सुविचार – खुशी – ख़ुशी – खुश – ख़ुश – 096

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“खुशी पाने की अवस्था नहीं है, बल्कि यात्रा करने का एक तरीका है.”

“Happiness is not a state to arrive at, but a manner of traveling.” —Margaret Lee Runbeck

“पैसा आपको खुश नहीं करेगा, लेकिन हर कोई खुद ही इसका पता लगाना चाहता है”

मैं ऐसे खुश लोगों को जानता हूं जिनके पास मुझसे कम संपत्ति है और मैं ऐसे दुखी लोगों को जानता हूं _ जिनके पास मुझसे कहीं अधिक संपत्ति है.

_ पैसा ख़ुशी का रहस्य नहीं है.  _ऐसा न कभी हुआ है और न कभी होगा. __और जितनी जल्दी हमें इस सत्य का एहसास होता है,  उतनी ही जल्दी हम उस स्वतंत्रता की खोज कर सकते हैं जो धन की इच्छा न रखने के साथ जुड़ी होती है.

“Money won’t make you happy, but everybody wants to find out for themselves.”

I know happy people who own less than me and I know unhappy people who own far more. Money is not the secret to happiness. – Zig Ziglar

जीवन के सबसे ख़ुशी के पलों में से एक वह होता है _जब आप उस चीज़ को छोड़ने का साहस पाते हैं _जिसे आप बदल नहीं सकते.

One of the happiest moments in life is when you find the courage to let go of what you cannot change.

ऐसे लोग हैं जो आपके पास जितना है उससे कम में भी अधिक खुश हैं.

There are people out their happier with less than what you have.

खुशी हमेशा सच्ची नहीं होती, अनेक बार लोग खुशी का दिखावा करते हैं.
“अपनी ख़ुशी को उस चीज़ पर निर्भर न रहने दें _जो आप खो सकते हैं.”
 

“असली ख़ुशी काफ़ी सस्ती है, फिर भी हम नकली ख़ुशी के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकाते हैं.”

यदि आपकी ख़ुशी इस बात पर निर्भर करती है कि_ कोई और क्या करता है,
..तो आप को कोई समस्या है.!!
सभी की अपनी एक दुनिया है और उसी दुनिया मे हर कोई अपने हिसाब से खुश है…!
वास्तविक ख़ुशी मन की एक ऐसी स्थिति है,

_ जिसमें ख़ुशी का विचार भी पूरी तरह से अनुपस्थित होता है..!!

कुछ जीतने पर भी मन ख़ुश ना हो तो समझ लेना,

_ कुछ ऐसा हार गए हो जो जीत से ज्यादा जरुरी था..!!

जब जीवित रहने के अलावा कोई अन्य विकल्प न हो, तो खुश दिखना जीवन को आसान बनाने का एक मूल्यवान अस्त्र है.
हर किसी को खुश करने की कोशिश मत करो, यह तराजू पर मेढक का बोझ डालने जैसा है,

_ जब आपकी आंतरिक चेतना कहती है कि _आप ठीक हैं तो _आपको हर किसी को खुश रखने की कोई जरूरत नहीं है..!!

अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो वह इंसान बन जाइए..!

_ जो अपनी खुशियों की चाबी दूसरों को नहीं सौंपता.!!

मैं यह सोचने की गलती नहीं करता कि जो खुशी मुझे किसी में या कहीं और मिलती है.

_ मुझे अपने अंदर ख़ुशी मिलती है _ क्योंकि मेरा मानना ​​है कि _ मैं अपने आस-पास के लोगों को तभी खुश कर सकता हूँ जब मैं खुश रहूँगा..!!

_ मैं संक्षेप में यह कहना चाह रहा हूं कि आप जो खुशी तलाश रहे हैं वह आप में है.

खुश लोग जानते हैं कि खुशी एक विकल्प है ; _ वे जानते हैं कि यह वर्तमान परिस्थितियों की प्रतिक्रिया नहीं है. _ इसके बजाय, ख़ुशी एक उपलब्ध निर्णय है ;

उन्होंने उस सोच को ख़त्म कर दिया है जो जीवन में आनंद का अनुभव करने से पहले सब कुछ सही होने का इंतज़ार करती है.

दूसरी ओर, दुखी लोग हमेशा खुशी की तलाश में रहते हैं. _ उनका मानना ​​है कि ख़ुशी कुछ नया या कुछ अलग पाने पर निर्भर है.

_ वे लगातार पीछा कर रहे हैं, लेकिन कभी हासिल नहीं कर पाते ; __ कई बार, वे इसे सभी गलत स्थानों पर खोजते हैं.

खुश लोग अपनी परिस्थितियों को पहचानते हैं और उनसे भागने की आवश्यकता नहीं रखते ;

_ इसके बजाय, वे अपने अंदर शांति का अभ्यास करना चुनते हैं.

यदि हम अच्छाई को उतना ही बढ़ा दें, जितना बुराई को बढ़ाते हैं,

_तो हम सब कहीं अधिक खुश होंगे.!!

कहते हैं, ‘दुःख इंसान को निखारता है.’ भीतर से निखारता होगा, बाहर से तो आदमी मुरझाया नज़र आता है.

_ ख़ुशी बेशक निखारती है, भीतर (मन), बाहर (तन) दोनों स्तरों पर.

जो आप के लिए सही है, उसके साथ आप को खुश रहने की कोशिश नहीं करनी पड़ती _बल्कि आप खुश रह लेते हो..!!
आप सब कुछ प्राप्त करके भी अगर हंसते नहीं, खुश नहीं रहते तो इसका अर्थ है कि आप ने कुछ भी प्राप्त नहीं किया..!!
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अपनी पूरी ज़िंदगी इस ख़ुशी में गुज़ार देते हैं कि _वो जिनको प्यार करते हैं वो खुश हैं और उनकी ख़ुशी के लिए वो अपने सारे कष्ट भूल जाते हैं.
अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए __ दूसरों पर दोषारोपण एक खतरनाक आदत है और खुशी के लिए एक बहुत बड़ी बाधा है.

कमियों की जिम्मेदारी किसी अन्य व्यक्ति या बाहरी कारक पर डालने से परिवर्तन की कोई भी आवश्यकता या प्रेरणा तुरंत समाप्त हो जाती है.

इसके बजाय, पीड़ित उस कोठरी में फँसा रहता है जिसे उसने स्वयं बनाया है – _ किसी और के आने का इंतज़ार करता है जो उसकी समस्याओं का समाधान करेगा.

_ लेकिन हर बार जब हम अपनी नाखुशी के लिए किसी और को दोषी ठहराते हैं, तो हम हार जाते हैं। और लंबे समय में, यह तृप्ति और खुशी को पहुंच से दूर रखता है.

_ आपकी खुशी पूरी तरह से खुश रहने के आपके निर्णय पर आधारित है – और यह जीवन के सबसे महत्वपूर्ण सबकों में से एक हो सकता है _ जो हममें से कोई भी सीख सकता है.

सबसे पहले व्यक्ति को आत्म-विश्लेषण करना चाहिए ; _ अपनी वास्तविक चाहतों, जरूरतों, खुशियों आदि का पता लगाएं और संस्कृति, धर्म और परिवार के बाहरी प्रभावों को दूर करें, _ जिसने आपके लिए खुशी को परिभाषित किया है.

ख़ुश रहने की कुंजी स्वयं को जानना और इस दुनिया में अपना रास्ता खोजना है ; _ इससे ख़ुशी मिलती है. एक खुशी जो विपरीत परिस्थितियों में भी आपके भीतर बनी रहती है.

_ यह आपको असहायता की भावनाओं से बचाता है और आपको कठिन समय में सहना और धैर्य रखना सिखाता है.

_यह आपको अपने जीवन में सभी सकारात्मक चीजों की सराहना करना सिखाता है, जिससे आपकी खुशी बनी रहती है.

जो बार बार सहानुभूति के बहाने आपको आपका दर्द ..गुज़रा वक़्त याद दिलाए तो ..समझ लीजिए कि …वो आपको कभी खुश नहीं देखना चाहता, और ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए.
हम सभी के साथ खुशियां बांटना चाहते हैं,

_ लेकिन लगता नहीं कि खुशियां बांट रहे हैं,
_ बल्कि अपनी खुशियों का प्रदर्शन कर रहे हैं…
_ लेकिन यही खुशियां बहुत जल्दी गायब क्यों होने लगती है…
_ ये भी सोचने की जरूरत है…
— हमने तो ज्यादातर लोगों से यही सुन रखा है कि लोगों की नज़र भी लगती है,
_ इसलिए अपनी खुशियों को बुरी नज़र वालों से भी बचाएं,
_ क्योंकि खुश होने वालों से ज्यादा जलने वाले लोग भरे हुए हैं….
_ बाकी जो लोग जिसमें खुश हैं वो करें…. सबकी अपनी-अपनी इच्छा..
ख़ुशी का मतलब वह सब कुछ पाना नहीं है जो आप चाहते है, _यह आपके पास जो कुछ भी है उसका आनंद लेने के बारे में है.
Happiness is not about getting all you want. It is about enjoying all you have.
ख़ुशी उन लोगों को कभी नहीं मिलेगी जो उनके पास पहले से मौजूद चीज़ की सराहना करने में विफल रहते हैं.
Happiness will never come to those who fail to appreciate what they already have.
आपकी खुशी दूसरों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए.

Your happiness should never depend on others.

खुशी मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है. शांति और तर्कसंगतता खुशी की आधारशिला हैं.

Happiness is man’s greatest aim in life. Tranquility and rationality are the cornerstones of happiness.

सबसे खुश लोगों के पास हर चीज़ सर्वश्रेष्ठ नहीं होती, वे बस अपने पास मौजूद हर चीज़ को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं.

The happiest people don’t have the best of everything, they just make the best of everything they have.

चीज़ों के बेहतर होने का इंतज़ार न करें. जीवन हमेशा जटिल रहेगा.

_अभी खुश रहना सीखें, नहीं तो आपके पास समय खत्म हो जाएगा.

Don’t wait for things to get better. Life will always be complicated. Learn to be happy right now, otherwise you’ll run out of time.

जीवन उन चीजों को सहन करने के लिए बहुत छोटा है जो आपको खुश नहीं करतीं.

Life is too short to tolerate things that don’t make you happy.

दुनिया में दुखी करने वाले सैकड़ों लोगों से आप रोज़ टकरा सकते हैं,
_लेकिन खुशी देने वाले कम ही लोग मिलते हैं.!!
“जब तक जीवन है खुश रहो “
__ जीवन एक बहुत ही छोटी यात्रा है, और हम इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं.
_जो ज्ञात है वह विज्ञान है. _जो अज्ञात है वह रहस्य है. _रहस्य का आकार बड़ा है..!!
जिनके जीवन में एकाग्रता, एकनिष्ठता नहीं होती, उनके जीवन में खुशियों का स्थायी वास नहीं होता.
_जीवन में बिखराव होने से खुशियां भी बिखर जाती हैं.
_इसलिए खुद को समेट कर रखना ज़रूरी है.
दुनिया में हर कोई अपने लिए ही जी रहा है, उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है, वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है, पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता,
_ दोस्तों हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है. जब हम औरों को उनकी खुशियां देना चाहेंगे, तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी और यही मानव-जीवन का उद्देश्य है.
ज्यादातर लोग दूसरों को खुश करने की कोशिश में दुःखी हैं और दूसरे हैं कि कभी खुश होते ही नहीं,

_ व्यक्ति को दूसरों की मदद करने से पहले खुद की मदद करनी आनी चाहिए ;
_ क्योंकि आप जितने ज्यादा समृद्ध होंगे..
_ आप उतने ज्यादा लोगों की मदद कर पायेंगे..!!
सबको खुश रखने की कोशिश में कई बार हम खुद को खुश नहीं रख पाते..

_ और ये भूल जाते हैं कि स्वयं प्रसन्न नहीं होंगे तो..
_ उमंग के उस प्रवाह को गति कैसे दे पाएंगे..!!
“जीवन इसी क्षण में है” सौम्य जीवन बहुत कुछ सिखाता है.
_ किसी भी चीज़ को लेकर हताश होने लायक कोई बात नहीं है.
_ जागरूकता में रहना खुश रहने का सबसे आसान तरीका है.
हालाँकि “खुश रहना” इस आशीर्वाद की जरूरत हर किसी को है, लेकिन अगर हर किसी को दूसरों में खुशी ढूंढनी है तो फिर आशीर्वाद का मतलब क्या है ?
इधर-उधर भागना, खुद से भागना है..इसलिए जो मिला है ..उसमें खुश रहिये..
_और यही एक अच्छी जिंदगी है..!!
मसला ये भी है इस ज़ालिम दुनियाँ का,,,,
_ कोई अगर खुश भी है तो वो खुश क्य़ूँ है..?
अब तक जितने मिले, दुखी मिले..
_ सुखी हैं, खुश हैं, इस भ्र्म में लिपटे मिले.. अपने आप को धोखा देते मिले..
ना पूछ रे मन ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है,
_ दुखी तो वो भी हैं जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है..!!
‘खुश वो है’ जो यह जान लेता है कि..

_ वो क्या नहीं बदल सकता.!!
‘मेरा’, ‘तुम्हारा’ से ज़्यादा बड़ा और वज़नी शब्द ‘हमारा’ है,
_ जो बहुतेरे दुःख आधे कर देता है, ख़ुशी दोगुनी.
मन की ख़ुशी से बढ़ कर कुछ भी नहीं ; मन में ख़ुशी है तो झोंपड़ी में, जमीन पर सोने में और रूखी रोटी में ख़ुशी है,
_अन्यथा महलों में रहने वाले, मखमली गद्दों पर सोने वाले और छप्पन भोग खाने वाले भी नींद की गोलियों के सहारे सोते हैं.
लोग आपकी खुशी में खुश नहीं होते, बल्कि दुख में खुशी होते हैं, और झूठा अफसोस जताने आते हैं.

_ मेरा मानना है कि खुशी का इज़हार कीजिए.
_ खुशी बांटने से बढ़ती है, गम बांटने से कम होता है.
_ कुछ लोग खुश न हों, फिर भी..
_ आप सकारात्मकता का साथ न छोड़ें.
_ यही मान कर कि आप दुनिया बदलेंगे..
ख़ुशी खोई नहीं है, मन के अंदर है; उसे ढूंढ़ने की जरुरत भर है,
_आज हम यही छोटा सा काम नहीं कर पा रहे हैं और बेवजह दुखी हैं,
_आइये अपने मन में अंदर छिपी ख़ुशी को ढूंढ कर बाहर निकालने का प्रयास करें.
जीवन सरल गणित है.

_ जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण क्या है ?
_ स्वयं का निरीक्षण करें.
_ क्या आप जीवन का सम्मान करते हैं या आपको दूसरों की हिंसा और पीड़ा में आनंद मिलता है.
_ क्या आपको किसी बच्चे को खेलते हुए या लोगों को नाचते हुए देखना पसंद है ?
_ या फिर आपको कोई हिंसक फिल्म या लड़ाई देखना पसंद है.
_ जब आप जीवन में खुशी का सम्मान करना और दूसरों की खुशी में खुशी ढूंढना सीख जाते हैं,
_ आप पाएंगे कि आपकी सौ समस्याएं दूर हो गईं.
_ जीवन के आघात और घाव को ठीक करने का सबसे आसान तरीका दूसरे की खुशी में खुशी ढूंढना है.
_ जीवन सरल गणित है.
_ यदि आप किसी को खुश देखकर दुखी होते हैं, तो यह आपको बीमार बना देगा और आपके जीवन को चिंता से भर देगा.
_ अगली बार जब आप कुछ सुखद और अच्छा देखें तो उसे संजोकर रखें.
_ किसी की पीठ पीछे छुरा घोंपने या उसके बारे में बुरा बोलने की कोशिश न करें, और आपको चारों ओर प्यार मिलेगा.

इस जीवन का सम्मान करें.
जीवन खुशियों से भर जाता है.
Life is simple math
What is your attitude towards life ?
Observe yourself.
Do you honour life or you find joy in violence and pain of others.
Do you like seeing a child play or people’s dancing
Or do you like seeing a violent movie or fight.
When you learn to honour joy in life and find joy in happiness of others,
You will find out that your hundred problems have vanished.
The easiest way to heal the trauma and wound of life is by finding joy in other’s happiness.
Life is simple math.
If you feel sad in seeing someone happy, it will make you sick and fill your life with anxiety.
Next time, you see something happy and good, cherish it.
Do not try to backstab or speak ill of anyone, and you will find love all around.

Honours this life.
Life is filled with joys.
जीवन का प्रयोजन [Purpose] क्या है ?

_ खुश रहना जीवन का प्रयोजन है.
_ इस संसार में हर कोई खुश रहना चाहता है, हंसना चाहता है.
_ वो चाहता है कि उसका हर कृत्य उसे खुशी की ओर ले जाए.
_ वो पूरी ज़िंदगी खुशी की तलाश करता है.
_ यही है जीवन का प्रयोजन.
_ कोई शिक्षा प्राप्त करता है.
_ कोई धन कमाता है.
_ कोई देशाटन करता है.
_ कोई परिवार बसाता है.
_ कोई दूसरों की मदद करता है.
_ भाव एक ही है “खुशी”
_ आदमी खुश रहना चाहता है.
_ वो एक खुशहाल संसार देखना चाहता है.
_ साधु-संत ईश्वर के दर्शन पा कर खुश होते हैं.
_ गृहस्थ अपने सांसारिक भोग में खुश होते हैं.
_ सबको खुशी चाहिए “सिर्फ खुशी”
_ हम इस संसार में जो कुछ भी करते हैं, उनके पीछे एक ही मकसद है खुशी..
_ हंसी ही है जीवन का प्रयोजन.
_ तुम सब कुछ प्राप्त करके भी अगर हंसते नहीं, खुश नहीं रहते तो जीवन व्यर्थ है.
_ प्राप्ति के पीछे का भाव है “खुशी”
_ कोई पर्वत पर चढ़ कर खुश होता है, कोई समंदर में गोता लगा कर.
_एक ऊपर खुश है, दूसरा नीचे खुश.
मुस्कुराते चेहरे और खुशियाँ फैलाते लोग अच्छे लगते हैं.

_ क्रोध, नाराज़गी, आक्रोश, जिद, नफ़रत, घृणा और ईर्ष्या इंसान को ठूंठ बना देती है.
_ ऐसा शख़्स जहां से कोई कोंपल नहीं फूटती.
_ दूसरों से नफ़रत करते करते इंसान इतना नेगेटिव हो जाता है कि अपनी खुशियों में ख़ुद आग लगा लेता है.
_ रब हर किसी को अलग-अलग चीज़ों से नवाज़ता है..
_ लेकिन उनसे खुश होने की बजाय इंसान इस बात से परेशान रहता है कि दूसरों के पास कुछ और क्यों है.
_ इंसान बने रहने के लिए जरूरी है कि हमारे अंदर भावनाएं जिंदा रहें, दूसरों के लिए भी और रिश्तों के लिए भी..
_ मुस्कुराते चेहरे और खुशियाँ फैलाते लोग अच्छे लगते हैं.
_ जो सरल और सहज होता है वो सुकूं में होता है. सुकूं तक पहुंचने के लिए ज़रूरी है कि हम खुश रहें.
_ किसी की खुशियां देख के अपना खून ना जलाएं.
_ अच्छी बातें करिए, अच्छा सोचिए, मुस्कुराइए. क्योंकि मुस्कुराने से मुश्किलें आसान होती हैं.
सभी प्रकार के दुखों का एकमात्र कारण गलत समझ है.

_ बाहर की कोई भी चीज़ हमें दुःख नहीं पहुँचाती.
_ यह हमारी अपनी मूर्खता ही है जो हमें कष्ट पहुँचाती है.
_ हम उन लोगों या चीज़ों को पकड़कर रखते हैं जो हमारी नहीं हैं..
_ और जब वे चले जाते हैं तो हम उन्हें दोष देते हैं.
– जब हम किसी बात को शिद्दत से [intensely] महसूस करते हैं..
_ तो हम पूरी ताकत से उसका जवाब तलाशते हैं.
_ तब हम सही मास्टर के संपर्क में आते हैं..
_ जो हमें हमारी गैरबराबरी का एहसास कराता है.
_ सही समझ के संपर्क में आने वाला दर्द अहसास की ओर ले जाता है.
_ इसलिए हमें अपने आसपास बुद्धिमान लोगों का साथ रखना चाहिए.
_ विषाद (दर्द) का सरल अर्थ है कि व्यक्ति ने आंतरिक संतुलन खो दिया है.
_ व्यक्ति अपने केंद्र से भटक गया है और बाहरी दृष्टिकोण से व्यवहार कर रहा है.
_ इसलिए, इससे पहले कि हम कोई भी कार्य करें, पहले अपना संतुलन खोजें..
_ दुनिया में खुशी लाने की कुंजी खुश रहना है..!!
— हम इसलिए नही रोते कि हम कमजोर है,
_बल्कि इसलिए.. क्योंकि हम जानते ही नही..
_ इसके आगे क्या किया जा सकता है,
_ आंसू विकल्पहीनता से उपजी वह विवशता है..
_ जहां आप स्वयं को सबसे अकेले पाते हैं.
_जहां आप ढंग से स्वयं को समझा नहीं पाते है,
_ खैर !…रोना नियति नहीं हो सकती..
_नियति तो विवशता है…!
कुछ खुशियां रेत की तरह होती हैं, अपनी मुट्ठियों को जितनी सख्ती से भींचो उतनी ही तेजी से जीवन से फिसलती जाती हैं। कुछ बर्फ की तरह, जो आंसू की बूंद बनकर जीवन में दस्तक देती हैं, और बर्फ बनकर पलकों पर एक लम्बे वक़्त के लिए जम सी जाती हैं।

इसके अलावा खुशियों का कोई अन्य विकल्प मुझे नहीं दिखाई देता। हम ना तो अपनी मुट्ठियों की रेत संभाल सकते हैं, और ना ही पलकों पर जमी बर्फ को, और ना ही उस जिन्दगी को, जिसे अक्सर अपना कहने की भूल करते नहीं थकते ! और जरा सी आंखें नम क्या हुईं ऐसा लगता है, रेगिस्तान में बाढ़ आ गई है।
जिन्दगी को हम जिन आंखों में भरना चाहते हैं, उन आंखों में कहां और कितना भर पाते हैं ? जिस जिन्दगी को हम अपना कह सकें उसे कब और कितना जी पाते हैं ?
डबडबाई आंखों की कोर से आंसू की एक बूंद क्या टूटी, जिन्दगी की हर उम्मीद अपना रंग खो देती है। और सामने सिर्फ धुधलका होता है, हर तस्वीर धुंधली नजर आती है, फिर भी जिन्दगी यहीं नहीं थम जाती, हम जीना नहीं छोड़ देते? मानाकि हम सब एक डूबती नांव में सवार हैं। पर आपकी अपनी होंठों की मुस्कराहटो को आपसे कोई नहीं छीन सकता है, मुस्कराहटें बहुत दूर जाकर भी एक ना एक दिन हमारे होंठों पर लौट ही आती हैं।
इसीलिए तो किसी ने कहा है कि- खुश रहना महज एक चॉइस है जिसे कोई भी चुन सकता है। फिर हर्ज ही क्या है, आप भी खुश रहना चुनिए और हमेशा हंसते और मुस्कुराते रहिए।
– संजय शेफर्ड

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