सुविचार – साल 2020 गुजर गया – 2935

दर्द देखते देखते ये साल गुजर गया,

क्या तेरा, क्या मेरा, सबका एक जैसा हाल गुजरा..

कल, 365 पेज वाली किताब का पहला सादा पन्ना है, इसे अच्छे से लिखना.
उबलते हुए आंसुओं के प्याले लेकर लौटे हैं..

निवाले कमाने गये थे पर छाले लेकर लौटे हैं,

पूरी दुनिया का “सन्नाटा” बता रहा है,,,,

“बादशाहत” सिर्फ मेरे रब की है..!!!

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