Collection of Thought 1035
” मधुमक्खी मक्खियों को यह समझाने में अपना समय बर्बाद नहीं करती हैं कि शहद गंदगी से बेहतर है “
” मधुमक्खी मक्खियों को यह समझाने में अपना समय बर्बाद नहीं करती हैं कि शहद गंदगी से बेहतर है “
कभी “फूल” में तो कभी “धूल” में…।।
_ पर काँटों को तो आया नहीं, आज तक फूलों के साथ रह कर भी महकना..!!
उस तालाब की तरह होता है, जो कालांतर में सड़ने लगता है.
जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.
पर वो रूठे नहीं बदल गये हैं..
वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.
हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.
“इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी धीमी गति से चलते हैं, जब तक आप रुकते नहीं हैं, ” कभी हार मत मानो…