सुविचार – दिखावा – 037

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“दिखावे से न्याय मत करो; एक अमीर दिल एक गरीब कोट के नीचे हो सकता है.”

“Do not judge by appearances; a rich heart may be under a poor coat.”

—Scottish Proverb

“केवल दिखावे से निर्णय न लें”

“Do not judge from mere appearances.” —Edwin Hubbel Chapin

आप देखें कि दुनियाभर में जो भी लोकप्रिय व्यक्तित्व हुए हैं, सब में एक बात की समानता है और वह है उनकी सादगी. उनमे किसी तरह का दिखावा नहीं है, न उन्हें अपने ज्ञान का घमंड है, न अपनी कमियों को छिपाने की चिंता. उन्हें न तो अपनी ज्यादा कमाई का अभिमान है, न पैसे कम होने पर झूठ- मूठ का दिखावा है कि मेरे पास बहुत पैसे हैं.

यहां तक कि अपनी आर्थिक स्थिति के कमजोर पछ को बताने में उन्हें संकोच नहीं होता. उनका जीवन खुली किताब की तरह होता है. इसका अर्थ यह है कि आप जैसा हैं, वैसा ही दिखने का प्रयास करें.

पहले लोग जितना कमाते थे _उसी में संतुष्ट भी रहते थे, परिश्रम भी बहुत करते थे.

_लोगों की कमाई भी उनके जीवनयापन के अनुरूप ही होती थी,
_पेट काट कर कुछ बचा लिया तो बच जाता था, अन्यथा कल की चिन्ता कल पर छोड़ देते थे.
_स्त्री हो या पुरुष- वे सब दिखावे से बहुत दूर रहते थे, बिना प्रेस किए हुए कपड़े पहन कर भी उनमें हीन भावना नहीं उपजती थी.
_न जेब में बहुत पैसे हुआ करते थे, न ही असीमित जरूरतें..
_जिनकी आय अपेक्षाकृत अधिक थी, उसका उन्हें कतई अभिमान न होता था,
_बल्कि दिखावा करने में उन्हें संकोच होता था.
–तब लोग स्वाभाविक जिंदगी जीते थे और थोड़ा कुछ बचा भी लेते थे,
_आज तो दिखावे और स्टैंडर्ड मेंटेन करने का जमाना है,
_ तनखा भी खिसक जाती है और ऊपर से कर्ज और उधारी लद जाती है..
दिखावा और अक़्लमंदी साथसाथ नहीं रह सकते. सूर्य उदय और अस्त होते समय बहुत सुंदर लगता है, लेकिन उस का प्रकाश दोपहर को ही सब से ज्यादा होता है, जब उस में कोई विशेष सौंदर्य नहीं होता.
केवल कुछ अपने लोगों को दिखाने और दिखावा के लिए ही हम खुद कष्ट में ही जीते हैं,

_ पर फिर भी अधूरे ही रह जाते हैं, दिखा भी नहीं पाते हैं और जाने का समय आ जाता है.

दिखावे से जुड़ी हर चीज़..चाहे वो रिश्तें हो…लोग हो…व्यवहार हो..स्थिर नहीं रह पाती…और एक न एक दिन अपनी असलियत ज़ाहिर कर ही देती है…

.. जबकि स्थिरता धैर्य और विश्वास के साथ एकरूप रहती हैं…उसे दिखावे की ज़रूरत नही होती…

आप जरूरत के हिसाब से चीजें खरीदें.

_दूसरों को चीज़ों से प्रभावित करने के बजाय _अपने जीवन से प्रभावित करने की कोशिश करें.!!

जिस इंसान को भी ये लगता है कि वह कुछ है, तो उसे ये भी लगता है कि कल को लोग भी समझेंगे कि वो कुछ है;

_ फिर वो अपना पूरा जीवन लोगों को दिखाने में बिता देता है कि_ वो कुछ है..!

लेकिन उन्हें बता दूँ कि ऐसे ही लोग अपनी पूरी ज़िदगी को एक तरह के दुःख में बिताते हैं : _ और एक समय आता है जब वो जान चुके होते हैं कि जिन लोगों को दिखाने के लिए उसने पूरा जीवन बिता दिया ; वो लोग तो दूर उसके घर वाले तक उसको कुछ नहीं समझते थे.

हमें यह दिखावा करना बंद करना होगा कि सब कुछ ठीक है जब ऐसा नहीं है और दूसरों से झूठी वाहवाही प्राप्त करने का नाटक करना बंद करें.

_तभी हम सुख-शांति को जान सकते हैं..!
ऐसा होने का नाटक करना जो हम नहीं हैं, एक ऐसा जाल है जिसमें हममें से अधिकांश लोग अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर फंस जाते हैं.
चाहे वह कम आत्मसम्मान, अनुकूल व्यवहार, या फिट न होने के डर के कारण हो.
सुनिश्चित करें कि आप वास्तविक जीवन में खुश हैं न कि केवल दिखावे पर..
ध्यान रखें कि _ दिखावा वास्तविकता नहीं है.!!
हमारा मन हमें कई अलग-अलग “पोशाक और ड्रेस ” पहनने के लिए प्रेरित करता है ; _ हालाँकि, इनमें से कुछ हमारी भलाई और प्रगति के लिए हानिकारक हैं;
_ वे हमारे ऊपर बोझ डालते हैं, _ हमारे वास्तविक स्वरूप की रोशनी को धुंधला कर देते हैं.!!
_ समाज अक्सर हम पर दिखावा करने के लिए दबाव डालता है, एक ऐसा मुखौटा जो हमारी असलियत को छुपाता है.
_ यह मुखौटा एक ऐसा व्यक्तित्व दिखा सकता है _ जिसे हम मानते हैं कि अन्य लोग देखना चाहते हैं.
_ लेकिन आप को उस सार को गले लगाना हैं जो आपको, आप बनाता है। दिखावा का मुखौटा उतारें और इसे दोबारा कभी न पहनें.
_ इस बोझ को छोड़ें और अपनी सफलता और खुशी को परिभाषित करना चुनें.
_जीवन नामक इस यात्रा के दौरान, हम अक्सर ऐसी चीजें उठाते और पहनते हैं _जो फायदे से ज्यादा नुकसान करती हैं, _हमारी क्षमता और वास्तविक खुशी में बाधा डालती है.
“यदि आप अपने से ऊँचे स्तर के लोगों के लिए दिखावा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इसे भूल जाइए ; _ वे किसी भी तरह आपको नीची दृष्टि से देखेंगे.!!
और यदि आप निचले स्तर के लोगों के लिए दिखावा करने का प्रयास कर रहे हैं, तो इसे भूल जाइए ; _वे आपसे केवल ईर्ष्या करेंगे..!!
_स्टेटस आपको कहीं नहीं ले जाएगा.
_केवल एक खुला दिल ही _आपको सभी के बीच समान रूप से रहने की अनुमति देगा.”
दूसरों की राय को महत्व क्यों देना चाहिए ?
यदि आप कुछ खरीद सकते हैं और यह आपको खुशी देता है, तो इसे खरीदें.!!
_ लेकिन यदि आप लोगों को संतुष्ट करने के लिए और दिखावा करने के लिए खरीद रहे हैं, तो आपको अपनी प्राथमिकताओं की फिर से जांच करने की आवश्यकता है.
हम एक दूसरे की मदद करने के बजाए एक दूसरे के समक्ष अपना रौब और वर्चस्व दिखाने में जुटे हैं..

अपने सपनों की पूर्ति के बजाए, दूसरों की देखा -देखी करने में लगे हैं… _ मेरा मानना है कि देखा देखी करने और दिखाने से बर्बादी निश्चित है…!!

जिंदगी जीने का सबसे सरल तरीका है ; जितना आप साधरण रहोगे उतना ही सुखी रहोगे.

_ अगर दिखावे का ढोंग करोगे, _ परेशानियों से घिरे रहोगे..

कुछ लोग दिखने के लिए उतावले रहते हैं, तो कुछ लोग गायब हो जाने के लिए उतावले रहते हैं.

Some people hustle to be seen, others hustle to disappear.

संसार में पशु पक्षी जीव जंतु जानवर यहां तक कि मनुष्य भी, _इन सबकी तृप्ति सिर्फ और सिर्फ भोजन है बाकी सब दिखावा भुलावा है.
दिखावा करके खरीदी गयी फ़र्ज़ी इज्ज़त साबुन के झाग के समान है,

_ जिसे उड़ जाने में ज़रा भी वक़्त नही लगता..!!!

दिखावा कर के व्यवहार बनाने से अच्छा है, सच बोल कर दुश्मन बना लो ;

_ आप के साथ कभी विश्वासघात नहीं होगा ..

कुछ लोग बस दिखावे के लिए आपके पास होने का ढोंग करते हैं,

_ लेकिन रहना तो वो आपसे दूर ही चाहते हैं !!

हम चाहे जितना भी बुद्धिमान होने का दिखावा करें, _

_ लेकिन हमारा व्यवहार उस दिखावे से पर्दा हटा ही देता है.

मुझे दिखावा करना अच्छा नही लगता, _

_ चार पैसे कमा लिए तो खनका कर क्या बताना..

इस संसार में सम्मान से जीने का सबसे अच्छा तरीका है, _

_ हम वही बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं.

लोग वस्तुओं और चीजों का एक बड़ा समूह जमा करने और दिखाने में सफल हो गए हैं, _लेकिन खुशी कम हो गई है..!!
लोग बाहरी दिखावे के चक्कर में _ अपना आंतरिक संतोष खोए जा रहे हैं.
” दिखावा सबसे हीन प्रवृत्ति है तो, दिखावे से प्रभावित होना, सबसे दीन प्रवृति है,”
दिखावा करने से बेहतर है, आप अच्छे और सच्चे बनें, _  बहुत सुकून मिलता है…
होड़ हमेशा दिखावा करती है, _ और दिखावा कभी सच्चाई तक नहीं पहुंच पाता.
हीन भावना से ग्रस्त आदमी, _ अपनी सारी जिंदगी दिखावे में बर्बाद कर देता है..
#दिखावा कुछ और नही आप का अपने प्रति हीनता ओर खुद का अनादर है.
दिखावे के खेल में मत उलझो, क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नहीं…!
व्यर्थ का आडम्बर और बेकार का दिखावा नहीं करना चाहिए.
आपका जीवन ज्यादा क़ीमती है, दिखावे की दुनिया से.
आपका सबसे सुंदर रूप छिपाव है __ दिखावा नहीं !!
औकात से बड़े दिखावे इंसान को डूबा देते हैं..
जो हो वही रहो, __ दिखावा मत करो..

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