मस्त विचार 3674

कोई नहीं दुश्मन अपना, फिर भी परेशान हूँ मैं,

अपने ही क्यों दे रहे हैं जख्म, इस बात से हैरान हूँ मैं.

सुविचार 3799

हमारी सोच ही हमारे कर्मों का निर्धारण करती है,

इसलिए हमें हमेशा अच्छा ही सोचना चाहिए.

मस्त विचार 3673

लाजमी तो नहीं हर बार सज़ा गुनाह की ही मिले,

कभी – कभी ज्यादा नेकी भी सज़ा लाजवाब दिलाती है.

सुविचार 3797

किसी को सुधारना है तो उसे उसकी गलतियों को नही,

उसकी विशेषताओं की बार-बार याद दिलाओ.

मस्त विचार 3672

मिलते रहे रुलाने वाले, हम बन गये हंसाने वाले.

मन से निर्मल हो नहीं पाते, रोज- रोज गंगा नहाने वाले.

सुविचार 3796

दुश्मन बनाने के लिए जरुरी नहीं कि आप लड़ाई ही करें, बस अपने हक का और सच बोलें, बेशुमार दुश्मन आपके खानदान में ही मिल जायेंगे.
अपने हक के लिए बेशर्म बनो, क्योंकि शर्मीले लोगों का फायदा उठाने वालों को जरा भी शर्म नहीं आती है.

मस्त विचार 3670

ठोकरें नहीं खाएंगे जनाब_ तो कैसे जानेंगे….

_ कि आप पत्थर के बने हैं या शीशे के.

शीशे के घरों पर अभी गरूर है तुम्हें, अभी तुमने उछलते पत्थर नहीं देखे.!!

सुविचार 3795

अतीत के गुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो.

यदि आप प्रतिदिन अपने दायित्वों को पूरा करते हैं तो आपको भविष्य के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

If you fulfill your obligations everyday you don’t need to worry about the future.

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