सुविचार 4696

भाषा शरीर का ऐसा अदृश्य अंग है, जिसमें इंसान का सब कुछ दिखाई देता है.

सुविचार 4695

आपके अलावा कोई आपकी परिस्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है,

कोई आपको गुस्सा नहीं दिला सकता और कोई आपको खुश भी नहीं कर सकता.

सुविचार 4694

जो व्यक्ति दुःखों और असफलता को स्वीकार करके निरंतर आगे बढ़ता है,

उसकी सफलता दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.

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