सुविचार – मुफ़्त – मुफ्त – फ्री – Free – 038

10114238613_99cfcca1fc

” मुफ्त की चीजों ” को लोग तवज्जो नहीं देते, किसी का कुछ काम फ्री में करने के बजाय कुछ कीमत वसूलें.!!
जरूरत से ज्यादा फ्री में कहीं से भी कुछ मिले तो आदतें खराब होंगी ही होंगी !!
फ्री में लिया गया कुछ भी कभी संतुष्ट नहीं करता,

_ वो हमारे भीतर बैचेनी और अशांति पैदा करता है.!!

जगत में सीधे मार्ग कहीं नहीं हैं. हमें टेढ़े- मेढ़े मार्ग तय करने के लिए तैयार रहना चाहिए..

_ तथा मुफ्त में सफलता प्राप्त करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए.

जो आप मुफ्त पाते हैं, वह बहुत महंगा पड़ता है.
यदि कुछ चाहिए तो आपको ही उसका मूल्य चुकाना होगा..

_ यदि मुझे चाहिए तो.. मैं उसका मूल्य चुकाऊँगा.!
_ लेकिन ज्यादातर लोगों को सब पाना है और मूल्य चुकाये कोई और !!
_ मैं नहीं कहता कि ये मत पाना ..ये ग़लत चीजें हैं..
_ लेकिन इतना ज़रूर है कि.. इन सबका मूल्य दिये बग़ैर आप ये नहीं पा सकते..
_ फिर इसका मूल्य कुछ भी हो सकता है..
_ … ज़मीर [conscience] या ज़ंजीर.!!

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected