सुविचार 368

उदारता जीवन का आंतरिक भाग है. आप जो कुछ भी करते हैं, उस में हमेशा उदार रहें. दूसरों के गुणों को देखें, मीठे शब्द बोलें और बोलने से अधिक सुनने की आदत डालें. जिन्हें जरुरत है, उन की सहायता करें. अपने पैसों, सामान, समय, किताब या और भी दूसरे रास्तों से उन की सहायता करें. अपना समय किसी अच्छे इनसान को दें, ताकि इसका फायदा दूसरे लोगों को भी हो सके. हमेशा दूसरों का ध्यान रखिए और अपने पास जो कुछ भी है, उसे दूसरों के साथ बांटिए.

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