‘समाधान करिए’
“सुविधाजनक मोबाइल का सुरक्षात्मक उपयोग हो”
Have protective use of convenient mobile.
_ देखा जाय तो तकनीक [technology] अलादीन के चिराग की तरह है.
_ जिसके कारण महीनों का काम दिनों में होता है और घंटों का काम सेकंडों में..
_ वरना इसके बिना, जिन कामों को मात्र एक चुटकी में हो जाना था, उनमें इंसान पूरे-पूरे दिन लगा रहता था.
_ जिस कारण उसे कहीं घूमने, लोगों से मिलने या फुरसत के पल बिताने का समय ही नहीं मिलता था.
_ जब तक हमें तकनीक [technology] की सुविधा नहीं मिली थी, हम सोचते थे कि यदि हमें कोई ऐसा यंत्र मिल जाये जिससे हम इस एक काम को जल्दी-से-जल्दी कर लें तो कितना अच्छा हो,
_ तब हम बचे हुए समय में अपने अन्य बचे हुए कार्य कर सकेंगे.
_ और आज, हमें (जिन्हें) तकनीक [technology] की इतनी सुविधा मिल गई है कि अब हमारे पास, हमारे दादा-परदादा के मुक़ाबले काफी वक्त होता है.
_ अब हमारी सारी ज़रूरते तकनीक [technology] पूरी कर रहा है, और हम ?
_ हम इस बचे हुए समय का सदुपयोग कैसे करें ?
_ तो जहाँ हम कुछ अन्य ज़रूरी काम कर सकते थे, लेकिन नहीं करते.
_ अब उस समय को हम सिर्फ़ मनोरंजन में खर्च करते हैं.
_ कहते हैं न !! कि हासिल की गई वस्तुओं की फिर कद्र नहीं रहती.
_ और उन्हीं बेकद्र चीजों में एक नाम है मोबाइल/कम्प्यूटर का.
— मोबाइल जब हाथ में आया, लगा दुनिया मुट्ठी में आ गई है.
_ उफ ! कितना ज्ञान है इसमें, कितना हुनर भी, हाँ मनोरंजन भी.
_ कितना सगा सा, दोस्त सा, माता-पिता सा, गुरू सा, प्रेमी सा.
_ लेकिन नहीं, ये हमारे लिए ऐसा नहीं है.
_ ये हमारे लिए बंदर के हाथ लगे उस्तरे सा है.
_ जिससे हम स्वयम् को ही घायल कर ले रहे हैं,
_ क्योंकि हमारे पास इसके सही उपयोग की जानकारी नहीं है या फिर है भी तो,
_ हमें इसके दुरूपयोग के भयावह परिणाम का अंदाज़ा नहीं है.
_ ये किसी दीमक सा हमें अंदर से खोखला कर रहा है.
— मोबाइल
_ जिससे हम ज्ञान पा सकते हैं, नई भाषा सीख सकते हैं, कला सीख सकते हैं, _ आधुनिक उपकरणों को उपयोग में कैसे लायें ?
_ घरेलू कामों को कम समय में कैसे करें ? इसकी जानकारी पा सकते हैं.
_ जिससे कुछ रचनात्मकता सीख सकते हैं.
_ खेल सीख सकते हैं.
_ कठिन प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं.
_ योग, संगीत, पाककला, हस्तकला, चित्रकला आदि सीखकर अपने व्यक्तित्व में निखार ला सकते हैं.
_ वैसा नहीं करके, हम क्या करते हैं ?
हम सीखते हैं –
_ दूसरों की ज़िन्दगी में झांकना, किसी को बदनाम करना, और सबसे ज्यादा ऑनलाइन वीडियोगेम खेलना.
_ और फिर इतने आदी हो गये कि इस लत के कारण समय पर अपनी दैनिक दिनचर्या तक भूल गये.
_ परिवार, समाज से कट गये, शिक्षा या घर के कामों से मन हट गया.
_ शारीरिक रूप से पंगु बन गये.
_ साथ ही -मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, बेचैनी मुफ्त में.
_ इसके अलावा अनिद्रा, मानसिक तनाव, कमजोर याददाश्त, कॉग्निटिव क्षमताओं का घटना, मायोपिया (दूर की नज़र कमजोर), इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरणों से हड्डियों में मौजूद मिनरल लिक्विड का समाप्त होना.
_ आर एफ विकिरण से ब्रेन ट्यूमर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, ह्रदयरोग, कोशिकाओं में तनाव, आँखों में सूखापन, कंधे, गर्दन, सिर में दर्द आदि.
— वर्तमान समय में कम्प्यूटर व मोबाइल न सिर्फ़ जीवन का अंग बन गये हैं, बल्कि कई लोगों की जीविका भी इस पर निर्भर है.
_ इसलिए पूरी तरह से तो इस तकनीक का त्याग नहीं किया जा सकता है.
_ हाँ लेकिन संयम और समझदारी से इसका सीमित और सकारात्मक उपयोग ज़रूर किया जा सकता है.
— सबसे पहले तो – मोबाइल में समय निर्धारित करना चाहिए.
_ इसके साथ ही – कुछ अतिरिक्त गतिविधियों को अपने व्यवहार में शामिल कर उनकी आदत बनानी चाहिए.
_ जैसे – सुबह जल्दी उठकर प्रकृति के सानिध्य में रहना.
_ स्कूल या ऑफिस के बाद बचे हुए समय में कोई नई गतिविधि सीखना.
_ खेलना, लोगों से मिलना, अच्छे मित्र बनाना, डायरी लिखना आदि.
_ समाज, देश, दुनिया को जानने-समझने के लिए कुछ नया पढ़ना या देखना-सुनना.
_ ताकि मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से होने वाले दुष्परिणाम से बचा जा सके.
_ याद रखिये, हमारी सुरक्षा सबसे पहले हमारे हाथ है, सरकार, प्रशासन बाद में.
_ इसलिए उपर्युक्त समस्याओं से बचने के लिए कोई निबंध काम नहीं आएगा,
_ तो समाधान यही है.