मस्त विचार 4284
तुमको खुद से ज्यादा चाहा,…क्या इसलिए…??
तुमको खुद से ज्यादा चाहा,…क्या इसलिए…??
जानता हूं कोशिश चाहे जितनी भी कर लूं, मगर गुनाह मुझसे होते ही रहेंगे..
_ हम इसे पहनते भी नहीं और फैंकते भी नहीं.!!
वरना ख़ुद्दार मुसाफ़िर हूँ…ख़ामोशी से गुजर जाऊँगा”
_ जो व्यक्ति अपने सही और मेहनत के मार्ग को नहीं छोड़ता, अंत में वो जीत जाता है.!!
कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी रुपए नहीं होते..
_ उसे शब्दों में लाना सदैव कष्ट का ही कारण बनेगा.!!
” आप जानते हैं कि आप प्यार में हैं जब आप सो नहीं सकते क्योंकि वास्तविकता अंततः आपके सपनों से बेहतर होती है “
_ ज़िंदगी का एकान्त बांटने कोई नहीं आता.!!
_ और बुरी लगे तो दूसरे कान से बाहर निकाल दो.!!