तुम जिसका भी सम्मान करते हो, वह तुमसे बड़ा हो जाता है| यदि तुम्हारे सभी सम्बन्ध सम्मान से युक्त हैं, तो तुम्हारी अपनी चेतना का विकास होता है| छोटी चीज़ें भी महत्त्वपूर्ण लगती हैं| हर छोटा प्राणी भी गौरवशाली लगता है| जब तुममें सारे विश्व के लिए सम्मान होता है, तो तुम ब्रह्माण्ड के साथ लय में होते हो.
कितनी घड़ियाँ, कितने घण्टे और कितने दिन हम भीतर से प्रसन्न रहे, उतने ही छण हम वास्तव में जीए हैं.
जीवन को एक रोमांचक खेल की तरह देखो और परिणाम की चिंता किए बिना खेलो.
मानव विकास के दो चरण हैं – कुछ होने से कुछ न होना, और कुछ न होने से सब कुछ होना. यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है.
यह पूरा विश्व एक पुस्तकालय है और इन सभी पुस्तकों का लेखक केवल एक है.
जीवन एक उपहार है और तुम उसे खोलने आए हो.
जिम्मेदारी दी नहीं जाती, ली जाती है.