उनसे पूछिए कैसा लगता है जीवन का एक दिन को भी गुजारना..
_ जिनके पास काबिलियत तो है, परन्तु उनकी काबिलियत के अनुसार उन्हें रोजगार नहीं मिलता..
_ और इस वजह से वो _ बेरोजगारी के आग में पल – पल जलते हैं..
सता रहा है डर भविष्य का, अभिशाप बन गई बेरोजगारी है,
_ कैसे गुजारा होगा परिवार का, सिर पर हज़ारों ज़िम्मेदारी है..!!
काम हमारे शरीर और दिमाग के लिए एक सबसे अच्छा व्यायाम है, जो जीवन में वास्तविक आनंद लाता है,
_ कार्य कौशल विकास के साथ-साथ नए अवसरों के लिए भी रास्ता निकालता है.
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो काम को इतना बिगाड़ देते हैं कि _एक समय ऐसा आता है _जब उन्हें कहना पड़ता है कि, ‘रहने दो, मैं खुद कर लूंगा’
_ और फिर उन्हें काम से मुक्त कर के _सही व्यक्ति को _ उस काम को _अपने ऊपर ले लेना पड़ता है.
जो लोग काम करते हैं वो ज्यादा बात नहीं करते..
_ और जो ज्यादा बात करते हैं वो बातों के अलावा कुछ कर नहीं पाते.!!
बेरोजगारी किसी इंसान को उतना मायूस नहीं करती है..
_ जितना की उसके ख़ुद के परिवार वालों और दोस्तों का रवैया उसे कर देता है.!!
आप जो भी काम करें उसमें मूल्यों [values] के साथ समझौता न करें.!!
किसी भी कीमत पर..अपने काम के साथ कभी खिलवाड़ मत करना,
_ क्योंकि लोग तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन भूख तो हर दिन दस्तक देगी ही देगी.!!
किसी भी काम को पूरा करने से पहले उसका ढिंढोरा मत पीटा करो,
_ क्योंकि वो काम फिर मुश्किल से ही अपनी मंजिल पर पहुँच पाता है..!!
अपने उस काम के प्रति कभी भी शर्मिंदा मत होना, जो आपको दो वक्त की रोटी देता है,
_ कम कमाना लेकिन हक़ का खाना.. ही बेहतर है.!!
आप बात करते हो, हम काम करते हैं, यही अंतर है..!!
You talk, we work, that’s the difference..!!
किसी काम को करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लें.
Before doing any work, know about it thoroughly.
किसी का मूल्यांकन उसके काम को देखकर करना चाहिए.
One should judge someone by looking at his/her work.
जब काम में मज़ा आए तो काम, काम नहीं लगता.!!
कोई काम नामुमकिन नहीं और हर काम करना ही है, यह कतई ज़रूरी नहीं.!!