सुविचार 4375

आधुनिकता के इस युग मे इंसान के स्वयं के विचार समाप्त होते जा रहे हैं,

_ यहां तक कि दो लोगो के बीच होने वाली वार्ता भी किसी ना किसी वीडियो से या कहीं से पढ़कर प्राप्त की हुई जानकारी ही होती है,
_ आधुनिकता ने इस दुनिया को कितना नीरस बना दिया.!!
हम वो लोग बन गए हैं जो खुद को नकार कर आगे बढ़ जाते हैं,

_ ऐसा लगता है कि हम ठहर गए हैं और सड़ रहे हैं आहिस्ता-आहिस्ता रुके पानी की तरह.!

Collection of Thought 1035

“Bee’s don’t waste their time explaining to flies that honey is better than shit”.

” मधुमक्खी मक्खियों को यह समझाने में अपना समय बर्बाद नहीं करती हैं कि शहद गंदगी से बेहतर है “

मस्त विचार 4249

“ओंस” की “बूंद_सा” हैं “ज़िंदगी” का सफर भी,

कभी “फूल” में तो कभी “धूल” में…।।

लोग कहते हैं कि हो जाता है संगत का असर,

_ पर काँटों को तो आया नहीं, आज तक फूलों के साथ रह कर भी महकना..!!

सुविचार 4374

बिना सोचे-समझ़े ही धारणा बना लेने वाला,

उस तालाब की तरह होता है, जो कालांतर में सड़ने लगता है.

सुविचार 4373

ज्ञान-दान से बढ़कर कोई अन्य दान नहीं है,

जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.

मस्त विचार 4248

कभी कभी, कितनी बातें कहनी होती है, जब कोई सुनने वाला नहीं होता है…।
यह भी विचार कीजिए कि कोई आपकी बात कब काटता है ?

_ सीधी सी बात है — जब आप उसे बोलने का मौका नहीं देते..
_ बोलने का मौका दीजिए, कोई आपकी बात कभी नहीं काटेगा..
_ अगर कोई आपसे कुछ बोलना चाहे तो उसे बोलने दें, बोलने दें और इतना बोलने दें कि वह थक जाए..
_ जब वह चुप हो जाए तो आप बोलना शुरू कीजिए..
_ आपको हैरानी होगी यह देख कर कि आपकी बात काटना तो दूर, वह आपकी हर बात से सहमत होता जाएगा..
_ ज्यादातर लोगों को शिकायत ही यह होती है कि उनकी किसी ने सुनी नहीं ;
_ आपने सुन ली, सावन का बादल हल्का हो गया..
_ अब वह उमड़-घुमड़ कर नहीं आएगा..
_ आपने उसकी बात नहीं काटी, उसने आपकी..!!

सुविचार 4372

ह्रदय से अच्छे लोग बुद्धिमान होने के बाद भी धोखा खा जाते हैं..

_ क्योंकि वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.!!

दुनियां बुरी नहीं है, बस अब अच्छे लोगों ने बोलना बंद कर दिया..

_ इसलिए चंद बुरे लोग अच्छे लोगों पर हावी हो चुके हैं..!!

अटूट विश्वास करना किसी इंसान की कमज़ोरी नहीं है बल्कि उसकी अच्छाई है..

_ कमज़ोरी तो उसकी है जिसने उसके विश्वास को समझा नहीं और सबसे बड़ी नादानी भी.. ख़ैर अब कोयले की खान में हीरा सबको नसीब थोड़े होता है..
_ इसलिए अटूट विश्वास को करने वाला नहीं उसे छलने वाला अभागा रह जाता है..
– रिदम राही
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