स्नेहपूर्वक भेंट किये गये उपहारों में हृदय की विशालता और नेह भावना निहित होती है.
_ ये उपहार जीवनपर्यंत संभाल कर रखे जाते हैं.
_ जब भी इन पर दृष्टि जाती है..
_ उपहार देने वाले की स्मृति जीवंत हो उठती है.
हम कोई भी वस्तु कभी भी खरीद सकते हैं,
_ लेकिन किसी खास मौके पर उपहार में मिली वस्तु का महत्व बढ़ जाता है.
उपहार हमेशा सराहनीय होता है, क्योंकि वह सिर्फ़ वस्तु नहीं होता,
_ बल्कि उसके साथ देने वाले की भावनाएं जुड़ी होती हैं..!!
उपहार को चीज़ मान लेना, उसकी बेकद्री है, उपहार भावना होती है.
जिन लोगों से हमें तोहफा मिलता है,
_ वे उनके दिल का स्वाद और पहचान है ..जो हमारे साथ चलती हैं.