सुविचार – अतीत, विगत, भूत, गत, बीता हुआ समय, गुज़रा हुआ कल, पहले का, Past – 110

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भविष्य के प्रति चिंता न केवल हमें वर्तमान को वैसा देखने से रोकती है जैसा वह है, बल्कि अक्सर हमें अतीत को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए प्रेरित करती है.

A preoccupation with the future not only prevents us from seeing the present as it is but often prompts us to rearrange the past. – Eric Hoffer

सबसे बड़ा साहसी कार्य जो हम सभी को करना चाहिए, वह है अपने इतिहास और अतीत से बाहर निकलने का साहस रखना ताकि हम अपने सपनों को जी सकें.

The great courageous act that we must all do, is to have the courage to step out of our history and past so that we can live our dreams. – Oprah Winfrey

जिसके वर्तमान जीवन के खेत में अतीत की फसल लहलहा रही है ;

_ उसमें सत्य का अज्ञात पौधा उगने से रहा..!!

जब तक हम स्वयं को वर्तमान में रहने के लिए शिक्षित नहीं करते,

_ अतीत की छवियां वर्तमान में हस्तक्षेप करेंगी, जिससे भ्रम पैदा होगा.!!

हमें वही बातें,वही चीज़ें, वही वक़्त, वही जगहें ज़्यादा अच्छी लगती हैं जो कभी अतीत में थीं..

_ अतीत हमें सुविधा देता है कि हम उसे चाहे जैसे प्रस्तुत कर सकते हैं, वर्तमान से बहुत कम लोग संतुष्ट होते हैं, बहुत कम लोगों का वर्तमान उनके मुताबिक़ होता है और भविष्य वह तो सदा अनिश्चित ही रहा है सो अपने दुख, अपने सुख को खोजने के लिए हमें अतीत की शरण में जाना ही पड़ता है..
_ जवानों को अपना बचपन ज़्यादा-ज़्यादा याद आता है तो बूढ़ों को जवानी..हालाँकि जब वह अपने उस दौर में थे तो अक्सर उससे पीछा छुड़ाने की सोचते..ऐसे ही दूर परदेस बसे लोगों को अपनी माटी की याद सताती है तो देश में रह रहे लोगों को पिछले गुज़रे बरस..
_ हमें अतीत हो चुके या होने की कगार पर पहुँचे रीति रिवाज, भोज्यपदार्थ, परम्पराएं अधिक लुभाती हैं हालांकि जब वह लोगों की सामान्य दिनचर्या में शामिल थीं तो लोगों ने प्रयास करके उन्हें बदल दिया..
बड़े शहरों में ग्रामीण थीम पर बड़े बड़े रेस्त्रां खुल रहे जहां लालटेनें होंगी, सूप होगा, चक्की होगी, कुंए होंगे, होंगी माटी की दीवारें..जब यह सहज,सुलभ थीं, आम जनजीवन का हिस्सा थीं हम इनसे उकताकर शहर भागे..शहर में अतीत की याद भुनाने के लिए ऐसे रेस्त्रां खोले..
_हम जिस शहर में रहते हैं, जिस जगह जीते हैं उस वक़्त उससे रूठे रूठे रहते हैं..बाद के बरसों में जब वह जगह छूट जाती है तब वह हमारे सपनों पर कब्ज़ा जमा लेती है..
_हम अपने उन क़रीबी रिश्तों को अधिक याद करते हैं, उनके लिए अधिक रोते हैं, उनकी अधिक बातें करते हैं जो अब नहीं हैं..और इस तरह हम बड़ी चालाकी से उनके साथ होने का लाभ उठाते हैं हालांकि जब हम उनके साथ थे उकताए से रहे..
_हमारा वर्तमान क्या इतना विपन्न होता है कि उसपर हम दस मिनट भी बात नहीं कर सकते और अतीत इतना सम्पन्न कि हमारी बातें ख़त्म ही न हों..
_जाने क्यों सारी वीरतायें, सारी सम्पन्नताएँ, सारी सुंदर सुधियां, सारी निर्मल छवियां हमने जादूगर रूपी अतीत के थैले से ही निकलते देखा, वर्तमान तो सबका रूखा-फ़ीका और उदास मजदूर सा ही दीखता है..
उम्र दराज़ लोग तो पुराने दिनों को सुनहरे दिन मानते ही हैं, पचास साठ वाले भी अक्सर एक लम्बी आह भरकर कहते मिलेंगे-“क्या ही अच्छा ज़माना था”

_ मतलब यह कि हर पीढ़ी के लोग यही मानते हैं कि ‘पुराना ज़माना अच्छा था.’
_ इन लोगों की बात यदि हम सच मान लें तो गिरते गिरते दुनिया अब तक रसातल में पहुँच गई होती.
_ पर आँख घुमा कर देखो, आपको ऐसा नहीं लगता कि हम अपने पूर्वजों से बेहतर जीवन जी रहे हैं ?
समय के साथ हमारा नज़रिया और जीवन मूल्य बदल जाते हैं.
_ अतीत कितना भी खूबसूरत रहा हो, हमने जिन भी लोगों के साथ जिया हो, वह सारा संयोजन हमें फिर से मिल जाए..
_ तो भी हम उसे उसी पुराने रूप में एन्जॉय नहीं कर सकते..
_ क्योंकि हम एक अलग तरह ग्रो कर चुके होते हैं.
_ हम भले ही अतीत की पुरानी यादों में खो जाएं..
_ पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अतीत कि यादों के गलियारों में घूमना तो अच्छा लग सकता है..
_ पर यदि कोई हमें जादू से सचमुच वहां पहुंचा ही दे.. तो हमारा उस काल में जीना सरल नहीं होगा..
— क्योंकि लोगों की फितरत ही होती है कि पुरानी चीजों को पकड़े रहते हैं.
_ सामने जो होता है, उनसे संतुष्टि ही नहीं हो पाते हैं.
_ अपने जमाने में हम ये करते थे, हम वो करते थे..
_ ऐसा कह कह कर वर्तमान से शिकायत करना ही..
_ उनकी जिंदगी का हिस्सा बन जाता है.
_ ये सबसे बड़ी सच्चाई है कि अतीत और वर्तमान की कोई तुलना ही नहीं हो सकती है.
_ जो 10साल पहले हम जीते थे, वो चीज़ हमें आज नहीं मिल सकती.
_ लेकिन कहते हैं ना कि वक़्त कभी एक सा नहीं रहता !!
यदि आप अतीत में जीते हैं और अतीत को यह परिभाषित करने देते हैं कि आप कौन हैं, तो आप कभी विकसित नहीं होंगे.
अतीत में हमारे साथ बहुत सी अच्छी और बुरी चीजें गुजरी होती हैँ, और हम उन खट्टे मीठे अनुभवों से सीखते भी हैँ,

_ अगर हम उन गलतियों को न दुहराते हुए आगे बढ़ रहे हैँ तो सही रास्ते पर हैँ !!

अतीत की कुछ घटना भविष्य का भी सब कुछ बर्बाद कर देती है,

_ मन अतीत की स्मृतियों में ही कहीं उलझा रह जाता है,
_ रात होते ही एक गहरी उदासी छाने लगती है और फिर विचारों की रेखा पर मिटते कल्पना के चित्र मडराते हैँ,
_ और मैं एक कोना पकड़कर इन विचारों को शब्द देने लग जाता हूँ…!
आपने काफ़ी समय बर्बाद किया, कोई बात नहीं..

_ आपने ग़लत लोगों की परवाह की, कोई बात नहीं..
_ आपने खुद को नज़रअंदाज़ किया, कोई बात नहीं..
_ आपने अपनी क़ाबिलियत पर शक किया, कोई बात नहीं..
_ अतीत आपके जीवन की परिभाषा नहीं है, लेकिन अब आप क्या करेंगे, यही मायने रखेगा..!
_ ख़ुद को और सबको माफ़ करें और ज़िंदगी को हमेशा सकारात्मकता के साथ जीने की कोशिश करें..!!
सबसे अच्छी और सुकून भरी जिंदगी उन लोगो की होती है,

_ जो अतीत को याद नही रखते और न ही भविष्य के प्रति इतने ज्यादा संवेदनशील होते है,
_वो जो जीते हैं सिर्फ वर्तमान को, वो लोग ही दुनिया के सबसे धनी इंसान है…!
अतीत खंडहर है, कूड़ा करकट है, वहां से केवल बू आ सकती है, सुगंध नहीं,
_ वर्तमान को अतीत से भी खूबसूरत बनाइए..
जीवनपथ पर आगे बढ़ते जब कभी पलटता हूँ तो दिखते हैं सुदूर पीछे छूटे अनगिनत दृश्य..

_ जीवन कितनी दूर ले आया ! कितना कुछ रह गया, कितना कुछ फिसल गया !
_ क्या-क्या भूलूँ और क्या-क्या याद करूँ !
_ तथापि कुछ घटनाऐं ऐसी होतीं हैं ..जो हम आजीवन नहीं भूल पाते.
_ जब-जब दृष्टि डालिये, हृदय के कोमल कोनों में गरिमा के साथ मुस्कुराती हुई पाते हैं..!!
— अतीत की स्मृतियां बड़ी ही मधुर होती हैं, चाहे वह सुख में बीती हुई स्मृति हो या दुःख में, वे अपनी मिठास बनाए रखती हैं..
_ फिर जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है व्यक्ति उतना ही अतीत के दायरे में चक्कर लगाना शुरू कर देता है..
_ और याद करता कि कैसे औरों के फेर में उसकी खुद की इच्छाएं अधूरी रह गई थी…!
कभी कभी अतीत के पुराने फैसले, घटनाएं, दुखो को सोचकर मन विचलित तो होता है,

_ पर उसे ये कहकर टाल देता हूं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है..
_ आशावादी बने रहने में कोई परेशानी नहीं है..
_ बशर्ते रब एक सीमित दायरे तक ही चीजों को अनुभव करने की शक्ति दे ‘चाहे वो बुरी हो या अच्छी’..!
जो लोग आपके अतीत से जुड़े हैं और जो जाने नहीं देते, उनके साथ निपटने का सबसे शक्तिशाली तरीका यह है कि आप वह व्यक्ति बनें, जिसे वे कभी फॉलो करने की हिम्मत न करें.

_ अपनी ज़िन्दगी को इतना ऊंचा उठा लें—आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से—कि जब भी वे आपको देखेंगे, उनका दिल पछतावे से डूब जाए.
_ वे यह उम्मीद करेंगे कि आप उसी बुरे हालात में होंगे, जैसे वे आपको छोड़कर गए थे,
_ ताकि वे अपनी विदाई को सही साबित कर सकें..
_ उन्हें वह संतोष मत दीजिए.. उनकी उम्मीदों से कहीं ऊंचे उठिए,
_ ऐसे तरीके से जो उन्होंने कभी कल्पना भी न की हो.
_ कभी-कभी, सबसे गहरी विद्रोह की क्रिया यह होती है कि आप बस इतना उत्कृष्ट बन जाएं, ताकि जो लोग यह सोचते थे कि वे आपके जीवन पर नियंत्रण रखते हैं, उन्हें यह साबित हो जाए कि वे गलत थे.
_ जब बात आपके मूल्य, गरिमा और भविष्य की रक्षा की हो—तो संकोच मत करें.
_ बेजोड़ आत्मविश्वास के साथ खड़े होइए..
_ न तो आप समझौता करें और न ही किसी ऐसे जीवन को स्वीकार करें, जिसे दूसरों ने आपके लिए तय किया हो.
_ कभी भी किसी को यह मत मानने दें कि उन्होंने आपकी कहानी लिखी है.
_ जो भी कीमत चुकानी पड़े, उस पृष्ठ को पलटें और ऐसा मोड़ लाएं, जो उन्हें चुप कर दे.
_ अपनी ज़िन्दगी को ऐसी जगहों तक ले जाइए, जो आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.
_ ऐसा अद्वितीय व्यक्ति बनिए, जिसे वे पहचान भी न सकें.
_ आखिरकार, आपको जो असाधारण जीवन आपने बनाया है, उसके लिए एकमात्र व्यक्ति जिसे श्रेय मिलना चाहिए, वह व्यक्ति आप ही हैं.
_ कभी भी किसी और को वह सम्मान न लेने दें.!!
— उन्हें पछताना होगा – शायद आज नहीं, शायद कल नहीं, लेकिन एक दिन वे पीछे मुड़कर देखेंगे और समझेंगे कि उन्होंने एक सच्चे व्यक्ति को एक अस्थायी खुशी के लिए खो दिया.!!
शायद अब मुझे अतीत के दरवाजों पे सर पटकना छोड़ देना चाहिए है.. और ताले लगा देने चाहिए अतीत के किवाड़ों पे..!

_ क्योंकि कई लोग जो बहुत दुआ मांगा करते थे मेरे लौटने की..
_ पर अब उन्हें लगता है कि एक वक़्त के बाद मुझे नहीं लौटना चाहिए…!!
‘जिंदगी में दर्द है, दर्द में जिदंगी है’

_ कौन किसको पूछ रहा है यहां, हर इंसान खुद में मगन है.
_ दिखावे में जिंदगी जीना सबसे व्यर्थ रास्ता होता है.
_ मैं कई दिनों से खुद को बदलने की कोशिश कर रहा हूं,
_ परंतु ‘अतीत’ है कि मुझसे अलग होने का नाम ही नहीं लेता है.
_ अब आंखों के आंसू सूख चुके हैं, ख़ैर… बची हुई जिदंगी जी लूंगा अब..!!!
कहीं न कहीं लोग अपने अतीत से इतने जकड़े होते हैं..
_ जिसकी वजह से वो अपने भविष्य को खूबसूरत नहीं बना पाते.!!
अतीत बस एक आंखों पर पट्टी है जो वर्तमान में सब कुछ ढक देती है..
_ और उन चीजों के लिए दर्द ढूंढती है जो हमें अभी मिली हैं.!!
मायूसी के साथ अपने अतीत के बारे में सोच कर वक्त बर्बाद मत करो..
_ बल्कि आशा के साथ अपने आज को जियो..!!
आपके गुज़रे कल को आपकी कोई जरूरत नहीं,
_ लेकिन आप के आज को आप की बहुत जरूरत है.!!
अतीत यात्रा करने के लिए एक अच्छी जगह है लेकिन निश्चित रूप से रहने के लिए एक अच्छी जगह नहीं है.
यदि आप हर समय अतीत के बारे में सोचते हैं तो आपका कल बेहतर नहीं हो सकता.
वर्तमान को तभी समझा जा सकता है, जब हमने अतीत की गलतियों से कुछ सीखा हो.!!
जब रब आपको एक नई शुरुआत देता है तो अतीत की पुरानी गलतियों को मत दोहराओ..!!
अतीत की स्मृतियों से वर्तमान के चित्र उकेरेंगे तो भविष्य का रंग खराब ही होगा..!!
काश…हम अतीत में पीछे जा सकते.. कुछ बदलने नहीं…

_ कुछ चीज़ों को दोबारा महसूस करने..!!

उस अतीत से बाहर निकलें जो आपको रोक रहा है.

_ उस नई कहानी में कदम रखें ..जिसे आप बनाना चाहते हैं.

जूलिया रॉबर्ट्स ने एक बार कहा था, “जब लोग आपको छोड़कर चले जाएं, तो उन्हें जाने दीजिए.

आपकी तक़दीर कभी भी उन लोगों से जुड़ी नहीं होती जो आपको छोड़ते हैं, और इसका मतलब यह नहीं है कि वे बुरे लोग हैं.
इसका मतलब है कि उनका आपके जीवन में एक भूमिका थी जो अब समाप्त हो गई है.”
_ ये शब्द हमें एक सच्चाई याद दिलाते हैं, जिसे हम अक्सर भूल जाते हैं – कि हर व्यक्ति जो हमारे जीवन में आता है, वह हमेशा के लिए नहीं रहता.
_ लोग हमारे जीवन में विभिन्न कारणों से आते हैं, हमें कुछ सिखाने, अनुभव साझा करने या किसी खास दौर में हमारा साथ देने के लिए..
_ लेकिन जब वे जाते हैं, तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनकी भूमिका हमारे सफर में पूरी हो गई है, और अब हमारे रास्ते अलग हो गए हैं.
_ जिन लोगों को हमें जाने देना होता है, उनके साथ जुड़ा रहना हमारी वृद्धि में रुकावट डालता है और हमें अपनी पूरी तक़दीर में आगे बढ़ने से रोकता है.
_ यह किसी को नकारने या दोष देने का सवाल नहीं है, बल्कि यह समझने का है कि हमारी कहानी उनके बिना भी आगे बढ़ सकती है.
_ कभी-कभी उनका जाना नए अवसरों, गहरे रिश्तों और खुद के नए पहलुओं की खोज का रास्ता खोलता है.
_ छोड़ना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन यह आपके जीवन के अगले चरण में जाने के लिए जरूरी है.
_ यह उस रिश्ते के महत्व को कम नहीं करता जो आपने कभी साझा किया, क्योंकि हर मुठभेड़ का मूल्य है, जो आपको आकार देती है और आपकी वृद्धि में मदद करती है.
_ लेकिन जब कोई चला जाता है, तो इसका मतलब है कि अब उनका और आपका रास्ता एक साथ नहीं मिल रहा.
_ उनका जाना आपको आपके जीवन की कहानी में एक खलनायक नहीं बनाता, बल्कि यह सिर्फ यह दर्शाता है कि उनकी भूमिका अब स्वाभाविक रूप से समाप्त हो गई है.
_ जब आप छोड़ने का बोझ हटाते हैं, तो आप उन लोगों के लिए जगह बनाते हैं..
_ जो आपके जीवन में बने रहेंगे और उसे सार्थक तरीके से समृद्ध करेंगे.
_ हार मानना छोड़ने का नहीं, बल्कि स्वीकृति का एक कृत्य है – जीवन के प्रवाह को अपनाना, यह समझना कि हर कोई हमारे साथ हर मंजिल तक नहीं पहुंचने के लिए नहीं होता.
_ याद रखें, आपकी तक़दीर आपकी है.
_ कोई भी इसे आपसे नहीं छीन सकता, और कोई भी उस रास्ते पर नहीं चल सकता जो आपके लिए निर्धारित किया गया है.
_ इसलिए, जब कोई व्यक्ति जाता है, तो विश्वास रखें कि यह आपके सर्वोत्तम भले के लिए है.
_ वे आपकी कहानी का हिस्सा थे, लेकिन अब बाकी का लेखन आपके लिए है, और इसमें और भी बड़ी संभावनाएँ हैं.!!

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