सुविचार 1098

रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है. लेकिन एक अच्छे जूते के अन्दर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी दो चार कदम चलना मुश्किल है. यानी बाहर की चुनौतियों से नहीं बल्कि हम अपनी अन्दर की कमजोरियों से हारते हैं.

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