सुविचार 1902 | Mar 4, 2018 | सुविचार | 0 comments “संकल्प और समर्पण” दो जुड़े हुए कमरो के समान है जिसमे बीच मे एक मात्र द्वार है ….. क्यूँकि बिना “समर्पण” के संकल्प नहीं हो सकता और न ही बिना “संकल्प” के समर्पण … Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ