करते हैं ये फ़रमाहिशें पूरी सबकी, और अपनी जरूरतों का जिक्र तक नहीं करते..
जी हाँ ये लड़के ही हैं जनाब, जो उठाये रहते हैं जिम्मेदारियां कंधो पर
मगर उफ्फ तक नहीं करते..
यूँ तो दिल में समन्दर भरा है इनके, पर आँखों में कभी नमी नहीं होती.
और जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती
घर में बड़े हैं या छोटे, कंधे हमेशा जिम्मेदारियों से भरे रहते हैं.
अपने ही परिवार की खातिर, ये अपनों से ही दूर रहते हैं.
घरवाले परेशान न हों इनकी फ़िक्र में, इसलिए फ़ोन पे हर बार मैं ठीक हूँ ही कहते हैं.
लड़की की बिदाई में तो ज़माना रोता, और इनके घर छोड़ जाने की चर्चा कोई खास नहीं होती.
जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती.
माँ के लाडले बेटे हैं बेशक, पर अपनी अलग पहचान बनानी पड़ती है,
एक नौकरी की खातिर, सैकड़ों ठोकरें खानी पड़ती हैं.
कभी हर बात में ढेरों नखरे होते थे जिनके, बाहर रह कर सारी फ़रमाहिशें भुलानी पड़ती हैं.
कुछ लड़कों को जरूरतें जगाए रखती हैं, और कुछ को जिम्मेदारियां सोने नहीं देतीं.
और जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती.
फिर एक वक़्त वो भी आता है, जब इन्हें प्यार होता है.
एक तरफ गर्लफ्रेंड तो दूसरी तरफ परिवार होता है.
जिंदगी को चुने तो घरवाले नाराज, घरवालों की सुनें तो सर पर बेवफाई का ताज होता है.
किसी भी हालत में उलझनें इनकी कम नहीं होती.
और जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती.
किसी भी हाल में शांत रहने का हुनर, इनमें कमाल होता है.
चीजों को सोचने समझने का नजरिया भी बेमिशाल होता है.
छोटी छोटी बातों पर, ये अपना धीरज नहीं खोते.
पर इसका मतलब ये नहीं की इन्हें दर्द नहीं होता या इनके जज़्बात नहीं होते.
परेशानियां तो इनकी राहों में भी आती हैं, पर उनसे उनकी हिम्मत कभी कम नहीं होती.
और जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती.
यारों के ये यार कहलाते हैं, निभाते हैं साथ तब भी, जब सब साथ छोड़ जाते हैं.
घर में पापा के सामने इनकी जुबां नहीं खुलती, वो बाहर निगाहों से ही कमाल कर जाते हैं.
माँ, बहन, गर्लफ्रेंड सबसे हर रिश्ता, बखूबी निभाते.
और दोस्तों की दोस्ती से बढ़ कर, इनके लिए कोई चीज नहीं होती.
और जितना सोचते हैं हम, लड़कों की जिंदगी उतनी आसान नहीं होती.
करते हैं फ़रमाहिशें ये पूरी सबकी, और अपनी जरूरतों का जिक्र तक नहीं करते..