जीवन इतना महत्वपूर्ण है कि दूसरे के संबंध में सोचना ही मत,
_अपने ही संबंध में सोच लेना, वही काफी है !!
संबंध हीरों की तरह होते हैं..
_तराशने पर कोई एक आध ही अपना निकलता है…!!
खुराफाती लोगों से घिरे होना भी एक प्रकार की मानसिक परतंत्रता है..
_अपने ही संबंध में सोच लेना, वही काफी है !!
_तराशने पर कोई एक आध ही अपना निकलता है…!!