सुविचार 4239
हमने उनसे आशाएं रखी,,,,जिनसे हमें नहीं रखनी चाहिए थी.
हमने उनसे आशाएं रखी,,,,जिनसे हमें नहीं रखनी चाहिए थी.
_ महज़ पचास साठ साल की जिंदगी में ही इतनी बेचारगी,
_ बेबसी और बोझ है की जिंदगी मजबूरी बन जाती है…!!!
” इसलिए समझदारी और ज्ञान के साथ जियें ”
_ दुनिया का हर चिराग हवा की नज़र में है..!!
मेरा होना तेरे होने की निशानी होगा !!
_ पर हकीकत में जरुरी किसी के लिए नहीं होते..
_ बगैर जरुरत के भी साथ कौन हैं ‘असल सवाल तो यह है’
” दुनिया में सबसे बड़ी संपत्ति आपकी मानसिकता है “
यह जानना कि हमें वास्तव में क्या चाहिए, उस पर कायम रहना और संतुष्ट महसूस करना अपने आप में चुनौतीपूर्ण है.
अगर आप खुद से संतुष्ट हैं और जानते हैं कि आप योग्य हैं तो आपको लोगों की तारीफों की जरूरत नहीं है.
जिसको ज्यादा खुराक दी जाए वही जीतता है..
सवाल ये है कि सलीके से कौन चलता है..
इंसान गलत हो तो अमीरी भी बड़ी मुश्किल से कटती है…
काश तुझ को भी एक झलक देखूँ..