सुविचार 4438
अशांत तुम इसलिए हो कि जो गैर- जरुरी है, उसके पीछे पड़े हो.
कौन, कब, कहाँ बदल गया सब का हिसाब रखता हूँ।।
मगर एक साथ चलना भी तो कोई कम नहीं होता..
” आपको वह मिलता है जिस पर आप ध्यान केंद्रित करते हैं, इसलिए उस पर ध्यान केंद्रित करें जो आप प्राप्त करना चाहते हैं “
जो मिलेगा नहीं उसी पर रोज मरते हैं हम..
लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे ये सोचना छोड़ दो.
_ जब भी आप कुछ करना चाहें, तो अगर-मगर के पीछे न छुपें.. बल्कि उसे करने का कोई रास्ता ढूँढ़ें.!!
_ क्योंकि अंत में आपकी अच्छाई ही आपकी संपत्ति होगी.!!
_ वक्त खुद आपकी कीमत लोगों को बता देगा….!!