पर पत्नी के बिना जीने का ख्याल नहीं रखते हैं.
इसलिए उससे बहस करके उसका दिल ना दुखाएं, उसके निर्णय करने में सहयोगी बनें अवरोधक नहीं.
वह अपनी पत्नी को कभी पता नहीं चलने देता कि वह उसकी कितनी परवाह करता है ;
वो अपनी बीवी को खुद से ज्यादा खूबसूरत देखना चाहता है ;
इस बलिदान के बदले उसे हमेशा अयोग्य और आलसी माना जाता है ;
घर से निकले तो भी सवाल होते हैं, घर में रहो तो भी सवाल होते हैं ;
अपने लिए कुछ ना ख़रीदे तो कंजूस कहलाता है ;
बहुत कुछ करने और और बहुत कुछ कहने के बाद भी _ ये वो है जो अपने बच्चों को हर तरह से अपने से बेहतर देखना चाहता है,_ अपने बच्चों को अपने से ज्यादा कामयाब देखना चाहता है और हमेशा उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करता है ;
ये वो है जो अपने बच्चों के लिए दुःख सहता है और अपनी दौलत उन्हें सौंप देता है ;
माँ नौ महीने गर्भ में बच्चे को रखती है तो पिता पूरी जिंदगी अपने बच्चों के भविष्य कि चिंता में गुजार देता है ;