दिखावे का जाल :- अक्सर जिनके पास असल में कुछ नहीं होता..
_ न सच्चा आत्मविश्वास, न पहचान, न काम..
_ वो दूसरों की रोशनी में खुद को चमकाना चाहते हैं, इसलिए वो बड़े लोगों के साथ तस्वीरें डालते हैं.. ताकि दुनिया को लगे कि वो भी बड़े हैं.
_ दूसरों की पहचान पर जीने वाले ऐसे लोग खुद की मेहनत या पहचान से नहीं, बल्कि दूसरों के नाम से अपनी इज़्ज़त बनाना चाहते हैं.
_ उनकी सोच होती है अगर मैं किसी बड़े लोगों के साथ दिख जाऊं, तो लोग मुझे भी बड़ा समझेंगे.
_ यानी खुद की पहचान उधार पर चलती है – ये भरोसे लायक नहीं..
_ जो इंसान अपने असली चेहरे से नहीं, बल्कि दिखावे से दुनिया को इंप्रेस करता है.. वो कभी भरोसे के लायक नहीं होता.!!
_ क्योंकि उसका रिश्ता सच्चाई से नहीं, फायदे से होता है.
_ जब तक किसी से लाभ मिल रहा है, वो साथ रहेगा जैसे ही फायदा खत्म, वो किसी और की तस्वीर में चला जाएगा.
_ ये अंदर से खोखले लोग होते हैं, बाहर से कनेक्शनवाले दिखते हैं, पर अंदर से बेहद असुरक्षित होते हैं.
_ उन्हें डर लगता है कि अगर यह नकली इमेज गिर गई तो दुनिया में उनकी कोई पहचान नहीं बचेगी.
_ इसलिए वो लगातार दिखावे में निवेश करते रहते हैं.. नए कपड़े, नई फोटो, नए बड़े लोग.
_ जबकि सच्चे लोग चुप रहते हैं.
_ जिन्होंने मेहनत से नाम बनाया है, जो किसी के सहारे नहीं जीते, वो दिखावे में नहीं पड़ते.
_ इसका नतीजा :- नकली चमक, असली अंधेरा.!!