सुविचार 4579

शब्दों की ताकत को कम नहीं समझना चाहिए, एक छोटा सा हां और एक छोटी सी ना,,,

पूरा जीवन बदलने की ताकत रखते हैं.

सुविचार 4578

हर चीज का आरंभ अभ्यास से होता है, समय के साथ यह अभ्यास जीवनशैली बन जाता है और जीवनशैली नियति की ओर ले जाती है.

सुविचार 4577

सुखद अनुभव के लिए भीड़ की जरुरत नहीं होती है.!!
हम अपने अनुभवों से औरों को सिखाना चाहते हैं कि रास्ते में आने वाले गड्ढों में गिरने से कैसे बचा जा सकता है..

_लेकिन हर कोई गड्ढों में खुद गिर कर अपने अनुभवों से सीखना चाहता है.!!
यह बहुत गहरी और कड़वी सच्चाई है —जब अनुभव बार-बार निराशा दे तो भरोसे की ज़मीन डगमगा जाती है.

_ ऐसा लगने लगता है कि अब किसी पर विश्वास करना ही भूल गए हैं.
लेकिन यहाँ दो बातें हैं:
1. भरोसेमंद इंसान ढूँढना ज़रूरी नहीं है — सबसे बड़ा सहारा आपका अपना भीतर का भरोसा है.
2. सीमाएँ बनाना ही सुरक्षा है — जब आप खुद तय करते हैं कि कितना साझा करना है और किससे, तब बाहर की दुनिया आपके भीतर को चोट नहीं पहुँचा पाती..
_ “जब बाहर भरोसा टूट जाए, तब भीतर की आवाज़ ही मेरा सबसे सच्चा सहारा बन जाती है”
_ “जब कोई भरोसेमंद न लगे, तब मेरी अपनी अंतरात्मा ही मेरा सबसे सच्चा सहारा है”
“अब लगता है कि कोई भी भरोसेमंद नहीं रहा..
_ लोग सुनते तो हैं, पर समझते नहीं..
_ लेकिन मैंने सीखा है—
_ मुझे अब दूसरों पर नहीं,
_ अपने भीतर की आवाज़ पर भरोसा करना है..
_ यही आवाज़ मेरा सबसे सच्चा सहारा है”

Collection of Thought 1075

“Be the type of person you want to meet.”

” उस प्रकार के व्यक्ति बनें _ जिससे आप मिलना चाहते हैं “

मस्त विचार 4450

“मैं अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करूँगा,

_ पर किसी की असलियत को स्वीकार ज़रूर करूँगा.!!”

कुछ चीजें अकड़ की वजह से नही, बल्कि आत्मसम्मान के लिए छोड़नी पड़ती है.
जिसे अपनी क़ीमत पता है, वो समझौता नहीं करता.!!
अपनी कीमत खुद समझो, जो आपको नहीं समझते,

_ उनके सामने झुकना सिर्फ खुद के आत्मसम्मान को गिराना है.!!

अपनी कीमत पहचानें, क्योंकि अत्यधिक समझौते व्यक्ति को दूसरों की नजरों में छोटा बना देते हैं.!!
दुनिया में कई लोग मजबूरी में झुक जाते हैं, लेकिन जो अपनी इज्ज़त जानते हैं,
_ वो हालात से भी समझौता नहीं करते.!!
बेशक़ समझौता समाधान कर सकता हैं.

_पर खोया हुआ सम्मान कदापि नहीं.!!

समझौतों का ज़माना खत्म हुआ..! अब लोग अपने मन-मुताबिक जीते हैं.!!

सुविचार 4575

श्रेष्ठ होने और सीमाओं के पार जाने की चाह रखना, मानव स्वभाव का हिस्सा है.
error: Content is protected