सुविचार 4514
*मौन से अच्छा कोई “साधन” नहीं, और शब्द से तीख़ा कोई “बाण” नहीं*_
*मौन से अच्छा कोई “साधन” नहीं, और शब्द से तीख़ा कोई “बाण” नहीं*_
क्योंकि आपके पास उनकी बातों को ध्यान देने के लिए समय ही नहीं होगा.
खुश नहीं गर ज़िंदगी से, तो वजह तुम खुद ही हो,
अपनी ऊर्जा को किसी ऐसी चीज़ में निवेश करें जो आपके विकास में योगदान करने वाली हो.
एक बिंदु [Dot] एक पैराग्राफ को रोक सकता है, और कुछ बिंदु [Dot] पैराग्राफ को [paragraph] जारी रख सकते हैं, यही जीवन है, हम जल्दी से मान लेते हैं कि जीवन का पैराग्राफ [paragraph] पूरा हो गया है, प्रयास करते रहो और जीवन का विकास जारी रखो.
उसका चौबीसवाँ हिस्सा भी सकारात्मक सोचने में लगाये तो सारे समाधान हाथ में होते हैं.