सुविचार 4258
_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..
_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,
_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!
_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!
_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..
_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,
_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!
_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!
इन्हीं के कारण आई है लोगों में गिरावट..
इंसान जैसा रास्ता बनाता है, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है.
तू बता तेरी ” तबियत ” कैसी है…
और तू आज भी बेखबर है..कल की तरह !!
क्योंकि कबाड़ी के व्यापारी को हीरे की परख नहीं होती..
जैसे हमें उनकी काली करतूतों का पता ही नही..
_ एक हक़ीक़त तो यह भी है.
” आप नकारात्मक दिमाग के साथ सकारात्मक जीवन नहीं जी सकते “