सुविचार 3914

चिंतन के समय में इंसान जब चिंता की चिता पर बैठ जाता है, तब पहले सब्र का बांध टूटता है;

फिर विवेक साथ छोड़ देता है और अंत में जुबान बेकाबू हो जाती है !!

यही हमारे पतन का रास्ता बनता है.

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