कई बार हम खुद ही अपने तनाव की वजह बन जाते हैं. खास कर तब, जब हम दूसरों का मन रखने के लिए बेकार की बातों पर भी अपनी सहमति व्यक्त कर देते हैं, जबकि आंतरिक रूप से हम उसे करना नहीं चाहते. अतः जरूरी है हर बात पर “हाँ” कहने के बजाय कभी- कभार “ना” कहना भी सीखें.