सुविचार – ध्वनि प्रदूषण [noise pollution], गपशप, बकबक, ज्यादा बोलना, निरंतर बातचीत, ज्यादा बातचीत करना, – 120 | Mar 27, 2014 | सुविचार | 0 comments ज़्यादातर समय, किसी भी चीज़ के बारे में बात न करना ही बेहतर होता है. _ यही सबसे अच्छी चीज़ है जो कोई भी कर सकता है. _ हमने अपने ध्वनि प्रदूषण से उस शांति को नष्ट कर दिया है. _ हम में से ज़्यादातर लोग नहीं जानते कि इस लगातार बातचीत को कैसे रोकें. _ अगर कोई नहीं है, तो हम खुद से ही बातें करते रहते हैं. _ यह ध्वनि प्रदूषण और बकबक करता मन हमारे भीतर की क्रिस्टल जैसी स्पष्टता को नष्ट कर देता है.!! ज़िन्दगी में इतने काम होते हैं, गपशप करने के लिए वक़्त कोई कहाँ से निकाले ?_गपशप तो छोड़ो, अपने से ही बात करने का समय नहीं मिल पाता.. _ अपने से बात करना, अपने भीतर झांकना, अपने आप से मिलना कितना ज़रूरी है, _ इस आत्मसुख को जानिए, बहुत सारी उलझनों से मुक्ति मिल जाएगी.!! केवल गपशप और तुलना करके हम अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं.. _ जिसका हमारे जीवन में कोई अर्थ या मूल्य नहीं है. _ महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अपने आप को देखें, उस दयनीय, तुच्छ अस्तित्व को देखें.. जो हम अपने लिए बना रहे हैं. _ फिर महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान में जीने के महत्व को समझें. _ हम सभी के लिए अपने भीतर गहराई में जाने और उस क्षमता को पहचानने का समय आ गया है.. जो हमारे भीतर छिपी हुई है, जो छोटी-छोटी गपशप और तुलनाओं द्वारा मन की अंतहीन बकबक से ढकी हुई है. – “”पूर्वाग्रह और निष्कर्ष”” _ जागृत होइए, जीवित बनिए और अपने भीतर की क्षमता को देखना शुरू कीजिए.!! हमारे यहाँ बोलने पर कोई पाबंदी नहीं है तो कोई भी कुछ भी अनाप सनाप बोलना शुरू कर देता है. _ बुद्धि और विवेक लुप्त हो गए हैं, यहाँ तक कि वाणी की मर्यादा भी खो गई है. _ मानसिक संतुलन इतना बिगड़ गया है कि किसी भी विषय पर बोलने से पहले हम यह नहीं सोचते कि कहाँ, क्या, कैसे और कितना बोलना है, _ क्योंकि हमें तो बस बोलने से मतलब है.!! आजकल लोग बोलते नहीं, तोलते हैं.. क्योंकि अब बातें नहीं, मतलब निकाले जाते हैं.!! हर “इसान” अपनी “जुबां” के “पीछे” “छुपा” हुआ है,अगर उसे “समझना” है तो उसे “बोलने” दो….! Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ