सुविचार 4486
‘बेसुध, सुधरी को बिगाड़ देता है,
“बेवकूफ” बिगड़ी को और ज्यादा बिगाड़ देता है,
और ‘समझ़दार’ वो जो बिगड़ी को सुधार देता है.!!
“बेवकूफ” बिगड़ी को और ज्यादा बिगाड़ देता है,
और ‘समझ़दार’ वो जो बिगड़ी को सुधार देता है.!!
मैंने तुम्हारे बगैर जीना सीख लिया है…!!
जबकि हम अपनी बड़ी खुशियों को अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं..
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!
तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था..
पर जब लेना शुरू करती है, तो प्याज़ के छिलके की तरह उतार लेती है..
हमारा आंकलन हमें खुद करना चाहिये..
क्यूँकि वो फ़रिश्ते ही होते हैं जो किसी के चेहरे पर मुस्कान ला पाते हैं.