सुविचार 497

आप कहाँ से कहाँ पहुँच गए, यह तो याद रख लेना. लेकिन जहाँ से चले थे, उसे जरुर याद रखना, आपकी जो प्रारम्भ में असलियत थी. इसका परिणाम यह होगा कि आपका यश और आपकी उन्नति के लिए जो अहंकार मुँह खोले खड़ा है, वह आगे नहीं आएगा.

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