मस्त विचार 4318
“मौसम की तरह वो बदल गए…,
और फ़सल की तरह हम बरबाद हो गए”
और फ़सल की तरह हम बरबाद हो गए”
_ ये तो जिससे हो गया वो ही सुंदर बन जाता है.!!
अब गैरों पर भरोसा नहीं कर पाता हूँ….!!!
लोग तो पीछे तब आते हैं, जब हम कामयाब होने लगते हैं.
आप अपने बारे में क्या सोचते हैं, यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, _ बजाय दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं.
कोई था मेरा, जो मेरा हुआ ही नहीं !
ज़िंदगी का गुरूर कैसा है..!!
_ बस वो वक़्त लौटा दो, जो तुम्हारे साथ बीता..!!
_ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो..!!