मस्त विचार 941

शिकायतें तो बहुत थी जमाने से,

जो जवाब मांगने निकला तो,

खुद को सवालों से घिरे पाया,

सोचा, लोगों को उनकी असलियत

बता दूँ,

जब देखा सामने तो,

खुद को आइने के सामने पाया.

परेशानी का सबब बनना है आसान,

रास्ता निकालना जरा है मुश्किल.

सबके साथ चल, सबकी बात कर,

साथी हैं सब सफर के.

तंग है तो क्या मलाल है.

आज है गम तो, कल खुशहाल है.

सुख-दुख तो मौसम हैं जीवन के,

बदल जायेगा मौसम,

रात ऋतु के बदलते.

रोता हुआ आया था,

रुलाते हुए जाना है.

सबकी ख़ुशी में शरीक हो ले,

कट जाएगा रास्ता,

फिर हँसते-हँसते.

जो हासिल है, वो भी कम तो नहीं.

बन जा सहारा किसी डूबते का,

चाहे खुद को तिनका समझ कर. Pk

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