सुविचार 2184

कहते हैं कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत, इसलिए अपने विचारों के घोड़े सकारात्मक दिशा में दौड़ाइए, ताकि आप का तन और मन दोनों स्वस्थ रहें.

जैसे हमारे विचार होते हैं, कुछ हद तक हमारा तन और मन भी वैसी ही प्रतिक्रिया देता है. हमारे मन में यदि ये बात बैठ गई कि ठंड मुझे बिलकुल बर्दाश्त नहीं होती तो तन भी वैसी ही प्रतिक्रिया करनी शुरू कर देगा.

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