मस्त विचार 4132
वो आजमाता है, मगर साथ भी निभाता है..
इंसान जैसा रास्ता बनाता है, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है.
तू बता तेरी ” तबियत ” कैसी है…
और तू आज भी बेखबर है..कल की तरह !!
क्योंकि कबाड़ी के व्यापारी को हीरे की परख नहीं होती..
जैसे हमें उनकी काली करतूतों का पता ही नही..
अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है…
” आप नकारात्मक दिमाग के साथ सकारात्मक जीवन नहीं जी सकते “
खराबियों के जो कीड़े हैं सर में रहते हैं.