सुविचार 4150
_और जो आ रहा है; उसका स्वागत करो.
_ “आने वाले का भी स्वागत है.. और जाने वाले का भी स्वागत है”
_और जो आ रहा है; उसका स्वागत करो.
_ “आने वाले का भी स्वागत है.. और जाने वाले का भी स्वागत है”
_अपना भाग्य भी उसी तरह बनाते जाते हैं.
_ पर कोशिश न करने वालों से जीत गया..!
_ हम हार इस कदर जाएंगे कि आप जीत कर भी पछताओगे !!
_ अज्ञानी और झूठे लोग खुद को सही साबित करने के लिए जरुरत से ज्यादा दलीलें पेश करते हैं.
_ तुम में, तुम से, और तुम पर ही मेरी दुनिया पूरी हो जाती है !!
_ सिवाय हमारे डर के हमें कोई और नहीं रोकता, सब कुछ हमारे अंदर ही है..
अपनी योजना के अनुसार अपना जीवन जिएं, न कि उस अनुसार जो दूसरे आपसे चाहते हैं..
_ दूसरे लोग आपके नियंत्रण से बाहर होते हैं..
_हम हँसते हुए खाली डिब्बे की तरह बजते हैं..!!
_ यह अहसास मुझे बहुत बाद में हुआ कि थोड़ा पागल होने में कोई बुराई नहीं है,
_ कभी-कभार बेबात भी हँस लेना चाहिए.
_ (वेरी स्ट्रेंज). धीरे-धीरे हँसने की आदत पड़ जाएगी तो आपकी हँसी चाहे ऊपरी हो, लोग आपसे खुश रहेंगे.