_ ताकि दुनिया से एक बुरा इंसान कम हो जाए..!!
_इससे बचें और आलोचना का सकारात्मक रूप अपनाएं.
या वह वैसा नहीं सोचता, जैसा आप सोचते हैं.!!
_क्या इसीलिए आप किसी की निंदा करते हैं ?
_ तुरंत उस रिक्त स्थान को सृजनात्मकता भर देगी ..
_ बुराई हैरान नहीं करती, अच्छाई करती है..!!
_ उन्हें खुद से ज्यादा दूसरों की पंचायती में रहने से मतलब है ..
_ अपनी भी बर्बादी का रास्ता खोल लेते हैं..!!
_ क्यूंकि समझदार आदत में सुधार कर के सुखी हो जायेगा, और नासमझ आप से दूर होकर !!
_लेकिन अंत में, यह हमारे दिलों को कड़वाहट और जहर से भर देता है !
_क्योंकि ठीक इसी तरह वे आपके बारे में दूसरों से बात करते हैं.!!
_ आज मेरा ले रहे हैं कल आपका और परसों किसी और का लेंगे..!!
“If you find fault with anybody, pray for their freedom from it.”
क्यों कि…अक्सर “लक्ष्य” मिलते ही निंदा करने वालों की “राय” बदल जाती है.
बुराई ख़ुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह …
सिर्फ एक बात सोचो कि ईमानदारी से जिम्मेदारियाँ पूरी की गईं या नहीं.
जिन्होंने प्रशंसा और निंदा दोनों में एक जैसा रहना सीख लिया..!!
वो हमेशा कामयाब लोगों की निंदा कर स्वयं को सांत्वना दे लेते हैं”
दूसरों की बुराई करने में वो अपना कीमती वक़्त बरबाद नहीं करता..
“बुराई” तो बिना हुनर के किसी की भी की जा सकती है.
वो रात दिन दूसरों की चुगली और बुराई करने में लगे हुए हैं.
उनके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी होती है.
_ सगे वो मुझे किसी के नहीं लगते ..
_बल्कि इसलिये करते हैं कि ..वे निंदक होना उपलब्धि मानते हैं..!!
जीवन भी एक यात्रा है, जिसमें सकारात्मक सोच जीवन को ख़ुशहाल बनाती है.
जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़ कर केवल ज़ख्म पर ही बैठती है.
और जिस चाव से आप किसी और की बुराई सुनते हैं उसी चाव से कोई और आपकी भी सुनेगा.
_ वो ठीक उसी तरह _ आप के बारे में दूसरे लोगों को बातें बताएगा..
यकीन मानिए आपके जाते ही वहां पर आपकी बुराई शुरू हो जाएगी.
तो मुझे कोई संदेह नहीं की आप दूसरों के पास जाकर मेरी बुराई करते होंगे.
_ आप जाकर जिसको जताते हैं, वो आकर हमें बताते हैं.
_ वो दूसरों से निश्चित आपकी बुराई करता होगा.
_ तब आपको बुराई में बुराई दिखनी ही बंद हो जाती है.
और वो दुनिया की हर चीज में कमियां निकालने लग जाता है ..
यकीन मानिए उसके पश्चात आपके पास वक़्त की कमी नहीं होगी.
और अच्छे लोग संगठित होते हैं, तब तक नुकसान हो चुका होता है.
बारिश की बूँदे सांप और सीप दोनों के मुँह में एक जैसी गिरती हैं,
लेकिन सांप उससे जहर बनाता है और सीप मोती. _ “हालात बस हालात हैं न अच्छे न बुरे”
पीठ पीछे दुश्मन की तारीफ करना सीखो, तारीफ के शब्द एक दिन उस तक जरूर पहुंचेंगे और आधी दुश्मनी उसी समय खत्म हो जाएगी. याद रखें- संबोधन अच्छे हों तो संबंध भी अच्छे रहते हैं.
यदि आप ऐसे लोगो के साथ बातचीत या व्यवहार कर रहे हैं जो दूसरों की निंदा या बुराई करने में तल्लीन हैं तो याद रखिये उनका अगला लक्ष्य आप हैं !
आप भी शीघ्र ही उनकी निंदा या उनके द्वारा आपकी बुराई करने की स्थिति को तैयार रहें, अतः ऐसे लोगों और स्थिति से दूर रहें !!!!
जब कोई किसी की बुराई करे, तो तुरन्त उस जगह से हट जाएँ या उस व्यक्ति को रोकें — इधर की उधर करने वाला अंततः फंसता ही है.
यदि कोई किसी की बुराई कर रहा हो तो उसमे शामिल न हों. न ही किसी की बुराई करें, न सुनें.
यदि आप खुद किसी के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो आपको लोगों की अच्छाई में बुराई निकालने का कोई हक नहीं है.
और जिन्हें केवल बुरा पहलू देखना आता है वे उसमे बुराई का संग्रह देखते हैं….
बल्कि इसलिए क्योंकि बुराई देखने वाला _ कभी अच्छाई को देखना ही नहीं चाहता है.
तो उनके न होने पर उसकी भी बुराई किसी और से कर सकते हैं.
आपकी बात उस इंसान तक पहुंचेगी ही और आप बाद में शर्मिंदा भी होंगे.
_ ऐसे लोग अपना जीवन सिर्फ़ दूसरों की बुराई करने में ही निकाल देते हैं ..!!
तो इसका मतलब है कि _ आप को लोगों का मिजाज समझ नहीं आया.
_ वे बुराई करने की उनकी क्षमता का खतरनाक संकेत देते हैं.
पर जब चर्चा उसकी बुराई की होती है तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं.
अच्छे में बुराई ढूंढना तो दुनिया का रिवाज है.”
यदि आपको आगे बढ़ना है, तो सोच का दायरा बड़ा करें.
मेरी उनसे अच्छे व्यवहार की अपेछा मुझे बुरा अनुभव करा रही है !!
इसलिए अपेछा रूपी बंधन को जितनी जल्दी तोड़ेंगे, उतना अच्छा महसूस होगा !!
जब आपको पसंद करता है तो आपकी “बुराई” भूल जाता है और जब आपसे नफरत करता है तो आपकी “अच्छाई” भूल जाता है.
1) उनसे दुर रहो : (Stay away from them):
बुरे लोगो से घबराकर दूर नहीं बल्कि आपका दिमाग शांत रहे और ऐसे फालतू लोगों की वजह से आपको कोई टेंशन या कोई तकलीफ ना हो _ इसलिए ऐसे लोगों से दुरी बनाये रखें.
जो लोग आपको आसानी से छोड़ सकते हैं, वे वास्तव में आपके लिए कभी बने ही नहीं थे ; _उन्हें जाने दो.
उनके शब्दों पर नहीं, भावनाओं [ Vibes ] पर भरोसा करिए ; लोग आपको कुछ भी बता सकते हैं, लेकिन उनकी एक भावना [ Vibe ] आपको सब कुछ बता देती है..!!
2) उन्हें अपनी कोई भी बात ना बताएं : (Don’t tell them anything about you) बुरे लोगो से अपनी घर की बातें या आपकी कोई भी पर्सनल बातें नहीं बतानी है, _ क्योंकि ऐसे लोग भरोसे के लायक नहीं होते ; ऐसे लोग आपकी बातों को जानकार आपकी कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं और आपको धोखा दे सकते हैं.
3) उनकी चालाकी को समझें :(Understand their tricks)
जब कभी ऐसे लोग आपसे बहुत अच्छी और मीठी बातें करे तो समझ जाना की दाल में कुछ काला है, _जब भी वो बहुत अच्छे से पेश आते हैं तब समझ जाना की या तो वो आपसे कोई काम निकालवाने की कोशिश कर रहे हैं या फिर आपको किसी परिस्थिति में फसा रहे हैं _तो ऐसे में आप उनसे तुरंत सावधान हो जाएं और उनकी बातों में न आएं.
4) उन्हें ज्यादा महत्व न दें : (Don’t give them too much importance) वो आपके सामने दिखावा करेंगे, उनके लाइफ में ज़रा कुछ अच्छा हो जाए तो बढ़ा चढ़कर बताएँगे और आपको जान बूझकर नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे __ तो ऐसे में आपको उनको और उनकी बातों को ज्यादा महत्व नहीं देना है.
5) उनसे बहस मत करो : (Don’t argue with them)
जब भी कोई ऐसी बात हो _जिसको लेकर वो आपसे बहस करने लगें तो ऐसी परिस्थिति में पहले आप ये देखो की जिस बात को लेकर वो आपसे बहस कर रहे हैं _ वो बात आपके लिए कितनी महत्व रखती है.
अगर वो बात आपके लिए ज्यादा महत्व नहीं रखती तो _ आप उन बुरे लोगों से बहस करके अपना दिमाग और समय बर्बाद ना करें _ क्योंकि ऐसे लोग दूसरों की नहीं सुनते और बस खुद की ही बात को सही मानते हैं.
6) उनसे किसी भी तरह का लेन देन ना करें : आपको बुरे लोगों से किसी भी तरह का लेन देन या किसी भी तरह का व्यवहार नहीं करना है _ क्योंकि ऐसे लोग खुद का फायदा देख के आपसे किसी भी चीज़ का सौदा करते हैं और बाद में आपको धोखा देते हैं.
7) उन्हें बेवकूफ बनाकर रखो : (Keep them stupid)
जब भी वो आपसे बात करें तो आप उन्हें ज्यादा महत्व देने का दिखावा करो और वो आपसे कुछ भी बढ़ा चढ़ाकर बातें करे तो _ आप उनकी झूठी तारीफ करिए..
_ ऐसा करने से वो आपसे प्रभावित हो जाएंगे और आपको उनकी असली औकात पता होनी चाहिए.