सुविचार 3401

आप यह निश्चित रूप से जान लें कि आपकी अकेली ईमानदारी में बहुत बड़ा बल है,

हाँ वह ईमानदारी पत्थर की चट्टान की तरह दृढ और अभेद्य होनी चाहिए,

अकेले आपके ईमानदार होने से, घर पास- पड़ौस में, व्यवसाय में और सभी छेत्रों में जहाँ आप प्रवेश करते हैं,

वहीँ, कुछ न कुछ परिवर्तन अवश्य होता है.

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