सुविचार – मैं 90 के दशक का बचपन हूँ, – 1080

मैं 90के दशक का बचपन हूँ,

मैंने एनर्जी के लिए रुआफ्जा से लेकर रेड बुल तक का सफर तय किया है।
माचिस की डब्बी वाले फोन से स्मार्टफोन तक का सफर तय किया है।
मै वो समय हूं जब तरबूज बहुत ही बड़ा और गोलाकार होता था पर अब लंबा और छोटा हो गया।
मैंने चाचा चौधरी से लेकर सपना चौधरी तक का सफर तय किया है।
कच्चे घरों से पक्के मकानों तक का सफर…
अन्तर्देशी कागज से लेकर वाट्सएप मैसेज तक का…किया है।
टांके लगी निक्कर से जींस तक का सफर…किया है।
मैंने बालों में सरसों के तेल से लेकर जैल तक का सफर तय किया है।
चूल्हे की रोटी में लगी राख़ का भी स्वाद लिया है तो पिज़ा ओर बर्गर भी।
मैंने दूरदर्शन से लेकर 500 निजी चैनल तक का सफर तय किया है।
मैंने खट्टे मीठे बेरों से लेकर कीवी तक का सफर तय किया है।
संतरे की गोली से किंडर जोय तक का सफर तय किया है।
आज की पीढ़ी का दम तोड़ता हुआ बचपन मैं देख रहा हूं लेकिन आज की पीढ़ी मेरे समय के बचपन की कल्पना भी नहीं कर सकती।
मैंने ब्लैक एंड व्हाइट समय में रंगीन और गरीबी में बहुत अमीर बचपन जिया है।
मेरे बचपन के समय को कोटि कोटि धन्यवाद।
यादें बचपन की🚴🏂🚵🤺🚣🏊👯

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