सुविचार – प्रतिशोध – बदला – बदलाव – परिवर्तन – 109

13359515463_790fcc734d

ध्यान दें कि जब लोगों को वह नहीं मिलता जो वे आपसे चाहते हैं तो वे कैसे बदल जाते हैं.

Notice how people change when they don’t get what they want from you.

आप ख़ुद ही सोंचे कि आपने बातों के अतिरिक्त..

_ खुद को बदलने के लिए क्या प्रयास किए हैं.!!

बदलाव सबको नज़र आता है, वजह किसी को नहीं..!!
अगर आपका दिमाग पूरी तरह से पुरानी सोच से भरा हुआ है, तो आप जो बदलाव चाहते हैं,

_ उसे बनाने के लिए आपके दिमाग में नए विचारों का आना असंभव है.

समय के साथ हालात बदल जाते हैं,  इसलिए बदलाव में खुद को बदल लेना ही समझदारी है.

_ बदलाव कष्ट देता है, लेकिन जरुरी है !!

जंजीरो में बँधे हम, खुश तो थे,

_ कौन है ये, जो बदलाव लाने जा रहा है !

_ आँखों को मीचे मजे में रहते थे,

_ कौन है जो सच दिखा रहा है !

अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सब कुछ बदलना ज़रूरी नहीं है –

– यह ऐसे बदलाव लाने के बारे में है ..’जो मायने रखते हैं’.

सबसे अच्छा बदला, कोई बदला लेना नहीं है ;

_ आगे बढ़ें और उन लोगों की तरह न बनें, जिन्होंने आपको चोट पहुंचाई है !!

हमारे अंदर बेमिशाल बदलाव लाने की ताकत है,

_ हम अपने भीतर के जादू के बारे में नहीं जानते..

इंसान कि आदत होती है ..उसे हर चीज में एक समय बाद ..बदलाव की ललक होती है..!!
ऊंचाई पर वही पहुँचते हैं, जो बदला लेने की नहीं बल्कि बदलाव लाने की सोचते हैं.
हमारी बुरी आदत है कि हम बदलाव को स्वीकार नहीं करते और पहले क्षण से ही आलोचना शुरू कर देते हैं.

_ जब हमें कोई चीज़ पसंद नहीं आती तो हम असल में उसके बुरे परिणाम की कामना करने लगते हैं ताकि हम अपनी बात साबित कर सकें.

किसी अप्रिय घटना के घटने के बाद बदला लेने के बजाय स्वयं को बदल लेना बदला लेने का ज्यादा सकारात्मक और रचनात्मक तरीका है.
किसी से बदला लेने का ख्याल छोड़ कर..

_ कुछ ऐसा करें कि आपको छोड़ने वाले को भी आपको खोने का अफ़सोस हो..!!

किसी व्यक्ति को क्षमा करना अथवा प्रतिशोध लेना,

_ इससे कहीं परे की अवस्था है उसको मन से उतार देना…!!!

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected