सुविचार 4189

ज़िंदगी में क्या हुआ है, इसे सोचकर परेशान मत रहने की बजाय, विनम्र रहना सीखना चाहिए,

_ आपकी विनम्रता किसी न किसी रूप में आप तक लौट कर आएगी.

सीखने की चाहत में हर दिन कुछ न कुछ जुड़ता ही जाता है.!!
चुनें नहीं, _ जीवन को स्वीकार करें क्योंकि यह अपनी समग्रता में है.
जीवन ठहराव और गति के बीच एक संतुलन है.

सुविचार 4188

भावुक लोग… सम्बन्धों को निभाते हैं !!

स्वार्थी लोग…सम्बन्धों से फायदा उठाते हैं !!

Collection of Thought 998

An investment in knowledge always pays the best interest.

ज्ञान में निवेश _ हमेशा सबसे अच्छा ब्याज देता है.

सुविचार 4187

छोटी- छोटी खुशियों को पूरे मन से और जोश से मनाएं,

इससे जीवन में उत्साह बना रहता है.

सुविचार 4186

विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को खुश रखने के लिए,

सकारात्मक बातों का खजाना अवश्य याद रखें.

विपरीत परिस्थितियों में साथ देने वाले विरले ही होते हैं,

_ यह स्वीकार करना हम सबके लिए जरुरी है..!!

दूसरों को समझाने के बजाय..

_हम खुद ही परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लें तो बेहतर है..!!

“ये जीवन है” जब तक चलेगा, घटनाएं घटती रहेंगी.

_महत्वपूर्ण यह है कि हमारा इन घटनाओं के साथ कैसा व्यवहार रहा ?

_ यही मनुष्य की परीक्षा के अवसर होते हैं.

_इन अयाचित परिस्थितियों में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना होगा..
_ तब ही जीवन सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ता है.

मस्त विचार 4060

मौन को सुनने वाले कान नहीं मिलते … इसलिये शब्दों से परोसता हूँ.
भाग्यशाली हैं वे लोग जिनके शब्दों के वही अर्थ समझे जाएं ..जो उन्होंने कहा,

_ लेकिन बोले गए शब्द अपनी-अपनी समझ के अनुसार समझे जाते हैं..!!

शब्दों के बाण जरा सोच कर चलाएं..

_ ये कमान से निकल कर लक्ष्य नहीं… हमारे हृदय को भेदते हैं..!!

हम अपने ही नजरिए के शिकार हैं, चाहे हम कितना भी बेहतर बनने की कोशिश करें,

_ उसका कोई फायदा नहीं है..!!

किसी बात को समझ सकने की छमता हर इंसान की अलग होती है,

_ जिन्हें चीजें “वैसी” नहीं दिखती.. जैसी आपको दिखती है..
_ तो उन्हें “दिखाने” के अथक प्रयासों में उतरने से पहले समझिये कि..
_ आपको वह बात “वैसी” दिख सकती है, जैसी उन्हें दिख रही है ?
_ अगर आपका उत्तर ना में है तो ..उनके साथ जबरदस्ती मत कीजिये,
_ “उन विषयों” पर बात उनसे कीजिये,
_ जो आपका नजरिया और आपकी बातों को समझते हों..!!
दुनिया का नजरिया देखो 40 साल का होते ही कहते हैं बुढा हो गया..

_ अगर कोई 40 साल का मर जाता है तो कहते हैं जवानी मे मर गया..
_ जिंदा है तो मनोबल तौड दो और मरने के बाद तारीफें होती हैं.
_ इसलिए दुनिया की बातों को मिक्सी में पीसकर पी जाओ और अपनी स्पीड से भागो.. _ क्योंकि यहां पर तालियां भी पीठ पीछे बजती हैं और गालियां भी..
_ लेकिन एक बात हमेशा याद रखना की दुनिया के हिसाब से नहीं.. अपने दिल के हिसाब से जीना है..
_ क्योंकि आखिर में रेस अपनी है तो रफ्तार भी अपनी ही होनी चाहिए.!!
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