सुविचार 1104

महत्वपूर्ण और उपयोगी बात यह है कि हमारा ज्ञान बढे, उचित को ग्रहण करने और अनुचित को त्यागने की मनोवृत्ति बढे, ताकि हम दुःख से बच सकें और सुख प्राप्त कर सकें. स्वस्थ, सुखी, सफल और संपन्न बनने के लिए हमें अच्छा जानकार और उस जानकारी का विधिवत पालन करने वाला बनना ही होगा. इस रहस्य को हम जितनी जल्दी समझ लें और धारण कर लें, उतना ही हमारा भला है.
मनोवृत्ति या वातावरण. यदि आप अपने जीवन में नाखुश हैं, तो एक या दोनों को बदल दें.

Attitude or Environment. If you’re unhappy in your life, change one or both.

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