सुविचार 2534

वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नहीं होता कि उसने कितने पुष्प खो दिए;

वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता है,

जीवन में कितना कुछ खो गया, इस पीड़ा को भूल कर, क्या नया कर सकते हैं,

इसी में जीवन की सार्थकता है.

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