझे तू आ न सका. _

_मैंने तो तुम को भुला दिया _ पर तुम ने मुझे न भुलाया.

_ धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए..

ढूंढा तुझको सारे जग में, कहीं पार न तेरा पाया _

_ बंद आँख से भीतर देखा तो _ तू ही दिल में समाया..

मिल लेता हूँ तुमसे आँखें बंद करके,

जो दिल में बस जाते हैं, उन्हें भीड़ में क्यूं ढूंढ़ना !!

कुछ तो मेरी आँखों को पढ़ने का हुनर सीख,

हर बात मेरे यार बताने की नहीं होती.

आँखें पढ़ो और जानो, हमारी रज़ा क्या है _

_ हर बात लफ़्ज़ों से हो, तो मज़ा क्या है !!

आँख भिगोने लगी हैं अब यादें तेरी, _

_ काश हम अजनबी ही रहते तो अच्छा था !

दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है,

अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों में आ जाना.

मैं तुमसे हमेशा कहता रहा ” मैं सिर्फ तेरा हूँ ” _

_ काश कभी तुम भी कह देते कि ” तुम मेरे हो “

” उन को खुदा मिले, जिन्हें है खुदा की तलाश ;

_ मुझको तो एक झलक मेरे यार की मिले !!”

तेरे दर पर हूँ, तेरे दर पे था, तेरे दर पर रहूँगा ;

_ एक दर पर जो रहता है, वो दर- दर नहीं होता..!!

जब भी ढूँढोगे, अकेला ही पाओगे मुझे…

मैंने तुम्हारे सिवा किसी को तरज़ीह नहीं दी…!!!

निकला तो तेरी तलाश में था, _

_ तुझे ढूंढते ढूंढते ख़ुद को पा लिया ..

तुम आंखों में रहते हो कुछ इस तरह, _

_ कि तस्वीर की भी अब कोई जरूरत नहीं ..

आ देख मेरी आंखो के ये भीगे हुए मौसम,

ये किसने कह दिया कि भूल गए हम…

जरुरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखूं _

_ तेरी याद का आना भी, तेरे दीदार से कम नहीं..

मैंने तुझे देखा था, पहली नज़र में ! _

_ मुझे क्या पता था की तू… मेरे रग रग में समा जाएगा !!

किसी को क्या बताऊँ _ क्या हो तुम मेरे लिए.

तुम्हें खामोशी से चाहना __ मुझे अच्छा लगता है..

ख़ामोश हूं तो क्या हुआ _ तू भी तो कभी आवाज़ दे,,,

तू भी तो समझे _ मैं कितना बैचैन हूँ तेरे लिए..

गज़ब का रिश्ता हो गया है तेरा और मेरा, _

_ बात दोनो ही नही करते हैं, मगर याद दोनो करते हैं ..

एक तुम्हारे अकेले की कमी, _

_ बहुतों से बात करके भी पूरी नहीं होती ..

दुनिया, जहां, परिवार सबसे दिल लगा कर देख लिया _

_ परंतु जो सुकून तेरे साथ मिला,,, वह कहीं नहीं मिला ,,,!!!!

इक सिर्फ़ तुम ही तो हो ले – देकर मेरे पास,_

_ तुम्हें भी खो दूंगा तो, फिर क्या बचेगा मेरे पास ?

एक तू ही है मेरी ज़िन्दगी में, _

_ जो मेरे ना होने पर भी मुझे ढूंढ़ता है ..

ढूंढने तो चला था मैं, तुझे इस जहाँ में _

_ पर खुद को खो दूंगा, ये सोचा न था ! !

मैं खुद के लिए क्यों सोचूं, _

_ जब मेरे लिए मुझ से बढ़ कर तू सोचता है ..

अब तक बचाया है तूने, आगे भी बचाना..

मुझको संभालना तुम, ज़ालिम ये ज़माना है !!

तुमको क्या बताऊँ कितना मजबूर हूं मैं, _

_ एक तुम्हे ही चाहा और तुमसे ही दूर हूं मैं….

सोंचता हूँ मैं, आईना बन जाऊं _

_ जब तू, सामने आये __ तुझे तेरे जैसा ही नज़र आऊं …

तू वो किताब है जिसमें कहानियां बहुत हैं,

_ मैं वो कागज़ हूँ …..जो कोरा बहुत है..!!

ये आईने क्या दे सकेंगे मुझे, _ तुम्हारी शख्सियत की खबर ;_

_ कभी मेरी आँखों से आकर पूछो, कितने लाजवाब हो तुम !!

लफ़्ज़ों में नहीं बयान कर सकता की तुम, कितने खास हो मेरे लिए ;_

_ कभी वक्त निकाल कर, मेरी आंखे पढ़ लो ना..

कुछ कहना था तुमसे, थोड़ी फुरसत निकाल कर सुन लो ना ;_

_ जानता हूं वक़्त कीमती है तुम्हारा, थोड़ा सा मुझ पर खर्च कर दो ना..

हर मुलाक़ात वैसे भी अब सिर्फ़ तुम से ही तो करता हूँ, _

_ जो करूँ अगर किसी और से तो भी ज़िक्र तुम्हारा ही करता हूँ !!

अब किसी से भी बात करने को मन नहीं करता, _

_ यह दिल तेरी यादों में रहना चाहता है ..!!

कभी टूटा ही नहीं तुमसे, तुम्हारी यादों का रिश्ता ;

_ बात हो या ना हो, खयाल तुम्हारा ही रहता है..

रूह से जुड़े रिश्तों पर फरिश्तों के पहरे होते हैं, _

_ कोशिशें कर लो तोड़ने की _ ये और भी गहरे होते हैं !!

तुम्हारी यादों का आना ही कमाल होता है,

_ कभी देखना आकर कि मेरा क्या हाल होता है.

मुझे खुद पता नहीं है _ मुझे तुझसे प्यार क्यू है..

_मुझे तू दगा न देगा _ये एतबार क्यू है … !!

” कैसे समझाऊँ ये बात किसी को, _

_ तेरी तलाश को ये आवारगी समझते हैं “

एक सखा कहीं गुम गया है..

_ कहीं मिले तो साथ ले आना उसे ..!!

ख़त्म हो जायेंगी _ मेरी सारी उदासियां,

बस इक तेरे _ हंसने की देर है.

तेरे खयाल में जब, बेख़याल होता हूँ,_

_ जरा सी देर सही, लाजवाब होता हूँ ..

किसी ने मुफ़्त में वो पाया, _

_ जो हर क़ीमत पे मुझको चाहिए था..

नहीं होते हो, तब भी होते हो तुम ;

_ हर वक़्त जाने क्यूँ महसूस होते हो तुम .!!

क्या कहूँ तेरे बारे में, क्या क्या कमाल कर गया !

_ ऐसे हुआ मुझमें शामिल, मुझको ही बेमिशाल कर गया !!

ना हरम [महल] में, ना सुकूँ मिलता है बुत-ख़ाने में..

_ चैन मिलता है तो साक़ी तेरे मैख़ाने मे..

मैंने तुमको उतना देखा जितना देखा जा सकता था…

_ लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था..

तू मुझे कुछ और नहीं, पल भर के लिए हवा ही बना दे ;

_ यार तुझे सिर्फ़ छू कर ही लौट आऊँगा !!

बिछड़ने में कितना मज़ा आ रहा है, _

_ न मैं जा रहा हूँ, न वो जा रहा है !!!

सबसे कहता हूं कि तेरा इंतज़ार नहीं..!!

पर हर पल सोचता हूं कि _ तू अब तक आया क्यों नहीं..!!

तुम मुझे जहाँ भी ठहराओगे, मैं वहीं रहूँगा..!

_मैं तुम्हारा हूँ, तुम्हारे अलावा कहाँ जाऊँगा..!!

तू आया और रोशन हो गयी महफ़िल तेरे नाम से._

_ पर तू कितना बेपरवाह है, मेरे ही सलाम से..

अपनी मस्ती भूल गया हूँ, आकर तू याद करा दे._

_ मुझे अपने रंग में, वापस तू ही ला दे.

दुनिया तेरे वजूद को कर रही तलाश,

हमने तेरी याद को ही दुनिया बना लिया.

सिर्फ मोहब्बत की होती तो भुला देते तुम्हें ..!!

ये पागल दिल तो इबादत कर बैठा..!!!!

उसको लुभाने के लिए कुछ मत करो,_

_ तुम खुशबू बनो _ उस की नाक तुमको सूंघ लेगी..

संसार के मार्ग पर सुख भी दुख है,

और तेरे मार्ग पर दुख भी सुख हो जाता है..

मैं पा सका ना कभी इस खलिश से छुटकारा..!

_ मैं जीत सकता था ना जाने क्यूं हारा..!!

तुम्हारे सिवा कुछ अच्छा नहीं लगता है मुझे..

फिर चाहे तुम दूर हो या क़रीब मेरे…

मैं बातूनी सिर्फ तेरे सामने ही हूँ ..

_ वर्ना मुझे खामोशी अच्छी लगती हैं.!

बहुत खूबसूरत है,, _ तेरे अहसास की खुश्बू..

_ जीतना सोचता हूँ …_ उतना महक जाता हूँ ..!!

‘तुम खूबसूरत हो’ इसलिए मैं तुम्हें नहीं लिखता..

_ मैं तुम्हें लिखता हूं “इसलिए तुम खूबसूरत हो”

ज़िन्दगी तेरे होने से ही आबाद लगती है, _

_ जो तुम ना हो पास मेरे, तो बर्बाद लगती है ..

आज़मा ले मुझको थोड़ा और ऐ यार..!!

_ तेरा बंदा बस बिखरा है अभी तक टूटा नही…

जीने के बहाने हज़ार हो सकते हैं, _

_ पर जब से वास्ता तुझ से हुआ है, मैं तेरा हो कर रह गया हुँ !!

बहुत कुछ मिला ज़िंदगी में मगर एक तेरे मिलने से,

_ मुझे लगा अब किसी और की ज़रूरत नहीं है……!!
तू एक कदम भी जो मेरी तरफ बढ़ा देता,

_ मैं मंजिलें तेरी दहलीज से मिला देता..

तुम न होते तो फिर कौन होता,__

_ तुम हो…तब भी कौन है…?

“ तुम समझे ही नहीं “,__

_ मुझे तुमसे कुछ भी नहीं चाहिए था….” तुम्हारे सिवा॥”

तेरी खुशबू कहीं ओर मिलती ही नहीं,

फ़ूल सारे खरीद कर ,,,,,देखे हैं हमने..

वो तो ख़ुशबू है हवाओ में बिखर जाएगा,

मसला फूल का है फूल किधर जाएगा !!

फूल जब उसने छू लिया होगा ; _

_ होश तो खुशबू के भी उड़ गए होंगे !!

यूँ ही बदनाम हैं ये कांटें जनाब, _

_ असली चुभन तो गुलाब देते हैं ..

कांटे तो नसीब में आने ही थे ..! _

_ फूल जो हमने गुलाब चुना था…!

मुझे पसंद है बेहतरीन ये #एकांत

बस जिसमें तू और मैं भावो में बहते रहें नितांत..

“ दिल के आईने में है तस्वीर तेरी यार, _

_ जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली ”

भीतर असली जिंदगी, बाहर है वर्ताव !

थोड़ा अंदर से जियो, देखो अलग प्रभाव !!

पल-पल, अब का, मैं मस्ती में पीता हूँ.

इसीलिए तो, हो, बे-परवाह, मैं, मस्ती में जीता हूँ.

पिलायी है किस नज़र से तूने, _

_ कि मुझको अपनी खबर नहीं है ..

कैसी अजीब शर्त है दीदार के लिए,

आँखें जो बंद हों तो वो जल्वा दिखाई दे.

वक़्त मिला उसे तो मुझे भी याद कर ही लेगा वो,_

_ क्यूंकि मैं भी बड़ा ख़ास हूँ उसके लिए..

किरदार मेरा थोड़ा पागल ही रहने देना ..

सुना है पागलो से दुनिया कम उलझती है.

मैं चाहता हूँ हर दफ़ा तुम ही जीतो, _

_ बस’ इसलिए तुमसे कई दफ़ा हार जाता हूँ ..!!

तुम्हारे बाद मैंने कोई ख्वाब नहीं देखा, _

_ मेरी हर ख्वाहिश पर पूर्णविराम हो तुम..!!

सभी हारा समझ रहे हैं मुझे,

सबको कैसे समझाऊं की – मंजिल के कितना पास हूं मैं,,,

अगर मुझसे दूर जाने की जिद्द तुम्हारी है, _

_ तो हर इबादत में तुम्हे पाने की दुआ हमारी है ..

रूबरू मिलने का मौका नहीं मिलता,

_ इसलिए शब्दों से तुझे छूने की कोशिश करता हूँ..!!

अब किस कदर चाहूं तुम्हे⇝ तुम ही बता दो* _

_ तुम्हारे ख्याल से _ बेख्याल होना भी तो नही आता*

ख्याल में भी नहीं आता हमें ख्याल किसी और का, _

_ सिर्फ तेरे ही ख्याल में इतने बेख्याल रहते हैं हम !!

तुम से आगे .,हम सोचते भी क्या…!!

तुम से आगे _ कोई ख़्याल ही नही जाता…!!

जिंदगी की तलाश में निकला हूं, _

_ अगर तुम मिल जाते तो यह सफ़र मुक्कमल हो जाता..

न जाने कितने लोग ख़फ़ा हैं मुझसे, _

_ इक तुम से दोस्ती के लिए, सैकड़ों दुश्मन बनाएं हैं मैंने ..

तुम्हारा नाम लेने से, मुझे सब जान जाते हैं ;_

मैं वो खोई हुई एक चीज़ हूँ, जिसका पता तुम हो …

बस तुम्हारा नाम ही नहीं लिखता हूँ,

_बाकि मैं सब-कुछ तुम पर ही लिखता हूँ..!!

जो तू है सो मैं हूं जो मैं हूं सो तू है लेकिन _

_ तुझ में और मुझ में मगर फ़ासला यूँ कितना है..

तूने मुझे चाहा है हजार नुक्स ओ ऐब के बाद, _

_  तुझे तराशने की ज़िद में कहीं खो न बैठूं तुम्हें ..

अब तराशो तुम मुझे अपने तरीके से,__

_ मेरे तौर- तरीकों ने तो मुझे चूर- चूर ही किया है.

ऐ रफुगर, रफू कर जरा आराम से,__

_ ज़ख्म तेरी मेरी सोच से कहीं गहरे हैं.

मैंने देखा है वही ठीक रहा करते हैं ;

_लोग जो भी तेरे नजदीक रहा करते हैं.

दूर तो बहुत है वो मुझसे,

_ लेकिन उससे नज़दीक मेरा कोई नहीं है..!!

तू वाक़िफ नहीं मेरी दीवानगी से,

जिद्द पर आऊं तो खुदा को भी ढूंढ लूँ.

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का,

जो कहता है ख़ुदा है तो नजर आना जरुरी है..

तेरी बन्दगी से ही मिली है, मेरे वज़ूद क़ो शोहरत,

तेरी रहमतों से पहले, मेरा जिक्र ही कहाँ था..

लगता तो बेख़बर सा हूँ लेकिन खबर में हूँ,

अगर तेरी नज़र में हूँ तो सबकी नज़र में हूँ…

“जमाना” जब भी मुझे मुश्किलों में डाल देता है,

मेरा रब हजारों रास्ते निकाल देता है.

इंतजार हमेशा करूंगा लेकिन आवाज नहीं दूंगा !

_ लिखूंगा तेरे लिए पर तेरा नाम नहीं लूंगा..!!
ऐ यार … बस तुम कोई उम्मीद दिला दो मुलाकात की, _

_ फिर इन्तजार तो हम सारी उम्र कर लेंगे.

मै नहीं ढूंढ़ता कि खूबसूरत कौन है. मैं तो उसे देखता हूँ, _

_ जिसके होने से _ मेरी दुनिया सुंदर है !

मेरा तो क्या है मैं तो तेरी यादों के सहारे भी जी लूंगा,_

_ हैरान तो आँखें हैं जो तड़पती है तेरे दीदार को !!

तुम्हारी यादों के सहारे,,,, हर मुश्किल से मुश्किल

तकलीफों को बड़ी आसानी से झेल लेता हूँ मैं..__!!!

याद तेरी मुझ पर कुछ यूँ असर करती है, _

_ मेरे हर वक़्त को ये अच्छा रखती है ..

कैसे छुपाऊं तेरे प्यार को इस दुनिया से, _

_ मेरे हर अल्फ़ाज़ में तुम महकते हो ..

तुम आराम से हो, पत्थर के जो हो, _

_ मुसीबत तो हमारे लिए है, एहसास वाले जो हैं ..

मुद्दतें लगी तेरे लायक बनने में मुझे,

_बन कर तैयार हुआ तो तू बदल चुका था !!

आदत है मुझे हर रोज़ _ तेरी यादों में खोने की,

_ फुर्सत ही नहीं मिलती है मुझे _ तुझसे आ कर मिलने की !!

तेरे ना होने पर इतनी कमी सी रहती है,

_ कितना भी मुस्कुराऊँ आँखों में नमी सी रहती है..!!

अक्सर पूछते हैं लोग तुझसे बिछड़ने की वजह,_

_ मैं खुद में कमी बताकर तेरी इज्ज़त बढ़ा देता हूं !!

कई बार टूटा हूं, मैं कई बार बिखरा हूं।

मैं जब भी बिखरा हूं, मैं और निखरा हूं॥

बहका तो बहुत बहका, संभला तो वली ठहरा ;

इस ख़ाक के पुतले का हर रंग निराला है..

ये तो पता है उसका मकान इस गली में है,

पर कौन सा है उसका घर ये तलाश जारी है..

पता नहीं कैसे परखता है तू मुझे,_

_ इम्तिहान भी कठिन लेता है और फेल भी नहीं होने देता !!

हम भी खामोश रह कर _ तेरा सबर आजमायेंगे,

देखते हैं अब तुझे हम _ कब याद आयेंगे..

तुम ना मिलो तो किसी और का हो जाऊं, _

_ इतना कमजोर भी नहीं है इश्क़ मेरा ..

इश्क की गहराइयों से खूबसूरत क्या है..

मैं हूं ____तुम हो__फिर__कुछ और की जरुरत क्या है..

काश तुम मुझसे पुछो क्या चाहिए..

_ मैं पकड़ूँ हाथ तेरा और कहूं तेरा साथ चाहिए…

फीकी है हर चुनरी….फीका हर बंधेज,_

_ जो रंगता है रुह को….वो असली रंगरेज..

ग़ज़ब ये है कि मैं खूबसूरत नहीं हूँ …

_ कमाल ये है कि फिर भी तू …मुझ पर मरता है ..

तेरी यारी में कुछ यू बंधा हूं मैं _

_ कि तेरा साथ भी नहीं हो तो भी अकेला नहीं हूं मैं !!

मेरा इश्क _ मेरे खुदा _ आप ही हो…

आप को पाने की ख्वाहिश नहीं _ आप का होना ही काफी है..

मैं तुझसे कैसे कहूँ यार -ए- मेहरबां मेरे, _

_ कि तू ही इलाज़ है मेरी हर उदासी का.!!

दुनिया की भीड़ में जब कभी स्वयं को अकेला पाता हूँ,

संभाल लेता हूँ खुद को _तुम्हरी यादों के सहारे !!

बात यह है कि कोई और मिलता नहीं,

_बात यह है की मुझे कोई और चाहिए नहीं !!

“मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे..

_ तू देख कि क्या रंग है मेरा, तेरे आगे”

हमने लाख छुपाया दुनिया से, _

_ पर महफ़िल में तेरा मुड़ मुड़ कर देखना बदनाम कर गया ..

तू तो आया था इश्क़ का पूरा आसमान लिए यार, _

_ मैं ही पंख फैला कर उड़ने की हिम्मत न कर पाया .!!

हो इश्क़ का रंग सफ़ेद यार _ ना छल, ना कपट, ना भेद यार !
अक़्लवालों के मुक़द्दर में ये जुनूँन कहाँ,

ये इश्क़ वाले हैं _ जो हर चीज़ लुटा देते..

कभी तो सोच कि वो शख़्स किस कदर था बुलंद, _

_ जो बिछ गया तेरे क़दमों में, आसमाँ की तरह

कुछ यूँ बन जा अब तू ख़ुदा -ओ- मुर्शद मेरा,,

मैं तेरी इबादत में किसी मलंग सा हो जाऊँ..

रंगत में डूब जाऊं तेरी संगत में डूब जाऊं._

_ बन के रगों में नगमा तेरी चाहत में झूम जाऊं.

नज़र से नज़र मिला कर तुम नज़र लगा गए..

_ ये कैसी नज़र लगी कि मैं, हर नज़र में आ गया.!!

जब बेफ़िक्र था तुझसे…..तब फ़िक़रें लगी हुई थीं,

जबसे फ़िक्र है तेरा…..बेफ़िक्र हो गया हूँ…

आरजू तो बहुत है, तेरा सजदा करने की, _

_ पर मस्ती के सिवा, कोई अंदाजे बयां नज़र नहीं आता ..!!

तुम्हे खोजते-खोजते लापता हो गया हूँ खुद में ही…

कहीं मिल जाऊँ तो मुझे जरूर बता देना..!!

मुझे चाहिए शायद तेरी एक आवाज़, जो समझे मेरी खामोशी,

_ एक हाथ, जो थाम ले मुझे तब, जब मेरे पांव डगमगाएं.!!

जिद थी या दीवानगी मेरी नहीं पता,

_ पर मैं दुनिया में बस तुझे ही तलाशता रहा..!!

कोई जरूरी नहीं कि हमें ढूंढे कोई !

_कभी हम भी किसी को ढूंढें कहीं..!!

खुबसूरत रिश्ता है मेरा और तेरा,

ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम तू देता नही….

तुम दूर जाने में भले माहिर हो, _

_ मगर हम भी याद आने की काबलियत रखते हैं..

अगर तू दे तो कोई छीन नहीं सकता, _

_ अगर तू छीन ले तो कोई दे नहीं सकता…

गर तेरी….बंदगी नहीं होती !

ज़िन्दगी….ज़िन्दगी नहीं होती !!

ढूँढने चला था सबसे बेहतर यार.

तलाश तुम से शुरू हो कर तुम पर ही रुक गई.

भूलना चाहूँ तो भी तुम्हें नहीं भूल सकता यार.

मेरे मन की गहराई में तेरी तस्वीर जो बस गई.

जब मैं हर पल तेरी देख- रेख और निगरानी में हूँ,

__ तो इससे बड़ी और कड़ी सुरछा क्या हो सकती है.

_” जिसके साथ तू है _ वो असुरक्षित नही, जिसके साथ तू नही _ वो सुरक्षित नही !! “

तुझको पाने का कहाँ सोचा था..तू अच्छा लगा सो तेरा हो गया ..

तू क्या गया सब सूना हो गया, तेरे जाते ही मैं अकेला हो गया..!!

बड़ी गहराई से चाहा है तुझे, बड़ी दुआओं से पाया है तुझे !

तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे, बहोत ही मुश्किल से पाया है तुझे !!

तू साथ है तो _ कागज की कश्ती भी तैर जाएगी,

तू नही तो ये कहानी _ ताश के पत्तो सी बिखर जाएगी.

न बोलना, न देखना, न मिलना.. बस महसूस करना.!

_ इससे बड़ी हद क्या होगी ‘हमारे प्यार की’..!!

जाने किस राह से आ जाए वो आने वाला, _

_मैंने हर ओर की दीवार गिरा रखी है !!!

मेरे टूटने की वजह मेरे जौहरी से पूछ,

उसकी जिद थी मुझे और तराशा जाए.

लोग खुले दरवाजों पर भी दस्तक नहीं देते,_

_ और मैं बंद दरवाजों पर भी अर्जी छोड़ आता हूँ..

कुछ दरवाज़े कभी बंद नहीं हुआ करते _

_ बस हम ही खटखटाना छोड़ देते हैं..

बड़ी मुश्किल है, उसकी मर्जी का हो जाना,

_ जिसकी मर्जी के बिना, एक पत्ता तक नहीं हिलता..!!

मेरी मर्जी ने बगावत क्या की ?

बस, एक तू ही मिला ! बाकी सब रूठ गए !

ढूंढने तो चला था मैं तुझे इस जहाँ में, _

_ पर खुद को खो दूंगा ये सोचा न था !!

मैं तुमसे नहीं मांगूंगा एक और जनम,

_ मेरे हिस्से में मुझे और भुगतान नहीं चाहिए..!

” मेरी यात्रा लायी मुझे, _ वो शहर जहाँ उठते ही _

_ पहाड़ नजर आये _ जहां उठते ही _ तुम याद आए…”

ज़िस्म में और ज़िस्म से बाहर समाया मैं ही हूँ,

सारी कुदरत सामने जो कुछ नुमाया मैं ही हूँ.

अश्क़ बह गए आँखों से _ मगर इतना कह गए,

फिर आएंगे तेरी आँखों में _ तू अपना सा लगता है.

ये और बात है कि तेरे उड़ जाने का ग़म है,

लेकिन मै चाहता था कि तू आज़ाद रहे..

तुम से बिछड कर भी तुम्हे भूलना आसान न था,

तुम्ही को याद किया, तुमको भूलने के लिए !

ऐ काश तू भी सुनता कभी आहटों की गूँज,

तू भी मेरी तरह कभी ढूंढता मुझे…

दिल से पर्दा जो उठा, हो गयी रोशन आंखे

दिल में वह पर्दानशी था मुझे मालूम न था !!!!

सब पूछते हैं मुझसे, मेरी मुस्कराहट का राज़ _

_ पर फितरत नहीं है मेरी कि, तेरा नाम लेकर तुझे बदनाम कर दूं ..

मेरे चेहरे पर _जो मुस्कान _तुम्हारे ख़्याल से आती है,

_ मेरे ख़्याल से _ वैसी मुस्कान, अपने चेहरे पर _ पहले कभी _ किसी ख़्याल से नहीं देखी..!!

अब तो तेरी मंजिल पे आ पहुंचे हैं तेरी चाहत में,

अब खुद को तुझमें और तुमको पाते हैं मुझमें.

तुम्हारे सिवाय मुझे इस जिंदगी में और कुछ नहीं चाहिए ;

_ थोड़े भी तुम और ज्यादा भी तुम, _आज भी तुम और कल भी तुम ..

रूठी जो जिंदगी तो मना लूंगा मैं, मिले जो ग़म वो सह लूंगा मैं ;_

_ बस यार तू रहना हमेशा साथ मेरे, तो निकलते आंसुओ में भी मुसकुरा लूंगा मैं ..

तुझे #याद ना करें तो, #बैचेन सा हो जातें हैं….!

पता नही ये #ज़िन्दगी सांसों से चलती है, या तेरी #यादों से चलती हैं…..!!

बेचैन सा हो जाता हूं, _ तुझे अपने करीब न पाकर ; _

_ क्या बोलूं _ मुझे _ आदत हो गई है तेरी..

आखिर क्यों तुम _ मेरे दिल के इतने पास हो,

कोई तो वजह जरूर है _ जो तुम इतने खास हो..

किवाड़ दिल के नहीं खुलते …. हर किसी के लिए..

_ खुले हैं तुम पे तो…. इस घर की आबरू रखना….

कुछ तो है जो मुझे तुझसे जोड़े रखता है,

कुछ तो है जो मेरा ध्यान सिर्फ तेरी और मोड़े रखता है !

” तुमने कहा था, आँख भर कर देख लिया करो “

_ अब आँख तो भर आती है, मगर तुम नजर नहीं आते !!

हम जिसकी खोज कर रहे हैं, वह कुछ नहीं है _

_ हमारे अंदर का खाली आकाश है..

हममें ये फ़ासला ज़रूरी है, क्योंकि तू भी समझ सके _

_ रिश्तों को निभाने के लिए, दूर रहना कितना ज़रूरी है..!!

रहने दे उधार इक मुलाकत यूँ ही..!!

सुना है..उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते…!!

एक दफ़ा हार भी जाओ मुझसे,

_मेरी जीत तुम्हारी जीत से ज्यादा ज़रूरी है.!!

मत खोलना, मेरे दर्द से लिपटी किताब को..!!

_ लफ्ज़ “जी उठे” तो, खौफ से मर जाऊंगा ..!!

तुम्हें संवरने की जरुरत क्या है यार, _

_ होश उड़ाने के लिए तेरी नज़रें बहुत हैं यार !!

सारा खेल तो निगाहों का है यार, _

_ तुमने झुकाई नहीं,,,,, मैंने हटाई नहीं !!!

तेरे साथ की दूरी, जो इतनी खूबसूरत है ;_

_ तेरे साथ की कुरबत क्या होगी ..

तुम उस की एक लौ जला कर तो देखो, _

_ कैसे तुम्हारा जीवन जगमगा उठेगा..

सफ़र-ए- ज़िन्दगी में एक तेरे साथ की खातिर _

_ उन मंज़िलों को भी छोड़ दिया, जो मेरे मुकद्दर में थीं !!

ख्वाहिश का क्या है, वो तो हर रोज़ दम भरती है,

_ तुम आ क्यों नहीं जाते, मेरी इक ख्वाहिश ही मुकम्मल कर दो..!!

तेरी जरुरत,, तेरा इंतज़ार,, और ये कश्मकश,_

_थक कर मुस्कुरा देते हैं,, जब हम रो नहीं पाते !!

कुछ यूँ उतर गए हो, मेरी रग – रग मेँ तुम _

_ कि खुद से पहले, एहसास तुम्हारा होता है !!!

समन्दर हूं मै, __ तो किनारा है हो तुम,,_

_ जो बिखर जाऊ मै ,_, तो सहारा हो तुम,,

माना कि तेरे दीदार की हैसियत नहीं अपनी, _

_ फिर भी तेरे इंतज़ार का शौक पाल रखा है ..

मिलने को दुनिया में मुझे क्या – क्या नहीं मिला.. _

_ पर तू जैसा है _ वैसा कोई ना मिला…

कहीं न कहीं तूने ही मुझे संभाला है, _

_ वरना इस कठिन जीवन में संघर्ष आसान नहीं है !!

हम बहुत से अरमान जिंदगी जीने के लिए चाहते हैं,, _

_ तूने मुझे वंचित कर के बचा लिया.

जरूरी है मेरा कुछ वक्त के लिए तुझे खो देना भी,

जो चीज हमेशा पास रहती है हमें उसकी कद्र कहां होती है…!

यात्राएं बड़ी थीं, सफर लंबा था !

_ फिर जहां पर छांव मिली, वहीं ठिठक कर बैठ गए .!!

आते हैं आने दो तूफ़ान क्या ले जायेंगे,

_ मैं तो जब डरता ..गर तू मेरे साथ न होता..!!

घुटन सी होती है इस दुनिया में,

_ क्यों सब कुछ सिर्फ़ तुम्हारे साथ ही अच्छा लगता है..!!

तुझे पाने का असर कुछ ऐसा हुआ मुझ पर..

_ तुझे ढूँढते-ढूँढते मैंने खुद को पा लिया.!!

ऐ यार, मैंने तुमको नहीं देखा, फिर यह कैसा रिश्ता है,

_ दर्द कैसा ही क्यों ना हो याद हमेशा तेरी ही आती है.!!

मैंने देखा है अपने दिल को, ये तुमसे प्रेम करते वक्त और भी बचकाना हो जाता है..!!
काश ! तेरी मेरी बातों का सिलसिला हर रोज़ होता, तू मेरा होता और मैं तेरा होता !!
कुरबान हो जाऊँ तुझ पर,_तू दरवाजा भी वहां से खोलता है,_जहाँ से उम्मीद भी ना हो !!
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,,,_ हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली..
मैं राजी हूँ हँस कर सारी दुनिया भुलाने को, _ आजा देख _ तुझे बैठा हूँ अपनाने को !!
कितना खूबसूरत है उसका मेरा रिश्ता, न उसने कभी बांधा न मैंने कभी छोड़ा..!!
अब क्या ही नया सुनाएँ तुम्हें हम, __ तुम्हें देख कर सब भूलने की आदत है मुझे !!
बेहद करीब है तू मेरे, _ खामोशियों का सहारा ले कर दूरियों को अंजाम न दे ..!!

” तुम मुझे ढलती शाम में क्यों मिलें, _ अच्छा होता तपती दोपहरी में मिलते ..”

मैं ढूंढ़ता रहा हर कहीं तुम्हें, _ अगर पूछता मैं तेरे बारे में किसी से !! तो क्या पूछता ..??
जब मै हूँ तेरा ही शाशवत आकार, _ तो फिर ज़िन्दगी के हादसों से कैसी तकरार.

पिलाई है किस नज़र से तूने कि _ मुझको अपनी ख़बर नहीं है..!!

अब जब तू ही मुझे संभाल रहा है तो किसी के बुरा चाहने से क्या फ़र्क पड़ता है..!!
सिर्फ तुम्हारे साथ होने से साधारण चीजें असाधारण में बदल जाती हैं..!!
तेरे बुलाने का अंदाज़ इतना प्यारा है कि.. तेरे पास आए बगैर दिल नहीं मानता !!
तू मेरा है किसी को क्या बताऊँ, पर अपना कहने में चुप्पी क्यूँ !!
“ तुम गए क्या शहर सूना कर गए “,_ दर्द का आकार दूना कर गए..!
बस इबादत में कमी है जनाब, _ वरना खुदा तो हर जगह मौजूद है !!
“मुझे किसी ऐसी डोर से बांधना, _जिसकी पकड़ तुम्हारे हाथ हो.”
हम वक़्त रोक लेंगे तुम्हारे लिए, _ तुम बेवक्त मिलना तो शुरू करो.
तुम पूछते हो याद रखोगे ना _ मैं कमबख्त सोचता हूँ भूल पाऊंगा क्या.?
तेरे ज़िक्र भर से होती है मुलाक़ात जैसे…,, _ _तेरे नाम से भी इस क़दर इश्क़ है मुझे….
मुश्किल चाहे जितनी बड़ी हो _ अगर तुम साथ हो तो जीत मेरी ही होगी..!!
अचानक ही सब घट गया _ मैं झांका ही था और तू झलक गया !!
कभी आया तो नही तेरे पास, _ पर तेरी याद मुझे महका जाती है..!!

अब नज़ारों में क्या रखा है, _ तेरा चेहरा काफी है.
कैसे रहूं तुझे याद किए बिना _ बात बात पे तेरी बात याद आती है !

मेरी खुद्दारी इजाजत नहीं देती, _ कैसे कहूँ कि मुझे तेरी जरूरत है.!!

तुझे भूलने में दिक्कत ये भी है कि _ बदले में किस को याद करूँ !!!

अब तो सिर्फ तुमसे ही बात होती है _ और किसी से बात करने का मन होता ही नहीं .!!

लाज़मी है तुम्हारा खुद पर गुरुर करना _ हम जिसे चाहें _वो मामूली हो भी नहीं सकता.

तू बेखबर सा रहता है, खबर भी रखता है _ बात भी नहीं करता और प्यार भी करता है..

जो ” जानता ” है वो जानता है कि बताने की कोई जरुरत नहीं, _ जानना काफ़ी है !!!

तेरी शिकायत करूँ भी तो किस से करूँ, _ हर किसी को तुझे मैंने ” अच्छा बताया है.”

तुझसे अच्छी तो तेरी यादें हैं, _ कम से कम मेरे करीब आ एक मुस्कान तो दे जाती हैं.!

अपने अपने हौसले अपनी तलब की बात है _ चुन लिया तुम्हें सारा जहां रहने दिया !!

तेरी खोज ने किसी मंज़िल पे ठहरने न दिया, _ मैं भटकता रहा आवारा ख़यालों की तरह !!

बस तेरी दुआओं से ही ज़िंदा हूँ, वर्ना चारों ओर शिकारी हैं और मैं एक परिंदा हूँ.!!
बड़ा खुशनुमा सा है ये अहसास तेरा _ तू साथ है मेरे ये कोई ख्वाब तो ना है मेरा ..!
तूने मुझे लाखों में चुना है तो सुन, _ अब मुझे लाखों की भीड़ में खोने नहीं देना !!
तुम तो पानी जैसे हो ..!!! _ थोड़ी थोड़ी देर बाद प्यास लगती है तुम्हारी ..!!!
नशे की आदत तूने लगाई है, _ वरना कभी मैं भी होश में जिया करता था !!
बारिश की तरह तू बरसता है मुझ पर, _ मिट्टी की तरह मैं भी महकता चला जाऊं..
बस ये दिक्कत है भूलने में तुझे, _तुझे नहीं तो फिर किसे याद करूँ..!!
अगर सब खोकर ख़ुद को पा लिया है तो.. यह भी मेरी जीत ही है.!
लोग समंदर की बात करते हैं _ मैं तो तुझ में ही डूब जाता हूँ !!
जो बाहर की सुनता है, बिखर जाता है.. _ जो भीतर की सुनता है, निखर जाता है..
नसीब क्या होता है ये तो मुझे मालूम नहीं _ पर तू मेरी सुनता है ये खबर पक्की है.
तेरी निगाह ने कुछ ऐसा दिखा दिया, _ यूँ ही नही दांव पे सब अपना लगा दिया..
न जाने किसकी #_ दुआ काम आई ..!! _ आखिर तू #_ मिल ही गया मुझे..!!
एक इश्क़ का दर्द ना हो तो, ज़िन्दगी कुछ नहीं, _ रोग भी लाजवाब, दवा कुछ भी नहीं..
जब से तुम से इश्क़ हुआ है, _ तब से बोलता कम हूँ और मुस्कुराता ज्यादा हूँ..!!
जब से लगाया है तेरे इश्क़ का चश्मा, _ ये दुनियां बेहतर नज़र आने लगी है..!!
मेरी पसंद हमेशा लाज़वाब होती है _ यकीन न हो तो _ अपनी तरफ देख लो !
दुनिया में जीने के दो तरीके हैं _ एक तुझे नहीं आता, दूसरा मुझे नहीं आता..!!
एक अजीब सी बैचेनी है तेरे बिन, _ रह भी लेते हैं, और रहा भी नहीं जाता ..!!
तुम ही हो वजह मेरे खालीपन की, _ और तुम ही गूंजते हो मुझमें हरदम..!!
जब भी अकेला होता हूँ तो ..यह विश्वास कि ..तू मेरे साथ खड़ा है, काफी होता है..
मैं तुझसे कैसे कहूं कि ‘मैं उदास हूँ’, इतना ही कहता हूँ कि ‘मिलते रहा करो’
वक़्त का इंतज़ार कर रहा हूँ, कभी तो तुमसे मुलाक़ात होगी !!
तुम्हारे साथ का सफर, _ तुम जीवन भर के लिए यादगार बन गए..!!
शायद तू बेहतर की तलाश में है, _ और मैं तो अच्छा भी नही…!!
जब भी तुझे याद करता हुँ _ कुछ अलग रंग में रंग जाती है ..ये दुनियाँ !!
सिर्फ तुम _ और सिर्फ तुम ही हो _जिसे मैंने पलकों पर बिठा कर रखा है !!
शायद तुम्हे खबर नहीं _ तुम्हारी याद मेँ _ मैं कितनी बार रोया..
जो जी भर देख ले वो दीवाना हो जाए, _ तेरे होने से हर मंजर सुहाना हो जाए..
कौन चला गया ये ज़रूरी नहीं मेरे लिए ,,,_ तुम साथ रहना ये ज़रूरी है..!
जब बहने में ही मज़ा आने लगे, – तो भला तैरने की फिक्र कौन करता है !
एक तू जिसको के देखा न था, _ तुमको सोचेंगे इतना _ ये सोचा न था.
जो कीमती है वो मुझे बहुत पसंद है _ इसका सबसे बड़ा सबूत तुम हो..!
मैंने वहाँ भी सिर्फ ” तुझे ” ही माँगा,, _ जहाँ लोग अपनी ” खुशियाँ ” माँगते हैं,,!!
मैं पा तो लूँ जहाँ भर की खुशियाँ.. _ लेकिन उनसे तुम्हारी कमी कहाँ पूरी होती है..
तूने दीवाना बनाया तो मैं दीवाना बना, _ मुझे होश की दुनिया का तमाशा न बना.
साकी तेरी निगाह की मस्ती में डूब कर मैं होश में न आऊं _ ” अगर मेरा बस चले..”
फासले तो है उससे पर इतने भी नहीं, _ कि मैं ख्वाब में बुलाऊं और वो ना आए..!!
आंख भिगोने लगी है अब यादें तेरी _ काश अब तो आ जाते तो _ अच्छा था ..!
तुमसे नजदीकियां इस हद तक हैं…के मिलन का कोई सवाल ही पैदा नही होता.
तुम मिल गए हो, अब तो सोचना ही नहीं कि कोई और भी ज़रूरत है ज़िंदगी में. !
जो “जानता” है वो जानता है कि बताने की कोई जरुरत नहीं _ जानना काफ़ी है.
मुझे तो इंतजार करने से मतलब है _ बाकी तुम्हारी मर्ज़ी _ मिलो या ना मिलो..
जो खुद से बिछड़ जाते हैं , _ फिर वो दुनिया से नहीं मिलते…
चाहे कितना भी वक़्त ले लो, _ ,,,,,,”पर आना जरूर” सब्र बहुत है मुझमें…!!!
उम्र भर इंतज़ार कर सकता हूं तेरा, _बस एक बार कह दे कि तू आयेगा….!!
उठी ही नहीं निगाहें किसी और पर, _ तेरा दीदार हमें इतना, पाबंद कर गया..!!
ऐ यार ! कैसे कहूं मेरा खयाल नहीं तुझे,, मुझसे ज्यादा तो _ तूँ जानता है मुझे..
तुझ से दोस्ती हुई तो पता चला कि _ तुझसे बेहतर मुझे कोई नहीं जानता ..!!
उसके छूने से ही जानोगे तुम उसे _,, तुम्हारे छूने से वो छुआ नहीं जा सकेगा….
कुछ इसलिए भी हम मरते हैं तुम पर, _ के जीने का खूबसूरत बहाना हो तुम !!
तेरा साथ जो मिला मुझको, _ तब कहीं जा के ज़िन्दगी ” ज़िन्दगी ” हुई …!!
” तू बेशक सबसे बात कर ” ,लेकिन मैं भी ख़ास हूँ, _ इसका भी ध्यान रख..
मैं उसमें रहता हूं, वो मुझमें रहता है _ फिक्र नही जमाना अब क्या कहता है..
फिर ना आया खयाल जन्नत का …. जब से तेरे दर का रास्ता देखा है ….!!!
नहीं कुछ भी रहता है अब ध्यान मुझको _ ये बेफ़िक्री मेरी बनी ज़िन्दगी है.!
जब से ज़िन्दगी में, तेरी कमी सी है, _ इन आंखों में _ हर पल, नमी सी है..
कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती, _ रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती..
और क्या चीज कुर्बां करूँ आप पर ? दिल जिगर आपका, जिंदगी आपकी..
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से.
पलकों पर रुका है समंदर खुमार का _कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का.
तू देख मेरी चाहत को _ अब तो तेरा जिक्र _ मेरी मन्नतों में होने लगा है .!!
मैं कहां अपनी मनमानी करता हूँ, तेरी मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं करता हूँ..
मेरी बंदगी में ही कुछ कमी है,,,_ वरना तेरा दर तो रहमतों का खजाना है…
करने दे आज मुझे मस्ती में रक्स _ ख़्वाब में यार के गले मिल आए हैं हम..
गुनाह करके कहाँ छुपाओगे ? _ ये जमीन और आसमान सब उसका ही है.
नहीं होते फिर भी होते हो तुम, _ न जाने क्यूं हर वक़्त महसूस होते हो तुम !
लाख संवार लूं मैं अपनी जिंदगी को, _ तेरे बिना कुछ कमी तो ज़रूर रहेगी !!
मिला तो बहोत कुछ जिंदगी में, पर तेरा मिलना सबसे खुशगवार साबित हुआ !!
” झांको भीतर, कौन वहाँ बैठा है, _ और तुम उसे विराजमान पाओगे..!”
बहुत कुछ देख लिया है इस जिंदगी में,_मगर जिंदगी सिर्फ तुझमे दिखी..
बहुत नजदीक से देखा है,_ दुनिया को … तब ही तो दूर बैठा हूँ मैं सबसे..
मेरी उससे ऐसी भी होती है बातें _ ना वो बोलता है और ना मैं बोलता हूं..
एक मुद्दत से देख रहा हूँ तुम्हें,, और लगता है अभी एक झलक देखा है….
अच्छा लगता तुम्हें याद कर के, _ जाहिर नही होने देता, ये अलग बात है.
कुछ इस तरह जीऊं मैं तुम्हारे बगैर _ जिसमें तेरे होने का ज़िक्र होता रहे..!
तेरा बरसना बेशक अचानक था, _ मगर मेरा भीगना कब से तय था..!!
हर तरफ़ दिखता है बस एक तू ही, _ न जाने तूने मुझ पर क्या कर दिया है.!!
कभी ” खुद ” से मिला मेरे मौला … थक गया हूं गैरों से मिलते मिलते..
तुम्हारी नज़र में जो देखा है ख़ुद को, _ मेरी ज़िंदगी में बहार आ गई है…
जब बाकी सब कुछ खत्म हो जाता है तो _अंदर से तू ही सहारा देता है.!!
दुनियादारों से रूबरू हो कर तड़पा बहुत, मैं सुकून की बात करने पास तेरे आ गया !!
हर वक़्त मिलती है मुझे अनजानी सी सजा, तू ही बता मेरी खता क्या है ?
बस तुम्हारे करीब आ जाने से, _ न जाने कितने लोग मुझसे रूठ गए..!!
फासलों को ही जुदाई ना समझ लेना तुम, हाथ थाम कर तेरा ही बैठा हूँ..!!
सोच कर ही मेरे चेहरे पर खुशी आ जाती है, वो खूबसूरत एहसास हो तुम..!!
जरुरी नहीं हर पल तेरे पास रहूं, इबादत दूर से भी की जाती है..!!
मुझे परवाह नहीं ज़माने की, गर तुम साथ हो तो सब मुमकिन है !!
दे कर एक आवाज़ बुला लूँ तुझको, मगर मैं चाहता हूँ तू ढूंढे मुझे !!
अब बहका नहीं सकता कोई मुझे, तेरी ऐसी महक ले रखी है मैंने..!!
किसी को खौफ है कि तू देख न ले, किसी कि ये आरजू है कि तू देखता रहे..!!
देख, ऐसे कब तक भटकता रहूँगा ? कभी तो बन आशियाना कि मैं ठहर जाऊं !!
ऐ हवा जा कर उसको याद दिला दे कि कोई है, जो उसे हर पल याद करता है.!!
अब और न तराशना मुझे,_इससे ज्यादा बारीक न हो पाऊंगा !!
तुमसे मेरा जुड़ना _ जैसे जिंदगी का एक और हिस्सा जुड़ गया हो ..!!
बहोत सी राहों में, एक राह तो वो होगी, _ तुम तक जो पहुंचती है…”
दुआ का यूँ तो कोई रंग नहीं होता,_ मगर दुआ जरूर रंग लाती है.
अब साथ नहीं किसी का, _ आसमां में अकेले ही शान से उड़ता हूँ.!!
अब छोड़ नहीं पाऊंगा तुम्हे, _ तू मेरी बिगड़ी हुई आदत सा हो गया है..
समझ नहीं पाता मैं भी तेरे इशारे _ तू भी खुल के कुछ कहता नहीं है…
अब वो शख्स भाता नहीं है, _जो हर पल सिर्फ तेरी ही बातें ना करे….
जिसे पा लिया वो मोहब्बत ही क्या, _ जो सुलगता रहे वही इश्क़ है..
मैं काबिल तो नहीं तेरे लिए _ पर ये चाहत- ए- जिद्द है तुझे पाने की.
मैं जानता हूँ फिर भी पूछता हूँ…_तुम बताओ मेरी पसंद कैसी है.
इस ख़ाक को हिदायत दे मौला, उस ख़ाक में मिलने से पहले !!
पूरी दुनिया से जुदा सा है वो, हमने जिसे चाहा है खुदा सा है वो.
एक तेरा ही प्यार सच्चा है यार, _ औरों की तो शर्तें ही बहुत हैं !
थोड़ी सी रोशनी मांगी थी तुझ से, _तू ने तो आग ही लगा दी !!
कुछ नया – नया सा मंजर है, _ मेरी आँखों में तो पूरा अंबर है..!
उसको खरीद नहीं सकते….तुम्हें खुद को ही बिकना पड़ेगा…!!!
तुम्हारे साये में खुशनुमा हूँ.._ तुम ही तुम हो हर तरफ मैं कहाँ हूँ.
मुझे फासलों की परवाह नहीं, तुम आदत नहीं “ज़िन्दगी हो मेरी”..!!
वो चाहते हैं तबाही मेरी ..मगर मजबूर हैं तेरी दुआओं के सामने..!!
तुझ में खो जाना ही,  कुछ भी खोजने से ज़्यादा बेहतर है..!!!
चला जा रहा था अकेला, मिला साथ तेरा तो मंज़िल मिली.!
बस एक तुझे ही मांगा है, _ पूरी दुनिया का मैं क्या करूँगा !!
कभी गौर से देखा “मेरा देखना”, मैं सिर्फ तुमको ही देखता हूँ.
क्या तुझे ख़बर ही नहीं, _ मैं जी रहा हूँ तुझे याद कर कर के..
मेरी आँखों ने जो कुछ भी कहा है, _ वो सिर्फ तूने ही पढ़ा है..
तू बिलकुल चाँद की तरह है, _ नूर भी, गुरुर भी, और दूर भी..
उम्मीद जब तुम से लगी हो तो _ टूटने का खौफ नहीं होता !!
इस नफ़रत भरे जमाने में, _ एक तुम से ही तो खुश हूँ मैं …!!
न जाने किसकी दुआ लगी है मुझे, जो तू मुझे मिल गया..!!
इंतज़ार तुम्हारा खाली नहीं रहता.! “वह भी महकता है..!!”
वो तो हर मार्ग पे मिलेगा, __ बस तू उसे अहसास कर ले ..!
एक अधूरापन सा लगता है, जब तुझसे बात नहीं हो पाती !
तेरी दुनिया से रिश्ता रखता हूँ _ मेरी रंगत कमाल हो गई है !
बस इस बात का सबर है, _ तुमको सब खबर है🙂🍁🍁
बस ये दिक्कत है तुझे भूलने में, _फिर मैं याद किसे करूँ..!!
लोग बात तेरी करते हैं, पर मैं तो बात ही तुझसे करता हूँ..!!
क्या खूब है तेरी जादूगरी, वो नहीं होता.. जो होता दिखे..!!
वो फूल हो तुम मेरे जीवन में, जिसकी खुशबू मैं लेता हूँ..!!
तुम हाथ कस कर पकड़ते, _ तो सही से निभा लेते हम…!!
तुम हो, बस इसीलिए ,,ज़िन्दगी इतनी खूबसूरत है मेरी..!!
ढेर सारी बातें है करने को, पर तू आता ही नहीं सुनने को !
तुमसे मिलने के लिए _दुनिया से बिछड़ना पड़ा मुझको..
किसी एक से ऐसे बंधो, कि सबसे आजाद हो जाओ !!
तेरी ही बनाई दुनिया में, कोई तुझसा क्यों नहीं मिलता.
एक तुझे पाने के लिए सब कुछ खोने को तैयार हूँ मैं..!!
तोड़ चुका हूँ बंधन सारे, अब तो बस तेरा हो गया..!!
तुझसे बस तू चाहिए, _ मुझे मुझसे दूर ले कर जा !!
सिर्फ़ तुझे चाहा है, _वो भी तुझसे बिना कुछ चाहे !!
एक तू न मिले _ सारी दुनिया मिले भी तो क्या है..!!
तुम मेरे जहन में आ जाओ, मैं तुम्हें उम्र भर दुआ दूंगा.
सबकी नज़र में हूँ, _ जबसे तेरी 👆नज़र में हूँ..!!
आवाज़ देता है दिल बेहिसाब तुझको _ हो सके तो जरूर आना…
तुम सोच भी नहीं सकते, मैं कितना सोचता हूँ तुम्हें..!!
आज तुम्हें एक नए नकाब में देखा, खुशी हुई..!!
तुझको ढूंढ़ता हूँ, _राहों से तेरा पता पूछता हूँ.!
देर से ही आ जाना, _ शक्ल तो दिखा जाना..!
मैं लिखूँ या ना लिखूँ, तुम मुझे पढ़ते रहना..!!!
तेरा होकर मेरी कोई चाह बाकी नहीं रही..!!
तुम याद नहीं आते, तुम याद ही रहते हो…!
ज़िन्दगी गुजर रही है, सिर्फ तेरी याद में..
देर से मिले हो, ___ दूर तक चलना !!!!
तू रहता है मेरे साथ, अकेला नहीं हूँ मैं.!!
मेरा होना _तेरे होने का प्रमाण है….!!
बाजार के रंगो से रंगने की जरुरत नहीं मुझे.., _

_ तेरा नाम आते ही चेहरा गुलाबी हो जाता है..! !

कीचड़ उसके पास था, मेरे पास यार का रंग..

_ जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल..

इतने रंगो में रंगी इस ज़िंदगी का राज _ उस 👆🏻 रंगरेज़ से पूछ..

_ जिसकी ये तमन्ना … इसे रंगो से अभी ….. और निखारा जाये..

” _ तेरे एहसासों को हर रंग मेँ ढूंढा मैंने, _ मगर तेरे एहसास जैसा कोई रंग ना मिला _”

“_ तेरे सिवा भी कई रंग थे हसीन मगर,_ जो तुझको देख चुका हो, वो और क्या देखे…!!

” _ मैं तेरे इश्क़ के हर रंग में इस कदर रंग जाऊं, __ मैं… मैं न रहूं, तू बन जाऊं._”

” _ तेरे रंग में रंग कर ही तो मैं..खुशनुमा हूँ,_ तुम ही तो हो मुझमें… मैं कहाँ हूँ .._”

” _ मैं तो खुद बेरंग हो गया , _ _तेरे इश्क़ को रंगीन करते करते ….._ “

” _ रंग बदलती इस दुनिया में., मुझे मेरा, _बेरंग होना पसंद आया …_”

” _ हज़ार रंग हैं इस दुनिया में _ मैं रंगना चाहूं _ बस तेरे रंग में…!! _”

“_ धीरे – धीरे तेरा रंग चढ़ गया _ चढ़े तो उतरे ना …..वह है रंग _”

“_ तमाम रंग लगा कर देखे, _ तेरे एहसास जैसा कोई रंग नहीं _”

” _ हर रंग में जला हूं यार, _ इसीलिए इतना रंगीन बना हूं .!! _”

” _ रंगों से सीखा है, _ अगर निखरना है तो बिखरना पड़ेगा.!!_ “

_ ” जब तलक तू मेरे संग है, _ _हर तरफ रंग ही रंग है_ “

” _ हर रंग कुछ कहता है,, __ कभी रंगहीन हुआ कर.. _”

” _ तुम्हें महसूस करके _ मैंने ख़ुद को रंग लगा लिया ! _”

” _ सारे रंगों के मायने _ _एक तुम्हारे होने से है _ “

” _ रंगो में वो रंग कहां _ जो रंग _ लोग बदलते हैं _”

कोई पागल भी इतना पागल नहीं होगा, _ जितना मैं तेरे लिए हूं..
कोई मेरे आंखों से तुम्हे देखे तो समझे, __ की तुम मेरे क्या हो…
जब कुछ कह न पाँऊ _ तो रो लेता हूँ _ तू तो सब जानता है ना..
भटके हैं हम कहां कहां, _ झांका जो खुद में तो तेरा पता मिला !!
इतना असर रहता है तेरी यादों का _ कि बिना बात मुस्कुराता हूँ..
जब से तुमसे जुड़ा तब से __हर बात जैसे मेरे हित में हो जाती है.

तुमसे क्या मुलाकात हुई, मेरी निगरानी में सारे लोग लग गए..!!

मेरी रूह की तलब हो तुम, _ कैसे कहें अलग हो तुम !!
दोनों ने ही छोड़ दी फिकर, __ उसने मेरी….._ मैंने खुद की..
तुम मेरी वो कमी हो, _ जो कोई भी पूरी नहीं कर सकता ..!!
नजर अंदाज ना कर …..वो भी दिल से चलता है _ रब है ..वो..
अब और कोई नहीं चाहिए मुझे, अब मेरे लिए तू ही काफी है.!!
मुझे तेरे सिवा कोई नहीं जानता, _ और तो सब पहचानते हैं…
खुद को खोकर खुद को पाना, _ ऐसा होगा…उसका दीवाना.
मैं दीवाना हूँ उसका,,,,,,, _ ,,,,जो किसी को नहीं दिखता….
जब ठिकाना ही तुम हो, तो खुशियां दुनिया में और कहां ढूंढे..
कभी यूँ भी आ मेरे रु -ब- रु _ कि तुझे पास पा के मैं रो पडूँ..
अपने कदम के निशां बनाते चलना,_ अपने घर का पता कुछ यूँ दे देना !
हमें रास्तों की जरुरत नहीं, _ तेरे पैरों के निशान मिल गये हैं.
तुम्हारे प्रेम ने मुझे बेहतर, सुन्दर और सरल कर दिया है .!!!
तुम्हारे जैसा कोई मिला नहीं _ कैसे मिलता _ था ही नहीं..
मुझे तेरी आवाज का मरहम चाहिए __ पुकारो ना _ मुझे..
तुम तक जो पहुँचा दे मुझे..!! _ वो पता चाहता हूँ मैं….!!!!
तुम से मिल कर लगता है _ मैंने जीने में कितनी देर कर दी..
क्यों करूं परवाह जमाने की _ मुझे नजरें तुझ से मिलानी हैं.
भेद तेरा कोई क्या पहचाने, जो तुझ सा है वो ही तुझे जाने..
तेरा आगाज़ जब से हुआ है ! जीवन का शुभारंभ हुआ है !!!!
जो अपनी तस्वीर बनाई, _ वह तस्वीर तुम्हारी निकली ….!
कुछ यूँ मिली नज़र तुमसे, _ बाकि सब नज़रअंदाज़ हो गये.
तू ही जानता है,_ तू किस कतरे को,_ कब दरिया करेगा…
जब जब मन अशांत हुआ ,एक तुम्हें देख कर ही शांत हुआ..
तू मेरी ख़ामोशी नहीं सुनता, मुझसे आवाज़ दी नहीं जाती..!
आज़माते हैं लोग सब्र मेरा, ज़िक्र तुम्हारा बार बार करके…!
तेरी यादों का इतना नशा है _ की उस नशे में ही रहता हूँ..
तुझको चाहने के बाद, _ कोई और मुझसे चाहा न गया..
मैंने तुम्हें ही चाहा, _ _ औऱ तुमसे कभी कुछ नहीं चाहा…
तुम्हें पाने के बाद, _ कुछ भी पाने को बाकी ना रहा..!!!!
ख्याल रखना अपना, _ मेरे पास तुम्हारे जैसा कोई नहीं..
ज़िन्दगी के हजार पन्ने, __ हर इक पन्ने में ज़िक्र तेरा.!!
जो मौसम बदलता है, _ वो मुकद्दर भी बदल सकता है.
मैं जिसकी बात करता हूँ, _ कोई तो बात उसमें होगी..
तुम्हें देख कर लगता है, _ तुम्हारे अलावा कुछ ना देखू.
मेरी इच्छाओं से ज्यादा सुंदर, तेरी योजनाएं होती हैं,,!!
तेरी यादों में जो ज़िन्दगी है, ज़िन्दगी में वो बात कहाँ..
तेरा वजूद मुझमें मौजूद, _ यही है तेरे होने का सबूत..
कहाँ कुछ खैर है यार ! तुम्हारे सिवा यहां सब गैर हैँ !
मैं देखूं तुझे करीब से, _ मेरे शौक हैं बड़े अजीब से !
सांसे तो बस नुमाईश है !!!! मेरी ज़िदंगी तो तुम हो
कर तु जायके की बात, _ मैंने तो उसे चख रखा है !
एक तुम साथ हो तो _कोई और चाहिए भी नहीं…
चाहे कितना भी वक़्त लगे, मुझे सिर्फ तू चाहिए ..
कि तुम ही ज़िंदगी हो _ तुम ही जीने की वजह हो.
एक तू ही तो सहारा है, _बाकी सब तो पराया है.!
यूँ चुप्पियों में रहकर भी _ मैंने तुमसे बात की है..
गुज़ारिश है तुमसे कि _ तुम हकीकत बन जाओ..
आवाज तक नहीं हुई, _ और मैं तेरा हो गया .!!
अब जब तू साथ है तो _ कुछ भी असंभव नहीं..
क्या देखा था तुझमें, जो दिल तेरा हो गया.!!
तुझसे मांगेंगे तो, _ तुझे ही मांगेंगे ..
इंतजार हमेशा रहेगा,_ बस कभी आवाज़ नहीं दूंगा..
जबसे तेरे गुलाम हुए, _ तब से अपने मालिक हुए…
तुम साथ हो तो फिर क्या डरना _कर लेंगे हर मंज़िल हर ख्वाब अपना.
कुछ अनूठा ही रिश्ता है मेरा तुम से, तुझे सोचने से ही सुकून मिलता है.
तेरी यारी ने सुकून इतना दिया कि, _तेरे बाद कोई और अच्छा न लगा..!
मुझे नहीं चाहिए तुमसे बेहतर, _ मुझे तो तेरे साथ ही सुकून मिलता है…
मंजिल मिले या न मिले, _ तुम साथ हो तब और कुछ चाहिए भी नहीं..
तुम्हें ढूंढ़ती हैं मेरी निगाहें, _ अगर हो सके तो आके चेहरा दिखा दो …!
गजब का रिश्ता है तेरा मेरा, याद दोनों करते हैं लेकिन बात नहीं !!
एक तुम ही इतने नजदीक हो कि _हर बात तुम्ही को बताई जा सकती है..!!
कुछ चीजें दिल को सुकून देती हैं, तेरा ज़िक्र उनमें सबसे पहले आता हैं.!!
हर तरफ थे राह में कांटे बिछे हुए, मुझे तेरी तलब थी गुजरता चला गया..!!
दे कर एक आवाज़ बुला लूँ उसको, मगर मैं चाहता हूँ वो ढूंढे मुझे !!
मुझे भाता है अंदाज़ तुम्हारा _ ! अदा तुम्हारी मिज़ाज़ तुम्हारा _ .!!
अब मैं हर वक़्त महकता हूँ, _ मैंने तुम से जो हाथ मिला लिया है..
तेरी एक झलक से _ ऐसा लगा की जैसे ज़िंदगी मिल गयी हो..!!
दूर तो बहुत है तू मुझसे, _ लेकिन तुझसे नज़दीक कोई मेरा नहीं !!
तू ही बात समझता है मेरी .. _ दुनिया तो सिर्फ सुन लेती है..!
तुझे देख के जो मिलता है, _सारा मसला उसी सुकून का है.!!
भीगना अंदर से है, __ बाहर से तो ..झाड़ पौछ कर फिर सुखे..
बस ये दिक्कत है भूलने में तुझे, तुझे नहीं तो किसे याद करूँ !!
आप बात उसकी करते हो, _मैं तो बात ही उस से करता हूँ..
तेरा हमशक्ल कोई है ही नहीं, _ तेरा अंदाज किस में देखें ..
लत की तरह लग गया है तू, गलती से कहीं छूट न जाना..!!
वक़्त थोड़ा लगा ..! ऐ यार, _ तेरे करीब तो आ गया..!!
तेरी नजरों का ही कमाल है _ जो मैं तेरे इतने करीब हुँ..!
अपनी राह बनाऊँ कैसे _ बोलो तुम तक आऊँ कैसे ..!!
तू मिलता नहीं रोज रोज _ पर याद आता है हर रोज ..!!
खुशनसीब हूं इसीलिए शायद, _ जिंदगी में तुम हो ,,!!
मुझे सुकून की तलाश थी, और फिर तुम मिल गए..
तुम्हारे इंतज़ार में, ये आंखें उम्मीद से भरी रहीं..!!
मै आवाज भी न दूं………और तुम चले आओ…..
बहुत आई गई यादें.. मगर इस बार तुम्हीं आना…
ऐ यार ,,, जिंदगी का कोई रंग न छुपाना मुझसे…
लोग मुझे तोड़ते गए और मैं तुम से जुड़ता गया .!
मैं खुश हूँ कि.. एक नज़र मुझे गौर से देखा तूने..!
कब तक तेरी राह मैं देखूँ _ कब तू बोलेगा .?
तुम से मिलना _ सबसे मिलने जैसा होता है..
तुम ही जरुरी हो, _ अगर तुम समझो तो ..!
तेरे होते हुए मेरी हार, नामुमकिन है मेरे यार..
तराशा गया जो हमें, हम ही में हम ना मिले..
बहुत कुछ था सीखने को ! _ और हमने बेफिक्री सीखी !!
जब से हुई तेरी फिक्र, बेफिक्र हो गया हूँ.
रब तेरे हाथों में हूं मैं, इसलिए बेफिक्र हूं.
मुझे तेरी यादों में रहना अच्छा लगता है..
मैंने देखा है “जो नहीं है” वो खूबसूरत है.
हूँ अकेला भी, पर उसके साये में भी.
मैं खुद से दूर _ तू मुझमें मौजूद ..!
जब से मै तुम से मिला, मेरा जीवन भी खिला दिया_

तुमने मेरे जीवन में, आनन्द का रंग भर दिया._मेरे यार,

लाजवाब हो तुम ; हर वक़्त आते हो याद. _

_ जब से मै तुम से मिला, मेरा जीवन भी खिला दिया.

ऎसा कोई गीत सुना दे, जीवन का सूनापन मिटा दे._

_ ऎसा रस तू ही बरसा दे, जीवन में नया रंग खिला दे.

मै जैसा चाहता था वैसा तूने बना दिया.

_ कोई कुछ भी कहे मुझे बेपरवाह बना दिया._

_ बोझिल जीवन को मस्त बनाना सीखा दिया._

_ जीवन को रंगीन बनाना सीखा दिया._

_ मै जैसा चाहता था वैसा तूने बना दिया.

जीया भी नहीं हूँ, मरा भी नहीं हूँ._ समय सारा चिन्ता को मैंने दिया है._

_ जीने का ढंग भी तूने सिखाया, _ जीवन को रंगना भी तूने सिखाया.

कोरा कागज – सा था जीवन मेरा._ _ ऐ यार, तूने ऎसा रंग लगाया._

_ उलझा था मन दुनिया की उलझन में._ _ ऐ यार, तूने आकर सुलझाया._

_ मन के अँधेरे दूर हुए. __ ” आकर तूने दिया जलाया. ”

खुली आंखों से देखते हो, कभी बंद आंखों से कोशिश कर _

“- हम हैं कि ढूँढ़ते रहे _ वो है कि बरसता ही रहा -“

मत पूछ की मैं शब्द कहाँ से ला रहा हूँ, _

_ तेरी यादों का खजाना है जो लुटाए जा रहा हूँ..

मैं तुझे लिखता जाऊँ, तू मुझे मिटाता जा ;

_ आपस में रिश्ता किसी तरह तो निभाता जा..!!

दे अब दर्द मुझे जितना देना है यार,

_ क्योंकि मैं भी अब थेथर हो गया हूँ..!!
आदत लग गई है तुम्हें देख कर जीने की,

_ अब इसे प्रेम कहो या पागलपन तुम्हारी मर्जी..!!

तेरे सिवा मै किसी और का कैसे हो सकता हूँ,

_ तू खुद ही सोच के बता कि तेरे जैसा कोई और है क्या..

धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए._

_ वीरान थी ज़िन्दगी, ठहरी – सी ज़िन्दगी._

_ तूने आकर मुझे झझकोरा. _ सोयी वीणा के तारों को तूने छेड़ा._

_ धन्यवाद है, ज़िन्दगी में रंग लाने के लिए.

सब कुछ तो है पास, फिर भी इन निगाहों को तेरी तलाश है..

… इसीलिए बार बार यूहीं घर से निकल पड़ता हूँ मैं..

क्यूँ बार बार लगता है मुझे, कोई दूर छुपके तकता मुझे, _

_ कोई आस पास आया तो नहीं, मेरे साथ मेरा साया तो नहीं..

एक और शाम बीत चली है तुझे चाहते हुए !

_ तू आज भी बे-खबर है, बीते हुए कल की तरह !

तू नहीं लेकिन तेरी आहट होती है, _

_ यही सोचकर मेरे चेहरे पर मुस्कराहट होती है…

कुछ इस तरह से खुद को खोता चला गया,

_ मैं तेरा हुआ फिर तेरा होता चला गया.!!

कहाँ जायेंगे तुम्हें छोड़कर यार _

_ तुम्हारे बिन दिन नही गुजरता _ जिन्दगी क्या गुजरेगी,,,,,

यक़ीनन वो बेइंतहा खूबसूरत बंधन था हमारा, _

_ न उसने कभी क़ैद किया, न मैं कभी फ़रार हुआ ..!!

तू हाथ थामे चल रहा है, ज़माने को यही सब खल रहा है.

_ जिसे वो बुझाना चाहते थे, वो दीपक आँधियों में भी जल रहा है.!!

कदम कदम पर तू मुझको संभाल लेता है !, _

_ हर एक बला से तू मुझको टाल देता है .!!

मैं तुम्हें पाने की भर पूर कोशिशें करूंगा,

_ भला ऐसे कामों को मुक़द्दर पे कौन छोड़ता है.!!

ना जाने कितने काश, अगर, मगर दफ़न हैं मुझमे, _

_ कभी फ़ुरसत में आओ तो मिलकर बताएंगे तुम्हें .!!

उलझा रही है मुझको ये कशमकश अंदर से…

_ कि तुम बस गये हो मुझमे या हम खो गए है तुझमे…!

तड़प रहे हैं तुमसे एक अल्फाज के लिए, _

_ तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए..!

तेरी एक नज़र ने खरीद लिया हमे, _

_ बड़ा गुमान था कि हम बिकते नहीं ..

तुम ख़ास थे, इसलिए लड़े तुमसे.._

_ पराये होते तो मुस्कुरा कर जाने देते..

लगा लिया तेरे इश्क़ को इत्र की तरह, _

_ अब हम में तुम ही तुम महकोगे ..

करते ही नहीं अब … कोई दुआ ये सोच कर ;

_ कि और क्यों बढ़ाऊँ मुश्किलें तेरी.. ऐ यार..

” मैं तुमसे अब कुछ नहीं मांगता ए यार,

_ तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंजूर नहीं “

तुझे पाना भी बड़ा महंगा सौदा है यार !!

_ पुरे संसार को दांव पर लगा कर हार जाना पड़ता है !!!

अगर कोई पूछता है तेरे बारे में तो _ बताता भी नहीं उनको,

_ जहां वालों की नजरों से छुपाता भी नहीं तुमको !!

परवाह नहीं है, मुझे लोग क्या ? कहते हैं, _

_ मुझे नजर तुझ से मिलानी है, लोगों से नहीं..

तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी, _

_ बताओ ना इश्क करते हो या इलाज करते हो __!!

फिक्र तो तुम्हारी आज भी करते हैं ;

_ पर हमारी बदनसीबी तो देखिये, _ बस जिक्र नही कर सकते ..

मैं कुछ लिखता नहीं सिवाय तुम्हारे !! _

_ मैं अपनी सीमाओं मे रहना सीख चूका हूँ ..!!

अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे,

_ तेरी मर्जी के मुताबिक नज़र आएँ कैसे.

हज़ार सोचें उलझाती रहती है मुझे,

_ मगर एक ‘सजदा’ सुलझा देता है सब कुछ..!!

इंतज़ार तो खुशियों का है, _

_ मगर मालूम है कि तुम्हारे आते ही _ यह भी अपने आप आ जायेंगी ..

जिंदगी के आइने पर हर वक़्त एक अजनबी की सूरत है.

_ तुम्हें हो या ना हो लेकिन मुझे तेरी जरूरत है…

कभी कभी यूं ही चले आया करो दिल की दहलीज पर… ऐ यार _

_ अच्छा लगता है, यूँ तन्हाइयों में तुम्हारा दस्तक देना…!

कोई तो है मेरे अंदर, मुझे संभाले हुए .. _

_ बेकरार सा रह कर भी बरकरार हूँ ..!

वाह रे मौसम , _ तूने आज खुश कर दिया, _

_ मुझे उनकी याद आयी और बरस तू गया..

मेरे अल्फ़ाज़ भी तेरी खुशबू में महकते हैं, _

_ तेरे जिक्र में बहकते हैं और तेरे सजदे में बिखरते हैं ..

माफ़ी चाहता हूं, _तुम्हारी नींद ख़राब करने के लिए ;

किस्मत वाला हूँ मैं, _ मैं ख्वाबों में भी किसी ख़ास से ही मिला करता हूँ ..

अभी तक समझ नहीं पाया, तेरे इन फैसलों को..ऐ यार..!

_ उसके हक़दार हम नहीं, या हमारी दुआओं में दम नहीं..!!

इस जीवन का इक अधूरा सपना पूरा हो गया ;

_ तुमने जो अपना कहा _ तो सारा ज़माना पराया हो गया ..

अब जो तू, मेरी जिंदगी में आया है _ तुम क्या महसूस करोगे इसे, _

_ मैंने तो हर जगह तुम्हें अपने साथ पाया है ..

उठती ही नहीं ये निगाहें अब किसी और की तरफ, _

_ एक तेरा दीदार मुझे इतना पाबंद कर गया ..

मुझे मालूम था कि आज भी तुम नही आओगे, _

_ मगर फिर भी इंतज़ार किया खुशी से ..

तुम्हें पढ़ते हुए मैंने ये जाना कि, _

_ तुम्हें लिखना कितना मुश्किल है..

और कोई नही है जिंदगी जीने के लिए, _

_ सब कुछ तो लुटा दिया, इसलिए तुम्हें खोने से डरते हैं ..

अब जीत भी जाऊं तो दिल खुश नहीं होता, _

_ जिस को हारा है वो अनमोल बहुत था..!

नींद से उठकर इधर–उधर ढूंढता हूं तुम्हें मैं,

_ ख़्वाब में इतने करीब चले आते हो तुम..!!

ए यार बस इतनी ही ख्वाहिश है मेरी, _

_ मुझे दुनिया जहान की कभी हवा न लगे ..

तेरा ज़िक्र मैं क्यों न करूँ यार,

_ तेरा ज़िक्र भी तो मुझको छेड़ता है..!!

ए यार …. या तो हमसे यारी रख, _

_ या फिर ….दुनिया सारी रख.

पल कितने भी गुजार लूँ तेरे साथ _

_ मगर हर सांस कहती है कि दिल अभी भरा नहीं ..

हर चीज हद में ही अच्छी लगती है,_

_ बस एक तुम हो जो बेहद अच्छे लगते हो…

हमनें तो कह दिया है कि जैसे जहाँ मर्जी,_

_ अब ये तुम्हें देखना है कब कहाँ कैसे..

ऐ यार, वो दिन मत दिखाना कि लोग मुझे कहें, _

_ कि तूने भी ग़मे दुनिया से हार मान ली..

तेरे सजदों में मैं हूँ मेरी दुआओं में तुम..

_ फासले भी हैरान हैं नजदीकियां देखकर……

रात को उठ न सका, दरवाज़े की दस्तक पे,

_ सुबह बहुत रोया, तेरे पैरों के निशां देखकर..

‘तू कभी सोचना भी मत कि मैंने गंवा दिया तुझे,

_मुझको मेरे ख़्याल की मौज तुझ तक बहा के ले गयी’..

अगर तू पूछ ले मुझसे किस बात का गम है, _

_ तो फिर किस बात का गम है ” अगर तू पूछ ले मुझसे “

यूँ ना देखो इस नज़ाकत से हमें, _

_ तुम्हारी हर अदा के हम तो पहले ही दीवाने हैं !!

हाथ की लकीरों का अजीब खेल है यार,

_ मुट्ठी में हमारी हैं काबू में तुम्हारी हैं..!!

किस तरह छुपाऊं अब मैं तुम्हें, _

_ मेरी मुस्कान में भी तुम नजर आने लगे हो ..

कुछ शब्द ही तो थे… जिनसे जाना था…

_ तुने मुझे… मैने तुझे….

लिखता हूं तेरे लिए और तुझे ख़बर तक नहीं,

_ पढ़ते हैं वों लोग जो मुझें जानते भी नहीं….!!

तुम न जाने किस तरह बांधे रखते हो मुझे,!!

_ न करीब आते हो न दूर जाने देते हो मुझे !!!!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था, _

_ हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे..

जब से तेरे आने की ख़बर आयी है, _

_ ” नज़ारा कुछ ऐसा है ” जैसे पतझड़ में बहार आयी है..

देख मेरी आंखों में आंसू तुम जो खुश हो जाते हो, _

_ आंख में आंसू सजा रखे हैं मैंने तुम्हें हँसाने को !!

तुम क्या मिले जैसे किस्मत खुल गई हो…

_ मानो जिंदगी में कोई फरिश्ता आ गया हो !!

चोट जारी रखें, जाने कौन से पल ..

_ मन की मटकी फूट जाए ..!!

जो मांगना ना आए तुझे, तो खाली हाथ फैला दे ,,,

_ वो बंद लबों की इल्तजा सुनता है,,,

तेरा दर ढूंढ़ते -ढूंढ़ते जिदंगी की शाम हो गई,_

_ जब तेरा दर देखा यार, तो जिदंगी ही तेरे नाम हो गई ..

सलीका ही नहीं शायद उसे महसूस करने का,

_ जो कहता है ख़ुदा है तो नजर आना जरुरी है..

तेरे इश्क़ में ऐ यार,,, हम इतने चूर हो गए _

_ लिखते रहे तेरे बारे में ; और खुद मशहूर हो गए _

मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,

_ उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.

मेरी रूह में समाई है तेरी खुशबू.., _

_ लोग कहते हैं तेरा इत्र लाजवाब है..

एक मुद्दत से तेरी याद भी आई न मुझे,

_ और मैं भूल गया हूँ तुझे ..ऐसा भी नहीं !!

बाहर की ठोकरों से तो बच कर निकल गए,

_ पाँव को अपनी मोच ने चलने नहीं दिया !!

वो रफ़ूगर भी कहाँ तक करे मेहनत मुझ पर,

_एक ज़ख्म सिलता नहीं कि दूसरा लग जाता है..!!

खतरा हर कदम पे गिरने का है,

_जो हाथ थामे उसी को खुदा मान रखा है.

पुकारता हूँ तुझे और तू कहीं नज़र नहीं आता,

_ डर लगता है मुझे ऐसी खामोशियों से..!!

किसी को क्या समझना, किसी को क्या बूझना..

_ खुद को समझो, खुद को जानो, खुद को मानो

मैं तो उसके भाव को व्यक्त करता हूँ..

_ यह मेरे जीवन की पद्दति है …जो बह कहता है मैं बोलता हूँ..

नाम तुम्हारा इस जीवन में मेरा एक सहारा..

नाम तुम्हारा उत्तर दिशा में उगता हुआ ध्रुव तारा,
नाम तुम्हारा मरुथल में प्यासे को जैसे पानी,
नाम तुम्हारा ही कहता हो मेरी एक कहानी.!!
प्रेम नगर के हम हैं पंछी, प्रेम के गीत हैं गाते.

ना कोई बस्ती मकान अपना, खुले गगन मंडराते.

ध्यान गंगा का जल हैं पीते, ज्ञान के गीत हैं गाते.

सुख- दुख खाली जाल बिछावे, अब नहीं धोखा खाते.

तेरी कृपा से सीखा हमने, मस्ती में पंख फैलाते.

प्रेम नगर के हम हैं पंछी, प्रेम के गीत हैं गाते.

जब भी मैं तेरे सामने होता हूँ, तो अपना वजूद भूल जाता हूँ ;

क्या मांगू ये तो याद नही रहता, लेकिन जितना दिया उतना बहुत है ;

इसको ही बरकरार रखना बस यही मन्नत है, कठिनाइयों से भागूं ना इतनी हिम्मत देना !!

अगर मेरी हर चाह तुरंत पूरी हो जाती तो आज मैं जीवित नहीं होता,

क्यों कि मैंने कई बार मौत भी माँगी है ; _

_ इसलिए _ ऐ यार ,,, तेरा धन्यवाद जो तू मुझको मुझसे ही बचाता है !!

मैंने जीवन के कितने रंग देख लिए, मिलकर सबसे मिलने के ढंग देख लिए,

_ बे-ढंगी दुनिया में एक तू ही अपना, अपना कहने वालों के संग देख लिए..

तुम तक _पहुंचने के लिए _जो सफ़र जारी है..

_वो कभी मुकम्मल नहीं होना,

_लेकिन ये सफ़र मुझे _बेहद हसीं लगता है,

_क्योंकि इसके रास्ते में _तुमसे जुड़ी तमाम यादें हैं

_और उम्मीद की उस छोर पर तुम हो..

करना है जब कुछ काम, तो गीत उसी 👆के गाऊँ..

_ जीवन अपना खोल, उसका 👆🏻रास दिखाऊँ..
_यही रास जो जान गया, वो हुआ काम ( संसार ) से मुक्त..!!
_ हुआ काम से मुक्त, तभी तो जीवन जीता..
_ वरना जीवन कोई भी हो … बेहोशी में बीता..
कुछ दिन दूर क्या रहा तेरी गलियों से

मानो दूर रहा मैं खुद की रंगरलियों से
मायूस हुआ तो तेरी याद आयी
फिर से जैसे कोई टोक रहा हो, बन काँटा कलियों से
बस साथ तेरा ही सच्चा है
मैं नहीं कहता मुझे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाए रखना,
दूर रह कर भी _ दूरियाँ ना लगे_ वही रिश्ता बनाए रखना,
छोटी सी है जिंदगी _ ख़त्म हो ही जाएगी,
पर ख़त्म ना हो कभी _ वही किस्सा बनाए रखना..
तुझसे मिल कर दुःख भी हँसता._

_ तेरे प्यालों में पड़ के विष भी अमृत बनता._

_ कर देते हो सबको मतवाले,_ ” अपने ही रंग में रंग देते हो.”

मैंने पीया नहीं कुछ तू देख ले,

मस्त हूँ तेरी मस्ती में तू देख ले,

लोग पीते हैं बोतल से,

मैंने पी है तेरी आँखों से.

नशा चढ़ा है तेरा तू देख ले,

मैंने पीया नहीं कुछ तू देख ले.

दुःखों की धूप में तू छांव बन कर आया है.

मेरी हर तकलीफ को तूने हर बार मिटाया है.

कैसे करूं तेरा शुक्रिया मेरे यार,

तू ने ही तो मुझ जैसे कंकर को हीरा बनाया है.

तू लफ्जों की तरह मुझ से किताबों में मिला कर,

लोगों का तुझे डर है _ तू ख़्वाबों में मिला कर.

फूलों का खुशबू से तालुक है जरुरी

तू महक बन कर मुझ से गुलाबों मे मिला कर,

जिसे छू कर मै महसूस कर सकूँ.

तू मस्ती की तरह मुझ से शराबों मे मिला कर,

मैं भी इंसान हूँ, _ है डर मुझ को भी बहकने का,

इस वास्ते तू हिजाबों मे मिला कर.

मेरे हर ज़ख़्म का हिसाब रखता है.

_ वो मुझे हर पल अपने साथ रखता है.
_ कभी पहलू में बिठा लेता है अपने.
_ कभी आँसुओ में भी साथ बसता है.
_ वो मुझे हर पल साथ रखता है.
_ हर धड़कन में धड़कता है वो, मेरे रंगो में खून बनकर..
_ मौन में वो मुझसे, सभी बात करता है..
_ वो मुझे हर पल साथ रखता है..
तेरा साथ है तो आसान लगती है ये ज़िंदगी

तू साथ है तो कुछ ख़ास लगती है ये ज़िंदगी ।

तू ना हो तो उदास लगती है ये जिंदगी,

तू साथ है तो कुछ ख़ास लगती है ये जिंदगी ।

तू ना हो तो बेस्वाद लगती है ये जिंदगी,

तू साथ है तो कुछ खास लगती है ये जिंदगी ।

तेरी याद में जब आँसू, आँखों में आते हैं ll

एक दर्द उठे मीठा, और हम मुस्काते हैं l

तेरी याद में जब आँसू …

जब दुनियाँ सोती है, हम रात को जगते हैं ll

जब दुनियाँ जगती है ll, तब ‘हम खो जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू …

तेरे मिलने की आस नहीं, पर प्यास जगी दिल में ll

तड़फेंगे या कि मिलें ll, ‘राजी हुए जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू …

सब टूट चुके बन्धन, मन कर रहा वन्दन ll

दिन रात तेरे नग्मे ll, हम ‘गाए जाते हैं ll’

तेरी याद में जब आँसू … Anandmurti Gurumaa

मन हो नया – 2025

” मन हो नया “

नये वर्ष के नये दिन पर पहली बात तो यह कहना चाहूंगा कि दिन तो रोज ही नया होता है, लेकिन रोज नये दिन को न देख पाने के कारण हम वर्ष में कभी- कभी नये दिन को देखने की कोशिश करते हैं. हमने अपनी पूरी जिंदगी को पुराना कर डाला है. उसमें नये की तलाश मन में बनी रहती है, तो वर्ष में एकाध दिन को हम नया दिन मान कर अपनी इस तलाश को पूरा कर लेते हैं, सोचनेवाली बात है- जिसका पूरा वर्ष पुराना होता हो, उसका एक दिन कैसे नया हो सकता है ? जिसकी आदत एक वर्ष पुराना देखने की हो, वह एक दिन को नया कैसे देख पायेगा ? हमारा जो मन हर चीज को पुरानी कर लेता है, वह आज को भी पुराना कर लेगा. फिर नये का धोखा पैदा करने के लिए नये कपड़े हैं, उत्सव हैं, मिठाइयां हैं, गीत हैं. लेकिन न नये कपड़ों से कुछ नया हो सकता है, न नये गीतों से कुछ हो सकता है.

नया मन चाहिए ! और नया मन जिसके पास हो, उसे कोई दिन कभी पुराना नहीं होता. जिसके पास ताजा मन हो, फ्रेश माइंड हो, वह हर चीज को ताजी और नयी कर लेता है. लेकिन ताजा मन हमारे पास नहीं है. इसलिए हम चीजों को नयी करते हैं. मकान रंगते हैं. नयी कार लेते हैं. नये कपड़े लेते हैं. हम चीजों को नया करते हैं, क्योंकि नया मन हमारे पास नहीं है.

कभी सोचा है कि नये और पुराने होने के बीच में कितना फासला होता है ? चीजों को नया करने वाली इस वृत्ति ने जीवन को कठिनाई में डाल दिया है. भौतिकवादी और अध्यात्मवादी में यही फर्क है. अध्यात्मवादी रोज अपने को नया करने की चिंता में लगा है. क्योंकि उसका कहना है कि अगर मैं नया हो गया, तो इस जगत में मेरे लिए कुछ भी पुराना न रह जायेगा, और भौतिकवादी कहता है कि चीजें नयी करो, क्योंकि स्वयं के नये होने का तो कोई उपाय नहीं है. नया मकान बनाओ, नयी सड़कें, नये कारखाने, नयी व्यवस्था लाकर सब नया कर लो. लेकिन अगर आदमी पुराना है और चीजों को पुराना करने की तरकीब उसके भीतर है, तो वह सब चीजों को पुराना कर ही लेगा. हम इस तरह नयेपन का धोखा पैदा करते हैं.

– आचार्य रजनीश ओशो

मन का संचालन दिमाग से होता है,

_ अगर दिमाग सही दिशा पकड़ ले तो मन अच्छा काम करता है.

मन तो सबका होता है कि मन का हो..

_ पर हमेशा मन का हो ये ज़रूरी नहीं.!!

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ये मन का स्वभाव हैं कि जिन चीजों से वो परिचित होता है, उससे ऊब पैदा हो जाती है -और जो कुछ अनजाना है वो रोमांचित करता है !

_ चीजों का जानने की नहीं बल्कि जीने की फिराक में रहो.!!

_ जो जान लिया जाता है, वो तो पुराना, बासी हो जाता है और जो जिया जाता है _ वो हमारे व्यक्तित्व में कुछ नए अहसास, कुछ नई उमंग ओर कुछ नया गीत जोड़ देता है.

_ जितना इस अस्तित्व से मिले उसके लिए धन्यवाद का भाव उठना चाहिए.!!

_ शिकायतों में अक्सर हम इस जगत से पाने की योग्यता धुंधली कर लेते हैं; _ शिकायत का भाव हमारी अपात्रता दर्शाता है.

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रोज दिन होता है. _ रोज रात के बाद सवेरा होता है. _ नया क्या है ? कुछ भी नही..!!
_ परेशानियां, उदासियां, खालीपन और अवसाद किसी नये साल के आने से खत्म नही हो जाते.
_ जो इस दौर में हैं. _ उनके लिए कुछ भी नया नही है. _ ज्यादातर चेहरों पर खुश दिखने की एक परत है.
_ एक दिन की खुशफहमी से बाकी बचे 364 दिन बदल नही जाएंगे.
_ क्या ही उछल-कूद करना क्या ही बधाई और शुभकामनाएं देना.
_ छः महीनों से जिस शख्स ने पुराना मैसेज सीन नही किया था _ उसने भी हैप्पी न्यू ईयर का मैसेज भेज दिया है.
_ बीते साल में जिसके पास कॉल करने का वक्त नहीं था _ वो भी फोन करके शुभकामनाएं दे रहा है.
_ एक दिन में साल नही सिमट सकता है, _ कैसे समझाया जाए ऐसे लोगों को समझ नहीं आता..!!
_ एक दिन का अपनापन दिखाने के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों है ?
_ मैं ये प्रश्न दूसरे से क्यों करूं, _ मुझे खुद से करना चाहिए..!!
मेरे सेम टू यू कह देने भर से मेरा या आपका कुछ ठीक हो जाता है तो चलिए कह देता हूं, _ सेम टू यू !!
_ जिस उत्साह से भरभर के शुभकामनाएं जिसे भेजी गयी हैं _ उसे तो ये पता ही नहीं होगा कि _ मैं जिसे ये शुभकामनाएं भेज रहा हूं. __ एक वक्त पर उसे आपकी जरूरत थी _ आपके समय की जरूरत थी._ तब आप साथ नहीं थे.
__ आज आपके इस अपनेपन से उसे खीज उठ रही है.__ ये कोई नहीं समझता है.
__ यकीन मानिए..!! “सब फौरी बाते हैं”_ उम्मीद पालना एक फितरत बन गयी है कि सब ठीक हो जाएगा.
_ किसी के साथ होने से किसी की शुभकामनाएं मिल जाने से जिंदगी पूरे साल गुलजार रहेगी.
_ अगर ऐसा होता तो दुनिया में दुःख ही नहीं होता _ हर रोज उत्सव ही होता..!!_ अफसोस ऐसा होता नही है.
_ इसलिए बचा जाना चाहिए इस दिखावे से..!!
_ “दिन मेरा है” _ ठीक एक साधारण दिन की तरह, _ कैलेंडर बदला है. _ लोग नहीं बदलेंगे ये माहौल नहीं बदलेगा..!!
_ बदलना है तो खुद को बदलिए _ खुद के साथ मजबूती से खड़े रहने के संकल्प के साथ..!!
_ खुद को शुभकामनाएं दीजिए कि खुद ही सब ठीक कर देंगे..!!
_ किसी के हैप्पी न्यू ईयर कह देने या सुन लेने से कुछ नहीं बदलने वाला है..!!
_ समय के साथ यही रह जाना है. __ बकिया कुछ भी नहीं._ सच है मैंने स्वीकार किया है ; _ आप भी इसे मान लीजिए कोई जबरदस्ती थोड़े है..!!
_ जो इस दुनिया की भीड़ में होकर भी खुद के साथ मजबूती से खड़े हैं ; _ ऐसे लोगों को मेरा प्यार..!!
_ इस साल उनको _ उनके हिस्से का जहां मिले, प्यार मिले, खुशियां मिले, आजादी मिले..!!
_ इससे बढ़कर कोई दुवाएं नहीं है मेरे पास, _ रख लीजिए..!!
 
– पथिक मनीष
 
हर किसी की जिंदगी मे लो पॉइंट आता है !
 
हम थक चुके होते है इस भीड़ का हिस्सा बन के, हमे लगता है ये सूरज रोज निकलता है शाम होते ही ढल जाता है, उसके बाद गुप अंधेरे मे खिड़की से चांद को देखना तारों से बातें करना एक आम बात होती है, अकेलेपन मे होने वाली घटनाओं पर ये घिसीपिटी बाते है !
 
हमारी जिंदगी की जो घटनाएँ हमे सबसे ज्यादा तोड़ देती है, हम उन्हें याद करते ही उनमें घुसते ही सब भूल जाते है कि जिंदगी बड़ी खूबसूरत है और कुछ खूबसूरत घटनाएं घटेंगी अभी हां हमे बिना बताए बिना कहे !
 
जिंदगी डिफरेंट मोड़ पर कब आएगा ये डिफरेंट क्या होता है और कितनी देर के लिए होता है ?
 
मै स्कूल मे पढ़ रहा था तो दुनिया भी पढ़ ही रही थी ना मेरे स्कूल मे हजारों बच्चे थे ये एक स्कूल की बात थी उस हिसाब से दुनिया मे उस समय करोड़ों अरबों बच्चे पढ़ रहे थे !
 
पढ़ाई के बाद नौकरी ढूंढना यहां न्यूजपेपर से लेकर वैकेंसी वाले वेबसाइट पर लाखों नौकरियां थी जिनको अप्लाई करने वाले करोड़ों थे, तो फिर करोड़ लोग एक साथ नौकरी के लिए भाग रहे थे !
 
शादी हाँ एक ही दिन शहर के कई गली नुक्कड़ से बारात निकल रही थी यानि रोज लाखों शादीयां हो रही थी, इन सबमे डिफरेंट कहा है यहा तो सब कॉमन ही है !
 
पैसा घर परिवार जिम्मेदारी सामाजिकता मे पिसता हुवा इंसान जिसकी जिंदगी मे वो लो पॉईंट है वो सोच रहा था ये डिफरेंट होना क्या होता है ? कब होता है ?
 
कठिनाइयों में डूबे हुवे व्यक्ति का सहारा वही कठिनाइयाँ ही है, उन परिस्थितियों मे शरीर मे बसने वाली आत्मा छूट के भाग जाने की जिद पर अड़ जाती है और शरीर असामान्य रूप से ढीला पड़ जाता है और फिर यहीं से कहानियां बनती है, जिन्हें हमे तराश के उतारना पड़ता है,
ज़िन्दगी के पन्नों पर फिर यही कहानियां हमे सहारा देती है और आपके बचे रहने का कारण यही कहानियां होंगी, ये कहानियां जिंदगी की वास्तविकता से गुजर कर जब डायरी के पन्नों पर आएंगी ना ये आपको उलझा के नही सुलझा के रखेंगे ताऊम्र।
 
उस लो पॉईंट मे ये डिफरेंट पॉइंट आता नही है लाना पड़ता है।
 
— पथिक मनीष
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नया साल कितना नया होता है पता नहीं.. सिवाय यह मानने के कि नया साल है…
_ मुझे लगता है कि नया है तो प्रतिपल नया है और पुराना है तो प्रतिपल पुराना है…
_ हम जस के तस रह जाते हैं…
_ पीछे साल हमसे हमारा समय जा चुका होता है आगे साल समय में होते हैं उसके जाने के इंतजार में…
_ फिर भी उत्साह तो होता है आस पास को देखकर, उत्साह बना रहे इसके लिए नया साल शुभ हो, चेतन की अवस्था और उर्ध्वगामी हो…
 
– अमित तिवारी
 
जाम की लम्बी लम्बी कतारें, टूट चुके पहाड़, चमकीली रोशनियों से अंधे हो चुके कबूतर रात को सो नहीं पाते, न ही सो पाते हैं गौरैया के बच्चे| सारे जानवर भी हैरान हैं हमारी अंधी दौड़ और उब भरी ज़िन्दगी से पैदा हुए जश्न को देखकर |
 
कोई भी ख़ास उपलक्ष हो या यह नया साल, बस एक ही चीज दिखती है लोग भागना चाहते हैं कहीं और जाकर जश्न में खुद को डुबो देना चाहते हैं |
चाहे उस जश्न में कुर्बान कर दिए गए हों हजारों लाखो जानवर और उनकी बोटी को चबा लिया गया हो या बीयर और शराब की बोतलें फूट गयी हों सड़कों पर या पहाड़ों के सबसे शांत क्षेत्र में भी बियर और शराब की बोतल ने दस्तक दे रखी हो |
 
एक समय था जब सिर्फ़ मस्ती करने वाली जगह पर ही लोग मस्ती करने जाते थें बाकी जगहें छूटी रहती थी |
उदहारण के तौर पर शराब पीने के लिए ज्यादातर उसके एक निश्तित स्थान पर भीड़ इकट्ठी होती थी, धर्मस्थल कम से कम छूटे रहते थें.
 
आज की स्थिति क्या है ? चाहे बनारस हो या हरिद्वार और ऋषिकेश सब जगह लोग पार्टी करने जा रहे हैं |
 
धर्म और अध्यात्म की जगह से कोई सरोकार नहीं है, सरोकार है तो बस कुछ पल जोर जोर के संगीत के साथ शराब के नशे में झूम लेने से और एक साथ ‘हैप्पी न्यू इयर’ बोलकर सुबह फिर से बेसुध उबासी भरी जिंदगी में वापस लौट जाने से..
 
आख़िर हम इतने बेसुध कब से हो गए कि किसी भी ख़ास दिन के लिए इतनी पार्टी करनी पड़े |
पार्टी करना और पार्टीजीवी होना दोनों अलग अलग बाते हैं |
पार्टी की संस्कृति को अपनाते अपनाते पार्टीजीवी हो गए हम सबके सब |
सबको अब एक अच्छी और धमाकेदार पार्टी करनी है |
चाहे उसके लिए कोई बियर बार हो, निरीह पहाड़ हों या धर्मस्थल |
 
अभी कुछ वर्षों पूर्व तक यदि शांति चाहिए तो लोग पहाड़ों का रुख करते थें |
अब पहाड़ लम्बे लम्बे जाम के पर्याय बन गए हैं | कई किलोमीटर तक लम्बा जाम लग जाता है |
पहाड़ों पर रास्ते सकरे होते हैं | पहाड़ एक साथ इतनी जनसँख्या को बर्दाश्त करने के लिए नहीं हैं|
इससे न सिर्फ वहां की भीड़ बढ़ रही है बल्कि पूरा का पूरा वातावरण, पूरी प्रकृति प्रभावित हो रही है
 
जितने ज्यादा लोग होंगे उतनी अधिक मात्रा में संसाधनों की आवश्यकता होगी और उतना ही अधिक अपशिष्ट एवं अन्य दूषित पदार्थ वहां जमा होगा, जिससे पूरी की पूरी हवा बदल जाएगी या यूँ कहें की बदल रही है |
पहाड़ श्रापित हो रहे हैं, जो हमें शांति दे सकते थें अब वही शोर में समां गए हैं |
यह एक तरीके से प्रलय का आगमन है, जहाँ मानव सभ्यता किंकर्तव्यविमूढ़ हो चुकी है |
सबको बस जश्न मनाना है |
 
नए साल में इस जश्न का रोग और भी अँधा हो जाता है |
लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि नयी तिथि के आगमन का स्वागत कैसे किया जाये |
सभी जश्न मना रहे हैं, पार्टी कर रहे हैं तो हमें भी करना है |
ढेर सारा पैसा खर्च करो, नहीं है तो भी जश्न मनाने के दबाव में पैसा खर्च करो |
जहाँ भीड़ है वहां जाकर भीड़ का हिस्सा बन जाओ और स्वयं को मनोरंजन दो |
 
कितनी बार तो लोगों का चेहरा देखने पर आभास होता है कि अमुक व्यक्ति को कुछ ख़ास आनंद आ नहीं रहा है इस तरीके के मनोरंजन में _परन्तु क्यूंकि यह पता ही नहीं इस नए दिन को कैसे मनाये, इसका स्वागत कैसे करें, तो बाकि दुनिया जैसा कर रही है वैसा काम करने में सम्मलित हो जाओ और उसी जश्न का हिस्सा बन जाओ |
 
यह जानने की कोशिश किये बिना कि क्या इस स्वागत को किसी और तरीके से भी मनाया जा सकता है ? जिसमें जीवन की सार्थकता निहित हो | जिसका उदगम जीवन की बोरियत या उबासी नहीं बल्कि सहजता हो |
 
सहजता एक सतत प्रक्रिया है संवेदना की, जितना व्यक्ति संवेदनशील होगा उतनी ही सहजता उसमें उतरती जाएगी |
जितना असंवेदनशील होगा उतनी असहजता एवं अंधे जश्न को मनाने की तीव्रता का बढ़ती जाएगी |
 
संवेदनशीलता आती है जागरूकता से, जागरूकता यह नहीं की ज़माने में क्या चल रहा है उसके बारे में हमें सब पता है, जागरूकता यह भी नहीं की राजनीती या फिर व्यापर या तकनिकी में आजकल क्या चल रहा है, उसके बारे में भी हमें सबकुछ पता है,
बल्कि जागरूकता है कि यह सब जो चल रहा है वह क्यूँ चल रहा है | क्या यह सब जो चल रहा है उसकी वाकई आवश्यकता हमको है या बस हमें बाज़ार का हिस्सा बनाकर हमारा दोहन किया जा रहा है |
 
जागरूकता है स्वयं का दोहन न होने देने से बचाना, जागरूकता तभी आएगी जब ज़िम्मेदारी होगी और जिम्मेदारी किस बात की जानने और समझने के इच्छा की, तो जब तक इस बात की जिम्मेदारी नहीं की हमें जानना या समझना है तब तक जागरूकता नहीं होगी और जागरूकता के न रहने पर संवेदना भी नहीं रहेगी |
 
एक असंवेदनशील व्यक्ति का जीवन सिर्फ़ उबासी से भरा रहेगा |
उबासी से भरा व्यक्ति उस उबासी को मिटाने के लिए कुछ भी कर सकता है,
वह नदी, पहाड़, मंदिर, धर्मस्थल, आसपास का वातावरण सबकुछ के दोहन के लिए तैयार रहेगा |
वह यह सबकुछ करेगा क्यूंकि उबासी में अशांति होती है, परन्तु व्यक्ति को शांति चाहिए,
वह इन दोहन के तरीके से शांति पाना तो चाहता है, जीवन को सार्थकता में जीना तो चाहता है
परन्तु वह ऐसा करने में अक्षम रहता है,
क्यूंकि शांति तो संवेदना में है, जो आती है जागरूकता से और यह व्यक्ति व्यस्त है मनाने में अँधा जश्न…
 
अब यह हमारे हाथ में है की हम अंधे जश्न का शिकार होते रहते हैं या फिर एक दिन जागरूक होने की कसम खाते हैं और संवेदना को जन्म देते हैं स्वयं के ही अंतर में, जिससे दोहन से अधिक सृजन के भागीदार बनें और बने रह सकें एक पूर्ण इन्सान बने रहने की यात्रा में,
यह यात्रा ही निरंतरता है जिसमें कोई भी अँधा जश्न विलीन हो जाता है…बस चुनना है तो यात्रा का मार्ग…
 
– अमित तिवारी
 
साल बीता, अच्छा बीता, बहुत कुछ मिला, बहुत कुछ फिसला भी, सीख मिली..
_ नए लोग मिले, कुछ से पहचान गाढ़ी हुई, कुछ से फीकी..
_ पढ़ा ख़ूब, लिखा भी, सुना बहुत, बोला भी, कमाया भी, गंवाया भी, मोह हुआ, मोहभंग भी..
_ भावुकता से अतिरेक घटाने में कुछ और सफल रहा..
_ हर बात साझा न करने का प्रयास किया, हर बात पर प्रतिक्रिया न देने का भी..
_ क्या नहीं करना, यह और अच्छे से जाना..
_ समय का मूल्य और अधिक समझा..
_ यात्राएँ की, मीठा कम किया, स्वास्थ्य के प्रति सचेत हुआ..
_ ख़ूब हँसा, रोया भी, ग़लतियाँ की, माफ़ी भी मांगी..
_ कुल मिलाकर थोड़ा और इंसान होने की कोशिश की..!!
 
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कुछ छूट गया, रह गया,
किसी का वादा अधूरा रहा।
किसी की मुलाकात अधूरी रही।
किसी से सोहबत अधूरी रही।
किसी की मोहब्बत अधूरी रही।
किसी की सपने अधूरे रहे।
किसी के अपने अधूरे रहे।
हुए पूरे वो जिन्होंने समय की मांग को भांप कर समय रहते खुद को सचेत कर लिया।
परिवर्तन संसार का नियम है, इसी रीत को आगे बढ़ाते हुए परिवर्तन स्वीकार करते हुए नए साल को दिल खोल के गले लगाइए…..आप कमाल हैं, बेमिसाल हैं, होनहार हैं
आप बहुत खूबसूरत हैं, प्यारे हैं, खुद से प्यार कीजिए…………
इस ऊलजुलूल दुनियां में अपने आप को बचा के रखिए………..खुद को प्राथमिकता दीजिए, खुद से बढ़कर कुछ नहीं (खूब ख्याल रखिए अपना)
तरक्की इतनी भी न कर लीजिए कि अपने लोग नजर ना आएं……दुनिया बहुत छोटी है*
हम आज हैं कल नहीं, जब तक धड़कन चल रही…… मौज काटिए
-मस्त मौला  
 
 

Mental Health – मानसिक स्वास्थ – 2014

दांत टूथपेस्ट- ब्रश से साफ हो जाते हैं..

_तन साबुन -पानी से धुल जाता है..

_मैं इस खोज में हूं कि दिमाग में भरा कचरा कैसे साफ होगा ?

मानसिक स्वास्थ्य [Mental health] आजकल एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है,

_ फिर भी दुर्भाग्यवश, कोई भी सिस्टम इस पर उतना ध्यान नहीं दे रहा है, जितना देना चाहिए..!!

जीवन में सिर्फ ऐसे लोगों को चुनो,

_ जो आपके मानसिक स्वास्थ के लिए अच्छे हों !!

अच्छे लोगों को कभी बड़े या छोटे के दायरे में नहीं रखा जा सकता,

_ उनका अच्छा होना ही बड़ा होना है..!!

ऐसे लोग जो अपने जीवन मूल्यों से समझौता नहीं करते,

_ वे निश्चित ही आज की परिस्थिति में एक विशेष मानसिकता [special mindset] के होते हैं.

विलक्षण व्यक्ति [Eccentric] ताली का भूखा नहीं होता,

_ कभी-कभी सबसे तेज़ चलने वाला दिमाग़ शांत दिखता है.!!

मानसिक रूप से मजबूत लोग दूसरों पर निर्भर नहीं रहते हैं,

_ इसका मतलब है कि वे दूसरों को ख़ुश करने के बजाय खुद को ख़ुश रखते हैं,
_ उन लोगों में अकड़ नहीं होती, बल्कि उनकी सीमायें होती हैं, जिन्हें वो किसी को भी लांघने नहीं देते हैं..!
_ वे हमेशा खुद को बेहतर बनाने और अपने जीवन को जितना संभव हो.. उतना आसान और स्वतंत्र बनाने के तरीके खोजते रहते हैं.!!

माइक्रो लेवल [सूक्ष्म स्तर] पर अपडेट रहना ज़रूरी है.,

_ विभिन्न विषयों की अपडेटेड जानकारी हो तो बात करना, ठोस तरह से बात करना और विषयों को जोड़ना आसान हो जाता है.!!

अमीर बनने के लिए हर चीज में अच्छा बनना जरूरी नहीं है,

_ बल्कि कुछ चीज में अच्छा बनना जरूरी है _ जिसमें आपको कोई हरा नहीं सकता..!!

मानसिक स्तर की गुणवत्ता इस बात से आंकी जाती है कि..

_ आपकी दृष्टि कितनी दूर तक और कितनी गहराई तक जाती है.!!

पर्सनालिटी कैसी है ये महत्वपूर्ण नहीं है, मेंटलिटी कैसी है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है.!!

कम बोलने वाले लोगों की कुछ खूबियां :-

  • जो लोग सामने वाले की बात ध्यान से सुनते हैं और खुद कम बोलते हैं, _ ऐसे लोगों में दूसरों के मन को पढ़ने की छमता बहुत ज्यादा होती है.
  • कम बोलने वाले लोग अधिक समझदार होते हैं, क्योंकि वो तब ही बोलते हैं, जब उन्हें जरुरत होती है.
  • कम बोलने वाले लोग किसी से उलझते नहीं हैं बल्कि किनारे से निकलना पसंद करते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग ज्यादा किसी के मुंह नहीं लगते, इसी कारण इनकी Self Respect मेंटेन रहती है.
  • कम बोलने वाले लोग फ्रेंडली होते हैं, क्योंकि वह दिल के बहुत अच्छे होते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग अकेले रहना पसंद करते हैं क्योंकि इनके Personality में Positive Attitude होता है.
  • कम बोलने वाले लोग बहुत ट्रस्टेबल होते हैं, क्योंकि किसी के सामने _ आपकी बातों को बयां नहीं करते.
  • कम बोलने वाले लोगों में ज्यादा सफल होने की क्वालिटी पाई जाती है, _ क्योंकि ये हवाबाजी नहीं करते.
  • यह लोग अपने ज्यादातर कामों को सीक्रेट तरीके से करते हैं _ और काम पूरा हो जाने पर ही किसी को बताते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग बहुत इंटेलीजेंट होते हैं, _ क्योंकि वह अपनी बातों को एक ही बार में कह देते हैं.
  • कम बोलने वाले लोग _ उन चीज़ों को ‘नहीं’ कहने पर अड़े रहते हैं ; _जो उनके मिशन से मेल नहीं खातीं.!!
  • कम बोलने वाले लोग _ सिर्फ पसंदीदा लोगों के सामने _ ज्यादा बोलते हैं !!!

सफल लोगों की दिनचर्या :–

अगर सफल लोगों की दिनचर्या पर ध्यान देंगे तो आप देखेंगे कि ये लोग कितना भी व्यस्त क्यों न हों, लेकिन हमेशा एनर्जेटिक और मोटिवेटेड होते हैं. दरअसल, ये अपने समय का सही उपयोग करना जानते हैं. सफल लोगों के लछ्य स्पष्ट होते हैं और वे अपने आराम के समय भी कुछ प्रोडक्टिव काम करते हैं. सफल व्यक्ति हर छण को उपयोगी बनाना जानते हैं. ऐसे लोग फ्री टाइम में मेडिटेशन, एक्सरसाइज, फैमिली के साथ समय बिताना, हॉबी को टाइम देना आदि वे सारे काम करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक खुशी मिले और जब वे काम पर लौटें तो ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करें.

जानते हैं ऐसी ही आदतें :—————–>

समझते हैं एक्सरसाइज के लाभ :—————- सफल लोगों की दिनचर्या में एक बात कॉमन होती हैं, वह है नियमित एक्सरसाइज करना. इसमें कोई शक नहीं कि एक्सरसाइज से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं. लछ्य को अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध लोग एक्सरसाइज को मोटिवेशल बूस्टर की तरह देखते हैं. इससे जीवन के हर छेत्र में आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा मिलती है. एक्टिविटीज तनाव दूर करने के साथ एनर्जी लेवल को बूस्ट करने का काम भी करती है. इस तरह एक्सरसाइज करने वाले लोग पूरा दिन स्वयं को लछयों पर फोकस्ड रख पाते हैं.

हर पल को एंजोय करना जानते हैं : ————

सफल लोग अपने काम से वास्तविक रूप से ब्रेक लेना जानते हैं. ऐसे लोग आराम के समय कहीं आउटिंग पर जाना पसंद करते हैं. इससे न केवल मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है, बल्कि प्रोडक्टिविटी एवं ओवरऑल पर्सनेलिटी डेवलपमेंट भी होता है. यदि आप यह सोचते हैं कि वेकेशंस पर जाना समय खराब करना है, तो यह गलत है, बल्कि जब आप छोटे ब्रेक के बाद फिर से काम पर लौटेंगे तो स्वयं को ज्यादा प्रोडक्टिव एवं एनर्जेटिक महसूस करेंगे. साथ ही तनावमुक्त भी रहेंगे.

मानसिक हेल्थ पर देते हैं ध्यान :——————-

मेंटली स्ट्रॉन्ग होने के लिए सफल लोग मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा अवश्य बनाते हैं. _माइंडफुल मेडिटेशन दिमाग को क्लियर करने के साथ नए- नए विचारों की आवाजाही भी बढ़ाता है और मेमोरी पॉवर बढ़ती है. इससे फोकस बढ़ता है और तनाव कम होता है. _इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सफल लोग अपने आराम के समय को मेडिटेशन का फायदा उठाने में खर्च करते हैं. _उनका मानना है कि क्रिएटिविटी बढ़ाने के लिए मेडिटेशन बेस्ट है. इस तरह सोचने की छमता भी बढ़ती है.

पढ़ने की आदत :————–

नियमित पढ़ने के कई सारे फायदे हैं. आप न्यूज़ पेपर, मैगजीन, नॉन फिक्शन बुक्स या फिक्शन बुक्स आदि पढ़ सकते हैं. पढ़ने से आपका शब्द भंडार बढ़ेगा. साथ ही मेमोरी एवं रिंटेशन भी बूस्ट होगा. पढ़ने की आदत से बिज़नेस और कॅरियर के लिए नए विचारों के निर्माण में भी मदद मिलेगी.

सीखने की चाह :————-

सफल लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि सामने वाले व्यक्ति क्या सोचेगा. वे हर समय कुछ न कुछ नया सीखने के लिए लालायित रहते हैं.

भले ही आप अपनी इंडस्ट्री में मास्टर हों, लेकिन तकनीक एवं नए बदलाव लाने के लिए सीखने की आदत को विकसित करना बहुत जरुरी है.

आइए जानते हैं, मानसिक रूप से मजबूत लोगों की कुछ आदतों के बारे में :–

सफल होने के लिए आपका मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरुरी है, तभी आप सभी चुनौतियों का सामना आराम से कर सकते हैं. मानसिक रूप से मजबूत लोग कभी उन चीजों के बारे में परेशान और चिन्तित नहीं होते जो उनके पास नहीं है. ऐसे लोग अपनी विफलता को स्वीकार करते हैं और इससे उन्होंने जो सीखा, उसके लिए शुक्रगुजार होते हैं.

आपको कभी न कभी जिंदगी में मुश्किलों का सामना करना ही पड़ता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप क्या करते हैं और आप कौन हैं. जिंदगी में आपको किसी न किसी मोड़ पर रुकावटों और कठिनाइयों से उबरना ही पड़ता है. यह चुनौतियाँ आपको भले ही दुर्गम लग सकती हैं, लेकिन ऐसा क्या है जो सफल लोगों को या कम से कम जो सफलता की राह पर चल रहे हैं, उन्हें अलग करता है.

वह चीज उनकी काबलियत नहीं बल्कि उनका विश्वास और गिरकर फिर उठने की जिद है. कुछ लोग इसे उनका स्वभाव कहते हैं, लेकिन आमतौर पर इसे मानसिक मजबूती कहा जाता है. ऐसे लोग काबिल होने के साथ ही मानसिक तौर पर बहुत मजबूत भी होते हैं. देखा जाए तो काबिलियत को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है, लेकिन असल में जिंदगी में सफल वही लोग होते हैं जो मानसिक तौर पर मजबूत होते हैं, जो गिरकर दोबारा उठने की हिम्मत करते हैं, अगर आप भी वाकई सफल होना चाहते हैं तो आपको भी दिमागी रूप से खुद को मजबूत बनाना होगा.

आइए जानते हैं, मानसिक रूप से मजबूत लोगों की कुछ आदतों के बारे में :—–

बीते हुए कल से सीखते हैं :—

कोई भी शख्स ऐसा नहीं होता जिससे कभी कोई गलती न हुई हो. कहते हैं कि गलतियां करके ही आप सीखते हैं और सीखकर ही आगे बढ़ते हैं. अगर आप मानसिक रूप से मजबूत होना चाहते हैं तो आपको भी अपनी गलतियों से सीखना चाहिए. आपको बीते हुए कल पर ही नहीं अड़े रहना चाहिए और न ही उसके बारे में सोच- सोचकर अपना आज और आने वाला कल खराब करना चाहिए. इसके इतर आपको बीते हुए कल में की गई अपनी गलती से सीख लेनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आपसे दोबारा ऐसी गलती न हो.

इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं :——————

“High emotional Intelligent” लोगो को मूर्ख बनाना आसान नही है, वो शब्दों की बजाय, energy, mood, body language, आपकी आँखों मे झांक कर आप को पहचान सकते हैं !
_ हो सकता है वो कम बोलते हों.. पर वो notice सब करते हैं।
_ शायद इसी वजह से “high emotional Intelligent” लोग अक्सर अकेले रहते हैं.
सफल लोग इमोशनली इंटेलीजेंट होते हैं.
_ इसका मतलब यह है कि उनमें अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचानने और उन्हें संभालने की छमता होती है.
_ उनकी यह प्रतिभा भी उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाती है.
_ अगर आप भी इमोशनली इंटेलीजेंट बनना चाहते हैं तो आपको अपने अंदर कुछ खास गुण लाने होंगे,
_ जैसे परफेक्शनिस्ट न बनना, वर्क- लाइफ बैलेंस बनाना, आसानी से ध्यान नहीं भटकने देना, अपनी कमियां और ताकत जानना, अपने लिए कठिन सीमाएं तय करना आदि.
_ इन गुणों से आप खुद को इमोशनली इंटेलीजेंट बना सकते हैं या यह जान सकते हैं कि आप इमोशनली इंटेलीजेंट हैं या नहीं.
_ मानसिक मजबूती के लिए यह गुण होना जरुरी हैं.

कभी शिकायत नहीं करते :——————

अधिकतर लोग आसपास की चीजों या लोगों की आलोचनाओं में लगे रहते हैं. वह ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि उन्हें अच्छा लगे, लेकिन वास्तविकता में ऐसा करने से वह और ज्यादा निराश महसूस करते हैं. अगर आप मानसिक मजबूती चाहते हैं तो आपको चीजों को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए. इसके बजाए चीजों को बेहतर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए. शिकायत करने के बजाए समाधान खोजना चाहिए. ये लोग जिंदगी को हमेशा सकारात्मक नजरिए से देखते हैं और नकारात्मकता को खुद पर कभी हावी नहीं होने देते.

फ्लेक्सिबल होते हैं :——————

जो लोग मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, वह अपनी समस्याओं के लिए अलग- अलग समाधान निकाल लेते हैं.

_ साथ ही वह अपनी समस्याओं को अलग और नए तरीके से देखते हैं, जिससे वह उनके लिए हल ढूंढ पाते हैं.

_ वह किसी एक तरह के समाधान पर अड़ते नहीं हैं. वह फ्लेक्सिबल तरीके से काम करने में यकीन रखते हैं और परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालते हैं. इससे वह निश्चित रूप से सफल होते हैं.

_ ये लोग खुद को समय के साथ अपडेट करते हैं, जबकि बाकि लोग हालात के साथ समझौता करते हैं !!

बोरियत से निपटते हैं :————

महान लोगों को अलग करने वाली विशेषताओं में से एक यह है कि वे बोरियत का आनंद लेते हैं ; _ जब वे मूड में नहीं होते हैं या कुछ और करना चाहते हैं तब भी वे दृढ़ रहने को तैयार रहते हैं ; _

सफलता के लिए सबसे बड़ा खतरा बोरियत है, असफलता नहीं.

—– हम अलग-अलग हिस्सों से बने हैं, कुछ अच्छे, कुछ बुरे, और एक स्वस्थ दिमाग इस दुविधा को सहन कर सकता है और एक ही समय में अच्छे और बुरे दोनों को जोड़ सकता है,

_मानसिक बीमारी वास्तव में इस प्रकार के एकीकरण की कमी के बारे में है – हम स्वयं के अस्वीकार्य हिस्सों से संपर्क खो देते हैं. – Alex Michaelides

We are made up of different parts, some good, some bad, and a healthy mind can tolerate this ambivalence and juggle both good and bad at the same time. Mental illness is precisely about a lack of this kind of integration – we end up losing contact with the unacceptable parts of ourselves.       -Alex Michaelides

जिन्दगी बहुत मुश्किल भी नही और बहुत आसान भी नही

हजारों कठिनाइयाँ भी हैं और जटिलताएं भी हैं

लेकिन सारा खेल केवल ” नजरिए ” का है

कि हम कैसे अपनी समस्याओं को देखते हैं, कितनी जल्दी उसमे सुधार के लिए कोशिश करते हैं

और जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए कितनी ताकत झोकते हैं

ये सब नजरिया ही तो है, नजरिया को नजर भी नही लगती

बस अपनी खुशियों की नुमाईश हर जगह करनी नही चाहिए..

खुश रहने वाले लोगों की आदतें : –>

1 – वो लोग दूसरों से कोई उम्मीद नहीं रखते —

अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने किसी काम के लिये दूसरों पर उम्मीद लगाये रखते हैं तो आप दुखी रहेंगे,

अगर आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो आज से ही दूसरों से सभी उम्मीदें करना बंद कर दो !

2 – वो लोग वही काम करते हैं जो उन्हें पसंद है ! —

आज अधिकांश लोग वह काम करते हैं जो दूसरे लोग उनसे करवाते हैं या करने के लिए बोलते हैं, इसलिए वह हमेशा दुखी रहते हैं ;

जो दूसरों के हिसाब से अपनी जिंदगी जीते हैं, वो कुछ समय के लिये तो खुश रह सकते हैं, लेकिन वो अपनी लाइफ से कभी संतुष्ट नहीं रह सकते !

अपनी रुचियों और प्रवृत्तियों को ध्यान में रखना सुनिश्चित करें ; _ आपके लिए क्या आसान है जो दूसरों के लिए कठिन है ?

सफल होना बहुत आसान हो जाता है जब आप कुछ ऐसा कर रहे होते हैं जिसे आप पसंद करते हैं और आनंद लेते हैं.

3 – वो लोग कभी भी नकारात्मक नहीं सोचते —

खुश रहने वाले लोग हमेशा हर Situation में Positive रहते हैं, वो किसी भी परिस्थिति में कभी भी बुरा नहीं सोचते, ना खुद के लिए ना दूसरों के लिए ;

आप जैसा सोचते हो, आपकी जिंदगी भी _ उसी रूप से ही ढलती है !

10 Traits of a high value man

एक उच्च मूल्य वाले व्यक्ति के 10 लक्षण
1. Assertive/ Confident _ दृढ़ / आत्मविश्वासी.
2. Has a purpose and Follows it _ एक उद्देश्य है और इसका अनुसरण करता है.
3. Intentions are clear _ इरादे साफ हैं.
4. Doesn’t chase, Attracts _ पीछा नहीं करता, आकर्षित करता है.
5. Has Self – Respect _ आत्म – सम्मान रखता है.
6. Maintains Frame _ फ्रेम बनाए रखता है.
7. Has Growth Mindset _ विकास की मानसिकता रखता है.
8. Great Social Skills _ बढ़िया सामाजिक कौशल.
9. Understands Female nature _ स्त्री स्वभाव को समझते हैं.
10. Values Healthy Lifestyle _ स्वस्थ जीवन शैली को महत्व देता है.
शांत लोगों से सावधान रहें, वे बहुत सोच समझ कर कदम उठाते हैं ;

आप जितना समझदार होंगे, आप उतना ही कम बोलेंगे ..

जो ज्ञानी हैं ; उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि लोग उन्हें समझें,

_ मात्र अज्ञानी ही खुद को महान दिखाने में लगे रहते हैं !!

यदि आप को कोई मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा है तो _

_ आप को उस से व्यवहारिक तौर पर संपर्क निरस्त कर देने चाहियें !!

जब दिमाग कमजोर होता है तो परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं, _

_ जब दिमाग स्थिर होता है तो परिस्थितियां आसान बन जाती हैं !!

यदि आप बुद्धिमान हो तो, अपनी समस्याएं स्वयं सुलझा लोगे ; सभी समस्याओं को हल करने के लिए बुद्धिमत्ता पर्याप्त है !!

वास्तव में जो भी समस्याएं जीवन में सृजित होती हैं, उस समस्याओं से कहीं अधिक बुद्धि होती है, यह एक उपहार है..!!

जिंदगी में सबसे अच्छा क्या है ?

जिंदगी की सबसे बड़ी चीज है अपने दिमाग को जवान रखना ; कोई उम्र का बढ़ना नहीं रोक सकता, पर अपनी उत्पादकता बढ़ाते हुए उम्रदराज होना कुछ और ही है. _ हम अपनी नासमझी के कारण रोज – रोज मरते हैं.

“*- जीवन में सिर्फ़ ऐसे लोगों को चुनों जो आपके मानसिक स्वास्थ के लिए अच्छे हों !!”

आपका आहार केवल वही नहीं है जो आप खाते हैं.

जैसे – जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आप महसूस करते हैं कि आपका आहार केवल वही नहीं है जो आप खाते हैं, _ बल्कि यह है कि आप क्या देखते हैं, क्या पढ़ते हैं, आप किसका अनुसरण करते हैं और किसके साथ अपना समय बिताते हैं.

इसलिए यदि आपका लक्ष्य स्वस्थ दिमाग रखना है, तो आपको अपने आहार से सभी जंक को हटाकर शुरुआत करनी होगी.

*”दिमाग से मत हारना _फिर ना कोई घटना तोड़ सकेगी ना मौत मार सकेगी..”

अपने आप को उस गंदगी से हटाना, जो लगातार आपके मानसिक स्वास्थ्य को ट्रिगर करती है और आपके दिल को चोट पहुँचाती है, शीर्ष स्तरीय आत्म – देखभाल है.

Removing yourself from shit that continuously triggers your mental health and hurts your heart is top tier self-care.

आप और आपका मानसिक स्वास्थ्य आपके करियर, अधिक पैसा व अन्य लोगों की राय से अधिक महत्वपूर्ण हैं, आपका आत्म-प्रेम हमेशा दूसरों से प्यार करने की आपकी इच्छा से अधिक मजबूत होना चाहिए.

You and your mental health are more important than your career, more money, and other people’s opinions.

Your self- love must always be stronger than your desire to be loved by others.

” जीवन का उद्देश्य समृद्धि नहीं है जैसा कि हमें विश्वास दिलाया गया है, बल्कि आत्म – देखभाल है “

The aim of life is not prosperity as we have been led to believe, but self-care.”

किसी भी दुख, चिंता और भय को इतना महत्व मत दो, कि वो आपकी शक्ति को नष्ट कर दे.

Do not give much importance to any grief, worry and fear, that it destroys your strength.

इस भागती जिंदगी में खुद को समय जरूर दें, वरना एक दिन डॉक्टर आपको समय देंगे, फिर समय भी आपका होगा और पैसा भी आपका.

आपका मानसिक स्वास्थ्य ही सब कुछ है- इसे प्राथमिकता दें.

_ समय को ऐसे बनाएं जैसे आपका जीवन उस पर निर्भर करता है, क्योंकि यह करता है.

Your mental health is everything- prioritize it. Make the time like your life depends on it, because it does.

यदि आप नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक सोच सकते हैं, तो आप जीत जाते हैं.

IF YOU CAN THINK POSITIVE IN NEGATIVE SITUATION, YOU WIN.

“जो बुद्धिमान हैं वे व्यस्त नहीं होंगे, और जो बहुत व्यस्त हैं वे बुद्धिमान नहीं हो सकते।” -लिन युतांग

“Those who are wise won’t be busy, and those who are too busy can’t be wise.” ― Lin Yutang

अपनी मानसिक स्थिति को ‘मैं टूटा हुआ और असहाय हूं’ से _ ‘मैं आगे बढ़ रहा हूं और ठीक हो रहा हूं’ पर स्विच करें और देखें कि आपका जीवन कितनी तेजी से बदलता है.

Switch your mental from i’m broken and helpless to I’m growing and healing and watch how fast your life changes.

खुले दिमाग वाले लोग सही होने की परवाह नहीं करते, वे समझने की परवाह करते हैं. __ कभी भी कोई सही या ग़लत उत्तर नहीं होता. __सब कुछ समझने की बात है.

Open minded people don’t care to be right, they care to understand. There’s never a right or wrong answer. Everything is about understanding.

एक बुद्धिमान व्यक्ति को तब तक नींद नहीं आती जब तक वह अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं खोज लेता.

A wise person cannot sleep unless he uncovers the answers to his questions.

“एक बुद्धिमान व्यक्ति अपना मुँह खाली करने से पहले _अपना दिमाग भरता है.”

“A wise man fills his brain before emptying his mouth.”

एक बुद्धिमान व्यक्ति को दिया गया सम्मान उन लोगों के लिए बहुत अच्छा होता है जो उसका सम्मान करते हैं.

The honor paid to a wise man is a great good for those who honor him.

आपको पता है क्या समस्या है ? आप बहुत ज़्यादा सोचते हो ; आप हमेशा अपने दिमाग में रहते हैं, और आप इससे कभी बाहर नहीं निकलते.

ऐसी चीजें हैं जो आप करना चाहते हैं, जिन लोगों से आप बात करना चाहते हैं, जिन जगहों पर आप जाना चाहते हैं, लेकिन आप सही समय का इंतजार करते रहते हैं.
खैर, मैं आपको रहस्य से बचाता हूं: कोई सही समय नहीं है ; _ यदि आप इसकी प्रतीक्षा करते हैं, तो मुझे डर है कि आप हमेशा के लिए प्रतीक्षा करते रहेंगे.
जीवन अभी है, आप यहां हो, यही है। शुरू करना। हो सकता है कि आप वहां न पहुंचें जहां आप जाना चाहते हैं, लेकिन आप कहीं पहुंच जाएंगे, और मैं यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता कि वह कहां है !
दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं. : – पहला जो अपने सपनों के बारे में कुछ नहीं करता ; _ वे केवल दिवास्वप्न देखते हैं और कभी यात्रा करने का प्रयास नहीं करते.
दूसरे प्रकार के लोग वे होते हैं _ जो अपने सपनों को साकार करने का प्रयास तो करते हैं _ लेकिन बीच में ही हार मान लेते हैं, किसी बिंदु पर, _ वे दुनिया की बाधाओं के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं और हार मान लेते हैं. __ अधिकांश इसी श्रेणी में आते हैं.
और तीसरी तरह के लोग हैं. _ इस तीसरी अवस्था तक बहुत कम लोग पहुँचते हैं. _ ये वे लोग हैं जो कड़ी मेहनत करते रहते हैं, अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रयास करते रहते हैं._ये जिंदगी के सफर में कभी हार नहीं मानते और ये वो लोग हैं _ जो हमेशा खुद को बदलकर दुनिया बदल देते हैं.
बुद्धिमान व्यक्ति में ये 8 लक्षण पाए जाते है। अगर इनमे से आप मे 5 भी है तो आप बुध्दिमान है।

1) बुद्धिमान लोग अकेले रहना पसंद करते है _वे बेवजह दूसरों के साथ रहना पसंद नहीं करते है _और ये बहुत ही कम दोस्त बनाते है _लेकिन जो भी इनके दोस्त होते है _उनका ये जीवन भर साथ देते है _ये लोग अंदर से काफी दयालू होते है.

बुद्धिमान लोगों के औसत व्यक्ति की तुलना में कम दोस्त होते हैं, आप जितने अधिक बुद्धिमान होंगे आप उतने ही अधिक चयनात्मक [ selective ] बनेंगे.

2) बुद्धिमान लोग कम बातें करते है _वे घर वालों से भी कम बातें करते है _क्योंकि उनका दिमाग हर वक़्त किसी ना किसी चीज पर चल रहा होता है _जिसकी वजह ‘से वे सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही बोलते है !

3) बुद्धिमान लोग नए दोस्त बनाने _या किसी भी काम को सोच समझ कर करते है _किसी दूसरे की सुन कर काम नहीं करते _बल्कि खुद अच्छी तरह से ‘समझ लेने के बाद ही किसी काम की शुरुआत करते है !

4) बुद्धिमान व्यक्ति खुद से अधिक बातें करते है और बहुत अधिक सोचते है. ऐसे लोग भीड़ वाली जगह और लड़ाई झगड़े से दूर रहना पसंद करते है. _और फालतू में किसी से बहस करके अपनी एनेर्जी वेस्ट नहीं करते !

5) बुद्धिमान लोग खराब से खराब situation में भी पॉज़िटिव रहते है. वे कभी समस्या के बारे में नहीं सोचते बल्कि समस्या को दूर ‘करने के बारे में सोचते है.

_बुद्धिमान व्यक्ति के आगे आप चुगली करेंगे तो _उनका जवाब ये होगा की _रहने दो उनकी लाइफ है _उन्हें अपने हिसाब से जीने दो !

“आलोचक इधर-उधर घूमते रहते हैं और दूसरों की गलतियाँ होने का इंतज़ार करते हैं. _लेकिन दुनिया के असली कर्ता-धर्ताओं के पास दूसरों की आलोचना करने का समय नहीं है. _वे गलतियाँ करने, सुधार करने, प्रगति करने में बहुत व्यस्त हैं.”

–बुद्धिमान इंसान की एक बहुत बड़ी विशेषता यह होती है, कि वो कभी भी किसी से नाराज़ नहीं रह सकता, _बल्कि प्राप्त अनुभव से सतर्क जरूर हो जाता है.!!

6) हर बुद्धिमान को शुरुआत में ये लगता है कि _ मैं सबका भला चाहता हूँ _ लेकिन मुझे कोई नहीं समझता. _ ऐसा इसलिए होता है _ क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति _ये सोचता है कि _दुनिया की सोच भी उसकी तरह बन जाये. _ लेकिन लोगों की छोटी सोच की वजह से _शुरुआत में सभी लोग बुद्धिमान व्यक्ति को गलत समझते है.

7) बुद्धिमान व्यक्ति बहुत ज्यादा इमोशनल होते है ये छोटी छोटी चीज़ो को गहराई से फील करते है. _ऐसे लोग किसी नए व्यक्ति पर आसानी से यकीन भी नहीं करते _लेकिन 1 बार किसी पर यकीन कर लेते है तो _वो यकीन लंबे समय तक बना रहता है !

8) बुद्धिमान लोग अपने काम मे Improvement करते रहते है _क्योंकि ये अपने काम को हमेशा बेहतर से बेहतर तरीके से करने की कोशिश करते है _और हमेशा दूसरों से सीखते रहते है.

_ बुद्धिमान लोग निरंतरता को इतना महत्व इस कारण देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि निरंतरता ऐसा महान गुण है, जो उनमें कौशल की कमी की भरपाई की कमी कर सकता है…


एक चतुर दिमाग [ A clever mind ] हमेशा जीवन की सच्चाइयों से दूर रहता है.

_यह खुद को बचाने की भी कोशिश करता है.

_एक सुरक्षात्मक दिमाग हमेशा प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में सोचता है.

_अगर हमें कुछ हासिल करना है तो हमें प्रतिस्पर्धी बनना होगा.

_और हम सभी कुछ न कुछ हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए हमें प्रतिस्पर्धी होना होगा.

— प्रतिस्पर्धा हमारे अंदर ईर्ष्या और हिंसा की भावना पैदा करती है.

_और हम इतने आत्मकेंद्रित हो जाते हैं कि प्रकृति का प्रवाह हम तक नहीं पहुंच पाता.

— शुद्ध मन को कुछ नहीं चाहिए.

_यह भविष्य की तलाश नहीं करता.

_यह कभी किसी के खिलाफ नहीं है.

_यह किसी के पक्ष में नहीं है.

_यह न्याय नहीं करता और यह कहीं जाना नहीं चाहता.

— एक शुद्ध हृदय हमेशा यहाँ रहता है और पूरी तरह से खुला होता है.

_यह कोई सुरक्षा नहीं मांगता.

_यह जो कुछ भी आता है उसके प्रति ख़ुशी से असुरक्षित रहता है.

_यदि जीवन आता है तो उसे पूरी तरह से जीता है..

_और यदि कोई कठिन परिस्थिति आती है तो _उसे पूरी तरह से स्वीकार करता है.

सफल लोगों की मानसिकता

The mindset successful people

  1. अपने उद्देश्यों को परिभाषित करें Define your objectives

    2. आत्म जागरूकता Self-awareness

3. हम किस प्रकार का जीवन जीना चाहते हैं, इसके बारे में एक दृष्टिकोण रखना

Having a vision about what kind of life we want to live.

4. अपनी रुचियों को खोजना और उसमें स्वयं को उच्चतम स्तर तक शिक्षित करना

Finding ones interests and educating oneself in that to the highest level.

5. समझ के साथ बदलाव के लिए अनुशासन और लचीलेपन का संतुलन होना

Having a balance of discipline and flexibility to change with the understanding.

जब आप सिद्धांतों [principles] के साथ जीते हैं तो.. आपके पास ऐसे लोग होंगे..

_ जो आपको बर्दाश्त नहीं कर सकते, आपको नापसंद करेंगे..
_ जो इस फैक्ट से खुद को खतरे में महसूस करते हैं कि आपके पास मानक [standard] और सीमाएं हैं.
_ क्योंकि ऐसा व्यक्ति ऐसी रियायतें [concessions] नहीं देता ..जो उसके मूल्यों [values] को धोखा देती है.
_ वह जो विश्वास करता है ..उसके साथ खड़ा रहता है,
_ भले ही दूसरों के साथ मनमुटाव हो..
_ वो अटल है, जमीन पर है, और हर किसी को खुश करने के लिए झुकता नहीं.
_ सच तो यह है कि आपकी आत्म-भावना जितनी मजबूत होगी,
_ उतना ही अधिक आप खुद को उन लोगों से अलग पाएंगे.. जिनके पास इसकी कमी है.
“एक असली आदमी “ना” कहने से नहीं डरता है”
_ वह सतही विचारों से प्रभावित नहीं है, न ही वह सत्यापन [verification] की लालसा करता है,
_ जब आप सिद्धांतों [principles]के अनुसार, एक रेखा खींचते हैं, जिसे कुछ लोग आपके साथ पार नहीं करेंगे.
_ यह उन्हें असुविधाजनक बनाता है, क्योंकि वे आपको हेरफेर नहीं कर सकते,
_ आपको आकर्षित नहीं कर सकते हैं,
_ या आपको उससे कम के लिए व्यवस्थित [arranged] नहीं कर सकते हैं..
..जिसके आप हकदार हैं.
यह कुछ बातें हैं जो इंट्रोवर्ट [introvert- अंतर्मुखी] लोगों के बारे में सच होती हैं:
1. वे सोशल मीडिया पर खुलकर बात कर सकते हैं, हंसी-मज़ाक कर सकते हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में वे बर्फ की तरह सख्त होते हैं।😩
2. वे सड़क पर आपको बिना बात किए गुजर सकते हैं सिर्फ अपनी शर्म के कारण🙍🏻‍♀️। वे हफ्तों तक घर में रह सकते हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता🤦‍♀️
3. वे बहुत ही सोच-समझ कर काम करते हैं, थोड़ा चिपकने वाले, गुस्सैल होते हैं, और जिस व्यक्ति से प्यार करते हैं, उनके साथ रोमांटिक होते हैं। वे मुश्किल से प्यार करते हैं, लेकिन एक बार कर लें तो पूरी तरह से दिल से उस व्यक्ति के होते हैं😘
4. वे शायद ही धोखा देते हैं💯
5. वे बहुत संवेदनशील होते हैं, आप उन्हें देख पाए इससे पहले, वे आपको देख चुके होते हैं।
6. वे लोगों के मन को पढ़ सकते हैं इससे पहले कि आप कुछ कहें।
7. वे कम दोस्त बनाते हैं और किसी भी गतिविधियों में शामिल होने में कम रुचि रखते हैं।
8. वे बहुत भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहने में असहज होते हैं, और अकेले रहना पसंद करते हैं👌🏽
9. वे लोगों के बीच कम बात करते हैं लेकिन अपने प्यारे लोगों के साथ बात करने में बहुत खुश होते हैं।
10. लोग उन्हें अकसर घमंडी समझते हैं, लेकिन वे घमंडी नहीं होते हैं।
11. वे बहुत कुछ सह सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें आप पर गुस्सा आ जाए या आप उनका मज़ाक उड़ाएं, तो एक बार जब वे फैसला कर लें, तो आप उन्हें खो सकते हैं ✌🏽
12. वे बहुत भावुक होते हैं😥। वे बुरी बातें बहुत देर तक याद रखते हैं, जिन्हें किसी ने उनके साथ किया हो🌝
13. वे अपनी समस्याओं को किसी से साझा करना पसंद नहीं करते और किसी से मदद नहीं मांगते चाहे वे कितनी भी मुश्किल में हों😒
14. आप उन्हें अच्छे से जानने के बाद ही समझ सकते हैं कि वे कैसे होते हैं। वे अप्रत्याशित और जिद्दी होते हैं😎
15. वे शायद ही किसी से दोस्ती करते हैं।
16. उन्हें धोखा सहन नहीं होता। अगर वे किसी से धोखा खाते हैं, तो वे हमेशा के लिए उस व्यक्ति से नफरत कर सकते हैं।
अगर आप इस तालिका में शामिल हैं, तो यहां आकर खुद को पहचानिए !
एक मेहनती आदमी के साथ रिश्ते में होना हर किसी के लिए नहीं है.

_ इसलिए आजकल कुछ महिलाएं ऐसे पुरुषों में रुचि रखती हैं जिनके पास कोई जीवन दृष्टिकोण [Perspective] नहीं होता.
_ एक मेहनती आदमी के साथ रिश्ते में होना.. यह समझने जैसा है कि वह हमेशा आपके लिए उपलब्ध नहीं हो सकता.
_ आप सोच सकते हैं कि कभी-कभी वह रिश्ते में पूरी तरह से निवेशित नहीं दिखाई देंगे, लेकिन यह सच नहीं है,
_ बल्कि इसके विपरीत है, वह हर सुबह उठते हैं और हर मौके पर कड़ी मेहनत करते हैं ताकि आपके लिए एक स्थिर भविष्य बना सकें.
_ आपको यह समझना होगा कि कुछ दिन ऐसे होंगे जब वह शायद थके हुए होंगे और उन्हें नहा लेने का भी समय नहीं मिलेगा,
_ उन्हें बिस्तर पर जाकर सोना होगा ताकि अगले दिन फिर से शुरुआत कर सकें.
_ इस तरह के आदमी को कभी हल्के में न लें.
_ वह शायद थोड़ा rough लगे, उसके हाथ कसे हुए और शर्ट पर तेल के दाग हों,
_ लेकिन यह आदमी आपको ऐसी मोहब्बत देगा.. जिसे आपने कभी पहले नहीं महसूस किया होगा.
_ तो उन मेहनती आदमियों के लिए जो अपनी जिंदगी की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए हर सुबह उठकर अपने परिवार के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके लिए यह संदेश है.!!

अकेलापन – Loneliness – Anxiety- Stress – Tension – एकाकीपन – सूनापन – अकेला – एकाकी – एकांत – उदास- उदासी- उदासीनता – मायूस – मायूसी – दिमागी घुटन – मानसिक अवसाद – स्ट्रेस – टेंशन – इमोशनल – 2012

*–वो क्या है जिसे हम अकेलापन कहते हैं.

_ यह केवल दूसरों की अनुपस्थिति नहीं हो सकती,
_ आप अकेले हो सकते हैं और अकेले नहीं,
_ और आप लोगों के बीच रहकर भी अकेले हो सकते हैं. __ तो यह क्या है ?
– Pascal Mercier
 

What is it that we call loneliness. It can’t simply be the absence of others, you can be alone and not lonely, and you can be among people and yet be lonely. So what is it ?–*

– Pascal Mercier

वास्तव में, हम चीजों से कैसे जुड़ते हैं ये मायने रखता है.

_ यह सोशल मीडिया नहीं है जो हमें उदास करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.
_ यह पैसा नहीं है जो हमें दुखी करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.
__यह हमारा साथी नहीं है जो हमें खुश करता है; यह उससे हमारा रिश्ता है.
_अपने आस-पास की दुनिया को बदलने के बजाय, दुनिया के साथ हमारे जुड़ाव के तरीके को बदलना बेहतर हो सकता है.” – Alexander Den Heijer
*– मैं आपको यह बता दूं: यदि आप किसी अकेले व्यक्ति से मिलते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि _ वे आपको क्या कहते हैं,

_ ऐसा इसलिए नहीं है _ क्योंकि वे अकेलेपन का आनंद लेते हैं.
_ ऐसा इसलिए है _ क्योंकि उन्होंने पहले भी दुनिया में घुलने-मिलने की कोशिश की है
_ और लोग उन्हें निराश करते रहे हैं.
_ “अकेलापन एक दर्पण है, और खुद को पहचानता है.”- – Jodi Picoult

Let me tell you this: if you meet a loner, no matter what they tell you,

it’s not because they enjoy solitude.

It’s because they have tried to blend into the world before, and people continue to disappoint them.

“Loneliness is a mirror, and recognizes itself.” – Jodi Picoult

“उदासीनता एक खट्टी-मीठी भावना है; इसमें बीते दिनों की जटिल यादों को याद करने का कार्य शामिल है.

“Nostalgia is a bittersweet emotion; it entails the act of recalling complicated memories of bygone days.” – Kilroy J. Oldster

जैसे-जैसे आप अपने सूनेपन को जीते हैं, आप या तो दुखी या खुश हो सकते हैं.

उस विकल्प का होना ही आपकी स्वतंत्रता है.

As you live out your desolation, you can be either unhappy or happy. Having that choice is what constitutes your freedom.- Milan Kundera

हर आदमी को, कुछ हद तक, दुनिया में अकेला रहना चाहिए. कोई भी हृदय कभी भी उसी साँचे में नहीं ढाला गया जैसा कि हम अपने भीतर धारण करते हैं. – Eric Berne

Every man must, in a measure, be alone in the world. No heart was ever cast in the same mould as that which we bear within us. – Eric Berne

हमारी भावनाओं [ emotions ] को हमारी बुद्धि की तरह ही शिक्षित होने की आवश्यकता है.

_ यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे महसूस करें, कैसे प्रतिक्रिया दें और जीवन को कैसे आने दें _ताकि वह आपको छू सके. – Jim Rohn
 

Our emotions need to be as educated as our intellect. It is important to know how to feel, how to respond, and how to let life in so that it can touch you. – Jim Rohn

अकेलापन स्वयं की गरीबी है; एकांत स्वयं की समृद्धि है. – May Sarton

Loneliness is the poverty of self; solitude is the richness of self. – May Sarton

जब महत्वपूर्ण चीजों की बात आती है तो व्यक्ति हमेशा अकेला रहता है. – May Sarton

When it comes to the important things one is always alone. — May Sarton

एकांत व्यक्तित्व का नमक है. यह हर अनुभव का प्रामाणिक स्वाद सामने लाता है. – May Sarton

Solitude is the salt of personhood. It brings out the authentic flavor of every experience. – May Sarton

हमें अपने भावनात्मक परिवार से परिचित होना चाहिए:

_ हमें अपनी भावनाओं को वैसे ही देखना चाहिए जैसे वे वास्तव में हैं, न कि जैसा हम मानते हैं कि वे हैं.
_ इससे हम पर उनकी सम्मोहक और हानिकारक पकड़ टूट जाती है.
– Vernon Howard
 

We must become acquainted with our emotional household: we must see our feelings as they actually are, not as we assume they are.

This breaks their hypnotic and damaging hold on us. – Vernon Howard

अकेले समय वह होता है जब मैं खुद को दुनिया की आवाजों से दूर कर लेता हूं ताकि मैं अपनी आवाज सुन सकूं. – Oprah Winfrey

Alone time is when I distance myself from the voices of the world so I can hear my own. – Oprah Winfrey

“ऊपरी तौर पर एकांतप्रियता व्यक्ति की उदास और असामाजिक प्रकृति की द्योतक प्रतीत हो सकती है ;

_ लेकिन सच्चाई यह है कि इसका कारण अक्सर व्यक्ति का बहुत ज़्यादा स्नेहभरा, प्रेमभरा विनम्र हृदय होता है –
_ जो आसपास की दुनिया में वैसी भावनाएं न पाकर एकांत और कल्पना की दुनिया में संतोष ढूंढने लगता है”

– ज्यां-जाक रूसो

जब आप अपने शरीर को अपने मन का ख़याल रखने के लिए प्रयोग में लाना सीख जायेंगे, तब आप उदासी को कंधे पर लाद कर चलते हुए भी थकेंगे नहीं.

_ आपका लछ्य जीवन में सहजता को पाना है, सिर्फ साधनों को नहीं; पैसा, ओहदा – ये सिर्फ साधन हैं, सहजता आती है आपकी मनःस्थिति से..

— Gaurav Upadhyay

लोग सोचते हैं कि अकेले रहना आपको अकेला बना देता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह सच है.

_ गलत लोगों से घिरा रहना दुनिया की सबसे अकेली चीज़ है.

People think being alone makes you lonely, but I don’t think that’s true.Being surrounded by the wrong people is the loneliest thing in the world.

अकेलापन जीवन में सुंदरता जोड़ता है, यह सूर्यास्त को एक विशेष चमक देता है और रात की हवा को बेहतर बनाता है..!!

Loneliness adds beauty to life. It puts a special burn on sunsets and makes night air smell better..
एक वक्त बाद अकेलापन में ही सुकून मिलने लगता है,

_ फिर किसीकी दखलंदाजी करने पर अच्छा नहीं लगता है…!

– एकांत के तीन रूप हैं :- 1. अकेलापन, 2. एकांत, 3. केवल्य

तीनों में क्या फर्क है ?

अकेलेपन में दूसरा मौजूद रहता है, यानी कोई दूसरे की कमी खलती है.

एकांत में दूसरा नहीं स्वयं में रस लेता है, ध्यान रहे, अकेलापन सदा उदासी लाता है, एकांत आनंद लाता है।वे उनके लक्षण हैं।
अगर आप घड़ीभर एकांत में रह जाएं, तो आपका रोआं-रोआं आनंद की पुलक से भर जाएगा।
और आप घड़ी भर अकेलेपन में रह जाएं, तो आपका रोआं-रोआं थका और उदास, और कुम्हलाए हुए पत्तों की तरह आप झुक जाएंगे।
अकेलेपन में उदासी पकड़ती है, क्योंकि अकेलेपन में दूसरों की याद आती है।
– एकांत में आनंद आ जाता है, क्योंकि एकांत में रब से मिलन होता है, वही आनंद है, और कोई आनंद नहीं है.
केवल्य में दूसरा भी नहीं, स्वयं भी नहीं, दोनों चले गए, अब सिर्फ अस्तित्व है. उसमें ही आनंद है.
 
—————-अकेलेपन का मतलब अकेले रहना नहीं है, _ अकेलेपन का अर्थ आप जो भी हैं, आप वहां वापस जा सकते हैं.
_ अकेलेपन का विपरीत साथ नहीं, अपने लौटने की जगह _वापसी है.!!
AG:- 64 – ओशो
*–वो क्या है जिसे हम अकेलापन कहते हैं.

_ यह केवल दूसरों की अनुपस्थिति नहीं हो सकती,
_ आप अकेले हो सकते हैं और अकेले नहीं,
_ और आप लोगों के बीच रहकर भी अकेले हो सकते हैं. __ तो यह क्या है ?
– Pascal Mercier
 

What is it that we call loneliness. It can’t simply be the absence of others, you can be alone and not lonely, and you can be among people and yet be lonely. So what is it ?- Pascal Mercier

आप किसी से प्यार कर सकते हैं और फिर भी उसे अलविदा कहना चुन सकते हैं._ आप हर दिन एक व्यक्ति को याद कर सकते हैं, और फिर भी खुश हैं कि वह अब आपके जीवन में नहीं है. – Tara Westover

You can love someone and still choose to say goodbye to them. You can miss a person every day, and still be glad that they are no longer in your life. – Tara Westover

 
“जीवन के सबसे अनमोल क्षण पूरी तरह शोर-शराबे वाले या हंगामेदार नहीं होते.”

_एकांत, मौन और स्थिरता के अपने गुण हैं.

उदासी का आकार कम नहीं होने वाला, आपको उसके आस-पास ख़ुशियों और उम्मीदों का एक बड़ा घर बनाना है ..ताकि उदासी छोटी लगे..!!
सोचा था ‘थोड़े ही होंगे’, यहां तो पूरी एक दुनिया है ‘उदास लोगों की’..!!
एक दौर उदासी में बिताने के बाद.. हमे उदास रहने की आदत हो जाती है,

_ तब हम ढूंढते है एक छोटा सा बहाना, ढूंढते है बस एक राई का दाना.. जिसे हम बना सकें पहाड़,
_ अपने आपको धोखा देने के लिये, सबकुछ पाने के बाद भी उदास रहने के लिये..!!
उदासी यानी अतीत में मन __ तनाव यानी भविष्य में मन __ शान्ति यानी वर्तमान में मन..
कभी – कभी अपने ही अपनों का ऐसा तमाशा बनाते हैं, _ कि वो अपना कहलाने के लायक ही नहीं रहते ,,,!

— ” मैं अपनों का सोचता था…उन्होंने मुझे अपना सोचने पर मजबूर कर दिया.!!!”

“यह पूछने के बजाय कि मैं किसी के जीवन में कहां खड़ा हूं, मुझे अकेले रहना बेहतर लगा..”

कभी-कभी मैं अकेले समय बिताता हूं क्योंकि _हर दिन लोगों से _वही निरर्थक बातचीत सुनने कि इच्छा नहीं होती है.

क्यूंकि खुद से जीतने की जिद है मुझे, खुद को ही हराना है, मैं भीड़ नहीं हूँ दुनिया की, मेरे अंदर एक जमाना है.

मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,

_ इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है”

*–” जो रिश्ता आपसे आपका स्वाभिमान छीन ले, वो रिश्ता _ रिश्ता नहीं, घुटन है..*

*–मैं सब के साथ रहता हूं और फिर भी मैं अपने अकेलेपन का आनंद लेता हूं..*

*-मैं अकेला ही काफ़ी हूँ, काफ़ी वक़्त लगा था ये बात समझाने में..!!*

*_ जो आपकी बात सब्र और इत्मीनान से सुने, _बिना आपको जज किए..
_ऐसे लोग बहुत मुश्किल से मिलते हैं..!!

रिश्ते तो बहुतों से हैं, फिर भी अकेले हैं.!

_ ज़िन्दगी का आनंद अकेले रहने में ही है..!!
अब मैं अकेले में मुस्कुराता हूँ, मेरा दृष्टिकोण बदल गया है.

_ ‘कुछ तो हुआ है’ कुछ हो गया है..!!

_ पता नहीं क्या बदला है, पर अब कुछ पहले जैसा नहीं है.!!

मुझे अकेले रहने से डर लगता था,

_ जब तक मुझे एहसास नहीं हुआ कि एकांत ख़ालीपन नहीं है.!!

अकेलेपन की दुनिया में रहना ही पड़े तो रहूँगा,

_ मगर ऐसे नहीं जैसे बेचारा…
_ क्योंकि मेरी समस्त यादें सताई हुई नहीं हैं..!!
दुआओं का काफिला चलता है मेरे साथ,

_ तकदीर से कह देना कि मैं अकेला नहीं हूं..!!

कभी-कभी लोगों के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस होता है.

_ बस आपका आंतरिक स्वंय ही आपका सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है.

Sometimes staying with people still feels alone.

Just your inner self can be your best friend.

“मुझे अकेले रहना पसंद है;

_ इस तरह, कोई भी मुझे परेशान नहीं करता है,
_ क्योंकि हर कोई हमेशा एक ही विषय पर वापस आता है,
_ कैसे सब कुछ गलत हो जाता है, कैसे सब कुछ सही हो जाता है;
_ एक ऐसा सोचता है, दूसरा ऐसा सोचता है… वे हमेशा समाप्त होते हैं ..
_ वे वही कहते हैं जिसमें उनकी व्यक्तिगत रुचि होती है.
_ लेकिन आज मैं उससे जुड़ाव महसूस नहीं करता,
_ उनकी चिंताएं, लक्ष्य, इच्छाएं हैं ..जो मुझे समझ नहीं आतीं.
यदि हम अपने जीवन का सबसे मुश्किल समय अकेले निकाल सकते हैं तो..

.. हम अपना पूरा जीवन भी अकेले निकाल सकने का दम रखते हैं.

विचारों को विचार से काटने की कला जिसने सीख ली,

_ समझना चाहिए कि उसने मानसिक उलझनों को सुलझाने का रहस्य सीख लिया.

हर एकाकी व्यक्ति दुखी नहीं होता, और हर उदासी मदद की पुकार नहीं होती,
_ कई बार लोग अपनी तन्हाई को खुद चुनते हैं, वो उन्हें सुकून देती है, सोचने और महसूस करने की जगह देती है,
_ ऐसे में बिना समझे, सिर्फ मदद के नाम पर उनके उस निजी संसार में दखल देना गलत हो सकता है..!!
भेंड़ बने रहना सुविधाजनक है ..

_ किंतु अकेले अपना मत रखना बुरा..यह बात और है कि मैं भेंड़ नहीं हूं ..
_ न तब, न अब.._ गलत ही सही ..पर मेरा अपना मत है, विचार है, जीवनशैली है..
_ मैं किसी को खुश करने के लिए नहीं बोलता हूं ..न किसी के नाराज़ होने के डर से चुप होता हूं.
_ मैं तो बरसों से अकेला हूं..
_ बस मेरी सोच और मेरी अंतरात्मा ही मेरी साथी है..
_ और उसे तो मैं किसी दबाव में आकर नहीं छोड़ने वाला हूं..
 
कोई कितना भी करीब हो… एक वक्त आने पर वे महसूस करा देंगे कि.. उनके जीवन में आपका महत्व नहीं है,
_ आप अकेले हैं, उन्हें आपके होने न होने से फ़र्क नहीं पड़ता,
_ किसी से आसक्त होना वास्तव में एक भूल है,
_ लोग आपसे बात करके केवल अपने खाली समय को भरते हैं, अपनी भावनाएं सदैव निजी रखें..!
नई शुरुआत करना ठीक है, आगे बढ़ना ठीक है.

_ “नहीं” कहना ठीक है, अकेला रहना ठीक है।
— “जो ठीक नहीं है’, वह है उस रिश्ते में बने रहना.. जहाँ आप खुश नहीं हैं,
_ जहां आपकी कद्र नहीं की जाती, या जहां आपको अहमियत नहीं दी जाती.
_ ऐसे रिश्ते में रहना सिर्फ आपकी आत्मा को थकाता है, आपकी रोशनी को मंद करता है, और उस प्यार और शांति से आप को वंचित करता है.. जिसके आप सच में हकदार हैं.
_हमेशा अपने आप को चुनें, और कभी भी खुद से कम के लिए समझौता न करें.!!
 
आप इतने बेहतर हो कि आपको चाहने के लिए हजारों लोग हैं,
_ क्यों आप इतने डिपेंडेंट होते है कि इस एक व्यक्ति के अलावा कोई है ही नही मेरा इस दुनिया में..!
_ किसी एक व्यक्ति को दुनिया बना लेना अच्छी बात नहीं है.
_ हो सकता है वो आपको दुनिया मे फिट है.. मगर आप उसकी दुनिया मे फिट नही बैठते हो.
_ इसलिए खुद को समझाओ और नई जिंदगी शुरू करो.
_ वो अफसाना.. जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन.
_ उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा..!!
 
— सबकुछ हमारी इच्छा के अनुसार हो, ये जरूरी थोड़े है.
_ ये दुनिया केवल हमारे अकेले के लिए थोड़े बनी है, जो हम चाहेंगे वैसा ही होगा.
_ एडजस्ट करना सीखिये, परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालना सीखिये.
_ अगर बात बात पर खिन्नता अनुभव करोगे तो लोग हमें अपनी दुनिया से बाहर निकाल फेंकेगे.
_ “ये जिंदगी है” यहाँ खुद को परिस्थिति अनुसार बदलना पड़ता है, एडजस्ट करना पड़ता है.
_ कभी नापसंद सुनना पड़ता है, नापसंद खाना भी खाना पड़ता है, नापसंद लोगों के साथ वक़्त भी बिताना पड़ता है.!!
अकेलेपन को बोझ समझने के बजाय, _ उसे अपनी रचनात्मकता व बौद्धिकता से जीवंत बनाएं.”

– जब आप अकेले में भी मुस्कुराने लगें तो, _ समझ लें कि आप वाकई बहुत खुश हैं -“

एकांत आपकी मजबूरी नहीं बल्कि आपकी पसंद होनी चाहिए ;

_ स्वीकारोक्ति के बिना आप एकांत के सुख का आनंद कभी नहीं पा सकते..!!

अकेलापन तब महसूस नहीं होता, जब आप अकेले होते हो._

_ बल्कि तब महसूस होता है, जब कोई आपकी परवाह नहीं करता !

ज़िंदगी में जितना जल्दी हो सके अकेले रहना सीख लीजिए..

_ क्योंकि लोग तो आपको निराश करेंगे ही करेंगे..!!

अकेले जीना भी सीखना चाहिए और अकेले जीने का अनुभव भी होना चाहिए..

_ जीवन में कब कौन साथ छोड़ दे कोई भरोसा नहीं.!!

जब किसी इंसान को भरोसा करने की बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़े,

_ तब इंसान अकेलेपन में जीना सीख ही लेता है.!!

किसी ऐसे व्यक्ति से उलझने की भूल मत करना.. जो अकेले रहने से ना डरता हो,

_ वरना हार हर बार आपकी ही होगी..!!

लोग आएंगे और जाएंगे, लेकिन आपको सीखना है कि अकेले कैसे रहना है..

_ बिना अकेलापन महसूस किए..!!

भावुक [emotional] इंसान लगाव के चलते स्वार्थी रिश्तों के पीछे भाग कर ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बर्बाद कर लेता है.!!
ज़िन्दगी के समुन्द्र में भावनाओं में मत बहिए..

_ बल्कि अपने दिमाग से तैरना भी सीखिए.!!

समेट कर अपना सारा खालीपन..

_ अब वक़्त हैं नए सफ़र पर चल देने का.!!

जीवन का ये मर्म है, ए मेरे दोस्त..

_ किसी के साथ होकर भी अकेले जीना है..
_ बड़े शहरों और बड़ी ईमारतों के बीच एक दिन काम और नाम तो बेइंतहा कर लोगे तुम..
_ लेकिन अकेलेपन की इन दीवारों को नकली मुस्कुराहटों से ना तोड़ पाओगे..
_ फिर एक वक़्त ऐसा भी आएगा..
_ उन दीवारों से मोहब्बत कर बैठोगे ….”
– अकेले खड़े होने का साहस रखो,
_ लोग ज्ञान देते हैं साथ नहीं..”
 
मन की दुनिया भी विचित्र होती है.
_ अनेक उपलब्धियों के बावजूद हम सब भीतर से अकेले और पीड़ित हैं.
_ बंधन में होते हैं तो मुक्ति की कामना करते हैं और मुक्त होने पर कहीं बँधने के लिए मन तड़पता रहता है.
_ विचित्र है मन की दुनिया भी.!!
एक समय तक ही आँसु देता हैं दुख, _ फिर परिपक्वता देता है और शब्द छिन लेता है

_ कर देता है मौन…और सीखा देता है एकांत में जीना..

एक उम्र पर आकर हम समझने लगते हैं,, __ कि लोग अकेले रहना _ क्यों पसंद करते हैं !!
दूसरों के पीछे इर्द गिर्द मंडराने से अच्छा है कि ख़ुद को एकांत में समेट लेना..!!
अच्छी संगत अपनाइए, न मिले तो एकांत ही बेहतर है.!!
अकेलापन बनावटी रिश्तों से ज्यादा सुकून देता है..!!
उस अकेलेपन से इंसान को कोई नहीं निकाल सकता..

_ जहां सबसे जुदा होकर भी उसे सुकूं का अहसास होने लगा हो…!

अकेले चलने वाले घमंडी नहीं होते, वो वास्तव में हर काम में अकेले काफी होते हैं..

–” तुम्हारा एकांत ही तुम्हें मनुष्य बना सकता है, _ भीड़ तुम्हें भेड़ बना देगी !!–“

ख़ुद को इतना मजबूत ज़रूर बनाना कि अगर आपको कभी अकेले रहना पड़े तो आप रह पाओ ;

_ क्योंकि लोग अचानक से ही बदल जाते हैं.!!

एक तरफ अकेलापन भी बड़ा उबाऊ लगने लगा है..

_ दुसरी तरफ़ किसी से बात करने का मन भी नहीं करता है.!

उस से कहना हम बरसों से अकेले रहते हैं,

_ तुम ने छोड़ कर कोई कमाल नहीं किया !!

मैं अकेला हूँ और मैं सबकुछ नहीं कर सकता,

इसका मतलब ये थोड़ी की मैं कुछ भी नहीं कर सकता.

जब से सुना वो हर जगह साथ है,

न जाने क्यूँ मुझे अकेलेपन से मोहब्बत हो गई..

अकेले रहने वाले लोग अपने आप में ही सम्पूर्ण महसूस करते हैं,

ये लोग खुद को ही अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं.

#एकांत अकेलापन नहीं है,

यह एक ऐसा एहसास है जिसकी कीमत हर किसी को नहीं पता है..

कुछ छण एकांत में रहना सीखो,

_आपको बहुत सारी महत्वपूर्ण बातों का आभास होगा.

जिंदगी सिर्फ खुशियों का नाम थोड़ी है,, दुख और उदासी भी आएगी,,, इनसे लड़ना चाहिए..
_यू हार नहीं मान लेनी चाहिए.!!
कभी उदास मत रहो जिन्दगी से, अगर मिली है तो जीने के बहाने तलाशो !!
जिस व्यक्ति को अकेले रहने से डर ना लगता हो, वह सबसे ताकतवर व्यक्ति होता है.!!
मनुष्य अपने एकांत में सबसे अधिक सुंदर है और सबसे अधिक सुखी भी..

.. किंतु साधारण मनुष्य यह देख नहीं पाता…. और यदि देखता है तो सह नहीं पाता..

अकेलापन कोई बुराई नहीं है. आप अकेले रह कर भी प्रसन्न, संतुष्ट, व सुखी रह सकते हैं, _ बशर्ते आप को अपने तरीके से जीने का साहस व आत्मविश्वाश हो.,!!
लोगों को आदत बना लेना ही तो सबसे बड़ी बीमारी है,

_ कभी अकेले रहना तो सीखो, फिर ये पूरी दुनिया तुम्हारी है.!!

अकेला जीना सीख लीजिए, क्योंकि कोई कितना भी ख़ास हो, मगर हमेशा साथ नहीं रहेगा ;

_ जीवन का एक पल आएगा, जब आप पूरी तरह अकेले हो जाएंगे..!!

एक वक्त के बाद हमे एहसास होता है कि अकेलापन इतना भी बुरा नहीं..

_ बस आपको स्वयं को अवसाद से बचाए रखने के तमाम तरीके सीखते रहने चाहिए..!

जब भी मन में अशांति उत्पन्न हो, आपका हृदय कहीं न लगता हो, हर तरफ चिंता, अवसाद आपको घेरता हो,

_ तब कुछ समय के लिये एकांत में जायें, मौन रहें, जो जैसा है.. उसे ठीक वैसे ही छोड़ दें, मात्र आप अपने में रहें…!

दुखी हुए बिना अकेले रहना एक जीवंतता है.

Being alone without feeling sad is a vibe.

अकेले जीना मुश्किल है, पर ये अनगिनत संभावनाओं से भरा है.!!
अकेले रहना ___ इस्तेमाल होने से कहीं बेहतर है !!
मनचाहा ‘अकेलापन’ अनचाहे रिश्ते से बेहतर है..!!
लोग जुड़ें, आपस में !! ये संसार अकेलों से भरा पड़ा है !!
मानव मन ऐसा ही है _ जब एकांत में होता है तो भीड़ में आनंद देखता है _

_ और जब भीड़ में होता है तो एकांत की तरफ भागता है.

अकेले का जीवन जी कर भी उसका आनंद लिया जा सकता है.

_ किसी के साथ रहकर भी आनंदित हुआ जा सकता है.
_ _आनंद अकेले या साथ की बात नहीं है..
_ जैसी भी स्थिति हो, उसमें मगन रहने का संकल्प है.
एक ऐसी दुनिया जो लोगों से भरी हुई हो,

_ फिर भी एक बहुत ही अकेली जगह हो सकती है.
_ क्या आप कभी ऐसे कमरे से गुजरे हैं जो लोगों से खचाखच भरा हो..
_ और आपको इतना अकेलापन महसूस हुआ हो कि..
_ आप मुश्किल से अगला कदम उठा सकें ?
भीड़ में खोने से अच्छा है, एकांत में खो जाएं.

एकांत में भले कोई हमको न ढूंढे, हमारा रब तो हमें ढूंढ ही लेगा. _ वह कभी हमें अकेला नहीं रहने देगा.

इस दुनिया के लोगों को जो कोई जान जाता है, वो अकेला हो ही जाता है.!!
फूल हमेशा एकांत में खिलता है और व्यक्ति के अंतःकरण का फूल भी एकांत में खिलता है. _ हर व्यक्ति को अपना एकांत संभालना चाहिए.

कभी कभी अकेले रहना ही ठीक होता है..!! _ ताकि कोई आपका दिल न दुखा सके…!!!

इंसान जब खुद का हो जाता है, उसे एकांत में सबसे ज्यादा मज़ा आता है .!
जीवन अंततः हमे अकेले होने के लिए प्रशिक्षित करता है.

_ ज़िन्दगी जब मायूस होती है तभी महसूस होती है.

जो लोग एकांत पसंद करते हैं, _ उन्हें समझना आसान नहीं होता.
थोड़ा वक़्त लगेगा, पर यकीन मानो, अकेले बहुत सुकून मिलेगा.
जब भरोसे वाला ही धोखा दे जाए तो इंसान अकेले रहना सीख ही जाता है !!
मन जब एकांत चाहता है तो.. बहुत कुछ त्यागना अनिवार्य हो जाता है.!!
अकेले रहने का आनंद लेना सीखें, क्योंकि कोई भी आपके साथ हमेशा के लिए नहीं रहेगा..!

सुंदर विचार जिनके साथ है, वे कभी एकांत में नहीं हैं !!

कितना ठहराव होता है उन लोगों में,

_ अकेले और चुप भी बैठे हों.. तो भी लगता है “कुछ कह रहे हों.!!”

मन उस छोटे से बच्चे की तरह होता है ..जो निराश होने पर दुलराया जाना चाहता है..

_जो उदास होने पर गुदगुदाया जाना चाहता है..
_ जो चाहता है कि वह रूठे तो ..कोई उसे दूध बताशे देकर मनाए..
_ जो वह रोए तो ..कोई उसे थपक कर ..चुप कराए..
_ पर मन नहीं जानता कि ..इतनी बड़ी दुनिया में ..लोगों के पास इतने बड़े बड़े काम हैं कि..
_ वह किसी की उदासी, मायूसी, अकेलेपन याकि दर्द की दवा ढूंढने में वक्त जाया क्योंकर करेंगे !!
 
सतही तौर पर देखा जाए तो हर व्यक्ति खुश ही नज़र आएगा,
_ लेकिन उसके हाव-भाव से हम पहचान ही नहीं पाएंगे कि.. वह दुःखी और अकेला है,
_ हम जीवन के नाटक निभाते-निभाते इतने अभ्यस्त हो चुके हैं कि.. अपने अंदर के भावों को सहजता से छुपा लेते हैं,
_ लेकिन हम सब अंदर ही अंदर डूब रहे हैं दुःख के समंदर में…!!
 
जब भी हमारे अंदर लोगों के लिए तड़प उठती है, रब ऐसी परिस्थिति बनाता है कि हम अकेले रह जाते हैं और खुद के सबसे करीब आ जाते हैं.
_ जब हम खुश और अच्छी ऊर्जा में होते हैं तो लोग हमारी ओर आकर्षित होते हैं,
_ वहीं जब हम दयनीय और दुखी स्थिति में फंस जाते हैं तो वे सभी हमसे दूर हो जाते हैं.
_ हमारे पास जो है, वही हम दूसरों को दे सकते हैं….,
_ इसलिए खुद से प्यार करें, खुद को शक्ति दें और जीवन को पूरी तरह से जिएं.
जिंदगी में उदासीनता आती है.. कभी-कभी.. ये स्वाभाविक है.. लेकिन इसे जितनी जल्दी हो सके दूर कर देना ही बेहतर है.. ये जीने नहीं देती..
लोगों को यह समझने की बहुत जरूरत है कि एक बार अगर कोई इंसान अपना बुरा समय अकेले काट लेता है तो फिर उसे किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.!!
“अच्छी यादें असल में अकेलेपन की साथी होती हैं,

_ जो आपको अकेलेपन से बचाकर रखती हैं.”

सहारों की तलाश में खोए रहने से अच्छा है,

_ आप अकेले आगे बढ़ने की आदत डाल लो.!!

अकेले रहने के लिए हमेशा तैयार रहिए..!

_ क्योंकि जिनसे उम्मीद खत्म हो जाए, उनसे फिर शिकायतें कहां रहती है..!!

जीवन में खुश रहना सीखिए, _ उदास तो लोग कर ही देते हैं..!!
अकेलेपन को दूर करने के लिए हम अप्रभावी और अकुशल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.

We use ineffective and inefficient methods to overcome loneliness.

हमेशा अकेले रहने के लिए तैयार रहें ; _ कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं.

_ आज आप उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, कल आप उनके लिए कुछ भी नहीं हैं और यही वास्तविक जीवन है.

हम जिन बातों को सोचते हुए जिंदगी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा रोते हुए गवां देते है,

_ जिन बातों से अवसाद में चले जाते हैँ,
_ एक समय के बाद जिंदगी ..उन बातों को नजरअंदाज करके जीना सीखा देती है,
_ खैर !…अच्छे या बुरे जैसा कुछ नही होता,
_ बस कभी हम बेहद कमज़ोर होते हैं तो कभी मजबूती से सबकुछ स्वीकार कर लेते है…!
अगर कोई अकेला है तो इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि उसको कोई पसंद नहीं करता_

_ बल्कि वो अकेला इसलिए है क्योंकि उसने दुनिया की औकात जान ली..

अकेला होना मनुष्य का स्वभाव है..जब तक अकेले होने को स्वीकार न करोगे, __ तब तक बेचैनी रहेगी.

— ” यदि आप अकेले सहज महसूस करते हैं, तो आप एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं ” —

हमेशा तैयार रहो, अकेले रहने के लिए, क्योंकि कुछ लोग अचानक बदल जाते हैं,

आज आप जिसके लिए इम्पोर्टेन्ट [ Important ] हो, कल उनके लिए आपकी कोई वैल्यू [ Value ] नहीं रहेगी !!

जब कोई भावुक [emotional] व्यक्ति अपनी भावुकता को खो कर पत्थर बन जाता है तो वह पत्थर से भी ज्यादा पत्थर बन जाता है.
अगर कोई अच्छा साथी न मिले तो अकेले ही राह पर चल दो ;

_आपकी प्रगति में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ रहने से बेहतर है, अकेले रहना..

टूटने के बाद ख़ुद को समेट कर.. फिर से कोशिश करना..

_ बाद में अफ़सोस करने से तो बेहतर ही है..!!

अकेले रहना खूबसूरत है, _ अकेले रहने का मतलब अकेला होना नहीं है ; _

_ इसका अर्थ है कि मन समाज से प्रभावित और दूषित नहीं है..!!!

जो लोग अकेले रहने के आदी हैं वे अकेलेपन से नहीं डरते;

_ वे उस भीड़ का हिस्सा बनने से डरते हैं ..जो शायद उन्हें समझ नहीं पाती..!!

अब शौक़ नहीं किसी महफ़िल का..अब ये अकेलापन ही सुकून देता है..!!
अकेले यानी बिना साथी वाले लोग ही अकेले नहीं होते. प्रायः युगल भी अकेलेपन के शिकार पाए जाते हैं.

Being single is equated with being lonely. But couples get lonely too.

जितनी चमक-दमक बढ़ी है, उतनी ही रिश्तों की दूरियां भी..!

_ सब कुछ होते हुए भी इंसान अकेला है.!!

_ अकेलापन कोई ऐसी चीज़ नहीं, जो इंसान पर थोपी गई हो.

_ ये एक सज़ा है, जिसे हमने खुद चुना है और सबसे अजीब बात ? हमें इसका एहसास भी नहीं है.!!

“कभी-कभी, आपको अकेले बैठने की जरूरत होती है,

_ दुनिया के बारे में भूल जाओ और अपने लिए थोड़ा समय निकालो..!!”

“एक दिन सब ठीक होगा, सब गुजर जाएगा !;”

_ हर सुबह ख़ुद को यही दिलासा देने का क्रम जिजीविषा [desire for survival] बनाएं रखता है ज़िंदगी में !!

आजकल हर इंसान की जिंदगी का ऐसा आलम है कि वह स्वयं को अंदर से अकेला पाता है.. भले ही दुनिया की भीड़ से वह घिरा हो..!!
आपको जीवन में अकेले ही पैदा करके भेजा गया है,

_ जिसका सीधा सा अर्थ है कि आपके ऊपर पहला उत्तरदायित्व स्वयं का ही है,
_ स्वयं प्रसन्न रह कर ही औरों को प्रसन्न रखा जा सकता है.!!
मेरा-तेरा का विचार ही सारे झगड़ों का कारण है.

_ मेरा घर, देश, पत्नी, पति, बेटा, बेटी, और आस्था ;हमारे पास बहुत सारे “मेरे” हैं,
_ और फिर भी लोग इतना अकेला महसूस करते हैं.
मुझे हमेशा ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई मेरे साथ है,

_और मैं खड़े होकर सीधे उसकी आँखों में देख रहा हूँ, और पूछ रहा हूँ.
._ “क्या यही वह शांति है, जिसके लिए मैंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया ?”
_ लेकिन ये सवाल क्या है ?
_ मैंने कभी भी सब कुछ बलिदान नहीं किया;
_ मैंने सिर्फ अपने आप को और अपनी शांति को चुना,
_ लेकिन मैं वह हूं _जो अकेला रह गया हूं _जैसे कि मैंने कुछ गलत किया हो !!
_ क्या मैं खुद को चुन रहा था या अपने अकेलेपन को ?
मैं जितना लोगों को समझता गया, अकेलापन और भी अच्छा लगता गया..
जब हम मौन और एकांत के लिए समय निकालते हैं, तो हम खुद को आराम करने, तरोताजा होने और खुद से दोबारा जुड़ने का मौका देते हैं.

_ हम दुनिया को एक नई रोशनी में देखना शुरू कर सकते हैं और नए विचारों के साथ आ सकते हैं.
_ हम शांति और संतुष्टि की गहरी भावना भी विकसित कर सकते हैं.
_ हमारे व्यस्त जीवन में मौन और एकांत के लिए जगह बनाना आसान नहीं है ;
_ लेकिन ये इसके लायक है.
_ यह एकमात्र तरीका है जिससे हम वास्तव में शांति और खुशी पा सकते हैं.
मैं अकेला तो हूं..

_ परंतु एक सकारात्मक बात यह है कि मुझे किसी के छोड़ जाने का भय नहीं है,
_ और न ही किसी से कोई अनावश्यक उम्मीदें ,,
__ मेरा संपूर्ण समय मुझे ख़ुद के ग्रोथ, शारीरिक मजबूती, मानसिक शांति और लक्ष्यों को अर्जित करने में लगाना है,
_ यही मेरा वर्तमान जीवन का मुख्य उद्देश्य हैं…!!!
_ इस स्वकेंद्रित युग में अपनापन खोजना रेतीले मरुस्थल में पानी की खोज जैसा होते जा रहा है..!!
 
  • कोई नहीं साथ देता जब आप अकेले लड़ रहे होते हो, __ जहां तक कि लोग आपकी दयनीय स्थिति पर हँसते ही हैं_ ” यही सत्य है…!!!”
तुम सब संभाल सकते हो..

_ तुम सब ठीक कर सकते हो..
_ तुम सब कर लोगे..
_ तुम हो तो हमें कुछ सोचने की जरूरत नहीं..
_ तुम, तुम और तुम.
 
—- हमारे अपने ये कह कह के किसी इंसान पर इतना बोझ डाल देते हैं कि..
_ इंसान चाहकर भी कुछ कह नहीं सकता है.
_ उम्मीदों का बोझ इतना मत डालिए कि कोई टूट ही जाए.
_ किसी अपने से उम्मीद लगाने के साथ ज़रूरी है कि उसके कंधे पर हाथ रखे रहा जाए,
_ उससे कहा जाए कोई बात नहीं,
_ अगर कुछ ठीक नहीं भी हुआ _ तो भी हम साथ हैं.
_ एक शख्स रोना चाहता है लेकिन आपकी उम्मीदें उसे रोनें नहीं देती हैं,
_ ये उसके साथ ज़ुल्म है.
_ कोई बिखर जाना चाहता है लेकिन उसके पास कोई एक ऐसा इंसान नहीं होता है..
_जहां वो खुलकर चीखकर रो पाए.
_आपकी ज़रूरत से ज़्यादा उम्मीदें किसी को तोड़ सकती हैं.
__ ऐसा ज़ुल्म न करें..!!
__ अकेले जूझते इंसान की तकलीफ, दर्द महसूस करें..
_ क्योंकि कुछ लोग कुछ कह नहीं पाते बस ख़ामोशी से ख़ाक होते रहते हैं.
आपको किसी की जरूरत नहीं है; आप अकेले ही बेहतर हैं.

_क्योंकि अकेले रहना कभी-कभी आपको हर चीज़ की सच्चाई दिखाता है, जिसमें आपके रिश्ते भी शामिल हैं.
_आप अपने सबसे बुरे डर का सामना करते हैं, और यह आपको निडर बना सकता है.
_अकेलापन आपको तभी खाता है जब आप उसे खुद को खाने देते हैं.
_ यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो कुछ भी आपके सामने नहीं आ सकता..
_क्योंकि आपके पास कोई नहीं है _जो आपको चोट पहुँचा सके _या आपका मन बदल सके.!!
– कभी-कभी अकेले रहना, यहां तक ​​कि सैकड़ों लोगों के बीच भी, _उन लोगों से घिरे रहने से बेहतर है ;
_जो किसी भी समय आपको चोट पहुंचाने के लिए तैयार रहते हैं.
_यहां आम तौर पर सभी लोग एक जैसे हैं, मैं और आप, हम सभी किसी न किसी तरह से टूटे हुए हैं, अकेले किसी चीज़ से गुजर रहे हैं ?
_ साथ ही, हम उन लोगों के लिए रोते हैं जो परवाह नहीं करते,
_ क्या प्यार पाने की भीख मांगने के बजाय अकेलेपन को चुनना बेहतर नहीं है ?
बहुत तकलीफ में भी हों तो हार मत मानिए.. खेलिए. “ज़िंदगी एक खेल है.”

_ जो हार जाते हैं, वो रह कर भी नहीं रहते
._ जो नहीं हारते, वो हार कर भी जीते हुए होते हैं.
_ तकलीफ सिर्फ मन का भाव है.
_ उदासी, एकाकीपन, अकेलापन सब सबके साथ लगे होते हैं, इन्हें लगे रहने दीजिए,
_खुद पर हावी मत होने दीजिए….लड़िए. “जीवन का खेल लड़ाई ही है.”
_ _ फिल्म मेरी जंग का गाना, “ज़िंदगी हर कदम एक नई जंग है… को अपने जीवन का फलसफा बनाइए.
_ यही सच भी है,
_ “ज़िंदगी हर कदम अगर नई जंग न हो तो जीवन में जंग लग जाए.
 
नियम है कि नकारात्मकता जल्दी आकर्षित करती है.!
_ मन जहां जा रहा है उड़ रहा है स्वतंत्र छोड़ दीजिये..
_ लौट कर अपनी जगह आ ही जायेगा..
_ जितना रोकेंगे बांधेंगे उतना परेशान करेगा.!!
 
इस संसार में हर कोई आपकी भावनाओं को समझने के लिए नहीं होता,
_ कुछ बस दिखावा करते हैं कि वो आपके अपने हैं, ये कुछ समय भर का आकर्षण होता है उनका, या फिर समय व्यतीत का उपाय..
_ अपनी भावनाओं को बचा कर रखो, यहां हर व्यक्ति स्वार्थी है, बस अपना सुख देखता है.!!
अपने अकेलेपन को आपको जहरीले लोगों से दोबारा जुड़ने न दें.

_ आप को प्यास लगने के कारण जहर नहीं पीना चाहिए.
_ कोई भी आपको खुश नहीं कर सकता, अगर आप अंदर से खुश नहीं हैं.

Don’t let your loneliness make you reconnect with toxic people.

You shouldn’t drink poison because you are thirsty.

Nobody can make you happy, If you aren’t happy inside.

चाहे आपका सफर कितना भी अकेला क्यों न हो जाए,

_ कभी भी टॉक्सिक लोगों को अपने जीवन में वापस न बुलाएँ !!

अब बड़े-बड़े आलीशान मकान होंगे _ और मन छोटा हो जाएगा,

_ रुतबा तो होगा आपका _ लेकिन आप मुस्कुराने के बहाने ढूंढते रहोगे,
_ महँगे से महँगे कपड़े पहनोगे _ फिर भी आईने में कुछ सूनापन दिखेगा,
_ जिसके लिए आप सब कुछ छोड़ देंगे _ उसके पास आपके लिए समय नहीं होगा.
_ आपकी समझ के चर्चे तो सारी दुनिया में होंगे, पर जो अपना होगा, वह आपको रत्ती भर भी न समझेगा,
_ मैं जानता हूं कि _ये पंक्तियां आपको निराश करती हैं..
_ लेकिन सच्चाई जानने के बाद ही आप ये समझ पाएंगे..!!
_ ” खुद की तलाश क्यों जरुरी है “
_” जीवन सहज क्यों बनाना है “
_ ” कुछ चीजों तक वापिस क्यों लौटना है “
 
यह भी जिंदगी का विस्तार है..
_जो लोगों के बीच से निकलकर एकाकी हो जाता है,
_दुनिया के आवरण को छोड़ता अपने आवरण को ठकता.. अपनी जड़ों में बंधता.. अपनी सांसे मज़बूत करता..
_ धैर्य फिर भी रखना ही होता है _ हर बदलाव को स्वीकार करते तत्परता से डटे रहना होगा..
_ फिर कौन आया कौन गया के सवाल भी ख़त्म
 
आने वाले समय में आदमी के पास सब कुछ होगा, सारी भौतिक सुविधाएं होंगी,
_लेकिन उसकी ज़िंदगी उदास होगी और वो अकेला होगा,
_ लगता है कि बदले मे मन की शांति गिरवी रखनी होगी.
_ बेशक पहले से बेहतर सुविधाओं के साथ जी रहे है,
_ पर कुछ साल बाद उसी पुराने दौर में जानें के लिए प्रार्थना करेंगे.
_अकेलापन बहुत तेजी से महामारी का रूप लेने जा रहा है.
_ क्या महानगर, क्या छोटे नगर, हर घर की यही कहानी होने जा रही है.
_ ये एक बुरी भविष्यवाणी है, लेकिन जो भी इसे समझते हैं, रिश्तों की भाषा जानते हैं _तो ये देख पा रहे हैं कि आदमी न सिर्फ अकेला है, बल्कि उदास भी है.
_ इंगलिश में कहें, मेडिकल भाषा में कहें तो दस साल के बच्चों से लेकर जवान और बुजुर्ग तक अब डिप्रेशन के मरीज बन रहे हैं..
_और दुख का विषय ये है कि हम डिप्रेशन या अवसाद को बीमारी नहीं मानते.
_ बिखरते परिवार, टूटते रिश्ते, सोशल साइट के बढ़ते दबाव से अब ऐसे अनजान मानसिक वायरस सीधे दिमाग में घुस रहे हैं कि आदमी को पता भी नहीं चल रहा कि..
_कब वो सबके बीच रहता हुआ _अकेला हो गया..
 
अक्सर सुनने में आता है कि यहीं खड़े खड़े गिर गया और मर गया..
_ शायद कुछ लोगों ने देखा भी हो..
_ पर यकीन मानिए.. वो अचानक उठा दर्द नही होता.. जिससे इंसान की जान चली जाती है …
_ बहुत दिक्कतें होती है इस जीवन में..
_ ह्रदय और मस्तिष्क हर दर्द और दिक्कतों को झेलता है,, हर दिन हर पल ..
_ जिस दिन उसकी औकात से ज्यादा होता है.. उस दिन आप खत्म…
_ क्योंकि जिम्मेदारियों का बोझ सबसे अधिक होता है ..
_ किसी को एग्जाम में पास होने की चिंता, किसी को जॉब की, किसी को अपनी रोजी रोटी सही चलाने की, किसी को अपनी बहन /बेटी की शादी की तो किसी को निजी रिश्ते में चल रहे उथल पुथल की…
—– ये सब चिंता का विषय है..
_ इसपर जरूर विचार करना चाहिए..
_ पर इसे एक समस्या की तरह ही लेना चाहिए.. लाइलाज बीमारी की तरह नहीं..
_ ज्यादा स्ट्रेस हमें बहुत नुकसान पहुचाता है….
_ ये अपने लिए और अपनों के लिए बहुत पीड़ा दायक है ….
_ क्योंकि लोग तो बस यही देखेंगे और कहेंगे कि कुछ नहीं हुआ.. बस यहीं खड़े खडे गिर गया और मर गया ..
_ इसीलिए समस्याओं को गम्भीरता से लीजिए.. पर परेशान मत होइए..
Loneliness ( अकेलापन ) एक नया गंभीर रोग :

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घर के बाहर शोभा यात्रा निकल रहा रोज, बेंड बाजा बज रहा, भजन हो रहा, आप दिन भर भीड़ में शामिल है, घर में 10 -12 लोग रहते है इसका इस बात से कोई सम्ब्नध नही है की आप अकेले नही है. ‘अकेलापन या लोनलीनेस’ एक गंभीर बीमारी है जिसका सम्ब्नध कई और घातक बीमारियो से है.
 
वर्तमान में चाहकर भी, जिस सिस्टम में हम रहते और जीते है उसपे हमारा कोई नियंत्रण नही है. अब कारण चाहे इंटरनेट हो, पूँजीवाद हो या कोई और, लेकिन इंसानी इतिहास में इंसान इससे ज्यादा आइसोलेटेड ( एकांकी रूप से जुदा /अकेले ) कभी नही रहा है.
 
यही बात रोमेंटिक रिश्ते में भी हावी हो चूका है, आधा लड़ाई इस बात के लिए है की कोई किसी एक को बराबर समय नही दे पा रहा, और दुर्भाग्य से ये घर घर की कहानी है.
 
चूँकि इस तरह का रिसर्च भारत में नही हो रहा _लेकिन ये मैंने बहुत करीब से अनुभव किया है कि _मै जितने लोगो को मिला -देखा हू _लगभग सब अकेले है, _बस इसके लिए कोई शब्दावली नही है या इसको जाहिर करने का कोई स्पेस नही है.
 
शादीशुदा है, रिश्ते में, बच्चे है इस सबसे भी इस अकेलेपन का कोई संबंध नही है. -कारण क्या है ?
 
‘कोर्टिसोल’ एक हारमोन है जिसे हमारा शरीर किसी भी तनाव की स्थिति में निकालता है, और लम्बे समय तक इस हार्मोन के शरीर में बने रहने के कारण – मतलब chronic loneliness ( लम्बे समय तक का अकेलापन ) के कारण चार गंभीर चीजे इससे जुड़ जाती है :
 
हार्ट की बीमारी
स्ट्रोक
एंक्जाइटी
गंभीर डिप्रेशन
 
अब ये जो चार चीजे है _वो दिमाग को कई परतो में गंभीर रूप से ऐसे प्रभावित करती कि _हमारी सोचने और समझने की क्षमता भी धीरे धीरे ख़तम होने लगती है,
हम जिन्दा तो रहते है, सब काम करते है, घर की जिम्मेदारी भी निभाते है _लेकिन एक मशीन सा बन गए होते है.
 
इस बढ़ रहे कोर्टिसोल के कारण भयंकर वजन भी बढ़ने लगता है, मसल कमजोर हो जाता है, और किसी भी चीज में एकाग्र भी नही हो सकते.
अब भले कहने में छोटा लगे की अकेलापन का क्या ? जाके कुछ मस्ती कर लो , या कुछ और चीज में बीजी [ Busy ] हो जाओ तो अकेलापन नही लगेगा —लेकिन ये सतही समाधान है.
 
मै नही जानता किसी को भी जो आज के इस समय में इस गंभीर रोग ‘ अकेलेपन ‘ का शिकार नही,
to be honest , सबके अकेलेपन का सोच सोच के ही मेरे को अजीब सा आइसोलेशन महसूस होता.
 
बाकी क्या –जो चल रहा सो चल रहा। सब चीज कथित रूप से “नार्मल’ है या नार्मल होने के लिए प्रिटेंड ( दिखावा ) कर रहे है.
 
इसके शायद कुछ समाधान/कारक ( मेरे अपने अनुभव से ) के बारे में लिखूंगा…
– मनोज ठगिया
 
एक बार जब आप उस चीज़ पर ध्यान केंद्रित कर लेते हैं जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं तो चिंता [Anxiety] गायब हो जाती है.
[Anxiety disappears once you focus on what you can control.]
 
हाँ, मैं समझता हूं कि जीवन गुलाबों और विलासिता का बिस्तर नहीं है, जहां बिना प्रयास किए सब कुछ अपने आप में मिल जाता है.
_ लेकिन यह हार्ट अटैक, या काम के दबाव, कभी न खत्म होने वाले तनाव, एक प्रतिस्पर्धी दुनिया, सफलता, विफलता, नौकरी असुरक्षा, मानसिक शांति की कमी, किसी भी तरह के उत्पीड़न, या जो कुछ भी “होने की कीमत पर नहीं होना चाहिए.’
–हम सभी के भीतर समाधान है, लेकिन इसे अनुकूलित करना सबसे कठिन है
_एक स्वस्थ, संतुलित जीवन शैली को अपनाते हुए,
मेरा समय, परिवार और दोस्तों के साथ, और शारीरिक कल्याण, ध्यान, योग आदि के लिए हो..,
_और अनावश्यक तनाव, झगड़े, तर्कों से बचना, अति महत्वाकांक्षी होना, राजनीतिक मानसिकता होना (विशेष रूप से अपने प्रियजनों के साथ), तकनीकी, मोबाइल और सोशल मीडिया पर कम निर्भर होना, वर्तमान में रहना, कम उम्मीद करना,
_जो है उसका आनंद लेना, और भविष्य के बारे में जोर देने के बजाय आगे के रास्ते के लिए अच्छी योजना बनाना,,
__आपकी जो भी भूमिका है, आपको अपना समय और कौशल बढ़ाना चाहिए,
_स्वस्थ आदतों को अनुकूलित करना चाहिए, कुछ चंचलता जोड़ना चाहिए,
_और कुछ ऐसा करना चाहिए जो आपके दैनिक दिनचर्या और नियमित कार्य दिवस से पूरी तरह से अलग हो.
_यह जीवन में हार्ट की बीमारी, स्ट्रोक, एंक्जाइटी, गंभीर डिप्रेशन में मदद करता है..!!
 
जैसे-जैसे हम समझदार होते जाते हैं..तब हमें एहसास हो जाता है कि यह दुनिया इमोशन से नही परन्तु प्रैक्टिकल आधार पर चलती है.
_यहां इमोशनल होकर फैसले नही लिए जाते..ये जिंदगी व्यवहारिक एवम समायोजित होकर जीने के लिए ही मिला है… इमोशन के सागर में हम केवल अश्रु रूपी मोती ही पाते हैं.
 
_यदि आप जीवन में किसी को खुद से भी अधिक महत्व देना शुरू कर दिए हैं… तो सम्भल जाईए..
_.. क्योंकि बदले में दर्द, नाउम्मीदी एवमं निराशा के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला और अवसाद के गिरफ्त में जाएंगे सो अलग….!!!
 
…अब किसी का साथ नहीं भाता, दरअसल जब कोई साथ होता है तो..जिंदगी बहुत आसान लगने लगती है और जब वो छोड़ जाते हैं, तो हम जीवन की सबसे निचली पायदान पे पहुंच जाते हैं,
 
_जहां सिवाय दर्द, बेबसी, अवसाद के कुछ नहीं मिलता…_ इसलिए अब एकांत ही अच्छा है.
 
मजबूत बनने का अर्थ ये नहीं होता कि आप भावनाओं को ख़ुद में कभी महसूस ही नहीं करेंगे ;
” अपनी कमजोर भावनाओं पर जब तक आप काम नहीं करेंगे, वो परिस्थितियों के गुलाम बन कर आपके बनते बनाए काम को बार-बार मिटटी में मिला देंगे”
 
“”जो लोग अकेले रहना नहीं जानते, वे हर समय दूसरों से अनुमोदन [ Approval ] और अटेंशन [ Attention ] की भीख मांगते रहते हैं.”
_ आपको अकेले रहना सीखना होगा, चुप रहना सीखना होगा, दूसरे के साथ घुलने-मिलने में सक्षम होना होगा,
_ क्योंकि हर एक के अंदर एक बड़ा अकेलापन रहता है.
_हमारे अंदर एक ऐसी जगह है, जहां हमारे अलावा कोई नहीं जाता.
_ और हमें यह भी नहीं पता कि _यह जगह कैसी है.
_इसलिए हमें एक-दूसरे के अकेलेपन का और एकांत… का सम्मान करना सीखना होगा..!!
 
औरों की नजर में आप तभी तक अच्छे हैं.. जबतक आप उनका हित साध रहे हैं,
_ उन्हें आप अपना समझने की भूल कतई न करें.
_ रही बात अकेले होने की तो.. यहां हर कोई अकेला है,
_ आप इसलिए दुखी हैं कि आपका कोई नहीं.. लेकिन जिनके बहुत से अपने होते हैं सुखी वो भी नहीं हैं.
_ सार यही है कि दुखी सभी हैं.. रब पे अपना अटूट विश्वास और धैर्य बनाए रखें, क्योंकि हर मुश्किल में वही आपकी शक्ति बनेगा और मुश्किल घड़ी से बाहर निकालेगा.
_ दौर चाहे कैसा भी हो, गुजर ही जाता है..!!
 
हर किसी की बात को दिल से लगाना छोड़ दो, क्योंकि कुछ लोग तो जान-बूझकर ऐसी बातें करते हैं, जिनसे आपका मन उदास हो..!!
 
हर शख्स के दिल में एक खामोशी है. [There is a silence in the hearts of each person.]
 
_एक ऐसा स्थान मौजूद है जहां आंतरिक आवाज अंकुरित होने के लिए स्वतंत्र होती है. [A space exists where the inner voice grows free to sprout.]
 
वह स्थान एकान्त में विस्तृत हो जाता है. [That space expands in solitude.]
 
कुछ भी बनाने के लिए – एक कविता, एक पेंटिंग, एक व्यावसायिक विचार या गीत. [To create anything – a poem, a painting, a business idea or song.]
 
इस ख़ामोशी में उस आवाज़ को ढूंढना है जिसके पास दुनिया से कहने के लिए कुछ है. [It is to find the voice in the silence that has something to say the world.]
 
एकांत में, हम मौन में अपने जीवन का गीत सुनना शुरू कर सकते हैं. [In solitude, we may begin to hear in the silence the song of our own lives.]
 
अपनी सारी ऊर्जा और समय उस दीवार को तोड़ने के लिए बचाएं जो आपके दिमाग ने आपके चारों ओर बनाई है.
[ Save all your energies and time for breaking the wall your mind has built around you.]
 
Question : अकेलेपन से कैसे उबरा जाए ?
How to overcome loneliness ?
 
Answer : सबको एक न एक दिन अकेला होना है.
_ इस दुनिया में इंसान अकेला आता है, अकेला जाता है.
_ इस जीवन यात्रा में कुछ लोग राह में मिलते हैं, अपना गंतव्य [ Destination ] आने पर साथ छोड़ देते हैं.
_ यही जीवन का सत्य है _जिसे स्वीकार करना होता है.
_ किसी का साथ होना मात्र संयोग होता है और किसी का बिछड़ना भी..!
_ इसके लिए मनुष्य को मानसिक रूप से हर समय तैयार रहना चाहिए..!!
_ खुश रहने के अनेक उपाय हैं.
_ वे उपाय आपके पास नहीं आएंगे, आप को उनके पास जाना होगा..!!
 
Question : जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो क्या करते हैं ?
Question : जब आप अकेलापन महसूस करते हैं तो क्या करते हैं ?

Answer : मैं किताब, संगीत और हर खूबसूरत चीज़ [ Meditation ] के साथ _खुद की एक छोटी सी दुनिया में _खुद को बंद करने के आनंद को _बहुत तीव्रता से महसूस करता हूं.
_ मुझे याद है कि मैं कैसे जीना चाहता हूं और इसके लिए एक ईमानदार प्रयास करता हूँ,
_ मैं अपना सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए अपना सब कुछ दे रहा हूं.!!
-मैं हवा को, संगीत को सुनता हूं, आकाश, नदियों, पक्षियों को देखता हूं और खूब नाचता हूं.
– मेरी सबसे अच्छी बात यह है कि मेरे बाहर और मेरे अंदर कोई अंतर नहीं है.
– बाहर और भीतर दोनों जगह एक ही चीज महसूस करने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है.
_मैं इसका भरपूर आनंद उठाता हूं और अंदर से सुंदर महसूस करता हूँ.
_ जब हम अंदर से सुंदर महसूस करते हैं तो हर कोई नोटिस करता है.
_ हर कोई हमारे साथ चलना चाहता है.
_ और तब आपको एहसास होता है कि जीवन को सहज बनाना कितना आसान है.
_ दुनिया को सहज बनाना कितना आसान है.
_ हमारे पास साफ करने के लिए चीजें हैं,
_ लेकिन उससे पहले _हमें अपने दिमाग को अनावश्यक विचारों से साफ करना होगा.
_और अपने ऊपर उन चीज़ों का बोझ नहीं डाल सकते,
_ जिनका हमारे लिए कोई उपयोग नहीं है.
_ अब हमें कोई खुरदरापन [ roughness ] महसूस नहीं होता.
_ अतीत की हर चीज़ इस क्षण में विलीन [ merged ] हो जाती है.
_ हम स्वतंत्र महसूस करते हैं.
_ हम निडर महसूस करते हैं.
_हमें प्यार महसूस होता है.
_ मुझको चलने दो अकेला, रास्ता रोका गया तो क़ाफ़िला हो जाऊँगा !!
 
मुझे हमेशा से लगता था कि अकेले रहने वाले लोग बेहद उदास रहते हैं, परंतु मैं बिल्कुल गलत था.
_ अकेलापन सुकून देता है और सबसे बड़ी बात धोखे का डर नहीं रहता, अकेलापन खुद से लड़ना सिखाता है.
_ जब तक मैं खुद से ईमानदार नहीं रहूंगा.. तब तक मैं किसी और के प्रति ईमानदारी नहीं बरत सकता.
_ इंसान जब किसी से धोखा खाता है तो उसकी जिंदगी जहन्नम बन जाती है.
_ फिर उसके घाव एकांत ही भरता हैं.
_ जो इंसान अकेलेपन को साथी बना लिया, वो किसी से भी लड़ने के काबिल हो जाता है.
_ मैंने कई लोगों को इश्क में मरते देखा है.
_ किसी पर अपने से ज्यादा दूसरों पर विश्वास करना.. यह सबसे बड़ी मूर्खता होती है.
_ आप खुद से प्यार करें और खुद पर विश्वास रखें.. इसी में आपकी सबसे बड़ी जीत है.!!
जब लगे कोई नही सुनता, जब लगे कोई आपको सुना रहा है,

_जब लगे आपकी बातों का किसी पर असर नहीं पड़ता,
_जब लगे कोई बात का बतंगड़ बना रहा है।
_जब लगे वह आपको हल्के में ले रहा है ..तो उसे उसके हवाले छोड़ दीजिए,
_ क्योंकि जब उन्हें अपनी बात कहने में या रखने में नही है कोई झिझक ..तो उनको समझाना या समझना भैंस के सामने बिन बजाना है..
_ क़भी ख़ुद से सब बातें करके देखें.
_ क्या क़भी ख़ुद को आपने सुना है ?
_ ‘नही न’ तो आज खुद से बात करके देखिए, मज़ा न आए तो कहना..
_ वो क्या है न हम दूसरों को तवज़्ज़ो देते देते, अपनी तवज़्ज़ो भुल गए हैं..
_ रूठने दीजिए सभी को, ख़ुद को मनाना सीखें..
_ कोई आपसे बात न करे तो ..ख़ुद से बात कीजिए,
_ आप किसी को अच्छे भले न लगते हों, ख़ुद को अच्छा लगें.
_ और क़भी भी किसी को भी आपको हल्के में लेने की हिमाक़त करने न दें.
_ अकेलापन डराता नही है, आपको बहुत कुछ सोचने का मौका देता है.
_ इस एकांत को जितना हो सके उतना जीना सीखें..
_ अपने मस्तिष्क से जुड़ियेगा और ख़ुद को सुनिए ..क्योंकि इससे मधुर संगीत कोई है ही नही.
_ जब ज़िन्दगी और ज़ेहन में विषय, वस्तु, वक़्त, व्यक्ति आपको कमज़ोर करने लगें,
_ तो बेहत्तर यही है कि इन सभी को तिलांजलि दी जाए, ख़ुद को ब्रेक देना सबसे ज्यादा जरूरी..!!
अकेले रहने की क्षमता ही प्रेम करने की क्षमता है.

_यह आपको विरोधाभासी लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है.
_ यह एक अस्तित्वगत सत्य है: केवल वे लोग जो अकेले रहने में सक्षम हैं,
_ वे ही प्रेम करने, साझा करने, और दूसरे व्यक्ति के सबसे गहरे केंद्र तक जाने में सक्षम होते हैं,
—बिना दूसरे को अपना बनाए, बिना दूसरे पर निर्भर हुए, बिना दूसरे को एक वस्तु में बदलते हुए, और बिना दूसरे के प्रति आसक्त हुए..
_ वे दूसरे को पूर्ण स्वतंत्रता देते हैं,
_क्योंकि वे जानते हैं कि यदि दूसरा व्यक्ति उन्हें छोड़कर चला भी जाए, तो वे उतने ही खुश रहेंगे जितने अभी हैं.
_ उनकी खुशी को दूसरा छीन नहीं सकता, क्योंकि उनकी खुशी दूसरे द्वारा दी गई नहीं है.
ऐसी दुनिया में, जहाँ हर कोई दूसरों में अपना घर तलाश कर रहा है,

_ खुद से संबंध स्थापित करना सीखना एक कला है.
[Learning to relate to yourself is an art.]
_ आप को थोड़ा बुरा लग सकता है, लेकिन जीवन की एक सच्चाई यह है : “यहां कुछ भी सदा के लिए नहीं रहता !!”
_ आज आप जिनसे प्रेम करते हैं या तो वे आप को छोड़ देंगे या आप को उन्हें छोड़ना पड़ सकता है या वे बदल जाएंगे !!
_ लोग चौबीस घंटे आप के साथ नहीं रह सकते..
_ हमनें एक ऐसी दुनिया बनाई है, जहाँ सफलता पाने के लिए अपनों से दूर जाना पड़ता है..
_ नये जॉब के लिए या कॉलेज के लिए घर छोड़ना पड़ता है..
_ ज़िन्दगी और लोग बदल जाते हैं, हमारी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं..
— ऐसी स्थिति में, यदि आप ने यह नहीं सीखा कि ” खुद से संबंध कैसे जोड़ें”, [How to connect with yourself] _ तो जब भी कोई आप को छोड़ कर जाएगा,
.. हर बार आप को अकेलापन महसूस होगा !!
— आप को अपने प्रियजनों के लिए ह्रदय के द्वार खुले रखने चाहिए, ताकि वे आप के पास आ सकें और प्रेम का एहसास करा सकें.
_ आप को उनकी संगति का सुख लेना चाहिए, जिनसे आप प्रेम करते हैं, लेकिन आप को यह भी सीखना है कि “अपनी संगति का आनंद कैसे लें”
” अपने जीवन को एक निजी छोटा-सा बगीचा बना लें, जिसमें सभी प्रकार के फूल हों”
_ जैसे कि अपने कुछ शौक़..
_ मैंने एक वीडियो देखा है जिसमें कहा गया है,
_ “तितलियों का पीछा करना बंद करो, _क्योंकि वे उड़ जाएंगी.
_ “इसके बजाय एक सुंदर बगीचा बनाएं, तो तितलियाँ आपके पास आएँगी,
_ और यदि वे न भी आएं, तो भी आपके पास एक सुंदर बगीचा होगा..!!”
_ हां, भले ही आप दुखी हो जाएं या टूट जाएं, कम से कम आपने ऐसे काम किए हैं,
_ जो आप को संतुष्ट कर सकते हैं या आप को खुश कर सकते हैं,
_जो आखिरकार, आप को अपने जीवन में हमेशा के लिए संतुष्ट रखेंगे.
_हमेशा व्यावहारिक रूप से सोचें और खुला दिमाग रखें.
 
हम में से अधिकांश को एक अच्छे दोस्त की जरूरत होती है,
_ एक ऐसे व्यक्ति की जो हमें सुन सके ..और सही विकल्प चुनने में सलाह और हिम्मत दे,
_ बड़े शहरों में दिमागी घुटन, अकेलापन, मानसिक अवसाद बहुत लोगो में है,
_ पर अधिकांश लोग इसको समझते नहीं हैं ..और समझ भी लें तो ..इन भीड़ से भरे शहरों में सब अकेले ही हैं,
_ हेल्थी [healthy] बातचीत करने वालो की बहुत कमी है,
_ एकांत और शांत जगह नहीं मिलती ..कहीं आधा घंटा बैठने के लिये,
_ जॉब, कम वेतन, परिवारिक जिम्मेदारियां, अपने मूल निवास को छोड़कर दूसरे शहरों में बिना अपनो के रहना, ऐसे बहुत से कारण हैं,
_ जिनके चलते ना जाने कितने व्यक्ति तनाव और डिप्रेशन का शिकार हैं,
_ कभी कभी लगता है ..बड़े शहरों में जहाँ इतने कैफे और रेस्टोरेंट खुले हैं,
_ वहां शांत बैठने के लिए या बात करने के लिये भी कोई व्यवस्था होनी चाहिए,
_ जहां कोई अकेला या दो व्यक्ति शांति से बैठ सके बात कर सके, कोई शोर ना हो भीड़ ना हो.
_ दूसरे हम सबको अपने अंदर दूसरों को सुनने की क्षमता जरूर बनानी चाहिए,
_ हमें लोगों से सभ्य और हेल्थी [healthy] बातचीत करते रहना चाहिए.
 
कभी-कभी खुद की तलाश करना भी बेहद जरूरी होता है,
_ क्योंकि आस-पास इतना कुछ घटित हो रहा होता है कि समझ ही नहीं आता कि..
_ करें क्या ?…
_ कुछ पल ऐसा महसूस होता है कि ..लगता ही नहीं कि ज़िन्दगी को जी रहे हैं.
_ मन एकदम भारी भारी सा लगने लगता है.
_ सोशल मीडिया या फेसबुक खोलो तो न कुछ लिखने को दिल चाहता और ना ही कुछ पढ़ने को.
_ बैठे-बैठे या लेटे-लेटे कहीं खो जाना और घण्टों इसी मुद्रा में रहना, ना ही खाने का होश और ना ही नींद का होना.
_ ऐसा प्रतीत होता कि कोई पॉजिटिव एनर्जी बची ही नहीं है.
_ ऐसा महसूस होता कि चारों तरफ एक नेगेटिव एनर्जी का आवरण है.
_ किसी से बात करने की भी इच्छा नहीं होती.
_ कुछ घटनाक्रम भी ऐसे घटित होते कि हमें सोचने पर बहुत कुछ मजबूर कर जाते,
_ हम अनिश्चितताओं की दुनिया में निवास कर रहे हैं,
_ हर कोई अपने सोच के अनुसार एक दुसरे को जज कर रहा हैं,
_ जहां रिश्तों की कोई कीमत नहीं है, ना ही सामने वाले के विचारों से कोई लेना देना.
_हर एक इंसान एक भ्रम में जी रहा है.
_ जहां वो खुद से सवाल कर रहा है और खुद ही जवाब दे रहा है.
_ मायूसियां किस कदर हावी है कि बिल्कुल खामोश सी ज़िन्दगी हो गई है.
_ नाउम्मीद तो नहीं लेकिन बेफ़िक्र भी नहीं हूँ, शायद ये कुछ पलों की अशांति कुछ अच्छा होने की आमद हो.
_ ज़िन्दगी बिल्कुल भी सहज व सरल नहीं है,
_ हर कोई अपनी मुश्किलात से दो-चार है.
_ हम किसी के समस्या को न पूरी तरह जान सकते हैं और ना ही समझ सकते हैं.
_इसलिए हमेशा ये महसूस होता है कि मैं ही क्यों इतना परेशान हूँ,
_ लेकिन जब बाहर निकल कर दुनियां देखते हैं तो ..ये भ्रम टूट जाता है..!!
–हेसाम
 
कभी कभी जिंदगी कितनी आसान लगती है..
_ तो कभी कभी इतनी मुश्किल लगती है कि जीना ही दुश्वार हो जाए…
_ जिंदगी अपने साथ कई रंग लिए फिरती हैं..
_ न जाने कब कौन सा रंग हमारे ऊपर चढ़ जाए….
_ लेकिन कुछ पल या कुछ दिन ऐसे गुजरते हैं.. जब जिंदगी में कोई उथल पुथल ना हो रहा है, एक ढर्रे पर जिंदगी चल रही हो,
_ इसके बावजूद भी उदासीनता हावी हो जाती है,
_ कोई शारीरिक बीमारी या तकलीफ ना होने के बावजूद भी मानसिक रूप से बीमार लगते हैं,
_ अपने चारों तरफ उदासी ही दिखती है क्योंकि खुद भी उदास होते हैं, बिल्कुल अकेला अकेला महसूस होता है….
_ दिल करता है कि यहां से कहीं दूर भागकर चले जाए…
_ ये उदासी इस कदर हावी हो जाती है कि बर्दाश्त के बाहर होने लगता है….
_ कहीं न कहीं ये जीवन के एकरसता के वजह से भी हो सकता है,
_ एक बोझिल और रूटीन सी जिंदगी, जिसमें खुद के लिए वक्त ही नहीं होता और रोजाना एक ही काम से उबने लगते हैं….
_ बस यही जिंदगी है.. जहां ज्यादातर वही होता है जो अपने सोच के विपरीत होता है… जब नकारात्मकता हावी होती है….
_ इसलिए कुछ सकारात्मक लोग हमेशा ही हमारे चारों तरफ होने चाहिए जिनसे हम दिल की हर बात कह सके…..
– हेसाम
 
कितना सुकून है, अकेलेपन में।
_ कितनी आज़ादी मिलती है, खुद के साथ रहने में।
_ जो खुद के साथ अकेले खुश नहीं रह सकता ,
_ जो खुद का साथ नहीं दे सकता,
_ वो किसी और का साथ क्या निभाएगा।
_ मैं खुद का साथ किसी भी मुश्किल में नहीं छोड़ता।
_ ये पहचान है आत्मनिर्भरता की।
_ अकेलापन मेरी कुशलता का प्रमाण है,
_ किसी शिकायत का नहीं।
_ फिर दुनिया क्यों डराती रही मुझे अकेलेपन से।
_ बहुत अरसे बाद जाना है मैंने,
_ कितना सुकून है अकेलेपन में।
— राहुल आर्यन
 
आख़िरकार आपको अपनी ज़िम्मेदारी ख़ुद ही लेनी होगी.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

_ आप जो कुछ भी महसूस करते हैं उसके लिए आपको जिम्मेदार होना होगा.

— अकेला रहना जीवन का एक सत्य है.

_ जितनी जल्दी आप इसे स्वीकार कर लेंगे, जीवन उतना ही आसान हो जाता है.

Eventually you have to take your own responsibility.You have to be responsible for everything you feel.Being alone is a fact of life.The earlier you accept it, the easier the life gets.

कुछ लोगों के लिए अकेलापन एक मिथक है, कुछ लोगों के लिए जीने का तरीका है.

For some people loneliness is a myth, for some that’s the way of living.

अकेला कैसे बनें ?

_ बस कोई भी जो कुछ भी मांगे, उसे अस्वीकार करना शुरू कर दें,

_ आप उनके लिए किसी काम के नहीं रहेंगे और अंततः वे आपसे बिना सवाल पूछे ही चले जाएंगे.

_ आप उन्हें बेवजह जवाब देने या झूठ बोलने से बच जायेंगे. चुनना…

How to become lonely ?

Just start denying for everything anyone ask for, you will be no use for them and eventually they will leave you without asking questions.

You will get saved from giving them unnecessary answers or telling lies. Choose…

अपने मन और भावनाओं को संसाधित करने में अपना समय लें.

[ Take your time on processing your mind and feelings.]
_ जब चीजें डरावनी, कठिन और अनिश्चित हो जाती हैं, तो आप कुछ ऐसा कर सकते हैं या बना सकते हैं ..जो आपको इसे सहने में मदद करेगा.
_ ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं ..जो आप कर सकते हैं,
_ जैसे अपना पसंदीदा खेल खेलना, सैर करना, कहीं से अकेले खाना खाना, मूवी देखना, लंबी नींद लेना और भी बहुत कुछ..
_ किसी तरह, यह आपको शांत महसूस करने और पहले की तुलना में हल्का महसूस करने में मदद करता है.
_ भले ही आप इससे आसानी से बच नहीं सकते, लेकिन आप इसे रोकने का कोई तरीका जरूर बना सकते हैं.
_ मुझे उम्मीद है कि चीजें आपके साथ ठीक हो जाएंगी.
 
 
 

 

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