सुविचार – परिवार – फैमिली – Family – 047

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जाने के लिए कुछ जगह होना घर है,

किसी से प्यार करना ही परिवार है,
दोनों का होना एक आशीर्वाद है.
Having some place to go is HOME
Having someone to love is FAMILY
Having both is a BLESSING.
मानव जीवन में परिवार की भूमिका उस कुशन या गद्दे की तरह की होती है,

_ जो हमें जीवन में सफलता की ऊंचाइयों से अचानक गिरने पर हमें जख्मी होने से बचाती है.
_ इसलिए सफलता पाने की कोशिश में केवल संघर्ष ही अनिवार्य नहीं है,
_ बल्कि उन अपनों के प्यार व सहानुभूति की भी दरकार होती है..
_ जिनकी उपस्थिति के बिना जीवन तथा जहान की सारी खुशियां अधूरी प्रतीत होती है.
_ आप के अपने आप के सपनों के पीछे भागने की रेस में आप के साथ होंगे तो आप को एक अद्भुत ऊर्जा तथा प्रेरणा का एहसास पलप्रतिपल होगा.
_ अपनों के प्यार को खो कर पाई गई किसी भी कामयाबी की कीमत कभी भी इतनी अधिक नहीं होती,
_ जो आप के जीवन की भावनात्मक कमी की भरपाई कर सके.
परिवार सुख-दुःख, खुशी-गम यानि जीवन के हर रंग के अनुभवों का संगम है.

_ यूं अकेले भी जीवन आराम से जिया जाता है,
_ यूं परिवार को दुखों की जड़ कहा जाता है, लेकिन दुख और परेशानी के समय अगर परिवार का साथ मिले तो व्यक्ति मुसीबतों में भी निश्चिंत रहता है,
_ उसे अपना ख्याल रखने की भी चिंता नहीं होती.
_ जिनका अपना परिवार नहीं होता यानी खून का रिश्ता नहीं होता, वे अजनबियों से रिश्ते बनाते हैं.
_ मित्र भी सीमित रूप से ही आपका साथ देते हैं, वे स्थायी सहारा नहीं होते.
_ परिवार एकमात्र ऐसा सुख है जो वरदान स्वरूप मिलता है..!!
अगर परिवार में नई और पुरानी पीढ़ी एक दूसरे कि भावना को समझ कर परस्पर सामंजस्य बिठाये तो _जटिल परिस्थितियां कभी उत्पन्न ही नहीं होंगी,

_यदि दोनों थोडा- थोडा झुक जाएँ तो खुशियों का वृत्त अपने आप ही पूरा हो जायेगा.

परिवार एक पेड़ की शाखाओं की तरह होता है,

_ जो बढ़ती तो अलग- अलग दिशाओं में है, लेकिन सब की जड़ एक ही है !

परिवार में अगर छोटी-छोटी बातों को बड़ा बनाओगे,

_ तो आपका बड़ा परिवार छोटा होता जाएगा..!!

बेशुमार पैसा और दुनिया का कोई भी ब्रांड, आपको वो ख़ुशी नहीं दे सकता ;

_ जो आपको आपका परिवार दे सकता है.

इस खूबसूरत जीवन मे दो रोटी रूखी-सुखी ही हो.. परिवार के साथ खाने में जो सुकूँ है.. वो सबसे बड़ा है,

_ पैसा -रूतबा- झगड़ा ये सब बस जीवन की खूबसूरती को बर्बाद करने के लिए ही है..!!

परिवार को मालिक बनकर नहीं बल्कि माली बनकर संभालो,

_ जो ध्यान तो सबका रखता हो.. पर अधिकार किसी पर ना जताता हो..

परिवार की नीवं जब मिल- जुलकर अनेक कंधों पर सवार होती है,

तब वह मजबूत बनती है.

” पारिवारिक बंधन एक पेड़ की तरह होता है, यह झुक सकता है लेकिन टूट नहीं सकता “
परिवार उस वृक्ष की तरह होता है जिसकी घनी छांह में हम खुद को सुखद स्थिति में महसूस करते हैं.
परिवार बर्बाद होने लगते हैं, जब समझदार मौन रहते हैं और नासमझ बोलने लगते हैं.
अपने परिवार से मिल के रहो, _ दुनिया की हर खुशी तुम्हारा दरवाजा खटखटाएगी।।
“अगर मैं अपने परिवार के साथ सामंजस्य बिठाता हूं, तो यह सफलता है “
परिवार, परिवेश और परवरिश का बहुत असर पड़ता है व्यक्तित्व पर..!!
परिवार एक ऐसा अनमोल उपहार है,

_ ज़्यादातर कार्य हम अपनी ज़िन्दगी में अपने परिवार की ख़ुशी और भलाई के लिए करते हैं,
_ इसलिए आपसी तालमेल और रिश्तों में मिठास लाना एवं रखना बहुत ही अनिवार्य है.
किसी घर में एक साथ रहना परिवार नहीं कहलाता… बल्कि एक साथ जीना,

_ एक दूसरे को समझना और एक दूसरे की परवाह करना परिवार कहलाता है..

बिना समझ के परिवार दिशाहीन होकर, सदस्यों के पतन का कारण बनता है,

_ इसलिए परिवार में हमेशा एक- दूसरे को समझने को प्रधानता दें.

दूसरों की बातों व रिश्तेदारों को महत्ता देने वाला परिवार धीरे धीरे अपने निजी सदस्यों के बीच संबंध को खराब कर लेता है, _

_ जिससे परिवार की वृद्धि असंभव हो जाती है.

जड़ों से जुड़े रहना जरुरी है….

_ परिवार के साथ हैं तो तनाव से दूर और खुश रहेंगे.

इक ज़माना था कि परिवार में सब एक जगह रहते थे,

_ और अब ‘कोई कहीं’ ‘कोई कहीं’ रहता है..!!

अपने काम और परिवार के बीच हमेशा संतुलन बनाए रखें.

_ कार्य और परिवार दोनों बहुत जरुरी है लेकिन हम जो भी करते हैं, वह परिवार के लिए ही करते हैं.

_ सो, कार्य महत्त्वपूर्ण है, लेकिन परिवार उस से भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है.

खुशहाल परिवार की पहचान :-

_ जिस परिवार के सदस्यों में एक-दूसरे पर भरोसा, आपसी प्रेम और आदर का भाव हो,

_ वह परिवार सबसे खुशहाल परिवार कहलाया जाएगा.

आपका परिवार कितना अमीर है, ये मायने नहीं रखता ;

_ आपका परिवार कितना खुश है, ये बहुत मायने रखता है..

परिवार ही एक पवित्र बंधन हुआ करता था,_

_ ख़ैर ! दुःख होता है की आज प्रगतिशील समाज में रिश्तों का कोई मूल्य नहीं है…!!!

अब तो हम सिर्फ अपना घर-परिवार को संभालकर रख ले ..ये ही बड़ी बात है;

_किसी दूसरे को सही बात बोलने से ..वो आप को ही गलत साबित कर देगा.

जीवन मे सब ठीक ही था बस पारिवारिक वातावरण के अलावा,

_ किसी और के जीवन का निर्णय कोई और ले रहा था !!

घर परिवार के नाटक चलते रहेंगे,  आप अपने काम पर ध्यान दो,

_ परिवार के सदस्यों को अपने नाकामी का कारण मत बनने दो..!!

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