सुविचार 4334
संघर्ष कभी समाप्त नहीं होता, उससे दो दो हाथ हर दिन करना जरुरी है.
बस हम गिनती उसी की करते हैं, जो हासिल ना हो सका..
और हम गिर कर संभलने का हुनर जानते हैं.
जो उन्हें खटखटाने की जुर्रत करते हैं..
_ बाकी दूर से ही सलाम है.
काबिल के तो दुश्मन भी कायल होते हैं !