_ क्योंकि जिन आकांक्षाओं के पीछे हम जीवनभर दौड़ते रहते हैं,
फिर वे फिसल जाते हैं और अर्थहीन लगने लगते हैं ( अनेक बार बोझल भी )
_ और हम जीवन के महत्वपूर्ण लगने वाले उद्देश्यों को निरर्थक पाने लगते हैं..!!
_ जिनके जीवन में कठिनाइयां और नकारात्मकता अधिक रहती है..
_ वे जीवन से निराश हो जाते हैं और बुढ़ापा जल्दी आ जाता है..!!
*1**अपने स्वयं के स्थायी स्थान पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें!*
*2**अपना बैंक बेलेंस और भौतिक संपत्ति अपने पास रखें! अति प्रेम में पड़कर किसी के नाम करने की ना सोचें।*
*3* *अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है और कभी कभी चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर पाते*
*4**उन लोगों को अपने मित्र समूह में शामिल रखें जो आपके जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हैं, यानी सच्चे हितैषी हों।*
*5**किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें!*
*6**अपनी संतानों के जीवन में दखल अन्दाजी ना करें, उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप अपने तरीके से अपना जीवन जीएँ!*
*7**अपनी वृद्धावस्था को आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने, सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें।*
*8**लोगों की बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें।*
*9**प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगे, यहाँ तक कि रब से भी नहीं। रब से कुछ मांगे तो सिर्फ माफ़ी और हिम्मत!*
*10**अपने स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें, चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टिक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें! छोटे कष्टों पर ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी मोटी शारीरिक परेशानीयां चलती रहती हैं।*
*11**अपने जीवन को उल्लास से जीने का प्रयत्न करें खुद प्रसन्न रहने की चेष्टा करें और दूसरों को प्रसन्न रखें।*
*12**प्रति वर्ष अपने जीवन साथी के साथ भ्रमण/ छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जाएं, इससे आपका जीने का नजरिया बदलेगा!*
*13**किसी भी टकराव को टालें एवं तनाव रहित जीवन जिऐं!*
*14**जीवन में स्थायी कुछ भी नहीं है चिंताएं भी नहीं इस बात का विश्वास करें !*
*15**अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को रिटायरमेंट तक पूरा कर लें, याद रखें जब तक आप अपने लिए जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं!*
*खुशनुमा जीवन जीएं*
यह एक चुनौती होती है बुजुर्ग अवस्था मे आय के स्रोत को उस स्तर पर बनाए रखना, जिस स्तर पर आपने जीवन जिया, इसके अतिरिक्त बीमारियों का ख़र्च, सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह.
मैं यह सुझाव दूंगा कि बैंक में सीनियर सिटीजन डिपाजिट स्कीम में पैसा जमा करें तो अधिक ब्याज मिलेगा, साथ ही मासिक ब्याज की सुविधा होती है, इसी तरह LIC की भी योजना है.
“बुढ़ापा और परिवार”
“परिवार के साथ बुढ़ापा” अच्छे से व शान्ति से काटने के लिए कुछ बातें आप गौर से पढ़िये.
01. “कम बोलिये…” जरूरत न हो तो बिलकुल मत बोलिये.
02. मनचाही वस्तु ना मिलने पर “क्रोध” ना करे.
03. अपनी “धन संपत्ति” का बार बार बखान ना करें.
04. बहू-बेटियों के कार्य में दखल ना करें.
05. यह आशा न करें कि बहू.बेटे हर काम हमसे पूछकर करें.
06. “खाने पीने में संतोषी रहे.” जो मिल जाए, प्रसाद समझ कर ग्रहण करें.
07. किसी पर “अपनी इच्छा थोपने” की कोशिश न करें.
08. “बहू.बेटियों तथा उनके बच्चों से” स्नेह व प्रेम का का व्यवहार करें.
09. बुढापे के कष्ट व बीमारी को कर्मफल समझ कर खुशी खुशी सहन करें.
10. घर पर आए किसी भी व्यक्ति से “अपने घर की कोई बुराई न करें.”
11. बहू.बेटियों के “कटुवचन सुनकर” शांत हो जाएँ और कोई प्रत्युत्तर न दें.
12. अपने स्वास्थ्य के सामर्थ्य अनुसार “बहू.बेटियों के कार्य में” सहयोग करें.
13. “रब को अवश्य याद करते रहें.”
14. ध्यान रहे कि “रब की कृपा से” सब कुछ प्राप्त होता है. “उसका शुकराना करते रहिये. “खाली हाथ आए थे, खाली हाथ ही जाना है, प्रेम से रहकर सबसे रिश्ता निभाना है.
15. अपने परिवार की समस्याएँ “दूसरों के सामने न रखें.”
16. “अपने बीते दिनों के गुणगान” रात-दिन न करें.
17. “प्राकृतिक जीवनशैली अपनाएँ.”
18. ध्यान रहे इच्छा से मृत्यु सबको नहीं प्राप्त होती है, “अतः प्रसन्न व आनन्द में” रह कर बुढ़ापे का जीवन जियें.
19. उम्र के हिसाब से बच्चों के “पूछने के तरीके बदल जाते हैं.” बच्चों के उम्रदराज होने पर “उनके बताने व जानकारी देने को ही” उनके द्वारा पूछना ही समझें.
20. खाँसी सिर्फ बीमारी ही नहीं है, “खाँसी एक तहजीब भी होती है,” एक उम्र के बाद अपनी “उपस्थिति का अहसास” अपने ही घर में कराने के लिए.
“इंसान की सोच” “अगर तंग हो जाती है,”
“तो यह खूबसूरत जिन्दगी” “भी एक जंग हो जाती है.”
तुम कोई शौक पाल लो यारों, वरना बुढ़ापा मुश्किल है,,
कम बोलो, ज्यादा सुनो, चल कर किसी को ज्ञान ना दो,,
योग, ध्यान को भी अपना लो यारों, वरना बुढ़ापा मुश्किल है,,
जो भी मिले प्रेम से खाओ, हर किसी को ना अपने जख्म बताओ,,
तन्हा मुस्कुराना सीख लो यारों, वरना बुढ़ापा मुश्किल है,,
कमाई के साथ साथ करो बचत, जाने कब स्वास्थ जाए अटक,,
दो चार सच्चे दोस्त बना लो यारों, वरना बुढ़ापा मुश्किल है,,
तुम कोई शौक पाल लो यारों, वरना बुढ़ापा मुश्किल है,,
Ageing is a welcome expectation but it is also a passing phase that changes your life style !!!
_ जिन्होंने इसे बनाया, सजाया होता है.._वह इसे छोड़ जाते हैं !!
_ पुरानी बिल्डिंगों को थोड़ा रख रखाव चाहिए,
🤷♀सुबह सुबह किसी ने द्वार खटखटाया,
मैं लपककर आया,
जैसे ही दरवाजा खोला
तो सामने * बुढ़ापा खड़ा * था,
भीतर आने के लिए,
जिद पर अड़ा था..😔
मैंने कहा :
नहीं भाई ! अभी नहीं😔
“ अभी तो * मेरी उमर * ही क्या है..”
वह हँसा और बोला :
* बेकार कि कोशिश * ना कर,
मुझे रोकना नामुमकिन है…
मैंने कहा :
“.. अभी तो कुछ दिन रहने दे,
अभी तक * दूसरो के लिए जी * रहा हूँ ..
अब अकल आई है तो कुछ दिन
* अपने लिए और दोस्तों*
के साथ भी जीने दे..”
* बुढ़ापा हंस कर बोला * :
अगर ऐसी बात है तो चिंता मत कर..
* उम्र भले ही तेरी बढ़ेगी *
मगर बुढ़ापा नहीं आएगा,
*तू जब तक दोस्तों के साथ जीएगा*
* खुद को जवान ही पाएगा..***….