सुविचार 3507

जब तक मनुष्य काम को कर्त्तव्य समझ कर करता है, उस का जीवन पराधीन रहता है. पर जिस दिन से वह उस काम को अपना समझ कर करने लगता है, उस दिन से उस के जीवन में सुख समृद्धि की लहर दौड़ जाती है. सुखी होने का यह छोटा- सा सूत्र बेशकीमती है.

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