जब ह्रदय संतुष्ट हो तो मन अंतर्दृष्टि, स्पष्टता और विवेक प्राप्त करता है.
मस्त विचार 3960
मैं तुम्हें केवल लिख ही सकता हूँ…
_बोल पाना आज भी मेरे वश की बात नहीं…
सुविचार 4084
रोज कम से कम एक अनजान व्यक्ति को देख कर मुस्कुराएं,
_ताकि वो अपनी सारी समस्याओं को भूल कर ये सोचे कि _आखिर ये था कौन..
मस्त विचार 3959
एक मुद्दत के बाद मुस्कुराए तो ख्याल आया,
_कभी हम यूँ भी खुद को___ अच्छे लगते थे.
मस्त विचार 3958
मुझे जीवन का गणित कभी समझ न आया,
_ ये जीवन शून्य से ऊपर कभी नज़र न आया..
सुविचार 4083
नियति का पहला सिद्धांत है कि हम इसे केवल वर्तमान में ही बदल सकते हैं.
हंसने वालों की “हंसी उड़ते” हम देख चुके हैं, इसलिए किसी पर हंसना नहीं चाहिए.
_हम अपने कर्म का सिद्धांत क्यों बिगाड़ रहे हैं ?
सुविचार 4082
उन लोगों से कैसे बचें जो सब कुछ जानने के बाद भी…
_जो सब कुछ देखकर भी सही को सही नहीं कह पाते हैं ?
— हमारे बीच तमाम लोग होते हैं _जो दूसरों का नुकसान होता रहता है..
_और वो तमाशबीन बने रहते हैं.
_किसी के साथ कुछ भी हो जाए, कितना भी बुरा हो जाए..
_उनको कोई मतलब नहीं..
_दूसरों का नुकसान या बुरा होने के बाद ही _उनका ज्ञान जाग्रत होता है..
_तब वो अपना ज्ञान देते हैं..!!
घमण्डी लोगों से दूर ही रहें, नहीं तो ये लोग आपको हीनता का बोध कराते रहेंगे..
_ और आपको हरदम नीचा दिखाते रहेंगे ;
_ ऐसे लोग अपने अहं के लिए घंटो लड़ सकते हैं, उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं होता कि आप क्या कह रहे हैं ;
_उनकी नजर में सिर्फ वे ही सही होते हैं,
_ वे किसी भी सूरत में अपनी गलती मानने को कभी तैयार नहीं होते,
_जो इनकी हाँ में हाँ मिलाता है, वही इनको अच्छा लगता है.!!
उसके हालात पर भी गौर करें, _जो पूछता है कि “आप कैसे हैं “
यदि नीच व्यक्ति से थोड़ी भी नाराज़गी हो जाए तो, वो या तो आपके भेद सबको बताना शुरू करेगा या आपके दुश्मन के साथ खड़ा हो जाएगा !!
मेरे लिए ज़्यादा मायने रखता है कि आप इंसान कैसे हैं.
_ आदमी नीचा हो जाए तो समस्या है, बाक़ी पसंद अपनी-अपनी.!!
दुनिया बहुत बदल गई है,
_ यदि आप किसी से नाराज़ होंगे तो लोग आप को छोड़ना पसंद करेंगे, मनाना नहीं !!
Collection of Thought 977
You’re going to make mistakes in life. It’s what you do after the mistakes that counts.
आप जीवन में गलतियाँ करने जा रहे हैं, _ गलतियों के बाद आप यही करते हैं जो मायने रखता है.
मस्त विचार 3956
अब दिल नहीं लगता महफ़िलों में,
_क्योंकि अकेला रहने में सुकून मिलने लगा है..
सुविचार 4081
सोच में और समक्ष में वही फर्क है,
_जो हकीकत और ख़्वाब के बीच होता है..!!