मस्त विचार 3536
मैं मंजिल की तलाश में मुशाफिर बना मगर,
_ छोड़ कर अजनवी मोड़ पर “अपने” चले गए !!
_ छोड़ कर अजनवी मोड़ पर “अपने” चले गए !!
_ झूठी अच्छाई का व्यक्ति अपनी अच्छाई को कभी नहीं भूलता ; इस प्रकार उसकी अच्छाई हमेशा झूठी होती है.
_ सोचने के बजाय, मैं क्या कर रहा हूँ, सोचना शुरू कर दीजिए..
_ चला चली के इस मेले में हर शख्स अकेला है.
#नफरत हमेशा जान पहचान वालों से ही होती है.
Nowadays, Strangers help us more than Relatives.
कठिन समय की सबसे अच्छी बात यह है कि _ आपको हर किसी के असली रंग देखने को मिलते हैं.
_ जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है ।।